केदारनाथ धाम में मिले राहुल और वरुण गांधी, दोनों भाईयों की मुलाकात के बाद तेज हुईं अटकलें, जानें क्या हैं इसके सियासी मायने
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राजनीति में मुलाकातों के मायने काफी गहरें होतें हैं। यूं ही कोई किसी के लिए वक्त नहीं निकालता। सियासी गलियारों में अचानक किसी से टकरा जाना भी राई का पहाड़ हो जाता है। ऐसे हालात में जब दो भाई सालों बाद एक दूसरे से मिले तो खबर तो बनती है। खबर और अहम तब हो जाती है, जब दोनों में किसी का राजनीतिक जीवन हिचकोले खा रहा है। हम बता कर रहे हैं, राहुल गांधी और उनके भाई वरूण गांधी की मुलाकात की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और वरुण गांधी के बीच केदारनाथ मंदिर में मुलाकात हुई। इसके बाद से एक बार फिर वरुण गांधी के कांग्रेस में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। ये कयास इसलिए भी लग रहे हैं क्योंकि पिछले काफी समय से वरुण गांधी भाजपा के खिलाफ आलोचनात्मक रुख अपना रहे हैं। इससे पहले भी वह कई मौकों पर पार्टीलाइन से अलग बयान दे चुके हैं।
भारत के पवित्र केदारनाथ धाम में मंगलवार को गांधी-नेहरू खानदान के उत्तराधिकारियों राहुल गांधी और वरुण गांधी के बीच मुलाकात की हुई। बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी बीते कुछ दिनों से केदरानाथ धाम गए हुए थे। आज सुबह उनके चचेरे भाई वरुण गांधी भी भगवान के दर्शन के लिए पहुंचे।इस दौरान राहुल गांधी ने अपने चचेरे भाई और भाजपा सांसद वरुण गांधी से संक्षिप्त मुलाकात की। केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय ने पुष्टि की है कि दोनों भाईयों की मुलाकात वीआईपी हेलीपैड के रास्ते में मुख्य पुजारी निवास में हुई। विरोधी दलों से ताल्लुक रखने वाले दोनों चचेरे भाइयों की मुलाकात बहुत छोटी और गर्मजोशी भरी थी। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी इस दौरान वरुण की बेटी अनुसूइया से मिलकर बहुत खुश हुए।
वरुण गांधी का परिवार के साथ केदारनाथ धाम दर्शन का पहले से ही कार्यक्रम बना हुआ था। मंगलवार की सुबह वरुण, यामिनी और अनसूया दर्शन करके वहां से निकल ही रहे थे कि इसी दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी वहां पहुंचे। आमना-सामना हुआ तो राहुल और उनके चचेरे भाई वरुण के बीच बातचीत का सिलसिला भी शुरू हो गया। राहुल गांधी ने वहां बैठकर पहले अनसूया को दुलारा। उसकी पढ़ाई-लिखाई और शौक के बारे में जाना। यह भी पूछा कि उसे गेम्स में क्या पसंद है। राहुल और वरुण का परिवार काफी खुलकर मिला। यहां तक कि राहुल ने यामिनी से भी घर-परिवार के बारे में भी पूछा।
देश के प्रमुख राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले दोनों चचेरे भाइयों की मुलाकात ने वरुण गांधी के राजनीतिक भविष्य को लेकर कुछ हलकों में अटकलें शुरू कर दी हैं। अब जब लोकसभा चुनाव में कुछ ही समय बचा है, ऐसे में इस बात की अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि असंतुष्ट भाजपा सांसद वरुण कांग्रेस में जा सकते हैं।
संजय गांधी और मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी को हाल के महीनों में भाजपा की प्रमुख बैठकों में नहीं देखा गया है और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनकी राय पार्टी से अलग रही है। पीलीभीत सांसद वरुण गांधी कई मुद्दों पर भाजपा के खिलाफ आलोचनात्मक रुख अपना रहे हैं। हाल ही में उन्होंने गांधी परिवार के गढ़ रहे अमेठी में संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने को लेकर यूपी की भाजपा सरकार पर हमला बोला था। इससे पहले 2021 में वरुण गांधी एक मात्र ऐसे भाजपा नेता थे, जिन्होंने यूपी के लखीमपुर खीरी में कथित तौर पर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा चलाए जा रहे वाहन से कुचलकर मारे गए चार किसानों सहित आठ लोगों मौत पर जवाबदेही मांगी थी। वरुण गांधी के बयान के कुछ देर बाद ही उनकी मां भाजपा सांसद मेनका गांधी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति से हटा दिया गया था। वरुण गांधी ने दिल्ली में किसानों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन का भी समर्थन किया था। ये वो वक्त था जब भाजपा नेता इस आंदोलन को विपक्ष द्वारा पोषित राष्ट्र विरोधी आंदोलन बताकर इसकी निंदा कर रहे थे।
Nov 08 2023, 11:25