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दिल्ली: 88 साल पुरानी सिप्ला कंपनी देश की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी,अब बिकने वाली है खरीददार विदेशी।

नई दिल्ली :- भारत में सबसे बड़ी कंपनी फार्मा सेक्टर की बड़ी कंपनी सिप्ला बिकने जा रही है. इस कंपनी की खरीदने की रेस में दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी फर्मों में से एक ब्लैकस्टोन सबसे आगे बताई जा रही है. इसे शुरू करने वाले ख्वाजा हमीद की फैमिली इसमें अपनी पूरी 33.47 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. 

 

भारत में 1935 में हुई थी शुरुआत

भारत को आजादी मिलने से पहले साल 1935 में ख्वाजा अब्दुल हमीद ने देश के लोगों को सस्ती और जीवनरक्षक दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति करने के उद्देश्य से सिप्ला की शुरुआत की थी. खास बात ये कि उन्होंने जर्मनी में अपनी केमिस्ट की नौकरी छोड़कर ऐसे समय में भारत में पहली दवा निर्माता कंपनी की नींव रखी थी, जबकि छोटी से बड़ी बीमारी तक के इलाज के लिए आने वाली दवाएं विदेशी कंपनियों से आती थीं. इसके साथ ही पश्चिमी देशों की दवा कंपनियां भारत को इतनी अहमियत भी नहीं देती थीं, जिससे कई जरूरी दवाएं जरूरतमंदों को नहीं मिल पाती थीं. 

ख्वाजा हमीद केमिस्ट से बने कारोबारी

आंखों में एक बड़ा सपना लेकर केमिस्ट से कारोबारी बने ख्वाजा हमीद ने सिपला कंपनी की शुरुआत मुंबई से की थी. अपनी शुरुआत के बाद से ही इसने फार्मा सेक्टर में धमाल मचा दिया. 60 के दशक में कंपनी की इनकम में बड़ा उछाल आना शुरू हो गया था और 1968 में इसकी आय 1 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई. इसके बाद कंपनी ने फार्मा सेक्टर में एक के बाद एक मुकाम बनाए. 90 के दशक में 1991 तक कंपनी की बिजनेस 100 करोड़ रुपये को पार कर गया था. सबसे खास बात ये कि सिप्ला की शुरुआत से पहले भारत पश्चिमी कंपनियों पर आश्रित था।वही देश अब तक तमाम देशों को अपनी दवाइंया निर्यात करने लगा था।

दुखद:फ्रांस में दिव्यांगो के हॉलिडे होम में लगी आग,11 लोगों की मौत, लर्निंग डिसेबिलिटी से थे पीड़ित


नयी दिल्ली :फ्रांस में दिव्यांगजनों के अवकाश गृह में आग लग गई जिसमे 11 लोगो की मौत हो गई। यह सभी लोग लर्निंग डिसेबिलिटी से पीड़ित थे। आग की सूचना मिलते ही करीब 80 दमकल कर्मियों को हॉलीडे होम भेजा गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

आग बुझाई जा चुकी है लेकिन दो लोग अब भी लापता हैं। स्थानीय अधिकारियों को उनकी भी मौत की आशंका है।

आग के दौरान 17 लोगों को निकाला गया

फ्रांस में दिव्यांगजनों के एक विश्राम गृह में बुधवार को आग लग गई। इस हादसे में जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई। बचाव अभियान के प्रमुख ने यह जानकारी दी। फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने ट्वीट संदेश में कहा कि वह घटनास्थल के लिए गई हैं। हौट-राइन क्षेत्र के स्थानीय प्रशासन ने कहा कि विंटज़ेनहेम शहर में दिव्यांगजनों के विश्राम गृह में करीब साढ़े छह बजे आग लग गई, जिसके बाद 17 लोगों को वहां से निकाला गया। इनमें गंभीर रूप से घायल एक शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

राष्ट्रपति मैक्रों ने जताया दुख, दिया यह संदेश

फ्रांस के अग्निशमन विभाग ने दमकल की चार गाड़ियों के साथ 76 कर्मियों को मौके पर तैनात किया गया, जिन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने घटना पर एक ट्वीट में कहा, 'इस हादसे के मद्देनजर मेरी संवेदनाएं मृतकों, घायलों और उनके परिवारों के साथ हैं। हमारे सुरक्षा बलों और आपातकालीन सेवाओं को धन्यवाद।'

उत्तरी अल्जीरिया में भी लगी थी भीषण आग*

इससे पहले उत्तरी अल्जीरिया के जंगलों और पर्वतीय इलाकों में लगी आग भी भीषण रही है। इस आग ने आसपास स्थित गांवों और शहरों में को भी चपेट में ले लिया। इस आग में तक कम से कम 34 लोगों की मौत हो गयी, जिनमें से 23 की मौत तटीय बेजाइया क्षेत्र में हुई।

रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि आग से सबसे अधिक प्रभावित बेजाइया में मारे गए लोगों में 10 सैनिक शामिल हैं जो एक बचाव अभियान के दौरान आग की चपेट में आ गए थे।

दिल्ली: संगम विहार इलाके में घर में घुस कर महिला से छेड़छाड़, विरोध करने पर फोड़ा सिर


दिल्ली:- संगम विहार इलाके में पड़ोस में रहने वाले परिवार के सदस्यों ने महिला के घर में घुसकर उसके साथ छेड़छाड़ की। विरोध करने पर पत्थर से हमला कर महिला का सिर भी फोड़ दिया। 

महिला की शिकायत पर तीन अगस्त को संगम विहार थाने में छेड़खानी, मारपीट समेत कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।

पुलिस अधिकारी के मुताबिक पीड़िता अपने परिवार के साथ संगम विहार इलाके में रहती हैं। महिला के दिए बयान के मुताबिक 2021 में उनके पति को ब्रेन हेमरेज हो गया था। 

इस कारण वे लकवाग्रस्त हो गए हैं और चलने फिरने में असमर्थ हैं। किसी तरह वह खुद ही काम करके घर का खर्च चलाती हैं। उनके ही घर के दूसरे मकान में आरोपित परिवार भी रहता है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर संसद में मचा महासंग्राम, कहा- इन्होंने मेरी मां की हत्या की...भारत माता की हत्या की

नई दिल्ली : लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को भी चर्चा जारी है. कांग्रेस की तरफ से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार के खिलाफ सदन में अपना बयान दिया. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत सभापति ओम बिरला से माफी मांगकर की. 

उन्होंने कहा, "पिछली बार सदन में अडाणी पर फोकस करने की वजह से आपके सीनियर नेता को कष्ट हुआ और उससे आप को भी कष्ट हुआ. इसलिए मैं आपसे माफी मांगता हूं." उन्होंने कहा कि आज में अडाणी पर चर्चा नहीं करूंगा. 

आज में दिमाग से नहीं बल्कि दिल से बोलना चाहता हूं और मैं आज आप लोगों पर हमलावर नहीं रहूंगा...रिलैक्स कर सकते हैं."

उन्होंने खुद को भेड़िया बताते हुए कहा, "अपने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मुझे जो शारीरिक कष्ट होने लगा, उससे मेरा अहंकार खत्म हो गया. एक भेड़िया अचानक चिंटी बन गया. मैने जिस अहंकार के साथ भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी, वो खत्म होने लगा था. तभी एक छोटी बच्ची आकर अपनी चिट्ठी मुझे दी, जिसमें लिखा था कि तुम चलो मैं तुम्हारे साथ हूं. उस बच्ची ने अपनी शक्ति मुझे दे दी. 

इसके बाद मैं सभी से मिलता था और जो मेरे पास आता था, वो अपनी और मैं अपनी परेशानी एक-दूसरे को बताता था. मैं जनता की आवाज सुनने लगा था."

राहुल ने कहा, "एक दिन मेरे पास किसान आया, हाथ में रूई थी. किसान ने मुझे रूई का बंडल मेरे हाथ में दिया और कहा कि यही मेरे हाथ में बचा है. मैने जब उससे बीमा का हाथ पूछा तो, उसने कहा कि नहीं राहुल जी, मुझे बीमा का पैसा नहीं मिला. भारत के बड़े उद्योगपतियों ने वो मुझसे छीन लिया. किसान के दिल का दर्द, मेरे दिल में आया." राहुल ने कहा कि भारत एक आवाज है और अगर हम उस आवाज को सुनना चाहते हैं तो हमें अहंकरा खत्म करना होगा.

राहुल ने कहा, "मैं मणिपुर गया, लेकिन आजतक पीएम नरेंद्र मोदी नहीं गए...क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है. मैने मणिपुर शब्द प्रयोग किया, लेकिन आजकी सच्चाई ये है कि मणिपुर नहीं बचा है. मणिपुर को आपने दो भाग में बांट दिया है. वहां की राहत शिविरों में जाकर महिलाओं से बात की. 

महिला से पूछा कि क्या हुआ तुम्हारे साथ. उसने कहा, मेरा छोटा सा बेटा, एक ही बेटा था. मेरे आंखों के सामने उसको गोली मारी गई. मैं पूरी रात उसकी लाश के साथ लेटी रही. फिर मुझे डर लगा, मैंने अपना घर छोड़ दिया. मैंने पूछा कि कुछ तो लाई होगी. उसने कहा कि मेरे पास सिर्फ मेरे कपड़े हैं और एक फोटो निकालती है, कहती है कि यही बस मेरे पास बची है. उन्होंने कहा कि इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है. इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान को मारा है. हिंदुस्तान का मणिपुर में कत्ल किया है, मर्डर किया है."

राहुल के इस बयान पर सत्तापक्ष ने हंगामा शुरू हो गया. राहुल के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने हमला बोला. उन्हों कहा, "मणिपुर में 7 दशक में जो हुआ, उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. राहुल को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए." राहुल ने विपक्ष कहा, "आपने मणिपुर के लोगों को मार भारत माता की हत्या की...देश की हत्या की...आप लोग देशभक्त नहीं हैं. इसलिए आपके प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं जा सकते है. मणिपुर में देश की हत्या की है...मणिपुर की हत्या की है...आप भारत के रखवाले नहीं बल्कि हत्यारे हो.

उन्होंने कहा, "रावण दो लोगों की सुनता था. मेघनाथ और कुंभकर्ण, वैसे ही नरेंद्र मोदी दो लोगों की सुनते हैं- अमित शाह और अडाणी. लंका को हनुमान ने नहीं जलाया था, उसके अहंकार ने लंका को जलाया था. राम ने रावण को नहीं मारा था, रावण के अहंकार ने उसे मारा था. आप पूरे देश में केरोसिन फेंक रहे हो. आपने मणिपुर में केरोसिन फेंकी और चिंगारी लगा दी. अब पूरे हरियाणा को जला रहे हो. आप पूरे देश को जलाने में लगे हो."

वहीं, सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चर्चा के दौरान हस्तक्षेप भाषण के जरिए विरोधी दलों के आरोपों का जवाब देंगे. कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत राहुल गांधी ने की. दोपहर 12 बजे राहुल गांधी ने की तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है.

सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा.अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।

दिल्ली:साउथ दिल्ली के फतेहपुर बेरी में महिला की गला घोंट कर हत्या,पुलिस जुटी जांच में


दिल्ली:- दिल्ली में आय दिन कुछ ना कुछ घटना होती रहती अब दक्षिणी दिल्ली के फतेहपुर बेरी इलाके में महिला की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। इसके बाद शव को जंगल में फेंक दिया गया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

जानकारी के मुताबिक, घटना शनिवार यानी पांच अगस्त की है। पुलिस को फतेहपुर बेरी के जंगल क्षेत्र में अज्ञात महिला का शव मिला था। इस मामले में गहन जांच के बाद महिला की पहचान 31 साल की स्वीटी के रूप में की गई। आरोप है कि उसकी हत्या उसके पति और दो अन्य लोगों ने की थी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को पकड़ने में सफलता पाई है। मामले में फतेहपुर बेरी पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 302/201/34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जानकारी के अनुसार, आरोपी धर्मवीर अपनी पत्नी के व्यवहार से खुश नहीं था क्योंकि वह अक्सर बिना किसी जानकारी के महीनों तक घर से चली जाती थी। उसने खुलासा किया किया। स्वीटी ने कभी भी अपने माता-पिता या परिवार वालों के बारे में नहीं बताया। उसने सिर्फ इतना बताया था कि वह पटना बिहार की रहने वाली है।

सावन में क्यों नहीं खाना चाहिए मांस ये सिर्फ आस्था है या इसके पीछे हैं कोई वैज्ञानिक कारण आइए जानते है...


दिल्ली:- सावन का महीना चल रहा है अभी शिवालयों में हर सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ महाकाल को जल चढ़ाने के लिए पहुंच रही है । बाकी पंथ को मानाने वाले लोगों के लिए यह सिर्फ एक मानसूनी मौसम है लेकिन सनातनियों के लिए यह भगवान शिव को समर्पित माह है।

आपने बहुत से लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि 'चलो आज टंगड़ी चबा लेते हैं क्योंकी कल से सावन शुरू होने वाला है' बहुत से लोग सावन मास में मांस और मदिरा का त्याग कर देते हैं और उनके हिसाब से यही त्याग उनकी आस्था का प्रतीक है.

लोगों को लगता है कि सावन के महीने में मांस-मदिरा का सेवन इसी लिए नहीं करना चाहिए क्योंकी यह माह भगवान शिव की अर्चना के लिए होता है. ऐसा लॉजिक देने वालों को यह मालूम नहीं होता कि वो शिव की पूजा 12 महीने कर सकते हैं. शिव को अगर आपके मांस खाने से आपत्ति है तो वह बाकी महीनों में भी रहेगी।

देखा जाए तो सावन के महीने में मांस का त्याग करना आस्था से अधिक वैज्ञानिक है. आस्था अपनी जगह है और विज्ञान अपनी जगह. कहा जाता है कि सावन में पाचन शक्ति भी कमजोर होने लगती है और मांस पचने में समय लगता है, अगर सही समय पर मांस नहीं पचता है तो वो आंतो में सड़ने लगता है जो फ़ूड पॉइजनिंग का कारण बनता है. इस मौसम में सूर्य का प्रकाश भी कम पड़ता है इसी लिए चीज़ें जल्दी खराब होने लगती हैं.

वातावरण में कीड़े-मकोड़ों की तादात बढ़ जाती है, कई विषैले कीट पैदा होते हैं. वो घांस-फूस के माध्यम से भेड़-बकरियों के शरीर में जाकर उन्हें बीमार कर देते हैं, मांस के लिए इस्तेमाल होने वाले पक्षी जैसे मुर्गा, बत्तख, तीतर भी बीमार पड़ने लगते हैं. इसी मौसम में बर्ड फ्लू फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

बीमार जानवर का मांस खाना इंसान के लिए जहर सामान होता है. इसी महीने में मछलिया अंडे देती हैं, उनके शरीर में हार्मोनल बदलाव होता है, वो बीमार भी पड़ती हैं. इसी लिए मछली का मांस भी नहीं खाना चाहिए मुर्गी के अंडों से भी परहेज करना चाहिए।

दिल्ली:कांग्रेस नेता राहुल गांधी फिर निकालेंगे भारत जोड़ो यात्रा, गुजरात से मेघालय तक करेंगे सफर


नई दिल्ली:- कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसदी वापस आने के बाद पार्टी एक्शन मोड पर आ गई है। राहुल जल्द अपनी दूसरी भारत जोड़ो यात्रा पर निकलेंगे। ये यात्रा गुजरात से शुरू होकर मेघालय में समाप्त होगी।

भारत जोड़ो यात्रा के बारे में जानकारी महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने दी। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी की पहली भारत जोड़ो यात्रा को अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। अब दूसरी भारत जोड़ो यात्रा निकालने की तैयारी है।पटोले ने कहा कि जब राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकालेंगे। तब महाराष्ट्र में कांग्रेस नेता ऐसी ही यात्रा निकालेंगे।

राहुल गांधी 136 दिन पैदल चले थे

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू की थी। ये यात्रा 12 प्रदेशों से होते हुए जम्मू-कश्मीर पहुंची थी। इस दौरान राहुल ने चार हजार किमी का सफर पैदल तय किया था। इसमें उन्हें 136 दिन लगे थे। 

इस दौरान कांग्रेस नेता तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पंजाब से होकर गुजरे थे। राहुल गांधी की पहली भारत जोड़ो यात्रा दक्षिण से उत्तर की तरफ थी। अब दूसरी यात्रा पश्चिम से पूर्व की तरफ होगी। फिलहाल अगली यात्रा कब से शुरू होगी। इसका एलान नहीं किया गया है।

दिल्ली:राजधानी एक्सप्रेस पर गौतमबुद्ध नगर जिले के दादरी थाना क्षेत्र में युवकों ने किया पथराव,आरपीएफ ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच शुरू की

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दिल्ली:- गौतमबुद्ध नगर जिले की दादरी कोतवाली क्षेत्र में बोड़ाकी गांव के पास रविवार शाम राजधानी एक्सप्रेस पर पत्थर फेंके गए। पत्थर ट्रेन के इंजन पर लगे। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। ट्रेन चालक ने घटना की सूचना पुलिस को दी। आरपीएफ मामले की जांच कर रही है।

पुलिस ने बताया कि रविवार शाम को दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर पटना जा रही 2309 राजधानी एक्सप्रेस जब बोड़ाकी रेलवे स्टेशन के पास पहुंची तो कुछ युवकों ने ट्रेन पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। 

सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा, लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुके थे, आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक एसके वर्मा ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे के आधार पर आरोपियों की पहचान कर ली गई है जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

फरीदाबाद:दो भाईयों के पेट में हमलावरो ने घोपी बीयर की बोतल,1.05 लाख रुपये लूटकर फरार


फरीदाबाद:- पुलिस थाने से चंद कदम दूरी पर दो युवकों ने दो भाईयों के ऊपर हमला कर दिया। आरोप है कि उन्होंने बीयर की बोतल तोड़कर दोनों के पेट में घोंप दी। उनसे 1.05 लाख रुपये लूटकर फरार हो गए।

पुलिस ने पीड़ितों की बहन की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसी नगर की रहने वाली ज्योति ने पुलिस को बताया कि उसका भाई प्रदीप एसी नगर चौक के पास नितिन उर्फ काशी और पवन उर्फ पकौड़ा के पास खड़ा हुआ था। यह दोनों बदमाश प्रवृत्ति के युवक हैं।

पेट में टूटी बोतल घोंपी

इस बारे में जब बड़े भाई संदीप को पता चला तो वह प्रदीप को वहां से घर लेकर जाने लगा। आरोप है कि नितिन और पवन ने अन्य साथियों के साथ दोनों भाईयों के ऊपर हमला कर दिया। उनके हाथ में बीयर की बोतल थी। वह तोड़कर बारी-बारी दोनों भाईयों के पेट में घोंपकर उन्हें घायल कर दिया।

रुपये लूटकर हमलावर फरार

संदीप के पास 1.05 लाख रुपये थे, जो उसने किसी काम से लोन लिया था। वे रुपये भी हमलावरों ने लूट लिए। जाते हुए जान से मारने की धमकी देकर गए। दोनों घायलों को लोगों ने बादशाह खान अस्पताल में भर्ती कराया।

यहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए सफदरजंग अस्पताल दिल्ली रेफर कर दिया। फिलहाल दोनों वहीं उपचाराधीन है। जांच अधिकारी राजेंद्र कसाना का कहना है कि आरोपितों की तलाश की जा रही है। उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

दिल्ली:अब दिल्ली में घर बनाना हुआ फिर से महंगा सरकार ने किसान के हित में फैसला लेते हुए सर्किल रेट 10 गुणा तक बढ़ाए


दिल्ली :दिल्ली में अब घर बनाना हुआ और महंगा दिल्ली सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए कृषि भूमि के सर्किल रेट 10 गुणा तक बढ़ा दिए हैं। लगभग 15 वर्ष बाद बढ़ाए गए सर्किल रेट में दिल्ली में अलग-अलग इलाकों के लिए अलग-अलग राशि तय की गई है।इसमें सर्वाधिक दक्षिणी दिल्ली जिला और नई दिल्ली जिला के लिए पांच करोड़ रुपये प्रति एकड़ सर्किल रेट तय किए गए हैं।

मंजूरी के लिए एलजी के पास भेजी जाएगी फाइल

अन्य जिलों के लिए तीन करोड़ रुपये प्रति एकड़ से लेकर सवा दो करोड़ रुपये प्रति एकड़ तक सर्किल रेट तय किए गए हैं। नए रेट कृषि भूमि और यमुना बांध से सटी यमुना खादर की कृषि भूमि के लिए भी मान्य होंगे। दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तावित सर्किल रेट की फाइल जल्द ही मंजूरी के लिए एलजी वीके सक्सेना के पास भेजी जाएगी। वहां से मंजूरी मिलते ही नए रेट लागू हो जाएंगे।

क्या होता है सर्किल रेट?

बता दें कि सर्किल रेट किसी इलाके में संपत्ति का न्यूनतम रेट होते हैं, यानी उससे कम पर जमीन या संपत्ति की खरीद-बिक्री नहीं हो सकती। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली के किसानों की लंबे समय से मांग थी कि उनकी खेती की जमीन के रेट बढ़ाए जाएं।

भूमि अधिग्रहण पर किसानों को मिल सकेगा जायज मुआवजा वहीं, सर्किल रेट बढ़ाने को लेकर सोमवार को राजस्व मंत्री आतिशी ने सचिवालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि सरकार विभिन्न विकास कार्यों के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण करती है, तो किसानों को अधिसूचित सर्किल रेट प्रति एकड़ के अनुसार मुआवजा मिलता है, जो मौजूदा मार्केट रेट के हिसाब से बहुत कम है। चूंकि अब सर्किल रेट में नए बदलाव किए गए हैं, इसके बाद अब दिल्ली के किसानों को भूमि अधिग्रहण के दौरान सही और जायज मुआवजा मिल सकेगा।

इसलिए तय किए गए अलग-अलग सर्किल रेट आतिशी ने कहा कि वर्तमान में पूरी दिल्ली में कृषि भूमि का सर्किल रेट हर जिले में एकसमान है, जबकि वास्तविक रूप में दिल्ली के कुछ हिस्सों में जमीन की कीमतें बाकी जगहों की तुलना में काफी ज्यादा हैं और वहां की जमीन की मांग भी काफी ज्यादा है।

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने किसानों के हक में यह फैसला लिया है और कृषि भूमि के सर्किल रेट में जिलों के हिसाब से बदलाव करने का फैसला लिया है। इसके अंतर्गत अलग-अलग जिलों में कृषि-भूमि का अलग-अलग सर्कल रेट तय किया गया है।

दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद किसानों को दो बड़े फायदे होंगे। पहला, किसान जब अपनी जमीन बेचेंगे, तो उन्हें उसका वाजिब दाम मिलेगा। दूसरा, सरकार जब किसी विकासात्मक कार्य के लिए किसानों की भूमि का अधिग्रहण करेगी, तब उन्हें उचित मुआवजा मिलेगा।