पू्र्णाहुति के साथ श्री रूद्र महायज्ञ का समापन
सकरन (सीतापुर) सकरन के सुमरावां स्थित ब्रम्हचारी बाबा स्थान पर आयोजित सात दिवशीय श्री रूद्र महायज्ञ कन्या भोज व पूर्णाहुत व प्रवचन के साथ सम्पन्न |
सुमरावां के ब्रम्हचारी बाबा स्थान पर विगत 20 दिसम्बर से चली आ रही रूद्र महायज्ञ का समापन मंगलवार को सुबह कन्या भोज व दोपहर एक बजे यज्ञशाला में पूर्णाहुति के साथ किया गया इस सात दिवशीय कार्यक्रम में प्रवचन करने के लिए नैमिष से रामू रामचन्द्र रामायणी तथा मनोरमा शास्त्री पधारे हुये थे ।
समापन के समय प्रवचन के दौरान वक्ताओं ने बताया कि माता पिता की सेवा करना ही सबसे बडा तब व पुण्य है उन्होने भक्त श्रवण कुमार की कथा का ब्याख्यान करते हुये कहा कि एक बार श्रवण कुमार अपने अंधे माता पिता को कांवर में बिठा कर तीर्थ यात्रा कराने के लिए निकले थे चलते चलते एक जंगल में उनके माता पिता को प्यास लग गयी तो उन्होने श्रवण कुमार से कहा कि पुत्र हमें बहुत जोरों की प्यास लगी है ।
अगर आस पास कहीं जल हो तो हमें ला दो माता पिता की बात सुनकर श्रवण कुमार अपने माता पिता को उतार कर पास ही सरोवर में जल लेने चले गये उधर उसी जंगल में अयोध्या नरेश राजा दशरथ शिकार खेल रहे थे उन्होने मृग को समझ कर वाण चला दिया जो श्रवण कुमार के सीने में गल गया वाण लगते ही श्रवण कुमार अपने माता पिता का स्मरण करते हुये जमीन पर गिर गये मनुश्य की चीख सुनकर राजा दशरथ दौड कर वहां आये और श्रवण कुमार को उठाकर उनका हाल जानने लगे तब श्रवण कुमार ने कहा कि हे राजन मेरे अंधे माता पिता को प्यास लगी है मैं उन्हे जल नही पिला सका।
आप मेरे माता पिता को पानी पिला दीजिए इतना कहते ही श्रवण कुमार ने अपने प्राण त्याग दिये उसके बाद राजा दशरथ पानी लेकर श्रवण कुमार के माता पिता के पास गये और जल पीने का आग्रह किया माता पिता ने जब श्रवण कुमार के बारे में पूंछा तो राजा दशरथ ने सारी बात बता दी जिसको सुनकर क्रोध में आकर दोनो ने राजा दशरथ को श्राप देते हुये कहा कि जैसे पुत्र वियोग में हम प्राण त्याग रहे है।
ऐसे ही पुत्र वियोग में तुम्हारे भी प्राण जायेंगे इतना कहते हुये दोनो ने अपने प्राण त्याग दिये | इस मौके पर आयोजक राममोहन राजपूत,अजय पटेल,नेकराम निर्मल के अलावा भारी संख्या में श्रोतागण मौजूद थे |
Dec 26 2023, 18:45