सही साबित हुआ स्ट्रीट बज्ज का आकलन, उपेंद्र कुशवाहा की खातिर काराकाट के सांसद महाबलि सिंह के टिकट की चढ़ गई बलि
औरंगाबाद: 14 मार्च को ही डिजिटल ने खबर के माध्यम से काराकाट के जेडीयू सांसद महाबली सिंह के टिकट की बलि चढ़ने की संभावना व्यक्त की थी। हालांकि उस वक्त सिंह ने इस संभावना को यह कह कर खारिज किया था कि महाबली की बलि नही चढ़ती है। महाबली बलि लेता है। अपनी बलि देता नही है। उन्होने यह भी दावा किया था कि उन्हे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट रूप से कह रखा है कि जेडीयू का अपनी सभी सीटिंग सीटो पर चुनाव लड़ना तय है। इस नाते उनका काराकाट से ही चुनाव लड़ना भी तय है। उपेंद्र कुशवाहा एनडीए में है।
उन्हे सीट भी मिलेगी लेकिन काराकाट की नही बल्कि उन्हे अपने लिए नई जमीन तलाशनी होगी। वहीं महाबली के यें दावें सोमवार को उस वक्त धरे के धरे रह गए जब एनडीए के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग की घोषणा हुई। घोषणा होते ही शायद महाबली सिंह को हाथों से तोते उड़ने जैसा ही महसूस हुआ होगा क्योंकि जहां वें कह रहे थे कि काराकाट सीट पर उनकी टिकट पक्की है, पर हुआ कुछ और ही।
उल्टे काराकाट की सीट समझौते में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा(आरएलएम) के खाते में चली गई। मतलब महाबली सिंह की बलि चढ़ गई। उनका दावा फेल कर गया और हमारा(स्ट्रीट बज्ज) का दावा अक्षरशः सच निकला। अब काराकाट की सीट पर उपेंद्र कुशवाहा का ही चुनाव लड़ना फाइनल है।
यह कहा था महाबली ने
जेडीयू के सीनियर लीडर और काराकाट के निवर्तमान सांसद महाबली सिंह ने 14 मार्च को कहा था कि पुनः एनडीए का अंग बनने के साथ ही जेडीयू और बीजेपी में जीती हुई सीटों को लेकर सबकुछ फाइनल है।
इसमें किंतु-परंतु की कोई गुंजाइश नही है। यह भी कहा था कि बीजेपी अपनी जीती हुई सीटो पर और जेडीयू अपनी जीती हुई सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा के लिए अपना टिकट काटे जाने की चर्चा को दरकिनार करते हुए उत्साह भरे लहजे में कहा था कि आप मेरे टिकट की बलि चढ़ने की बात कर रहे है।
जान लीजिए मेरा नाम महाबली है और महाबली की बलि नही चढ़ती। कहा था कि किसी भी सूरत में मेरे टिकट की बलि नही चढ़ने वाली है। हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू के सभी सांसदों को कह रखा है कि वें सभी अपने क्षेत्र में रहे। उनके टिकट पर कोई संकट नही है। अपने नेता के आदेश पर वें अपने क्षेत्र में लगातार जनता के बीच बने हुए है।
कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा भी एनडीए के सम्मानित नेता है। जल्द ही एनडीए में तय हो जाएगा कि कुशवाहा कहां से चुनाव लड़ेंगे। कुशवाहा चुनाव जरूर लड़ेंगे लेकिन काराकाट से नही लड़ेंगे, काराकाट से महाबली ही लड़ेंगे।
उन्होंने पिछले पांच साल में अपने प्रयास से काराकाट संसदीय क्षेत्र में हुए विकास कार्यों को गिनाते हुए भी कहा था कि हमारी 5 साल में क्या उपलब्धि है यह सिर्फ काराकाट की जनता ही नहीं देश की जनता जानती है। जनता मेरे साथ है और मैं जनता के साथ हूं।
जेडीयू के एनडीए में आने से पहले राजग में आ गए थे उपेंद्र कुशवाहा
हालांकि जेडीयू के एनडीए में आने के पहले से ही उपेंद्र कुशवाहा इस गठबंधन में है।
इसी वजह से जेडीयू के एनडीए का अंग हो जाने के बावजूद इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि काराकाट की लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद महाबली सिंह का टिकट कटना तय है। ऐसी चर्चा चौक-चौराहों पर भी हो रही थी। इन चर्चाओं में दम निकला और आखिरकार महाबली की बलि चढ़ ही गई।
Mar 19 2024, 14:40