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आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी ने ली छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक

रायपुर-    आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी ने आज यहां अटल नगर नवा रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के कार्यालय में राज्य के सभी क्षेत्रीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होनें अधिकारियों से कहा स्व-प्रेरित होकर पर्यावरण संरक्षण से जुडे कार्यों में अपना योगदान दे। उनके द्वारा कार्यों में पारदर्शिता एवं तत्परता हेतु प्रदेश एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में बायोमैट्रिक उपस्थिति, सी.सी.टी.वी. कैमरा लगाने एवं डैश बोर्ड तैयार करने के निर्देश दिये गये ताकि डैश बोर्ड के माध्यम से अधिकारियों द्वारा प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की जा सके। श्री चौधरी ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को मिलने का समय भी निर्धारित कर इसकी सूचना कार्यालय के सूचना पटल पर लगाने कहा।

श्री चौधरी द्वारा उद्योगों द्वारा फ्लाई ऐश के परिवहन एवं निपटारे हेतु नियमों के पालन कड़ाई से कराने हेतु निर्देश दिया गया। फ्लाई ऐश लाने ले जाने के लिये उपयोग किये जा रहे वाहनों में जी.पी.एस. सिस्टम व जियो टेगिंग के उपयोग के निर्देश दिये, जिससे कि फ्लाई ऐश इधर-उधर न फेका जा सके।

श्री चौधरी ने क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि उद्योगों को प्रदान किये गये पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्तों में शामिल वृक्षारोपण की शर्त का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित कराये तथा उद्योगों केवल वृक्षारोपण करने तक सीमित ना रहें अपितु लगाये गये पौधों के संवर्धन हेतु भी निरीक्षण का एक सिस्टम तैयार किया जाये। सभी क्षेत्रीय अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वें अपने-अपने क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण करायें एवं इन पेड़ों में पीपल, नीम आदि पेड़ शामिल किये जाए। श्री चौधरी ने वाहन प्रदूषण नियंत्रण पर जोर देते हुये निर्देशित किया कि सभी क्षेत्रीय अधिकारी वाहन प्रदूषण मापन प्रदूषण जाँच सिस्टम को शक्तिशाली बनाये एवं वाहन प्रदूषण मापन केन्द्रो की समय-समय पर बैठक आयोजित करें।

श्री चौधरी ने अधिकारियों से चर्चा में कहा कि पर्यावरण संरक्षण में उठाये गये कदमों को और कैसे प्रभावी बनाया जा सकता है तथा आने वाली चुनौतियों से कैसे निपटा जा सकता है, इस पर भी विचार करें। उन्होनें जल एवं वायु प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। श्री चौधरी ने परिसंकटमय एवं अन्य अपशिष्ट नियम के प्रावधानों का पालन, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, ई अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, निर्माण विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, उद्योगों, खदानों, संस्थानों के चिमनी उत्सर्जन, परिवेशीय वायु मापन, उपचारित दूषित जल गुणवत्ता का मापन कार्य, राष्ट्रीय जल गुणवत्ता मापन कार्यकम के अंतर्गत प्राकृतिक जल स्त्रोतों, परिवेशीय वायु गुणवत्ता के मापन कार्यों की भी समीक्षा की।

श्री चौधरी ने कहा की शीघ्र ही सभी स्टेक होल्डर्स की बैठक ली जायेगी एवं प्रदूषण नियंत्रण सुधार कार्यों में बुद्ध जीवी वर्ग की मदद ली जायेगी। श्री चौधरी ने मंडल की पद संरचना की समीक्षा करते हुये मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालयों में पुनः पदसंरचना निर्धारित करने के निर्देश दिये। उनके द्वारा सभी कर्मचारियों के डेटा को एच.आर.एम.एस. सिस्टम में एक माह के भीतर अपलोड करते हुये ऑनलाईन कार्यवाही के निर्देश दिये गये। बैठक में मंडल की अध्यक्ष एवं सचिव, आवास एवं पर्यावरण विभाग आर. शंगीता एवं मंडल के सदस्य सचिव पी. अरूण प्रसाद भी उपस्थित थे।

साइबर ठगों ने बनाए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और कलेक्टर के फर्जी वाट्सएप अकाउंट, कलेक्टरों को मैसेज कर मांगी रकम…

रायपुर- साइबर ठग आईएएस अधिकारियों को भी नहीं बख्श रहे हैं, उनके फर्जी फेसबुक और वाट्सएप अकाउंट बनाकर लोगों को मैसेज कर ठगने का प्रयास कर रहे हैं. साइबर ठगों की करतूत को देखते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कलेक्टरों से सतर्क रहने की अपील की है.

साइबर ठगों ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले और सरगुजा कलेक्टर विलास भोसकर के नाम से फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट तैयार कर प्रदेश के कई कलेक्टरों को मैसेज भेजकर रुपयों की मांग की है. मामले की जानकारी सामने आने पर साइबर सेल में एफआईआर दर्ज किया गया है. इसके साथ ही मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कलेक्टरों को सतर्क रहने की अपील की है.

भोरमदेव शक्कर कारखाने ने गन्ना किसानों के लिए जारी किया 100 प्रतिशत भुगतान, रियायत दर पर मिलेगी 50 किलो शक्कर
कर्वधा- किसान के मितान और गरीब की जुबान उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा की मेहनत लाई रंग, एक ओर जहां भोरमदेव शक्कर कारखाने का 100% भुगतान जारी हो गया। वही दूसरी ओर किसानों को रियायत दर पर 50 किलो शक्कर अतिशीघ्र मिलेगी।


उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना राम्हेपुर ने त्योहारी सीजन में गन्ना किसानों को एफआरपी गन्ना भुगतान अंतर्गत 6 करोड़ 2 लाख रुपए का भुगतान जारी किया है। इस प्रकार भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना की ओर से पेराई सीजन वर्ष 2023/24 में कारखाने में गन्ना बेचने वाले किसानों को कुल 113.52 करोड़ का भुगतान जारी कर दिया गया है। इस सत्र में गन्ना बेचने वाले समस्त किसानों का 100% भुगतान कारखाने ने जारी कर दिया है।

सावन के पवित्र महीने और त्यौहारों के सीजन में गन्ना बिक्री की राशि मिलने से क्षेत्र के गन्ना किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना की ओर से पूर्व वर्षों के अनुसार ही एफआरपी गन्ना राशि का शत प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। कारखाना प्रबंधन ने बताया है कि क्षेत्र के किसानों की जागरूकता और उच्च क्वालिटी की गन्ना कारखाने को आपूर्ति करने के कारण रिकवरी में भी पिछले वर्ष से वृद्धि हुई है। इसके कारण इस वर्ष किसानों को रिकवरी की राशि भी पिछले वर्ष से ज्यादा मिलेगी। इससे किसानों में खुशी की लहर है, जिसका भुगतान भी अतिशीघ्र किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि एफआरपी रिकवरी की राशि शक्कर कारखाना की ओर से दी जाती है, जबकि गन्ना प्रोत्साहन या बोनस की राशि कृषि विभाग छत्तीसगढ़ शासन की ओर से दी जाती है। बोनस राशि भी शीघ्र गन्ना किसानों को देने छत्तीसगढ़ सरकार की कृषि बजट मे शामिल है।

इस प्रकार सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व की पालनहारी सरकार और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के मार्गदर्शन में अन्नदाता किसानों के हित में लगातार काम कर रही है और किसानों की आय में वृद्धि को लेकर दिन रात प्रयत्नशील है।
DPS में पालकों का हंगामा : बच्ची के साथ कथित छेड़छाड़ का मामला, जानकारी छुपाने का लगाया आरोप, स्कूल प्रबंधन ने घटना को बताया झूठा

भिलाई- भिलाई के मरोदा स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में पांच वर्षीय बच्ची के साथ कथित लैंगिक छेड़छाड़ के मामले में आज परिजनों ने स्कूल प्रबंधन का घेराव किया. परिजनों ने इस घटना से जुड़ी जानकारी छुपाने का आरोप प्रबंधन पर लगाया है.

सैकड़ों की संख्या में बच्चों के पालक डीपीएस रिसाली पहुंचे थे. इस मामले में स्कूल प्रबंधन ने किसी भी बच्चे के साथ अनाचार या लैंगिग छेड़छाड़ की घटना होने की बात को गलत बताया और परिजनों को घटना की जानकारी दी. इस मामले में दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने भी प्रेस कॉंफ्रेंस के माध्यम से इस पूरे मामले में भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.

दुर्ग जिले में दिल्ली पब्लिक स्कूल मरोदा में पांच साल की बच्ची के साथ अनाचार होने की घटना और इस मामले में प्रबन्धन और पुलिस प्रशासन द्वारा चुप्पी साधने की खबर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही थी, लेकिन आज आखिरकार परिजनों का आक्रोश स्कूल प्रबंधन पर फूट पड़ा. डीपीएस मरोदा में पढ़ने वाले बच्चों के पैरंट्स ने इस मामले में स्कूल प्रबंधन को घेरने की कोशिश की. स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि बच्चों के साथ इस तरह के दुर्व्यवहार की घटना से स्कूल में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं इस तरह के मामले को दबाया जाना गंभीर अपराध है. प्रबंधन को जवाब देना चाहिए. परिजनों ने प्रबंधन से घटना दिनांक की फुटेज भी मांगी, लेकिन प्रबंधन ने इंकार कर दिया. उन्होंने बताया कि जब लापरवाही नहीं हुई तो उस महिला अटेन्डेंट को क्यों हटाया गया है. इसके बाद पालकों की ओर से एक कमेटी बनाकर प्रिंसिपल और केजी वन क्लास के टीचर से चर्चा की गई.

स्कूल प्रबंधन की ओर से प्रिंसिपल प्रशांत वशिष्ठ ने बताया कि 5 जुलाई को एक खेल के दौरान बच्चे को उल्टी हुआ था, जिसे साफ करने महिला अटेन्डेंट को भेजा गया था. इसके बाद उस बच्ची के परिजनों ने स्कूल के टीचरों से सम्पर्क किया और इसकी जानकारी दे दी. प्रिंसिपल ने यह भी बताया है कि जिले के किसी बड़े पुलिस अधिकारी ने कुछ दिनों पहले एडमिशन के लिए उन पर दबाव बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने उन्हें नियम विरुद्ध एडमिशन से साफ मना कर दिया था. इसके बाद यह घटना हुई और इस घटना को दूसरा रूप दे दिया गया, लेकिन प्रिंसिपल ने उस अधिकारी का नाम नहीं बताया.

सभी जांच के लिए तैयार : प्रिंसिपल

प्रिंसिपल ने कहा कि इस मामले में अब तक परिजनों ने किसी प्रकार की शिकायत नहीं की है. हमने परिजनों को पूरी सीसीटीवी फुटेज दिखाया है. पूरी जानकारी दी है, लेकिन फिर भी अगर किसी भी जांच कमेटी के माध्यम से इसकी जांच करने की बात होगी तो हम उनका सहयोग करेंगे.

बच्ची के साथ नहीं हुआ है दुराचार : एसपी

दुर्ग पुलिस की ओर से एसपी जितेंद्र शुक्ला का कहना है कि इस मामले को स्वतः संज्ञान में लेकर पुलिस ने इसमें आईयूसीएडब्ल्यून के एडिशनल एसपी के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर इस पूरे मामले की जांच की थी, लेकिन किसी प्रकार के बच्चे के साथ लैंगिग छेड़छाड़ या दुराचार का मामला सामने नहीं आया है. बच्चे और उसने परिजनों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए हमने इसकी गुप्त जांच कराई थी, जिसमें मेडिकल रिपोर्ट, डॉक्टरों के बयान, स्कूल टीचर प्रबन्धन और परिजनों के बयान लिए गए. बारीकी से जांच करने पर इस तरह का कोई तथ्य सामने नहीं आया, जिस पर स्कूल को 4 दिन पहले ही क्लीन चिट दी गई है. आज पैरेंट्स अपनी कई समस्याओं को लेकर स्कूल प्रबंधन से बातचीत करने पहुंचे थे. अधिक संख्या में पैरेंट्स होने कारण आज पुलिस यहां पहुंची है.

छत्तीसगढ़ के किसानों को मिल रहा देश में धान का सर्वाधिक मूल्य

रायपुर-     प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी छत्तीसगढ़ की जनता के लिए विश्वास, विकास और बदलाव की गारंटी बन चुकी है। छत्तीसगढ़ सरकार की किसान कल्याण की नीतियों से खेती में किसानों का मुनाफा बढ़ा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में कई अहम निर्णय लिए गए हैं, जिनसे किसान परिवार अधिक सशक्त और फसल उगाने से लेकर उसे बेचे जाने तक की प्रक्रिया बेहद आसान हुई है। सरकार के परिवर्तनकारी फैसलों से छत्तीसगढ़ देश का एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है, जहां किसानों को उनके धान का उच्चतम मूल्य मिल रहा है।

कृषक उन्नति योजना के जरिए छत्तीसगढ़ के किसानों को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीद की गारंटी दी जा रही है। इस फैसले से किसानों में उत्साह दिख रहा है। किसानों से अपना वादा निभाते हुए छत्तीसगढ़ में की विष्णु देव साय की सरकार ने 25 दिसंबर 2023 को सुशासन दिवस के अवसर पर 13 लाख किसानों के बैंक खातों में पिछले दो वर्ष का लंबित धान बोनस का 3,716 करोड़ रुपये का भुगतान किया।

किसानों को मिल रहे प्रोत्साहन का ही परिणाम है कि वर्ष 2023-24 में 24.75 लाख किसानों से समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया, जिसके एवज में उन्हें 31,913 करोड़ रुपये का भुगतान कियागया। 12 जनवरी, 2024 को धान के मूल्य की अंतर राशि के रूप में 24.75 लाख किसानों को 13,320 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान भी किया गया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन करने का निर्णय भी लिया गया, जिसके लागू होने से अब अन्य प्रदेश के मंडी बोर्ड अथवा समिति के एकल पंजीयन अथवा अनुज्ञप्तिधारी, व्यापारी एवं प्रसंस्करणकर्ता भारत सरकार द्वारा संचालित ई-नाम पोर्टल (राष्ट्रीय कृषि बाजार) के माध्यम से अधिसूचित कृषि उपज की खरीदी-बिक्री बिना पंजीयन के कर सकेंगे, इससे छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों और विक्रेताओं को अधिकतम मूल्य मिल सकेगा। छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन के अनुसार मंडी फीस के स्थान पर अब मंडी फीस तथा कृषक कल्याण शुल्क शब्द जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही कृषक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए मंडी बोर्ड अपनी वार्षिक आय की 10 प्रतिशत राशि छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण निधि में जमा करेगा। खेतों में काम करने वाले मजदूरों की समस्याओं को दूर करते हुए छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना संचालित करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी, इस योजना के लिए सरकार ने वर्ष 2024-2025 के बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, इसके साथ ही सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद, बीजों का वितरण भी समय के भीतर ही हो सके।

मंत्रियों-विधायकों की वेतन में नहीं हुई वृद्धि, सोशल मीडिया में चल रहे अफवाह का सरकार ने किया खंडन
रायपुर- सोशल मीडिया समय के साथ दुष्प्रचार का बड़ा जरिया बन गया है, इसमें टूलकिट अहम भूमिका निभा रहे हैं. ऐसा ही एक पोस्ट साय सरकार में मंत्रियों और विधायकों की वेतन में बढ़ोतरी का चल रहा है, जिसका सरकार ने खंडन किया है. 

सोशल मीडिया में मंत्रियों-विधायकों की वेतन का चार्ट शेयर करते हुए यह प्रचार किया जा रहा है कि यह बढ़ोतरी साय सरकार के द्वारा की गई है, जबकि पड़ताल में यह बात सामने आई कि यह चार्ट पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय का है, जिसमें मंत्रियों और विधायकों की वेतन में बढ़ोतरी की गई थी.

सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जानबूझकर इस तरह की भ्रामक खबर फैलाई जा रही है. दरअसल, यह बढ़ोतरी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय हुई थी, जिसे वर्तमान का बताते हुए सोशल मीडिया में शेयर कर सरकार की छवि को धूमिल करने का काम किया जा रहा है. साय सरकार के कार्यकाल में अब तक कोई वेतन में बढ़ोतरी नहीं की गई है.
पूर्व मंत्री लखमा के बयान पर सीएम साय का पलटवार, कहा –

रायपुर- पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बयान पर सीएम विष्णु देव साय ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा, राम मंदिर का निमंत्रण अस्वीकार करके कांग्रेस ने बड़ा पाप किया है. किसी का निमंत्रण नहीं ठुकराना चाहिए. कार्यक्रम में जाए, नहीं जाए ये व्यक्ति पर निर्भर करता है. यह बहुत गलत बात है, हम इसकी निंदा करते हैं.

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के एक्स पोस्ट पर सीएम साय ने कहा, जो भी दोषीदार हैं, जो भी अपराधी है, उन पर कार्रवाई तो निश्चित होगी. Ed व अन्य जांच एजेंसियों की कार्रवाई होगी. छत्तीसगढ़ में भी लगातार कार्रवाई हो रही है, दोषीदार कितने भी बड़े हो, बख्से नहीं जाएंगे.

मिनी उद्योग को लेकर होनी वाली मीटिंग को लेकर सीएम साय ने कहा, लगातार संपर्क में हैं, जल्द सामाधान निकलेगा.

विकसित भारत की संकल्प यात्रा का दिशा-निर्देशक है केंद्रीय बजट : मंत्री ओपी चौधरी

रायपुर-     छत्तीसगढ़ के वित्त, वाणिज्यिक कर, आवास एवं पर्यावरण, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग मंत्री ओ. पी. चौधरी ने अपने कोरबा प्रवास के दौरान प्रेस क्लब कोरबा में केंद्र सरकार के आम बजट के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरबा जिला उनके प्रशासनिक जीवन की नर्सरी रही है। यहां उन्होंने अपने प्रशासनिक जीवन की शुरुआत की है। यहां आना उनके लिए हमेशा यादगार रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट अमृतकाल के विजन का नींव है। यह बजट विकसित भारत की संकल्प यात्रा का दिशा-निर्देशक बजट है, जो समृद्ध और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ विकसित भारत के संकल्प को नई मजबूती प्रदान करेगा। यह बजट देश की आर्थिक उन्नति को बढ़ावा देगा एवं प्रगति की नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने में सहायक होगा।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि अमृत काल के विजन पर फाउंडेशन रखने का कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। प्रधानमंत्री के लांग टर्म विजनरी सोच के साथ बजट लाया गया है। जिससे 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित होगा। पिछले 10 वर्षाे में देश की अर्थव्यवस्था विश्व में 11वें नंबर से 5वें स्थान पर आ गई है। आने वाले 5 साल में भारत की अर्थव्यवस्था को तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है।

मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि केंद्रीय बजट में विकास का मुख्य बिंदु GYAN है। यह बजट गरीब, युवा, अन्नदाता एवं नारी शक्ति को समर्पित है। वित्त मंत्री ने कहा, “बजट में गरीब कल्याण, किसान का उत्थान, मातृशक्ति का सम्मान और नौजवानों की मुस्कान समाहित है। बजट में मातृशक्ति का दर्शन, राम राज्य का विजन, विकसित भारत का संकल्प एवं आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य समाहित है। देश के इन वर्गों को विकसित बनाने से ही राष्ट्र का विकास होगा। इस के अतिरिक्त बजट में शिक्षा, रोजगार, कौशल, एमएसएमई, मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान दिया गया है। वैज्ञानिक शोध और अनुसंधान की दिशा में आगे बढ़ने के लिए अलग प्रावधान रखा गया है।

मंत्री श्री चौधरी बजट में ईपीएफओ के प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि औपचारिक क्षेत्रों में पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को लक्षित करती है, जिसके तहत उन्हें ईपीएफओ पंजीकरण के माध्यम से तीन किस्तों में वितरित प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के रूप में एक महीने का वेतन प्रदान किया जाता है। इसके तहत 15 हजार रुपये प्रति माह तक लाभ हो सकता है, जिसमें 1 लाख रुपये प्रति माह तक के वेतन पर पात्रता निर्धारित की गई है। इस पहल से लगभग 210 लाख युवाओं को लाभ मिलने का अनुमान है उन्होंने कहा कि रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन देकर विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को रोजगार के शुरुआती चार वर्षों के दौरान उनके ईपीएफओ अंशदान से सीधे संबंधित निर्दिष्ट प्रोत्साहन प्राप्त होंगे। अतिरिक्त रोजगार अवसरों को प्रोत्साहित करके सभी क्षेत्रों में नियोक्ताओं का समर्थन करना है। सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी की नियुक्ति के लिए नियोक्ताओं को उनके ईपीएफओ अंशदान के लिए दो साल तक 3,000 रुपये प्रति माह तक की प्रतिपूर्ति करेगी।

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि बजट में महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल निर्माण किया जाएगा एवं शिशु गृह का निर्माण किया जाएगा। हब एंड स्कोप मॉडल के आधार पर राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय स्तर पर उद्योग की आवश्यकता के अनुसार 1000 आईटीआई का उन्नयन किया जाएगा। बजट में देश के 1 करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप का प्रावधान रखा गया है। 500 बड़े चिन्हाकित उद्योग में प्रशिक्षण दिया जाएगा और युवाओं को 5000 इंटर्नशिप भत्ता भी प्रदान किया जाएगा। कौशल विकास को बढ़ावा देते हुए बजट में युवाओं के लिए साढ़े 7 लाख तक ऋण का प्रावधान एवं उच्च शिक्षा में 10 लाख तक लोन का प्रावधान है। साथ ही 3 प्रतिशत तक ब्याज में सब्सिडी प्रदान किया जाएगा। बजट में आवास के क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा 10 साल में 4 करोड़ आवास बनाने का काम किया गया है एवं आने वाले 5 साल में देश मे 3 करोड़ नए आवास बनने का काम किया जाएगा इससे पिछड़े परिवारों को छत मिलेगा एवं अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इसी प्रकार शहरी क्षेत्रो में प्रधानमंत्री आवास शहरी के तहत 10 लाख करोड़ रुपए निवेश कर 1 करोड़ शहरी आवास बनने का लक्ष्य रखा गया है। बजट में शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए विशेष प्रावधान है।

आर्थिक विकास को मिलेगी रफ्तार-

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि बजट में छोटे व्यापारियों एमएसएमई को प्रगति का नया रास्ता मिलेगा, बजट में मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर पर वृहद स्तर पर ध्यान रखा गया है। इससे आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी। देश में 100 औद्योगिक पार्क स्थापित किये जायेंगे। क्रिटिकल मिनिरल मिशन की शुरुवात की जाएगी। ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना शुरुआत की गई है।

पूंजीगत व्यय अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है-

अधोसरंचना पर व्यय आधारभूत सरंचना होती है। बजट में 11 लाख 11 हजार 111 करोड़ आधार बहुत सरंचना पर खर्च करने का प्रावधान है। साथ ही नवाचार अनुसंधान एवं विकास हेतु 1 लाख करोड़ का प्रावधान है। आयकर स्लैब में भी बदलाव किया गया है। जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी। वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि बजट में किसान, मध्यम वर्ग, महिला से लेकर सभी वर्गों के लिए जो रूपरेखा रखी है, वह भारतीय अर्थव्यवस्था को सही रास्ते और उज्ज्वल भविष्य की ओर आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बजट एलोकेशन लगातर बढ़ता जा रहा है। 2047 तक विकसित भारत बनने हेतु रोडमैप तैयार कर कार्य किया जा रहा है। इसी प्रकार राज्य में भी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सुशासन की सरकार द्वारा विकसित छत्तीसगढ़ बनाने हेतु सतत कार्य किया जा रहा है। राज्य की जीडीपी को आने वाले 5 सालों में दौगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। जिससे छत्तीसगढ़ विकास की एक नई ऊंचाई पर पहुँचेगा।

विश्व शांति एवं कल्याण के लिए विहंगम योग संत-समाज की राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा होगी लाभदायी : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में विहंगम योग संत-समाज द्वारा आयोजित स्वर्वेद कथा में शामिल हुए। उन्होंने संत प्रवर विज्ञानदेव महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया और उनके पावन सानिध्य में जय स्वर्वेद कथामृत का श्रवण किया। इस अवसर पर कोंडागांव विधायक लता उसेंडी भी उपस्थित थीं।

गौरतलब है कि विहंगम योग संत समाज द्वारा स्थापना के शताब्दी समारोह के पावन अवसर के निमित्त कन्याकुमारी से कश्मीर तक की राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा आयोजित की जा रही है। इसी कड़ी में राजधानी रायपुर में जय स्वर्वेद कथा आयोजित की गई थी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि यह परम सौभाग्य की बात है कि माता कौशल्या की धरती और भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में हमें संत प्रवर विज्ञान देव महाराज के पावन सानिध्य का सुअवसर मिला है। उन्होंने कहा कि पूज्य संतों का आशीर्वाद सदैव प्रदेश पर बना रहे और लोगों के जीवन में खुशहाली और समृद्धि आए। उन्होंने कहा कि संत जी विहंगम योग संत समाज की स्थापना के शताब्दी वर्ष के अवसर पर कन्याकुमारी से कश्मीर की यात्रा कर रहे हैं। संत श्री विज्ञान देव जी ने 15 दिवस में छत्तीसगढ़ के 13 जिलों की यात्राएं की। श्री साय ने कहा कि विश्व शांति एवं कल्याण के लिए यह यात्रा निश्चित ही लाभदायी होगा। मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण के लिए विहंगम योग संत समाज के प्रयासों की प्रशंसा की।

विधायक लता उसेंडी ने कहा कि विहंगम योग संत समाज के पूज्य संतों का आशीर्वाद हमेशा से छत्तीसगढ़ को मिलता रहा है इनके पावन प्रवास की हम सभी प्रतीक्षा कर रहे थे। छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचलों में समाज के पूज्य संतों ने आध्यात्मिक अलख जगाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं।

विहंगम योग संत समाज के संत प्रवर विज्ञान देव महाराज ने राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा के उद्देश्य की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कन्याकुमारी से प्रारंभ हुई यह यात्रा कश्मीर तक अपने पावन संकल्पों के साथ पूरी होगी। उन्होंने कहा कि इसी पड़ाव में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से इस संकल्प यात्रा को गति देने का कार्य किया गया है। इस मौके पर विहंगम योग संत समाज के पदाधिकारी सहित समाज के अनुयायी मौजूद रहे।

बिहान समूह की दीदियां हल्दी की खेती की ओर बढ़ रही आगे

रायपुर-   हल्दी का उपयोग धार्मिक कार्याें के अलावा मसाला, रंग सामग्री, औषधि तथा उबटन के रूप में किया जाता रहा है। औषधि एवं घरेलू उपयोग के साथ ही हल्दी में कैंसर रोधी गुण भी पाये जाते हैं। इस क्रम में दंतेवाड़ा जिले के विकासखण्ड कुआकोंडा के 5 ग्रामों को हल्दी की पैदावार के लिए चयन किया गया है। बिहान समूह की महिलाएं हल्दी की खेती कर आगे बढ़ती जा रही हैं।

हल्दी शुभ कार्य के साथ खाने के लिए भी बेहतर उपयोग किया जाता है। हल्दी (टर्मरिक) एक भारतीय वनस्पति है यह अदरक की प्रजाति का 5 से 6 फिट बढने वाला पौधा है जिसमें जड़ की गाठो में हल्दी मिलती है। हल्दी को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि मानी गयी है। इसके अलावा भारतीय रसोई में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी भारतीय समाज में इसको बहुत शुभ समझा जाता है विवाह में तो हल्दीे की रस्म का एक विशेष महत्व है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ’’बिहान’’ के तहत स्थानीय स्व सहायता समूह की दीदियों को हल्दी उत्पादन के लिए खेती की ओर आगे बढ़ रही है। समूह की महिलाएं ग्राम रेंगानार, गढ़मिरी, कुआकोण्डा, हल्बारास, मैलावाड़ा, गोगपाल के इच्छुक 50 महिलाओं को उद्यानिकी विभाग से 20 क्विंटल हल्दी बीज प्रदाय की गई है और समूह की दीदियों ने 40-40 किलो अपनी बाड़ी में हल्दी गाठों का रोपण किया है। इस प्रकार हल्दी उत्पादन इस वर्ष होने पर अगले वर्ष इस हल्दी को मां दन्तेश्वरी महिला फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड कुआकोण्डा के द्वारा खरीदी भी की जायेगी। खरीदी कर इस हल्दी का समूह के द्वारा प्रसंस्करण कर दुकान तथा थोक किराना दुकानों में सप्लाई करने की योजना है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में हल्दी की खेती के लिए अच्छा वातावरण है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ’’बिहान’’ द्वारा हल्दी की खेती को महिलाओं की आर्थिक समृद्धि एवं आजीविका से जोड़ते हुए पहल की जा रही हैं।