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ओबामा बोले-पीएम मोदी से बात होती तो भारत में मुसलमानों की सुरक्षा का मुद्दा उठाता, कांग्रेस ने कसा तंज अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत में अल्पसंख्यकों के हालात पर चिंता जाहिर की है।प

ओबामा बोले-पीएम मोदी से बात होती तो भारत में मुसलमानों की सुरक्षा का मुद्दा उठाता, कांग्रेस ने कसा तंज
ओबामा बोले-पीएम मोदी से बात होती तो भारत में मुसलमानों की सुरक्षा का मुद्दा उठाता, कांग्रेस ने कसा तंज अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत में अल्पसंख्यकों के हालात पर चिंता जाहिर की है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के बीच बराक ओबामा ने भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है। ओबामा ने कहा है कि अगर उनकी बात भारतीय प्रधानमंत्री से होती तो वे मुस्लिम अल्पसंख्यकों की हिफ़ाज़त का ज़िक्र करते। यही नहीं बराक ओबामा ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को सलाह दी है कि उन्हें पीएम मोदी से बातचीत के दौरान मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के मुद्दे को उठाना चाहिए।ओबामा के इस बयान को लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। ओबामा ने क्या कहा? बराक ओबामा ने गुरुवार (अमेरिकी समयानुसार) को सीएनएन को दिए इंटरव्यू में कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी बैठक के दौरान बहुसंख्यक हिंदू भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर मैं राष्ट्रपति होता और प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत करता, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं, तो मेरा एक तर्क ये होता कि यदि आप भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, मुमकिन है कि भविष्य में भारत में विभाजन बढ़े। ओबामा ने कहा कि ये भारत के हितों के विपरीत होगा। हमने देखा है कि जब आंतरिक संघर्ष बढ़ेगा तो यह ना भारत के मुसलमानों के हित में होगा और ना भारत के हिंदुओं के हित में। मुझे लगता है कि इन चीजों के बारे में पूरी ईमानदारी से बात की जानी चाहिए। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अपने सहयोगियों के साथ मानव अधिकारों की बात करना थोड़ा मुश्किल होता है। ओबामा के बयान को लेकर कांग्रेस का हमला इधर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सीएनएन के साथ ओबामा के इस इंटरव्यू का एक हिस्सा सोशल मीडिया पर डालते हुए तंज कहा है। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा है कि ये मोदी जी के 'दोस्त' बराक का संदेश है।क्या लगता है कि वह भी मोदी के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है? कम से कम भक्त तो यही आरोप लगाएंगे। भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर क्या बोले पीएम मोदी वहीं,अमेरिका दौरे पर गए पीएम मोदी ने द्विपक्षीय बैठक के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की।इस दौरान एक महिला पत्रकार ने पीएम मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति के बारे में सवाल पूछा।पीएम मोदी से विदेशी पत्रकार ने भारत में कथित रूप से अल्पसंख्यकों से भेदभाव से जुड़ा सवाल किया। इस पर पीएम मोदी ने उस महिला पत्रकार के सवाल को धैर्यपूर्वक सुना और फिर जवाब देना शुरू किया। पीएम मोदी ने कहा कि ‘लोकतंत्र हमारी रगों में हैं। हम लोकतंत्र को जीते हैं। हमारे यहां लोकतंत्र में जाति, पंथ या धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव का सवाल ही नहीं है। अमेरिका की कई संस्थाओं ने किया मोदी की अमेरिका यात्रा का विरोध गौरतलब है कि अमेरिका की कुछ संस्थाओं और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी मोदी की अमेरिका यात्रा पर सख़्त टिप्पणियां की हैं।एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस यात्रा के दौरान अमेरिका और भारत को दोनों देशों में मानवाधिकार मामलों की ख़राब हालत पर बात करनी चाहिए। संगठन ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में वृद्धि हुई है। इसमें धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा भी शामिल हैं। बता दें कि, बराक ओबामा ने अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर 2014 और 2016 में पीएम मोदी की मेजबानी की थी। वहीं पीएम मोदी ने जनवरी 2015 में दिल्ली में बराक ओबामा की मेजबानी की थी जब वे भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे।
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पाकिस्तानी नेताओं को उनकी हरकतों के कारण अक्सर शर्मसार होना पड़ता है। और ऐसा क्यों हो जाता है कि आए दिन इनकी “वैश्विक बेइज्जती” हो जाती है। सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का एक वी

पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ की “शराफत”, प्रोटोकॉल ऑफिसर के हाथ ले लिया छाता, बारिश में भीगते हुए साथ चलती रही महिला अधिकारी
पाकिस्तानी नेताओं को उनकी हरकतों के कारण अक्सर शर्मसार होना पड़ता है। और ऐसा क्यों हो जाता है कि आए दिन इनकी “वैश्विक बेइज्जती” हो जाती है। सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसे देख उनकी खूब आलोचना हो रही है। ये वीडियो फ्रांस की पेरिस का है। दरअसल पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ गुरुवार से फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित न्यू ग्लोबल फाइनेंसिंग पैक्ट शिखर सम्मेलन में हिस्‍सा ले रहे हैं। यहां पर वह फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैंक्रों के अलावा अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर रहे हैं। लेकिन अपनी मीटिंग्‍स से ज्‍यादा शरीफ अपने उस वीडियो की वजह से चर्चा में हैं जो इस समय वायरल हो रहा है। वीडियो के सामने आने के बाद अब लोग पाकिस्‍तानी पीएम के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं। लोग उनसे पूछ रहे हैं कि क्‍या इसी तरह से महिलाओं का सम्‍मान किया जाता है। दरअसल, वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रोटोकॉल के तहत एक महिला अधिकारी पाकिस्‍तान के पीएम शहबाज को कार तक रिसीव करने आती है। इस दौरान तेज बारिश हो रही है। महिला अधिकारी छाता लिए हुए नजर आ रही हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला अधिकारी पीएम शहबाज को रिसीव कर ला रही है।तभी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ महिला अधिकारी से छाता छीन लेते हैं और आगे निकल जाते हैं। इसके बाद वह ऑफिसर भीगते हुए अंदर आती हैं। अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।वायरल वीडियो के बाद यूजर्स शहबाज शरीफ को भला बुरा बोल रहे हैं। ट्विटर पर एक यूजर ने पीएम की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ अपनी सादगी के लिए मशहूर हैं। सादगी की एक और मिसाल पेश करते हुए उन्होंने छाता खुद पकड़ लिया।हालांकि अन्य यूजर को पीएम का यह व्यवहार पसंद नहीं आया है। बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के न्यौते पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कल गुरुवार को शुरू हुए दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पेरिस पहुंचे हैं।शहबाज ने आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्‍टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से भी मुलाकात की है। उन्‍होंने क्रिस्‍टीना को पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताया।शहबाज को उम्‍मीद है कि जल्‍द ही आईएमएफ की तरफ से विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) के तहत कर्ज की रकम देश के लिए जारी हो जाएगा।
टाइटैनिक का मलबा देखने गई पनडुब्बी डूबी, सभी यात्रियों की मौत, कंपनी ने भी की पुष्टि

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110 साल पहले डूबे टाइटैनिक जहाज को देखने गए लापता पांच पर्यटकों की मौत की खबर सामने आई है। बता दें कि पनडुब्बी समेत पांच लोग रविवार से ही गायब थे। इनको तलाशने के लिए उत्तरी अटलांटिक महासागर में सर्च अभियान चलाया गया।लेकिन अब इस पनडुब्बी में सवार पांचों लोगों के मौत की खबर सामने आ रही है। इसकी पुष्टि पनडुब्बी ऑपरेट करने वाली कंपनी ने कर दी है।

पिछले कई दिनों से कई देशों के बचाव-दल उस लापता हुई पनडुब्बी को खोजने में जुटे थे। यूएस कोस्‍टगार्ड्स ने बताया कि गुरुवार, 22 जून को उसका मलबा टाइटैनिक के पास मिला। जिसके बाद पनडुब्बी की ऑनर कंपनी ओशनगेट ने हादसे की पुष्टि की।हालांकि, इनमें से किसी का शव बरामद नहीं किया जा सका है। टाइटन पनडुब्बी को ऑपरेट करने वाली कंपनी ओशनगेट का मानना है कि चालक दल से पांच सदस्य दुखद रूप से खो गए हैं। इस हादसे में ओशनगेट कंपनी के संस्थापक और सीईओ भी शामिल हैं।

ओशनगेट ने बयान जारी करते हुए कहा कि अब हम मानते हैं कि हमारे सीईओ स्टॉकटन रश, शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद, हामिश हार्डिंग और पॉल-हेनरी नार्जियोलेट को खो दिया गया है। बयान में आगे कहा गया है कि ये लोग सच्चे खोजकर्ता थे, जिनमें रोमांच की एक अलग भावना और दुनिया के महासागरों की खोज और सुरक्षा के लिए गहरा जुनून था। इस दुखद समय में हमारे दिल इन पांच आत्माओं और उनके परिवारों के प्रत्येक सदस्य के साथ हैं। हम उनके द्वारा जान-पहचान वाले सभी लोगों के लिए लाए गए जीवन और खुशी के नुकसान पर शोक व्यक्त करते हैं।

यात्रा शुरु होने के 2 घंटे बाद टूट गया था संपरक

मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक 18 जून यानी रविवार को ओशनगेट कंपनी की पनडुब्बी में सवार होकर पांच लोग इस रोमांचक यात्रा पर निकले थे। लेकिन यात्रा शुरु होने के 2 घंटों बाद ही इस पनडुब्बी का संपर्क सतह से टूट गया था।बता दें कि टाइटैनिक के मलबे तक जाने, उसको देखने और वापस आने के सफर में करीब आठ घंटे का समय लगता है।

5 दिनों तक चलती खोज, नहीं बचा पाए खोजी

टाइटन पनडुब्बी के लापता होने की सूचना मिलते ही अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा समेत कई देशों के खोजकर्ताओं की टीम सर्च-ऑपरेशन में जुट गई थीं। हालांकि, 4 दिनों तक किसी को समुद्र में वो पनडुब्बी नहीं मिली। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूएस कोस्ट गार्ड रियर एडमिरल जॉन माउगर ने बताया कि एक कनाडाई जहाज में तैनात रोबोटिक डाइविंग वाहन ने गुरुवार सुबह टाइटैनिक से लगभग 1,600 फीट (488 मीटर) दूर, सतह से 2 1/2 मील (4 किमी) नीचे समुद्र तल पर टाइटन पनडुब्बी के एक मलबे की खोज की। वहीं पनडुब्बी का मलबा मिलने के बाद एक्सपर्ट्स की टीम इसकी जांच में जुट गई है।

हादसे की वजह का नहीं चल सका है पता

पनडुब्बी के दुर्घटनाग्रस्‍त होने की वजहों को जानने की कोशिश की जा रही है। एक रिपोर्ट में बताया गया कि लापता पनडुब्बी में 10 साल पुराने गेमिंग कंट्रोलर का इस्तेमाल किया गया था, जिसने काम करना बंद कर दिया होगा। वहीं, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पनडुब्बी जब गहराई में जा रही थी, तो उसमें तकनीक खराबी आ गई होगी। और, ये भी हो सकता है कि वो टाइटैनिक जहाज के मलबे से टकराकर फंस गई हो। इन सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं।

बाइडेन ने पीएम मोदी के लिए किया शानदार स्टेट डिनर का आयोजन, मुकेश अम्बानी और आनंद महिन्द्रा समेत ये हस्तियां हुई शामिल

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए शानदार स्टेट डिनर का आयोजन किया।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन के निमंत्रण के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार (22 जून) को स्टेट डिनर में शामिल हुए। इस दौरान उद्योग, फैशन और राजनीति जगत की कई हस्तियां भी शामिल हुईं।इस भव्य कार्यक्रम 400 मेहमान शामिल हुए। मुकेश अंबानी, नीता अंबानी, आनंद महिंद्रा से लेकर सुंदर पिचाई तक कई बड़ी हस्तियों ने इस डिनर में शिरकत की। इसके साथ ही भारत सरकार की तरफ से बड़े प्रतिनिधियों ने इस स्टेट डिनर में हिस्सा लिया, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल का नाम भी शामिल है।

डिनर के दौरान अमेरिकी परंपरा के अनुसार टोस्ट सेरेमनी हुई। आमतौर पर टोस्ट में शराब का सेवन किया जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी चूंकि शराब का सेवन नहीं करते हैं, इसलिए बिना अल्कोहल वाली अदरक से बनी एक पेय को टोस्ट में इस्तेमाल किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि 'उनके दादा एंब्रोस फिनेगन कहा करते थे कि अगर आपको टोस्ट करना है और आप अपने गिलास में शराब नहीं चाहते हैं तो आपको बाएं हाथ में गिलास पकड़ना चाहिए। आप सभी को लग रहा होगा कि मैं मजाक कर रहा हूं लेकिन ऐसा नहीं है।' बाइडन के इतना कहते ही कार्यक्रम में मौजूद लोगों समेत पीएम मोदी जमकर हंसे और खूब ठहाके लगे। घटना का वीडियो भी सामने आया है। 

बाइडेन की मुझे प्रेम से खिलाने की इच्छा पूरी हुई-पीएम मोदी

बता दें, पीएम मोदी के स्टेट डिनर के लिए खास तैयारी की गई थी। पीएम मोदी ने डिनर के दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति जो बाइडेन और जिल बाइडेन का शानदार आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि आज जो बाइडेन की मुझे प्रेम से खिलाने की इच्छा पूरी हो रही है। पीएम मोदी ने बताया कि 2014 में बैंक्वेट का आयोजन किया गया था तब पीएम मोदी के नवरात्र के व्रत थे उस दौरान बाइडेन काफी परेशान थे कि पीएम मोदी कुछ खा नहीं रहे। ऐसे में इस स्टेट डिनर के जरिए जो बाइडेन की ये इच्छा पूरी हो गई।

भारतीय अमेरिका एक दूसरे के करीब आ रहे हैं-पीएम मोदी

स्टेट डिनर के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हर गुजरते दिन के साथ भारतीय अमेरिका एक दूसरे के करीब आ रहे हैं। हैलोवीन में भारत के बच्चे स्पाइडरमैन बनते हैं और अमेरिका के युवा नाटो-नाटो पर डांस करते हैं। इसी के साथ पीएम मोदी ने ये भी कहा कि बेसबॉल के लिए अमेरिका के लोगों के लगाव के बीच यहां क्रिकेट भी लोकप्रिय हो रहा है। अमेरिकी टीम इस साल के आखिर में भारत में होने वाले क्रिकेट विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने की पूरी कोशिश कर रही है। मैं उनकी सफलता की कामना करता हूं।

गेस्ट लिस्ट में कौन-कौन था शामिल?

इस स्टेट डिनर में करीब 400 लोग शामिल थे। अगर गेस्ट की बात करें तो प्रमुख मेहमानों में एनएसए अजीत डोवल, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची, बिजनेसमैन मुकेश अंबानी और नीता अंबानी, आनंद गिरिधरदास, आनंद महिंद्रा, सत्या नडेला और अनु नडेला, भारतीय-अमेरिकी फिल्म निर्माता एम. नाइट श्यामलन, निधि तिवारी, एडोब के सीईओ शांतनु नारायण, सलमान अहमद शामिल थे। इसके अलावा किरण आहूजा, अमेरिका के प्रोटोकॉल चीफ रूफस गिफोर्ड, रीम एकरा और डॉ. निकोलस तब्बल, माला अडिगा, लॉयड ऑस्टिन, एप्पल के सीईओ टिम कुक, तरुण छाबड़ा, कमला हैरिस, मारिया ग्राज़िया चिउरी, रौनक देसाई और डॉ. बंसारी शाह, माइकल फ्रोमैन, नैन्सी गुडमैन, एरिक गार्सेटी, मेरिक गारलैंड, अटॉर्नी जनरल, अमेरिकी न्याय विभाग और लिन रोसेनमैन गारलैंड, कर्स्टन गिलिब्रैंड और अन्य लोग इस गेस्ट लिस्ट में शामिल थे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 साल में छठी बार अमेरिका की यात्रा पर हैं। ये उनकी पहली राजकीय यात्रा है।पीएम मोदी भारतीय समयानुसार देर रात 1:30 बजे अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के ज्वॉइंट सेशन को संबोधित किया।

अमेरिकी संसद में पीएम ने आतंकवाद को बताया वैश्विक खतरा, अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव के सवाल पर दिया ये जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 साल में छठी बार अमेरिका की यात्रा पर हैं। ये उनकी पहली राजकीय यात्रा है।पीएम मोदी भारतीय समयानुसार देर रात 1:30 बजे अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के ज्वॉइंट सेशन को संबोधित किया।अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी आतंकवाद से लेकर रूस यूक्रेन युद्द कई बड़े मुद्दों पर बात की।इस दौरान उन्होंने भारत-अमेरिका के बढ़ते रिश्तों पर भी बात की।उन्होंने पाकिस्तान और चीन का नाम लिए बिना दोनों देशों पर निशाना साधा। *आतंकवाद पर बिना नाम लिए चीन-पाक को घेरा* अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आतंकवाद को दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताया। उन्होंने 9/11 और 26/11 जैसे आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि इन हमलों के एक दशक से ज्यादा समय बाद भी आतंकवाद और कट्टरपंथ का खतरा पूरी दुनिया पर मंडरा रहा है। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इस रोकने के लिए कोई अगर-मगर की जगह नहीं है।आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले और आतंकवाद का निर्यात करने वालों के खिलाफ हमें मिलकर लड़ना चाहिए। दुनिया बदल रही है। दुनिया को नए वर्ल्ड ऑर्डर की जरूरत है। *युद्ध का नहीं बल्कि संवाद और कूटनीति का वक्त* पीएम मोदी ने इस दौरान रूस यूक्रेन युद्धा का जिक्र किया और कहा कि ये युद्ध का नहीं बल्कि संवाद और कूटनीति का वक्त है। उन्होंने कहा कि युद्ध से लोगों को पीड़ा पहुंचती है। दो देशों के युद्ध के वजह से विकासशील देश भी प्रभावित हुए हैं। युद्ध के कारण वैश्वीकरण को भी नुकसान पहुंचा है। सप्लाई चेन सीमित हो गई है। हमें मिलकर कोशिश करना होगा कि सप्लाई चेन को भी विकेंद्रीकृत और लोकतांत्रिक किया जाए। तकनीक ही सुरक्षा और खुशहाली को तय करेगी। यूक्रेन संकट की वजह से यूरोप जंग के साये में है। इसमें कई शक्तियां शामिल हैं, इसलिए नतीजे गंभीर हैं। *अल्पसंख्यकों से भेदभाव के सवाल पर दिया ये जवाब* पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिका विजिट के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की।इस दौरान एक महिला पत्रकार ने पीएम मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति के बारे में सवाल पूछा।पीएम मोदी से विदेशी पत्रकार ने भारत में कथित रूप से अल्पसंख्यकों से भेदभाव से जुड़ा सवाल किया। इस पर पीएम मोदी ने उस महिला पत्रकार के सवाल को धैर्यपूर्वक सुना और फिर जवाब देना शुरू किया। पीएम मोदी ने कहा कि ‘लोकतंत्र हमारी रगों में हैं। हम लोकतंत्र को जीते हैं। हमारे यहां लोकतंत्र में जाति, पंथ या धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव का सवाल ही नहीं है। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘जैसा राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि लोकतंत्र भारत और अमेरिका के डीएनए में है। इसलिए भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं है। हमारा देश संविधान से चलता है।‘ पीएम मोदी ने यह भी कहा कि‘ हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के सिद्धांत पर चलती है और भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में कोई भेदभाव नहीं है।
पीएम मोदी ने दुनिया को बताया AI का नया मतलब, अमेरिकी संसद में जमकर बजी तालियां

#when_pm_modi_told_the_new_meaning_of_ai_in_the_us_parliament

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के अपने राजकीय दौरे पर अमेरिकी संसद को संबोधित किया।इस दौरान अमेरिकी सांसदों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया।कहा-यहां मुझे दूसरी बार संबोधन का मौका मिला। अमेरिकी संसद को संबोधित करना मेरे लिए सम्मान की बात है। यह 140 करोड़ भारतीयों का भी सम्मान है। प्रधानमंत्री ने कहा-अमेरिकी संसद में कांग्रेसियों का उत्साह देख रहा हूं। मैं स्वागत से अभिभूत हूं। इस शानदार स्वागत के लिए भारतीयों की ओर से भी आभार व्यक्त करता हूं। 

अपने भाषण में पीएम ने भारत के साथ अमेरिका के रिश्तों की तुलना AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से की।पीएम मोदी ने कहा आजकल AI की बहुत चर्चा है, मगर यहां AI का एक और मतलब अमेरिका और इंडिया है। उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच अब भरोसे की मित्रता है। दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ा है। पिछले 7 वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच बहुत कुछ बदला है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'यहां सात वर्ष पहले मैं आया था। तब मैंने कहा था कि इतिहास की हिचक कभी हमारे साथ चलती थी। अब हम नई राह पर खड़े हैं। अब इस शताब्दी का नया आह्वान है। हमने लंबा सफर तय किया है। हमने दोस्ती की परख देता है। सात बरस पहले जब मैं आया था, तब से अब तक काफी कुछ बदला है। लेकिन भारत-अमेरिका के बीच दोस्ती बरकरार है।' 

भारत और अमेरिका पर मार्टिन लुथर और गांधी का प्रभाव

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका पर मार्टिन किंग लुथर और गांधी का प्रभाव है। पीएम मोदी ने कहा भारत लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र ही चर्चा और विमर्श का जरिया है। अमेरिका सबसे पुराना और भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। लोकतंत्र बराबरी और सम्मान का पर्याय है। हम साथ मिलकर दुनिया को बेहतर भविष्य दे सकते हैं। हमारे यहां 2500 राजनीतिक पार्टियां हैं। एक राज्य में 20 से ज्यादा राजनीतिक दल हैं। इतना ही नहीं भारत में 22 आधिकारिक भाषाएं और 1000 से ज्यादा स्थानीय भाषाएं हैं। हमारे यहां 100 मील पर व्यंजन और खानपान बदल जाते हैं। यह विविधता के बावजूद भारतीय एकता की ताकत है।

भारत जल्द दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा

पीएम मोदी ने कहा कि पहले भारत दुनिया की 10वीं अर्थव्यवस्था था और अब दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत जल्द ही दुूनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। भारत दुूनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है। हमारा विजन सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास है। भारत का विकास, दुनिया का विकास है। दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा भारत में है। हमने भारत में 40 मिलियन घर 150 मिलियन लोगों के लिए बनाए। हमने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी चलाई। फ्री स्वास्थ्य बीमा 500 मिलियन लोगों के लिए चलाया। यह संख्या साउथ अमेरिका से भी ज्यादा है। इसीलिए कहते हैं कि भारत विकास करता है तो दुनिया विकास करती है।

हम डिजिटल इंडिया के मिशन पर

पीएम मोदी ने कहा कि हम डिजिटल इंडिया मिशन चला रहे हैं। हमारे यहां 850 मिलियन स्मार्ट फोन हैं। यह यूरोप की आबादी से ज्यादा है। इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर हमारा जोर है। भारत का विकास कई देशों के लिए प्रेरणा स्रोत है। भारत में 200 करोड़ वैक्सीन मुफ्त लगाई गई। भारत का वेद विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथों में से एक है। हमारे यहां महिलाएं बेहतर भविष्य का निर्माण कर रही हैं। वह हमारे देश में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में सेवाएं दे रही हैं। भारत में महिलाएं सबसे ज्यादा एयरलाइन क्षेत्र में पायलट हैं। 15 लाख महिलाओं का अलग स्तर पर नेतृत्व है। भारत में महिलाएं विकास की अगुवाई कर रही हैं। आदिवासी समाज की महिला भारत की राष्ट्रपति हैं।

अमेरिकी संसद में पीएम मोदी का संबोधन, 15 बार खड़े हुए सांसद, 79 बार बजाई तालियां

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अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अमेरिकी संसद में इतिहास रच दिया। पीएम मोदी ने दूसरी बार अमेरिकी संसद को संबोधित किया। पीएम मोदी के अमेरिकी संसद में पहुंचते ही ताली की गड़गड़ाहटों से पूरा संसद भवन गूंज उठा। इस मौके पर पीएम मोदी ने भारत-अमेरिका के बीच की दोस्ती के महत्व पर भी प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर चिंता भी व्यक्त की, साथ ही आतंकवाद का भी मुद्दा उठाया। पीएम मोदी ने यूएस कांग्रेस को संबोधित करते हुए ऐसा अद्भुत भाषण दिया कि पूरी दुनिया भारत के प्रधानमंत्री की मुरीद हो गई। 

पीएम मोदी के ऐतिहासिक संबोधन के दौरान अमेरिकी संसद में जमकर तालिया बजीं। 57 मिनट तक चले पीएम मोदी के भाषण में सांसद 15 बार खड़े हुए, तो वहीं प्रधानमंत्री के लिए 79 बार तालियां भी बजीं। पीएम मोदी ने जब अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त सत्र में अपने भाषण का समापन किया तब भी सांसदों ने खड़े होकर उनका स्वागत किया और तालियां बजाईं। 

कांग्रेस के कई सदस्यों ने पीएम मोदी का ऑटोग्राफ और सेल्फी ली

संयुक्त सत्र में अपने संबोधन के दौरान अमेरिकी कांग्रेस के कई सदस्यों ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। साथ ही उनके साथ ऑटोग्राफ और सेल्फी भी ली। फिर अपने संबोधन के बाद पीएम मोदी ने प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी की संयुक्त सत्र संबोधन पुस्तिका पर साइन किया।

भारत-अमेरिका संबंध पर बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। अमेरिका सबसे पुराना लोकतंत्र है, जबकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। पीएम ने कहा कि लोकतंत्र बराबरी और सम्मान का पर्याय है। उन्होंने कहा कि 'यहां सात वर्ष पहले मैं आया था। तब मैंने कहा था कि इतिहास की हिचक कभी हमारे साथ चलती थी। अब हम नई राह पर खड़े हैं। अब इस शताब्दी का नया आह्वान है। हमने लंबा सफर तय किया है। हमने दोस्ती की परख देखा है। सात बरस पहले जब मैं आया था, तब से अब तक काफी कुछ बदला है। लेकिन भारत-अमेरिका के बीच दोस्ती बरकरार है।

दो बार अमेरिकी संसद को संबोधित करने वाले पहले भारतीय पीएम

प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर जाने वाले तीसरे भारतीय नेता हैं। पीएम मोदी के पहले मनमोहन सिंह नवंबर 2009 में और राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन जून 1963 में अमेरिका की राजकीय यात्रा पर गए थे। हालांकि अभी तक किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री ने दो बार अमेरिकी संसद को संबोधित नहीं किया था। वहीं, दुनिया के सिर्फ कुछ गिने चुने नेताओं ने ही अमेरिकी संसद में दो बार संबोधन दिया है।

साथ आए इसरो और नासा, 2024 में लॉन्च करेंगे जॉइंट मिशन, भारत-अमेरिका के बीच आर्टेमिस समझौता

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिकी दौरे पर एक बड़ा समझौता हुआ है। भारत और अमेरिका ने आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ ही इसरो और नासा ने 2024 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जॉइंट मिशन लॉन्च करने पर सहमति जताई है।व्हाइट हाउस ने गुरुवार को ये जानकारी दी।

व्हाइट हाउस ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन 2024 के लिए एक संयुक्त मिशन पर सहमत हुए हैं। यह समझौता सभी मानव जाति के लाभ के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक आम दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है।

अमेरिका के ओवल ऑफिस में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच होने वाली मीटिंग से कुछ घंटे पहले इस अधिकारी ने कहा कि स्पेस को लेकर भारत और अमेरिका आर्टेमिस संधि पर साइन करने वाले हैं, जो मानवजाति के फायदे के लिए स्पेस एक्सप्लोरेशन के वास्ते एक कॉमन विजन को आगे बढ़ा रहा है. आर्टेमिस समझौते का प्रस्ताव नासा ने साल 2020 में दिया था।

मोदी और बाइडन गुरुवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में आमने-सामने की बैठक करेंगे और इसके बाद एक उच्च स्तरीय वार्ता करेंगे। दोनों नेताओं के बीच होने वाली बैठक से कुछ घंटे पहले एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी वर्षों से मजबूत हो रही है, लेकिन अब हमने अगली पीढ़ी की रक्षा साझेदारी में प्रवेश किया है।   

अधिकारी ने कहा कि शिखर सम्मेलन से रक्षा संबंधों के मामले में तीन प्रमुख परिणाम मिलने की उम्मीद है, पहला सह-उत्पादन के लिए एक 'अभूतपूर्व' जेट इंजन है। अमेरिका और भारत, भारत में F414 जेट इंजन का साझा उत्पादन करने के जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) के प्रस्ताव का स्वागत कर रहे हैं। जीई और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और कांग्रेस की अधिसूचना के लिए एक निर्यात लाइसेंस समझौता प्रस्तुत किया गया है। जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और कांग्रेस (संसद) की अधिसूचना के लिए एक निर्यात लाइसेंस समझौता प्रस्तुत किया गया है।

क्या है अर्टेमिस समझौता?

अर्टेमिस समझौता सिविल स्पेस एक्सप्लोरेशन (असैन्य अंतरिक्ष अन्वेषण) पर समान विचार वाले देशों को एक मंच पर लाता है। अर्टेमिस समझौता 1967 के आउटर स्पेस संधि पर आधारित है।अर्टेमिस संधि गैर-बाध्यकारी सिद्धांतों का एक ‘सेट’ है, जो 21वीं सदी में सिविल स्पेस एक्सप्लोरेशन को गाइड करने में मदद करता है। इसका मकसद मंगल और अन्य ग्रहों तक स्पेस का एक्सप्लोर करना है।

मणिपुर हिंसा पर गृहमंत्री अमित शाह ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, राहुल गांधी बोले- ये पीएम मोदी के महत्वपूर्ण नहीं

#all_party_meeting_on_manipur_not_important_for_pm_says_rahul_gandh

मणिपुर में जारी हिंसा के बाद हालात हाथ से बाहर होते नजर आ रहे हैं। अमित शाह ने भी पिछले महीने चार दिनों के लिए मणिपुर का दौरा किया था और राज्य में शांति कायम करने के अपने प्रयासों के तहत विभिन्न वर्ग के लोगों से मुलाकात की थी। प्रदेश में केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती के बाद भी हिंसा रुकती हुई नजर नहीं आ रही है। मणिपुर में पिछले 50 दिन से हो रही हिंसा पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 24 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर के हालात के मद्देनजर केंद्र की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर सवाल खड़ा किया है, साथ ही सरकार पर निशाना साधा है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मणिपुर के मामले पर सर्वदलीय बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में नहीं हैं।जिससे स्पष्ट है कि उनके लिए यह बैठक महत्वपूर्ण नहीं है।राहुल गांधी ने ट्वीट किया, मणिपुर 50 दिनों से जल रहा है, मगर प्रधानमंत्री मौन रहे। सर्वदलीय बैठक तब बुलाई गई जब प्रधानमंत्री खुद देश में नहीं हैं।साफ है, प्रधानमंत्री के लिए यह बैठक महत्वपूर्ण नहीं है।

इससे पहले भी राहुल गांधी ने मणिपुर के हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा था और एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को राज्य में भेजने की मांग की थी।15 जून को राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, बीजेपी की नफरत की राजनीति ने मणिपुर को 40 से ज्यादा दिनों तक जलाए रखा, जिसमें सौ से ज्यादा लोग मारे गए। पीएम भारत का विफल कर चुके हैं और पूरी तरह चुप हैं। हिंसा के इस चक्र को खत्म करने और शांति बहाल करने के लिए राज्य में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाना चाहिए। आइए इस नफरत के बाजार को बंद करें और मणिपुर में हर दिल में मोहब्बत की दुकान खोलें।

वहीं, इस मामले पर कांग्रेस के महासचिव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मणिपुर में 50 दिनों की तबाही और मौतों के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बहुत देर से सर्वदलीय बैठक बुलाई है। मणिपुर के लोगों को सोनिया गांधी जी द्वारा संबोधित किए जाने के बाद सरकार जागी है।बता दें कि सोनिया गांधी ने बुधवार को वीडियो संदेश जारी कर मणिपुर में शांति और सौहार्द की अपील की थी। 

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को नयी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है।गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए 24 जून को अपराह्न तीन बजे नयी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

पीएम मोदी ने 07.05 कैरेट का ग्रीन डायमंड,, गुजरात का नमक, पंजाब का घी, महाराष्ट्र का गुड़ आदि चीजें अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन को दिए उपहार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की अपनी राजकीय यात्रा के दूसरे चरण में बुधवार को व्हाइट हाउस पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरफ से एक - दूसरे को कई उपहार भी दिए गए। पीएम मोदी ने जिल बाइडेन को ग्रीन डायमंड उपहार में दिया।

अमेरिका की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की। बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन ने पीएम मोदी का व्हाइट हाउस में भव्य स्वागत किया। बाइडेन ने पीएम मोदी के लिए एक निजी रात्रिभोज का आयोजन किया है। व्हाइट हाउस के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन की तरफ से पीएम मोदी को कई उपहार दिए गए।

आधिकारिक उपहार के रूप में जो बाइडेन प्रथम महिला जिल बाइडेन पीएम मोदी को 20 वीं सदी की शुरुआत में हस्तनिर्मित प्राचीन अमेरिकी पुस्तक गैली भेंट की। इसके अलावा राष्ट्रपति बाइडेन पीएम मोदी को एक विंटेज अमेरिकी कैमरा भी उपहार में दिया। बाइडेन ने पीएम मोदी को जॉर्ज ईस्टमैन के पहले कोडक कैमरे के पेटेंट की एक अभिलेखीय प्रतिकृति और अमेरिकी वन्यजीव फोटोग्राफी की एक हार्डकवर पुस्तक भी भेंट की है। जिल बाइडेन पीएम मोदी को 'कलेक्टेड पोयम्स ऑफ रॉबर्ट फ्रॉस्ट' की हस्ताक्षरित प्रथम संस्करण प्रति गिफ्ट की।

 पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति वाइडन को पंजाब में तैयार किया गया घी , जिसे अज्यदान (घी का दान) के लिए चढ़ाया जाता है उन्हें शालीन भाव से समर्पित किया। महाराष्ट्र में तैयार किया गया गुड़ दिया गया जिसे गुड़दान (गुड़ का दान) के लिए प्रयोग किया जाता है। उत्तराखंड से प्राप्त लंबे दाने वाला चावल , जिसे धान्यदान (अनाज का दान) के लिए चढ़ाया जाता है।

राजस्थान में हस्तनिर्मित 24K शुद्ध और हॉलमार्क वाला सोने का सिक्का , जिसे हिरण्यदान (सोने का दान) लिए दिया जाता है। गुजरात में तैयार नमक (नमक का दान) , जो लवणदान के लिए दिया जाता है।

एक बॉक्स में 99.05% शुद्ध और हॉलमार्क वाला चांदी का सिक्का भी है जिसे राजस्थान के कारीगरों द्वारा सौंदर्यपूर्ण ढंग से तैयार किया गया है और इसे रौप्यदान (चांदी का दान) के रूप में दिया किया जाता है।

तमिलनाडु के तिल (तिल के बीज का दान) दिए जिसमें तिलदान के तहत सफेद तिल के बीज चढ़ाए जाते हैं।

मैसूर और कर्नाटक से प्राप्त चंदन का एक सुगंधित टुकड़ा भूदान (भूमि का दान) के लिए दिया गया जो भूदान के लिए जमीन पर चढ़ाया जाता है।

पश्चिम बंगाल के कुशल कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित चांदी का नारियल दिया गया जिसे गौदान (गाय का दान , गौदान) के लिए गाय के स्थान पर चढ़ाया जाता है। बॉक्स में भगवान गणेश की मूर्ति और दिया है। भगवान जिन्हें बाधाओं का विनाशक माना जाता है और किसी भी कार्य शुरू करने से पहले सभी देवताओं में सबसे पहले इनकी पूजा की जाती है। गणेश की यह चांदी की मूर्ति और चांदी का दिया कोलकाता के पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के एक परिवार द्वारा हस्तनिर्मित की गई है। उत्तर प्रदेश में निर्मित तांबे की प्लेट , जिसे ताम्र-पत्र भी कहा जाता है। इस पर एक श्लोक अंकित है। प्राचीन काल में ताम्र-पत्र का व्यापक रूप से लेखन और रिकार्ड रखने के माध्यम के रूप में उपयोग किया जाता था। इसके अलावे 07.05 कैरेट का ग्रीन डायमंड भी उन्हें दिया।