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वोट के बदले नोट मामले में सांसदों-विधायकों को नहीं मिलेगी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1998 का फैसला

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सांसदों और विधायकों को विधायिका में भाषण देने या वोट डालने के लिए रिश्वत लेने पर कानूनी संरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने 1998 के पीवी नरसिम्हा राव मामले के फैसले को खारिज कर दिया है और कहा है कि सांसदों और विधायकों को रिश्वत के बदले विधायिका में वोट देने पर कानूनी कार्रवाई से छूट नहीं है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने फैसला सुनाया। सात जजों ने सहमति से यह फैसला सुनाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस छूट पर अपनी असहमति जताई है और साल 1998 में दिए अपने पिछले फैसले को पलट दिया है।सात जजों की संविधान पीठ ने जेएमएम घूसखोरी मामले में पांच जजों की पीठ के फैसले पर पुनर्विचार किया। झारखंड की विधायक सीता सोरेन पर साल 2012 में राज्यसभा चुनाव में वोट के बदले रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। इस मामले में उनके खिलाफ आपराधिक मामला चल रहा है। इन आरोपों पर अपने बचाव में सीता सोरेन ने तर्क दिया था कि उन्हें सदन में कुछ भी कहने या किसी को भी वोट देने का अधिकार है और संविधान के अनुच्छेद 194(2) के तहत उन्हें विशेषाधिकार हासिल है। जिसके तहत इन चीजों के लिए उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। इस तर्क के आधार पर सीता सोरेन ने अपने खिलाफ चल रहे मामले को रद्द करने की मांग की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के घूसकांड पर 1998 में दिए पांच जजों की संविधान पीठ के एक फैसले की सात जजों की पीठ द्वारा समीक्षा करने का फैसला किया। समीक्षा इस बात की की जा रही है कि सदन में बोलने और नोट के बदले वोट के मामले में सांसदों-विधायकों को आपराधिक मुकदमों से छूट जारी रहेगी या नहीं?

संविधान पीठ ने 1998 के झामुमो रिश्वतकांड पर दिए अपने फैसले पर पुनर्विचार के संबंध में सुनवाई पूरी कर बीते साल 5 अक्तूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अक्तूबर में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिश्वत के बदले वोट के मामले में मिले विशेषाधिकार का विरोध किया था। सरकार ने भी अपनी दलील में कहा था कि रिश्वतखोरी कभी भी मुकदमे से छूट का विषय नहीं हो सकती। संसदीय विशेषाधिकार का मतलब किसी सांसद-विधेयक को कानून से ऊपर रखना नहीं है।  

सीजेआई ने कहा, 'नरसिम्‍हा राव फैसले की व्‍याख्‍या अनुच्‍छेद 105/194 के उलट है।' उन्‍होंने कहा, 'हमारा मानना है कि रिश्वतखोरी संसदीय विशेषाधिकारों द्वारा संरक्षित नहीं है।' सीजेआई ने कहा कि 'सांसदों-विधायकों के भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से भारतीय संसदीय लोकतंत्र की कार्यप्रणाली नष्ट होती है।'

एनआईए को सौंपी गई बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट की जांच, गृह मंत्रालय ने लिया फैसला

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गृह मंत्रालय ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट की जांच एनआईए को सौंप दी है। यह धमाका 1 मार्च को बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड इलाके के कैफे में हुआ था। जहां 10 लोग घायल हो गए थे। इस घटना का आरोपी सीसीटीवी फुटेज में दिखा था। जिसने टोपी और मास्क लगा रखा था।मामले में दावा किया जा रहा है कि इसी शख्स ने रामेश्वरम कैफे में बैग रखा गया था, जिसके कुछ देर बाद जोरदार धमाका हुआ। 

एनआईए ने मामले को फिर से दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है। बता दें, यह फैसला पिछले सप्ताह एनआईए की एक टीम के विस्फोट स्थल का दौरा करने के बाद लिया गया है।बंगलूरू पुलिस ने कैफे में विस्फोट के संबंध में कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। यह धमाका शुक्रवार दोपहर एक बजे हुआ था।

1 मार्च को हुए धमाके के बाद बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे के बाहर के सीसीटीवी फुटेज में एक सफेद रंग की टोपी पहने और कंधे पर बैग टांगे एक संदिग्ध शख्स कैद हुआ है। पुलिस को शक है कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे इसी शख्स ने कैफे के अंदर आगर बैग को प्लांट किया था। जिसके बाद ही यह धमाका हुआ है। पुलिस की जांच में पता चला है कि संदिग्ध आरोपी रामेश्वरम कैफे में सबुह 11.30 बजे दाखिल हुआ। इसके बाद उसने 11.38 पर रवा इडली का ऑर्डर दिया। इसके बाद वह रवा इडली खाने के बाद 11.44 पर हाथ धोने के लिए वॉश बेसिन की तरफ गया। इसी दौरान उसने आईईडी वाला बैग रख दिया। 11.45 पर संदिग्ध आरोपी कैफे से बाहर निकल गया। इसके बाद दोपहर 12.56 बजे धमाका हुआ।

ईडी के सामने आज भी नहीं पेश होंगे केजरीवाल, आठवें समन की भी अनदेखी, पर जवाब देने के लिए रख ये शर्त

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन की अनदेखी कर रहे हैं। कथित शराब घोटाले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ने आज पेशी के लिए बुलाया था। सीएम केजरीवाल ने आज भी पेशी पर जाने से इनकार कर दिया है। यह आठवीं बार है, जब केजरीवाल समन पर एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। हालांकि, वे पूछताछ के लिए तैयार हो गए हैं। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय से 12 मार्च के बाद नई तारीख मांगी है। साथ ही उन्होंने कहा है कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होंगे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी के समन पर जवाब भेजा है। उन्होंने कहा है कि यह समन गैरकानूनी है। लेकिन मैं आपके सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हूं। अरविंद केजरीवाल ने ईडी से 12 मार्च के बाद नई तारीख मांगी है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ईडी की जांच में शामिल होंगे। 

दिल्ली शराब घोटाले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं और इसी मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को समन जारी किया है। बीती 27 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आठवां समन भेजा था। इससे पहले 22 फरवरी को भी ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन भेजा था। लेकिन केजरीवाल सातवें समन पर भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। इससे पहले बीती साल 2 नवंबर, 21 दिसंबर और इस साल 3 जनवरी, 18 जनवरी, 2 फरवरी, 14 फरवरी और 22 फरवरी को भी ईडी केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन जारी कर चुकी थी।

इससे पहले सीएम केजरीवाल ने ईडी के समन को गैर जरूरी बताते हुए कहा था कि अगर कोर्ट इस संबंध में आदेश देगी, तभी वो ईडी के सामने पेश होंगे। केजरीवाल के पेश नहीं होने को लेकर ईडी ने कोर्ट का भी रुख किया है और कोर्ट ने मुख्यमंत्री को 16 मार्च को अपनी कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है। केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा के चल रहे बजट सत्र में अपनी व्यस्तता के कारण व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने में असमर्थता जाहिर करते हुए कोर्ट की कार्यवाही में भाग नहीं लिया था।

नशीले पदार्थों पर बढ़ा लोगों का खर्चा, पढ़ाई पर घटा, सर्वे में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

डेस्क: पिछले 10 साल में पान, तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों पर खर्च बढ़ा है और लोग अपनी आय का बड़ा हिस्सा ऐसे उत्पादों पर खर्च कर रहे हैं। एक सरकारी सर्वे में यह बात कही गई। पिछले सप्ताह जारी घरेलू उपभोग व्यय सर्वे 2022-23 से पता चलता है कि कुल घरेलू खर्च के एक हिस्से के रूप में पान, तंबाकू और नशीले पदार्थों पर खर्च ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में बढ़ गया है। आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में इन मदों पर खर्च 2011-12 के 3.21 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 3.79 प्रतिशत हो गया है।

एजुकेशन के खर्च में आई गिरावट

इसी तरह, शहरी क्षेत्रों में खर्च 2011-12 के 1.61 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 2.43 प्रतिशत हो गया। शहरी क्षेत्रों में शिक्षा पर खर्च का अनुपात 2011-12 के 6.90 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 5.78 प्रतिशत रह गया। ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 2011-12 के 3.49 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 3.30 प्रतिशत रह गया।

प्रोसेस्ड फूड पर बढ़ा खर्चा

सर्वे में यह भी कहा गया कि शहरी क्षेत्रों में पेय पदार्थों और प्रोसेस्ड फूड पर खर्च 2011-12 के 8.98 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 10.64 प्रतिशत हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 2011-12 के 7.90 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 9.62 प्रतिशत हो गया। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) ने अगस्त, 2022 से जुलाई, 2023 तक घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण (HCES) किया। घरेलू उपभोग व्यय से संबंधित इस सर्वे का मकसद प्रत्येक परिवार के मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय (MPEC) के बारे में जानकारी हासिल करना है। इसके तहत देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों व विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के लिए अलग-अलग रुझानों का पता लगाया जाता है।

पाकिस्तान को मिला नया प्रधानमंत्री, शहबाज शरीफ के हाथ दूसरी बार आई कमान

डेस्क: पाकिस्तान के नवनिर्वाचित संसद में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने आसानी से बहुमत हासिल कर लिया है। दोनों पार्टियों ने सर्वसम्मति से शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार चुन लिया है। ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब शहबाज शरीफ को गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री चुना गया है। पाकिस्तान में आम चुनाव होने से पहले उनके भाई नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनाए जाने की चर्चा थी, लेकिन कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना ने नवाज के सामने ऐसी शर्त रख दी कि शहबाज को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का मौका मिल गया। 

बता दें कि शहबाज शरीफ पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। अब वह लगातार दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गए हैं। 72 वर्षीय शहबाज़, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की ओर से सर्वसम्मति से उम्मीदवार चुने गए हैं। उन्हें 336 सदस्यीय सदन में 201 वोट हासिल हुए हैं। 

पीटीआई नेता को मिले सिर्फ 92 वोट

शहबाज के प्रतिद्वंद्वी और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की ने भी अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की ओर से उमर अयूब खान को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन उन्हें 336 सदस्यीय सदन में सिर्फ 92 वोट ही मिल सके। जबकि पीटीआई के निर्दलीय समर्थकों ने 93 सीटें जीती हैं। पाकिस्तान में नई संसद का सत्र बुलाए जाने के बाद पीटीआई समर्थित सांसदों ने खूब हंगामा किया। 

इन सबके बीच शहबाज को पीएम पद का उम्मीदवार चुना गया। अब शहबाज शरीफ को सोमवार को राष्ट्रपति भवन ऐवान-ए-सद्र में प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। पाकिस्तान में आम चुनाव कराने के लिए संसद भंग होने से पहले शहबाज़ ने अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 तक गठबंधन सरकार के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया था।

*"जब तक चीन नहीं करेगा ये काम...तब तक शांति की कोई गुंजाइश नहीं", LAC विवाद पर बोले जयशंकर*


डेस्क: भारत-चीन के बीच वर्ष 2020 से ही तनाव चरम पर बना हुआ है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति के लिए दोनों देशों के बीच हुई 20 से अधिक सैन्य वार्ताएं भी विफल रही हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव पीक पर है। इस बीच विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी सैन्य गतिरोध को लेकर बड़ा बयान दिया। जयशंकर ने शनिवार को कहा कि चीन को सीमा प्रबंधन समझौतों का पालन करना चाहिए और भारत-चीन संबंधों में सुधार के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति का माहौल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक चीन इस समझौते का पालन नही करता, तब तक सीमा पर शांति संभव नहीं है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ‘थिंकटैंक’ के संवाद सत्र में कहा कि मोदी सरकार सीमा पर बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच संबंधों में संतुलन होना चाहिए। जयशंकर ने चीन से निपटने को लेकर एक व्यापक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि भारत ने अतीत में अंतरराष्ट्रीय संबंधों का उतना प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं किया, जितना वह कर सकता था। मगर अब मौजूदा सरकार इसमें कोई कोताही नहीं कर रही। विदेश मंत्री ने चीन से उत्पन्न चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए प्रौद्योगिकी और आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्रों समेत विभिन्न क्षेत्रों में एक मजबूत देश बनने की भारत की आवश्यकता को रेखांकित किया।

चीन को करना होगा समझौते का पालन

भारत-चीन के बीच गलवान घाटी हिंसा के बाद से तनाव चरम पर है। इस बीच दोनों देशों के बीच कई बार सैन्य वार्ताएं हुई और दोनों पक्षों ने सीमा पर सैनिकों के जमावड़े को कम किया। बावजूद स्थाई शांतिके लिए अब तक कोई समाधान नहीं खोजा जा सका है। जयशंकर ने कहा, “एक संतुलन होना चाहिए और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति होनी चाहिए, जो समझौते हुए हैं उनका पालन करना होगा।”(भाषा)

लोकसभा चुनाव से पहले कैबिनेट की आखिरी बैठक जारी, पीएम मोदी कर रहे अध्यक्षता

डेस्क: लोकसभा चुनाव से पहले आज कैबिनेट की आखिरी बैठक चल रही है। इस बैठक में पीएम मोदी केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर रणनीति पर बात हो सकती है और कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

कई मौजूदा सांसदों और मंत्रियों के टिकट काटे गए

गौरतलब है कि शनिवार को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए कैंडीडेट्स की पहली लिस्ट जारी कर दी थी। इस लिस्ट में कई मौजूदा सांसदों और मंत्रियों के टिकट काटे गए हैं और नए चेहरों को मौका दिया गया है। इस लिस्ट में 195 उम्मीदवारों का नाम शामिल है।

बीजेपी की तरफ से जारी की गई इस पहली सूची में 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित राज्यों के 195 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इसमें वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गांधी नगर से अमित शाह और लखनऊ से राजनाथ सिंह चुनाव लड़ेंगे। 

इसके साथ ही इस सूची में 34 केंद्रीय मंत्रियों का भी नाम शामिल है। इसके साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और दो पूर्व मुख्यमंत्रियों का नाम इस लिस्ट में शामिल है। वहीं पहली सूची में 28 महिला उम्मीदवारों को नाम है। इसके साथ ही 50 से कम उम्र के 47 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया है।

हिमाचल प्रदेश में फिर शुरू हुई बर्फबारी, IMD ने जारी किया रेड अलर्ट, कुल्लू और लाहौल स्पीति जिला में भारी बारिश, कई रूट पर आवाजाही बन्द

कुल्लू और लाहौल स्पीति जिला में भारी बारिश हो रही है। सुबह 10 बजे तक केलांग ने 40 सेंमी, उदयपुर में 40, सिस्सू में 30, नार्थ पोर्टल 30, साउथ पोर्टल में 60 सेंटीमीटर, कोकसर में 45, दारचा रोहतांग में 90, बरालाचा में 100, कुंजम पास में 100, शिंकुला दर्रा 110 सेंटीमीटर बर्फबारी का अनुमान है। इसके अलावा जलोडी दर्रा में 30 और सोलंगनाला में 30 सेंमी ताजा बर्फबारी हुई है।भारी बर्फबारी के चलते जनजातीय जिला किन्नौर के सभी ग्रामीण रूटों पर वाहनों की आवाजाही बंद है। ऊपरी शिमला, किन्नौर और आउटर सिराज के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी है। निचले क्षेत्रों में बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त है। किन्नौर के पूर्वणी, यूला, रल्ली और निगुलसरी में भूस्खलन से एनएच पांच बंद है।जिला कुल्लू और लाहौल में बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। जिला कुल्लू में दो दिनों बारिश का दौर जारी है। खासकर रात से मूसलाधार बारिश होने से ब्यास नदी के साथ सरवरी खड्ड का जलस्तर एकाएक बढ़ गया है। छरूडू के पास भूस्खलन होने से कुल्लू-मनाली वामतट बंद हो गया है।

भुंतर मणिकर्ण सड़क में जगह जगह भूस्खलन हुआ है। बर्फबारी व बारिश से जिला में कई सड़कों के साथ कई क्षेत्रों में बिजली की सप्लाई ठप हो गई है। भारी बारिश के बीच शनिवार को हजारों विद्यार्थी परीक्षा देने पहुंचे।चंबा जिला में बारिश और बर्फबारी ने कहर ही बरपा दिया है। जनजातीय क्षेत्र पांगी और भरमौर की ऊपरी चोटियों में 20.32 सेंटीमीटर से 25.40 बर्फबारी हुई है। इसके अलावा शेष जिला में भारी बारिश से भरमौर-पठानकोट हाईवे धरवाला, दिनका घार, दुर्गेठी में भूस्खलन से बंद पड़ गया है। जबकि, जिला के 25 मार्गो पर वाहनों की रफ्तार थमी होने से लोगों विशेषकर विद्यार्थियों और नौकरीपेशा लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। हांलाकि, पटरी से उतरी सेवाओं को सुचारू करवाने के लिए विभागीय टीमें युद्ध स्तर पर डटी हुई हैं। कुल मिला कर मौसम के पूर्वांनुमान के बाद जिला में जमकर मेघ बरस रहे हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 : गोरखपुर के सियासी मंच पर भिड़ेंगे दो भोजपुरी एक्टर्स, भाजपा ने दोबारा रवि किशन तो सपा ने काजल निषाद को उतारा

 लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला होगा। भारतीय जनता पार्टी ने यूपी में 51 और समाजवादी पार्टी ने 31 उम्मीदवारों की नामों की घोषणा कर दी है। भाजपा ने गोरखपुर से दोबारा रवि किशन को उम्मीदवार बनाया है। योगी के गढ़ में भोजपुरी एक्टर्स भिड़ेंगे। गोरखपुर के सियासी मंच पर रवि किशन के खिलाफ सपा ने भी उतारा इसी प्रोफ़ाइल की उम्मीदवार।

समाजवादी पार्टी ने गोरखपुर से भोजपुरी एक्ट्रेस काजल निषाद को टिकट दिया है। ऐसे में दोनों एक्टर्स चुनावी मैदान में एक-दूसरे को टक्कर देते नजर आएंगे। अगर रवि किशन भोजपुरी फिल्म जगत के अमिताभ बच्चन कहे जाते हैं तो काजल निषाद भी भोजपुरी की जानी-मानी एक्ट्रेस हैं। साथ ही काजल निषाद का गोरखपुर ससुराल भी है।

कौन हैं काजल निषाद

गुजरात के कच्छ में जन्मी काजल निषाद छोटे से लेकर बड़े पर्दों पर अपना जलवा बिखेर चुकी हैं। वे कॉमेडी शो लापतागंज के साथ भोजपुरी फिल्मों में भी काम चुकी हैं। कागज निषाद की शादी गोरखपुर के भौवापार के रहने वाले संजय निषाद से हुई है। संजय निषाद भी भोजपुरी फिल्मों के फेमस निर्माता हैं। सपा में आने से पहले काजग निषाद ने कांग्रेस के टिकट पर साल 2012 में विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गई थीं। इसके बाद उन्होंने साल 2021 में सपा जॉइन की। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने उन्हें टिकट दिया था, लेकिन वह फिर हार गईं। अखिलेश यादव ने गोरखपुर से रवि किशन के खिलाफ काजल निषाद को उम्मीदवार घोषित किया है।

कौन हैं रवि किशन

जौनपुर के रहने वाले रवि किशन बॉलीवुड से लेकर भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुके हैं। वे भोजपुरी फिल्मों के अमिताभ बच्चन कहे जाते हैं। साल 2016 में उन्होंने बिग बॉस में हिस्सा लिया था। भोजपुरी सुपरस्टार रवि किशन ने 2014 में कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने साल 2017 में भाजपा जॉइन कर ली। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में रवि किशन ने गोरखपुर से जीत हासिल की। भाजपा ने एक बार फिर रवि किशन पर विश्वास जताया है।

लाल सागर में हुती विद्रोहियों ने किया था रूबीमार नामक जहाज पर हमला, जो अब लाल सागर में पूरी तरह से डूब चुका, यमन सरकार ने की पुष्टि



 इजरायल और हमास के बीच पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुए युद्ध के बाद लाल सागर से गुजरने वाले व्यावसायिक जहाजों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। इन जहाजों पर यमन के हूती विद्रोही लगातार हमला कर रहे है। जानकारी के मुताबिक, हूती विद्रोहियों ने अब तक ऐसे ही करीब दो दर्जन जहाजों को अपना निशाना बनाया है। हाल ही में हूती विद्रोहियों ने एक व्यावसायिक जहाज पर हमला किया था. इसके बाद इस जहाज में आग लग गई थी।

हमले के बाद चालक दल के सदस्यों ने जहाज को छोड़कर अपनी जान बचाई। अब बताया जा रहा है कि ये जहाज समंदर में डूब गया है। ये पहली बार है जब हमले के बाद कोई व्यावसायिक जहाज पानी में डूबा हो। जहाज के डूबने से समुद्री जीवों पर भी खतरा मंडराने लगा है। क्योंकि इस जहाज पर खतरनाक कैमिकल लदे हुए थे।

रूबीमार नाम के जहाज पर हुआ था हमला

बता दें कि लाल सागर में जिस जहाज पर हमला किया गया था उसका नाम रूबीमार था। जो अब लाल सागर में पूरी तरह से डूब गया है। यमन सरकार के मुताबिक, हमले के बाद रूबीमार लाल सागर में बह रहा था। इसके बाद इसमें धीरे-धीरे पानी भरने लगा और अब ये डूब गया। बताया जा रहा है कि विद्रोहियों के हमले से पूरी तरह से नष्ट होने वाला ये पहला जहाज है।