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रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को किया फोन, वैगनर की बगावत और यूक्रेन से चल रहे युद्ध को लेकर चर्चा

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच वैगनर की बगावत और यूक्रेन से चल रहे युद्ध को लेकर चर्चा हुई।रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने बयान जारी कर बताया कि पीएम मोदी और प्रेसिडेंट पुतिन ने इसके अलावा द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की।पीएम मोदी और पुतिन की यह बातचीत 4 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की वर्चुअल बैठक के ठीक पहले हुई है।

क्रेमलिन ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आज भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक टेलीफोन कॉल में यूक्रेन के आसपास की स्थिति और मॉस्को ने सशस्त्र भाड़े के लड़ाकों के विद्रोह को कैसे हल किया, इस पर चर्चा की। इसके अलावा दोनों नेताओं ने जी-20, ब्रिक्स और एससीओ को लेकर भी चर्चा की। क्रेमलिन ने बताया कि पीएम मोदी और पुतिन की बातचीत सार्थक और रचनात्मक थी। नेताओं ने रूस और भारत के बीच विशेष रूप से विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के अपने पारस्परिक इरादे की पुष्टि की और आगे के संपर्कों पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेता विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी संयुक्त परियोजनाओं के निरंतर कार्यान्वयन की आवश्यकता पर भी सहमत हुए। उन्होंने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पिछले वर्ष के अनुरूप व्यापार कारोबार पर संतोष व्यक्त किया।

पुतिन ने पीएम मोदी से यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की

बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान की ताजा स्थिति पर भी चर्चा की। क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन ने संघर्ष को हल करने के लिए राजनीतिक और राजनयिक कदम उठाने से स्पष्ट इनकार के लिए यूक्रेन को सीधे तौर पर दोषी ठहराया

पुतिन ने बताया था मॉस्को का ‘शानदार मित्र’

पुतिन ने इससे पहले गुरुवार को पीएम मोदी को मॉस्को का ‘शानदार मित्र’ बताया था। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया अभियान का भारतीय अर्थव्यवस्था पर वास्तव में प्रभावशाली असर पड़ा है। पुतिन ने कहा कि औद्योगिक और उत्पाद डिजाइन को घरेलू व्यापार के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बनाया जाना चाहिए। उन्होंने रूस की एजेंसी फॉर स्ट्रैटेजिक इनीशिएटिव्स (एएसआई) की ओर से मॉस्को में आयोजित सम्मेलन में कहा, “जो चीज अच्छा काम कर रही है, उसका अनुकरण करने में कोई बुराई नहीं है, भले ही उसकी शुरुआत हमने नहीं, बल्कि हमारे दोस्तों ने की हो।”

मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह नहीं देंगे इस्तीफा, समर्थन में उतरीं हजारों महिलाएं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा रिजाइन लेटर

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मणिपुर मई महीने से जातीय हिंसा की चपेट में है।राज्य में जारी हिंसा ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनकी सरकार की मुश्कलें बढ़ा रखी हैं।विपक्ष सीएम बीरेन सिंह पर इस्तीफे का दबाव बना रहा है। हालांकि, आलोचनाओं का सामना कर रहे राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है।बीरेन सिंह ने इस बाबत ट्वीट करते हुए लिखा कि इस बुरे समय में मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा नहीं देंगे। इस बीच बीरेन सिंह के इस्तीफे की एक कॉपी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।हालांकि Street Buzz इसकी पुष्टि नहीं करता।

दरअसल, अटकलें लगाई जा रही थीं कि सीएम बीरेन सिंह राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात करेंगे और अपना इस्तीफा सौंपेंगे। अटकलें यह भी लगाई जा रही थीं कि केंद्र सरकार राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती है।हालांकि, बीरेन सिंह ने ट्वीट करके कहा है कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर मैं सीएम पद से इस्तीफा नहीं दूंगा। अब सीएम के एलान के साथ ही उनके इस्तीफे की अटकलों पर विराम लग गया है।

जनता के दबाव में फैसला बदला?

सीएम बीरेन सिंह ने यह ट्वीट ऐसे वक्त किया है जब उनके इस्तीफे की फटी हुई कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि सीएम बीरेन सिंह राज्यपाल अनुसुइया उइके को अपना इस्तीफा सौंपना चाहते थे। वह राज्यपाल आवास के लिए निकल भी गए थे, लेकिन जनता के दबाव में बाद उन्होंने अपना फैसला बदल दिया।

दरअसल, इस्तीफे की खबर सुनकर बीरेन सिंह के समर्थक उनके आवास के बाहर इकठ्ठे हो गए और उनसे इस्तीफा न देने का अनुरोध किया। साथ ही बीरेन सिंह के समर्थन में बड़ी संख्या में महिलाएं इंफाल में मुख्यमंत्री आवास के पास एकत्र हुई। एक महिला ने कहा कि हम नहीं चाहते कि सीएम इस्तीफा दें, उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए। वह हमारे लिए बहुत काम कर रहे हैं। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एन बीरेन सिंह को उनके समर्थकों ने उस समय रोक दिया था जब वह अपना इस्तीफा सौंपने के लिए इंफाल में गवर्नर हाउस जा रहे थे।

केंद्र के अध्यादेश को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, तुरंत रोक लगाने की मांग

#delhikejriwalgovtmovedsupremecourtagainstcentres_ordinance 

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार केंद्र की ओर से अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार के अध्यादेश को गैर-कानून और असंवैधानिक करार दिया है। दिल्ली सरकार ने याचिका पर तत्काल सुनवाई करते हुए अध्यादेश पर रोक लगाने की मांग की है।

अध्यादेश की प्रतियां जलाने का फैसला

वहीं दूसरी तरफ केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने अपने कैंपेन के अगले चरण की घोषणा कर दी गई है। आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार के अध्यादेश की प्रतियां जलाने का फैसला किया है। तीन जुलाई को आम आदमी पार्टी केंद्र के अध्यादेश की प्रतियां जलाएगी। वहीं, आम आदमी पार्टी ने पांच जुलाई को सभी विधानसभाओं में और छह से 13 जुलाई तक हर गली-मोहल्ले-चौके पर अध्यादेश की प्रतियां जलाने का फैसला किया है।

क्या है मामला?

बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते महीने दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रही और ये अध्यादेश असंवैधानिक है। अध्यादेश को लेकर आम आदमी पार्टी ने कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया काला अध्यादेश न केवल दिल्ली की निर्वाचिक सरकार के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना है। बल्कि यह भारत के लोकतंत्र और संवैधानिक सिद्धांतों के लिए भी खतरा बनेगा। यदि इसका विरोध नहीं किया गया तो इस तरह से अन्य राज्यों में भी अध्यादेश लाए जाएंगे। जिससे लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों की सत्ता को नुकसान होगा। इस काले अध्यादेश को हराना बहुत जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को केजरीवाल सरकार की याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए दिल्ली में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से जुड़े मामले को छोड़कर सभी सेवाओं का कंट्रोलिंग पॉवर चुनी हुई सरकार को सौंपने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को है। इसके साथ-साथ कोर्ट ने यह भी साफ किया था कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के हर अधिकार में उपराज्यपाल दखल नहीं दे सकते हैं।

मणिपुर में हिंसा प्रभावितों से मुलाकात के बाद राज्यपाल से मिले राहुल गांधी, बोले-राज्य को शांति की जरूरत, जो भी आवश्यक होगा मैं उसके लिए तैयार

#rahul_gandhi_met_the_governor_anusuiya_uikey 

कांगेस नेता राहुल गांधी का मणिपुर दौरे का आज दूसरा दिन है।मणिपुर के दो दिवसीय दौरे के आखिरी दिन शुक्रवार को राहुल गांधी ने राहत शिविरों में रह रहे हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात की। राहुल गांधी ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर मणिपुर के हालात पर चर्चा की। भेंट के बाद राहुल गांधी ने कहा, मणिपुर में शांति की सख्त जरूरत है। हिंसा से कुछ नहीं होने वाला। मैं चाहता हूं कि यहां शांति बहाल हो।

राहुल गांधी दो दिन के मणिपुर दौरे पर हैं और आज दूसरे दिन वह मोइरांग में कई राहत शिविरों का दौरा किया।साथ ही हिंसा से प्रभावित लोगों से मुलाकात भी।जिसके बाद राहुल गांधी ने राज्यपाल से मुलाकात की और राज्य के हालात को लेकर चिंता व्यक्त की। बैठक के बाद राजभवन के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि शांति के लिए जो भी आवश्यक होगा मैं उसके लिए तैयार हूं। मैं सभी से, मणिपुर के प्रत्येक व्यक्ति से राज्य में शांति बनाए रखने की अपील कर रहा हूं, हिंसा कभी भी कोई रास्ता नहीं हो सकती, मणिपुर को अभी शांति चाहिए। 

राहुल गांधी ने आगे कहा कि मैं राहत शिविर में गया और हर समुदाय के लोगों से मिला। राहत शिविरों में दवाईयां और खाने की कमी है। जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। वहीं, अपने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में, पूर्व कांग्रेस सांसद ने कहा, “मणिपुर में हिंसा के कारण जिन लोगों ने अपने प्रियजनों और घरों को खो दिया है, उनकी दुर्दशा को देखना और सुनना दिल दहला देने वाला है। मुझसे मिलने वाले हर भाई, बहन और बच्चे के चेहरे पर मदद की पुकार है।"

बताया जा रहा है कि राहुल हिंसा को रोकने के लिए और लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए आज सामाजिक कार्यकर्ताओं से बात कर सकते हैं। इसके बाद राहुल गांधी मणिपुर से ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। जिसमें वो लोगों से हुई बातचीत की जानकारी दे सकते हैं।

दिल्ली मेट्रो में सफर करने वालों के लिए बड़ी खबर, ले जा सकेंगे शराब की बोतलें

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दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने अब मेट्रो में शराब ले जाने की इजाजत दे दी है।हालांकि, सिर्फ सीलबंद शराब की बोतल ही यात्री साथ ले जा सकेंगे। वहीं, पहले की तरह अभी भी दिल्ली मेट्रो परिसर के अंदर शराब पीने पर सख्त पाबंदी रहेगी। डीएमआरसी और सीआईएसएफ अधिकारियों की कमिटी ने एक अहम निर्णय लिया है।

दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने एक बयान जारी कर कहा, ‘एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के प्रावधानों के अनुरूप दिल्ली मेट्रो में प्रति व्यक्ति शराब की दो सीलबंद बोतलें ले जाने की अनुमति है। सीआईएसएफ और डीएमआरसी के अधिकारियों की एक समिति ने पहले के आदेश की समीक्षा की है। 

डीएमआरसी ने एक बयान में कह, पहले के आदेश के अनुसार एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन को छोड़कर दिल्ली मेट्रो में शराब ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि, मेट्रो परिसर के अंदर शराब पीना सख्त वर्जित है। मेट्रो यात्रियों से अनुरोध है कि वे यात्रा करते समय उचित शिष्टाचार बनाए रखें। यदि कोई यात्री शराब के नशे में अभद्र व्यवहार करते हुए पाया जाता है, तो कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।

कंगाली के कगार पर पहुंचे पाकिस्तान को मिली राहत, आईएमएफ ने दी 3 अरब डॉलर की खैरात

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पाकिस्तान कंगाल होने की कगार पर है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट जारी है। ऐसे में उसके लिए एक राहत मिली है। दरअसल पाकिस्तानी सरकार और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के बीच समझौता हुआ है। इस समझौते के बाद पाकिस्‍तान को तीन अरब डॉलर की मदद मिलेगी।इसके साथ ही पाकिस्‍तान पर से कंगाल होने का खतरा टल गया है।

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जिन्‍होंने पिछले दिनों फ्रांस की राजधानी पेरिस जाकर मदद की गुहार लगाई थी, उनकी अपील आखिरकार काम आ गई है। अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की तरफ से पाकिस्‍तान के साथ एक स्‍टैंडबाय एग्रीमेंट किया गया है।आईएमएफ के कार्यकारी अधिकारी नाथन पोर्टर की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है।तीन अरब डॉलर वाले इस स्‍टाफ लेवल एग्रीमेंट स्‍टैंडबाय एग्रीमेंट को आईएमएफ बोर्ड की मंजूरी मिलना बाकी है। 

नाथन पोर्टर ने गुरुवार को एक बयान में कहा, 'मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आईएमएफ की टीम 2,250 करोड़ एसडीआर (करीब तीन अरब डॉलर या पाकिस्तान के आईएमएफ कोटा का 111 प्रतिशत) की राशि में नौ महीने के स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (एसबीए) पर पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ स्टाफ स्तर के समझौते पर पहुंच गई है।' नाथन पोर्टर ने कहा, ‘नया स्टैंडबाय समझौता पाकिस्तान के 2019 विस्तारित फंड सुविधा समर्थित कार्यक्रम पर आधारित है जो जून के अंत में खत्‍म हो रहा है।‘बता दें कि साल 2019 में 6.5 अरब डॉलर वाले कर्ज प्रोग्राम को मंजूर‍ी मिली थी। अब इसमें से 2.5 अरब डॉलर की राशि मिलनी बाकी है।

बयान में कहा गया है, "नया एसबीए हाल के बाहरी झटकों से अर्थव्यवस्था को स्थिर करने, व्यापक आर्थिक स्थिरता को संरक्षित करने और बहुपक्षीय और द्विपक्षीय भागीदारों से वित्तपोषण हासिल करने की रूपरेखा प्रदान करने के लिए अधिकारियों के तत्काल प्रयासों का समर्थन करेगा।"

सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र 18 से घटाकर 16 की जाए, कोर्ट का मानना है कि इंटरनेट के जमाने में बच्चे जल्दी युवा हो रहे, ग्वालियर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले में विचार करने का किया अनुरोध

हाई कोर्ट चाहती है कि सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र 18 से घटाकर 16 कर दी जाए। कोर्ट का मानना है कि इंटरनेट के जमाने में बच्चे जल्दी युवा हो रहे हैं और आपसी सहमति से संबंध बनाते हैं। इसलिए ग्वालियर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से ये अनुरोध किया। ग्वालियर हाई कोर्ट ने यह अनुरोध एक रेप के मामले में सुनवाई करते हुए किया।

ग्वालियर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की आयु 18 से घटाकर 16 उम्र करने का अनुरोध किया है। रेप केस की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इंटरनेट युग में बच्चे जल्दी जवान हो रहे हैं। इसलिए सहमति से संबंध बनाने की उम्र 16 वर्ष हो. हाई कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया और इंटरनेट के जमाने मे 14 साल में बच्चे जवान हो रहे हैं। एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होकर सहमति से संबंध बनाते हैं। ऐसे मामले में युवा कतई आरोपी नहीं हैं।

हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह अनुरोध एक रेप केस की सुनवाई के दौरान किया। इस केस में 17 साल की नाबालिग छात्रा से रेप के मामले में कोचिंग संचालक 3 साल से जेल में बंद है। कोचिंग संचालक ने लड़की द्वारा सहमति से संबंध बनाने के सबूत पेश करते हुए अपने ऊपर लगी की रेप की एफआईआर को निरस्त करने की याचिका दायर की है। गौरतलब है कि, करीब 3 साल से ग्वालियर का एक कोचिंग संचालक राहुल रेप केस में जेल में बंद है। उस पर 17 साल की छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था।

इन तारीखों में हुआ था मामला, नहीं ने दी थी गर्भपात की अनुमति

इस मामले की एफआईआर थाटीपुर थाने में हुई थी। राहुल के साथ-साथ उसके एक रिश्तेदार के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ था। कोचिंग संचालक पर रेप का आरोप 18 जनवरी 2020 को लगा था। जबकि, छात्रा ने घटना के छह महीने बाद 17 जुलाई 2020 को थाटीपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।

 इसके बाद इस मामले में कोचिंग संचालक को जेल भेज दिया गया था। बता दें, इस मामले में छात्रा गर्भवती हो गई थी। ऐसे में छात्रा की तरफ से नाबालिग होने और भविष्य खराब होने का हवाला देकर गर्भपात की अनुमति के लिए गुहार लगाई गई थी। इस पर हाई कोर्ट ने विचार करने के बाद सितंबर 2020 में छात्रा को गर्भपात की अनुमति दे दी थी।

युवकों के साथ हो रहा अन्याय इसलिए उम्र 16 की जाए

हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। हाई कोर्ट ने कहा कि इंटरनेट युग में बच्चे जल्द जवान हो रहे हैं। इसलिए सहमति से संबंध बनाने की उम्र 16 वर्ष हो। हाई कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया और इंटरनेट के जमाने मे 14 साल में बच्चे जवान हो रहे हैं। एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होकर सहमति से संबंध बनाते हैं। ऐसे मामले में युवा कतई आरोपी नहीं हैं। आजकल अधिकांश क्रिमिनल केसों में पीड़िता की आयु 18 साल से कम होती है

 इसी विसंगति के कारण किशोर युवकों के साथ अन्याय हो रहा है।

केंद्र ने 2013 में निर्भयाकांड के बाद लिया था बड़ा फैसला

आपको बता दें कि साल 2013 में दिल्ली में निर्भया कांड हुआ था। इस कांड के बाद यौन उत्पीड़न कानून को और सख्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने कड़े कदम उठाए थे। इसी के तहत आईपीसी की धारा 375 कोष्टक 6 में बदलाव किया गया था। इस बदलाव के तहत सहमति से संबंध बनाने की उम्र को 16 से बढ़ाकर 18 कर दिया गया था। जबकि, इससे पहले 16 वर्ष की उम्र की लड़कियों द्वारा सहमति से संबंध बनाने पर युवाओं को रेप का अपराधी नहीं माना जाता था। लेकिन, निर्भया कांड के बाद हुए बदलाव के चलते 16 से 18 वर्ष उम्र की युवतियों के द्वारा सहमति से संबंध बनाने के बावजूद भी कानूनी बदलाव के चलते युवाओं पर रेप की एफआईआर दर्ज होने लगी।

निवेशकों के लिए खुशखबरी, ऑल टाइम हाई पर पहुंचा शेयर बाजार, सेंसेक्स 64400 और निफ्टी 19100 के पार

अमेरिका में मजबूत आर्थिक आंकड़ों के बाद भारतीय शेयर बाजार ने हफ्ते के आख‍िरी कारोबारी द‍िन र‍िकॉर्ड तेजी के साथ कारोबार क‍िया। कारोबारी सत्र की शुरुआत में सेंसेक्‍स ने करीब 150 अंक की तेजी के साथ कारोबार शुरू क‍िया। बुधवार को 63,915 अंक पर बंद होने वाला सेंसेक्‍स शुक्रवार सुबह 64,068 अंक पर खुला। बाजार खुलने के कुछ देर बाद ही सेंसेक्‍स ने 64,414.84 अंक का ऑल टाइम हाई बनाया। सुबह के समय सेंसेक्‍स के 30 में से 26 शेयर हरे न‍िशान के साथ कारोबार करते देखे गए।

न‍िफ्टी ने 19100 अंक के स्‍तर को पार क‍िया

सेंसेक्‍स की तरह न‍िफ्टी ने भी 19100 अंक के पार जाकर ऑल टाइम हाई का र‍िकॉर्ड बनाया। शुक्रवार सुबह न‍िफ्टी 19,076.85 अंक पर खुला। न‍िफ्टी इसके साथ ही 19,108.20 प्‍वाइंट के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। इससे पहले अमेर‍िका के मजबूत आर्थिक आंकड़े आने से मार्केट सेंटीमेंट में सुधार आया है। पहली तिमाही में जीडीपी में बढ़ोतरी, बेरोजगार दावों में गिरावट और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्‍याज दर पुराने स्‍तर पर ही रखने से मंदी की आशंका कम हुई है। हालांकि उम्‍मीद यह की जा रही है क‍ि फेड र‍िजर्व लंबे समय तक ब्‍याज दर को हाई लेवल पर रख सकता है।

उत्तराखंड : विधायक हॉर्स ट्रेडिंग केस को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत के घर पर नोटिस लेकर पहुंची सीबीआई, पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के जरिए दी जानकारी



वर्ष 2016 में सामने आए चर्चित विधायक हॉर्स ट्रेडिंग मामले को लेकर बीते गुरुवार की शाम सीबीआई की टीम नोटिस लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत के घर पहुंची। इस दौरान हरीश रावत घर पर नहीं थे। इस बात को लेकर उन्होंने फेसबुक पर अपनी बात साझा की।

उन्होंने लिखा ‘ दोस्तों CBI के नोटिस के संबंध में मैंने आपसे कहा था कि मैं पूरा सहयोग करूंगा! क्योंकि ज्यों-ज्यों जांच आगे बढ़ेगी, न्यायालय के विभिन्न स्तरों पर तर्क-वितर्क आएंगे, तो जो हमारे ऊपर आरोप लगे हैं और #भाजपा ने जिस तरीके से उन आरोपों को दुष्प्रचारित किया है, एक भ्रम पैदा किया है। मेरे सार्वजनिक जीवन के हित में है कि वो बातें, पूरी स्थितियां उत्तराखंड और देश के लोगों के सामने स्पष्ट हों। मगर CBI इतनी जल्दी में है कि आज सुबह जब मैं कुछ दोस्तों को #ईद की मुबारकबाद देने गया था तो उस दौरान मेरे घर पर नोटिस लेकर के पहुंच गए, मैं घर पर था नहीं। फिर मैंने निश्चय किया है कि मैं उनको खुद आमंत्रित करूं कि आएं और चाहें तो आज अर्थात 29 जून को ही मुझे नोटिस सर्व कर दें।’

बता दें कि हाल ही में कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। सीबीआई ने इन चारों के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर कोर्ट ने नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं।

यह है मामला

वर्ष 2016 में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए उनका एक स्टिंग करने का दावा उमेश कुमार ने किया था। इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था। इसी दौरान एक और स्टिंग सामने आया था, इसमें विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया गया। इसमें डॉ. हरक सिंह रावत के भी शामिल होने का दावा किया गया था। दोनों ही स्टिंग के बारे में उमेश कुमार ने दावा किया था कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की डीलिंग की जा रही थी। इसमें रुपयों के लेन-देन होने की बात का दावा भी स्टिंग प्रसारण के दौरान किया गया था। बाद में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। स्टिंग में जो आवाजें हैं उनके मिलान के लिए इन चारों ही नेताओं के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआई ने अदालत से मांगी है।

615 करोड़ के बजट वाला है चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण का अभियान, श्रीहरिकोटा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 13 जुलाई को अपराह्न 02 : 30 बजे भरेगा उड़ान, डिटेल में जानिए पूरी खबर

 पिछले सबक के बाद चंद्रयान-3 में किए महत्वपूर्ण बदलाव, इसरो चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के लिए सजग और सचेत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने बहुप्रतीक्षित चंद्र मिशन यानी चंद्रयान-3 के लॉन्च किए जाने की तारीख की घोषणा कर दी है। यह रॉकेट 13 जुलाई को स्थानीय समयानुसार दोपहर 02 : 30 बजे लॉन्च किया जाएगा। जी हां , महज़ 14 दिन बाद इस बार चंद्रयान-3 अंतरिक्ष की उड़ान भरेगा और एक बार फिर सभी भारतीयों की नज़रें इस पर बनी रहेगी।

 2019 में लॉन्च किए गए चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित रूप से उतरने और गतिविधियां करने की क्षमता दिखाई थी और काफी हद तक वह एक सफल मिशन था। हालांकि अब इस बार अपने पिछले सबक के बाद इसरो द्वारा चंद्रयान-3 मून मिशन के लिए भेजा जा रहा है। बता दें कि पिछला मिशन यानी चंद्रयान-2 चंद्रमा की परिक्रमा करने में कामयाब रहा था। हालांकि विक्रम लैंडर को हार्ड लैंडिंग का सामना करना पड़ा था। इसके कारण रोवर को योजना के अनुसार तैनात नहीं किया जा सका था। हालांकि इस बार इसरो के अधिकारी चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर आश्वस्त हैं और इसकी लॉन्च की तारीख 13 जुलाई निर्धारित की गई है।चंद्रयान-3 मिशन से उम्मीद है कि चंद्रमा के बारे में समझ और गहरी हो सकेगी। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट - लैंडिंग करना और बाद में रोबोटिक रोवर संचालित करने की क्षमता को दिखाना है।

 

जानकारी के मुताबिक चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण यान मार्क-3 द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा। यह प्रक्रिया 13 जुलाई को दोपहर 02 : 30 बजे होगी। इस मिशन के तहत चंद्रयान-3 प्रोपेलेंट मॉड्यूल " लैंडर " और "रोवर " को 100 किलोमीटर तक चंद्रमा की कक्षा में ले कर जाएगा। इतना ही नहीं चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी के ध्रुवीय मापन का अध्ययन करने हेतु एक "स्पेक्ट्रो - पोलरमेट्री " पेलोड भी इसके साथ जोड़ा गया है।

 

 इस मिशन का बजट 615 करोड़ रुपये है। इस बार जोखिमों को कम करने के लिए चंद्रयान-3 को कठोर परीक्षण और सत्यापन प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ा है। चंद्र पेलोड कॉन्फिगरेशन समेत मिशन डिजाइन को पिछले मिशन से सीखे सबक को ध्यान में रखते हुए ऑप्टिमाइज किया गया है।

इस मिशन में चंद्रयान-2 के समान एक लैंडर और एक रोवर भी शामिल होंगे लेकिन इस बार ऑर्बिटर नहीं होगा। चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण की तैयारी जारी है।