”हम पर क्यों थोपा जा रहा है..”समान नागरिक संहिता को लेकर फिर बोले एआईएमआईएम चीफ ओवैसी
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यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर छिड़ी सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। एआईएमआईएम चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी लगातार इसे लेकर बयान दे रहे हैं। यूसीसी पर जारी बहस के बीच एआईएमआईएम चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर अपनी चिंता जाहिर की है।ओवैसी ने बयान जारी करते हुए कहा है कि हमने लॉ कमीशन को अफना रेस्पॉन्स और उसके साथ रिटायर्ड जस्टिस गोपाल गौड़ा का लीगल ओपिनियन भी भेजा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील निजाम पाशा द्वारा इस रेस्पॉन्स को तैयार करने में मदद की गई है।
शुक्रवार, 14 जुलाई को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ओवैसी ने विधि आयोग द्वारा जारी अधिसूचना को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि अधिसूचना में लोगों की राय मांगी गई थी, लेकिन इसमें कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया था। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने टिप्पणी की कि विधि आयोग पांच साल की अवधि के बाद एक बार फिर समान नागरिक संहिता पर अभ्यास कर रहा है।
ओवैसी ने बताया राजनीतिक एक्सरसाइज
ओवैसी ने कहा कि हमारा मानना है कि ये राजनीतिक एक्सरसाइज है, ताकि लोगों का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी इत्यादि से हटा दिया जाए। उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करने को लेकर जो कमेटी बनाई गई है वो आर्टिकल 44 का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा हर चुनाव से पहले होता है ताकि बीजेपी को आगामी चुनाव में फायदा मिल सके।
मुस्लिम पर्सनल लॉ में महिलाओं ज्यादा अधिकार हासिल-ओवैसी
एआईएमआईएम चीफ ने आगे कहा कि इस्लाम में कबूल है बोलते हैं, जबकि हिंदुओं में ऐसा नहीं है। जब रिचुअल पूरा हो जाता है तो शादी पूरी मानी जाती है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में महिलाओं को शादी टूटने पर ज्यादा अधिकार हासिल हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने दावा करते हुए कहा, इस्लाम में सबसे पहले महिलाओं को प्रॉपर्टी में हिस्सा दिया गया। इस्लाम में महिला को पति और पिता दोनों से प्रॉपर्टी मिलती है। इस्लाम में बीवी की कमाई में पति का कोई हिस्सा नहीं होता है। हिंदू महिलाओं की ये सब हासिल नहीं है। ओवैसी ने कहा कि बहुसंख्यकों के विचारों को मुसलमानों पर थोपा जा रहा है।
Jul 14 2023, 14:50