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कांग्रेस में नहीं थी इच्छाशक्ति, हमने दृढ़ संकल्प से बदली देश की तस्वीर', द्वारका में पीएम मोदी ने विपक्ष पर साधा जमकर निशाना

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसके बाद उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने गहरे समंदर के भीतर जाकर प्राचीन द्वारका जी के दर्शन किए।

 पीएम मोदी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की कर्मभूमि द्वारकाधाम को मैं श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। देवभूमि द्वारका में भगवान कृष्ण द्वारकाधीश के रूप में विराजते हैं। यहां जो कुछ भी होता है वो द्वारकाधीश की इच्छा से ही होता है। मैंने गहरे समंदर के भीतर जाकर प्राचीन द्वारका जी के दर्शन किए।

उन्होंने कहा कि पुरातत्व के जानकारों ने समंदर में समाई उस द्वारका के बारे में काफी कुछ लिखा है। कहते हैं कि भगवान विश्वकर्मा ने खुद इस द्वारका नगरी का निर्माण किया था।आज मेरा मन बहुत गदगद है, मैं भाव विभोर हूं। दशकों तक जो सपना संजोया हो और आज उस पवित्र भूमि को स्पर्श करके पूरा हुआ होगा। आप कल्पना कर सकते हैं कि मेरे भीतर कितना आनंद होगा। मैं आज समुद्र द्वारका के उस दर्शन से विकसित भारत के संकल्प को और मजबूत करके आया हूं।

रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों से वर्ल्ड इकोनॉमी पर खतरा, पाबंदियों पर रूस ने दिया बड़ा बयान

डेस्क: रूस और यूक्रेन में जंग के दो साल पूरे हो गए। इसी बीच अमेरिका ने रूस पर 500 प्रतिबंध लगा दिए। इस प्रतिबंध से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी खतरा मंडरा रहा है। हालांकि इस प्रतिबंध के बाद रूस की ओर से भी बयान आया है। इन पाबंदियों पर रूस ने कहा है कि उस पर इन पाबंदियों का कोई असर नहीं पड़ेगा। रूस का यूक्रेन पर हमला और विपक्षी नेता नवलनी की मौत की वजह से यह प्रतिबंध अमेरिका ने लगाए हैं। 

प्रतिबंधों पर क्या बोले रूसी राजदूत?

वाशिंगटन में रूसी राजदूत अनातोली एंतोनोव ने कहा, ये अवैध प्रतिबंध रूसी संघ के आंतरिक मामलों में दखल का एक और बेशर्म व निंदनीय प्रयास है। प्रतिबंधों के जवाब में रूस ने यूरोपीय संघ (ईयू) के कई अन्य अधिकारियों के देश में घुसने पर रोक भी लगा दी है। उधर, विशेषज्ञों ने कहा, नए प्रतिबंधों से रूस-अमेरिका के साथ ही वैश्विक अर्व्यवस्था को भी झटका लग सकता है। अटलांटिक काउंसिल के किम डोनोवन ने कहा, रूस के लिए हम जो कदम उठा रहे हैं, वह वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बुरे प्रभाव डाल सकते हैं। 

जंग के दो साल पर कीव पहुंचे वैश्विक नेता

रूसी हमले की दूसरी वर्षगांठ पर एकजुटता दिखाने के लिए यूरोप, इटली, कनाडा और बेल्जियम के नेता कीव पहुंचे और यूक्रेन को समर्थन का संकल्प जताया। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, यूरोप तब तक यूक्रेन का समर्थन करेगा जब तक वह अंततः स्वतंत्र नहीं हो जाता।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर भीषण हादसा, खड़े ट्रक में कार ने मारी टक्कर; चार लोगों की मौत

डेस्क: उत्तर प्रदेश में हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। हर रोज कई सड़क हादसे हो रहे हैं और इसमें लोगों की जान जा रही है। इसमें भी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर तो कई भीषण हादसे होते हैं। शनिवार को भी एक ऐसा ही भीषण हादसा देखने को मिला। यहां मैनपुरी के नजदीक यह हादसा हुआ है। इस हादसे में चार लोगों की मौत हुई है। 

कार ने खड़े ट्रक में मारी टक्कर

पुलिस ने बताया कि आगरा एक्सप्रेस-वे के 97 माइल स्टोन के पास एक ट्रक खड़ा था। वहीं पीछे से आ रही एक कार ने इसमें टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि कार के परखच्चे ही उड़ गए। वहीं कार में सवार चार लोगों की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि कार सवार पश्चिम बंगाल के कोलकाता के रहने वाले थे। हादसे के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और कार से चारों शवों को बाहर निकाला। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए मैनपुरी पोस्टमार्टम हाउस भेजा है।

शनिवार को कासगंज में 22 लोगों की हुई थी मौत

वहीं इससे पहले शनिवार को प्रदेश के कासगंज में ही 22 लोगों की मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक यूपी के कासगंज में माघ मेले में गंगा स्नान के लिए जाते वक्त ट्रैक्टर ट्रॉली पलट गई, जिससे सात बच्चों समेत 22 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही इस हादसे में कई लोग घायल भी हुए थे। माघ पूर्णिमा के मौके पर कासगंज जनपद के कादरगंज गंगाघाट पर स्नान करने जा रहे थे सभी लोग, एटा जनपद के जैथरा थाना क्षेत्र के कसा गांव के हैं।

उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी, सफेद चादर से ढके कई गांव, सुबह धूप खिली तो चांदी जैसे चमकने लगा पूरा क्षेत्र

उत्तराखंड में शनिवार देर रात को हुई बर्फबारी के बाद सुबह जब धूप निकली तो वादियां चांदी सी चमक उठीं। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी अब निचले क्षेत्रों तक भी पहुंच गई। गांव में चौक, खेत खलियान और आम रास्ते बर्फ से ढक गए। रात को पाला गिरने से बर्फ जम गई। अब ठिठुरन भरी ठंड पड़ रही है।

रामणी गांव के ग्राम प्रधान सूरज पंवार ने बताया कि बर्फबारी के बाद धूप खिलने से थोड़ी राहत मिली है। घूनी, पडेरगांव, जोशीमठ के साथ ही तपोवन क्षेत्र के गांवों में भी बर्फबारी हुई है। पोखरी ब्लॉक के मोहनखाल, ब्राह्मण थाला, नैल, कलसिर गांव में भी बारिश के साथ ही बर्फबारी हुई।

शनिवार को बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, रुद्रनाथ, लाल माटी, औली, गौरसों बुग्याल, फूलों की घाटी सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई थी। जिसके बाद ठिठुरन बढ़ गई है।बर्फबारी से निचले क्षेत्रों में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। जोशीमठ नगर क्षेत्र में इस सीजन की पहली बर्फबारी हुई, लेकिन बर्फ जल्दी पिघल गई।शनिवार को बर्फबारी होने से बदरीनाथ हाईवे और मलारी हाईवे पर जमी बर्फ हटाने का कार्य प्रभावित हो गया था।

दोपहर बाद जैसे ही बर्फबारी शुरू हुई तो दोबारा वहां बर्फ जम गई जहां से बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) ने बर्फ हटाई थी। इधर, औली रोड पर बर्फबारी के बाद फिसलन बढ़ गई है। वहीं, यमुना घाटी में देर रात तक हुई बर्फबारी के बाद सुबह मौसम साफ हो गया। चटख धूप खिलने के बीच यमुनोत्री घाटी के साथ मां यमुना के मायके खरशालीगांव में स्थित यमुना मंदिर, भूतेश्वर महादेव मंदिर का भी अद्भुत नजारा दिखा।

अब यूक्रेन को नक्शे से मिटाने की तैयारी, कीव ने किया बड़ा दावा, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तरी कोरिया के तानाशाह किम जोंग आए एक साथ

यूक्रेन और रूस के बीच महायु्द्ध तीसरे साल में प्रवेश कर चुका है। 24 फरवरी 2022 के दिन रूसी सेना ने पूरी ताकत से यू्क्रेन की धरती पर हमला बोल दिया था। चार गुना ज्यादा सैन्य बल के बावजूद रूसी सेना यूक्रेन को मात नहीं दे पाई, क्योंकि उसके पीछे अमेरिका और पूरी पश्चिम देशों की ताकत है। इस बीच कीव ने बड़ा दावा किया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तरी कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन मिलकर उसके खिलाफ बड़ी साजिश रच रहे हैं। मकसद यूक्रेन को नक्शे से ही मिटाने का है। उत्तरी कोरिया ने रूस को ऐसी घातक मिसाइलें दी हैं, जो यूक्रेनी शहरों को पलभर में तबाह कर सकते हैं। अमेरिका ने भी यूक्रेन के दावे पर चिंता जताई है। 

यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (एसबीयू) ने नया दावा करते हुए सनसनी मचा दी है कि रूस ने दिसंबर के अंत से यूक्रेन पर हमलों में कम से कम 20 उत्तर कोरियाई बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है। आशंका जताई है कि पुतिन और उत्तरी कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बीच डील हो गई है, जिसमें यूक्रेन को और अधिक मार देने की प्लानिंग तैयार हो गई है।

किम की अमेरिका से नफरत यूक्रेन पर पड़ेगी भारी

पुतिन का साथ देने के लिए किम इसलिए तैयार हो गए हैं क्योंकि अमेरिका और पश्चिम देश यूक्रेन का साथ दे रहे हैं और किम अमेरिका पर दक्षिण कोरिया और जपान को मदद के आरोप लगाता रहा है। किम कई बार खुले तौर अमेरिका को सबसे बड़ा दुश्मन भी बता चुके हैं। किम के भी जंग में सीधे तौर पर उतरने से इस युद्ध के तीसरे साल में महायुद्ध बनने के पूरे आसार हैं, जिसे लेकर अमेरिका और यूक्रेन दोनों काफी चिंतित हैं। 

यूक्रेन में जांचकर्ताओं का दावा है कि रूस द्वारा दागी गई ह्वासोंग-11 मिसाइलें - जिन्हें केएन-23 और केएन-24 के नाम से भी जाना जाता है - ने यूक्रेन में कम से कम 24 नागरिकों की जान ले ली है और कम से कम 100 घायल हो गए हैं।

एक बयान के अनुसार, एसबीयू ने केएन-23 बैलिस्टिक मिसाइल जैसा दिखने वाला मलबा भी बरामद किया है। इससे इस बात की पुष्टि हो गई है कि उत्तरी कोरिया इस जंग में पुतिन का साथ दे रहा है।

एसबीयू ने कहा कि रूस ने पहली बार उत्तर कोरियाई मिसाइलों का इस्तेमाल 30 दिसंबर 2023 को यूक्रेन के दक्षिणपूर्वी ज़ापोरीज़िया क्षेत्र में गोलाबारी के दौरान दर्ज किया था। इसमें कहा गया है कि उत्तर कोरियाई मिसाइलों से अगला हमला जनवरी की शुरुआत में कीव में दर्ज किया गया था। सुरक्षा सेवा के अनुसार, कीव में एक अपार्टमेंट इमारत के चार निवासियों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। रूसियों ने फरवरी में डोनेट्स्क क्षेत्र में पांच गांवों पर गोलाबारी करने के लिए उत्तर कोरियाई मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया, जिसमें 17 नागरिक मारे गए।

यूक्रेन के दो बड़े शहरों पर पुतिन का कब्जा

24 फरवरी 2022 से जारी इस महायुद्ध में जहां पुतिन के पास अनगिनत सैन्य क्षमता और अकूत संपति है। वहीं, यूक्रेन सीमित संसाधनों के साथ इस जंग में अमेरिका और पश्चिम की मदद से मजबूती से खड़ा है। हालांकि हाल ही के कुछ महीनों में रूस ने इस युद्ध में अप्रयाशित रूप से जीत हासिल की है, यूक्रेन के दो बड़े शहरों पर उसने कब्जा कर लिया है।

लगातार बढ़ती महंगाई से कब मिलेगी राहत? अब एफएमसीजी कंपनियां गिराने वाली हैं गाज, जानिए, किन सामानों के अब बढ़ सकती हैं कीमतें


महंगाई से राहत का इंतजार कर रहे आम लोगों को निराशा हाथ लग सकती है. एक तरफ खाने-पीने की चीजों की महंगाई में कमी आ रही है, दूसरी ओर एफमसीजी कंपनियां महंगाई की नई गाज गिराने की तैयारी में हैं. खबरों के अनुसार, एफएमसीजी कंपनियां आने वाले दिनों में अपने विभिन्न उत्पादों के दाम को बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं.

2 से 4 फीसदी तक बढ़ सकते हैं दाम

ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, डाबर और ईमामी समेत कई एफसीजी कंपनियां अपने विभिन्न उत्पादों के दाम बढ़ाने वाली हैं. ये कंपनियां इस साल अपने उत्पादों के दाम 2 से 4 फीसदी तक बढ़ा सकती हैं. कंपनियों को उम्मीद है कि दाम बढ़ाने से इस साल के दौरान उनकी ग्रोथ को सपोर्ट मिलने वाला है.

पिछले साल प्रभावित हुई थी ग्रोथ

एफएमसीजी कंपनियों ने पिछले साल दाम घटाए थे. रिपोर्ट के अनुसार, इनपुट मटीरियल्स की कीमतों में तेज डिफ्लेशन के चलते एफएमसीजी कंपनियों ने अपने उत्पादों के दामों में पिछले साल कटौती की थी, जिससे एफएमसीजी इंडस्ट्री की वैल्यू ग्रोथ रेट प्रभावित हुई थी. इस साल दाम बढ़ाने से ग्रोथ की रफ्तार भी बढ़ने की उम्मीद है.

इन सामानों के बढ़ सकते हैं भाव

एफएमसीजी प्रोडक्ट यानी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स उन उत्पादों को कहते हैं, जिनका लोग रोजमर्रा इस्तेमाल करते हैं. साबून, शैम्पू, टूथपेस्ट, टूथब्रश से लेकर प्रोसेस्ड फूड और सॉफ्ट ड्रिंक आदि एफएमसीजी प्रोडक्ट में गिने जाते हैं. इनके दाम बढ़ने से हर किसी के जीवन पर असर पड़ता है और हर घर का बजट बिगड़ता है, क्योंकि आज के समय में लगभग हर कोई इन सामानों का इस्तेमाल कर रहा है.

अभी नहीं टला है महंगाई का खतरा

भारत में महंगाई की बात करें तो पिछले महीने इसमें कुछ नरमी देखी गई. जनवरी महीने में खुदरा महंगाई की दर कम होकर 5.1 फीसदी पर आ गई, जो कि तीन महीने में सबसे कम है. हालांकि यह अभी भी रिजर्व बैंक को 4 फीसदी के दिए गए लक्ष्य से ऊपर है. यही कारण है कि फरवरी महीने के दौरान हुई एमपीसी बैठक में भी रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को नहीं बदलने का फैसला लिया. रिजर्व बैंक को अभी भी महंगाई से चुनौती की आशंका है.

यूपी के कौशांबी में पटाखा फैक्‍ट्री में भीषण विस्‍फोट, हादसे में चार लोगों की मौत, धमाके से थर्राया इलाका, सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताया दुख

यूपी के कौशांबी में पटाखा फैक्‍ट्री में भीषण विस्‍फोट हुआ है। इस हादसे में कम से कम चार लोगों की मौत की सूचना मिल रही है। एक के बाद एक धमाकों से पूरा इलाका थर्रा हुआ है। मौके पर पहुंचे आसपास के लोगों ने 10 लोगों को बाहर निकाला है। प्रत्‍यक्षदर्शियों के मुताबिक कम से कम चार लोगों की मौत हो चुकी है। धमाकों से झुलसे कई लोगों की हालत गंभीर है। विस्‍फोट के एक घंटे बाद तक दमकल गाड़ियों के न पहुंचने के चलते स्‍थानीय लोग गुस्‍से में हैं। सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए अधिकारियों को राहत के काम में तेजी लाने के आदेश दिए हैं। 

मिली जानकारी के अनुसार हादसे की शिकार हुई पटाखा फैक्‍ट्री कौशांबी के कोखराज थाना क्षेत्र के भरवारी कस्‍बे की है। पुलिस के मुताबिक‍ हादसे के वक्‍त फैक्‍ट्री में कई लोग काम कर रहे थे। उनमें से चार की मौत की पुष्टि हो पुलिस ने की है। जबकि घायलों में से तीन-चार लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस के मुताबिक तीन लोगों की मौत मौके पर ही हो गई थी जबकि एक की मौत अस्‍पताल में इलाज के दौरान हुई। मौके पर रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। पटाखा फैक्‍ट्री में पहले विस्‍फोट के बाद करीब एक घंटे तक रुक-रुक कर धमाके होते रहे। फायर ब्रिगेड के पहुंचने तक स्‍थानीय लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर अंदर फंसे लोगों को बाहर निकलवाया। उन्‍हें आनन-फानन में अस्‍पताल पहुंचाया गया।

कौशांबी के एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्‍तव ने मीडिया को बताया कि हादसे की चपेट में वही लोग आए जो पटाखा फैक्‍ट्री में काम कर रहे थे। उनके मुताबिक पटाखा फैक्‍ट्री संचालक के पास पटाखा बनाने का लाइसेंस है। उन्‍होंने कहा कि यह फैक्‍ट्री रिहायशी इलाके से काफी दूर स्थित है। दमकल गाड़ि‍यों के देरी से पहुंचने पर उन्‍होंने कहा कि हादसे के वक्‍त फायर ब्रिगेड के कर्मचारी एक अन्‍य स्‍थान पर ड्यूटी पर थे। सूचना मिलते ही उन्‍हें वहां से मौके के लिए रवाना किया गया।

BSP सांसद ने पीएम मोदी के साथ किया था लंच, अब मायावती को छोड़ हो सकते हैं BJP में शामिल

डेस्क: उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर से बहुजन समाज पार्टी (BSP) के लोकसभा सांसद रितेश पांडे ने इस साल बजट सत्र के दौरान पीएम मोदी के साथ संसद भवन की कैंटीन में लंच किया था। अब आज खबर आई है कि सांसद रितेश पांडे ने बसपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों की मानें तो रितेश पांडे आज बीजेपी में शामिल हो सकतें हैं। संसद के बजट सत्र के दौरान संसद भवन की कैंटीन में प्रधानमंत्री मोदी ने जिन 9 सांसदों के साथ लंच किया था, रितेश पांडेय भी उनमें शामिल थे।

इस्तीफे में लिखी अपनी शिकायतें

सूत्रों की मानें तो रितेश पांडे अगर बीजेपी में शामिल हुए तो उन्हें भाजपा अंबेडकर नगर से सांसदी का टिकट दे सकती है। बता दें कि पांडे एक राजनीतिक परिवार से आते हैं और उनके पिता राकेश पांडे समाजवादी पार्टी से विधायक हैं। रितेश पांडे ने बसपा सुप्रीमो मायावती को भेजे अपने इस्तीफे की कॉपी सोशल मीडिया पर भी शेयर की है। इसमें पांडे ने दूसरे पैराग्राफ में लिखा, "लंबे समय से मुझे न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा था और न ही नेतृत्व के स्तर पर संवाद किया जा रहा था। मैंने आपसे तथा शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क करने के लिए, भेंट करने के अनगिनत प्रयास किए लेकिन कोई हल नहीं निकला। इस दौरान में अपने क्षेत्र में लोगों से और पार्टी कार्यकर्ताओं से लगातार मिलता रहा। मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि पार्टी को मेरी सेवा और उपस्थिति की अब कोई जरूरत नहीं है इसलिए मेरे पास पार्टी से इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। पार्टी से नाता तोड़ने का फैसला भावात्मक रूप से कठिन फैसला है। आपसे आग्रह है कि मेरे इस त्यागपत्र को अविलंब स्वीकार किया जाए। मैं आपके और पार्टी के प्रति पुनः आभार व्यक्त करता हूं तथा शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं।"

इस्तीफा आते ही मायावती ने दी प्रतिक्रिया

सांसद रितेश पांडे के इस्तीफा देते ही मायावती ने भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी और सीधे भाजपा पर हमला किया। मायावती ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर लिखा, "बीएसपी राजनीतिक दल के साथ ही परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेन्ट भी है जिस कारण इस पार्टी की नीति व कार्यशैली देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है जिसे ध्यान में रखकर ही चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भी उतारती है। अब बीएसपी के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वंय जाँचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा? क्या अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? साथ ही, क्या उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित में समय-समय पर दिये गये दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया है?"

मायावती ने अलगे ट्वीट में लिखा, "ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना क्या संभव, खासकर तब जब वे स्वंय अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं व निगेटिव चर्चा में हैं। मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित। बीएसपी का पार्टी हित सर्वोपरि।"

मन की बात के 110वें एपिसोड में बोले पीएम मोदी, अब तीन महीने नहीं होगा कार्यक्रम

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' का इस बार 110वां एपिसोड प्रसारित हुआ। इस एपिसोड में प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं और उनके सशक्तिकरण को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं देश के विकास और उन्नति में कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आज सरकार भी तमाम योजनाओं की मदद से महिलाओं को सशक्त बना रही है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संभावना है कि मार्च में आचार सहिंता लग जाए। इस दौरान मन की बात का कार्यक्रम नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि आचार सहिंता लगने के बाद कार्यक्रम का संचालन नहीं हो पाएगा।  

हर क्षेत्र में महिलाएं आगे- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ ही दिन बाद 8 मार्च को हम ‘महिला दिवस’ मनाएंगे। ये विशेष दिन देश की विकास यात्रा में नारी-शक्ति के योगदान को नमन करने का अवसर होता है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले हम यह सोच भी नहीं सकते थे कि देश की महिलाएं ड्रोन उड़ाएंगी, लेकिन अब यह संभव है। आज देश में ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है, जहां नारी शक्ति पीछे हो।

जल्द जीवन मिशन को आगे बढ़ा रही महिलाएं 

पीएम मोदी ने कहा कि देश के कोने-कोने में महिलाएं अब प्राकृतिक खेती को विस्तार दे रही हैं। आज अगर देश में 'जल जीवन मिशन' के तहत इतना काम हो रहा है तो इसके पीछे समितियों की बहुत बड़ी भूमिका है। इस पानी समिति का नेतृत्व महिलाओं के ही पास है। इसके अलावा भी बहनें-बेटियां जल संरक्षण के लिए चौतरफा प्रयास कर रही हैं।

सरकार के प्रयासों से बढ़ी बाघों की संख्या

पीएम ने इस दौरान कहा कि 3 मार्च को 'विश्व वन्य जीव दिवस' है। इस दिन को वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व वन्य जीव दिवस की थीम में डिजिटल नवाचार को सर्वोपरि रखा गया है। पिछले कुछ वर्षों में सरकार के प्रयासों से देश में बाघों की संख्या बढ़ी है।

भारत का बाजार दुनिया भर में सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण, इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणी से बेंगलुरु में उबेर के सीईओ ने कही बात

भारत में कैब सर्विस के क्षेत्र में लोकप्रिय नाम उबर ने भारतीय मार्केट को दुनियाभर के देशों के बीच सबसे कठिन मार्केट्स में से एक करार दिया है. अमेरिकी कंपनी उबर की कैब अमेरिका और भारत समेत दुनिया के 70 से ज्यादा देशों में लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचा रही हैं. 

ऐसे में भारत दौरे पर आए कंपनी के सीईओ दारा खोसरोशाही का ये बयान कि उनके लिए भारत में कारोबार करना दुनिया के चुनौतीपूर्ण बाजारों में से एक है जाहिर करता है कि उबर के लिए भारत में बिजनेस करना आसान नहीं है. इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणी से बेंगलुरु में हुई बातचीत के दौरान उबर के CEO ने कहा कि कि भारत उनके लिए सबसे मुश्किल बाजारों में शामिल है. 

भारत होकर निकलेगा उबर की सफलता का रूट!

लेकिन भारत में चुनौतियों का सफलता के साथ सामना करके उबर अपने ग्लोबल कारोबार के लिए एक बड़ी सीख भी हासिल कर रही है. खोसरोशाही के मुताबिक भारत में ग्राहक न्यूनतम खर्च पर अधिकतम सेवाओं का फायदा उठाने को तरजीह देते हैं. ऐसे में यहां पर कारोबार करने से जो सीख मिलती है, उसे दुनिया के किसी भी दूसरे देश में अपनाकर कारोबार करने से वहां पर सफलता मिलना आसान हो जाता है. खोसरोशाही ने कहा कि अगर एक बार भारत में सफलता मिल गई तो फिर दुनिया के किसी भी देश में सफलता हासिल करना संभव है. 

अफोर्डेबल सेगमेंट पर फोकस 

खोसरोशाही के मुताबिक भारत में उबर किफायती सर्विस देने पर फोकस कर रही है. सस्ते विकल्पों में दोपहिया और तिपहिया वाहन कंपनी के कारोबार को वॉल्यूम देने का काम कर रहे हैं. उबर के CEO का मानना है कि चुनौतियों के बावजूद भारत में उबर के लिए ये एक शानदार मौका है. यही वजह है कि उबर अफोर्डेबल सेगमेंट में कारोबार का विस्तार करने को बड़ा रणनीतिक मौका मान रही है. पहले केवल कार सर्विस को कैब के तौर पर मुहैया कराने वाली उबर ने अब टू-व्हीलर्स, थ्रीव्हीलर्स और बस सेवा तक उपलब्ध कराने की योजना बनाई है. 

उबर बस सेवा का होगा आगाज!

टू और थ्रीव्हीलर्स सेगमेंट्स के साथ ही कंपनी अफोर्डेबल सर्विसेज मुहैया कराने के लिए ज्यादा क्षमता वाली उबर बस तैयार करने पर काम कर रही है. इस बस के जरिए कंपनी भारत की बड़ी जनसंख्या में ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच अपनी सेवाओं के जरिए पहुंच बनाने पर फोकस कर रही है. कैब के जरिए कंपनी जहां केवल भारत के अपर मिडिल क्लास सेगमेंट के बीच ही मौजूद थी वहीं अब सस्ते ट्रांसपोर्ट के विकल्प उपलब्ध कराकर उबर की ज्यादा शहरों और लोगों तक पहुंच होना संभव है. 

भारत की डिजिटल ताकत से उबर प्रभावित

खोसरोशाही ने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों की कंपनियां और सरकारें भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर से काफी कुछ सीख सकती हैं. उनेक मुताबिक एक टेक्नोलॉजी कंपनी के तौर पर उबर ओपन सोर्स तकनीक में काफी दिलचस्पी ले रही है. खोसरोशाही का कहना है कि लोगों को इससे मिलने वाले मौकों के महत्त्व को भी उबर अच्छे से समझती है.

इसलिए उबर ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC), UPI, डिजिलॉकर और आधार वगैरह के जरिए डिजिटल सार्वजनिक ढांचे का फायदा उठाने पर फोकस करेगी. उबर ने ONDC के साथ एक करार भी किया है जिसके तहत कंपनी उबर ऐप पर अलग अलग तरह की सेवाएं देने के लिए ओएनडीसी की खूबियों का फायदा उठाएगी.