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डीएम ने संकुल संसाधन मध्य विद्यालय विम्सगंज 01 का किया निरीक्षण, दिए कई निर्देश

पूर्णिया :- जिला पदाधिकारी महोदय द्वारा लगातार विद्यालय निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता एवं भवनहीन विद्यालयों के निर्माण तथा स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पठन-पाठन के संचालक को लेकर संबंधित पदाधिकारी को दिशा निर्देश दिया जाता रहा है।

इसी कड़ी में आज गुरुवार को कुन्दन कुमार (भा०प्र०से०) जिला पदाधिकारी द्वारा नगर क्षेत्र अवस्थित प्राथमिक विद्यालय हाउसिंग कॉलोनी सदर मुख्यालय पूर्णिया के संकुल संसाधन मध्य विद्यालय विम्सगंज 01 का निरीक्षण किया गया। जहां पर आधारभूत सुविधाओं की कमी पाई गई। उक्त विद्यालय में बहुत ही निचले तबके के लोगों के बच्चे पढ़ने जाते हैं। आधारभूत संरचनाओं की कमी के कारण बच्चों को पठन-पाठन में परेशानियां हो रही है।

जिला पदाधिकारी द्वारा मौके पर उपस्थित राजस्व विभाग के सभी पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि युद्ध स्तर पर जल्द से जल्द भूमि चिन्हित करें।

जिला पदाधिकारी द्वारा शिक्षा विभाग से बात किया गया और वहां उपस्थित जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया की शिक्षा विभाग से आवंटन प्राप्त कर भूमि चिन्हित करते हुए स्कूल का शीघ्र निर्माण करना सुनिश्चित करें

बच्चों के द्वारा जिला पदाधिकारी महोदय के समक्ष पढ़कर दिखाया गया। विद्यालय के शिक्षकगण उपस्थित थे। जिसे जिला पदाधिकारी महोदय काफी प्रभावित हुए।

हाउसिंग बोर्ड के विद्यालय के निर्माण हेतु जिला पदाधिकारी महोदय द्वारा पुरानी बस स्टैंड परिसर थाना चौक पूर्णिया का निरीक्षण किया गया। ताकि निम्न तबके के बच्चों को बेहतर शिक्षा सुलभ हो।

निरीक्षण के दौरान उप विकास आयुक्त साहिला,नगर आयुक्त आरिफ अहसन, अपर समाहर्ता केडी प्रौज्ज्वल,भूमि सुधार उपसमाहर्ता सदर पूर्णिया एवं संबंधित पदाधिकारिगण मौजूद थे।

जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के फैसले को सही ठहराया जाना सुप्रीम कोर्ट का स्वागत योग्य कदम है,विजय खेमका

पूर्णिया 14 दिसंबर | भाजपा के प्रदेश नेता एवं पूर्णिया सदर विधायक विजय खेमका ने कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के फैसले को सही ठहराया जाना सुप्रीम कोर्ट का स्वागत योग्य कदम है | इसके लिए पीएम मोदी बधाई और अभिनन्दन के पात्र है, जिनके नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए धारा 370 हटाने का फैसला लिया |

श्री खेमका ने कहा कि धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर आज विकास की मुख्यधारा में शामिल हो चूका है | शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और खेल के क्षेत्र में जम्मू कश्मीर लगातार आगे बढ़ रहा है | युवाओं के जिन हाथों में पहले पत्थर होते थे, आज उन हाथों में किताबें और क्रिकेट के बल्ले देखे जा रहे है |

जम्मू कश्मीर से अब आतंवादियों के आरामगाह होने का कलंक मिट रहा है | युवाओं में राष्ट्र भक्ति की भावना बढ़ रही है | बड़ी संख्या में युवा सेना में भर्ती हो रहे है | हर तरफ अब अमन चैन का माहौल है | विधायक ने कहा कि घमंडीया गठबंधन के लोग जो तुष्टिकरण की निति अपनाते हुए 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले का विरोध कर रहे थे, उनकी आँखे अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद खुल जानी चाहिए

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विधायक ने कहा कि पीएम मोदी ने करोड़ों देशवासियों के जीवन में बदलाव लाया है | पीएम मोदी के नेतृत्व में चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से लोगों का अब मूलभूत समस्याओं से मुक्ति मिली है | मोदी की कल्याणकारी योजनाओं ने करोड़ों भारतियों के जीवन का कायापलट किया है |

विधायक ने कहा कि राष्ट्र के गौरव प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत का लोहा आज विश्व मान रहा है | वंशवाद, परिवारवाद, जातिवाद तथा भ्रष्टाचार करने वाले दलों को देश की जनता ने हाशिये पर पहुंचा दिया है | पीएम मोदी की गारंटी युवा, किसान, महिला तथा गरीबों की एक बड़ी उम्मीद बन गयी है |

बेहतर स्वास्थ्य की बुनियाद है स्तनपान, डायरिया, निमोनिया व कुपोषण से बचाता है मां का दूध : सिविल सर्जन

पूर्णिया : बच्चों के सर्वांगीण मानसिक एवं शारीरिक विकास में स्तनपान की भूमिका अहम होती है। शिशु के लिए माँ का दूध सर्वोत्तम आहार के साथ ही उसका मौलिक अधिकार भी है। बच्चों को जन्म के बाद एक घंटे के भीतर माँ का दूध पिलाना चाहिए। इससे बच्चों के स्वास्थ्य में तीव्र गति से विकास होता है। वर्तमान परिवेश में बच्चों को जन्म के बाद से ही पॉकेट वाले दूध पिलाना शुरू कर दिया जाता और छः माह के भीतर ही बच्चों को अन्य अतिरिक्त आहार भी खिलाया जाता है। जो बच्चों के विकास के लिए बाधक बन जाता है। छः माह से पहले अतिरिक्त आहार से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है। जिससे उनके ज्यादा बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए बच्चों को बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए उन्हें छः माह तक केवल स्तनपान और दो साल तक अतिरिक्त आहार के साथ स्तनपान अवश्य कराना चाहिए। 

गंभीर रोगों से बचाव करता है माँ का दूध  

सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि माँ का दूध जहाँ शिशु को शारीरिक व मानसिक विकास प्रदान करता वहीं उसे डायरिया, निमोनिया और कुपोषण जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाता भी है। जन्म के एक घंटे के भीतर नवजात को स्तनपान शुरू कराने से शिशु मृत्यु दर में 20 प्रतिशत तक की कमी लायी जा सकती है। छह माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराने से दस्त और निमोनिया के खतरे में क्रमशः 11 प्रतिशत और 15 प्रतिशत कमी लायी जा सकती है। अधिक समय तक स्तनपान करने वाले बच्चों की बुद्धि उन बच्चों की अपेक्षा तीन पॉइंट अधिक होती है, जिन्हें माँ का दूध थोड़े समय के लिए मिलता। इसके अलावा स्तनपान स्तन कैंसर से होने वाली मौत को भी कम करता है। 

माता-पिता की जागरूकता है जरूरी 

सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए माता के साथ पिता की जागरूकता आवश्यक है। स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए अभिभावकों का सशक्तीकरण एक गतिविधि नहीं बल्कि एक ऐसी प्रक्रिया है जो प्रसव पूर्व जांच के दौरान और शिशु के जन्म के समय अवश्य प्रदान की जानी चाहिए। माँ बच्चे को नियमित रूप से स्तनपान तभी कराती जब उसे एक सक्षम माहौल और पिता, परिवार के साथ समुदायों से आवश्यक सहयोग प्राप्त होता है। 

जिले में शिशुओं के स्तनपान कराने के आंकड़े 

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 (वर्ष 2019-20) के आँकड़ों के अनुसार पूर्णिया जिले में बच्चे के जन्म के एक घण्टे के भीतर माँ का गाढ़ा पीला दूध 26.1 प्रतिशत बच्चों को पिलाया जाता है। वहीं जिले के 53.6 प्रतिशत बच्चों को ही छः माह तक केवल स्तनपान कराया जाता है। 06 माह से 08 माह तक के 16.2 प्रतिशत बच्चों को स्तनपान के साथ अतिरिक्त आहार दिया जाता है। जबकि 06 से 23 माह तक के केवल 06 प्रतिशत बच्चों को ही स्तनपान के साथ अतिरिक्त आहार दिया जाता है। 

शिशु एवं बाल मृत्यु दर में कमी के लिए आवश्यक है 

•जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान प्रारम्भ किया जाए।

•6 माह तक केवल स्तनपान कराया जाए( ऊपर से पानी भी नहीं)।

•शिशु के 6 माह पूर्ण होने के तुरंत बाद अनुपूरक आहार देना शुरू किया जाए एवं कम से कम शिशु के 2 वर्ष तक स्तनपान जारी रखा जाए।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

संसद के शून्य काल मे बोले सांसद, बिना बिलंब हो जनहित और जनसेवा एक्सप्रेस का पूर्णिया कोर्ट तक विस्तार

      

पूर्णिया: सांसद संतोष कुशवाहा ने मंगलवार को संसद के शीत कालीन सत्र के दौरान शून्यकाल में पूर्णिया समेत पूरे सीमांचल की रेल सुविधा के मामले में हो रही उपेक्षा का मुद्दा उठाते हुए जनहित में कुछ मांगों को रखा और रेल मंत्री से तत्काल इन सुविधाओं को बहाल करने का आग्रह किया। 

उन्होंने कहा कि इन मांगों को वे सदन के माध्यम से और व्यक्तिगत रूप से रेल मंत्री से भी मिलकर कई बार रख चुके हैं। श्री कुशवाहा ने कहा कि देश के पीएम नरेंद्र मोदी जी हमेशा कहते हैं कि देश के पिछड़े इलाके को आगे लाना है।लेकिन, रेल के मामले में सीमांचल के पिछड़े इलाके पर ध्यान नही दिया जाना दुःखद है।कहा कि ,बिहार के विकास के लिए रेल मानचित्र पर सीमांचल की मजबूत उपस्थिति अनिवार्य है।

   

सांसद श्री कुशवाहा ने कहा कि पूर्णिया देश के प्राचीनतम जिले में शामिल है।यह उत्तर बिहार की आर्थिक गतिविधि का सबसे बड़ा केंद्र है।लेकिन,पूर्णिया रेल कनेक्टिविटी के मामले में काफी पिछड़ा है और लगातार इस क्षेत्र की उपेक्षा हो रही है।सांसद ने रेल मंत्री से सदन के माध्यम से 13205/06 जनहित एक्सप्रेस और 14617/18 जनसेवा एक्सप्रेस का पूर्णिया कोर्ट तक विस्तारित करने की मांग करते हुए कहा कि विस्तार का यह प्रपोजल रेलवे बोर्ड में लंबित है जिसे स्वीकृति प्रदान किया जाना चाहिए। वहीं सांसद ने पूर्णिया कोर्ट और जानकीनगर में जानकी एक्सप्रेस और हाटे-बाजारे एक्सप्रेस के ठहराव की मांग करते हुए कहा कि इस मांग को लेकर उस इलाके में जनआंदोलन भी हो चुके हैं।रेल राजस्व और यात्री हित मे दोनों ट्रेन का ठहराव उक्त दोनों स्टेशन पर आवश्यक है।सांसद ने अंत मे पूर्णिया कोर्ट में वाशिंग पिट के निर्माण की मांग करते हुए कहा कि यह प्रपोजल भी वर्षों से रेल बोर्ड में लंबित है।इसके निर्माण से पूर्णिया-सहरसा के रास्ते लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन सम्भव हो सकेगा।गौरतलब है कि पूर्णिया कोर्ट में वर्ष 2018-19 से ही पीएच-42 के तहत वाशिंग पिट का निर्माण प्रस्तावित है।इसी मांग को सांसद श्री कुशवाहा लगातार बिभिन्न प्लेटफार्म पर उठाते रहे हैं।

फाइलेरिया से जुड़ी मिथकों को दूर कर रहा है रोगी सहायता समूह

 

पूर्णिया: दुनिया में कई ऐसी बीमारियां हैं, जिनका इलाज संभव है । ऐसी ही एक बीमारी का नाम है लिम्फीडिमा (फाइलेरिया), जिसे आम भाषा में हाथीपांव भी बोलते हैं। इसे दुनिया की सबसे अनोखी बीमारी बताया जाता है। फाइलेरिया यानी हाथीपांव कभी ठीक न होने वाला एक असाध्य रोग है। सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमण का पता लोगों को वर्षों बाद चलता है। जब रोग का लक्षण संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर स्पष्ट तौर पर दिखने लगता है। संक्रमण के प्रभाव से रोगी के हाथ, पांव, अंडकोष सहित शरीर के अन्य अंग में अत्यधिक सूजन उत्पन्न होने लगती है। समय-समय पर रोगियों को प्रभावित अंगों में दर्द, लालपन व तेज बुखार की शिकायत होती है। शुरुआत में सूजन अस्थायी होती लेकिन बाद में ये स्थायी व लाइलाज हो जाती है। ऐसे हालात में रोग प्रभावित अंग की समुचित देखभाल जरूरी होती है। फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जमीनी स्तर पर जरूरी प्रयास किया जा रहा है। भारत का लक्ष्य वैश्विक लक्ष्य से तीन वर्ष पहले यानी वर्ष 2027 तक फाइलेरिया को समाप्त करना है। हाथीपांव के साथ जीवन बोझिल महसूस होता है। यह आवश्यक है कि मरीज फ़ाइलेरिया का प्रबंधन कैसे हो इसके बारे में जाने और इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाये। रोग से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करते हुए रोग प्रबंधन व दिव्यांगता रोकथाम के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसे लेकर फाइलेरिया मरीजों को रोग प्रभावित अंगों की समुचित सफाई के तकनीक से अवगत कराते हुए उन्हें एमएमडीपी किट मुहैया करायी जा रही है। फाइलेरिया मरीजों को समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये जिले के हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर , प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेष फाइलेरिया क्लीनिक संचालित हैं। फाइलेरिया रोग पर प्रभावी नियंत्रण संबंधी उपायों की मजबूती में फाइलेरिया रोगी सहायता समूह अपनी सक्रिय भागीदारी निभा रहा है। जिले में फाइलेरिया रोगी सहायता समूह नेटवर्क के सदस्य फाइलेरिया के नये मरीजों को चिह्नित करने व उन तक जरूरी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पहुंचाने में मददगार साबित हो रहे हैं। 

समुदाय स्तर पर लोगों को किया जा रहा जागरूक- 

फाइलेरिया रोगी सहायता समूह के सदस्य, समुदाय में लोगों को फाइलेरिया रोग से जुड़े विभिन्न पहलुओं के प्रति जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि रोग के प्रति जागरूकता किसी भी रोग से बचाव का महत्वपूर्ण जरिया है। उन्होंने बताया कि जिले के के-नगर , पूर्णिया पूर्व एवं कसबा में बने रोगी सहायता समूह फाइलेरिया के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए बीमारी से जुड़ी मिथक को दूर कर रहा है। फाइलेरिया मरीजों को सभी जरूरी चिकित्सकीय सुविधाओं का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। फाइलेरिया क्लीनिक का संचालन इस दिशा में मददगार साबित हो रहा है। फाइलेरिया के नये मरीजों को रोग प्रबंधन तकनीक से अवगत कराते हुए एमएमडीपी किट मुहैया करायी जा रही है। साथ ही हाइड्रोसील मरीजों को सर्जरी की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। फाइलेरिया मरीजों के लिये सभी जरूरी सुविधाएं पूरी तरह नि:शुल्क होने की जानकारी उन्होंने दी। 

जिले में फाइलेरिया के कुल 6247 मरीज- 

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि जिले में फाइलेरिया के कुल 6247 मरीज हैं।जिसमे 1269 हाइड्रोशिल एवं 4978 लिम्फोडिमा के मरीज है ।फाइलेरिया मरीजों को उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने में रोगी सहायता समूह के सदस्य सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं। साथ ही समूह की मासिक बैठकों में रोग प्रबंधन व इसे नियंत्रण से जुड़े पहलुओं पर विस्तृत चर्चा करते समुदाय स्तर पर इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है। जिले में फिलहाल 27 रोगी सहायता समूह सक्रिय हैं। जिले के क़सबा प्रखंड में 06 , पूर्णिया पूर्व में 09 एवं कृत्यनन्द नगर प्रखंड में 12 सक्रिय इन समूह के माध्यम से सामुदायिक स्तर पर जन जागरूकता फैलाते हुए फाइलेरिया को जड़ से खत्म करने की मुहिम को मजबूत बनाया जा रहा है। फाइलेरिया को नियंत्रित करने के लिये प्रभावित अंग की समुचित देखरेख व व्यायाम जरूरी है। इसके प्रति आम रोगियों को जागरूक करने के उद्देश्य से ग्रामीण स्तर पर फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट समूह गठित की गयी। मासिक रूप से इसकी नियमित बैठकों में मरीज को जरूरी व्यायाम व साफ-सफाई के तकनीक के बारे में बताया जाता है। रोग के विभिन्न चरणों के आधार पर रोगियों को जरूरी सुझाव दिया जाता है। ताकि रोग को नियंत्रित किया जा सके।

अनुच्छेद 370 एवं अनुच्छेद 35 ए हटाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अधिवक्ता विचार मंच के अध्यक्ष दिलीप कुमार दीपक ने स्वागत किया

पूर्णिया: इंसाफ के मंदिर में एक बार फिर से सुनाया ऐतिहासिक फैसला केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 एवं अनुच्छेद 35 ए हटाए जाने के फैसले को सर्वसम्मति से मोहर लगा दी है।

 सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का अधिवक्ता विचार मंच के अध्यक्ष दिलीप कुमार दीपक ने स्वागत किया है।

 सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह स्पष्ट कर दिया है की अनुच्छेद 370 एक अस्थाई प्रावधान था इसमें किसी प्रकार की दुर्भावना नहीं थी माननीय पांच सदस्यो की संविधान पीठ राष्ट्रपति की अधिसूचना को भी सही ठहराया है साथी याचिका करता हूं द्वारा उठाए गए सभी आपत्तियों का भी माकूल जवाब दिया है श्री दीपक ने कहा है की 70 वर्षों से चली आ रही इस अस्थाई अधिसूचना को अगर रद्द कर दिया गया होता तो जम्मू कश्मीर मै अलगाववाद एवं आतंकवाद सर नहीं उठा पाता। बड़ी संख्या में अपनी वीर सैनिकों को बलिदान नहीं देना पड़ता। लाखों कश्मीरी पंडितों का पलायन नहीं हो पाता।

 श्री दीपक ने कहा है की सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में केंद्र शासित जम्मू कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा देने तथा अगली वर्ष सितंबर तक चुनाव कराने का निर्देश भी दिया है।

 इसलिए हम कह सकते हैं की हर दृष्टिकोण से यह फैसला देश हित में लिया गया है अमर शहीद डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू कश्मीर के बारे में जो सपना देखा था सुप्रीम कोर्ट केस फैसले से उनका सपना साकार हुआ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो दृढ़ इच्छा शक्ति 5 अगस्त 2019 को

पूर्णिया: विकसित भारत संकल्प अभियान के तहत लगाए गए स्टॉल

पूर्णिया: सरकार द्वारा समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने के उद्देश्य से विकसित भारत संकल्प अभियान आज पूर्णिया के डगरूआ प्रखंड के बोआरी पंचायत में लोगों के बीच रही । 

इस मौके पर उज्ज्वला योजना का लाभ देने के लिए स्टॉल लगाए गए थे जहां लाभार्थियों को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन कागज भी दिया गया ।

 वहीं सरकार के विभिन्न योजनाओं के स्टॉल भी लगाए गए थे मौके पर नाबार्ड के डीएम अमित कुमार ने कहा कि सरकार की 17 जन कल्याणकारी योजना जिससे लोग वंचित रह गए हैं उन तक पहुंचाना इस कैंप का उद्देश्य है । 

उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लाभार्थी पहुंच रहे हैं और न सिर्फ योजनाओं की जानकारी ले रहे हैं बल्कि लाभ भी उठा रहे हैं ।

 वहीं लाभार्थी अब्दुल वाहिद ने बताया कि उज्ज्वला योजना का लाभ उन्हें पहले ही मिल चुका है जिसका फायदा भी दिख रहा है अब महिलाएं गैस पर खाना बनाती हैं और कई तरह की बीमारियों से उन्हें मुक्ति मिल गई है वहीं किसान सम्मन निधि योजना पा कर अब्दुल वाहिद ने खुशी जाहिर की और प्रधानमंत्री के कदम की सराहना की ।

सरकारी विद्यालयों का आधारभूत संरचना को मजबूत करने हेतु सदर विधायक विजय खेमका ने की समीक्षा बैठक

पूर्णिया: आज पूर्णिया विकास भवन के सभागार में जिला शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित सरकारी विद्यालयों का आधारभूत संरचना को मजबूत करने हेतु सभी विद्यालयों में नया भवन, शौचालय, शुद्ध पेयजल, चाहरदिवारी, बेंच डेस्क, बिजली आदि की कठिनाई के विषय को सदर विधायक विजय खेमका ने समीक्षा बैठक में जोरदार ढंग से रखा | 

विधायक ने कहा महागठबंधन सरकार की नाकामी तथा शिक्षा विभाग की उदासिनता के कारण आज विद्यालय का आधारभूत संरचना काफी कमजोर है | 

भवन के आभाव में प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के छात्र छात्राएं आकाश के नीचे पढ़ाई करते है | जहाँ पुराना भवन है वहां विद्यालय में टेबुल डेस्क नहीं है | छात्र छात्राओं को जमीन पर बैठकर पढ़ाई करना पड़ता है | विद्यालय में चाहरदिवारी के अभाव में सुरक्षा का विषय बना रहता है | विधायक ने कहा महागठबंधन की सरकार में आरजेडी के शिक्षा मंत्री शिक्षा के विकास की जगह अनरगल बयानबाजी कर अपनी नाकामी को छुपाने का काम करते है | 

श्री खेमका ने पूर्णिया जिला स्थित एक मात्र राजकीय बलिका उत्क्रमित विद्यालय तथा जिला स्कूल में चाहरदिवारी, सड़क, नया भवन शौचालय, टेबुल डेस्क, पुराने भवन की मरम्मत, आधुनिक खेल मैदान, साईकिल शेड निर्माण करने का प्रस्ताव बैठक में रखा | विधायक ने कहा विधायक निधि से पूर्णिया में लगभग पचास विद्यालय को डेस्क बेंच तथा सात कॉलेज एवं इंटर कॉलेज को प्रयोगशाला की अनुशंसा किया गया है | पूर्व में कई उच्च विद्यालय में विधायक निधि से चाहरदिवारी गेट, शौचालय तथा क्लास रूम बनाया गया है |

 विधायक ने पूर्णिया विधान सभा अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के आधारभूत संरचना को मजबूत करने हेतु विद्यालय की सूचि के साथ साथ कई सुझाव डीडीसी को दिये |

पूर्णिया: तेज रफ्तार पटवा लदी ट्रक अनियंत्रित होकर एक ऑटो पलटी, हादसे में ऑटो पर सवार मां- बेटी की मौत

पूर्णिया में भीषण सड़क हादसा हुआ है। यहां तेज रफ्तार पटवा लदी ट्रक अनियंत्रित होकर एक ऑटो पलट गई। इस दर्दनाक सड़क हादसे में ऑटो पर सवार मां- बेटी की मौत हो गई है। ऑटो ड्राइवर के अलावा एक ही परिवार के 4 लोग सवार थे। मृतका डगरूआ के गोआरी गांव स्थित अपनी बहन के घर से वापस अपने घर सदर थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर जा रही थी। तभी ये हादसा हुआ। वहीं इस हादसे में 2 अन्य लोग घायल हैं। घटना सदर थाना क्षेत्र के जीरो माइल की है।

घटना की जानकारी देते हुए मृतका के भाई मो सद्दाम ने बताया कि मृतका रविवार को डगरूआ के गोआरी गांव स्थित अपनी बहन के घर गई थी।

 सोमवार देर दोपहर बेटी और बहन के अलावा भतीजी को लेकर ऑटो से अपने घर सदर थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर जा रही थी, तभी सदर थाना क्षेत्र के जीरो माइल के समीप पटवा लदी ट्रक अनियंत्रित होकर ऑटो पर पलट गई। जिसके बाद ड्राइवर के अलावा एक ही परिवार के 4 लोग दब गए। जिसके बाद ऑटो पर सवार मां बेटी को आनन - फानन में ट्रक के नीचे से निकाला गया।

 मगर अस्पताल आने के क्रम में दोनों ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद जीएमसीएच के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं इस हादसे में मृतका की बहन और भतीजी घायल हैं। मृतका के पति परदेश में काम करता है। जिसे इस घटना की सूचना दी गई है।

मेडिकल कॉलेज में नाइट ब्लड सर्वे को लेकर लैब टेक्नीशियन को दिया गया प्रशिक्षण

पूर्णिया: फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम चलाया जाता है। नाइट ब्लड सर्वे में सभी सामान्य लोगों के ब्लड सैंपल लिए जाते हैं जिसकी प्रखंड स्तर पर लैब टेक्नीशियन द्वारा जांच करते हुए माइक्रो फाइलेरिया कीटाणु की पहचान की जाती है। नाइट ब्लड सर्वे में लोगों की सही तरीके से ब्लड सैंपल लेते हुए संबंधित व्यक्ति के माइक्रो फाइलेरिया की सही तरीके से पहचान करने के लिए कटिहार जिले के लैब टेक्नीशियन को राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, पूर्णिया के माइक्रो बायोलॉजी और पैथोलॉजी के हेड ऑफ डिपार्टमेंट (एचओडी) और जिला वेक्टर बोर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी द्वारा एकदिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान सभी लैब टेक्नीशियन को माइक्रो फाइलेरिया की पहचान के लिए सही तरीके से ब्लड सैंपल की जांच करते हुए उसमें छिपे फाइलेरिया कीटाणु  की पहचान करने की जानकारी दी गई। एक दिवसीय प्रशिक्षण में मेडिकल कालेज माइक्रो बायोलॉजी एचओडी डॉ स्मिता कुमारी, पैथोलॉजी एचओडी डॉ सुजीत मंडल, माइक्रो बायोलॉजी ट्यूटर डॉ प्रिया सिन्हा, पैथोलॉजी ट्यूटर डॉ प्रवीण कुमार, जिला वेक्टर बोर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर. पी. मंडल, भीबीडीओ रवि नंदन सिंह, जिला भीबीडी कंसल्टेंट सोनिया मंडल, पिरामल स्वास्थ्य डीपीओ चंदन कुमार के साथ कटिहार जिले के 13 प्रखंडों के लैब टेक्नीशियन उपस्थित रहे।

ब्लड सैंपल में माइक्रो फाइलेरिया की सही तरह से पहचान से चिह्नित होंगे फाइलेरिया मरीज : एचओडी मेडिकल कॉलेज

सभी लैब टेक्नीशियन को प्रशिक्षण देते हुए राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल की माइक्रो बायोलॉजी की हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ स्मिता कुमारी ने कहा कि फाइलेरिया के कीटाणु लोगों के शरीर में छुपे हुए रहते और रात में ही एक्टिव होते हैं। रात में ही लोगों के शरीर के ब्लड सैंपल सही तरीके से लेकर उसकी सही तरह से जांच करने पर फाइलेरिया कीटाणु की पहचान हो सकती है। इसकी पहचान के लिए लोगों का ब्लड सैंपल का थिकनेस महत्वपूर्ण है। किसी भी व्यक्ति के ब्लड सैंपल में खून की लंबाई 03mm और चौड़ाई 02mm होना चाहिए। सभी सैंपल की 24 घंटे में जांच होने पर उसमें माइक्रो फाइलेरिया होने की पहचान की जा सकती है। सही समय पर लोगों के शरीर में माइक्रो फाइलेरिया चिह्नित होने पर उसका तत्काल इलाज किया जा सकता है। जिससे संबंधित व्यक्ति विकराल फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकता है। अगर सही तरीके से ब्लड सैंपल जांच नहीं की गयी और संबंधित व्यक्ति में माइक्रो फाइलेरिया बढ़ने के कारण शरीर में सूजन शुरू हो गयी तो इसे खत्म नहीं किया जा सकता। इसलिए नाइट ब्लड सर्वे में सही तरीके से ब्लड सैंपल इकट्ठा करते हुए उसकी सही तरीके से जांच आवश्यक है। मेडिकल कॉलेज एचओडी द्वारा उपस्थित सभी लैब टेक्नीशियन को टेलिस्कोप द्वारा ब्लड सैंपल में फाइलेरिया की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित किया गया।

चिह्नित फाइलेरिया मरीजों को उपलब्ध कराई जाती है मेडिकल सुविधा :

जिला वेक्टर बोर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे द्वारा फाइलेरिया ग्रसित मरीज की पहचान करने पर उन्हें तत्काल मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए मरीजों को अस्पताल से आवश्यक दवाई और मलहम दी जाती है। इसके साथ ही मरीजों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ सफाई रखते हुए नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की जानकारी दी जाती है। जिससे फाइलेरिया को नियंत्रित रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को आवश्यक मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने व नियमित एक्सरसाइज करने के लिए जागरूक करने हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के तीन प्रखंडों में पेशेंट नेटवर्क ग्रुप चलाया जा रहा है। इसके तहत अलग अलग क्षेत्रों में फाइलेरिया मरीजों की एक ग्रुप बनाई गई है जिसकी हर महीने मासिक बैठक आयोजित कर उनके स्वस्थ की जानकारी ली जाती है। इसके साथ ही उनके सहयोग से आसपास के क्षेत्रों में अन्य फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की भी पहचान करते हुए उन्हें मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए चलाया जाता है सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम :

पिरामल स्वास्थ्य डीपीओ चंदन कुमार ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे द्वारा सभी प्रखंडों के चिह्नित क्षेत्रों में फाइलेरिया मरीज की पहचान की जाती है।

नाइट ब्लड सर्वे जांच में अगर संबंधित प्रखंड में एक प्रतिशत व्यक्ति के ब्लड सैंपल में माइक्रो फाइलेरिया की पहचान होती है तो पूरे प्रखंड में इससे अन्य लोगों को सुरक्षित रखने के लिए सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जाता है। इसके तहत स्थानीय आशा कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को दवाई खिलाई जाती है।

कम से कम पांच साल तक नियमित एमडीए कार्यक्रम के तहत दवा सेवन करने से लोग फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकते हैं। इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को नाइट ब्लड सर्वे द्वारा अपने फाइलेरिया की पहचान करवानी चाहिए और फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत उपलब्ध दवाइयों का सेवन कर फाइलेरिया से सुरक्षित रहना चाहिए।