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लोकसभा चुनाव : राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया की गतिविधियों पर चुनाव आयोग की नजर, बिना अनुमति किया प्रचार तो होगी कार्रवाई

 लोकसभा चुनाव का आगाज होने के साथ ही राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया की गतिविधियों पर चुनाव आयोग की नजर है। चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला एवं राज्यस्तरीय मीडिया कोषांग में सोशल मीडिया सेल अलग से गठित किया गया है। यहां सभी राजनीतिक दलों एवं उनके प्रत्याशियों के सोशल मीडिया एकाउंट की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। सोशल मीडिया कोषांग में विशेषज्ञों की तैनाती की गयी है। जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और कंप्यूटर तकनीक से परिचित हैं।

बिहार में लोकसभा चुनाव में शामिल सभी राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय दलों का अपना-अपना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। जहां वे पार्टी की विचारधारा एवं प्रमुख गतिविधियों को पोस्ट करते हैं। इनमें भाजपा, कांग्रेस, जदयू, राजद, लोजपा-रामविलास, हिन्दुस्तानी आवाम पार्टी (सेक्यूलर) सहित अन्य प्रमुख दल शामिल हैं।

 

निर्वाचन विभाग के अनुसार चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश के तहत सोशल मीडिया एकाउंट पर बिना अनुमति के प्रत्याशी ने चुनाव प्रचार किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही, किसी प्रत्याशी के समर्थन में भी पोस्ट होने पर प्रत्याशी को जवाब देना होगा। इनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, ह्वाटसएप, एक्स शामिल है। इन सभी सोशल मीडिया माध्यमों को आदर्श आचार संहिता के दायरे में लाया गया है।

विभाग के अनुसार यदि किसी खबर के माध्यम से किसी दल अथवा किसी प्रत्याशी विशेष का चुनाव का प्रचार किया जाता है, तो ट्विटर, फेसबुक, यू-ट्यूब, विकिपीडिया जैसे सोशल मीडिया पर प्रचार सामग्री पोस्ट करने से पहले नियमों के तहत निर्वाची पदाधिकारी से अनुमति लेनी होगी। इन माध्यमों से कोई विज्ञापन दिया जाता है तो उसका प्रमाणीकरण भी कराना होगा।

आदर्श आचार संहिता के तहत हो सकती है कार्रवाई

बिहार में चुनाव के पूर्व से ही बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का कार्यालय सह निर्वाचन विभाग, बिहार पुलिस भी अपने-अपने सोशल मीडिया पर सक्रिय है। बिहार पुलिस के सोशल मीडिया पर दस लाख से भी अधिक फॉलोवर्स हैं। राजनीतिक दलों व उनके उम्मीदवारों के लिए अनैतिक रुप से सोशल मीडिया का अपने पक्ष में उपयोग और विपक्ष पर हमला करना मुश्किल पड़ सकता है, उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है।

कौन है वो शख्स जिसने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका और यूएन उठाया सवाल, अपने ही देश बांग्लादेश से हो चुका है भगोड़ा घोषित

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी और अमेरिका के बाद संयुक्त राष्ट्र ने भी टिप्पणी की है।हालांकि भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इसका जवाब दे दिया गया है। क्या आप जानते हैं कि अमेरिका और यूएन ने यूं ही भारत को लेकर टिप्पणी नहीं की है। बल्कि, अमेरिकी विदेश विभाग और संयुक्त राष्ट्र की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उनसे सवाल पूछे गए थे, जिनकी जवाब के दौरान भारत के आंतरिक मामलों लेकर प्रतिक्रिया आई। अब सवाल ये उठता है कि आखिर अमेरिकी विदेश विभाग और संयुक्त राष्ट्र की प्रेस ब्रीफिंग में भारत में केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर सवाल किसने उठाए थे? तो जान लें कि सवाल उठाने वाले उस पत्रकार का नाम मुश्फिकुल फजल अंसारे है जो बांग्लादेशी नागरिक है और अमेरिका के वॉशिंगटन में रहता है।

अंसारे ने मैथ्यू मिलर से पूछा था ये सवाल

बता दें कि अंसारे ने अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से सवाल पूछा था कि एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार ‘भारत में लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष पर कार्रवाई तेज हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के संबंध में टिप्पणियों पर भारत द्वारा अमेरिकी राजनयिक को तलब करने पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है, और आप विपक्षी पार्टी के बैंक खाते की हेराफेरी पर भारत में हालिया राजनीतिक उथल-पुथल को कैसे देखते हैं?’

अमेरिका ने दी थी ये प्रतिक्रिया

सवाल के जवाब में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी सहित इन कार्रवाईयों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम कांग्रेस पार्टी के आरोपों से भी अवगत हैं कि कर अधिकारियों ने उनके कुछ बैंक खातों को इस तरह से फ्रीज कर दिया है जिससे आगामी चुनावों में प्रभावी ढंग से प्रचार करना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा, और हम इनमें से प्रत्येक समस्या के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रियाओं की मांग करते हैं। हमें नहीं लगता कि किसी को इस पर आपत्ति होनी चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता के भी पूछा वही सवाल

अंसारे ने 28 मार्च को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान वीडियो लिंक के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता से भी यही सवाल पूछा था। इस पर प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने जवाब दिया था कि हमें उम्मीद है कि ‘भारत में वैसा ही होगा, जैसा कि चुनाव वाले किसी भी देश में होता है। राजनीतिक और नागरिक अधिकारों सहित सभी के अधिकार सुरक्षित होते हैं और हर कोई ऐसे माहौल में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान करने में सक्षम होता है।’ 

भारत विरोधी बातें फैलाने में माहिर

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंसारे का भारत विरोधी बातें फैलाने का इतिहास रहा है और वह बांग्लादेश का भगोड़ा भी है। अंसारे अपने लेखों में अक्सर बांग्लादेश के राजनीतिक घटनाक्रम के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। अपनी साख का उपयोग कर कई बार अमेरिका को भारत के मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित कर चुका है।

कौन हैं मुश्फिकुल फज़ल

मुश्फिकुल फज़ल (अंसारे) के फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार, वह साउथ एशिया पर्सपेक्टिव्स का कार्यकारी संपादक, राइट टू फ्रीडम का कार्यकारी निदेशक, जस्ट न्यूज बीडी के लिए व्हाइट हाउस संवाददाता है। इसके साथ ही इस बात का भी दावा किया जाता रहा है कि जमात-ए-इस्लामी और बीएनपी मुश्फिकुल फजल अंसारे के संगठन राइट टू फ्रीडम को फंड देते हैं।

चौधरी चरण सिंह-आडवाणी, नरसिंह राव समेत पांत हस्तियों को मिला भारत रत्न, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित*
#bharat_ratna_2024
राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज भारत सरकार द्वारा चयनित पांच विभूतियों को भारत रत्न से सम्मानित किया।राष्ट्रपति मुर्मू ने स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व पीएम नरसिंह राव, पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया है।राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस समारोह में केवल लाल कृष्ण अडवानी को छोड़कर अन्य चार विभूतियों को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान दिया गया। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव का भारत रत्न अवार्ड उनके बेटे - पी वी प्रभाकर राव ने रिसिव किया। इसी तरह से एम एस स्वामीनाथन का भारत रत्न अवार्ड उनकी बेटी डा. नित्या राव ने लिया है। कर्पूरी ठाकुर का भारत रत्न अवार्ड उनके बेटे रामनाथ ठाकुर ने रिसीव किया है। जबकि चौधरी चरण सिंह का भारत रत्न अवार्ड उनके ग्रैंड सन जयंत चौधरी के हाथों में दिया गया है। 2014 में सत्ता संभालने के बाद से मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है। 2024 के 5 हस्तियों को मिलाकर इस सम्मान को अब तक हासिल करने वालों की संख्या 53 हो जाएगी।
कांग्रेस नेता की भाजपा की महिला प्रत्याशी पर विवादित टिप्पणी, कहा-खाना बनाना आता है

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कर्नाटक के कांग्रेस नेता शमनूर शिवशंकरप्पा ने भारतीय जनता पार्टी की महिला प्रत्याशी पर कुंठित टिप्पणी की है। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार गायत्री सिद्धेश्वरा को लेकर विवादित बयान दिया।पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में बोलते हुए शमनूर ने कहा कि बीजेपी उम्मीदवार केवल रसोई में खाना बनाना जानती हैं।भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार के खिलाफ उन्होंने विवादित टिप्पणी की जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है।

शिवशंकरप्पा ने गायत्री की योग्यताओं की निंदा करते हुए दावा किया कि उनमें सार्वजनिक मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने की क्षमता नहीं है। शिवशंकरप्पा ने कहा जैसा कि आप सभी जानते हैं कि वह चुनाव जीतकर मोदी को कमल का फूल खिलाना चाहती थीं।उन्होंने आगे कहा कि पहले, उन्हें दावणगेरे की समस्याओं को समझने दें। हमने (कांग्रेस) क्षेत्र में विकासात्मक कार्य किए हैं। यह जानना एक बात है कि कैसे बात करनी है, लेकिन वह केवल रसोई में खाना बनाना जानती हैं। विपक्षी दल के पास जनता के सामने बात करने की ताकत नहीं है।

भाजपा उम्मीदवार का पलटवार

गायत्री सिद्धेश्वर ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पर पलटवार किया। उन्होंने विभिन्न व्यवसायों में महिलाओं द्वारा की गई प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिवशंकरप्पा ने इस तरह से कहा कि हमें सिर्फ खाना बनाना चाहिए और रसोई में रहना चाहिए। आज महिलाएं किस पेशे में नहीं हैं? हम आसमान में भी उड़ रहे हैं। बूढ़े आदमी को नहीं पता कि महिलाओं ने कितनी प्रगति की है। वह उस प्यार को नहीं जानते, जिसके साथ सभी महिलाएं घर पर पुरुषों, बच्चों और बड़ों के लिए खाना बनाती हैं।

कांग्रेस नेता के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत

बता दें कि नेता की इस टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा इसकी निंदा की जा रही है। इस बीच भाजपा की प्रवक्ता मालविका अविनाश ने भी शिवशंकरप्पा की इस टिप्पणी के खिलाफ उनकी चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है।

सुपुर्द-ए-खाक हुआ मुख्तार अंसारी, जनाजे में शामिल हुए हजारों लोग

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माफिया मुख्तार अंसारी के शव को कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है।मुख्‍तार के बेटे उमर अंसारी और अन्‍य परिजन भी वहां मौजूद रहे। इस दौरान कब्रिस्तान के बाहर हजारों की तादाद में मुख्तार के समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा।मना करने के बावजूद लोगों ने नारा लगाना शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने ड्रोन से निगरानी करनी शुरू कर दी।

मुख्तार अंसारी का बेटा और विधायक अब्बास अंसारी को अपने पिता के जनाजे में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली। वह जेल में पूरी रात नहीं सोया। जेल अधिकारियों ने बताया कि वह पूरी रात करवट बदलता रहा। अब्बास अंसारी हाई सिक्योरिटी बैरक में पूरी रात टहलता रहा। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने पूरी रात फफक फफक कर रोता रहा अब्बास अंसारी।

बता दें कि पिता सुबहानल्ला अंसारी की कब्र के ठीक सामने मुख्तार अंसारी को दफनाया गया। उसके ठीक बगल में उसकी मां की कब्र है। यहीं पर उसके दादा और परदादाओं की कब्र भी हैं। मुख्तार अंसारी की इच्छा थी कि उसे अपने बुजुर्गों के पास ही दफनाया जाए।

माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई थी।बांदा जेल में अचानक मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज इलाज ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया है। बांदा मेडिकल कॉलेज में मुख्तार का पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद उनके शव को बेटे उमर अंसारी को सौंप दिया गया। मुख्तार की मौत के बाद से ही गाजीपुर और मऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में पुलिस हाईअलर्ट पर है। पुलिस ने सभी जिलों में पहरा बढ़ा दी है।

बहुत कम लोग जानते होंगे गैंगस्टर मुख्तार अंसारी और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी थे करीबी रिश्तेदार

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पूर्वांचल के कुख्यात अपराधी और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार को बांदा जेल में मौत हो गई। पांच बार विधायक रहे पूर्वांचल के डॉन मुख्तार अंसारी पर भले ही दर्जनों मुकदमे दर्ज हों, लेकिन उनके पारिवारिक इतिहास काफी गौरवशाली रहा है। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने बताया था कि वह अपराधी नहीं, बल्कि एक प्रतिष्ठित परिवार से है। उसके दादा स्वतंत्रता सेनानी, नाना भारतीय सेना में ब्रिगेडियर, जबकि पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में चाचा लगते हैं।

गाजीपुर जिले के यूसुफपुर निवासी माफिया मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया में पहली बार नाम वर्ष 1988 में हरिहरपुर के सच्चिदानंद राय हत्याकांड से सामने आया था। कुछ ही वर्षों में ही पूर्वांचल की तमाम हत्याओं और ठेकेदारी में मुख्तार का नाम खुलेआम लिया जाने लगा। सत्ता और प्रशासन का संरक्षण मिलने से मुहम्मदाबाद से निकलकर मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया में बड़ा नाम हो गया।मुख्तार अंसारी मूल रूप से मखनू सिंह गिरोह का सदस्य था, जो 1980 के दशक में काफी सक्रिय था। अंसारी का यह गिरोह कोयला खनन, रेलवे निर्माण, स्क्रैप निपटान, सार्वजनिक कार्यों और शराब व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में लगा हुआ था। अपहरण, हत्या व लूट सहित अन्य आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता था। जबरन वसूली का गिरोह चलाता था। मऊ, गाजीपुर, वाराणसी और जौनपुर में सक्रियता ज्यादा थी। 20 से भी कम की उम्र में मखनू सिंह गिरोह में शामिल होकर मुख्तार अपराध की सीढ़ियां चढ़ता रहा। जमीन पर कब्जा, अवैध निर्माण, हत्या, लूट, सहित अपराध की दुनिया के कुछ ही ऐसे काम होंगे, जिनसे मुख्तार का नाम न जुड़ा हो।

मुख्तार की मौत के बाद यूपी में माफियाराज का एक अध्याय हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो गया। मुख्तार अंसारी भले ही माफिया या बाहुबली रहा हो, लेकिन उसका परिवार अपने देश में एक प्रतिष्ठित परिवार था। मुख्तार के दादा स्वतंत्रता सेनानी, नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उम्मान ‘नौशेरा का शेर’ नाम से फेमस थे। यही नहीं देश के पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में मुख्तार अंसारी के चाचा लगते थे।

मुख्तार अंसारी के दादा मुख्तार अहमद अंसारी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे थे, जबकि नाना मोहम्मद उस्मान भारतीय सेना में ब्रिगेडियर थे। ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान ने 1948 के जंग में पाकिस्तान को छक्के छुड़ाते हुए शहीद हुए थे। मुख्तार अंसारी के पिता सुभानुल्लाह अंसारी भी एक राजनेता थे और उनकी छवि साफ-सुथरी थी। मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी समाजवादी पार्टी के सदस्य और 2007-2012 में गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद सीट से विधायक बने थे। वर्तमान में अगर बात करें तो सिबगतुल्लाह से छोटे अफजाल गाजीपुर से सांसद हैं, बेटा अब्बास मऊ सदर सीट से विधायक है और भतीजा सुहैब अंसारी मोहम्मदाबाद सीट से विधायक है।

मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी शॉट गन शूटिंग का इंटरनेशनल खिलाड़ी है। दुनिया के टॉप टेन शूटरों में शुमार अब्बास न सिर्फ नेशनल चैंपियन रह चुका है। बल्कि दुनियाभर में कई पदक जीतकर देश का नाम रौशन कर चुका है। लेकिन अब वो भी पिता के कर्मों की सजा भुगत रहा है। उसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

देर रात अपने घर पहुंचा मुख्तार अंसारी का शव, आज किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक, जनाजे से पहले किले में तब्दील हुआ गाजीपुर

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मुख्तार अंसारी को आज सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। इससे पहले उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की इस वक्त किलेबंदी कर दी गई है। मुख्‍तार अंसारी का थोड़ी देर में जनाजा निकलेगा। घर पर जनाजे की तैयारियां चल रही हैं। जनाने को लेकर मुख्तार के घर पर भीड़ जुटने लगी है। मुख्तार के जनाजे में शामिल होने वालों पर भी पुलिस की निगरानी है। घर से लेकर कब्रिस्तान तक पुलिस फोर्स तैनात है। चप्पे चप्पे पर बैरीकेडिंग की गई है। कब्रिस्तान में भी दफन करने की तैयारी पूरी कर ली गई है।

मुख्तार अंसारी को कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। जिसको लेकर कालीबाग कब्रिस्तान के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।मुख्तार अंसारी के आवास से कब्रिस्तान तक 900 मीटर की दूरी पर पुलिस तैनात की गई है। यूपी के कोने-कोने से सुरक्षा की खातिर पुलिस को गाजीपुर बुलाया गया है. 25 पुलिस उपाधीक्षक, 15 एडिशनल एसपी, 150 इंस्पेक्टर्स, 300 सब इंस्पेक्टर्स, 10 आईपीएस और 25 एसडीएम समेत तमाम पुलिस के आला अधिकारी और पुलिस कर्मी इस समय गाजीपुर में हैं। इसके अलावा, गाजीपुर डीएम, डीआईजी, आईजी, एडीजी जोन, सीडीओ गाजीपुर, पीएसी की 10 बटालियन, आरएएफ, यूपी पुलिस के 5000 जवान और होमगार्ड के पांच हजार जवान इस समय सुरक्षा के लिए मोहम्मदाबाद में तैनात हैं।

बता दें, गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। इसके बाद उसके शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच बांदा के पोस्टमार्टम हाउस से माफिया मुख्तार अंसारी का शव गाजीपुर लाया गया है। देर रात उसका शव बांदा से गाजीपुर पहुंचा।शुक्रवार को शाम 4:43 बजे शव का काफिला बांदा से निकला जो देर रात 1:15 बजे गाजीपुर के मुहम्मदाबाद में मुख्तार के आवास पर पहुंचा। बताया जा रहा है कि घर के पीछे के रास्ते शव लाया गया है।

माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात हार्ट अटैक (कार्डिया अरेस्ट) से मौत हो गई। मुख्तार को मौत से करीब तीन घंटे पहले ही इलाज के लिए मंडलीय कारागार से मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां नौ डॉक्टरों की टीम उसके इलाज में जुटी थी। रात करीब साढ़े दस प्रशासन ने मुख्तार की मौत की सूचना सार्वजनिक की।

एनडीए में शामिल होने के 8 महीने बाद प्रफुल्ल पटेल को बड़ी राहत, सीबीआई ने इस मामले में दायर की क्लोजर रिपोर्ट

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मनमोहन सरकार के दौरान एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय से एनएसीआईएल कंपनी बनी थी। कंपनी पर पट्टे पर विमान लिए जाने में कथित अनियमितताओं का आरोप लगा। विलय के दौरान प्रफुल्ल पटेल केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री थे । मई 2017 में सीबीआई ने मंत्रालय के अफसरों पर सत्ता का दुरुपयोग लगाते हुए दो केस दर्ज किए थे। ईडी ने इस केस में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल को आरोपी बनाते हुए पूछताछ की थी। हालांकि अब सीबीआई ने एयर इंडिया के लिए विमान पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं के मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की है। पता चला है कि भ्रष्टाचार के आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिलने के बाद एजेंसी ने 19 मार्च को एक अदालत में रिपोर्ट दायर की। 

एनडीए में शामिल होने के आठ महीने बाद केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल के ख़िलाफ़ एयर इंडिया-इंडियन एयरलाइन्स विलय मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की है। जुलाई 2023 में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत की थी। तब शरद पवार के सबसे करीबी रहे प्रफुल्ल पटेल भी अजित पवार के साथ चले गए। अभी अजित पवार महाराष्ट्र की एनडीए सरकार में मंत्री हैं। जुलाई 2024 में प्रफुल्ल पटेल को एनडीए से राज्यसभा के लिए चुना गया, जबकि उसके पहले के कार्यकाल के चार साल बाकी थे। वह 2022 में ही राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। 2028 में उनका कार्यकाल खत्म होने वाला था। एनडीए में आने के बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और फिर से सांसद बने। राज्यसभा में उनका कार्यकाल 2030 में खत्म होगा। अजित गुट में शामिल होने के 8 महीने बाद ही अब प्रफुल्ल पटेल को सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी है।

सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) प्रशांत कुमार की अदालत में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी। अभी विशेष अदालत ने इस रिपोर्ट पर कोई फैसला नहीं किया है। कोर्ट ने इस केस की सुनवाई के लिए 15 अप्रैल को जांच अधिकारी को तलब किया है। इसके बाद अदालत तय करेगी कि केस की जांच आगे बढ़ाई जाए या नहीं। 

यूपीए शासन काल में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस का विलय हुआ। एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद नेशनल एविएशन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसीआईएल) का गठन किया गया था। पट्टे पर विमान लिए जाने में कथित अनियमितताओं के आरोप लगे। आरोप हैं कि बड़ी संख्या में विमानों को पट्टे पर लिया गया। इसमें अनियमितताएं हुईं और जिसके कारण राष्ट्रीय विमानन कंपनी को भारी नुकसान हुआ और कुछ लोगों को फायदा हुआ।

सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 2017 में इस मामले की जांच शुरू की थी।मई 2019 में ईडी ने एक विशेष अदालत को बताया था कि बिचौलिए दीपक तलवार, प्रफुल्ल पटेल ख़ास दोस्त हैं, जिन्होंने कथित तौर पर 2008-09 के दौरान मंत्री के साथ क़रीबी होने का फ़ायदा उठाया और मुनाफ़ा कमाने वाली एयर इंडिया के रूट्स को प्राइवेट एयरलाइन्स को बाँटने में मदद की।

चुनावी समर में कूदीं कंगना रनौत, मंडी में बीजेपी प्रत्याशी का रोडशो, कहा- हीरोइन और स्टार मत समझना, आपकी बेटी हूं

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हिंदी सिनेमा की एक्ट्रेस और लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार कंगना रनौत पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गईं हैं।कंगना रनौत चुनाव प्रचार करने के लिए मंडी पहुंची। यहां उन्होंने एक रोड शो किया और इस दौरान कहा कि ये मत सोचिए कि मैं हिरोईन हूं या कोई स्टार हूं। दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात कर भाजपा प्रत्याशी अभिनेत्री कंगना रणौत शुक्रवार को अपने गृह क्षेत्र पहुंचीं। उन्होंने चुनाव प्रचार का आगाज भी गृह क्षेत्र से किया। कंगना रणौत का भांबला पहुंचने से पहले बनोहा में जोरदार स्वागत हुआ। इस दौरान कंगना ने रोड शो भी किया।

कंगना रणौत ने कहा कि लोग गौरवान्वित हैं कि मंडी की बेटी और राष्ट्रवादी आवाज इस चुनाव में मंडी का प्रतिनिधित्व करेगी। विकास का मुद्दा हमारे लिए मुख्य है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस दिशा में हमारा मार्गदर्शन करेंगे, उस दिशा में हम काम करने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। मंडी की जनता दिखा देगी कि उनके दिल में क्या है।

कंगना रनौत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि आप यहां बड़ी भीड़ देख सकते हैं। बहुत सारे लोग यहां आए हैं। उन सभी को गर्व है कि मंडी की बेटी, मंडी की राष्ट्रवादी आवाज इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेगी। इस चुनाव में बीजेपी के लिए विकास ही मुख्य मुद्दा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे नेता नरेन्द्र नोदी जिस तरह से हमें गाइड करेंगे, उस दिशा में हम कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। मंडी की जनता दिखा देगी कि उनके दिल में क्या है।

बता दें कि मंडी लोकसभा सीट से भाजपा द्वारा टिकट दिए जाने के बाद कंगना रनौत ने पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा को आभार व्यक्त करते हुए कहा था कि मुझे मेरी मिट्टी ने बुलाया है और मुझे मेरी मिट्टी की सेवा करने का मौका मिल रहा है, इसके लिए आभार।

क्रेडिट कार्ड से लेकर एनपीएस तक होने जा रहा है बड़ा बदलाव, जानिए एक अप्रैल से कौन कौन से नियम बदल रहे

एक अप्रैल से नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत हो रही है, जिस पैसे से जुड़े 6 बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. जिसका असर सीधा आपकी जेब पर हो सकता है. इन बड़े बदलावों में क्रेडिट कार्ड और एनपीएस समेत कई नियम शामिल हैं. ये बदलाव आपके निवेश और पैसे के खर्च पर प्रभाव डाल सकते हैं. आइए जानते हैं इन 6 बदलाव के बारे में जो अप्रैल 2024 में लागू होंगे. 

NPS के नियम में बदलाव 

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्‍टम (NPS) को और सिक्‍योर बनाने के लिए आधार बेस्ड टू स्‍टेप अथेंटिफिकेशन सिस्‍टम पेश किया है. यह सिस्‍टम सभी पासवर्ड बेस NPS यूजर्स के लिए होगा, जिसे 1 अप्रैल से लागू कर दिया जाएगा. 15 मार्च को PFRDA ने नोटिफिकेशन जारी किया था. 

SBI क्रेडिट कार्ड में बदलाव

एसबीआई कार्ड ने घोषणा की है कि 1 अप्रैल, 2024 से कुछ क्रेडिट कार्ड के लिए किराया भुगतान लेनदेन पर रिवॉर्ड प्‍वाइंट का कलेक्‍शन बंद कर दिया जाएगा. इसमें AURUM, SBI कार्ड एलीट, SBI कार्ड एलीट एडवांटेज, SBI कार्ड पल्स और सिंपलीक्लिक SBI कार्ड शामिल हैं. 

क्रेडिट कार्ड संबंधी नियम 

यस बैंक ने कहा है कि जो यूजर्स क्रेडिट कार्ड से एक कैलेंडर तिमाही में 10 हजार या उससे ज्‍यादा खर्च करते हैं तो उनके लिए कंप्लिमेंट्री डोमेस्टिक लाउंस एक्‍सेस उपलब्‍ध होगा. वहीं आईसीआईसीआई बैंक क्रेडिट कार्ड के तहत तिमाही में 35 हजार या उससे ज्‍यादा खर्च करने पर हवाई अड्डे के लाउंज एक्सेस की सुविधा होगी. यह नियम एक अप्रैल से लागू होगा. इसके अलावा, एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड पर ईंधन, बीमा, और गोल्‍ड पर खर्च के लिए रिवॉर्ड प्‍वाइंट नहीं दिया जाएगा. यह 20 अप्रैल से लागू किया जाएगा. 

OLA मनी वॉलेट 

ओला मनी ने घोषणा की कि वह 1 अप्रैल, 2024 से प्रति माह अधिकतम 10,000 रुपये के वॉलेट लोड प्रतिबंध के साथ पूरी तरह से छोटे PPI (प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट) वॉलेट सेवाओं पर स्विच कर रहा है. कंपनी ने 22 मार्च को अपने ग्राहकों को एसएमएस भेजकर इस बारे में जानकारी दी है. 

फास्‍टैग केवाईसी 

अगर आप 31 मार्च 2024 तक फास्टैग केवाईसी (Fastag KYC) को अपडेट नहीं करवाते हैं तो 1 अप्रैल से फास्‍टैग यूज करने में समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है. बता दें कि NHAI ने फास्टैग केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है. 

LPG गैस की कीमत 

हर महीने की पहली तारीख को देशभर में एलपीजी सिलेंडर की कीमत में बदलाव होता है. 1 अप्रैल को कमर्शियल और घरेलू गैस सिलेंडर कीमत में बदलाव हो सकता है. हालांकि लोकसभा चुनाव के बीच इन कीमतों में बदलाव होने की संभावना काफी कम है.