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महाराष्ट्र के बीड में मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों ने जमकर काटा बवाल, गुस्साई भीड़ ने एनसीपी विधायक का घर फूंका

#marathareservationagitatorssetfiretothehouseofncpmla

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन की आग भड़कती ही जा रही है। मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे आंदोलनकारी अब हिंसक हो गए हैं। उन्होंने बीड में एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर तोड़फोड़ की और उसमें आग लगा दी। साथ ही उनके दफ्तर और गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की। बड़ी बात यह है कि जब प्रदर्शनकारियों ने घर में आग लगाई, तब विधायक अपने परिवार के साथ अंदर ही मौजूद थे।

मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों के हमले के बाद विधायक प्रकाश सोलंके ने प्रतिक्रिया दी है। विधायक प्रकाश सोलंके ने कहा जब हमला हुआ तब मैं अपने घर के अंदर था। सौभाग्य से, मेरे परिवार का कोई भी सदस्य या कर्मचारी आंदोलनकारियों के हमले घायल नहीं हुआ।सोलंके ने कहा कि आग लगाए जाने के कारण संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है।

एनसीपी विधायक को क्यों बनाया निशाना?

एनसीपी विधायक सोलंकी की एक ऑडियो क्लिप वायरल हो गई थी, जिसमें वह मराठा आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे को लेकर टिप्पणी कर रहे हैं। विधायक की टिप्पणी को लेकर आंदोलनकारी नाराज थे और उन्होंने विधायक के घर में आग लगा दी।

सीएम शिंदें ने क्या कहा?

इस घटना पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "मनोज जरांगे पाटिल को देखना चाहिए कि उनके अनशन के बीच प्रदर्शन कहां जा रहे हैं। यह गलत दिशा की तरफ मुड़ रहे हैं।

बता दें इन दिनों मराठाओं की धरती महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा भड़का हुआ है। दरअसल, मराठा समुदाय के लोगों की मांग है कि उन्हें नौकरियों और शिक्षा में वैसे आरक्षण मिले, जैसे पिछड़ी जातियों को मिला हुआ है। गौरतलब है कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर ताजा आंदोलन मराठा मोर्चा के संयोजक मनोज जारांगे पाटिल की अगुआई में चल रहा है। इससे पहले मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने शनिवार 14 अक्टूबर को जालना जिले में एक रैली का आयोजन करते हुए शिंदे सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया था। इस रैली में उन्होंने ऐलान किया था कि 10 दिन बाद या तो विजय जुलूस निकलेगा या फिर मेरी अंतिम यात्रा निकलेगी।

महाराष्ट्र के बीड में मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों ने जमकर काटा बवाल, गुस्साई भीड़ ने एनसीपी विधायक का घर फूंका

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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन की आग भड़कती ही जा रही है। मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे आंदोलनकारी अब हिंसक हो गए हैं। उन्होंने बीड में एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर तोड़फोड़ की और उसमें आग लगा दी। साथ ही उनके दफ्तर और गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की। बड़ी बात यह है कि जब प्रदर्शनकारियों ने घर में आग लगाई, तब विधायक अपने परिवार के साथ अंदर ही मौजूद थे।

मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों के हमले के बाद विधायक प्रकाश सोलंके ने प्रतिक्रिया दी है। विधायक प्रकाश सोलंके ने कहा जब हमला हुआ तब मैं अपने घर के अंदर था। सौभाग्य से, मेरे परिवार का कोई भी सदस्य या कर्मचारी आंदोलनकारियों के हमले घायल नहीं हुआ।सोलंके ने कहा कि आग लगाए जाने के कारण संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है।

एनसीपी विधायक को क्यों बनाया निशाना?

एनसीपी विधायक सोलंकी की एक ऑडियो क्लिप वायरल हो गई थी, जिसमें वह मराठा आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे को लेकर टिप्पणी कर रहे हैं। विधायक की टिप्पणी को लेकर आंदोलनकारी नाराज थे और उन्होंने विधायक के घर में आग लगा दी।

सीएम शिंदें ने क्या कहा?

इस घटना पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "मनोज जरांगे पाटिल को देखना चाहिए कि उनके अनशन के बीच प्रदर्शन कहां जा रहे हैं। यह गलत दिशा की तरफ मुड़ रहे हैं।

बता दें इन दिनों मराठाओं की धरती महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा भड़का हुआ है। दरअसल, मराठा समुदाय के लोगों की मांग है कि उन्हें नौकरियों और शिक्षा में वैसे आरक्षण मिले, जैसे पिछड़ी जातियों को मिला हुआ है। गौरतलब है कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर ताजा आंदोलन मराठा मोर्चा के संयोजक मनोज जारांगे पाटिल की अगुआई में चल रहा है। इससे पहले मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने शनिवार 14 अक्टूबर को जालना जिले में एक रैली का आयोजन करते हुए शिंदे सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया था। इस रैली में उन्होंने ऐलान किया था कि 10 दिन बाद या तो विजय जुलूस निकलेगा या फिर मेरी अंतिम यात्रा निकलेगी।

मोबाइल लूटने के दौरान हुई थी कॉलेज छात्रा की मौत, यूपी की पुलिस ने किया आरोपी जितेंद्र का एनकाउंटर

 उत्तर प्रदेश की पुलिस ने सोमवार को मुठभेड़ के दौरान एक आरोपी को मार गिराया, जो गाजियाबाद में कॉलेज की लड़की से लूट और हत्या के मामले में वांछित था। मुठभेड़ में मारे गए आरोपी लुटेरे की पहचान जितेंद्र उर्फ जीतू के रूप में हुई है। जीतू पर 9 मुकदमे दर्ज थे, जिसमें गैंगस्टर एक्ट का एक मामला भी शामिल था। पहले मुठभेड़ के दौरान घायल हुए दूसरे आरोपी व्यक्ति की पहचान बलबीर के रूप में की गई है। मुठभेड़ के दौरान एक पुलिस अधिकारी को भी चोटें आई हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसका इलाज चल रहा है। 

यह एनकाउंटर उस घटना के एक दिन बाद हुआ है, जब गाजियाबाद की कीर्ति सिंह नामक पीड़िता की फोन छीनने की कोशिश का विरोध करने और ऑटो-रिक्शा से गिरने के बाद मौत हो गई, जिसके परिणामस्वरूप उसके सिर में गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, एक आरोपी जीतू भागने की कोशिश के बाद मुठभेड़ में मारा गया। दूसरे आरोपी बलबीर उर्फ बोब्बिल को अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 

घटना शुक्रवार (27 अक्टूबर) की है। एबीईएस इंजीनियरिंग कॉलेज में इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष की छात्रा कीर्ति सिंह एक ऑटो-रिक्शा में सवार होकर हापुड़ के लिए बस लेने के लिए बस स्टॉप की ओर जा रही थी। बाइक सवार दो लोगों, जिनकी पहचान अब बलबीर और जीतू के रूप में हुई है, ने ऑटो-रिक्शा का पीछा किया और कीर्ति का फोन छीनने का प्रयास किया। उसने लूटपाट का विरोध करने की कोशिश की और चलते ऑटो-रिक्शा से गिर गई जिससे उसके सिर में गंभीर चोटें आईं। उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान रविवार, 29 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई।

एक मुठभेड़ के बाद, पुलिस ने पहले मुठभेड़ में मुख्य अपराधी ​​बलबीर को पकड़ लिया। गोलीबारी के दौरान बलबीर के पैर में गोली लगी। मोटरसाइकिल पर सवार उसका साथी जितेंद्र मौके से भागने में सफल रहा था। सोमवार की सुबह, जीतू ने पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया, जब वे उसे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे थे। जवाबी कार्रवाई में जीतेंद्र उर्फ जीतू की गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि, "गाजियाबाद के एबीईएस इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक कंप्यूटर साइंस प्रथम वर्ष की छात्रा को सिर में चोट लगने के बाद नेहरू नगर के यशोदा अस्पताल के न्यूरो आईसीयू में भर्ती कराया गया था, जहां वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थी।"

घटना के बाद गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने मसूरी पुलिस स्टेशन के SHO रवीन्द्रन पंत को हटाने का आदेश दिया। इसके बाद नियुक्त किए गए नए SHO ने घटना का संज्ञान लिया और कहा कि अब आरोपियों के खिलाफ दर्ज FIR में हत्या की धाराएं जोड़ी जाएंगी. इस बीच पुलिस ने बलबीर के पास से एक अवैध पिस्तौल, कीर्ति का मोबाइल फोन और कारतूस बरामद किए हैं।

पुराने फोन के लिए लड़की की हत्या 

पीड़ित लड़की का परिवार इस समय सदमे में है. कीर्ति के भाई अंकित सिंह ने इस मुद्दे पर संदेह जताया है कि लड़की की हत्या किसी अन्य संभावित कारणों से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि, “मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि सिर्फ एक फोन छीनने के लिए कोई ऐसा क्यों करेगा। यह एक पुराना सैमसंग फोन था, जिसकी कीमत लगभग 8,000 रुपये - 10,000 रुपये थी। इतनी कम रकम के लिए कोई किसी की हत्या कैसे कर सकता है?' अंकित ने कहा कि कीर्ति का सपना एक प्रतिष्ठित कॉलेज से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग करना था। उसने हापुड छोड़ने और एक निजी संस्थान में दाखिला लेने के लिए एक साल की छुट्टी ली थी। 

उन्होंने कहा कि, 'हम कीर्ति को हापुड के किसी भी कॉलेज में दाखिला दिला सकते थे। लेकिन हमें गाजियाबाद का कॉलेज पसंद आया और मेरी बहन हमेशा से इंजीनियरिंग करना चाहती थी। वह भविष्य में एम.टेक करना चाहती थी और इसीलिए उसने यहां प्रवेश लिया।' कीर्ति का परिवार तब बहुत खुश हुआ जब उसे कुछ महीने पहले इंजीनियरिंग कॉलेज में अपनी पसंद के कोर्स में दाखिला मिला। हालाँकि, कॉलेज और उसके घर के बीच की दूरी एक मुद्दा थी और कीर्ति जल्द ही परिसर के करीब रहने जाने पर विचार कर रही थी। 

कीर्ति ने 12 दिन पहले ही एबीईएस कॉलेज ज्वाइन किया था

उनके पिता, रवींद्र सिंह ने कहा कि, "जब से वह यहां भर्ती हुई थी, हम इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि क्या उसे छात्रावास में रहना चाहिए या अपने कॉलेज के पास एक कमरा किराए पर लेना चाहिए... वह केवल 12 दिन पहले ही कॉलेज में शामिल हुई थी। वह हर दिन अपनी सहेली के साथ घर से कॉलेज आती थी। इसमें लगभग एक घंटा लग गया। कई बार वह बस पकड़ती थी और अगर बस नहीं मिलती थी तो रिक्शा लेती थी। मुझे नहीं पता था कि मेरी बेटी के साथ ऐसी घटना हो सकती है।'

27 अक्टूबर की घटना के कुछ मिनट बाद के बारे में बताते हुए अंकित ने कहा कि उसे उसके दोस्त और ऑटो-रिक्शा चालक ने तुरंत पीड़िता को अस्पताल पहुंचाया। बताया कि, 'जब हम वहां पहुंचे तो हमने उसे गंभीर हालत में पाया। उसके सिर पर गंभीर चोटें आई थीं। हमने उसे इस अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया। मैं गांव में था जब मुझे कॉलेज से फोन आया कि मेरी बहन का एक्सीडेंट हो गया है। मेरा सवाल यह है कि पुलिस ऐसे अपराधों को नियंत्रित करने में सक्षम क्यों नहीं है।''

शराब नीति केस में मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका, जमानत याचिका खारिज

#delhi_liquor_scam_case_supreme_court_rejected_bail_plea_of_manish_sisodia

दिल्ली शाराब घोटाला मामले में जेल में सजा काट रहे मनीष सिसोदिया को एक बार फिर से कोर्ट की तरफ से करारा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।सिसोदिया अभी जेल में बंद हैं। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।17 अक्तूबर को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भाटी की पीठ ने सीबीआई और ईडी की ओर से पेश उनके वकील अभिषेक सिंघवी और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू को सुनने के बाद सिसोदिया की दो अलग-अलग जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा था।

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को 6 से 8 महीने में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया तीन महीने के बाद दोबारा जमानत के लिए आ सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसौदिया की ज़मानत याचिका खरिज करते हुए कहा है कि 338 करोड़ रुपए की मनी ट्रेल साबित हुई है। इसलिए मनीष सिसोदिया को जमानत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर निचली अदालत में 6 महीने में मुकदमा खत्म नहीं होता, तो सिसोदिया जमानत के लिए दोबारा आवेदन दे सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बार-बार यह दावा किया कि मामले में पैसों के लेनदेन का कोई सबूत नहीं है इसलिए, भ्रष्टाचार या मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता। उन्होंने सिसोदिया की पत्नी की खराब तबियत का हवाला देते हुए भी उनकी रिहाई की मांग की।

शराब नीति मामले में ईडी और सीबीआई की ओर से दर्ज मामलों में मनीष सिसोदिया को फरवरी में गिरफ्तार किया गया था।कथित शराब घोटाले के समय मनीष सिसोदिया दिल्ली के आबकारी मंत्री थे।बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया।दोनों ही मामलों में निचली अदालत और हाई कोर्ट उनकी जमानत याचिका ठुकरा चुके हैं। निचली अदालत ने कहा था कि उन्होंने आबकारी नीति में बदलाव कर घोटाले में मुख्य भूमिका निभाई। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सिसोदिया पर लगे आरोपों को गंभीर बताते हुए बेल से मना कर दिया था।

गाजा पर अटैक करो, लेकिन..', जमीनी जंग में उतरे इजराइल को राष्ट्रपति जो बिडेन ने दी नसीहत

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जैसे-जैसे इज़रायली सेना, गाजा पट्टी में अपनी ज़मीनी और हवाई कार्रवाई तेज़ कर रही है, नागरिकों की सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय मांगें भी तेज़ होती जा रही हैं। व्हाइट हाउस ने रविवार (29 अक्टूबर) को इज़राइल को फिलिस्तीन आतंकी संगठन हमास के आतंकवादियों और निर्दोष निवासियों के बीच अंतर करने की चेतावनी दी, जबकि विश्व नेताओं ने युद्धग्रस्त फिलिस्तीनी क्षेत्र तक तत्काल मानवीय सहायता पहुंचाने का आग्रह किया।

 

इज़रायली सेना ने बताया कि उसने पिछले 24 घंटों में 450 से अधिक आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। इन लक्ष्यों में हमास के कमांड सेंटर और टैंक रोधी मिसाइलें लॉन्च करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्थान शामिल थे। हमलों के बाद गाजा शहर के ऊपर धुएं का गुबार फैल गया। सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने कहा कि हमलों में दर्जनों हमास आतंकवादियों की मौत हो गई। हमास द्वारा संचालित गाजा पट्टी में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले के बाद से, जिसमें कथित तौर पर कम से कम 1,400 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे, इजरायल की जवाबी बमबारी में 8,000 से अधिक फिलिस्तीनी मौतें हुई हैं। पीड़ितों में आधे बच्चे हैं।

इजराइल के ताजा हमले

उत्तरी गाजा में फिलिस्तीनियों ने आज यानी सोमवार (30 अक्टूबर) तड़के तीव्र हवाई और तोपखाने हमलों की सूचना दी, जब टैंकों द्वारा समर्थित इजरायली सैनिकों ने अपने जमीनी हमले का विस्तार किया। बमबारी में गाजा शहर के शिफा और अल-कुद्स अस्पतालों के पास के इलाकों को निशाना बनाया गया और दक्षिणी गाजा के एक शहर खान यूनिस के पूर्व में फिलिस्तीनी आतंकवादियों और इजरायली बलों के बीच झड़पें हुईं।

हमलों से कुछ घंटे पहले, इज़राइल ने फिलिस्तीनी एन्क्लेव के पश्चिमी तट पर युद्ध टैंकों की तस्वीरें जारी कीं, जो गाजा के मुख्य शहर को घेरने के संभावित प्रयास का संकेत दे रही थीं। यह कदम इजरायली सरकार द्वारा हमास शासित क्षेत्र के साथ अपनी सीमा पर जमीनी घुसपैठ का विस्तार करने का आदेश देने के दो दिन बाद आया है। संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) ने इज़राइल से हमास के आतंकवादियों और नागरिकों के बीच अंतर करके निर्दोष गाजा निवासियों की रक्षा करने का आग्रह किया। राष्ट्रपति जो बिडेन ने इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को एक फोन कॉल में कहा कि, इज़राइल को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है, लेकिन उसे ऐसा "अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी कानून के अनुरूप तरीके से करना चाहिए जो नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।" 

इज़राइल रक्षा बलों (IDF) ने कहा कि इज़राइली बलों ने सोमवार को सीरिया और लेबनान में ठिकानों पर हमला किया। अलग-अलग ट्वीट में, IDF ने कहा कि एक विमान ने लेबनानी क्षेत्र में आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला किया था, जिसमें "आतंकवाद को निर्देशित करने के लिए बुनियादी ढांचे और संगठन के सैन्य बुनियादी ढांचे" भी शामिल थे, और एक लड़ाकू जेट ने सीरियाई क्षेत्र में लॉन्चरों पर हमला किया था। इसमें कहा गया है कि दोनों हमले उन क्षेत्रों से इज़राइल पर हुए हमलों के जवाब में थे।

द टाइम्स ऑफ इज़राइल की एक रिपोर्ट में एक अमेरिकी अधिकारी ने खुलासा किया है कि बिडेन प्रशासन इज़राइल से गाजा पट्टी के भीतर अधिक संयमित जमीनी ऑपरेशन को अंजाम देने का आग्रह कर रहा है। उसी अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, गाजा में बंधकों के लिए संभावित खतरे के बारे में चिंताओं के कारण इज़राइल का नेतृत्व वर्तमान में इस समय पूर्ण पैमाने पर जमीनी आक्रमण शुरू करने के लिए अनिच्छुक है। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने गाजा में "नागरिक व्यवस्था" के टूटने की चेतावनी दी क्योंकि रविवार को हजारों लोगों ने खाद्य गोदामों में तोड़फोड़ की, गेहूं, आटा और अन्य आपूर्ति लूट ली।

राफ़ा क्रॉसिंग के एक प्रवक्ता के अनुसार, बाद में दिन में, 33 सहायता ट्रकों को मिस्र से गाजा में जाने की अनुमति दी गई। संघर्ष शुरू होने के बाद से एक दिन में पार करने वाले सहायता ट्रकों की यह सबसे बड़ी संख्या है, लेकिन मानवीय कार्यकर्ताओं ने मीडिया को बताया कि सहायता अभी भी जरूरत से काफी कम है। ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन सहित विश्व नेताओं ने गाजा को सहायता के लिए तत्काल कॉल जारी की है। बिडेन और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने गाजा को सहायता में उल्लेखनीय तेजी लाने और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।

 

उधर, रूस में, इजरायलियों और यहूदियों की तलाश कर रही एक भीड़ ने रविवार (29 अक्टूबर) को दागेस्तान के काकेशस गणराज्य में एक हवाई अड्डे पर कब्जा कर लिया, यह अफवाह फैलने के बाद कि इजरायल से एक फ्लाइट आ रही है। रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो के अनुसार, दर्जनों प्रदर्शनकारी, जिनमें से कई "अल्लाहु अकबर" (भगवान सबसे महान हैं) के नारे लगा रहे थे, दरवाजे और बाधाओं को तोड़ रहे थे, कुछ रनवे पर भाग रहे थे। कुछ ही समय बाद, रूस की विमानन एजेंसी ने घोषणा की है कि उसने हवाईअड्डे को आने वाली और जाने वाली उड़ानों के लिए बंद कर दिया है और सुरक्षा बल मौके पर पहुंच गए हैं। स्थानीय अधिकारियों ने टेलीग्राम पर कहा कि, "स्थिति नियंत्रण में है," जबकि दागेस्तान के गवर्नर ने वादा किया कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा।

भारत की 1414 प्राचीन कलाकृतियां लौटा रहा अमेरिका, पुरावशेषों की अब तक की सबसे बड़ी 'वतन वापसी'

 1,414 पुरावशेष को संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) से भारत लौटने के लिए तैयार है। सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये वस्तुएं पहले ही न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास को सौंप दी गई हैं। पुरावशेषों में न्यूयॉर्क के मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट (मेट म्यूज़ियम) में प्रदर्शित वस्तुएँ शामिल होंगी। सूत्रों का कहना है कि प्रक्रिया के अनुसार, वस्तुओं के सत्यापन के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक टीम को अमेरिका भेजा जा रहा है, जिसके बाद स्वदेश वापसी की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार, ASI टीम वस्तुओं को "पुरावशेष" या "गैर-पुरावशेष" के रूप में भी प्रमाणित करेगी। ASI अधिकारियों ने कहा है कि 1,414 वस्तुओं के नए बैच में गैर-पुरातन वस्तुएं भी शामिल होने की संभावना है, और "प्राचीनता" की परिभाषा को ध्यान में रखते हुए, तदनुसार रैंक किया जाएगा। इस स्तर पर ASI को प्राचीन वस्तुओं की उम्र या क्षेत्र के संबंध में कोई विशेष विवरण प्रदान नहीं किया गया है। हालाँकि, अमेरिकी अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा है कि विभिन्न स्रोतों से प्राप्त 1,414 वस्तुएँ "भारतीय मूल" की प्रतीत होती हैं। 

पुरावशेष और कला खजाना अधिनियम, 1972 के अनुसार, पुरावशेष को ''कोई भी सिक्का, मूर्तिकला, पेंटिंग, शिलालेख या कला या शिल्प कौशल का अन्य कार्य; किसी इमारत या गुफा से अलग कोई वस्तु, वस्तु या चीज़; पिछले युगों में विज्ञान, कला, शिल्प, साहित्य, धर्म, रीति-रिवाज, नैतिकता या राजनीति का उदाहरण देने वाला कोई भी लेख, वस्तु या वस्तु; कोई भी लेख, वस्तु या ऐतिहासिक रुचि की चीज़" जो "कम से कम 100 वर्षों से अस्तित्व में है।''

गैर-पुरावशेष आम तौर पर सजावटी वस्तुएं और मूर्तियां, या सजावटी उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाने वाली मूल कला वस्तुओं की प्रतिकृतियां हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, मेट में खजाने का पता प्राचीन वस्तुओं के व्यापारी सुभाष कपूर से लगाया गया था, जो प्राचीन वस्तुओं की तस्करी के लिए तमिलनाडु में जेल की सजा काट रहे थे। 22 मार्च को, न्यूयॉर्क राज्य के सुप्रीम कोर्ट ने मेट के खिलाफ एक वारंट जारी किया था, जिसमें अधिकारियों को पुरावशेषों को जब्त करने के लिए दस दिन का समय दिया गया था। 30 मार्च को, मेट ने एक बयान जारी कर कहा था कि वह "15 मूर्तियों को वापस लौटाने के लिए स्थानांतरित करेगा।" भारत सरकार को यह पता चलने के बाद कि कार्य अवैध रूप से भारत से हटा दिए गए थे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सर्च वारंट की 15 में से 10 वस्तुओं को चिह्नित किया गया था।

बता दें कि, इससे पहले, जुलाई में, भारत सरकार ने कहा था कि मेट से वस्तुएं अगले तीन से छह महीनों में आने की उम्मीद है। 17 जुलाई को अमेरिकी अधिकारियों द्वारा न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास को 105 पुरावशेष सौंपे गए और अगस्त में भारत वापस भेज दिए गए। मेट की वस्तुएं उनमें से नहीं थीं।

गूगल मैप्स पर बदला देश का नाम, सर्च करने पर दिखाई दे रहा तिरंगे के साथ “Bharat”

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार की तरफ से शुरू हुई देश का नाम इंडिया से भारत किए जाने की मुहिम का असर अब गूगल पर भी दिखने लगा है।भले ही आधिकारिक तौर पर देश का नाम इंडिया से भारत नहीं किया गया है। मगर गूगल मैप ने नए नाम को जरूर स्वीकार कर लिया है।दरअसल, इसकी वजह ये है कि अगर आप गूगल मैप के सर्च बॉक्स में भारत टाइप करेंगे, तो आपको 'दक्षिण एशिया में एक देश' लिखा हुआ के साथ तिरंगा झंडा नजर आएगा।

अगर आप गूगल मैच के सर्च बॉक्स में भारत टाइप करेंगे तो रिजल्ट में आपको साउथ एशिया का एक देश दिखेगा। साथ ही आपको तिरंगे का डिजिटल कोड भी नजर आएगा। खास बात यह है कि गूगल मैप पर हिंदी या अंग्रेजी में भारत टाइप करने पर इंडिया लिखने के जैसे ही रिजल्ट दिखाई देने लगे हैं। हालांकि अभी तक गूगल की तरफ से कोई ऑफिशियल बयान नहीं आया है। इसलिए अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि गूगल ने पृष्ठिभूमि में क्या-क्या बदलाव किए हैं।

गूगल मैप ने इंडिया और भारत दोनों को ही 'दक्षिण एशिया में एक देश' के तौर पर मान्यता दी हुई है। इसलिए यूजर्स अगर भारत का आधिकारिक नक्शा गूगल मैप पर देखना चाहते हैं, तो वह अंग्रेजी या हिंदी में गूगल मैप पर भारत या इंडिया लिखकर ऐसा कर कर सकते हैं।गूगल मैप के हिंदी वर्जन पर अगर आप भारत टाइप करते हैं, तो आपको भारत के नक्शे के साथ 'भारत' बोल्ड में लिखा हुआ दिखाई देगा। वहीं, अगर आप गूगल मैप के अंग्रेजी वर्जन में जाकर भारत लिखते हैं, तो आपको सर्च रिजल्ट में देश के नक्शे के साथ इंडिया लिखा हुआ दिखेगा। यानी कि गूगल मैप भारत को भी इंडिया के तौर पर स्वीकार कर रहा है। जहां सरकार नाम बदलने की कवायद में जुटी है, इस बीच गूगल ने पहले ही अपना होमवर्क करना शुरू कर दिया है।

ये बदलाव जी-20 में भारत सरकार द्वारा देश का नाम इंडिया की जगह भारत इस्तेमाल किए जाने के बाद देखने मिल रहा है।आपको बता दे भारत सरकार ने राष्ट्रपति भवन में हुए डिनर के लिए भेजे गए इन्विटेशन में 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की जगह 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा था। बता दें कि देश में कनूनी तौर पर दोनों ही नामों को मान्यता प्राप्त है, जैसा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 में कहा गया है: "इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।"

इजराइल-हमास युद्ध के बीच रूस में इजराइलियों पर भीड़ का हमला,लगे अल्लाह हू के अकबर के नारे, अमेरिका ने की कड़ी आलोचना

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इजराइल-हमास जंग के बीच रूसी राज्य दागेस्तान के मखाचकला एयरपोर्ट पर भीड़ ने इजराइलियों पर हमला दिया और उनकी मॉब लिंचिंग की कोशिश की।यहां पर भीड़ ने प्रदर्शन करते हुए रनवे को बंद कर दिया। इसके बाद अधिकारियों ने इस मुस्लिम बहुल क्षेत्र माखचकाला में एयरपोर्ट को बंद कर दिया। जानकरी के मुताबिक, किसी भी यात्री को नुकसान नहीं पहुंचा है।

बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों को जैसे ही सूचना मिली कि इजराइल की राजधानी तेल अवीव से एक फ्लाइट आ रही है तो भीड़ ने फ्लाइट को रनवे पर घेर लिया। हजारों मुस्लिम एयरपोर्ट के गेट को तोड़कर अंदर आ गए। हालात इतने बिगड़ गए कि दंगाइयों को रोकने के लिए स्पेशल फोर्स बुलानी पड़ी।भीड़ फिलिस्तीन का झड़ा लेकर लगातार ‘बच्चों के कातिलों को नहीं छोड़ेंगे’ का नारा लगा रही थी।

प्रदर्शनकारियों का वीडियो भी सामने आया है। प्रदर्शनकारियों के बड़े समूहों को एयर-टर्मिनल में प्रवेश करते और फिर अंदर तोड़फोड़ करते हुए देखा जा सकता है। भीड़ ने अल्ला हू अकबर के नारे लगाए। भीड़ में शामिल लोग यहूदी विरोधी नारे लगा रहे थे और उन्होंने रूसी वाहक रेड विंग्स के विमान पर हमला करने की कोशिश की। लैंडिंग क्षेत्र में जुटी भीड़ में से कुछ को फिलिस्तीनी झंडे लहराते हुए देखा गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस कार को पलटने का प्रयास किया और मखाचकाला पहुंचे यात्रियों के पासपोर्ट की जांच करते हुए देखा गया। बताया जा रहा है कि फ्लाइट के यात्रियों में भीड़ यहूदियों को खोजने लगी। भीड़ एक-एक पैसेंजर का पासपोर्ट चेक करती रही। जबरदस्त विरोध प्रदर्शन के बाद कुछ देर के लिए एयरपोर्ट को भी बंद करना पड़ा।

इजराइल ने इस घटना पर नाराजगी जताई है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने रविवार को कहा कि इजरायल रूसी कानून प्रवर्तन अधिकारियों से उम्मीद करता है कि वे सभी इजरायली नागरिकों और यहूदियों की सुरक्षा की रक्षा करें, चाहे वे कहीं भी हों और दंगाइयों के खिलाफ और यहूदियों व इजरायलियों पर उकसावे के खिलाफ दृढ़ता से कार्रवाई करें। येरुशलम में विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि मॉस्को में इजरायली राजदूत रूसी अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं। बयान में कहा गया, इजरायल कहीं भी इजरायली नागरिकों और यहूदियों को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों को गंभीरता से लेता है

केरल धमाकों पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के बयान पर केरल के सीएम पिनराई का पलटवार,बोले'जो जहरीले हैं, वो जहर उगलते रहेंगे’

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केरल के एर्नाकुलम में प्रार्थना सभा में रविवार के सिलसिलेवार तरीके से 3 ब्लास्ट हुए।इन बम धमाकों में 3 लोगों की मौत हो चुकी है, 50 लोग घायल हैं।इस हमले के बाद राज्य के सभी जिले हाईअलर्ट पर हैं। इस हमले की जिम्मेदारी डोमिनिक मार्टिन नाम के एक शख्स ने ली है।इधर, केरल में हुए धमाके के बाद सियासत तेज हो गई है।आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर आमने-सामने हैं।

पिनराई विजयन का पलटवार

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के कोच्चि के कंवेंशन सेंटर में हुए धमाके को लेकर दिए बयान पर पलटवार किया है। केरल के सीएम ने कहा है कि 'जो जहरीले हैं, वो जहर उगलते रहेंगे’। विजयन ने आगे कहा, केंद्रीय मंत्रियों में से एक ने बयान दिया कि मैं तुष्टीकरण की राजनीति में शामिल हूं और इस्राइल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा हूं।

राजीव चंद्रशेखर ने क्या कहा था? 

दरअसल, धमाके के कुछ देर बाद केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए केरल सीएम की आलोचना की। पिनराई विजयन दिल्ली में इजरायल-हमास युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इसका हवाला देते हुए चंद्रशेखर ने लिखा, दिल्ली में बैठकर इजराइल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि केरल में आतंकवादी हमास के जरिए जिहाद करने को कहे जाने की वजह से निर्दोष ईसाइयों पर हमले और बम धमाके हो रहे हैं।उन्होंने कहा, मैं इसके लिए केरल सीएम को जिम्मेदार मानता हूं क्योंकि कल ही उन्होंने आतंकी संगठन हमास के प्रमुख को बोलने की अनुमति दी। केरल सरकार ने उस कार्यक्रम को होने दिया और 24 घंटे बाद ही इसका परिणाम हम देख रहे हैं। केरल के मुख्यमंत्री दिल्ली में बैठे हैं और राजनीति कर रहे हैं।

आंध्र प्रदेश रेल हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत, दुर्घटना के बाद कई ट्रेनें रद्द

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आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में रविवार को दो पैसेंजर ट्रेनों में टक्कर हो गई। इस रेल हादसे में 13 लोगों की मौत हुई है, जबकि 50 यात्री घायल हुए हैं। अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस के हवाले से इसकी जानकारी दी है।वहीं, दो ट्रेनों की टक्कर के बाद ईस्ट कोस्ट रेलवे ने अब तक 33 ट्रेनों को रद्द करने का फैसल किया है। इसके साथ ही 6 ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है। वहीं कई ट्रेनों के मार्गों में बदलाव किया गया है। 

यह हादसा हावड़ा-चेन्नई लाइन पर हुआ जब विशाखापत्तनम-रायगड़ा पैसेंजर स्पेशल ट्रेन ने विशाखापत्तनम-पलासा पैसेंजर एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर कंटाकापल्ले और अलामंदा रेलवे स्टेशनों के बीच हुई, जिससे दोनों ट्रेनें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। कम से कम पांच डिब्बे पटरी से उतर गए।

ईस्ट कोस्ट रेलवे के सीपीआरओ विश्वजीत साहू ने कहा कि ट्रैक का बहाली का काम किया जा रहा है। लोगों को रेस्क्यू करने का काम कल रात 12 बजे तक पूरा हो गया था।रेलवे ट्रैक की बहाली का काम आज शाम 4 बजे तक पूरा होने की उम्मीद है।

मुआवजे का ऐलान

वहीं हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली स्थित रेल भवन के वॉर रूम से हालात की समीक्षा की और रेलवे के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। रेल मंत्री ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी से भी फोन पर बात की। रेल मंत्री ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख रुपये और सामान्य रूप से घायल लोगों के लिए 50 हजार रुपये के मुआवजे का एलान किया है। 

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने अधिकारियों को राज्य सरकार की तरफ से मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए और घायलों को 2 लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी मृतकों के परिवार के लिए दो लाख और घायलों के लिए 50 हजार रुपए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से देने का ऐलान किया है।

24 ट्रेनों के रूट में किया गया बदलाव

इस हादसे के बाद ईस्ट कोस्ट रेलवे, भुवनेश्वर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी बिस्वजीत साहू ने पुष्टि करते हुए कहा कि वाल्टेयर के कंटाकापल्ली और अलमनाडा स्टेशनों के बीच दो यात्री ट्रेनों के बीच टक्कर से हुई दुर्घटना के बाद कुल 33 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। इसके अलावा 24 ट्रेनों का मार्ग बदल दिया गया है और 11 को आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इनमें से तीन ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और दो के समय में आज सुबह बदलाव किया गया है।

रेलवे ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर

आंध्र प्रदेश रेल हादसे से संबंधित जानकारी और सहायता के लिए रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। बीएसएनएल नंबर 08912746330, 08912744619, एयरटेल सिम 8106053051, 8106053052, बीएसएनएल सिम नंबर 8500041670, 8500041671 पर फोन कर सकते हैं।

बीएसएनएल नंबर

• 08912746330

• 08912744619

• 8500041670

• 8500041671

एयरटेल नंबर

• 8106053051

• 8106053052

इसके अलावा श्रीकाकुलम स्टेशन की ओर से भी हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। नीचे दिए नंबरों पर फोन करके संपर्क कर सकते हैं।

• 0891- 2885911

• 0891- 2885912

• 0891- 2885913

• 0891- 2885914