फ्रांस दौरे से पहले पीएम मोदी ने फ्रेंच अखबार को दिया इंटरव्यू,चीन से खतरे और अमेरिका के साथ मजबूत होते रिश्ते पर दिया जवाब
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह अपने दो दिन के दौरे पर फ्रांस रवाना हो गए। पीएम यहां 14 जुलाई को होने वाले ऐतिहासिक बेस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। रवानगी से पहले प्रधानमंत्री ने फ्रांसीसी अखबार को इंटरव्यू दिया।फ्रांस के लीडिंग मीडिया समूह "लेस इकोस" को दिए इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने इंटरव्यू में पश्चिमी देशों और ग्लोबल साउथ के बीच एक ब्रिज के तौर पर भारत की भूमिका पर जोर दिया। साथ ही भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की वकालत समेत तमाम मुद्दों पर बात की।
फ्रांस के साथ भारत के रिश्ते पर दिया ये जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रेंच अखबार "लेस इकोस" को बताया, ‘कोरोना के बाद वर्ल्ड ऑर्डर में बदलाव आया है, इसमें भारत-फ्रांस की साझेदारी अहम किरदार निभा रही है। इस दौरे में हमारा फोकस आने वाले 25 साल के लिए रोडमैप तैयार करना है। बुरे से बुरे वक्त में हम साथ रहे हैं और हमारी कोशिश दोस्ती को और भी मज़बूत करने की है।भारत और फ्रांस के रिश्तों पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी इंडो पैसिफिक क्षेत्र को प्रभावित करने वाली अहम साझेदारियों में से एक है। हम हिंद महासागर क्षेत्र में दो बड़ी शक्तियां हैं। हमारी पार्टनरशिप का मकसद एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी, सुरक्षित और स्थिर इंडो पैसिफिक क्षेत्र को आगे बढ़ाना है। हम रक्षा उपकरणों समेत अन्य देशों की सुरक्षा जरूरतों का समर्थन करने के लिए भी सहयोग करेंगे। इसमें आर्थिक, कनेक्टिविटी, मानव विकास और स्टेबिलिटी की पूरी सीरीज शामिल है। ये बाकी देशों को भी शांति की साझा कोशिश के लिए आकर्षित करेगा।
चीन से खतरे को लेकर पीएम मोदी का जवाब
चीन को लेकर जब प्रधानमंत्री से सवाल किया गया, तब उन्होंने कहा कि भारत हमेशा बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान चाहता है।चीन को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी से पूछा गया कि चीन लगातार अपनी डिफेंस ताकत को बढ़ाने के लिए पैसा बहा रहा है, क्या इससे क्षेत्र में सुरक्षा को कोई खतरा है?इस पर पीएम मोदी ने कहा कि सभी देशों की संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय कानून कायम रखना भी जरूरी है। हमारा मानना है कि इसके माध्यम से स्थायी क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में सकारात्मक योगदान दिया जा सकता है।साथ ही, उन्होंने कहा कि भारत हमेशा बातचीत और कूटनीति तरीके से मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों की संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय कानून और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का सम्मान करने के लिए खड़ा रहा है।
यूक्रेन युद्ध पर क्या बोले मोदी?
पीएम मोदी ने इस इंटरव्यू में रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बात की। उन्होंने कहा कि मैंने राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से कई बार बात की है। मैं हिरोशिमा में राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से मिला था और हाल ही में, मैंने राष्ट्रपति पुतिन से दोबारा बात की है। भारत का रुख स्पष्ट, पारदर्शी और सुसंगत रहा है। प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू में बताया कि मैंने उनसे कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है, हमने दोनों पक्षों से बातचीत और कूटनीति के जरिए मुद्दों को सुलझाने का आग्रह किया है। हमारा मानना है कि सभी देशों का दायित्व है कि वे दूसरे देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें, अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करें और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का पालन करें।
अमेरिका के साथ मजबूत हो रहे हैं रिश्ते पर दिया जवाब
इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी से भारत और अमेरिका के मजबूत होते रिश्तों पर भी सवाल किया गया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा, ये सच है कि काफी लंबे समय से भारत-अमेरिका के रिश्ते सकारात्मक रूप से बढ़ रहे हैं, लेकिन पिछले नौ सालों में इसमें तेजी आई है और ये नए स्तर पर पहुंच गया है। दोनों देशों से इसके लिए पूरा सहयोग मिल रहा है। चाहे वो सरकार हो, संसद हो, उद्योग हो, शिक्षा जगत हो या फिर दोनों देशों के लोग... सभी रिश्तों को एक ऊंचे स्तर तक ले जाने के लिए उत्सुक हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 9 सालों में मैंने व्यक्तिगत तौर पर अलग-अलग सरकारों के साथ अमेरिकी तालमेल का एक अच्छा अनुभव किया है।
Jul 13 2023, 16:33