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*संसद की सुरक्षा में चूक के बाद केन्द्र का बड़ा फैसला, परिसर में तैनात होंगे सीआईएसएफ के 140 जवान*

पिछले साल दिसंबर में संसद की सुरक्षा में सेंध का मामला सामने आया था। जब कुछ लोग रंगीन धुएं के कनस्तरों के साथ लोकसभा और संसद परिसर में घुस गए थे। सुरक्षा की चूक मामले पर विपक्ष ने तब संसद में जमकर हंगामा किया था। अब इस मामले में केन्द्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।सीआईएसएफ अब संसद के अंदर आने-जाने वाले गेस्ट की जांच करेगा।अगले हफ्ते से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र के दौरान संसद के अंदर आने और जाने वाले गेट की सुरक्षा सीआईएसएफ के जवान करेंगे।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संसद परिसर में इसके लिए सीआईएसएफ के 140 जवानों की एक टुकड़ी तैनात की गई है।अगले हफ्ते 31 जनवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र के दौरान आने वाले और उनके सामान की जांच के लिए नई व्यवस्था के तहत संसद परिसर के अंदर सीआईएसएफ के 140 जवानों की एक टुकड़ी तैनात की गई है।

गृह मंत्रालाय ने संसद की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ को पिछले महीने 13 दिसंबर को संसद में हुई सुरक्षा उल्लंघन के मद्देनजर लिया है।13 दिसंबर को संसद पर हमले के बरसी के दिन कुछ लोग संसद भवन की दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे और उन्होंने रंगीन धुआं फैला दिया था। इस दौरान इन युवकों ने नारेबाजी भी की थी। इस घटना के बाद ही संसद की सुरक्षा की समीक्षा करते हुए विजिटर्स की जांच के लिए सीआईएसएफ को तैनात करने का फैसला लिया गया।

सीआईएसएफ नए और पुराने संसद भवन की हवाईअड्डे की तरह सुरक्षा प्रदान करेगा। संसद भवन में पहुंचनेवाले विजिटर्स और उनके सामानों की जांच एक्स-रे मशीनों, हैंड डिटेक्टर्स के माध्यम से की जाएगी। यहां तक कि जूते को स्कैन करने के भी इंतजाम किए गए हैं। भारी जैकेट और बेल्ट को एक ट्रे पर रखकर एक्स-रे स्कैनर से गुजारा जाएगा।

*असम में राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर, भड़के कांग्रेस सांसद ने हिमंत को बता डाला सबसे भ्रष्ट सीएम*

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' असम में है। इस यात्रा को लेकर राज्य में विवाद देखने को मिल रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और असम पुलिस के बीच झड़प भी सामने आई हैं। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग तोड़ दी।इस पूरे मामले पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य के डीजीपी को राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है।

राहुल गांधी ने एफआईआर को लेकर कहा, 'असम के मुख्यमंत्री जो कर रहे हैं उससे यात्रा को फायदा मिल रहा है। हमारा प्रचार हो रहा है। इस तरह मुख्यमंत्री और अमित शाह हमारी मदद कर रहे हैं। गांधी ने कहा कि यह डराने की कोशिश है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। लोग बोल रहे हैं कि जेपी नड्डा गुवाहाटी जा सकते हैं तो राहुल गांधी क्यों नहीं जा सकते? हिमंत देश के सबसे भ्रष्ट सीएम हैं। यहां काफी बेरोजगारी है।'

राहुल गांधी ने कहा कि हमें कमजोर मत समझना। हमने बैरिकेड तोड़ दिए हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता किसी से नहीं डरते। पार्टी कार्यकर्ताओं को राहुल गांधी ने 'बब्बर शेर' बताया और बोले कि उन्होंने यूनिवर्सिटी में मेरा कार्यक्रम कैंसिल कर दिया, लेकिन छात्रों ने यूनिवर्सिटी के बाहर मेरी बात सुनी। हम असम में भाजपा को हराएंगे और जल्द ही कांग्रेस की सरकार बनाएंगे। राहुल गांधी ने पुलिस की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि पुलिस सिर्फ उन्हें मिले आदेशों का पालन कर रही है। हम आपके खिलाफ नहीं हैं। हम सीएम के खिलाफ हैं, जो भ्रष्ट हैं, हमारी लड़ाई उनसे है।

*मिजोरम में म्यांमार का सैन्य विमान हादसे का शिकार, रनवे से फिसला, 6 लोग जख्मी*

मिजोरम में एक बड़ा हादसा हुआ है। यहां के लेंगपुई हवाई अड्डे पर म्यांमार सेना का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस हादसे में 6 लोग जख्मी हो गए हैं, जिनकी हालत गंभी बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक इस विमान में पायलट के साथ ही 14 अन्य लोग सवार थे। मिजोरम डीजीपी ने बताया कि सभी घायलों को लेंगपुई अस्पताल में भर्ती कराया गया है मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है।

मिजोरम के एक अधिकारी ने कहा, ‘विमान छोटे आकार का है, पायलट के साथ 14 लोग सवार थे, 6 घायल हो गए और छह सुरक्षित हैं। जातीय विद्रोही समूहों और लोकतंत्र समर्थक ताकतों द्वारा उनके शिविरों पर कब्जा कर लिए जाने के बाद अब तक लगभग 635 म्यांमार सैनिक मिजोरम भाग गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 359 सैनिकों को पहले ही उनके देश वापस भेजा जा चुका है।

हादसा सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर हुआ था। जब विमान लेंगपुई हवाई अड्डे पर लैंड कर रहा था उसी वक्त ये हादसा हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक दुर्घटना इतनी भीषण थी कि विमान दो हिस्सों में बंट गया।बताया जा रहा है कि म्यांमार से विमान उन सैनिकों को वापस लेने के लिए भेजा गया था, जो देश छोड़कर पूर्वोत्तर राज्य में शरण लिए हुए हैं। दरअसल सत्ता संघर्ष की दौरान के म्यांमार के हालात बेहद खराब है। यही वजह है कि वहां के सैनिक अपनी जान बचाने के लिए मिजोलम भागकर आए थे।

*असम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प, ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' रोके जाने के बाद बवाल*

#congress_bharat_jodo_nyay_yatra_rahul_gandhi_supporters_clash_with_police 

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हैं। इस बीच मंगलवार को भारत जोड़ो न्याय यात्रा को गुवाहाटी में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई, जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा और प्रदर्शन किया। इस दौरान नाराज कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ दिए और राज्य सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी भी की।

इस मामले का जो वीडियो सामने आया है उसमें पुलिस के बैरिकेड नज़र आ रहे हैं, और इस पर कांग्रेस के कार्यकर्ता चढ़कर ‘राहुल गांधी ज़िदाबाद’ के नारे लगाते सुनाई दे रहे हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, यात्रा को गुवाहाटी में घुसने से रोका जा रहा है।0राहुल गांधी को पुलिस ने रोक दिया और उन्हें शहर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। कांग्रेस उस मार्ग में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, जिसकी उन्हें अनुमति नहीं थी। इसके बाद देखते ही देखते पुलिस के साथ झड़प हो गई और पुलिस ने कुछ समर्थकों को लाठियों से खदेड़ा। इस दौरान राहुल गांदी बस के ऊपर खड़े रहे

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि असम के सीएम, गृह मंत्री और प्रधानमंत्री भले ही क़ानून तोड़ सकते हैं लेकिन कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता क़ानून को नहीं तोड़ेगा। उन्होंने कहा, "मगर आप ये मत सोचिए कि हम लोग कमज़ोर हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ता बब्बर शेर हैं। अपनी शक्ति को पहचानो।"

इससे पहले सोमवार को राहुल गांधी को असम पुलिस ने वैष्णव संत श्रीमंत देव की स्थली बटाद्रवा थान मंदिर जाने से रोक दिया गया था। इस घटना के बाद मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, “हम मंदिर में जाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें बुलाया गया था और अब हमें जाने नहीं दिया जा रहा है। लगता है आज सिर्फ़ एक ही व्यक्ति (पीएम नरेंद्र मोदी) मंदिर जा सकता है।”

क्या है प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना ? अयोध्या से लौटते ही पीएम मोदी ने किया ऐलान, बिजली बिल से मुक्त होंगे एक करोड़ घर !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (23 जनवरी) को अयोध्या से लौटने के कुछ घंटों बाद 'प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना' की घोषणा की। योजना के तहत एक करोड़ घरों की छत पर सोलर सिस्टम लगाए जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी है। 

उन्होंने लिखा है कि, 'विश्व के सभी भक्तों को सूर्यवंशी भगवान श्री राम के प्रकाश से सदैव ऊर्जा मिलती रहती है। आज अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा संकल्प और मजबूत हुआ कि भारत के सभी लोगों के घर की छत पर अपना सोलर रूफटॉप सिस्टम हो।' पीएम मोदी ने लिखा कि, अयोध्या से लौटने के बाद मैंने पहला निर्णय यह लिया है कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाने के लक्ष्य के साथ "प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना" शुरू करेगी। इससे न केवल गरीबों और मध्यम वर्ग का बिजली बिल कम होगा बल्कि भारत ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।'

बता दें कि, प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का सर्वाधिक फायदा गरीब और मध्यम वर्ग को मिलने वाला है। समाज के इस तबके को अब तक बिजली के बिल के रूप में अपनी आमदनी का बड़ा हिस्‍सा खर्च करना पड़ता है, साथ ही बीते कुछ सालों से देश में बिजली के मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो गई है। राजनितिक दल, कभी मुफ्त बिजली, तो कभी कम दरों पर बिजली देने के मुद्दे पर आम लोगों को लुभाने की कोशिश करते रहे हैं। इस स्‍कीम के जरिये सरकार ऐसे मुद्दों पर राजनीति करने वालों को करारा जवाब दे सकती है। प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने एक करोड़ घरों के रूफटॉप पर सोलर सिस्टम लगाने का लक्ष्य रखा है, हो सकता है आगे जाकर भारत के गरीब लोग बिजली बिलों से ही मुक्त हो जाएं। जल्‍द ही सरकार इसको लेकर एक रोडमैप जारी करने वाली है, जिसमे ये सोलर सिस्टम कहाँ लगेंगे, कैसे लगेंगे, कैसे आवेदन करना है, इसकी पूरी जानकारी होगी।

दुनिया का चौथा सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट बना भारत, हांगकांग को छोड़ा पीछे, जानिए कब कब मिलती गई बढ़त

भारतीय शेयर बाजार हांगकांग को पछाड़कर वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा इक्विटी बाजार बन गया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध शेयरों का संयुक्त मूल्य सोमवार (22 जनवरी) को बंद होने तक 4.33 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जबकि हांगकांग के लिए 4.29 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर था। 

भारत का शेयर बाजार पूंजीकरण 5 दिसंबर, 2023 को पहली बार 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया, जिसमें से लगभग आधा पिछले चार वर्षों में आया था। शीर्ष तीन शेयर बाज़ार अमेरिका, चीन और जापान हैं। संचयी रूप से, पिछले 12 महीने उन निवेशकों के लिए शानदार रहे हैं, जिन्होंने भारतीय शेयरों में अपना पैसा लगाया है। हालांकि कुछ उथल-पुथल रही है, कैलेंडर वर्ष 2023 ने शेयर बाजार के निवेशकों को अच्छा मौद्रिक लाभांश दिया। 2023 में ही सेंसेक्स और निफ्टी में संचयी आधार पर 17-18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। 2022 में उन्हें महज 3-4 फीसदी का फायदा हुआ। आंकड़ों से पता चलता है कि हांगकांग के बेंचमार्क हैंग सेंग इंडेक्स में पिछले साल की तुलना में संचयी रूप से 32-33 प्रतिशत की गिरावट आई है। 

वहीं, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि का ठोस पूर्वानुमान, प्रबंधनीय स्तर पर मुद्रास्फीति, केंद्र सरकार के स्तर पर राजनीतिक स्थिरता, और संकेत है कि दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों ने अपनी मौद्रिक नीति को कड़ा कर दिया है, जिसने भारत के लिए एक उज्ज्वल तस्वीर पेश की है, जिसे कई एजेंसियों ने सबसे तेज गति से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था करार दिया है। हाल ही में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) से धन के मजबूत प्रवाह ने भी शेयरों को अब तक के उच्चतम स्तर की ओर बढ़ने में मदद की है। विशेष रूप से, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने देश के शेयर बाजार में शुद्ध खरीदार बनकर फिर से भारत की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया है। इस प्रक्रिया में, इसने भारतीय बेंचमार्क स्टॉक सूचकांकों को हाल ही में अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर का स्वाद चखने में मदद की।

भारत, जो पिछले साल सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया, ने खुद को चीन के विकल्प के रूप में स्थापित किया है, जो वैश्विक निवेशकों और कंपनियों से नई पूंजी आकर्षित कर रहा है, इसकी स्थिर राजनीतिक व्यवस्था और उपभोग-संचालित अर्थव्यवस्था के कारण जो सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनी हुई है। राष्ट्रों, ब्लूमबर्ग रिपोर्ट में कहा गया है। जैसे ही भारतीय शेयरों में तेजी आई, यह हांगकांग में एक ऐतिहासिक मंदी के साथ मेल खाता है, जहां चीन की कुछ सबसे प्रभावशाली और नवीन कंपनियां सूचीबद्ध हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, कड़े कोविड-19 प्रतिबंध, निगमों पर नियामक कार्रवाई, संपत्ति-क्षेत्र संकट और पश्चिम के साथ भू-राजनीतिक तनाव ने मिलकर दुनिया के विकास इंजन के रूप में चीन की अपील को खत्म कर दिया है। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, हांगकांग में नई लिस्टिंग सूख गई है, एशियाई वित्तीय केंद्र प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए दुनिया के सबसे व्यस्त स्थानों में से एक के रूप में अपनी स्थिति खो रहा है। इसके अलावा, भारतीय शेयर सूचकांक मंगलवार को शुरुआती दौर में तेजी से कारोबार कर रहे थे और अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर से थोड़ा पीछे थे। बेंचमार्क सूचकांक-सेंसेक्स और निफ्टी-शनिवार के समापन से 0.7-0.8 प्रतिशत अधिक थे। व्यापक रूप से ट्रैक किए गए निफ्टी 50 शेयरों में से 39 में तेजी आई और बाकी 11 में शुरुआती गिरावट आई।

इस बार 'नारी शक्ति' पर केंद्रित होंगी गणतंत्र दिवस की झाकियां, जानिए कर्तव्य पथ पर क्या दिखाएगा आपका राज्य ?

 'विकसित भारत' और 'भारत-लोकतंत्र की मातृका' थीम के साथ, 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर 75वीं गणतंत्र दिवस परेड महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित होगी। विषयों का चयन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों के अनुरूप किया गया है कि 'भारत वास्तव में लोकतंत्र की जननी है'। इस गणतंत्र दिवस पर, झांकियां कर्तव्य पथ पर 'महिला सशक्तिकरण' को प्रदर्शित करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि केंद्र का लक्ष्य 'विकसित भारत' के आदर्श वाक्य के साथ कार्यक्रम को महिला केंद्रित बनाना है।

विशेष रूप से, पहली बार, परेड की शुरुआत भारतीय संगीत वाद्ययंत्र बजाने वाली 100 महिला कलाकारों द्वारा की जाएगी। परेड की शुरुआत महिला कलाकारों द्वारा बजाए जाने वाले शंख, नादस्वरम, नगाड़ा आदि संगीत के साथ होगी। कुल 25 झांकियां, जिनमें 16 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश और नौ मंत्रालय और विभाग शामिल हैं, परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर चलेंगे। गणतंत्र दिवस का हिस्सा बनने वाली झांकियाँ अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, मणिपुर, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, लद्दाख, तमिलनाडु, गुजरात, मेघालय, झारखंड, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना से होंगी। 

वहीं, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), वैज्ञानिक और औद्योगिक केंद्र अनुसंधान (CSIR), भारत चुनाव आयोग, और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) की झांकियां भी कर्तव्य पथ पर प्रदर्शन करेंगी।

मणिपुर की झांकी

गणतंत्र दिवस के लिए मणिपुर की झांकी सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित करेगी। इसमें महिलाओं को कमल के तने के नाजुक रेशों से पारंपरिक 'चरखे' का उपयोग करके सूत बनाने का काम करते हुए दिखाया जाएगा। झांकी के सामने वाले हिस्से में एक महिला को मणिपुर की लोकतक झील से कमल के डंठल इकट्ठा करते हुए दिखाया जाएगा, जबकि किनारों पर महिलाओं को नावों पर सवार होते हुए और कमल के डंठल इकट्ठा करते हुए दिखाया जाएगा। झांकी में मणिपुर में सदियों पुराने सभी महिलाओं के बाजार 'इमा कीथेल' की प्रतिकृति के साथ-साथ मणिपुरी महिलाओं द्वारा आविष्कार किए गए लोकप्रिय कपड़े और भारत की पहली कमल रेशम निर्माता बिजयशांति टोंगब्रम द्वारा कमल रेशम बनाने की प्रक्रिया भी शामिल होगी।

आंध्र प्रदेश की झांकी

आंध्र प्रदेश की गणतंत्र दिवस की झांकी स्कूली शिक्षा में क्रांति लाने और छात्रों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी होने के लिए तैयार करने के विषय पर केंद्रित होगी। 

लद्दाख की झांकी

दूसरी ओर, लद्दाख की झांकी में भारतीय महिला आइस हॉकी टीम को उजागर किया जाएगा, जिसमें निपुण लद्दाखी महिलाएं शामिल होंगी, जो खेलों में अपनी उपलब्धियों और योगदान को प्रदर्शित करेंगी।

मध्य प्रदेश की झांकी

गणतंत्र दिवस के लिए मध्य प्रदेश की झांकी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को विकास प्रक्रिया में एकीकृत करने में राज्य की उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगी। झांकी आधुनिक सेवा क्षेत्र, लघु उद्योग और पारंपरिक डोमेन सहित विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को उजागर करेगी। इसमें भारतीय वायु सेना में मध्य प्रदेश की पहली महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी के साथ एक फाइटर प्लेन का मॉडल भी होगा। झांकी में बर्तनों पर पेंटिंग करती महिला कलाकारों, चंदेरी के बादल महल द्वार और विश्व स्तर पर प्रसिद्ध चंदेरी, महेश्वर और बाग प्रिंट साड़ियों के बुनकरों को भी दर्शाया जाएगा।

राजस्थान की झांकी

गणतंत्र दिवस के लिए राजस्थान की झांकी महिला हस्तशिल्प उद्योगों के विकास और राज्य की उत्सव संस्कृति को प्रदर्शित करेगी। झांकी में राजस्थान का प्रसिद्ध घूमर नृत्य, नर्तक का पुतला और भक्ति और शक्ति की प्रतीक मीरा बाई की मूर्ति होगी। इसके अतिरिक्त, यह राज्य की समृद्ध हस्तशिल्प परंपराओं को उजागर करेगा, जिसमें बंधेज, बगरू प्रिंट और एप्लिक वर्क शामिल हैं।

हरियाणा की झांकी

हरियाणा की गणतंत्र दिवस की झांकी सरकारी कार्यक्रम 'मेरा परिवार - मेरी पहचान' के माध्यम से राज्य में महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करेगी। झांकी में हरियाणवी महिलाओं को डिजिटल उपकरण पकड़े हुए दिखाया जाएगा, जो डिजिटल इंडिया पहल के प्रभाव का प्रतीक है, जो उन्हें एक क्लिक से सरकारी योजनाओं तक पहुंचने में सक्षम बनाता है।

ओडिशा की झांकी

ओडिशा की गणतंत्र दिवस की झांकी हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को उजागर करेगी, पारंपरिक कलाओं के संरक्षण और प्रचार में उनकी भूमिका पर जोर देगी।

छत्तीसगढ़ की झांकी

इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर, छत्तीसगढ़ की झांकी में राष्ट्रीय राजधानी के कर्तव्य पथ पर सामुदायिक निर्णय लेने की 600 वर्ष पुरानी आदिवासी परंपरा, बस्तर के 'मुरिया दरबार' को प्रदर्शित किया जाएगा। 'मुरिया दरबार', 600 वर्षों के इतिहास के साथ लोगों की संसद का एक अनूठा रूप है, जो अभी भी हर साल बस्तर दशहरा के समापन पर आदिवासियों को एक साथ लाता है जो कुल 75 दिनों तक चलता है। छत्तीसगढ़ की झांकी का विषय, 'बस्तर की आदिम जन संसद: मुरिया दरबार', इस वर्ष के राष्ट्रीय विषय, 'भारत लोकतंत्र की जननी है' के अनुरूप है। यह झांकी निर्णय लेने में पुरुषों और महिलाओं दोनों की समान भागीदारी को रेखांकित करती है, जो बस्तर आदिवासी समुदाय के महिला-प्रधान पहलू को दर्शाती है। छत्तीसगढ़ की झांकी बस्तर में आदिवासी समुदायों में महिलाओं के प्रभुत्व को प्रदर्शित करेगी, जिसमें उनकी सांस्कृतिक विरासत के प्रतिनिधित्व के रूप में पारंपरिक बेल-धातु और टेराकोटा कलाकृतियाँ शामिल होंगी।

कड़ाके की ठंड पर भारी 'राम' का नाम, अयोध्या में रात 3 बजे से दर्शन के लिए लगी कतारें, भक्तों में जबरदस्त उत्साह

देश भर के भक्तों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण में, अयोध्या में नव-पवित्र राम मंदिर के दरवाजे आज, 23 जनवरी को जनता के लिए खोल दिए गए हैं। भव्य उद्घाटन सोमवार को हुए एक विस्तृत 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के बाद हुआ, जो उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे। अयोध्या में राम मंदिर प्रतिदिन दो समय स्लॉट के दौरान आगंतुकों का स्वागत करेगा: सुबह 7 बजे से 11:30 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक। मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार की गई 51 इंच लंबी राम लला की मूर्ति की स्थापना, सोमवार के उत्सव का केंद्र बिंदु थी। इस कड़ाके की सर्दी के दिन मंदिर परिसर के बाहर भक्तों की भारी भीड़ देखी गई, जिनमें से कई लोग मंदिर में प्रवेश पाने, राम लला की एक झलक पाने और पूजा करने के लिए तड़के 3 बजे से ही कतार में खड़े थे।

अयोध्या कल आध्यात्मिक माहौल में डूबी हुई थी क्योंकि ठंड के मौसम ने भक्तों के उच्च उत्साह को कम नहीं किया। हवा 'जय श्री राम' और राम भजनों से गूंज उठी, जबकि भोपाल के लोक नर्तकों और एक धार्मिक मंडली ने 'पालकी यात्रा' के साथ जीवंत माहौल बना दिया। उत्तर प्रदेश प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (PAC) बैंड ने अयोध्या की सड़कों पर देशभक्ति की धुनें बजाकर इस खुशी के अवसर में योगदान दिया। जैसे ही शाम ढली, निवासियों ने भगवान राम की घर वापसी के लिए दिवाली के त्योहार की याद दिलाते हुए अपने घरों के बाहर दीये जलाए और रात का आकाश आतिशबाजी की चमक से जगमगा उठा।

उम्मीद है कि आने वाले दिनों में मंदिर में लाखों तीर्थयात्री और पर्यटक आएंगे, जो दिव्य संरचना को देखने और प्रार्थना करने के लिए उत्सुक होंगे। 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में भाग लेने के बाद, पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या में राम लला की मूर्ति की प्रतिष्ठा एक नए युग के आगमन का प्रतीक है और उन्होंने लोगों से राम मंदिर के निर्माण से आगे बढ़कर अगले 1,000 वर्षों का भव्य और दिव्य भारत के लिए एक मजबूत नींव बनाने का आह्वान किया। आलोचकों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर के निर्माण से देश में आग लग जाएगी और प्रधानमंत्री ने उनसे अपने विचारों पर पुनर्विचार करने को कहा। उन्होंने कहा कि राम अग्नि नहीं बल्कि ऊर्जा हैं, राम विवाद नहीं बल्कि समाधान हैं, राम केवल हमारे नहीं बल्कि सबके हैं और राम न केवल वर्तमान हैं बल्कि शाश्वत भी हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर शांति, धैर्य सद्भाव, और भारतीय समाज में सौहार्द का भी प्रतीक है। 

उन्होंने न्याय करने और कभी विवादित स्थल पर कानून के जरिए मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार भी जताया। अपने भाषण को पूरे देश में सुने जाने के बाद, प्रधान मंत्री ने जनता के साथ भावनात्मक जुड़ाव पैदा करने की कोशिश करते हुए कहा कि "हमारे राम" सदियों के इंतजार, धैर्य और बलिदान के बाद आए हैं। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, "हमारे रामलला अब तंबू में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला एक भव्य मंदिर में रहेंगे।"

नहीं थम रहा है शीतलहर और कोहरे का कहर, ठिठुर रहा पूरा उत्तर भारत, अभी राहत के आसार नहीं

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दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड जारी है और घने कोहरे ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। मौसम विभाग की माने तो अगले एक हफ्ते तक ठंड का सितम इसी तरह जारी रहेगा। ठंड से अभी उत्तर भारत और कांपेगा. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और पश्चिमी राजस्थान में ठंड से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। हिमाचल प्रदेश समेत पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में 25 जनवरी के बाद से कम से कम तीन दिन तक हल्की बारिश और बर्फबारी की भी संभावना है।

आईएमडी ने बताया कि आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर के अलावा पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तरी राजस्थान, उत्तरी मध्य प्रदेश और बिहार के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 3-7 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा। वहीं, इन राज्यों के कुछ इलाकों में तापमान 3 डिग्री से नीचे भी जा सकता है। मौसम विभाग ने बताया है कि अगले 4-5 दिनों के दौरान उत्तर भारत में घने कोहरे की स्थिति जारी रहने की संभावना है। इसके साथ ही अगले 2-3 दिन उत्तर भारत में अधिक ठंड रहेगी। इसके बाद ठंड की तीव्रता में कमी आने की संभावना है। 

आईएमडी ने बताया कि उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में समुद्र तल से 12.6 किमी ऊपर 130-150 समुद्री मील की जेट स्ट्रीम हवाएं चल रही हैं। इससे ठंडी हवाएं नीचे आ रही हैं और उत्तर भारत में ठंडे दिन की स्थिति बढ़ रही है। अगले 3-4 दिनों के दौरान जेट स्ट्रीम की इसी तरह की तीव्रता जारी रहने की संभावना है। ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से गुरुवार से रविवार तक पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में छिटपुट बारिश/बर्फबारी होने की संभावना है। आईएमडी ने आगे चेतावनी दी है कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में शनिवार सुबह तक घना कोहरा छाए रहने की संभावना है।

आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के इलाकों में दो दिनों से धूप खिलने से मौसम में कुछ गर्माहट महसूस की जा रही है लेकिन, पंजाब और हरियाणा के ज्यादातर इलाकों में अभी कड़ाके की ठंड की स्थिति बनी हुई है। पंजाब के बठिंडा में सबसे कम 4 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। गुरदासपुर में रात को ज्यादा ठंड महसूस की गई और पारा गिरकर 4.5 डिग्री पर आ गया था। हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी और नारनौल में सबसे ज्यादा ठंड रही। सिरसा और फतेहाबाद प्रत्येक में न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री रहा।

कड़ाके की ठंड और घने कोहरे का असर ट्रेनों पर पड़ा है। विजिबिलिटी कम होने से मंगलवर को ट्रेनों की रफ्तार धीमी रही तो कहीं पर थम भी गयी। इस वजह से दिल्‍ली पहुंचने वाली 28 ट्रेनें पांच तक देरी से चल रही हैं। चूंकि कई ट्रेनें अभी रास्‍ते पर हैं, इसलिए इनके और विलंब होने संभावना है। उत्‍तर रेलवे के मुख्‍य जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार कोहरे की वजह से 28 ट्रेनें एक घंटे से लेकर पांच घंटे तक ट्रेनें विलंब से चल रही हैं। यात्रियों की सुरक्षा रेलवे की प्राथमिकता है, इसलिए ट्रेनें धीमी रफ्तार से चल रही हैं। वहीं, दूसरी ओर ट्रेनों के देरी से चलने की वजह से यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा है।

अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए लगा भक्तों रेला, बढ़ती भीड़ के बीच फिलहाल रोकी गई एंट्री, मुख्य पुजारी ने किया भक्तों से धैर्य रखने का अनुरोध

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अयोध्या में राम मंदिर बन चुका है और इसके गर्भ गृह में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है।अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद से भक्त अपने आप को दर्शन करने से रोक नहीं पा रहे हैं। हालत ऐसी है कि हजारों की संख्या में भक्त राम मंदिर के मुख्य द्वार पर इतवने कड़ाके की ठंड में भी सुबह 3 बजे से ही डेरा जमाने पहुंच चुके हैं। भक्त प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह पूजा करने और श्री राम लला के दर्शन करने के लिए सुबह बड़ी संख्या में एकत्र हुए हैं।सुबह 7 बजे शुरू हुए दर्शनों के बाद भीड़ इतनी बढ़ गई कि वह उसे मैनेज कर पाने में दिक्‍कत आ रही थी, नतीजतन पैरा मिलिट्री फोर्स को भी यहां व्‍यवस्‍था में लगाया गया है। करीब पौने नौ बजे मंदिर महतें प्रवेश बंद कर दिया गया, लेकिन बाहर निकलने का रास्‍ता खोला रखा गया। बैरिकेटिंग लगाकर रास्ते को बंद किया गया है। सिर्फ बाहर जाने दिया जा रहा है। फिलहाल अंदर जाने का रास्ता बंद है।

रामलला के दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ी है। इसको देखते हुए मंदिर में एंट्री को रोक दिया गया है। एडीजी जोन पीयूष मोडिया भारी भीड़ को देखते हुए सड़कों पर उतरे। हाइवे पर वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। एडीजी जोन ने भक्तों से अनुरोध किया है कि भारी भीड़ को लेकर शांति बनाए रखेंगे। रामलला के दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार करें। अयोध्या में नो एंट्री पर रोक लगाई गई है। हाइवे पर बैरिकेडिंग कराया गया है। पुलिस बल को सुरक्षा में लगा दिया गया है।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्त बड़ी संख्या में अपने आराध्य का दर्शन करने पहुंच गए हैं। रात 10 बजे मंदिर का पट बंद होने के बाद भी लोगों की भीड़ मंदिर परिसर से हटने का नाम नहीं ले रही थी। सुबह 3 बजे से ही लोग दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भक्तों से धैर्य रखने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि अभी अयोध्या में जिस प्रकार की भीड़ है, उसमें एक दिन में सभी भक्तों को रामलला का दर्शन कराना संभव नहीं हो पाएगा।