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बेंगलुरू के कैफे में विस्फोट, नौ लोग घायल, सीएम सिद्धारमैया का खुलासा- एक कस्टमर ने बैग में रखा था बम

#rameshwaram_cafe_blast 

बेंगलुरु के रामेश्‍वरम कैफे में शुक्रवार दोपहर विस्‍फोट हो गया, जिसमें 9 लोग घायल हो गए। अब ब्रुकफील्ड इलाके में रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट का सीसीटीवी सामने आया है। सीसीटीवी वीडियो में विस्फोट होते हुए दिखाई दिया है।कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पुष्टि की है कि कैफे में आईईडी ब्लास्ट किया गया है। मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा है कि एक ग्राहक ने कैफे में बैग रखा था। इसके बाद वहां धमाका हुआ। इसके बाद धमाके के पीछे बड़ी साजिश का शक जताया जा रहा है।

कुन्दनहल्ली इलाके में स्थित रामेश्वरम कैफे एक फेमस कैफे है। रोज की तरह कैफे में शुक्रवार को भी लोगों की भीड़ थी। साथ ही कैफे का स्टाफ भी मौजूद था। दोपहर करीब 1 बजे बम विस्फोट से कैफे धुआं-धुआं हो गया। विस्फोट के समय जोरदार आवाज सुनी गई और पड़ोसी दुकानों, फ्रंट ऑफिस और कार्यालयों से लोग मौके पर पहुंचे। विस्फोट के कारण आग लगने पर फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग बुझाने में जुट गई। स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची और घायलों को बचाने और भीड़ को तितर-बितर करने में जुट गई।

इस घटना से जुड़े सीसीटीवी वीडियो में दिख रहा है कि जैसे ही बम फटा, स्क्रीन हिल गई और उसके बाद कैफे के अंदर काला धुआं दिखाई दे रहा है। विस्फोट के बाद घटनास्थल पर धुएं का गुबार नजर आता है। घबराए हुए ग्राहक और स्टाफ सदस्य बाहर भागते दिखाई देते हैं।जब विस्फोट हुआ तो ग्राहकों को कैफे में खाना खाते या अपने ऑर्डर का इंतजार करते देखा गया। वीडियो में कैफे स्टाफ के साथ-साथ ग्राहक भी अपनी जान बचाने के लिए भागते नजर आ रहे हैं।

उधर, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पुष्टि की है कि बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में बम धमाका हुआ है। भारी मात्रा में तात्कालिक सामग्रियों का उपयोग करके विस्फोट किया गया। एक आदमी बैग में विस्फोटक लेकर आया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस कमिश्नर को हर स्तर पर मुझे जानकारी देने के लिए कह दिया है। मैसूर में बोलते हुए उन्होंने कहा कि अभी तक आधिकारिक तौर पर यह साफ नहीं है कि विस्फोटक कौन और क्या लाया था? मैंने गृह मंत्री को भी वहां जाने के निर्देश दिए हैं। घटना में 10 लोगों को गंभीर चोटें आईं हैं। उन्होंने कहा कि घटना के बारे में अभी सतही जानकारी ही उपलब्ध है।

क्या आपने देखा गृह मंत्री अमित शाह की गाड़ी का नंबर प्लेट ? बिना कुछ कहे दे दिया बड़ा संदेश

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सोशल मीडिया पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कार का नंबर प्लेट वायरल हो रहा है। अमित शाह एक बैठक के लिए बीजेपी मुख्यालय पहुंच थे, जहां उनकी कार की तस्वीर ली गई। कुछ लोगों की नजरें गाड़ी की नबर प्लेट पर पड़ी तो मामला वायरल हो गया।दरअसल, शाह को DL1C AA 4421 नंबर प्लेट वाली कार में बीजेपी मुख्यालय पहुंचे थे।ऐसा तब हुआ है जब गृह मंत्रालय की ओर से 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA लागू होने की संभावना है। 

न्यूज एजेंसी एएनआई ने 29 फरवरी को एक वीडियो पोस्ट किया। इसके कैप्शन में उन्होंने लिखा- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दिल्ली के पार्टी हेड क्वाटर में बीजेपी सीईसी मीटिंग के लिए पहुंचे। न्यूज एजेंसी एएनआई ने ये तस्वीरें जैसे ही सोशल मीडिया पर डालीं, गाड़ी के नंबर प्लेट ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खिंच लिया। गाड़ी ने नंबर में 'CAA' होने के कारण लोग इस पर रियेक्ट करने लगे। देखते ही देखते ये पोस्ट वायरल हो गई।लोगों का कहना है कि अपनी कार के नंबर प्लेट के जरिए शाह ने बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। लोगों का कहना है कि-इसका मतलब है कि सीएए जरूर लागू होगा। 

चुनाव से पहले सीएए लागू होने की बात कह चुके हैं शाह

हाल ही में केंद्रीय गृह मत्री अमित शाह ने ऐलान किया था कि आम चुनाव से पहले सीएए लागू होगा। अमित शाह ने कहा था, ''लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। मैं ऐसे मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सीएए से किसी भी शख्स की नागरिकता नहीं ली जाएगी।

अधिनियम संसद में पांच साल पहले पास हो चुका है

भारतीय नागरिकता (संशोधन) अधिनियम संसद में पांच साल पहले पास हो चुका है, लेकिन बाद में देश भर में विरोध प्रदर्शन के चलते इसे लागू नहीं किया गया था। हालांकि अब चर्चा है कि केन्द्र सरकार जल्द ही सीएए देश में जल्द ही लागू कर सकती है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लगने से पहले इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है। आदर्श आचार संहिता जारी होने से पहले गृह मंत्रालय किसी भी समय सीएए नियमों को अधिसूचित कर सकता है।

क्या है सीएए ?

सीएए यानी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को 2019 में संसद से पारित किया गया है। इसका उद्देश्य 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देना है। इसका फायदा उन हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को मिलेगा जो इन तीनों पड़ोसी देशों में प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आए हैं। खास बात ये है कि इन्हें भारतीय नागरिकता लेने के लिए किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। कानून के तहत नागरिकता मिलते ही ऐसे व्यक्तियों को देश के मौलिक अधिकार भी मिल जाएंगे। मुस्लिमों को इस कानून से बाहर रखा गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की सांसदों-विधायकों की डिजिटल मॉनिटरिंग की मांग वाली याचिका, कहा- हम चिप नहीं लगा सकते

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सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों और विधायकों की चौबीसों घंटे डिजिटल निगरानी करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा, कि वो अपनी ओर से सांसदों/ विधायकों पर चिप लगाने का आदेश नहीं दे सकते। निजता का अधिकार नाम की भी कोई चीज होती है। 

बेहतर पारदर्शिता के लिए सभी निर्वाचित सांसदों और विधायकों की गतिविधियों की डिजिटल निगरानी की मांग संबंधी जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। याचिका में कहा गया है, कि सभी विधायकों/सांसदो पर इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए नजर रखी जाए। याचिकाकर्ता का कहना था, कि डिजिटल मॉनिटरिंग के जरिये जनप्रतिनिधियों के करप्शन और दल बदल पर रोक लग सकेगी।हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने सभी विधायकों की चौबीस घंटे सीसीटीवी निगरानी के लिए दायर की गई याचिका पर आश्चर्य व्यक्त किया।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ से पूछा गया कि क्या कोर्ट सांसदों की गतिविधियों पर चौबीसों घंटे नजर रखने के लिए उनके शरीर में कोई चिप लगा सकती है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश के सभी सांसदों और विधायकों की हम निगरानी नहीं कर सकते। निजता का अधिकार नाम की भी कोई चीज है। वे जो करते हैं उसकी निगरानी के लिए हम उनके पैरों या हाथों पर इलेक्ट्रॉनिक चिप्स नहीं लगा सकते। 

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने दिल्ली निवासी याचिकाकर्ता सुरिंदर नाथ कुंद्रा को आगाह किया कि उन्हें ऐसे मामले पर न्यायिक समय का दुरुपयोग करने के लिए पांच लाख रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है। पीठ ने कहा, यदि आप बहस करते हैं और हम आपसे सहमत नहीं होते हैं तो आपसे पांच लाख रुपये भू-राजस्व के रूप में वसूल किए जाएंगे। यह जनता का समय की बात है।

ममता के गढ़ में गरजे पीएम मोदी, कहा- दीदी ने टीएमसी नेता को बचाने के लिए पूरी शक्ति लगा दी

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पश्चिम बंगाल पहुंचे पीएम मोदी ने राज्य को कई योजनाओं की सौगात दी है। इस दौरान पीएम मोदी ने एक जनसभा को भी संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा, बंगाल के विकास के लिए कई योजनाओं का शिलान्यास हुआ है। 21वीं सदी का भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। हम सभी ने मिलकर 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य तय किया है। अरमबोल में जनसभा को संबोधित करते हुए संदेशखाली की घटना का जिक्र किया। उन्होंने इस घटना को लेकर न सिर्फ सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा, बल्कि उन्होंने विपक्षी इंडिया के नेताओं को भी आड़े हाथों लिया।

बंगाल के आरामबाग में पीएम मोदी ने कहा कि संदेशखाली को लेकर पूरा देश आक्रोशित है और मां-बहनों के साथ जो हुआ, उसका बदला लेंगे ना? पीएम मोदी ने आगे कहा कि चोट का जवाब वोट से देना है। पीएम मोदी ने कहा, संदेशखाली में बहनों-बेटियों के साथ दुस्साहस की सारी हदें पार कर दी। जब संदेशखाली की बहनों ने अपनी आवाज बुलंद की और ममता दीदी से मदद मांगी तो उन्हें बदले में क्या मिला? मुख्यमंत्री दीदी ने, बंगाल सरकार ने टीएमसी के नेता को बचाने के लिए जो भी कर सकते थे पूरी शक्ति लगा दी। टीएमसी के राज में टीएमसी का ये अपराधी नेता करीब-करीब दो महीने तक फरार रहा। कोई तो होगा ना जो उनके बचाता होगा? बंगाल की जनता यहां की मुख्यमंत्री दीदी से पूछ रही है कि क्या कुछ लोगों का वोट आपके लिए संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं से भी ज्यादा अहम हो गया है?

विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” के नेताओं पर भी निशाना साधा

इस दौरान प्रधानमंत्री के निशाने पर सिर्फ बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ही नहीं रहीं, बल्कि उन्होंने विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” के नेताओं को भी निशाने पर लिया। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे सबसे ज्यादा हैरानी इंडी गठबंधन के बाकी नेताओं को देखकर होती है। विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेता संदेशखाली की घटना पर गांधी जी के तीन बंदरों की तरह आंख, कान और मुंह बंद कर के बैठे रहे। कांग्रेस और इंडी गठबंधन के लिए भ्रष्टाचारियों, परिवारवादियों और तुष्टिकरण करने वालों का साथ देना, यही एक काम बचा है, यही उनके लिए सबसे बड़ा काम है।

घोटालेबाजों को छोड़ेंगे नहीं- पीएम

पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी विपक्षी नेताओं को घेरा। प्रधानमंत्री ने कहा कि घोटाले करने वाले लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा। भ्रष्टाचारियों को सजा मिलकर ही रहेगा। पीएम ने कहा कि बंगाल आजादी के आंदोलन की प्रेरणा स्थली रही है। गुलामी के विरुद्ध प्रखर नेतृत्व देने वाली यहां की हर संतान का सपना था कि भारत विकास की नई ऊंचाई प्राप्त करे। आज जब मैं बंगाल आया हूं, तो कह सकता हूं कि आज का भारत उनका ये सपना पूरा कर रहा है।

प्रतिभा सिंह के बयान ने बढ़ायी हिमाचल की हलचल, बीजेपी को लेकर कही बड़ी बात, बागी विधायकों का भी किया समर्थन

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हिमाचल प्रदेश में सियासी हलचल मची हुई है। यहां राज्यसभा चुनाव की एक सीट पर कांग्रेस को मिली शिकस्त के बाद कांग्रेस का अंदरूनी कलह बाहर आ गया है। हालांकि, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया है कि उनकी सरकार सुरक्षित है और पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।इस बीच पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बयान के बाद लग रहा है कि कांग्रेस सरकार पर छाए संकट के बादल अभी छटे नहीं हैं। दरअसल, प्रतिभा सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में अभी बहुत कुछ किया जना बाकी है। यह सच है कि भाजपा का कामकाज हमसे बेहतर है। वहीं उन्होंने बागी विधायकों का समर्थन करते हुए कहा कि वे स्पीकर के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएंगे।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में प्रतिभा ने कहा, आप संगठन को मजबूत करेंगे तभी हम आने वाले चुनाव का सामना कर सकते हैं। हमें अभी पार्टी को संगठित करने की जरूरत है। आज हम चुनाव का सामना करेंगे, मैं यह कह सकती हूं कि यह कठिन समय है। लेकिन चुनाव तो चुनाव है, उसका सामना करना है।

संगठन के स्तर पर बीजेपी तैयार है या कांग्रेस? इस सवाल पर प्रतिभा सिंह ने कहा कि कांग्रेस में अभी हमें बहुत कुछ करने की जरूरत है। सांसद होने के नाते अपने क्षेत्र का दौरा किया, लोगों से मिली और जानने का प्रयास किया। हमारे पास सांसद निधि आती है और हर हल्के में बंटवारा करना था। कभी भी एमसीसी लगेगा तो पैसा लैप्स हो जाएगा। मैंने इस पर सभी से बात की। बीजेपी की वर्किंग हमसे अच्छी है।

'क्या भाजपा उन्हें मंडी से चुनाव लड़ाना चाहती है' सवाल के जवाब में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि हमने ऐसा कभी नहीं सोचा, हम भाजपा के संपर्क में भी नहीं हैं। भगवान जानें, आगे क्या स्थिति बनती है। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व किसे टिकट देना चाहता है, इसपर भी अब विचार होगा। उनके आदेश के मुताबिक हम क्या कदम उठाएंगे उसपर हम आगे बढ़ेंगे। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि मेरा भाजपा में जाने का कोई विचार नहीं है मैं कांग्रेस की सिपाही हूं और पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रही हूं।

हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले छह बागी विधायकों का समर्थन करते हुए कहा कि विधायकों का नाराज होना स्वाभाविक है। प्रतिभा सिंह ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि हो भी क्यों नहीं, जब एक वर्ष से अधिक समय हो गया है और आपने कोई संज्ञान नहीं लिया या उनकी बात नहीं सुनी, तो उनका परेशान होना स्वाभाविक है। क्या आपने उन्हें बैठाया, उनसे बात की और कोई समाधान निकाला, यह स्थिति ऐसी ही नहीं हुई होगी।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा है कि पार्टी के बागी विधायक कड़ी सुरक्षा में है, ऐसे में उनसे संपर्क कैसे किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अपने निष्कासन को बचाने के लिए विधायक जरूर कोर्ट जाएंगे। हर व्यक्ति अपने बचाव के लिए कुछ प्रयास करता है।

शेयर बाजार में तूफानी तेजी, Sensex ने लगाई 1000 अंकों की छलांग, अर्थव्यवस्था में अाई तेजी का दिख रहा परिणाम

केंद्र सरकार की तरफ से बृहस्पतिवार को दिसंबर तिमाही के GDP ग्रोथ (Indian GDP Growth) के आंकड़े जारी किए गए थे, जो बेहतरीन रहे तथा पहले से जताए गए सभी पूर्वानुमानों से बेहतर हैं. Q3 में इंडियन इकोनॉमी 8.4 प्रतिशत की रिकॉर्ड रफ्तार से आगे बढ़ी है. इकोनॉमी की तेज रफ्तार का प्रभाव शेयर बाजार (Stock Market) पर भी नजर आ रहा है. 

शुक्रवार को शेयर बाजार में तूफानी तेजी देखने को मिल रही है. BSE का सेंसेक्स (Sensex) जहां 1000 की छलांग लगाकर कारोबार कर रहा है, तो वहीं NSE का निफ्टी भी 300 अंक उछल गया है. शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (BSE Sensex) 72,606 के स्तर पर खुला था तथा 2 घंटे के कारोबार के चलते ही ये 1000 प्रतिशत से अधिक उछल गया. 

वही प्रातः के 11.30 बजे पर सेंसेक्स 1,026.21 अंक या 1.42 प्रतिशत की उछाल के साथ 73,526.51 के लेवल पर कारोबार कर रहा था. पिछले कारोबारी दिन बृहस्पतिवार को Sensex 72,500.30 पर क्लोज हुआ था. सेंसेक्स की भांति ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी (Nifty50) में भी तूफानी तेजी आई तथा ये 308.85 अंक या 1.40 प्रतिशत की जोरदार तेजी लेते हुए 22,291.65 के लेवल पर जा पहुंचा. निफ्टी ने बीते बंद 21,982.80 की तुलना में शुक्रवार को 22,048 के स्तर पर कारोबार की शुरुआत की थी.

थाईलैंड ने चावल निर्यात को लेकर भारत को घेरा, विश्व व्यापार संगठन की बैठक में लगाए ये आरोप, दोनों देशों के बीच बढ़ा तनाव

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विश्व व्यापार संगठन (WTO) की बैठक में थाईलैंड के राजदूत ने भारत के खिलाफ बयान देकर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। विश्व व्यापार संगठन की बैठक में थाईलैंड ने चावल के मुद्दे पर भारत को घेरने की कोशिश की है। भारत ने इस पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है। इससे दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव पैदा हुआ है।

डब्ल्यूटीओ में थाईलैंड की राजदूत पिम्चनोक वोंकोरपोन पिटफील्ड ने भारत पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिए सब्सिडी वाले चावल बांटने पर आपत्ति जता दी। थाई राजदूत ने कहा कि भारत सब्सिडी वाला चावल का उपयोग करके एक्सपोर्ट मार्केट पर हावी हो जाता है। 

भारत ने थाई राजदूत के इस बयान पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया और थाई राजदूत की मौजूदगी वाले कुछ सामूहिक चर्चाओं (ग्रुप डिस्कशंस) में भाग लेने से इनकार कर दिया। दूसरी तरफ, अमीर देशों ने थाई राजदूत की टिप्पणी का सराहना कर दी तो भारत ने उनसे भी अपनी कड़ी नाराजगी का इजहार किया। 

भारतीय अधिकारियों ने थाई राजदूत के बयान पर असंतोष व्यक्त करते हुए थाई सरकार को अपनी चिंता से अवगत करा दिया है। भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस मुद्दे को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई और यूरोपीय संघ के कार्यकारी उपाध्यक्ष वाल्डिस डोम्ब्रोव्स्की के साथ भी उठाया है। उन्होंने अपनी शिकायत में इस बात पर जोर दिया कि भारत के के लिए ऐसी भाषा और ऐसा व्यवहार स्वीकार नहीं है।

दरअसल, थाईलैंड वर्षों से अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की बोली बोलता रहा है। ये अमीर देश अपने हित साधने के लिए थाइलैंड को आगे कर देते हैं, जो दस साल से भी ज्यादा समय से पब्लिक स्टॉकहोल्डिंग के लिए एक स्थायी समाधान का रास्ता निकालने नहीं दे रहा है।

वैश्विक बाजार में भारतीय चावल की हिस्सेदारी बढ़ रही है। विकसित देश आरोप लगाते हैं कि भारत सरकार किसानों से सब्सिडी पर चावल खरीदकर उसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचती है जिससे वैश्विक व्यापार में असंतुलन पैदा हो रहा है। हालांकि, वास्तविकता यह नहीं हैं। अधिकारियों ने बताया कि कैसे डब्ल्यूटीओ के नियम इस तरह से बनाए गए हैं कि उनसे अमीर देशों के हित सधें। उन्होंने बताया कि सब्सिडी की गणना के लिए संदर्भ मूल्य 1986-88 की अवधि के स्तर पर तय किया गया है। इसलिए 3.20 रुपये प्रति किलो की दर से ऊपर की कीमत को सब्सिडी मान ली जाती है।

35 साल पुराने इस 'गलत गणना' की वजह से भारत चावल के उत्पादन मूल्य के 10 फीसदी सब्सिडी सीमा को पार करके दोषी बन जाता है। हालांकि भारत की इस 'गलती' को लेकर कोई भी देश WTO में उसे दोषी नहीं ठहरा सकता है क्योंकि एक दशक पहले ही सदस्य राष्ट्रों ने सहमति व्यक्त की थी कि जब तक एक नया फॉर्मूला स्थापित नहीं हो जाता तब तक वे किसी पर कोई नियम नहीं थोपेंगे।

दरअसल, जनता के लिए खाद्य भंडारण पर सीमा निर्धारित है। अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने इसे लेकर स्थायी समाधान को कई बार रोका है। भारत खाद्य सुरक्षा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर देश में कुल चावल उत्पादन का क़रीब 40 प्रतिशत ख़रीदता है। बाक़ी उत्पादन बाज़ार मूल्य पर बिकता है। भारत ने घरेलू बाज़ार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए धीरे-धीरे चावल के निर्यात पर रोक लगाई थी। 2022 में जब घरेलू बाज़ार में चावल के दाम बढ़ रहे थे तब भारत ने धीरे-धीरे पाबंदी लगानी शुरू की। पहले टूटे हुए चावल पर रोक लगाई फिर सफेद चावल के निर्यात को रोका। चावल की कुछ क़िस्मों पर निर्यात कर लगाया गया। इसके अलावा ग़ैर बासमती चावल पर भी निर्यात कर लगाया गया, ताकि घरेलू बाज़ार में क़ीमतों को नियंत्रित किया जा सके। सरकार ने अपने भंडार से भी कम क़ीमत पर चावल की बिक्री की। जब भारत ने ये प्रतिबंध लगाए थे तब थाईलैंड ने इसे एक मौक़े की तरह देखा था और थाईलैंड सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री ने कहा था कि थाईलैंड इस स्थिति का फ़ायदा उठाने की कोशिश करेगा। हालाँकि, पिछले कुछ सालों में भारत का चावल का निर्यात बढ़ा है। भारत विश्व में चावल के निर्यात में 40 प्रतिशत तक चला गया था। थाइलैंड भी एक बड़ा चावल निर्यातक है, थाईलैंड को लगता है कि भारत उसके बाज़ार पर कब्ज़ा कर रहा है।

मेडिकल संचालक से 1 करोड़ रुपए मांगने के आरोप में MP के इस विधायक के खिलाफ दर्ज हुई FIR

मध्य प्रदेश के सबसे निर्धन MLA कमलेश्वर डोडियार पर FIR दर्ज की गई है। MLA पर मेडिकल संचालक से 1 करोड़ रुपये मांगने का इल्जाम लगा है। ये MLA भारत आदिवासी पार्टी (BAP) पार्टी से हैं। विधानसभा में बाइक से पहुंचने पर वह बहुत ख़बरों में आ गए थे। वह अपने आप को राज्य का सबसे निर्धन MLA भी बताते हैं। उन्होंने कहा था कि दोस्तों से पैसे उधार लेकर विधानसभा का चुनाव लड़ा था। मध्य प्रदेश की सैलाना विधानसभा के MLA कमलेश्वर डोडियार के विरुद्ध पुलिस ने कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने भारत आदिवासी पार्टी के MLA पर धारा 323, 294, 506, 327, 384, 34 के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की तहकीकात आरम्भ की है।

दरअसल, डॉक्टर तपन राय भारत आदिवासी पार्टी के MLA कमलेश्वर डोडियार के यहां गए हुए थे। उन्होंने अपनी साथ हुई घटना का एक वीडियो जारी कर कहा कि MLA डोडियार ने 19 फरवरी को उन्हें अपने यहां पर बुलाया था। वह अपने अंकल को भी MLA के यहां साथ लेकर गए थे। MLA से मिलने से पहले वहां पर उनको बाहर खड़ा करवा दिया गया। उनकी तलाशी लेकर मोबाइल बाहर रखवा दिए गए। तत्पश्चात, डॉक्टर की डिग्री एवं मेडिकल स्टोर आदि के बारे में बातचीत की गई। उन्होंने बताया कि वह फार्मासिस्ट हैं। उनके पास सर्टिफिकेट भी हैं। MLA ने बिना रुपयों का नाम लिए कहा कि कितना कर सकते हो? बात को न समझने पर MLA ने डॉक्टर से स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर 1 करोड़ रुपए दोगे तो तुम्हें यहां पर रहने दूंगा। 

फिर MLA डोडियार शुक्रवार को उनकी क्लीनिक पर आए और तकरीबन 3 घंटे तक बैठे रहे। उन्होंने कहा कि तुमने मेरे प्रतिनिधि दशरथ डिंडोर जिसको मैंने भेजा था। उससे भी बात नहीं की है। अब तुम्हें जेल भेज कर रहूंगा। डॉक्टर तपन राय ने बताया कि जाते-जाते MLA ने बोला कि इसमें कुछ रिवर्स हो सकता है, बता कितना दे सकता है? डॉक्टर तपन राय ने MLA के विरुद्ध पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया है। एसपी ने पूरे मामले की जांच SDOP को सौंपी दी है। अपने आप को सबसे गरीब बोलने वाले MLA कमलेश्वर डोडियार की परेशानियां बढ़ सकती हैं। पुलिस विधायक की गिरफ्तारी के लिए दबिश देना भी आरम्भ कर दिया है।

मध्यप्रदेश फिर बना 'लेपर्ड स्टेट', 3907 हुआ तेंदुओं का आंकड़ा, यहां जानिए, किस राज्य में कितनी है संख्या

मध्य प्रदेश एक बार फिर तेंदुआ स्टेट बना है। गुरुवार को जारी गिनती में मध्यप्रदेश में 3907 तेंदुए हैं, जबकि दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है जहां पर 1985 तेंदुए मिले हैं। जबकि देश भर में 13874 तेंदुए पाए गए हैं। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज जारी किए आंकड़ों में मध्यप्रदेश में तेंदुओं की जनसंख्या रफ़्तार से बढ़ी है। 2018 में 3421 से बढ़कर 2022 में 3907 तेंदुओं का आंकड़ा दर्ज किया गया है। तत्पश्चात, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं तमिलनाडु में भी तेंदुओं की अच्छी जनसंख्या है। महाराष्ट्र में 2022 में 1985 तेंदुओं की जनसंख्या हो गई है, जो कि 2018 में 1690 थी। कर्नाटक में भी तेंदुओं की जनसंख्या बढ़ी है, जहां 2022 में 1879 एवं 2018 में 1783 तेंदुआ हैं। तमिलनाडु में भी 2022 में 1070 एवं 2018 में 868 तेंदुओं की जनसंख्या दर्ज की गई है।

श्रीशैलम और पन्ना—सतपुड़ा सबसे बेहतर जंगल

तेंदुओं के संरक्षित क्षेत्रों में से एक है नगरजुनसागर श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश) के जंगल हैं, यहां पर तेंदुओं की अधिकतम जनसंख्या है, जो कि देश के अन्य इलाकों से ज्यादा है। तत्पश्चात, मध्य प्रदेश के पन्ना एवं सतपुड़ा क्षेत्र भी तेंदुओं के लिए सबसे सुरक्षित एवं बेहतर स्थान बनकर उभरे हैं।

 

5 वर्षों में मध्यप्रदेश में लेपर्ड

2017: 3100

2018: 3421

2019: 3650

2020: 3800

2022: 3907

राज्यवार लेपर्ड की संख्या

कर्नाटक— 1879

उत्तर प्रदेश — 371

उड़ीसा — 568

केरल — 570

महाराष्ट्र — 1985

तमिलनाडु— 1070

राजस्थान — 721

आंध्र प्रदेश — 569

गोवा— 77

झारखंड — 51

अरुणाचल— 42

बिहार — 86

तेलंगाना — 297

आसाम — 74

उत्तराखंड — 652

छत्तीसगढ़ — 652

क्षेत्रवार लेपर्ड

सेंट्रल इंडिया — 8820

शिवालिक — 1109

वेस्टर्न घाट— 3956

नार्थ बंगाल— 233

आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट से झटका, सजा माफ करने की याचिका खारिज

#asaram_did_not_get_relief_from_supreme_court

रेप के आरोप में जेल में बंद आसाराम बापू को एक बार फिर झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट से भी आशाराम को राहत नहीं मिली।शीर्ष न्यायालय ने स्वास्थ्य आधार पर दुष्कर्म मामले में सजा निलंबित करने की आसाराम बापू की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है।वहीं आसाराम को पुलिस हिरासत में महाराष्ट्र के अस्पताल में इलाज कराने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट का रुख करने के लिए कहा है।

आसाराम ने खराब सेहत का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट से राहत मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत से मिली उम्रकैद की सजा के खिलाफ आसाराम की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट तेजी से सुनवाई करे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इलाज को लेकर राहत के लिए वे राजस्थान हाईकोर्ट में अर्जी दें।न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की खंडपीठ राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आसाराम बापू की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। 

दरअसल, हाईकोर्ट ने सजा के निलंबन के लिए उनके चौथे आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि अगर आसाराम को पुलिस हिरासत के बजाय अपनी मर्जी से इलाज कराने की अनुमति दी गई तो कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता की फैन फॉलोइंग को देखते हुए, हमारा विचार है कि उन्हें पुलिस हिरासत में ही अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी जाए। राजस्थान हाई कोर्ट ने आशाराम को वर्ष 2022 में जमानत देने से मना किया था। राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद आसाराम के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। 

आसाराम 2013 में राजस्थान स्थित अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के अन्य मामले में वर्तमान में जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। अहमदाबाद के पास मोटेरा स्थित अपने आश्रम में 2001 से 2007 तक सूरत की रहने वाली एक शिष्या से कई बार बलात्कार करने के मामले में गांधीनगर की अदालत ने आसाराम को सजा सुनाई है।