दिल्ली मार्च से पहले किसानों की सरकार को किया आगाह, जगजीत सिंह डड्डेवाल ने कहा- कहीं ऐसा न हो हम आपा खो बैठें
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केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मानने से इनकार के बाद किसान आज दिल्ली कूट करने के लिए पूरी तैयारी में हैं।इसके लिए शंभू बॉर्डर पर हाईड्रोलिक क्रेन, जेसीबी व बुलेटप्रूफ पोकलेन जैसी भारी मशीनरी लाई गई है। किसानों का कूच रोकने के लिए दिल्ली की सभी सीमाओं पर सुरक्षा चाक चौबंद है। शंभू बॉर्डर पर दंगा रोधी पुलिस के 700 जवान तैनात हैं। पंजाब से हरियाणा जाने वाली भारी मशीनों की आवाजही पर रोक है। केंद्र ने अनुमान लगाया है कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर 1,200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, 300 कारों, 10 मिनी बसों के अलावा छोटे वाहनों के साथ लगभग 14,000 लोग एकत्र हुए हैं।
जगजीत सिंह डड्डेवाल ने सरकार को किया आगाह
अन्नदाताओं के प्रदर्शन के किसान नेता जगजीत सिंह डड्डेवाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार जिद पर अड़ी है। ऐसे में वे सरकार को 2 विकल्प देते हैं। पहला यह कि दिल्ली चलो मार्च के तहत किसानों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र जाने दिया जाए और दूसरा यह कि अगर उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं दी जाती है तब केंद्र न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित उनकी बाकी मांगों को मान ले।जगजीत सिंह डड्डेवाल ने आगे आगाह करते हुए कहा कि कहीं ऐसा न हो कि वे लोग (किसान) आपा खो बैठें।
एमएसपी पर गारंटी कानून बनाएं, आंदोलन अभी खत्म हो जाएगा-पंधेर
दिल्ली कूट से पहले शंभू बॉर्डर पर किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमें वार्ता का न्योता मिला हम उसमें गए। हमने हाथ जोड़कर निवेदन किया कि हमारे मसलों को हल कीजिए। चर्चा हो गई अब तो निर्णय लेने का समय है।पंधेर ने कहा कि हम आगे बढ़ेंगे और पूरी दुनिया हमें शांति से आगे बढ़ते हुए देखेगी। अगर सरकार को लगता है कि किसानों को मारने से उनकी समस्या हल हो जाएगी तो वह ऐसा कर सकती है। लेकिन हम शांतिपूर्वक आगे बढ़ना जारी रखेंगे। पंधेर ने कहा कि हमने तय किया है कि कोई भी किसान, युवा आगे नहीं जाएगा। सिर्फ नेता शांतिपूर्ण आगे जाएंगे। हम सरकार से आज भी मांग करेंगे कि दिल्ली से बड़ा फैसला करें। आप कहें कि एमएसपी पर गारंटी कानून बनाएंगे, ये आंदोलन अभी खत्म हो सकता है।
किसानों को दिल्ली आने देना चाहिए- उदित राज
कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि किसान समझ गया है कि उनको मांगों पर टिके रहना है। सरकार की तरफ से ही आंसू गैस फेंके जा रहे हैं। यह हमारे देश के अन्नदाता हैं। समझ नहीं आ रहा है यह लोकतंत्र है।उन्होंने कहा कि दिल्ली में किसान आ रहे हैं तो आने देना चाहिए उन्हें बात करना चाहिए।
Feb 21 2024, 11:54