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आज का राशिफल,10 अगस्त 2024, जानिये राशिफल के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा...?-

मेष - चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ

आज इच्छित कार्य पूर्ण होंगे। आप व्यस्त रहने से थकान महसूस करेंगे। अपनी दिनचर्या को संतुलित तथा व्यवस्थित बनाकर रखें, जिससे अधिकतर घरेलू या कार्यालय के काम समय पर पूरे होते जाएंगे। विद्यार्थियों तथा युवाओं को इंटरव्यू व करियर संबंधी परीक्षा में सफलता की पूरी संभावना है। इसलिए वे लोग अपनी पढ़ाई के प्रति एकाग्रचित्त रहें। जीवनसाथी को सन्तुष्ट करने में सफलता मिलेगी व सहयोग मिलेगा , स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

वृष:- ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी , वु , वे, वो

आज मनोवांछित फल प्राप्त होगा ।समय की कोई कमी नहीं रहेगी ।व्यवसायिक तौर पर ग्रह स्थितियां आपके पक्ष में हैं। कार्यप्रणाली में कुछ बदलाव संबंधी योजनाएं बन सकती है। तरक्की के भी उचित अवसर प्राप्त होंगे। नौकरी पेशा व्यक्ति अपने कार्य को बहुत सावधानी पूर्वक करें, क्योंकि कोई गलती होने की आशंका लग रही है। स्वास्थ्य सही रहेगा।

मिथुन:- का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा

आज भाग्य आपके मनोनुकूल रहेगा । समय पर कार्य सम्पन्न होंगे । कुछ समय खुद के लिए भी बीताएं। इससे आपको शारीरिक और मानसिक ताजगी के साथ ऊर्जा भी मिलेगी। आपको अपनी दिनचर्या संबंधी कामों को पूरा करने में पारिवारिक सदस्यों की मदद भी मिल सकती है। स्वास्थ्य सुधार होगा।

कर्क:- ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो

आज आपका सामाजिक दायरा और पारिवारिक सम्बंध यश को बढाएंगे ।कार्यक्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियो के सामने आपकी ही यशोगाथा रहेगी । आपका कोई कर्मचारी साथी आपकी योजना को लीक कर सकता है। इससे सावधान रहें और लापरवाही बिल्कुल ना करें । सभी कार्यों पर पैनी नजर अवश्य रखें। नौकरी में भी किसी के साथ भी उलझे नहीं। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

सिंह:- मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे

आपकी ऊर्जा आज आपका भरपूर साथ देंगी । पारिवारिक जिम्मेदारियों का आप बखूबी निर्वाह करेंगे। आपका उदारवादी व सहायक दृष्टिकोण सामाजिक कार्यों में एक बेहतरीन मिसाल के रूप में सामने आएगा। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा । विद्यार्थी भी अपनी पढ़ाई के प्रति पूर्ण रूप से एकाग्रचित्र रहेंगे। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

कन्या:- टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो

आज आपका मनोबल बढेगा । शत्रु पक्ष परास्त होंगे । लेकिन सावधानी फिर भी रखनी पडेगी । कोई भी व्यापारिक नया काम आज न शुरू करें तो सही है । आज स्थिति अधिक आपका साथ देगी है। कार्यक्षेत्र में सावधानी बरतना आवश्यक है। नौकरी पेशा व्यक्ति अपने काम को बखूबी अंजाम दे पाएंगे। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

तुला:- रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते

आज आध्यात्मिक कार्यो में रूचि और बढेगी । आप अधिकतर समय धार्मिक तथा सामाजिक संबंधी सहयोगात्मक कार्य में व्यतीत होगा। गुप्त विद्याओं के प्रति भी आपका विशेष रुझान हो रहा है। इस समय आपके व्यक्तित्व के उत्थान संबंधी कुछ नए मार्ग साफ होने जा रहे हैं। सबका साथ मिलेगा। स्वास्थ्य सही रहेगा।

वृश्चिक:- तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू

आज आप अधिकतर समय व्यस्त रहने मे व्यतीत होगा। अपने कुछ नजदीकी और विश्वसनीय मित्रों के साथ अपने कामकाज संबंधी विचार-विमर्श अवश्य करें। आपको बेहतरीन मार्गदर्शन प्राप्त होगा। तथा लाभदायक अनुबंध भी मिलने के योग हैं। परंतु इस बात का ध्यान भी अवश्य रखें कि आपकी रूचि धर्म कर्म में कम न हो । स्वास्थ्य बेहतर होगा।

धनु:- ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे

आज किस्मत आपके साथ है । व्यवसायिक विकास के लिए किसी प्रभावशाली व्यक्ति का साथ तथा आपके राजनीतिक संपर्क बहुत अधिक लाभदायक साबित होने वाले हैं। सरकारी सेवारत व्यक्तियों को अपने किसी लक्ष्य को पूरा करने से प्रमोशन वगैराह भी मिल सकता है। विद्यार्थियों का मन विद्या ग्रहण करने में लगेगा। स्वास्थ्य लाभ होगा।

मकर:- भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी

आज मन की सुने और खुश रहें । अपने कार्यों से संबंधित नीतियों पर दोबारा विचार करके उनमें और अधिक सुधार लाने की कोशिश करें सफलता आपका इंतजार कर रही है । आपको सकारात्मक परिणाम अवश्य हासिल होंगे। विद्यार्थियों का अपनी शिक्षा के प्रति पूर्ण रूप से ध्यान केंद्रित रखना उन्हें कोई उपलब्धि भी हासिल करवा सकता है। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।

कुंभ:- गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा

आप आपकी सकारात्मक सोच आपको ऊँचाइयों तक ले जाएगी। 

अपना पूर्ण ध्यान अपने कार्यस्थल पर केंद्रित रखें तथा दूसरों की सलाह की अपेक्षा अपने विचारों को ही प्राथमिकता दें क्योंकि ऐसा करने से वहाँ भी सफल आप ही होंगे। पारिवारिक वातावरण सहयोगात्मक रहेगा । स्वास्थ्य सही रहेगा।

मीन:- दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची

आज आप शान्तिपूर्ण तरिके से समय बिता पाएंगे । कोई भी काम करने से पहले उसके सभी पहलुओं पर अच्छी तरह सोच-विचार अवश्य करें। इससे परिस्थितियां पूर्णता आपके पक्ष में हो जाएगी। काफी समय से चल रही किसी काम में रुकावट भी आज दूर होगी। कुल मिलाकर शांति और सुकून भरा दिन व्यतीत होगा। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

आज का पंचांग- 10 अगस्त 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रह योग

विक्रम संवत - 2081, पिंगल

शक सम्वत - 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत - श्रावण

अमांत - श्रावण

तिथि

षष्ठी - 05:44 ए एम, अगस्त 11 तक

नक्षत्र

चित्रा - पूर्ण रात्रि तक

योग

साध्य - 02:52 पी एम तक

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय - 05:47 ए एम

सूर्यास्त - 07:06 पी एम

चन्द्रोदय - 10:43 ए एम

चन्द्रास्त - 10:14 पी एम

मेष से लेकर मीन राशि वालों के लिए कैसा रहेगा 9 अगस्त का दिन जानने के लिए पढ़िए आज का राशिफल

 ग्रह-नक्षत्रों की चाल से राशिफल का आकलन किया जाता है। 9 अगस्त को शुक्रवार है। शुक्रवार का दिन कुछ राशि वालों के लिए शुभ तो कुछ राशि वालों के लिए सामान्य रहेगा।

ग्रहों की स्थिति: मंगल और गुरु वृषभ राशि में। सूर्य कर्क राशि में। बुध और शुक्र सिंह राशि में। चंद्रमा और केतु कन्या राशि में। वक्री शनि कुंभ राशि में। राहु मीन राशि के गोचर में चल रहे हैं।

मेष राशि- स्वास्थ्य पर ध्यान दें। शत्रु के उकसावे में न आएं। वो स्वंय नतमस्तक होंगे। प्रेम, संतान की स्थिति अच्छी है। व्यापार भी अच्छा है। गणेश जी को प्रणाम करते रहें।

वृषभ राशि- बच्चों की सेहत पर ध्यान दें। प्रेम में तू-तू, मैं-मैं से बचें। अभी कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लें। रोक के रखें। मानसिक स्वास्थ्य गड़बड़ रहेगा। प्रेम, संतान मध्यम रहेगा। व्यापार ठीक रहेगा। हरी वस्तु पास रखें।

मिथुन राशि- भूमि, भवन, वाहन की खरीदारी में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। घरेलू विवाद बढ़ सकता है। स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम, संतान मध्यम। व्यापार ठीक चलेगा। हरी वस्तु पास रखें।

कर्क राशि- व्यापारिक स्थिति मध्यम रहेगी। स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम, संतान की स्थिति अच्छी रहेगी। नया व्यापार शुरुआत करने से अभी बचें। लाल वस्तु पास रखें।

सिंह राशि- धन-हानि के योग हैं। जुआ, सट्टा, लॅाटरी में पैसा न लगाएं। जुबान पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम, संतान की स्थिति अच्छी है। व्यापार भी अच्छा है। हरी वस्तु का दान करें।

कन्या राशि- घबराहट, बेचैनी, मानसिक परेशानी बनी रहेगी। स्वास्थ्य भी मध्यम रहेगा। प्रेम, संतान मध्यम। व्यापार ठीक रहेगा। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।

तुला राशि- सर दर्द, नेत्र पीड़ा, अज्ञात भय परेशान करेगा। पार्टनरशिप में प्रॅाब्लम होगी। स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम, संतान मध्यम। व्यापार ठीक रहेगा। हरी वस्तु पास रखें।

वृश्चिक राशि- आय में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। मन परेशान रहेगा। बच्चों की सेहत पर ध्यान दें। प्रेम में तू-तू, मैं-मैं से बचें। व्यापार लगभग ठीक-ठाक चलता रहेगा। आय के स्तोत्र में अभी पूरा भरोसा न रखें। लाल वस्तु पास रखें।

धनु राशि- व्यावसायिक उतार-चढ़ाव बना रहेगा। कोर्ट-कचहरी से बचें। पिता के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। स्वंय के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। प्रेम, संतान अच्छा है। लाल वस्तु पास रखें।

मकर राशि- भाग्य में भरोसा करके कोई काम न करें अभी। स्वास्थ्य ठीक है। प्रेम, संतान की स्थिति अच्छी है। व्यापार अच्छा। मान-सम्मान पर ठेस लगने वाले काम न करिएगा, नहीं तो परेशान हो जाएंगे। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कुंभ राशि- स्वास्थ्य मध्यम है। प्रेम, संतान मध्यम है। व्यापार अच्छा है। बचकर पार करें। वाहन धीरे चलाएं। हरी वस्तु पास रखें।

मीन राशि- स्वास्थ्य प्रभावित दिख रहा है। जीवनसाथी के साथ और स्वास्थ्य दोनों पर ध्यान दें। नौकरी-चाकरी भी मध्यम है। प्रेम, संतान भी मध्यम है। एक मध्यम समय का निर्माण हो रहा है। हरी वस्तु का दान करें। गणेश जी को प्रणाम करें।

आज का पंचांग- 9 अगस्त 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

विक्रम संवत - 2081, पिंगल

शक सम्वत - 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत - श्रावण

अमांत - श्रावण

तिथि

पञ्चमी - 03:14 ए एम, अगस्त 10 तक

नक्षत्र

हस्त - 02:44 ए एम, अगस्त 10 तक

योग

सिद्ध - 01:46 पी एम तक

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय - 05:47 ए एम

सूर्यास्त - 07:06 पी एम

चन्द्रोदय - 09:51 ए एम

चन्द्रास्त - 09:47 पी एम

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अशुभ काल

राहू - 10:47 ए एम से 12:26 पी एम

यम गण्ड - 03:46 पी एम से 05:26 पी एम

कुलिक - 07:27 ए एम से 09:07 ए एम

दुर्मुहूर्त - 08:27 ए एम से 09:20 ए एम, 12:53 पी एम से 01:46 पी एम

शुभ काल

ब्रह्म मुहूर्त - 04:21 ए एम से 05:04 ए एम

अभिजित मुहूर्त  12:00 पी एम से 12:53 पी एम

अमृत काल  03:27 पी एम से 05:15 पी एम

शुभ योग

रवि योग - 02:44 ए एम, अगस्त 10 से 05:48 ए एम, अगस्त 10

अद्भुत! नाग पंचमी पर रांची के पहाड़ी मंदिर में साक्षात दर्शन देते हैं नाग-नागिन,

नाग पंचमी में कई लोग नाग नागिन की पूजा करते हैं और उन्हें दूध भी पिलाते हैं. कहा जाता है कि इससे भोलेनाथ का आशीर्वाद मिलता है. ऐसे में झारखंड की राजधानी रांची के पहाड़ी मंदिर में स्थित नाग नागिन गुफा में भी लोग नाग पंचमी के दिन खासतौर पर नाग नागिन को दूध पिलाने जाते हैं.

झारखंड की राजधानी रांची के पहाड़ी मंदिर में जहां पर शिव भगवान विराजमान हैं. उसके ठीक नीचे एक गुफा है. जहां पर नाग नागिन की पूजा होती है.

 गुफा में नाग नागिन की मूर्ति बनी हुई है. लेकिन नाग पंचमी के दिन यहां साक्षात नाग नागिन के दर्शन लोग करने आते हैं. क्योंकि इस दिन नाग नागिन खुद आते हैं.

गुफा में नाग नागिन की मूर्ति बनी हुई है. लेकिन नाग पंचमी के दिन यहां साक्षात नाग नागिन के दर्शन लोग करने आते हैं. क्योंकि इस दिन नाग नागिन खुद आते हैं.

यहां पर नाग पंचमी के दिन लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है. 

हालांकि, यह दिन में कभी भी दिखाई दे सकते हैं. इसलिए लोग दिनभर इंतजार करते हैं.

यहां पर नाग पंचमी के दिन लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है. हालांकि, यह दिन में कभी भी दिखाई दे सकते हैं. इसलिए लोग दिनभर इंतजार करते हैं।

उनकी एक झलक पाने के लिए कई बार तो लोग मन्नत भी मांगते हैं. मान्यता है कि इन्हें देखने मात्र से ही उनकी सारी मुराद पूरी हो जाती है.

लोग यहां पर खासतौर पर मदद मांगने भी आते हैं और कटोरी भर दूध रखकर भी जाते हैं. कहा जाता है कि यहां पर नाग नागिन को दूध पिलाने से भी सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.

नागपंचमी के दिन होती है नागों की पूजा, ये है पूजा की सही विधि

नयी दिल्ली :हिंदू संस्कृति में विभिन्न महत्वपूर्ण दिनों में, नाग पंचमी का दिन एक विशेष महत्व रखता है. इस दिन नाग देवता की पूजा करने से काल सर्प दोषों से मुक्ति मिलती है.

नागपंचमी के दिन होती है नागों की पूजा, ये है पूजा की सही विधि

नागपंचमी हिंदू संस्कृति में सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक में गिनी जाती है, नागपंचमी सावन महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन होती है. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है. इस साल नागपंचमी 9 अगस्त यानी शुक्रवार को पड़ रही है. आइए जानते हैं नाग देवताकी पूजा करने की सही विधि.  

नागपंचमी पर क्यों होती है नाग की पूजा?

नागपंचमी नाग देवता की पूजा करके मनाई जाती है. ऐसा करना शुभ होता है क्योंकि इससे कुंडली में कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही इस दिन जरूरतमंदों को दान देना भी लाभकारी माना जाता है.

नागपंचमी पूजा विधि

पूजा कक्ष को गंगाजल या जल से साफ करें. 

इसके बाद, एक लकड़ी की चौकी पर एक साफ कपड़ा बिछाएं . 

फिर, नाग देवता की मूर्ति को स्थापित करें . 

इसके बाद तेल या घी का एक दीपक जलाएं और इसे नाग देवता के पास रखें.  

इसके बाद पूजा का संकल्प लें.  

इसके बाद नाग द्वत की तस्वीर या मूर्ति पर जल और दूध छिड़कें और हल्दी चंदन, कुमकुम, अक्षत और फूल, धूप और नैवेद्य अर्पित करें. 

इसके बाद आंखें बंद करके भगवान का ध्यान करें और उनसे आशीर्वाद मांगें. इसके बाद, पूजा करते समय क्षमा प्रार्थना करें.  

नागपंचमी पूजा के लाभ

कई पौराणिक लेखों में भी नाग पंचमी का उल्लेख मिलता है. किंवदंती के अनुसार, जो कोई भी इस दिन नागदेव की पूजा करता है, वह राहु और केतु के पाप ग्रहों द्वारा लाए गए सभी प्रकार के दुर्भाग्य से बच जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काल सर्प दोष से पीड़ित कोई भी व्यक्ति इसके बुरे परिणामों से भी छुटकारा पा सकता है. नागपंचमी के दिन कालसर्प योग अनुष्ठान करने सकते हैं जिससे सांप के भय से छुटकारा मिलता है.

देवघर में अब तक 27 लाख कांवरिया ने किया जलाभिषेक मंदिर ट्रस्ट को हुई 3 करोड़ कि आमदनी, जिला प्रशासन ने दी प्रेसवार्ता में जानकारी

झारखंड डेस्क 

 सावन का महीना अब बीतने जा रहा लेकिन शिव भक्तों के उत्साह में कोई कमी नहीं आयी.अभी भी देवघर के बाबा मंदिर में देश-विदेश से शिव भक्त की भीड़ जुट रही है. सुल्तानगंज से जल भरकर 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बाबा मंदिर में लोग पहुँचते हैं और जलाभिषेक करते हैं.

अब तक देवघर पहुँचने वाले कांवरियों की बात करें तों उनकी संख्या बीते कुछ दिनों में 27 लाख पार कर चुकी है. जैसे जैसे सावन का महीना बीतता जा रहा है वैसे-वैसे कांवरिया के उत्साह में बढ़ोतरी देखी जा रही है. 

इस बीच देवघर जिला प्रशासन द्वारा प्रेस वार्ता कर जानकारी दी गई है कि अब तक कितने कांवरियों ने जलाभिषेक किया और बाबा मंदिर को कुल कितनी आमदनी हुई.

27 लाख कांवरियों ने किया जलाभिषेक, 3 करोड़ कि हुई आमदनी

देवघर जिला प्रशासन के द्वारा एक प्रेस वार्ता आयोजन किया गया. जिसमें जिले के उपयुक्त विशाल सागर जानकारी साझा करते हुए कहा कि श्रावणी मेले मे देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी कांवरिया बाबा मंदिर पहुंचते है. जिसके कारण हर रोज लाखो लाख श्रद्धांलू जलाभिषेक करते है. वही 22 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत हुई. तब से लेकर और अभी तक में कुल 27 लाख 49 हजार 495 कांवरिया ने बाबा बैद्यनाथ पर जलाभिषेक किया है. जिसमे आंतरिक अरघा से 17 लाख 45 हजार 396 कांवरिया ने जलाभिषेक किया है. 

वहीं 9 लाख 36 हजार 755 कांवरियों ने जलाभिषेक किया है. वही 67 हजार 344 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम माध्यम से जलाभिषेक किया है.

देवघर के बाबा मंदिर में श्रद्धालु सिर्फ पूजा आराधना ही नहीं करते हैं, बल्कि अपने स्वेछा अनुसार चढ़ावा भी चढ़ाते हैं. जी हाँ श्रावणी मेले के शुरुआत से लेकर अब तक बाबा मंदिर को बाबा मंदिर परिसर में लगे 19 दान पेटी, विकास मद, शीघ्र दर्शनम कूपन एवं अन्य स्रोत से करीब 03 करोड़ की आमदनी हो चुकी है.

जिला प्रशासन अलर्ट कांवरियों को दे रही सुविधाएं

कांवरियों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए देवघर जिला प्रशासन के द्वारा कई तरह की सुविधा दी जा रही है जैसे जगह-जगह पर स्वास्थ्य कैंप लगाया गया है. कांवरियो को ठहरने के लिए तीन जगह पर टेंट सिटी का भी निर्माण किया गया है. नवजात शिशु के लिए फीडिंग रूम की भी व्यवस्था की गई है. कांवरियों के मनोरंजन के लिए शिवगंगा और जलसार पार्क में लेज़र लाइट शो की भी वयवस्था की गयी है.

आज का पंचांग- 08 अगस्त 2024, जानिये आज के पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

विक्रम संवत - 2081, पिंगल शक सम्वत - 1946, क्रोधी पूर्णिमांत - श्रावण अमांत - आषाढ़ तिथि चतुर्थी - 12:36 ए एम, अगस्त 09 तक नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी - 11:34 पी एम तक योग शिव - 12:39 पी एम तक सूर्य और चंद्रमा का समय सूर्योदय - 05:47 ए एम सूर्यास्त - 07:06 पी एम चन्द्रोदय - 08:59 ए एम चन्द्रास्त - 09:21 पी एम पंचांग- 08 अगस्त 2024 विक्रम संवत - 2081, पिंगल शक सम्वत - 1946, क्रोधी पूर्णिमांत - श्रावण अमांत - आषाढ़ तिथि चतुर्थी - 12:36 ए एम, अगस्त 09 तक नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी - 11:34 पी एम तक योग शिव - 12:39 पी एम तक सूर्य और चंद्रमा का समय सूर्योदय - 05:47 ए एम सूर्यास्त - 07:06 पी एम चन्द्रोदय - 08:59 ए एम चन्द्रास्त - 09:21 पी एम
आज का राशिफल, 8 अगस्त 2024:जानिये राशिफल के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा...?

ग्रह-नक्षत्रों की चाल से राशिफल का आकलन किया जाता है। 8 अगस्त को गुरुवार है। गुरुवार का दिन कुछ राशि वालों के लिए शुभ तो कुछ राशि वालों के लिए सामान्य रहेगा। ग्रहों की स्थिति: गुरु और मंगल वृषभ राशि में, सूर्य कर्क राशि में, बुध और शुक्र सिंह राशि में, चंद्रमा और केतु कन्या राशि में, वक्री शनि कुंभ राशि में और राहु मीन राशि में। राशिफल मेष राशि- रोग से बचें। गुण ज्ञान की प्राप्ति होगी। कार्यों में विघ्न बाधा बढ़ेगी लेकिन जीत आपकी हो जाएगी। प्रेम संतान अच्छा है, व्यापार भी अच्छा है। हरी वस्तु का दान करें। वृषभ राशि- मानसिक अवसाद की स्थिति बनी रहेगी। प्रेम में तू तू मैं मैं की स्थिति है। बच्चों की सेहत पर ध्यान दें। व्यापार सही चलेगा। थोड़ा सा मन खराब रहेगा और विद्यार्थी असमंजस में रहेंगे। हरी वस्तु पास रखें। मिथुन राशि- घरेलू सुख बाधित रहेगा। घर में कोई बड़ा झगड़ा या बवाल न हो इस बात का ध्यान रखिएगा और घरेलू चीजों को बहुत शांत होकर निपटाइएगा अदरवाइज घर की चीजें बाहर जा सकती हैं। भूमि, भवन, वाहन की खरीदारी में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। प्रेम संतान सही है, व्यापार सही है, स्वास्थ्य मध्यम है। हरी वस्तु पास रखें। कर्क राशि- नाक, कान, गला की परेशानी हो सकती है। प्रेम संतान अच्छा है, व्यापार मध्यम रहेगा। अभी नए व्यापार की शुरुआत न करें और स्वयं के स्वास्थ्य पर और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें। हरी वस्तु का दान करें। गुरु के वक्री होने से इन राशियों का चमकेगा भाग्य, शुरू होंगे अच्छे दिन, धन-धान्य में होगी वृद्धि सिंह राशि- कुटुंब में थोड़ी अनबन की स्थिति है। जुबान पर नियंत्रण रखें। रूपए पैसे जो आ रहे हैं, उसको संचित करें निवेश करने से बचें। धन हानि के संकेत हैं। स्वास्थ्य मध्यम, मुख रोग के शिकार हो सकते हैं। प्रेम संतान अच्छा, व्यापार भी ठीक-ठाक। हरी वस्तु का दान करें। कन्या राशि- ऊर्जा का स्तर घटता बढ़ता रहेगा। स्वास्थ्य प्रभावित दिख रहा है, प्रेम संतान अच्छा है, व्यापार भी अच्छा है। हरी वस्तु पास रखें। तुला राशि- अनायास अनाब-शनाब खर्चे होंगे। सर दर्द, नेत्र पीड़ा संभव है। प्रेम संतान अच्छा, व्यापार भी अच्छा। हरी वस्तु पास रखें। वृश्चिक राशि- आय में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। मन ससंकित रहेगा। समाचार के माध्यम से भ्रामक समाचार की प्राप्ति हो सकती है। स्वास्थ्य मानसिक स्वास्थ्य खासकर थोड़ा गड़बड़ रहेगा। प्रेम संतान मध्यम, व्यापार ठीक रहेगा। हरी वस्तु का दान करें। धनु राशि- कोर्ट कचहरी से बचें। पिता के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। व्यापार में घाटा होने के संकेत हैं ध्यान रखें। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम संतान अच्छा, व्यापार मध्यम। गणेश जी को प्रणाम करते रहें। मकर राशि- अपमानित होने का भय रहेगा। यात्रा में कष्ट संभव है। धर्म-कर्म में अतिवादी न बनें। स्वास्थ्य थोड़ा सा मध्यम, प्रेम संतान अच्छा, व्यापार भी अच्छा। हरी वस्तु दान करें। शुभ होगा। कुंभ राशि- परिस्थितियां थोड़ी प्रतिकूल दिख रही हैं। चोट-चपेट लग सकती है। किसी परेशानी में पड़ सकते हैं। स्वास्थ्य पर ध्यान दें। प्रेम संतान मध्यम, व्यापार की स्थिति ठीक-ठाक रहेगी। हरी वस्तु पास रखें। मीन राशि- स्वयं के स्वास्थ्य और जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। नौकरी चाकरी में थोड़ी सी परेशानी का अनुभव करेंगे आप। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम संतान मध्यम, व्यापार मध्यम। हरी वस्तु का दान करें।
हिंदू धर्म में शिव के दिव्य ज्योति से स्थापित 12 ज्योतिर्लिंग का है सावन में विशेष महत्व,जानिए इन 12 ज्योतिर्लिंग को और उसके महामात्य

हिंदू धर्म में ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व माना गया है. यह भगवान शिव के प्रतिष्ठित स्थलों में से एक हैं. ज्योतिर्लिंग का शाब्दिक अर्थ 'ज्योति का लिंग' होता है, जो भगवान शिव की दिव्य ज्योति को प्रतिष्ठित करता है.

भारत में 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग हैं जिनका संबंध महाकाल शिव जी से है. कहा जाता है कि 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से भक्तों के समस्त प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं.

सोमनाथ


इन ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति के जन्म-जन्मांतर के सारे पाप मिट जाते हैं. भारत के सभी पवित्र स्थलों में 12 ज्योतिर्लिंगों का महत्वपूर्ण स्थान है. यहां हर ज्योतिर्लिंग की एक पौराणिक कथा है जो भगवान शिव से किसी न किसी रूप में जुड़ी हुई है. जानते हैं इनके बारे में.

2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग


श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर स्थित है. इस ज्योर्तिलिंग को दक्षिण का कैलाश कहा जाता है. हिन्दू धर्म ग्रंथो में इस ज्योतिर्लिंग की महिमा का वर्णन किया गया है. यह एक बहुत पुराना मंदिर है जो एक ऊंचे पत्थर से निर्मित चारदीवारी के मध्य में स्थित है.

3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग


महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है. यहां पर कुंभ मेले का आयोजन भी होता है. 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का एक विशेष महत्व है. महाकाल के बारे में कहा जाता है कि यह पृथ्वी का एक मात्र मान्य शिवलिंग है.

4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग


ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. ओंकारेश्वर या ॐकारेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है. माना जाता है कि इसी मंदिर में शिव के परम भक्त कुबेर ने तपस्या की थी और शिवलिंग की स्थापना की थी. सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह एक मात्र ज्योतिर्लिंग है जहां शिव भगवान शयन करने आते हैं.

5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग


केदारनाथ मंदिर, हिमालय की गोद में बसे उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. केदारनाथ मंदिर के कपाट अप्रैल माह में खुलते हैं और नवंबर माह में मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं. धार्मिक मान्यता के साथ-साथ यह मंदिर अपने आप में अद्भुत है.

6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग


12 प्रमुख ज्योतिर्लिगों में भीमाशंकर छठे स्थान पर आता है. यह ज्योतिर्लिंग मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है. इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से व्यक्ति को समस्त दुखों से छुटकारा मिल जाता है. यहीं से भीमा नदी भी निकलती है.

7. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग


काशी विश्वनाथ मंदिर शिव जी के सभी 12 ज्योर्तिर्लिंगों में से एक महत्वपूर्ण मंदिर है. यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित है. इसे विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से भी जाना जाता है. काशी विश्वनाथ हिन्दू आस्था का महत्वपूर्ण केन्द्र है.

8. त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग


त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है. यह मंदिर पूर्णतः भगवान शिव को समर्पित है. यह मंदिर महाराष्ट्र के त्र्यम्बक गांव में स्थित है. 12 ज्योतिर्लिंगों में से त्र्यम्बकेश्वर को आठवां ज्योतिर्लिंग माना जाता है. यह मंदिर पवित्र गोदावरी नदी के निकट है.

9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग


बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक पवित्र वैद्यनाथ शिवलिंग झारखंड के देवघर में स्थित है. इस जगह को लोग बाबा बैजनाथ धाम के नाम से भी जानते हैं. कहते हैं कि भोलेनाथ यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इसलिए इस शिवलिंग को 'कामना लिंग' भी कहते हैं.

10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग


नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारका में स्थित है. सावन के महीने में इस प्राचीन नागेश्वर शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंगों की एक साथ पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. मंदिर में इन अद्भुत शिवलिंगों के दर्शन व पूजन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. सावन के सोमवार को यहां खासी भीड़ रहती है.

11. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग


तमिलनाडु के रामनाथपुरम में स्थित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का विशेष स्थान है. यहां स्थापित शिवलिंग बारह द्वादश ज्योतिर्लिगों में से एक माना जाता है. उत्तर में जितना महत्व काशी का है, उतना ही महत्व दक्षिण में रामेश्वरम का भी है. यह सनातन धर्म के चार धामों में से एक है. मान्यता है कि यहां ज्योतिर्लिग पर गंगाजल चढ़ाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग


महाराष्ट्र के वेरुल नामक गांव में घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग है. यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में आखिरी माना जाता है. पुराणों के अनुसार घुश्मेश्वर महादेव के दर्शन कर लेने से मनुष्य को जीवन का हर सुख मिलता है. इस ज्योतिर्लिंग को घृष्णेश्वर भी कहा जाता है.