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सरायकेला :निर्वाची पदाधिकारी खरसावां, उपायुक्त नें कुचाई प्रखंड के सभागार मे सभी BLO के साथ की बैठक

सरायकेला : निर्वाची निबंधन पदाधिकारी खरसावां विधानसभा सभा सह अपर उपायुक्त श्री संजय कुमार दास की अध्यक्षता में आज प्रखंड सह अंचल कार्यलय सभागर मे सभी बीएलओ और सुपरवाइजर के साथ बैठक आयोजित हुई । बैठक में मतदान दिवस के दिन BLOs के दायित्व तथा ASD VOTER (मृत मतदाता) को चिन्हित करने के सम्बन्ध मे बिंदुवार चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।

साथ हीं बीएलओ पर्यवेक्षक से कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आप सभी अपने-अपने बूथ में एएसबी, विशिष्ट नागरिक (85) वर्ष से अधिक व दिव्यांग मतदाताओं की सूची बनाये। तथा इनके मतदान करने की क्या व्यवस्था बनाई जा सकती है। इसकी भी जानकारी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ताकि ससमय सभी तैयारियां पूर्ण की जा सकें।

बैठक मे अपर उपायुक्त श्री संजय कुमार दास के साथ मुख्य रुप से सहायक निर्वाचक निबंधक पदाधिकारी सह अंचलाधिकारी खरसावां एवं अन्य सम्बन्धित पदाधिकारी उपस्थित रहें।

सरायकेला : 286 वीं जयंती पर याद किए गए महानायक क्रांतिवीर वीर शहीद रघुनाथ महतो।

सरायकेला : क्रांतिवीर वीर शहीद रघुनाथ महतो मूर्ति स्थापना संकल्प समिति झिमड़ी की ओर से महानायक क्रांतिवीर वीर शहीद रघुनाथ महतो की 286 वीं जयंती मनाई गई। नीमडीह प्रखंड अंतर्गत झिमड़ी स्थित सोनाडुंगरी परिसर में क्रांतिवीर वीर शहीद रघुनाथ महतो की प्रतिकृति पर माल्यार्पण कर उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दी गई।

इस अवसर पर मूर्ति स्थापना संकल्प समिति के संयोजक प्रभात कुमार महतो ने कहा कि क्रांतिवीर वीर शहीद रघुनाथ महतो ने देश की आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए थे। उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध प्रथम संगठित जन विद्रोह चुआड़ विद्रोह (1767 - 1778 ई०) किया था।

अंग्रेजों के जुल्म और महाजनों के शोषण के खिलाफ किसान वर्ग का नेतृत्व करते हुए उन्होंने पहला बिगुल फूंका था। इस विद्रोह के शुरुआती दौर में लगभग तीन साल तक आदिवासी कुड़मी समुदाय के लोग ही मोर्चा संभाले हुए थे। फिर संथाल, भूमिज, कोल, मुंडा आदि धीरे-धीरे इस मुहिम में जुड़ने लगे। क्रांतिवीर रघुनाथ महतो की सेना में लगभग 5000 लोग शामिल थे। यह सेना तीर-धनुष, टांगी, फरसा, तलवार, बल्लम्, घुंइचा आदि से सुसज्जित था। देश के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी व चुआड़ विद्रोह के महानायक क्रांतिवीर वीर शहीद रघुनाथ महतो को जितना सम्मान मिलना चाहिए था वह उन्हें अब तक नहीं मिला।

इसलिए झाड़खंड सरकार से मांग है कि वीर शहीद की गौरवगाथा को इतिहास विषय में समुचित स्थान देने का काम करें एवं प्राइमरी शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालय स्तरीय पाठ्यक्रम में देश के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी महानायक वीर शहीद रघुनाथ महतो की जीवनी शामिल करें।

राजभवन में स्थित मूर्ति गार्डेन में शहीद रघुनाथ महतो की मूर्ति स्थापित कर उन्हें उचित सम्मान देने का काम करें।

आदिवासी कुड़मी समाज के ईचागढ़ प्रखंड अध्यक्ष भोला महतो ने कहा कि 21 मार्च 1738 को वर्तमान के सरायकेला-खरसावां जिला के नीमडीह थाना अंतर्गत रघुनाथपुर के समीप घुंटियाडीह गांव में जन्मे क्रांतिवीर रघुनाथ महतो विद्रोह के दौरान लड़ते-लड़ते 05 अप्रैल 1778 को सिल्ली के लोटा गांव के 'गढ़तैंतेइर' में अंग्रेजों की गोली से शहीद हुए थे। इस प्रकार उन्होंने देश की आजादी के लिए अंतिम सांस तक लड़ते रहे।

ऐसे क्रांतिकारी शहीदों की जीवनादर्श सभी वर्गों, जातियों एवं मजहबों आदि से ऊपर होते हैं। 5 अप्रैल शहादत दिवस के अवसर पर 6 फीट की आदमकद मूर्ति की स्थापना होगी। इसके लिए 1 अप्रैल से शहीद स्थल सिल्ली प्रखंड स्थित किता-लोटा से 81 शहीद-मिट्टी कलश पदयात्रिओं की रवाना झिमड़ी के लिए होगी। इसके लिए पूरी तैयारी की गई है।

क्रांतिवीर वीर शहीद रघुनाथ महतो को श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से भोला महतो, गणेश महतो, पद्मलोचन महतो, गुहीराम महतो, सुशील मछुआ, अगस्त मछुआ, मंगल महतो, नारायण महतो, भद्रेश्वर महतो, चण्डी महतो, संजय महतो, ललित महतो, शंकर महतो, बृहस्पति महतो आदि शामिल थे।

चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में अवैध बालू खनन का काम धड़ल्ले से चालू,

सरायकेला : अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निर्देशालय यानी ईडी ने ताबड़तोड़ छापामारी कर पूरे राज्य में तहलका मचा दिया था, मामले की जांच अब भी हो रही है. वहीं इस प्रकार के कार्रवाई से बेखौफ चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में अवैध खनन का काम धड़ल्ले से चल रहा है. 

ग्रामीणों ने बताया कि चांडिल अनुमंडल अंतर्गत ईचागढ़ व तिरुलडीह थाना क्षेत्र के अलावा कपाली ओपी क्षेत्र में बालू की अवैध उत्खनन और तस्करी बदस्तूर जारी है.

 इससे जहां नदियों का सीना छलनी हो रहा है वहीं सरकार को लाखों-करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के बाद भी बालू की अवैध रूप से तस्करी जारी है.

 बताया जा रहा है कि खनन विभाग और पुलिस-प्रशासन के नाक के नीचे से नदी का बालू गैर कानूनी ढंग से बड़े शहरों के अलावा पश्चिम बंगाल तक पहुंचाया जा रहा है. बावजूद इसके किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो पा रही है.

सीमावर्ती क्षेत्र होने का मिलता है लाभ।

तिरूलडीह क्षेत्र स्थित बालू घाटों से रोजाना सैकड़ों हाईवा बालू पश्चिम बंगाल भेजा जाता है. तिरूलडीह में सुवर्णरेखा नदी से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम बंगाल का सीमा है. सीमा क्षेत्र निकट रहने के कारण बालू को आसानी से बंगाल भेजा जा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि रात के अंधेरे में जेसीबी के माध्यम से हाइवा में बालू लोड़कर भेजा जाता है, यह काम रातभर जारी रहता है.

 समय-समय पर इसके खिलाफ आवाज भी उठाया जाता रहा है. भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विजय कोईरी ने बताया कि तिरुलडीह थाना क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक बालू घाटों में बालू का अवैध खनन होता है. यही लाभ कपाली ओपी क्षेत्र में भी मिलता है. नदी से इस पार बालू और उस पार पूर्वी सिंहभूम जिले में सप्लाई. बालू घाटों की लीज निलामी नहीं होने के बावजूद क्षेत्र के नदियों से बालू खत्म कैसे हो रहा है. 

ग्रामीणों ने बताया कि वैसे सफेद बालू के काले कारोबार की सच्चाई का पता थाना और सड़कों के किनारे लगे सीसीटीवी की जांच से चल सकता है. सीसीटीवी की जांच से साफ पता चले सकेगा कि बालू की तस्करी होती भी है या फिर यह झूठा आरोप है.

सोड़ो घाट में खनन के लिए मिली है अनुमति

चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के एक मात्र बालू घाट ईचागढ़ प्रखंड के सोड़ो में बालू खनन की अनुमति सरकार की ओर से मिली है. लेकिन इस घाट में भी बालू का खनन बंद है.

 यहां 12 फरवरी से चालान निर्गत नहीं किया गया है. बावजूद इसके इस रास्ते आखिर कहां से बालू का परिवहन किया जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि कुछ स्थानीय लोगों की मिलीभगत से बालू कारोबारी काले कारोबार को अंजाम देते हैं. 

ग्रामीण बताते हैं कि स्थानीय लोग बालू ले जाने वाले हाइवा के आगे-पीछे चलते हुए उसे गंतव्य तक पहुंचाते हैं. वहीं रास्ते में किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके लिए सारी सेटिंग भी स्थानीय लोग ही करते हैं. ऐसे में अमन पसंद ग्रामीण भी बालू के अवैध करोबार को लेकर स्थानीय लोगों के रास्ते का रोड़ा नहीं बनना चाहते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि तिरुलडीह थाना क्षेत्र के बालू घाटों में रात के वक्त मेला सा नजारा रहता है. ग्रामीणों का कहना है कि अवैध रूप से बालू परिवहन के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों को इस प्रकार से प्रताड़ित किया जाता है कि वे फिर कभी दोबारा बालू मामले में बोलने से भी हिचकते हैं.

मतदान के प्रति उदासीनता, को दूर करने, तथा मतदाताओं को जागरूक करने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जिले के प्रभारी संग की बैठक

सरायकेला : शहरी क्षेत्रों में मतदान के प्रति उदासीनता,निम्न मतदान प्रतिशत की प्रवृति के निराकरण और मतदान प्रतिशत में वृद्धि के उद्देश्य से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135 ख में वर्णित सवैतनिक अवकाश के प्रावधान के विषय में जानकारी देने हेतु आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी,

झारखण्ड के द्वारा सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ बैठक की ।

 सराइकेला खरसावां जिले से उक्त बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त रविशंकर शुक्ला, प्रशासक, नगर निगम, आदित्यपुर, उप विकास आयुक्त, उप निर्वाचन पदाधिकारी एवं विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों में गठित मतदाता जागरूकता समूहों के नोडल अधिकारी जुड़े थे।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135 ख के माध्यम से किसी भी व्यवसायिक उद्यम, कारखाने, औद्योगिक उपक्रम या अन्य प्रतिष्ठान में नियोजित और मतदान के लिए योग्य व्यक्ति को मतदान दिवस पर एक दिन के सवैतनिक अवकाश का प्रावधान किया गया है।

 लोक उपक्रमों, रेलवे,निजी क्षेत्र के औद्योगिक उपक्रमों एवं इकाइयों में नियोजित कर्मियों को मतदान पंजीकरण, निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में जागरूक करने,  मतदान तिथि को सवैतनिक अवकाश के प्रावधान के बारे में जागरूकता के प्रसार और मतदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से उक्त संस्थानों में गठित मतदाता जागरूकता समूहों के साथ बैठक करने का निर्देश मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी महोदय द्वारा दिया गया।

शहरी क्षेत्रों और औद्योगिक इकाइयों में नियोजित कामगारों के मध्य मतदान के प्रति जागरूकता के प्रसार हेतु वोटर अवेयरनेस फोरम एक प्रभावी मंच हैं, जो अपने संस्थान के कर्मियों को वोटर हेल्पलाइन एप एवं वोटर सर्विस पोर्टल डाउनलोड करने, एप के माध्यम से मतदाता सूची में अपने नाम की जांच करने, क्विज, गेम्स,विमर्श आदि के माध्यम से मतदाता जागरूकता एवं सवैतनिक अवकाश संबंधी प्रावधानों का प्रचार कर मतदान प्रक्रिया को अधिक समावेशी बना सकते हैं।

मतदान के उपरांत वोटर अवेयरनेस फोरम के सदस्य ग्रुप सेल्फी लेने, मतदान के अनुभवों को साझा करने जैसी गतिविधियों में भाग ले सकते हैं।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त नें सभी बीएलओ सुपरवाइजर के साथ की बैठक


सरायकेला : लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने तथा मतदान केन्द्रो में मतदाताओं को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से आज समाहरणालय सभागार मे जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला ने सभी बीएलओ सुपरवाइजर के साथ बैठक की। 

इस दौरान उन्होंने बिंदुवार चर्चा करते हुए BLO सुपरवाइजर को उनके भूमिका से अवगत कराते हुए बूथ मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। साथ हीं वोटर अवेयरनेस फोरम के माध्यम से शहरी मतदाताओं को मतदान करने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया। 

इसके अतिरिक्त पर्सन विद डिसेबिलिटी (पीडब्ल्यूडी) तथा 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं को चिन्हित कर उन्हें सूचीबद्ध करने, उनसे व्यक्तिगत संपर्क कर उन्हें पोस्टल बैलट से मतदान करने के बारे में जानकारी प्रदान करने एवं मतदान करने के लिए प्रेरित करने का भी निर्देश दिया।

    इसके अतिरिक्त उपायुक्त ने चुनाव के दौरान फोर्स के आवागमन, आवसान व अन्य सुविधाओं को लेकर सभी सम्बन्धित पदाधिकारी एवं बीएलओ सुपरवाइजर को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। सभी प्रतिनियुक्त पदाधिकारी एवं कर्मी अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी निष्ठा, लगन एवं ईमानदारी से करें। शहरी क्षेत्र समेत ऐसे मतदान केंद्र जँहा पूर्व के निर्वाचन मे मतदान प्रतिशत कम रहा है वैसे क्षेत्रो मे जागरूकता उदेश्य से मतदान प्रतिशत बढ़ाने हेतु लोगों को विभिन्न माध्यम से प्रेरित करें।

बैठक मे उपायुक्त के साथ मुख्य रुप से अपर नगर आयुक्त -सह- वरीय पदाधिकारी स्वीप एवं प्रशिक्षण निर्वाचन कोषांग श्री आलोक कुमार दुबे, निर्वाची निबंधन पदाधिकारी खरसावां विधानसभा -सह- अपर उपायुक्त श्री संजय कुमार दास, उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री गौतम प्रसाद साहू एवं अन्य सम्बन्धित पदाधिकारी उपस्थित रहें।

सरायकेला: 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेज दिखा कर,कर सकेंगे मतदान,

सरायकेला : लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के तहत चुनाव का पर्व-देश का गर्व मतदान होना है। आगामी 13 मई 2024 को 10 सिंहभूम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र एवं 11 खूंटी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र मे मतदान होगा वही 08 रांची संसदीय निर्वाचन क्षेत्र मे आगामी 25 मई 2024 को मतदान होगा। 

ऐसे में मतदाताओं को मतदान करने से पहले मतदाता फोटो युक्त पहचान पत्र (ईपीक) प्रस्तुत करना है। यादि किसी कारणवश मतदाता मतदान केंद्र में ईपीक प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं तो ऐसी स्थिति में मतदाता वैकल्पिक फोटो युक्त पहचान पत्र दिखाकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं।

12 अन्य दस्तावेज मान्य

मतदान के लिए ईपीक के अलावा 12 अन्य वैकल्पिक दस्तावेज मान्य हैं। इसमें पासपोर्ट, ड्राइविग लाइसेंस, राज्य या केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंकों या डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक, पेन कार्ड, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) द्वारा जारी किए गए कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड (श्रम मंत्रालय), फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज,आधार कार्ड,सांसद/विधायक पार्षद को जारी कार्ड एवं विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र (यूडीआइडी) शामिल है।

झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के लोकसभा प्रत्याशी दामोदर सिंह हांसदा का आदित्यपुर में किया गया स्वागत

सरायकेला : झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के लोकसभा प्रत्याशी दामोदर सिंह हांसदा का आदित्यपुर इमली चौक के समीप हुआ जोरदार स्वागत ।

यहां दामोदर सिंह हांसदा ने सिधु-कान्हू ओर बाबा तिलका माझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और कहा कि झारखंड में लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा का जो गठन हुआ है, और इसका उद्देश्य है कि झारखंड में अव्यवस्था कायम है उसके ऊपर बहुत मुखर होकर हमलोगों ने आवाज उठाया है ।

पहले यहाँ टाइगर जयराम महतो आवाज उठाते थे आज उनके साथ कई टाइगर ओर बूढ़े शेर भी शामिल है ।

उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम का बिना संसोधन किए लोगो का जमीन लूटा जा रहा है । उन लुटेरों का कड़ा जवाब देने के लिए झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा बनाया गया है। हर जगह सिर्फ लूट ही लूट मचा हुआ है ।

उन्होंने बताया कि 1994 से 2006 तक का गेल का रिपोर्ट है कि सिर्फ कोल्हान से साढ़े 14 हजार करोड़ का लूट हुआ है। तो आज 2006 से अब तक कितना हजार करोड़ का लूट हुआ होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है जिसका अब तक कोई जांच नही हुआ है ।

जिसमे कॉरपोरेट राजनेता और सरकारी अधिकारी की मिली भगत है ओर सब मिलकर लूट मचाए हुए है झारखंड के इन लुटेरों से बचाने के लिए झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के गठन हुआ है वही दामोदर सिंह हांसदा ने कहा कि आज आदित्यपुर के हाथियाडीह में जमीन अधिग्रहण कर प्लांट बनाया जा रहा जिसका विरोध ग्रामीणों ने प्रदर्शन व वह ग्रामीण थे जिनका जमीन उसमे गया है।

 वैसे विरोधियों या ग्रामीणों को जेल भेजने का काम किया जो सरकार जल जंगल जमीन की लड़ाई लड़ रही थी वह सरकार आज उन लुटेरों के साथ मिलकर झारखंड की भूमि को अधिग्रहण कर रही है ।

ग्रामीणों को जेल भेजने का काम कर रही है वही पक्षिम सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जिस सांसद को ग्रामीणों का साथ देना चाहिए व कांग्रेस को छोड़ अब नरेंद्र मोदी के पार्टी में चली गयी जो दुर्भाग्य की बात है ।

वही उन्होंने कहा कि हमारी तैयारी लोकसभा को लेकर हो चुकी है अभी तो हम सिर्फ लोगो से मिल रहे है लोगो का जो प्यार मिल रहा आप खुद देख रहे है।

 वहीं चुनाव में विस्थापन का मुद्दा है आदित्यपुर इंड्रस्ट्री एरिया में कई कंपनियां है और यहाँ के स्थानीय को उन कंपनियों में स्थायी नोकरी नही मिल रही है जबकि यहां स्थानीय नीति ही नही बनी है।

हल्की बारिश में आदित्यपुर नगर निगम की पोल खुली,पानी निकासी नही होने से जल जमाव,लोगों को हो रही परेशानी


सरायकेला : आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड नंबर 17 की खुली पोल पानी निकासी न होने पर हल्की बारिश से ही सड़कों पर जलजमा होने लगा ।

लोगो को चलने में कठिनाई हो रही है। ऐसे में आदित्यपुर नगर निगम प्रशासक के बेहतर पानी निकासी के दावे खोखले नजर आ रहे हैं ।

नगर निगम 17 वार्ड ,सड़कों का हाल देखने वाला है बारिश अधिक होने पर शहर की कॉलोनियों में जलभराव होना लाजमी है पर नगर निगम कई महीनों से दावे कर रहा है, लेकिन नालों की सफाई तक नहीं कर पाया है ।

कॉलोनियों में नालियों की सफाई का कार्य अभी भी अधूरा पड़ा है कई स्थान तो ऐसे हैं, जहां नालियों के ऊपर गंदगी के ढेर लगे हैं और लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर है ।

 तीन दिन से कॉलोनियों में डंपर न होने से जहां-तहां गंदगी के ढेर लगे हुए हैं जहां से कूड़ा बारिश के साथ बह कर नालियों व नालों में जा रहा मौसम विभाग की माने तो अगले कुछ दिन तक मानसून सक्रिय रहेगा और हलकी व मध्यम बारिश होने की संभावना है पर जिस तरह से सडको पर पानी भर जाना और ऐसे में सड़क पर चलने वाले राहगीर भी जलजमाव ओर गंदगी से परेशान है ।

इधर नगर निगम में पानी और गंदगी कोई आम बात नही नगर निगम क्षेत्र के किसी कोने में नजर से देखिएगा तो आपको गंदगी और पानी का जलजमाव सभी जगह दिख जाएगा सिर्फ नगर निगम क्षेत्र का वार्ड 17 ही नही बल्कि किसी भी वार्डो पर आपकी नजर दौड़ेगी तो गंदगी और पानी एक साथ मिल जाएंगे और यह बारिश के दिनों की बात नही बल्कि आए दिन भी जलजमाव ओर गंदगी नगर निगम में ब्याप्त है सिर्फ नगर निगम का सिस्टम पूरी तरह से फेल है जहाँ तहा पानी सडको पर नजर आने लगे ।

सरायकेला : गर्मी के दस्तक देने से पहले ही सूखने लगे हैं दलमा पर्वत के जलस्रोत,


करोडों खर्च करने के बाद भी वन विभाग की नाकामी के कारण प्यासे रहेंगे जंगली जानवर,

रिपोर्ट: विजय कुमार की।

सरायकेला : कोल्हान के बहु चर्चित सेंचुरी गज परियोजना के नाम से जाना जाता हे। गर्मी का मौसम दस्तक देने से पहले ही सरायकेला जिला के चांडिल अनुमंडल अंतर्गत दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के विभिन्न जलस्रोत सूखने लगे हैं। जल स्रोत ,झील और झरनों के प्राकृतिक स्रोत सुख रहे हैं। अभी ठीक तरह से गर्मी का मौसम का प्रभाव नहीं पड़ा और यह स्थिति बहुत चिंताजनक रहा है।

कोई जलस्रोतों के सूखने पर दलमा सेंचुरी के जंगलों में रहने वाले जंगली जीव जंतु हाथी ,रॉयल बंगाल टाईगर,तेंदुआ,भालू,सियार,लोमड़ी,लकड़बाघा , पशु पक्षियों को काफी परेशानी होगी। यह और बात है कि पशु पक्षियों के लिए वन विभाग गर्मी के मौसम में वैकल्पिक व्यवस्था कर सकती हैं। लेकिन सदियों से जो प्राकृतिक जलस्रोत हैं, उनमें जलस्तर कम होना भविष्य के लिए खतरा है। आखिर दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में मौजूद जलस्रोतों के सूखने के क्या कारण है ? यह सवाल हर किसी के मन में है। 

बता दें कि दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में 193.22 वर्ग क्षेत्र फल फैले हे साथ लगभग 79 छोटे बड़े प्राकृतिक जलस्रोत महजूद हैं। इन 79 जलस्रोत में जल स्रोत, झील, झरना, तालाब शामिल हैं। समय समय पर इनका जीर्णोद्धार वन विभाग द्वारा किया जाता है। वहीं, विभाग द्वारा सेंचुरी में अनेकों चेक डैम निर्माण कराया गया है। परंतु, विभाग द्वारा वन्य जीव जंतु की सुविधा और सुरक्षा के लिए खर्च किए जा रहे लाखों करोड़ों रुपए बर्बाद होता दिख रहा है। 

इस समय दलमा के अधिकांश जलस्रोत सुख चुके हैं और कई जलस्रोत का जलस्तर काफी आपने पुराने आकार सिमट कर कम हो चुका है। यदि अगले एक - दो माह में भारी बारिश नहीं हुई तो दलमा में सुखाड़ की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता है। जलस्रोतों से सूखने के पीछे कहीं न कहीं वन विभाग की लापरवाही और नाकामी झलक रही हैं। दलमा के प्राकृतिक जलस्रोतों का संरक्षण करने में विभाग नाकाम साबित हुआ है।

 इसके चलते इस समय जलस्रोत सुख रहे हैं। दो दशक पहले दलमा में ऐसी स्थिति नहीं थी। तब सभी जलस्रोत लबालब पानी हुआ करते थे। दोपहर के समय जलस्रोतों में पशु पक्षियों को देखा जाता था। केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा प्रति बर्ष करोड़ो रुपया वन एब पर्यावरण विभाग को जंगल एब वन्य जीव जंतु के संरक्षण के करोड़ों रुपया मुहैया करते हे।

बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी कि इस साल गर्मी के मौसम में हाथी के साथ वन्य प्राणियों को जल क्रीड़ा के पेयजल और की व्यवस्था मिलेगी या नहीं ? वन्य प्राणियों के सुविधा के लिए वन विभाग क्या उपाय करेगी? 

आखिर दलमा में वन्य प्राणियों और ईको टूरिज्म ;(पर्यटकों) के नाम पर खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपए का सदुपयोग हो रहा है या बंदरबांट ?

सरायकेला : गर्मी के दस्तक देने से पहले ही सूखने लगे हैं दलमा पर्वत के जलस्रोत,


करोडों खर्च करने के बाद भी वन विभाग की नाकामी के कारण प्यासे रहेंगे जंगली जानवर,

रिपोर्ट: विजय कुमार की।

सरायकेला : कोल्हान के बहु चर्चित सेंचुरी गज परियोजना के नाम से जाना जाता हे। गर्मी का मौसम दस्तक देने से पहले ही सरायकेला जिला के चांडिल अनुमंडल अंतर्गत दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के विभिन्न जलस्रोत सूखने लगे हैं। जल स्रोत ,झील और झरनों के प्राकृतिक स्रोत सुख रहे हैं। अभी ठीक तरह से गर्मी का मौसम का प्रभाव नहीं पड़ा और यह स्थिति बहुत चिंताजनक रहा है।

कोई जलस्रोतों के सूखने पर दलमा सेंचुरी के जंगलों में रहने वाले जंगली जीव जंतु हाथी ,रॉयल बंगाल टाईगर,तेंदुआ,भालू,सियार,लोमड़ी,लकड़बाघा , पशु पक्षियों को काफी परेशानी होगी। यह और बात है कि पशु पक्षियों के लिए वन विभाग गर्मी के मौसम में वैकल्पिक व्यवस्था कर सकती हैं। लेकिन सदियों से जो प्राकृतिक जलस्रोत हैं, उनमें जलस्तर कम होना भविष्य के लिए खतरा है। आखिर दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में मौजूद जलस्रोतों के सूखने के क्या कारण है ? यह सवाल हर किसी के मन में है। 

बता दें कि दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में 193.22 वर्ग क्षेत्र फल फैले हे साथ लगभग 79 छोटे बड़े प्राकृतिक जलस्रोत महजूद हैं। इन 79 जलस्रोत में जल स्रोत, झील, झरना, तालाब शामिल हैं। समय समय पर इनका जीर्णोद्धार वन विभाग द्वारा किया जाता है। वहीं, विभाग द्वारा सेंचुरी में अनेकों चेक डैम निर्माण कराया गया है। परंतु, विभाग द्वारा वन्य जीव जंतु की सुविधा और सुरक्षा के लिए खर्च किए जा रहे लाखों करोड़ों रुपए बर्बाद होता दिख रहा है। 

इस समय दलमा के अधिकांश जलस्रोत सुख चुके हैं और कई जलस्रोत का जलस्तर काफी आपने पुराने आकार सिमट कर कम हो चुका है। यदि अगले एक - दो माह में भारी बारिश नहीं हुई तो दलमा में सुखाड़ की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता है। जलस्रोतों से सूखने के पीछे कहीं न कहीं वन विभाग की लापरवाही और नाकामी झलक रही हैं। दलमा के प्राकृतिक जलस्रोतों का संरक्षण करने में विभाग नाकाम साबित हुआ है।

 इसके चलते इस समय जलस्रोत सुख रहे हैं। दो दशक पहले दलमा में ऐसी स्थिति नहीं थी। तब सभी जलस्रोत लबालब पानी हुआ करते थे। दोपहर के समय जलस्रोतों में पशु पक्षियों को देखा जाता था। केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा प्रति बर्ष करोड़ो रुपया वन एब पर्यावरण विभाग को जंगल एब वन्य जीव जंतु के संरक्षण के करोड़ों रुपया मुहैया करते हे।

बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी कि इस साल गर्मी के मौसम में हाथी के साथ वन्य प्राणियों को जल क्रीड़ा के पेयजल और की व्यवस्था मिलेगी या नहीं ? वन्य प्राणियों के सुविधा के लिए वन विभाग क्या उपाय करेगी? 

आखिर दलमा में वन्य प्राणियों और ईको टूरिज्म ;(पर्यटकों) के नाम पर खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपए का सदुपयोग हो रहा है या बंदरबांट ?