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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के खिलाफ थाने पहुंची महिला, लगाया छेड़खानी का आरोप

#bengalgovernoranandaboseaccusedofmolesting_woman

चुनावी माहौल में देश में आरोप-प्रत्यारोपों की बौछार हो रही है। अभी कर्नाटक के हासन से जीडी(एस) सांसद और एनडीए प्रत्याशी प्रजव्वल रेवन्ना सेक्स स्कैंडल पर विवाद कम नहीं हुआ है कि इस बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस के खिलाफ एक महिला ने छेड़खानी का आरोप लगाया है। गुरुवार रात एक महिला हेयर स्ट्रीट पुलिस थाने पहुंची और आरोप लगाया कि उसके साथ छेड़छाड़ हुई है। जानकारी के मुताबिक महिला राजभवन में अस्थायी कर्मचारी के तौर पर काम करती है। हालांकि पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं की है लेकिन शिकायत की कॉपी लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि गुरुवार दोपहर को राजभवन में शांति कक्ष से जुड़ी एक अस्थायी कर्मचारी होने का दावा करने वाली एक महिला गवर्नर हाउस के अंदर स्थित पुलिस चौकी के प्रभारी के पास पहुंची और आनंद बोस पर उसके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। अधिकारी ने तुरंत स्थानीय हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन से संपर्क किया, जिसके अंतर्गत राजभवन आता है, जिसके बाद पुलिस गवर्नर हाउस पहुंची।बाद में महिला को राजभवन से हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां उसने राज्यपाल पर स्थायी नौकरी दिलाने के बहाने 'छेड़छाड़' करने का आरोप लगाते हुए एक लिखित शिकायत दर्ज कराई।महिला का आरोप है कि राज्यपाल ने उन्हें बायोडाटा के साथ राजभवन स्थित अपने चेंबर में आने को कहा था, जहां उनके साथ छेड़खानी की गई।

आरोपों की जांच के लिए टीम का गठन

कोलकाता पुलिस के सेंट्रल डिवीजन की डिप्टी कमिश्नर (डीसी) इंदिरा मुखर्जी ने कहा, 'राज्यपाल के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। इस मामले में एक जांच टीम का गठन किया गया है। हम अगले कुछ दिनों में कुछ संभावित गवाहों से बात करेंगे। साथ ही सीसीटीवी फुटेज के लिए अनुरोध किया गया है।'

संदेशखालि पर बात करने से पहले भाजपा को इस पर जवाब देना चाहिए-ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने शुक्रवार को राजभवन में महिला कर्मी से कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने को लेकर राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस को आड़े हाथों लिया। पूर्वी बर्धवान जिले में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि राजभवन में महिला के साथ छेड़छाड़ की खबर सुन उनका दिल रो रहा है। उन्होंने इसे शर्मनाक करार दिया। कल, महिला की व्यथा सुन मेरा दिल से पड़ा। मैंने उसके आरोप का वीडियो देखा। संदेशखालि पर बात करने से पहले भाजपा को यह जवाब देना चाहिए कि राज्यपाल ने राजभवन में काम करने वाली महिला के साथ ऐसा क्यों किया।" ममता ने आश्चर्य जताया कि "कल रात राजभवन में आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मुद्दे पर एक शब्द भी क्यों नहीं बोला।" उन्होंने कहा, "महिला रोती हुई बाहर आई और कहा कि वह अब राजभवन में काम करने को लेकर बहुत ही भयभीत है। 

कुछ राजनीतिक ताकतों द्वारा लगाए गए आरोपों का स्वागत- राज्यपाल

हालांकि, राज्यपाल बोस ने आरोपों का खंडन किया है। राजभवन ने शुक्रवार को राज्यपाल का एक रिकॉर्ड बयान जारी किया था। इसमें तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए राज्यपाल ने कहा था, 'कोई भी टीएमसी के भ्रष्टाचार और हिंसा पर लगाम लगाने के मेरे प्रयासों को रोक नहीं सकता है। मेरे प्रयास दृढ़ हैं। बयान में उन्होंने आगे कहा कि मैं कुछ राजनीतिक ताकतों द्वारा लगाए गए आरोपों का स्वागत करता हूं। मैं जानता हूं कि अभी और भी बहुत कुछ होने वाला है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि कोई मुझे इन बेतुके आरोपों से नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लग रहा है कि मुझे एक दिन 1943 की बंगाल फेमिन के साथ-साथ 1946 में कलकत्ता में हुई हत्याओं के लिए भी दोषी ठहराया जाएगा।'

भारतीय नौसेना ने फिर बचाई पाकिस्तानी चालक दल की जान**

भारतीय नौसेना ने अरब सागर में एक संकट कॉल का जवाब देते हुए, 20 पाकिस्तानी चालक दल के सदस्यों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की। जब चालक दल का एक सदस्य लगभग डूब गया था, त्वरित प्रतिक्रिया की। नौसेना ने एक बयान में कहा, शनिवार को अरब सागर में समुद्री डकैती रोधी अभियानों के लिए तैनात आईएनएस सुमेधा मिशन ने एक संकटकालीन कॉल पर एक ईरानी एफवी (20 पाकिस्तानी चालक दल के साथ) को गंभीर चिकित्सा सहायता प्रदान की, जिसमें से एक चालक दल के सदस्य के डूबने की स्थिति थी। गश्ती जहाज आईएनएस सुमेधा ने 30 अप्रैल के शुरुआती घंटों में एफवी अल रहमानी को रोका। जहाज से चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम जहाज पर चढ़ गई और चालक दल के एक सदस्य को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की, जो सांस लेने में कठिनाई और सक्रिय दौरे का अनुभव कर रहा था। इसमें कहा गया है, "चिकित्सीय प्रबंधन के बाद, रोगी को होश आ गया और उसे चिकित्सकीय रूप से राहत मिली।" बयान में कहा गया है, "भारतीय नौसेना की मिशन तैनात इकाइयों के अथक प्रयास क्षेत्र में काम करने वाले नाविकों की सुरक्षा और सहायता के प्रति उसकी दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं।" मार्च में, भारतीय नौसेना ने एक ईरानी मछली पकड़ने वाले जहाज के 23 सदस्यीय चालक दल को सफलतापूर्वक बचाया था। सोमालिया के निकट सशस्त्र समुद्री डाकुओं द्वारा अपहरण कर लिया गया। जहाज, अल-कंबर 786, को 28 मार्च को अरब सागर में सोकोट्रा, यमन के दक्षिण-पश्चिम में नौ समुद्री लुटेरों ने जब्त कर लिया था। भारतीय नौसैनिक जहाजों आईएनएस सुमेधा और आईएनएस त्रिशूल ने 12 घंटे से अधिक समय तक "गहन बलपूर्वक सामरिक उपाय" करते हुए हस्तक्षेप किया, जिसके कारण समुद्री डाकुओं को आत्मसमर्पण करना पड़ा। पकड़े गए समुद्री लुटेरों को समुद्री डकैती के खिलाफ घरेलू कानूनों के तहत आरोपों का सामना करने के लिए भारत लाया गया था। इस बीच, मछली पकड़ने वाली नौका पर सवार 23 पाकिस्तानी नागरिकों के चालक दल की चिकित्सा जांच की गई और उन्हें मछली पकड़ने की गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए सुरक्षित घोषित किया गया था ।
सूरत, इंदौर के बाद अब पुरी में कांग्रेस उम्मीदवार का चुनाव लड़ने से इनकार, बोलीं- कैंपेन के लिए फंड नहीं दे पा रही पार्टी

#after_surat_and_indore_puri_congress_candidate_sucharita_mohanty_withdraw

सूरत, इंदौर के बाद अब कांग्रेस को फिर से झटका लगा है।ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। मोहंती ने आरोप लगाया है कि पार्टी उन्होंने आर्थिक तौर पर चुनाव लड़ने में कोई मदद नहीं कर रही है। कांग्रेस उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने इसको लेकर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को चिठ्ठी लिखी है। पुरी लोकसभा सीट पर 25 मई को मतदान होना है, उससे पहले ही कांग्रेस को यह झटका लगा है। बता दें कि यहां से संबित पात्रा बीजेपी के उम्मीदवार हैं।

सुचारिता मोहंती ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी का टिकट लौटा दिया और दावा किया कि उन्हें पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ने के लिए कोई पैसा नहीं दिया गया है। सुचारिता मोहंती ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को ईमेल भेजा है, जिसमें उन्होंने लिखा कि वह सांसद का टिकट लौटा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुचारिता मोहंती ने लिखा कि पुरी लोकसभा सीट पर हमारा चुनाव प्रचार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है क्योंकि पार्टी ने मुझे चुनाव के लिए फंडिंग देने से इनकार कर दिया। ओडिशा कांग्रेस के प्रभारी डॉ अजॉय कुमार ने मुझे खुद ही चुनाव प्रचार का खर्चा उठाने को कहा। 

सुचारिता ने आगे कहा, मैं एक सैलरीड प्रोफेशनल जर्नलिस्ट थी। 10 साल पहले मैंने चुनावी राजनीति में प्रवेश किया। मैंने पुरी में अपने अभियान में अपना सब कुछ झोंक दिया है। मैंने प्रगतिशील राजनीति के लिए पब्लिक डोनेशन ड्राइव भी चलाया लेकिन कोई खास सफलता नहीं मिली। मैंने अनुमानित अभियान खर्च को न्यूनतम करने का भी प्रयास किया। इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ।

कांग्रेस उम्मीदवार ने सुचारिता ने कहा कि मैं अपने दम पर धन नहीं जुटा सकी, इसलिए मैंने आपके और हमारी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के सभी दरवाजे खटखटाए और उनसे पुरी संसद सीट पर चुनावी कैंपेन के लिए आवश्यक फंड देने का आग्रह किया। मगर मुझे कोई सहयोग नहीं मिला। 

सुचारिता ने कहा कि यह साफ है कि केवल फंड की कमी हमें पुरी में विजयी अभियान से रोक रही है। मोहंती ने पार्टी टिकट लौटाते हुए कहा कि वह एक कांग्रेसी महिला हैं और कांग्रेस के मूल्य उनके डीएनए में हैं। मोहंती ने लिखा कि 'मैं आगे भी कांग्रेस की सिपाही रहूंगी।

ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट को हॉट सीट माना जा रहा है। यहां से भाजपा के चर्चित नेता संबित पात्रा चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस प्रत्‍याशी सुचारिता मोहंती द्वारा चुनाव न लड़ने की घोषणा के बाद पात्रा की राह आसान हो सकती है। इससे पहले सूरत और इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्‍मीदवार ऐन वक्‍त पर अपना नाम वापस ले चुके हैं। सूरत में तो भाजपा प्रत्‍याशी को विजयी भी घोषित किया जा चुका है।

रॉबर्ट वाड्रा, प्रियंका गांधी को हाशिये पर डाल रहा है राहुल गाँधी खेमा - बीजेपी

किशोरी लाल शर्मा द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए अमेठी से नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके "शिविर" ने उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और बहनोई को हाशिये पर डाल दिया है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि यूपी शहर में लोकप्रियता का दावा करने के बाद भी "राहुल गांधी खेमे" ने अमेठी सीट के लिए रॉबर्ट वड्रा की अनदेखी की।अमित मालवीय ने कहा कि प्रियंका गांधी वड्रा जल्द ही कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर सकती हैं।

"रॉबर्ट वाड्रा , जिन्होंने अमेठी में अपार लोकप्रियता का दावा किया बावजूद इसके इस सीट के लिए उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया । यह स्पष्ट है कि राहुल गांधी खेमा कांग्रेस में प्रियंका वाड्रा और उनके पति दोनों को व्यवस्थित रूप से हाशिए पर डाल रहा है। उन्होंने शनिवार सुबह एक्स पर लिखा। 

रॉबर्ट वाड्रा ने क्या कहा था?

पिछले महीने रॉबर्ट वाड्रा ने दावा किया था कि वह अमेठी में लोकप्रिय हैं। उन्होंने कहा कि देश चाहता है कि वह सक्रिय राजनीति में रहें। जहां तक सक्रिय राजनीति में मेरी भूमिका का सवाल है, जब मैंने लोगों के लिए काम किया है तो उन्होंने मुझे हमेशा मजबूत किया है...देश चाहता है कि मैं सक्रिय राजनीति में रहूं। अगर कांग्रेस पार्टी को लगेगा कि मैं बदलाव ला सकता हूं तो मैं सक्रिय राजनीति में आऊंगा। यह जरूरी नहीं है कि मैं अमेठी से चुनाव लड़ूंगा, मैं मोरादाबाद और हरियाणा से भी चुनाव लड़ सकता हूं।" समाचार एजेंसी एएनआई ने वाड्रा के हवाले से कहा।

रॉबर्ट वाड्रा की टिप्पणी से अटकलें शुरू हो गई थीं कि वह कांग्रेस पार्टी के पूर्व गढ़ अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। राहुल गांधी ने लोकसभा में तीन बार अमेठी का प्रतिनिधित्व किया। हालांकि, 2019 में वह बीजेपी की स्मृति ईरानी से सीट हार गए। राहुल गांधी ने कांग्रेस के एक अन्य गढ़ रायबरेली से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है, जिसे उनकी मां सोनिया गांधी ने खाली किया था।

इस बीच पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दावा किया कि प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ साजिश रची जा रही है।उन्होंने एएनआई से कहा, "राहुल गांधी अगर अमेठी से चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे तो उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ना चाहिए था।"सोनिया गांधी के सीट छोड़ने के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी।

शतरंज के “शहंशाह” गैरी कास्परोव की भारतीय चुनाव में एंट्री, रायबरेली सीट को लेकर राहुल गांधी पर कसा तंज

#chess_legend_kasparov_s_surprise_dig_at_rahul_gandhi 

भारत में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। सात चरणों में होने वाले चुनाव में दो फेज के लिए वोटिंग हो चुकी है अब पांच चरणों के लिए मतदान होने हैं। भारत में हो रहे चुनाव पर दुनियाभर की नजर है। अब भारत में हो रहे चुनावों में शतरंज के पूर्व चैंपियन गैरी कास्परोव की एंट्री हो गई है। गैरी कास्पारोव ने अपने एक पोस्ट से लोगों को हैरानी में डाल दिया है। दरअसल उन्होंने लोकसभा चुनाव में रायबरेली से चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए पहले उनसे रायबरेली की सीट जीतने को कहा।

शुक्रवार को शतरंज के पूर्व चैंपियन गैरी कास्परोव ने मजाक-मजाक में राहुल गांधी को ट्रोल कर दिया। कास्परोव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा, परंपरावादी कहते हैं कि शीर्ष स्तर के लिए चुनौती पेश करने से पहले आपको पहले रायबरेली से जीतना होगा। शीर्ष स्तर से कास्परोव का परोक्ष इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर था।

उन्होंने यह प्रतिक्रिया कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश की उस पोस्ट को लेकर दी, जहां उन्होंने रायबरेली सीट पर पार्टी द्वारा उम्मीदवार की घोषणा के बाद राहुल गांधी को ‘सियासत और शतरंज का एक अनुभवी खिलाड़ी’ बताया था।

दरअसल, कांग्रेस ने हाल ही में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अपने मोबाइल फोन पर शतरंज खेलते हुए राहुल गांधी का एक वीडियो को पोस्ट किया था। इस वीडियो में गांधी ने कास्परोव को अपना पसंदीदा शतरंज खिलाड़ी बताया और खेल और राजनीति के बीच समानताएं बताईं थीं।इसके साथ ही उन्होंने खुद को राजनेताओं में सबसे अच्छा शतरंज खिलाड़ी बताया था। उनके इसी वीडियो पर पत्रकार-लेखक संदीप घोष ने सोशल मीडिया पर लिखा, शुक्र है कास्परोव व विश्वनाथन आनंद जल्द रिटायर हो गए और उन्हें हमारे समय के सबसे महान शतरंज जीनियस का सामना नहीं करना पड़ा। घोष ने इस पोस्ट में कास्परोव व आनंद को टैग भी किया। इसी के जवाब ने कास्परोव ने यह पोस्ट किया।

बता दें कि रायबरेली सीट पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हाल ही में राज्यसभा जाने के बाद खाली हुई थी। इसके बाद शुक्रवार सुबह राहुल गांधी के रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया गया। उन्होंने फिर शुक्रवार को ही रायबरेली से अपना नामांकन दाखिल किया, जो इस सीट के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख भी थी। इस सीट पर राहुल का मुकाबला कांग्रेस छोड़ आए एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह से है।

शतरंज के “शहंशाह” गैरी कास्परोव की भारतीय चुनाव में एंट्री, रायबरेली सीट को लेकर राहुल गांधी पर कसा तंज

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भारत में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। सात चरणों में होने वाले चुनाव में दो फेज के लिए वोटिंग हो चुकी है अब पांच चरणों के लिए मतदान होने हैं। भारत में हो रहे चुनाव पर दुनियाभर की नजर है। अब भारत में हो रहे चुनावों में शतरंज के पूर्व चैंपियन गैरी कास्परोव की एंट्री हो गई है। गैरी कास्पारोव ने अपने एक पोस्ट से लोगों को हैरानी में डाल दिया है। दरअसल उन्होंने लोकसभा चुनाव में रायबरेली से चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए पहले उनसे रायबरेली की सीट जीतने को कहा।

शुक्रवार को शतरंज के पूर्व चैंपियन गैरी कास्परोव ने मजाक-मजाक में राहुल गांधी को ट्रोल कर दिया। कास्परोव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा, परंपरावादी कहते हैं कि शीर्ष स्तर के लिए चुनौती पेश करने से पहले आपको पहले रायबरेली से जीतना होगा। शीर्ष स्तर से कास्परोव का परोक्ष इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर था।

उन्होंने यह प्रतिक्रिया कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश की उस पोस्ट को लेकर दी, जहां उन्होंने रायबरेली सीट पर पार्टी द्वारा उम्मीदवार की घोषणा के बाद राहुल गांधी को ‘सियासत और शतरंज का एक अनुभवी खिलाड़ी’ बताया था।

दरअसल, कांग्रेस ने हाल ही में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अपने मोबाइल फोन पर शतरंज खेलते हुए राहुल गांधी का एक वीडियो को पोस्ट किया था। इस वीडियो में गांधी ने कास्परोव को अपना पसंदीदा शतरंज खिलाड़ी बताया और खेल और राजनीति के बीच समानताएं बताईं थीं।इसके साथ ही उन्होंने खुद को राजनेताओं में सबसे अच्छा शतरंज खिलाड़ी बताया था। उनके इसी वीडियो पर पत्रकार-लेखक संदीप घोष ने सोशल मीडिया पर लिखा, शुक्र है कास्परोव व विश्वनाथन आनंद जल्द रिटायर हो गए और उन्हें हमारे समय के सबसे महान शतरंज जीनियस का सामना नहीं करना पड़ा। घोष ने इस पोस्ट में कास्परोव व आनंद को टैग भी किया। इसी के जवाब ने कास्परोव ने यह पोस्ट किया।

बता दें कि रायबरेली सीट पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हाल ही में राज्यसभा जाने के बाद खाली हुई थी। इसके बाद शुक्रवार सुबह राहुल गांधी के रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया गया। उन्होंने फिर शुक्रवार को ही रायबरेली से अपना नामांकन दाखिल किया, जो इस सीट के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख भी थी। इस सीट पर राहुल का मुकाबला कांग्रेस छोड़ आए एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह से है।

खालिस्तानी आतंकी निज्जर हत्या मामले में कनाडा पुलिस की कार्रवाई, 3 आरोपी गिरफ्तार, नाम और तस्वीरें जारी

#canadian_police_arrest_three_indian_nationals_in_nijjar_murder_case

खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी की खबर आ रही है। कनाडा की पुलिस ने निज्जर की हत्या के मामले में गिरफ्तार 3 आरोपियों की तस्वीरें जारी की है। कोर्ट में पेश दस्तावेजों के मुताबिक गिरफ्तार करणप्रीत सिंह, कमलप्रीत सिंह और करण बराड़ पर निज्जर की हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप है। संदिग्धों की पहचान भारतीय नागरिकों के रूप में की गई है। कनाडाई पुलिस ने निज्जर की गोली मारकर हत्या किए जाने के लगभग एक साल बाद आरोपियों को हिरासत में लिया है।

कनाडा की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने इस मामले में निज्जर की हत्या के मामले में कथित हिट स्क्वॉड के तीन सदस्यों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया। रॉयल कैनेडियन माउंटेन पुलिस ने इन संदिग्धों की तस्वीर भी जारी की है। जांचकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने इन लोगों को निज्जर की हत्या का काम सौंपा था। बता दें कि पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव बढ़ गया था। भारत ने पीएम ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया था।

सीटीवी न्यूज ने एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र के हवाले से बताया कि निज्जर की हत्या के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अदालत के दस्तावेजों से पता चलता है कि निज्जर की हत्या के मामले में करणप्रीत सिंह (28), कमलप्रीत सिंह (22) और करण बराड़ (22) पर हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक, हिट स्क्वॉड के सदस्यों पर आरोप है कि जिस दिन ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे में निज्जर की हत्या की गई थी, उस दिन उन्होंने शूटर, ड्राइवर और जासूस के रूप में अलग-अलग भूमिकाएं निभाई थीं। 

खबर में कहा गया कि दो प्रांतों में शुक्रवार को अभियान चलाए गए, जिस दौरान इन लोगों को गिरफ्तार किया गया। सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ताओं ने कुछ महीने पहले कनाडा के कथित हिट स्क्वॉड के सदस्यों की पहचान की थी और उन्हें कड़ी निगरानी में रखा गया था। 

बता दें कि ट्रूडो ने रविवार को टोरंटो में खालसा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया था जिसमें कुछ खालिस्तान समर्थक लोगों ने हिस्सा लिया था। ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों का जिक्र करते हुए कथित तौर पर कार्यक्रम से इतर मीडिया से कहा कि कि हमारा काम राजनीतिक विरोध को कुचलना नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पहले भी इस तरह की टिप्पणी की है। उनकी टिप्पणी एक बार फिर कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को दिये गये राजनीतिक स्थान को दर्शाती है।

रायबरेली से नामांकन के बाद राहुल गांधी का भावुक पोस्ट, बोले-मां ने भरोसे के साथ मुझे सौंपी परिवार की कर्मभूमि

#rahul_gandhi_reaction_after_nomination_from_raebareli

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को रायबरेली से नामांकन कर दिया।राहुल गांधी ने रायबरेली सीट से नामांकन दाखिल करने के बाद एक इमोशनल पोस्ट किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए पोस्ट में उन्होंने सोनिया गांधी, किशोरी लाल, रायबरेली और अमेठी का भी जिक्र किया है। इन दोनों जगहों को अपना परिवार बताया है।

नामांकन दाखिल करने बाद राहुल गांधी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, "रायबरेली से नामांकन मेरे लिए भावुक पल था! मेरी मां ने मुझे बड़े भरोसे के साथ परिवार की कर्मभूमि सौंपी है और उसकी सेवा का मौका दिया है। अमेठी और रायबरेली मेरे लिए अलग-अलग नहीं हैं, दोनों ही मेरा परिवार हैं और मुझे खुशी है कि 40 वर्षों से क्षेत्र की सेवा कर रहे किशोरी लाल जी अमेठी से पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। अन्याय के खिलाफ चल रही न्याय की जंग में, मैं मेरे अपनों की मोहब्बत और उनका आशीर्वाद मांगता हूं। मुझे विश्वास है कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई में आप सभी मेरे साथ खड़े हैं।"

इसके साथ ही प्रियंका गांधी ने भी एक पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि लिखा, कुछ दिनों पहले मां ने कहा था कि मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर पूरा होता है। ऐसा परिवार, जिसने कई पीढ़ियों को अपने में मिला लिया, जो दशकों तक हर उतार-चढ़ाव, सुख-दुख, संकट और संघर्ष में चट्टान की तरह हमारे साथ खड़ा रहा। यह स्नेह और भरोसे का रिश्ता है। यह सेवा और आस्था का रिश्ता भी है जो आधी सदी से अटूट है। हमें यहां के लोगों से जितना प्यार, जितनी आत्मीयता और सम्मान मिला है, वह अनमोल है।प्रियंका आगे लिखती हैं, पारिवारिक रिश्ते की सबसे बड़ी सुंदरता ये होती है कि आप चाहकर भी कभी उसके स्नेह का कर्ज नहीं उतार पाते। इस मुश्किल वक्त में जब हम देश के लोकतंत्र संविधान और जनता के अधिकारों को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, तो इस लड़ाई में भी हमारा पूरा परिवार दृढ़ता से हमारे साथ खड़ा है। आज हजारों परिवारजनों की मौजूदगी में बड़े भाई राहुल जी ने अपना चुनाव नामांकन दाखिल किया।

बता दें कि आज रायबरेली सीट पर नामांकन के आखिरी दिन राहुल गांधी ने पर्चा भरा। दोपहर करीब सवा दो बजे कलेक्ट्रेट में अपना नामांकन भरा। राहुल के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी और राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत मौजूद रहे। आज सुबह ही राहुल गांधी विशेष विमान से दिल्ली से फुरसतगंज पहुंचे। वहां से अमेठी होते हुए रायबरेली आए। रायबरेली के केंद्रीय कांग्रेस कार्यालय में पूजा करने के बाद राहुल का नामांकन जुलूस निकला। भारी भीड़ इस जुलूस में शामिल रही। पहले राहुल गांधी को इस पूजा में शामिल होना था और एक रथनुमा खुले ट्रक में सवार होकर नामांकन करने जाना था लेकिन नामांकन में देर होता देख वह सीधे अपनी बंद गाड़ी से ही निकल गए।

कांग्रेस ने शुक्रवार (3 मई) को रायबरेली और अमेठी के लिए पार्टी के उम्मीदवारों पर सस्पेंस को अंतिम समय में समाप्त कर दिया। इन दोनों सीटों पर 20 मई को पांचवें चरण के दौरान मतदान होना है। पार्टी ने राहुल गांधी को रायबरेली से और किशोरी लाल शर्मा को अमेठी से उम्मीदवार बनाया।रायबरेली में राहुल गांधी का मुकाबला कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में आए दिनेश प्रताप सिंह से है। दिनेश सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी हैं। राहुल गांधी केरल के वायनाड लोकसभा सीट से भी उम्मीदवार हैं। वहां दूसरे चरण के दौरान 26 अप्रैल को वोटिंग हुई।

क्या चुनाव में केजरीवाल को मिलेगी राहत? सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत पर कही बड़ी बात

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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई के संकेत दिए हैं। दरअसल, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि केस लंबा चलेगा ऐसे में अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार कर सकते हैं। बता दें अब इस मामले में कोर्ट 7 मई को सुबह 10.30 मिनट पर सुनवाई करेगा।

कोर्ट ने इस मामले में बीते सोमवार और मंगलवार को सुनवाई की थी। जिसमें कोर्ट ने ईडी से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सवाल पूछे थे आज ईडी उन्हीं सवालों का जवाब सुप्रीम कोर्ट को देना था। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू को बताया कि गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई में समय लगने की संभावना है। बेंच ने कहा कि इसलिए अदालत अंतरिम जमानत पर जांच एजेंसी का पक्ष सुनने पर विचार कर रही है। इस पर राजू ने कहा कि वह केजरीवाल की अंतरिम जमानत का विरोध करेंगे। बेंच ने कहा, "हम कह रहे हैं कि हम अंतरिम जमानत पर सुनवाई करेंगे और यह नहीं कह रहे हैं कि हम अंतरिम जमानत देंगे। हम अंतरिम जमानत दे भी सकते हैं और नहीं भी।" 

सुनवाई के शुरुआत में अरविंद केजरीवाल के वकील मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी की तरफ से 16 मार्च को आखिरी समन आया था। जिसके लिए मुझे 21 मार्च को पेश होना था। ऐसे में 16 मार्च तक मैं आरोपी या दोषी नहीं था फिर अचानक से क्या बदल गया? जिस पर कोर्ट ने जवाब दिया कि जब तक आप गिरफ्तार नहीं होते तब तक आप आरोपी नहीं हैं।फिर सिंघवी के कहा कि जिन सबूतों के आधार पर केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया वो 2023 से भी पहले के हैं उन्हीं सबूतों को आधार बनाकर मनीष सिसोदिया को भी गिरफ्तार किया था। सिंघवी ने आगे कहा कि सेक्शन 70 PMLA किसी राजनीतिक दल द्वारा किए कि किसी भी काम के लिए उसके अध्यक्ष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने आज कहा कि वह अंतरिम जमानत याचिका पर मंगलवार (7 मई) को सुनवाई करेगी और केंद्रीय एजेंसी और केजरीवाल के वकील को तैयार रहने को कहा। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सचेत करते हुए कहा कि वे यह न मानें कि अदालत जमानत दे देगी। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से संभावित समाधान पेश करने को कहा। अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत दी जाती है तो केजरीवाल पर शर्तें लगाई जाएंगी। अदालत ने ईडी से यह भी विचार करने को कहा कि क्या केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में अपनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर करना चाहिए।

प्रियंका तो कोई भी उपचुनाव लड़कर सदन पहुंच जाएगी', जयराम रमेश बोले- शतरंज की कुछ चालें बाकी हैं..., जानें इन बातों का मतलब

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लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की ओर से रायबरेली से राहुल गांधी चुनावी मैदान में नजर आएंगे। राहुल गांधी ने आज रायबरेली से अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया। इसके साथ ही प्रियंका गांधी वाड्रा के भी चुनावी मैदान में उतरने की अफवाहों पर भी विराम लग गया। दरअसल, पहले चर्चा थी कि अमेठी से राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे और रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनावी मैदान में उतर सकती हैं।हालांकि, पार्टी ने अचानक रणनीति बदली और दोनों सीटों पर नए चेहरे उतारने का फैसला लिया। कांग्रेस ने ये रणनीति हार के डर से नहीं, बल्कि काफी सोच विचार कर बनाई है। कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश की प्रतिक्रिया से ये बात साफ जाहिर हो रही है।

कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “राहुल गांधी जी की रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर बहुत सारे लोगों की बहुत सारी राय हैं। लेकिन वह राजनीति और शतरंज के मंजे हुए खिलाड़ी हैं और सोच समझ कर दांव चलते हैं। ऐसा निर्णय पार्टी के नेतृत्व ने बहुत विचार विमर्श करके बड़ी रणनीति के तहत लिया है। इस निर्णय से BJP, उनके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गये हैं। बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो परंपरागत सीट की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा अब क्या करें?

अपने पोस्ट में जयराम ने आगे लिखा, “रायबरेली सिर्फ़ सोनिया जी की नहीं, ख़ुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है। यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है। रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी तो तीन बार उत्तरप्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गये, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाये? एक बात और साफ़ है कि कांग्रेस परिवार लाखों कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं उनकी आकांक्षाओं का परिवार है। कांग्रेस का एक साधारण कार्यकर्ता ही बड़े बड़ों पर भारी है। कल एक मूर्धन्य पत्रकार अमेठी के किसी कार्यकर्ता से व्यंग में कह रही थी कि आप लोगों का नंबर कब आएगा टिकट मिलने का? लीजिए, आ गया! कांग्रेस का एक आम कार्यकर्ता अमेठी में BJP का भ्रम और दंभ दोनों तोड़ेगा।“

जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में कहा, “प्रियंका जी धुआँधार प्रचार कर रही हैं और अकेली नरेंद्र मोदी के हर झूठ का जवाब सच से देकर उनकी बोलती बंद कर रही हैं। इसीलिए यह ज़रूरी था कि उन्हें सिर्फ़ अपने चुनाव क्षेत्र तक सीमित ना रखा जाए। प्रियंका जी तो कोई भी उपचुनाव लड़कर सदन पहुँच जायेंगी। आज स्मृति ईरानी की सिर्फ़ यही पहचान है कि वो राहुल गांधी के ख़िलाफ़ अमेठी से चुनाव लड़ती हैं। अब स्मृति ईरानी से वो शोहरत भी छिन गई। अब बजाय व्यर्थ की बयानबाज़ी के, स्मृति ईरानी स्थानीय विकास के बारे में जवाब दें, जो बंद किए अस्पताल, स्टील प्लांट और IIIT हैं – उसपर जवाब देना होगा। शतरंज की कुछ चालें बाक़ी हैं, थोड़ा इंतज़ार कीजिए।”

2019 के लोकसभा चुनावों के पहले तक उत्तर प्रदेश में अमेठी और रायबरेली की सीटें कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थीं। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनावों में रायबरेली ही एक ऐसी सीट थी, जिसे कांग्रेस ने यूपी में जीता था। बीजेपी की आंधी में भी रायबरेली का गढ़ सुरक्षित रहा था, ऐसे में कांग्रेस को लग रहा होगा कि इस बार भी राहुल की उम्मीदवारी से उन्हें फायदा हो सकता है। कांग्रेस को उम्मीद है कि गांधी परिवार के नाम पर, और वह भी राहुल गांधी के नाम पर, रायबरेली की जनता जरूर अपना समर्थन देगी।वहीं, राहुल अगर केरल के वायनाड और रायबरेली दोनों से जीते जाते हैं, तो जो सीट वो छोड़ेंगे वहां से प्रियंका गांधी उपचुनाव लड़ सकती हैं।