1993 अजमेर बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी करीम टुंडा बरी, टाडा कोर्ट ने दो आतंकवादियों को दोषी माना
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अजमेर बम ब्लास्ट मामले में 31 साल बाद फैसला आया है। मुख्य आरोपी करीम टुंडा को टाडा कोर्ट ने बरी कर दिया गया है। इसके अलावा टाडा कोर्ट ने दो अन्य आरोपियों इमरान और हनीमुद्दीन को दोषी करार दिया है।यह मामला साल 2014 से विचाराधीन था। इस मामले में टुंडा सहित करीब 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
अजमेर की टाडा कोर्ट के जज महावीर प्रसाद गुप्ता ने सैकड़ों गवाहों, सबूतों और सालों चली बहस के बाद आतंकी अब्दुल करीम टुंडा पर फैसला सुनाते हुए उसे बरी कर दिया। अब्दुल करीम टुंडा के एडवोकेट शफकत सुल्तानी ने बताया कि सीबीआई कोर्ट द्वारा लगाए गए आरोप कोर्ट ने नहीं माने और करीब को बरी कर दिया। वहीं, अन्य दो आरोपी इरफान और हमीमुद्दीन को न्यायालय ने दोषी माना है, उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई है।
28 फरवरी 2004 को टाडा कोर्ट ने ही मामले में 16 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने चार आरोपियों को बरी कर शेष की सजा बहाल रखी थी, जो जयपुर जेल में बंद है अब्दुल करीम टुंडा, हमीदुद्दीन और इरफान अहमद के खिलाफ टाडा कोर्ट के जज महावीर प्रसाद गुप्ता ने अपना फैसला सुनाया। जिसमें अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया गया है। हमीदुद्दीन और इरफान पर आंध्र प्रदेश, यूपी, गुजरात राजस्थान और महाराष्ट्र के शहरों में बम ब्लास्ट करने का आरोप था। वहीं, अब्दुल करीम टुंडा पर मामले का मास्टरमाइंड होने का आरोप था।
क्या थी 1993 की ये आतंकी घटना
यह घटना 6 दिसंबर 1993 की है। बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर आतंकियों ने देशभर में कई ट्रेनों में सीरियल बम ब्लास्ट किया था। इस घटना को बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी का बदला करार दिया। इस केस में 17 आरोपी पकड़ में आए। इनमें से 3 (टुंडा, हमीदुद्दीन, इरफान अहमद) पर गुरुवार को फैसला सुनाया गया। बता दें कि हमीदुद्दीन को 10 जनवरी 2010, इरफान अहमद को 2010 के बाद और टुंडा को 10 जनवरी 2014, नेपाल बॉर्डर से गिरफतार किया गया था।
Feb 29 2024, 15:57