हिमाचल में सियासी संकटः क्या लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी बनाने जा रही सरकार?
#himachal_pradesh_political_crisis
राज्यसभा चुनाव में हार के बाद हिमाचल की कांग्रेस सरकार संकट में है। हिमाचल के राज्यसभा चुनाव में 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। कांग्रेस के 6 बागी, 3 निर्दलियों ने बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया और इस तरह कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए।इसके बाद आनन-फानन में बैठक का दौर कांग्रेस की तरफ से शुरू किया गया। सीएम सुक्खू ने विधायकों के साथ बैठक की। वहीं बागी विधायकों ने पार्टी के आलाकमान को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वो पार्टी से नहीं बल्कि सीएम सुक्खू से नाराज हैं।
कांग्रेस को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं-जयराम ठाकुर
इधर, भाजपा विधायक दल ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की और सदन में वित्तीय बजट के लिए मत विभाजन की मांग की। जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल से मिलकर हमने मौजूदा घटनाक्रम की जानकारी दी। इस सरकार को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। जयराम ठाकुर ने कहा, 'पिछले कुछ समय से विधानसभा में जो घटनाक्रम चल रहा है उसकी जानकारी हमने राज्यपाल को दी है। राज्यसभा चुनाव में जो परिणाम आया, जो वर्तमान स्थिति है उसे देखें तो कांग्रेस को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है। कांग्रेस हमारी वजह से नहीं, अपनी वजह से संकट में है।'
हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि विधानसभा में हमारी बात नहीं सुनी जा रही है। जब भी हम वित्तीय विधेयक के दौरान मतविभाजन की मांग करते हैं तो इसकी अनुमति नहीं दी जाती है। हमारी अनुमति के बिना सदन को स्थगित कर दिया जा रहा है।
बीजेपी बनाएगी सरकार-हर्ष महाजन
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव जीतने वाले बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कहा कि बीजेपी राज्य में अपनी सरकार बनाने जा रही है। कांग्रेस के कुछ और विधायक हमारे संपर्क में हैं। मुझे उनके कुछ विधायकों और मंत्रियों के फोन आए। अगले कुछ घंटों में स्थिति बदलने वाली है और आप देखेंगे कि बीजेपी जल्द ही अपनी सरकार बनाएगी। अगले 10-20 सालों तक कांग्रेस यहां सत्ता में नहीं आने वाली है।
विधानसभा में भाजपा-कांग्रेस का नंबरगेम
हिमाचल में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 40 और भाजपा के पास 25 विधायक हैं। 3 निर्दलीय जीते थे। कल राज्यसभा चुनाव में 6 कांग्रेसी विधायकों ने भाजपा कैंडिडेट को वोट किया था। साथ ही निर्दलीय भी भगवा दल के साथ गए। बहुमत का आंकड़ा 35 है। अगर कांग्रेस के 6 विधायक भाजपाई हुए तो सुक्खू सरकार अल्पमत में आ जाएगी। इसके लिए फिलहाल बजट पास कराना ही अग्निपरीक्षा की तरह है। अगर डिविजन का फैसला होता है यानी बजट को पास कराने के लिए सदन पक्ष और विपक्ष के वोट में बंटता है तो सुक्खू सरकार गिर सकती है। इसकी वजह कांग्रेस के 6 बागी विधायक हैं जो फिलहाल उसकी पहुंच से बाहर और भाजपा शासित हरियाणा में बैठे बताए जा रहे हैं।
क्या कहता है नियम?
दरअसल, हिमाचल विधानसभा में अभी बजट सत्र चल रहा है। इस दौरान नो कॉन्फिडेंस मोशन यानी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है। ऐसे में बीजेपी का फोकस बजट पास न होने देने पर है। अगर किन्हीं कारणों से बजट पास नहीं होता है तो सरकार अपने आप गिर जाती है। ऐसी स्थिति पैदा होने पर मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना पड़ता है और सरकार गिर जाती है।
Feb 28 2024, 11:01