जानें कब से शुरू होगी देश की पहली बुलेट ट्रेन, समुद्र के अंदर तय होगा 7 किमी का सफर
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देश की पहली बुलेट ट्रेन अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलने वाली है। जिसे जापान की मदद से तैयार किया गया है।बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के पहले फेज का काम तेजी से जारी है। मुंबई-अहमदाबाद के बीच बन रहे इस प्रोजेक्ट में गुजरात के हिस्से में काम लगभग पूरा हो चुका है। वहीं महाराष्ट्र में आज सबसे प्रमुख सुरंग बनाने का काम शुरू किया जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज मुंबई पहुंचकर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के सुरंग के काम की शुरुआत की।
रेल मंत्री ने आज मुंबई में बन रहे टनल के सेंटर प्वाइंट विक्रोली और आखिरी स्टेशन बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में निरीक्षण किया।विक्रोली में आज टनल में ब्लास्ट के बाद टनल का रास्ता बनाने का पहला स्टेप शुरू किया गया है। रेल मंत्री के मुताबिक देश और विदेश में इतना लंबा पहला टनल होगा जो 21 किलोमीटर का होगा। विक्रोली से नवी मुंबई के घनसोली और ठाणे के सील फाटा तक और विक्रोली से बीकेसी तक ये टनल होगी, यानी की ठाणे से मुंबई के बीकेसी तक 21 किलोमीटर की दूरी होगी और उसमे 7 किलोमीटर की दूरी समंदर के अंदर से तय की जाएगी।
सुरंग और समुद्र के रास्ते से गुजरेगी बुलेट ट्रेन
2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के तत्कालीन पीएम शिंजो आबे के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट की नींव रखी थी। मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन 508 किलोमीटर की दूरी बुलेट ट्रेन औसत चाल 320 किमी प्रति घंटे की चाल से कवर करेगी। इस ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 350 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। इस परियोजना में सुरंग और समुद्र के रास्ते भी शामिल हैं। मुंबई में 7 किमी का हिस्सा समुद्र के अंदर होगा। वहीं 25 किमी का रूट सुरंग से होकर गुजरेगा, जबकि 13 किमी हिस्सा जमीन पर होगा। बुलेट ट्रेन 70 हाईवे और 21 नदियां पार करेगी। इसके रास्ते में 173 बड़े और 201 छोटे ब्रिज बनेंगे।
लागत का 81% जापान ने दिया
मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन 508 किमी का सफर 3 घंटे में तय करेगी। इस समय दुरंतो दोनों शहरों के बीच का सफर तय करने में साढ़े पांच घंटे का समय लगाती है। 508 किमी के रूट में से 351 किमी का हिस्सा गुजरात में और 157 किमी हिस्सा महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा। इसका कुल 92% यानी 468 किमी लंबा ट्रैक एलिवेटेड रहेगा। इस परियोजना की लागत लगभग 1 लाख 8 हजार करोड़ रुपये आने का अनुमान है। इसका 81% पैसा जापान ने दिया है और ये लोन कंपनी द्वारा 0.1% प्रति वर्ष की दर से भारत से लिया जाएगा।
2026 तक इसके चालू होने की उम्मीद
बता दें कि पहले बुलेट ट्रेन साल 2022 तक चलाए जाने का टारगेट था, फिर इसे बढ़ाकर 2023 तक किया गया। इसके बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब 2026 तक इसके चालू होने की उम्मीद है। शुरुआत 10 कोच वाली 35 बुलेट ट्रेनों से होगी। ये ट्रेनें रोजाना 70 फेरे लगाएंगी। एक बुलेट ट्रेन में 750 लोग बैठ सकेंगे। बाद में 1200 लोगों के लिए 16 कोच हो जाएंगे। 2050 तक इन ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर 105 करने का प्लान है।
Feb 23 2024, 19:58