लाइन में फाल्ट के चलते गंगा पार की विद्युत व्यवस्था लड़खड़ाई,24 घंटे में 5 घंटे ही मिल सकी सप्लाई
अमृतपुर फर्रुखाबाद। विधानसभा अमृतपुर क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था लगातार चरमराती जा रही है। गंगा पार क्षेत्र के उपभोक्ता आए दिन बिजली की समस्या को लेकर परेशान रहते हैं। 33 केवी लाइन की लंबाई अधिक होने के कारण आए दिन फॉल्ट बने होते रहते हैं।
शासनादेश के अनुसार 18 घंटे की सप्लाई होनी चाहिए परंतु गंगा पार के चार विद्युत उपकेंद्रों को सप्लाई के नाम पर 10 से 12 घंटे ही मिल पाती हैं। बाकी के समय में कभी लोकल फाल्ट कभी 33 केवी ब्रेकडाउन कभी 11 हजार और कभी इंसुलेटर पंचर तो कभी पेड़ो की डालें तारों पर झूलने लगती हैं। लाइन पर खड़े पेड़ भी विद्युत सप्लाई में बाधक साबित हो रहे हैं।
बीते दिवस शनिवार शाम 10 बजे से विद्युत सप्लाई बाधित हुई तो फिर सारी रात नहीं आ सकी। दिन में 3 घंटे की सप्लाई शुरू होने के बाद पुनः बाधित हो गई। 33 केवी लाइन में फॉल्ट आया और विद्युत व्यवस्था चरमरा गई। अधिशासी अभियंता से बात करने पर पता चला कि लाईन में फाल्ट हुआ है और 33 केवी लाइन पर शीशम का पेड़ गिर जाने की वजह से तार टूट गया और सप्लाई बंद हो गई।
मिलने वाली 18 घंटे की सप्लाई गंगा पार क्षेत्र को कभी भी पूर्ण रूप से नहीं मिल पाई। जब इस क्षेत्र की सप्लाई बाधित होती है तो कई बिजली आधारित उपक्रम बन्द हो जाते हैं। जिसमें इलेक्ट्रॉनिक की दुकानों पर किसान और मजदूरों पर इसका विशेष प्रभाव पड़ता है। बिजली से चलने वाले उपकरण ठप हो जाते हैं। जो किसान बिजली आधारित नलकूप लगाये बैठे हैं और खेतो में उन्हीं से पानी देते है ऐसी स्थिति में पानी न लगने के कारण फसले भी चौपट हो जाती हैं। विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए विद्युत कर्मचारी मेहनत भी करते हैं परंतु लंबी लाइन होने के कारण उनकी मेहनत ज्यादा समय तक रंग नहीं दिखा पाती।
आए दिन लगातार हो रहे फल्ट से गंगा पार के पांच सैकड़ा गांव प्रभावित होते हैं। इस समय इस क्षेत्र में बाढ़ का प्रकोप चल रहा है। जिसकी वजह से शाम ढलने के बाद उजाले की अति आवश्यकता होती है। क्योंकि बाढ़ के पानी में जहरीले कीड़े आ आते हैं और घरों में छिप जाते हैं। उजाला ना होने के कारण दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए लंबी लाइन को ठीक करना होगा। अन्यथा की स्थिति में गंगा पार क्षेत्र के उपभोक्ता बिगड रही बिजली व्यवस्था को लेकर मायूस होते जा रहे हैं।
Jul 28 2024, 19:11