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दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद पटना में बढ़ी सख्ती, 138 सेंटर्स पर लगेगा ताला, 339 की जांच बाकी

डेस्क: जानकारी के अनुसार, पटना जिले में पिछले कुछ दिनों में रजिस्ट्रेशन के लिए 936 आवेदन आए हैं और कुल 413 आवेदन पर रजिस्ट्रेशन हो चुका है. इन सभी आवेदनों में से 523 की जब जांच हुई तो 138 संस्थान अयोग्य पाए गए. पटना डीएम ने 339 लंबित आवेदनों की जल्द जांच करने का भी आदेश दिया है. पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने जांच के दौरान पाया कि ये कोचिंग संस्थान सरकार के तय मानकों को पूरा नहीं करते हैं. इसके बाद इन्हें बंद करने का आदेश जारी कर दिया.

अनुमंडल पदाधिकारियों को यह जांच करने का भी निर्देश दिया गया है कि रजिस्ट्रेशन के लिए अयोग्य पाए गए इन 138 कोचिंग संस्थानों का अवैध ढ़ंग से संचालन तो नहीं हो रहा है. अगर अवैध ढ़ंग से संचालन हो रहा हो तो अनुमंडल पदाधिकारियों को विधि-सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. जिला प्रशासन द्वारा कोचिंग की जांच करने के लिए 7 टीम बनाई गई है जिसमें छह अनुमंडल स्तरीय और एक जिलास्तरीय टीम शामिल है.

तय मानकों के अनुसार, कोई भी कोचिंग संस्थान बिना वेलिड रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट न तो स्थापित किया जाएगा और न चलाया जाएगा. किसी भी कोचिंग संस्था का क्षेत्रफल प्रति छात्र न्यूनतम 1 वर्ग मीटर होना जरूरी है. कोचिंग संस्थान में एंट्री-एग्जिट पर किसी तरह की रोक नहीं होनी चाहिए और बिल्डिंग बायलॉज का अनुपालन सुनिश्चित होना चाहिए. इसके अलावा कोचिंग संस्थानों में फायर सिक्योरिटी के मानकों का अनुपालन भी सुनिश्चित होना चाहिए. कोचिंग सेंटर्स संचालकों को इन मानकों को पूरा करने के लिए तीन मौके दिए जाएंगे, अगर तीसरी बार में भी मानकों का पालन नहीं किया गया तो उनका रजिस्ट्रेशन भी रद्द होगा. बता दें कि डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को 339 लंबित आवेदनों की जांच जल्द पूरी करने और रजिस्ट्रेशन समिति की बैठक बुलाने को कहा है.  

27 जुलाई को ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित RAU's कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बारिश के बाद पानी भरने की वजह से तीन यूपीएससी एस्पिरेंट्स की मौत हो गई थी. दो छात्राएं और एक छात्र- चार घंटे से अधिक समय तक बेसमेंट के अंदर फंसे रहे, जब तक उनको रेस्क्यू किया जाता, तीनों की मौत हो चुकी थी. फिलहाल इस घटना की जांच CBI को कर रही है.

पटना में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा, मंडराया बाढ़ का खतरा, तीन स्थानों पर जल स्तर लाल निशान के पार

डेस्क: पटना में गंगा नदी रौद्र रूप में आ गई है। पटना में तीन स्थानों पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। गांधी घाट के बाद अब दीघा घाट और हाथीदह में पानी में तेजी से वृद्धि हुई है। हालांकि गांधी घाट पर जलस्तर स्थिर है।

गंगा सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल की रिपोर्ट के अनुसार गांधी घाट पर 66, दीघा घाट पर तीन और हाथीदह में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 35 सेंटीमीटर ऊपर है। पुनपुन और सोन नदी में भी उफान है हालांकि उसका पानी फिलहाल स्थिर है।

गंगा के अलावा पुनपुन और सोन नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। श्रीपालपुर में शाम तक पुनपुन खतरे के निशान को पार कर गई। पुनपुन बाढ़ नियंत्रण के जेई राहुल कुमार ने बताया कि शुक्रवार की शाम चार बजे तक श्रीपालपुर मे पुनपुन नदी के जलस्तर खतरे के निशान से एक सेमी ऊपर है।

मनेर दियारा के निचले इलाके छिहत्तर और महावीर टोला को जोड़ने वाली सड़क जलमग्न हो गई है। दानापुर के दियारा इलाके में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। अभी से ही लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में जुट गए हैं।

गांधी घाट पर जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार सुबह यहां पानी खतरे के निशान से 36 सेंटीमीटर ऊपर था। इसी तरह दीघा घाट पर 24 घंटे में पानी 40 सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़ गया है। जेपी गंगा पथ के अंडरपास वाला रास्ता भी जलमग्न हो गया है। इनके बीच से ही लोग जरूरी कामकाज के लिए आवागमन कर रहे हैं। दियारा क्षेत्रों में कई जगह जलभराव हो गया है। लोग अब पलायन की स्थिति में हैं। बड़ी संख्या में पशुपालकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। ये सोनपुर और दानापुर की ओर ठिकाना तलाश रहे हैं।

जिला प्रशासन ने लोगों को आपदा से बचाने की मुकम्मल तैयारी की है। नाव मालिकों के साथ करार किया जा चुका है। 128 राहत शिविर और 126 शरण स्थल की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा बचाव एवं खोज के लिए 148 दलों को तैयार रखा गया है।

एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ की टीम की प्रतिनियुक्ति भी की जा चुकी है। मानव एवं पशु दवा की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है। 56 प्रकार की दवाएं, ओआरएस, एंटी रेबीज और सांप काटने की दवा भी उपलब्ध है। गंगा किनारे सुरक्षा के इंतजाम नहीं: उफनाई गंगा का प्रवाह काफी तेज है।

गंगा के किनारे बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। रिवर फ्रंट के अलावा अन्य घाटों पर बड़ों के अलावा बच्चे भी खूब मस्ती कर रहे हैं। दीघा घाट पर शुक्रवार को स्कूल ड्रेस में कई बच्चे पानी में उछल-कूद करते दिखे, लेकिन यहां उन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं था।

जलभराव वाले स्थानों पर कई गड्ढे भी हैं, यदि कोई बच्चा इसकी चपेट में आ गया तो अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता। वहां लोगों का कहना था कि प्रशासन की ओर से इन जगहों की निगरानी बहुत जरूरी है।

बिहार के इस प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी के वीसी पर चला राज भवन का डंडा : पावर सीज, शो-कॉज नोटिस जारी

डेस्क :  बिहार के प्रसिद्ध पाटलीपुत्रा यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पर राज भवन का डंडा चला है। इनके ऊपर आरोप यह है कि इन्होंने प्रिंसिपल बहाली में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की है। इसके बाद अब इस मामले में शो कॉज नोटिस भेजा गया है। इतना ही नहीं राजभवन के तरफ से इन्हें किसी भी  नीतिगत मामलों में निर्णय नहीं लेने का आदेश दिया गया है।

दरअसल, विधानसभा मानसून सत्र के दौरान सदन में यह मामला उठाया गया था कि पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के अंदर संचालित कई कॉलेज में  प्रिंसिपल बहाली में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। इसके बाद अब वीसी डॉक्टर आरके सिंह को यह नोटिस  जारी किया गया है। इसको लेकर सदन में  भाजपा विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने सवाल पूछा था। आरोप लगाया जा रहा है कि कुलपति ने सीनियर प्रोफेसर को दरकिनार करते हुए जूनियर को प्रभारी प्राचार्य बना दिया है।

बताते चलें कि भाजपा विधायक ने यद्यपि यह मामला 23 जुलाई को सदन में उठाया था लेकिन, पिछले 1 साल से कुलपति डॉक्टर आरके सिंह पर आरोप लगाए जा रहे हैं। इस संबंध में राज भवन को और शिक्षा विभाग को सीनेट मेंबर अजय यादव पत्र भेज कर कार्रवाई करने की मांग की थी। उन्होंने यूनिवर्सिटी के सीनेट सिंडिकेट में भी यह मामला राज्यपाल के रहते हुए उठाया था।

अरुण सिन्हा ने सवाल उठाया था कि पटना हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना कई गई। पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर आरके सिंह ने एसडीएम कॉलेज पुनपुन रामकृष्ण द्वारका कॉलेज और बी कॉलेज में सीनियर टीचर के रहते हुए जूनियर को प्रिंसिपल का चार्ज दे दिया। यह भी आरोप लगाया गया था कि बीडी कॉलेज के चार शिक्षक बगैर प्रिंसिपल रहे सिटी अलाउंस कैसे ले रहे हैं ?

इसके बाद यह मामला शिक्षा विभाग को भेजा गया था जहां से हायर एजुकेशन का केस देखते हुए गवर्नर सेक्रेटेरिएट को रेफर कर दिया गया। अब  राज्यपाल के विचारण के बाद नोटिस जारी किया गया है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के प्रधान सचिव ने इस मामले में वीसी को पत्र भेजकर 15 दिनों के भीतर कुलपति से जवाब मांगा है। इसके साथ ही सभी पावर वापस ले लिए हैं।
पटना में गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि का जायजा लेने पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, अधिकारियों को दिए पूरी तैयारी रखने का निर्देश

डेस्क : राजधानी पटना में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बीते गुरुवार को गांधी घाट पर गंगा अपने तल से साढ़े आठ मीटर ऊपर और खतरे के निशान से 25 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। गांधी घाट पर गंगा नदी का जलस्तर सुबह में छह बजे 48.70 मीटर मापा गया है। जबकि खतरे का निशान स्तर 48.60 है। शाम में जलस्तर और बढ़ गया। सैर करने की जगह यानी रिवर फ्रंट पर पानी पहुंच गया है। गंगा में बढ़ते इस जलस्तर से पटना में बाढ़ की संभावना बढ़ गई है।

इधर संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हालात का जायजा लिया और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं। गंगा के बढ़ते जलस्तर की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मरीन ड्राइव पहुंचे और ताजा हालात की जानकारी ली। बाढ़ के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह समेत अन्य अधिकारियों को एहतियात बरतने को कहा है और जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री अटल पथ होते हुये जेपी गंगा पथ पहुंचे और कंगन घाट तक गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान जेपी गंगा पथ के कंगन घाट, काली घाट, गांधी घाट एवं कृष्णा घाट पर रूककर गंगा नदी के आसपास के इलाकों की स्थिति को देखा और अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। अशोक राजपथ को जेपी गंगा पथ से मिलानेवाले कृष्णा घाट पर निर्माणाधीन पहुंच पथ की भी सीएम ने जानकारी ली और तेजी से निर्माण पूर्ण करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गंगा नदी के किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुये पूरी तरह अलर्ट रहें और सारी तैयारी पूर्ण रखें।

मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त-सह-जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे।
हैवानियत की सारी हदों को किया पार : 13 वर्षीय बच्ची को 4 बदमाशों ने हवश का बनाया शिकार

डेस्क :  बिहार के दरभंगा जिले से हैवानियत की सारी हदों को पार कर देने वाली घटना सामने आई है। जिले के बड़गांव थाना क्षेत्र के एक गांव में 13 वर्षीया किशोरी के साथ चार बदमाशों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। घटना गत छह अगस्त की बतायी जा रही है।

इस घटना में किशोरी बुरी तरह जख्मी हो गयी। पहले उसे स्थानीय पीएचसी ले जाया गया। वहां से उसे बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच रेफर कर दिया गया।

बड़गांव थाने के दारोगा मिथिलेश कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पीड़िता घास काटने गई थी। वहीं पर चार बदमाश उसे घसीटकर सुनसान बगीचे में ले गये। वहां सभी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

उधर, जख्मी किशोरी के माता-पिता ने बताया कि आरोपित काफी रसूखदार हैं। वे हम लोगों पर लड़की का बयान बदलवाने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। वे लोग अंजाम भुगतने की धमकी भी दे रहे हैं। वहीं, गांव के लोग इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
बड़ी खबर : ईडी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के करीबी के 113 करोड़ की संपत्ति को किया जब्त

डेस्क :  अभी-अभी एक बड़ी खबर सामने आई है। ईडी ने राजद सुप्रीमों लालू यादव के एक बड़े करीबी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने लालू प्रसाद के करीबी की संपत्ति को जब्त कर लिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह रकम काफी छोटी नहीं बल्कि 100 करोड़ से अधिक की है। ईडी ने 113 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है।

प्रवर्तन निदेशालय राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव के करीबी अमित कात्याल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने अमित कात्याल की गुरुग्राम में 70 एकड़ जमीन और फ्लैट, मुंबई में कुछ आवासीय इकाइयां, दिल्ली में एक फार्महाउस और उनकी रियल्टी कंपनियों की फिक्स डिपोजिट को  एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत जब्त कर ली है।

केंद्रीय एजेंसी की यह जांच टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (डीटीसीपी) से कोई लाइसेंस लिए बिना प्रमोटरों और उनकी कंपनियों द्वारा प्लॉट खरीदारों के पैसे को गैरकानूनी तरीके से इधर-उधर करने से संबंधित है। ईडी ने प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा कि अमित कात्याल, क्रिश रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड और ब्रह्मा सिटी प्राइवेट लिमिटेड के मामले में 113.03 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने के लिए 6 अगस्त को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया गया था।

गौरतलब है कि  लालू प्रसाद के रेल मंत्री कार्यकाल के दौरान नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के मामले की जांच के दौरान ईडी ने अमित कात्याल को पिछले साल गिरफ्तार किया था। अमित कात्याल के खिलाफ कुर्की की यह कार्रवाई फ्लैट खरीदारों के पैसों की हेराफेरी को लेकर दिल्ली-गुरुग्राम में दर्ज केस को लेकर हुई है जो लैंड फॉर जॉब घोटाला से अलग मामला है।
*वक्फ कानून में संशोधन पर तकरार : नेता प्रतिपक्ष ने बताया बीजेपी की सोची-समझी साजिश, सीएम से मिले मंत्री जमा खान और बिहार वक्फबोर्ड के अध्यक्ष*

डेस्क : बीते गुरुवार को केन्द्र सरकार द्वारा लोकसभा में वक्फ कानून में संशोधन बिल पेश किया गया। इस बिल का जहां एनडीए के बड़े सहयोगी जदयू और टीडीपी ने समर्थन किया है। वहीं विपक्ष द्वारा इसका पुरजोर विरोध किया जा रहा है। इधर इस बिल को लेकर बिहार में भी राजनीति चरम पर है। बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने वक्फ कानून में संशोधन को लेकर भाजपा और सहयोगी दलों पर सीधा हमला बोला है। राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और स्वयं तेजस्वी यादव ने लोकसभा और राज्यसभा के अपने सांसदों को इस बिल का पुरजोर विरोध करने को कहा है। तेजस्वी यादव ने इस बिल को लेकर सीधे-सीधे बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। तेजस्वी ने कहा है कि भाजपा सोची समझी साजिश के तहत वक्फ कानून में संशोधन ला रही है। जदयू-लोजपा इस ध्रुवीकरण के औजार में सहभागी रहे। राजद ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत अनेक मुस्लिम तंजिमों, दानिशवरों और हमारी पार्टी के मुस्लिम लीडर से प्राप्त सुझाव तथा इस मामले पर विचार-विमर्श के बाद विरोध का फैसला लिया है। उन्होंने कहा है कि संविधान की धारा-29 हर धर्म को स्वायत्तता और स्वतंत्रता देती है। उसका सम्मान खारिज करने की हर नीति और नीयत के खिलाफ हम लड़ते रहेंगे। संयुक्त संसदीय समिति में हमारे दल के सदस्य बिंदुवार हर पहलू पर अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे। वहीं इस बिल को लेकर बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान और बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मो. ईर्शादुल्लाह तथा बिहार शिया वक्फबोर्ड के अध्यक्ष इर्शाद अली आजाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। इस दौरान जमा खान ने सीएम से आग्रह किया है कि संशोधन बिल में कौन-कौन से नये प्रावधान किए जा रहे हैं, इसे गंभीरता से देखा जाय। मंत्री ने मुलाकात के बाद बताया कि मुख्यमंत्री ने हमलोगों के आग्रह को गंभीरता से सुना है और कहा है कि अल्पसंख्यकों का अहित किसी भी परिस्थिति में नहीं होगा। पूरे मामले को हम देख रहे हैं। मो. ईर्शादुल्लाह ने कहा कि हमलोगों की मांग थी कि वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को समिति के पास भेजा जाना चाहिए। हमलोगों की मांग स्वीकार भी कर ली गयी है। हालांकि जदयू प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा है कि विपक्ष इस मामले पर राजनीतिक रोटी सेंक रहा है। गरीब तबके के तथा जो वंचित लोग हैं उनका उत्थान हो सके, इसी को पूरा करने के लिए यह संशोधन बिल है।
पटना में गंगा के जलस्तर में हो रहा लगातार बढ़ोत्तरी, इन इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराया*

डेस्क : राजधानी पटना में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बीते गुरुवार को गांधी घाट पर गंगा अपने तल से साढ़े आठ मीटर ऊपर और खतरे के निशान से 25 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। गांधी घाट पर गंगा नदी का जलस्तर सुबह में छह बजे 48.70 मीटर मापा गया है। जबकि खतरे का निशान स्तर 48.60 है। शाम में जलस्तर और बढ़ गया। सैर करने की जगह यानी रिवर फ्रंट पर पानी पहुंच गया है। वहीं आज शुक्रवार को सुबह आठ बजे तक गांधी घाट पर गंगा नदी के जलस्तर में 22 सेंटीमीटर बढ़ोतरी की आशंका है। वहीं दीघा घाट और हाथीदह में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। वहीं गंगा का रौद्र रूप शहर के साथ जिले के ग्रामीण इलाकों में दिखने लगा है। शहर के गांधी घाट पर गंगा खतरे के निशान से लगातार ऊपर बह रही है। वहीं बख्तियारपुर और दानापुर के नीचले इलाके में भी पानी प्रवेश कर गया है। बख्तियारपुर में गंगा के उफान से पांच पंचायतों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, वहीं दानापुर के निचले हिस्सों में गंगा का पानी पहुंचने से लोग सहम गए हैं। फिलहाल गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी रहने की आशंका जताई गई है। गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से दियारा क्षेत्र की पांच पंचायतों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गुरुवार को बाढ़ का पानी दियारे के निचले हिस्सों में प्रवेश कर गया। सैकड़ों एकड़ में लगी मक्का और सब्जी की फसलें डूब गईं। प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। हालात को देखते हुए दियारा क्षेत्र से लोग वहां से सुरक्षित जगहों पर जाने लगे हैं। हालांकि, अब तक जान माल की क्षति की सूचना नहीं है। इस संबंध में सीओ निरंजन सुमन ने बताया कि गंगा के जलस्तर में वृद्धि हुई है पर स्थिति अभी नियंत्रण में है। इधर हरदासपुर दियारा जाने वाली सड़क पर दो फीट पानी आ जाने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। वहीं फतुहा के पुरानी चौक से कटैयाघाट के रास्ते रायपुरा स्टेट हाइवे को जाने वाली संपर्क सड़क में कटैयाघाट के पास तेजी से कटाव शुरू हो गया है।
शिक्षा विभाग ने स्कूली शिक्षकों के लिए जारी की मार्गदर्शिका, अब यह प्रशिक्षण लेना हुआ अनिवार्य*

डेस्क : बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग ने नया मार्गदर्शिका जारी किया है। इसके अनुसार अब सभी शिक्षकों को छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण अनिवार्य होगा। किसी भी स्कूल में अप्रशिक्षित शिक्षक मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। शिक्षक शिक्षा संस्थानों में यह प्रशिक्षण प्राप्त करना है। इसे सुनिश्चित कराने का निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिया है। शिक्षा विभाग ने गुरुवार को ‘शिक्षक मार्गदर्शिका’ जारी करते हुए उक्त निर्देश दिया है। मार्गदर्शिका में शिक्षकों की भूमिका और दायित्व को पांच श्रेणियों में बांटकर उन्हें बताया है कि कौन-कौन से कार्य उन्हें करने हैं। इन श्रेणियों में छात्र स्वरूप, स्कूल प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन, छात्र प्रबंधन और अभिभावक प्रबंधन शामिल हैं। इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव द्वारा सभी डीईओ को जारी विस्तृत मार्गदर्शिका में कहा गया है कि शिक्षक अपने स्कूल एवं विद्यार्थियों के हित में अपने कर्तव्यों का निर्वहन दृढ़तापूर्वक करें, यह आवश्यक है। विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धि के साथ-साथ उनके सामाजिक एवं भावनात्मक व्यवहार को उत्कृष्ट कर उन्हें भविष्य का श्रेष्ठ नागरिक बनाना शिक्षक का दायित्व है। नियमित रूप से स्कूल के हेड गर्ल और हेड ब्यॉय का चयन कर सभी विद्यार्थियों को क्रमश बारी-बारी से अवसर दें। स्कूल के सबसे बड़ी कक्षा के विद्यार्थियों में से प्रति सप्ताह किसी एक का चयन करें। सभी विद्यार्थियों को चार समूहों में बांटें और उसका नाम देते हुए उन्हें विभिन्न प्रतियोगिताओं में शामिल करें। पूरे वर्ष चलने वाली इन प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले समूह को वार्षिकोत्सव में पुरस्कृत करें। डॉ. एस सिद्धार्थ ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य सरकार सभी सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने और सभी विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यार्थियों श्रेष्ठ नागरिक बनाना शिक्षक का दायित्व है। यह सुनिश्चित करें कि अपेक्षाकृत कमजोर विद्यार्थी बेहतर प्रदर्शन करने वाले के साथ अनिवार्य रूप से पहली पंक्ति में बैठे। बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी को उक्त सहपाठी को सहयोग करने का निर्देश दें। मार्गदर्शिका में लिखा गया है कि मध्याह्न भोजन प्रतिदिन तय मेन्यू के अनुसार बच्चों को देना है। किसी विद्यार्थी के कुपोषित पाये जाने पर उसकी पहचान कर वर्ग शिक्षक द्वारा उसके पोषण एवं स्वास्थ्य को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। चिह्नित विद्यार्थी के अल्पाहार और भोजन के साथ उनके पोषण का ब्योरा अभिभावक के साथ रखा जाएगा
पटना पहुंचे केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान ने विपक्ष पर साधा जमकर निशाना, कहा-वक्फ कानून (संसोधन) बिल 2024 पर साजिश रच रहे विपक्षी

डेस्क : केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान आज पटना पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वक्फ कानून (संसोधन) बिल 2024 का विरोध कर रहे विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और उसके ऊपर साजिश रचने का आरोप लगाया। 

दरअसल केंद्र सरकार ने आज भारी गहमागहमी के बीच संसद में वक्फ कानून (संसोधन) बिल 2024 को पेश किया। इसको लेकर लोकसभा में विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और इस विधेयक को मुस्लिम विरोधी करार दिया। हालांकि एनडीए में शामिल जेडीयू के साथ-साथ चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) ने भी इसका समर्थन किया है और विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया है।

वहीं आज पटना पहुंचे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और उसके ऊपर साजिश रचने का आरोप लगाया। चिराग ने कहा कि विपक्ष के लोगों ने फिर से वही साजिश शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने संविधान खत्म हो जाएगा, आरक्षण खत्म हो जाएगा बोलकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश की थी। 

उन्होंने कहा कि संसद में केंद्र सरकार ने वक्फ कानून में संसोधन के लिए जो बिल लाया है, उसको लेकर एक बार फिर से भ्रम फैलाने की कोशिश की गई कि यह बिल मुसलमान विरोधी है। कहा गया कि मुसलमानों के हक को छीनने के लिए इस कानून को लाया जा रहा है जबकि अगर इसको पढ़ेंगे तो पता चलेगा की यह वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने की सोंच के साथ इस कानून को लाया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुसलमानों के हक और अधिकारों को और मजबूत करने के लिए ताकि समाज के गरीब मुसलमानों को भी उनका हक मिले इस सोंच के साथ इस बिल को लाया जा रहा था। इसको लेकर किसी के मन में कोई शंका न रहे इसलिए हमलोगों ने सुझाव रखा था कि इसको किसी भी कमेटी के समक्ष भेज दिया जाए ताकि जो भ्रम फैलाया जा रहा है उसको दूर किया जा सके।

चिराग ने कहा कि इस बिल में कई ऐसी बातें हैं जिसका सुझाव विपक्ष जब सत्ता में था उनके द्वारा दिया गया था। उस वक्त ये लोग उसे लागू नहीं कर पाए थे और यह मामला लंबे समय से पेंडिंग पड़ा हुआ था। कई मुस्लिम संगठन भी इसकी समय समय पर पैरवी करते रहे हैं।