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मणिपुर में थम नहीं रही हिंसा, बीएसएफ का एक जवान शहीद, असम राइफल्स के दो जवान घायल

डेस्क: मणिपुर में पिछले एक महीने से हिंसा का दौर जारी है। काकचिंग जिले के सेरौ इलाके में विद्रोहियों के साथ गोलीबारी में बीएसएफका एक जवान शहीद हो गया जबकि असम राइफल्स के दो जवान गोली लगने से घायल हो गए। सेना ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सेना के दीमापुर स्थित स्पीयर कोर मुख्यालय ने ट्वीट कर बताया कि घायलों को हवाई मार्ग से मंत्रिपुखरी ले जाया गया है और तलाश अभियान जारी है। सेना के स्पीयर कोर मुख्यालय ने यह भी कहा कि विस्तृत जानकारी का इंतजार है। 

सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के बीच गोलीबारी 

ट्वीट के मुताबिक, ‘मणिपुर में सुगनू/सेरौ के इलाकों में असम राइफल्स, बीएसएफ तथा पुलिस द्वारा चलाए गए व्यापक अभियान के दौरान पांच-छह जून की दरमियानी रात सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के बीच गोलीबारी हुई। सुरक्षा बल ने गोलीबारी का माकूल जवाब दिया।’’ पुलिस ने बताया कि इंफाल पश्चिम जिले के फायेंग से सुरक्षा बलों तथा संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के बीच गोलीबारी की भी सूचना है। हालांकि किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। 

ग्रामीणों ने शिविर को आग के हवाले किया

मणिपुर के काकचिंग जिले के सुगनू में नाराज ग्रामीणों ने खाली पड़े उस शिविर में रविवार को आग लगा दी थी, जहां यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के उग्रवादी सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद ठहरे थे।

 उग्रवादियों द्वारा काकचिंग जिले के सेरौ में सुगनू से कांग्रेस विधायक के.रंजीत के आवास सहित कम से कम 100 मकानों को शनिवार रात आग के हवाले किए जाने के बाद से ग्रामीण गुस्से में थे। आगजनी से पहले रविवार को भारतीय रिज़र्व बटालियन और सीमा सुरक्षा बल सहित राज्य पुलिस के संयुक्त बलों की ग्राम स्वयंसेवकों के साथ नाज़रेथ शिविर में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुई, जिसके बाद उग्रवादी अपना शिविर छोड़कर भाग गए। ग्रामीणों ने बाद में रविवार रात शिविर को आग के हवाले कर दिया, जिसमें नए भर्ती हुए कुकी उग्रवादियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता था। 

मणिपुर में जातीय हिंसा में अबतक 98 लोगों की मौत 

मणिपुर में एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 98 लोगों की मौत हुई है और 310 अन्य घायल हुए हैं। कुल 37,450 लोग वर्तमान में 272 राहत शिविरों में रह रहे हैं। गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं। राज्य में शांति बहाल करने के लिए करीब 10,000 सेना और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है।

बाबा बागेश्वर से शादी की जिद, परिवार समेत MBBS की छात्रा ने शुरू की पदयात्रा, पिता और भाई भी साथ, जानें कौन है ये बाबा की दीवानी

 बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों सुर्खियों में हैं। उनके हर कार्यक्रम लाखों लोगों की भीड़ लगती है। देश के साथ ही विदेशों में भी उनके भक्त मौजूद हैं।

अब लड़कियों में भी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का क्रेज देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में एक एमबीबीएस की छात्रा ने बाबा से शादी करने इच्छा जाहिर की है। छात्रा ने अपनी इच्छा पूर्ति के लिए गंगोत्री धाम से सिर पर गंगाजल लेकर बागेश्वर धाम के लिए पदयात्रा शुरू कर दी है। छात्रा के पिता और भाई भी उसके साथ पदयात्रा कर रहे हैं। 

दरअसल, बाबा धीरेंद्र शास्त्री से विवाह की कामना लेकर आ रही एमबीबीएस छात्रा शिवरंजनी तिवारी हैं। वह धीरेंद्र शास्त्री ये विवाह करना चाहती हैं। शिवरंजनी ने पदयात्रा शुरू करते हुए चित्रकूट स्थित संतोष अखाड़ा पहुंचकर साधू संतों का आशीर्वाद लिया। उन्होंने यहां भजन आरती भी की और आगे के लिए चल पड़ी हैं।

धीरेंद्र शास्त्री से करना चाहती हैं मनोकामना

शिवरंजीन तिवारी सिर पर गंगाजल का कलश लेकर पद यात्रा करते हुए चित्रकुट से बागेश्वर धाम के लिए निकल चुकी हैं। उन्होंने कहा कि​ मैं बाबा धीरेंद्र शास्त्री के पास जा रही हूं। हालांकि उन्होंने शादी को बात खुलकर नहीं की लेकिन बातों में उन्होंने कहा कि मैंने धीरेंद्र शास्त्री को अपना प्राणनाथ मान लिया है। मनोकामना पूर्ति के लिए बागेश्वर धाम जा रही हूं।

धीरेंद्र शास्त्री के सामने रखेंगी अपनी इच्छा

शिवरंजनी का कहना है कि वह 16 तारीख को बागेश्वर धाम पहुंचेगी। यहां पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समक्ष की अपने मन की बात रखेंगी। उन्होंने कहा कि सभी को उसी दिन पता चल जाएगा कि मैं ये पदयात्रा क्यों कर रही हूं। पदयात्रा में शिवरंजनी अकेले नहीं हैं। उनके साथ उनके पिता और भाई भी शामिल है। पहले पिता और भाई के आशीर्वाद के बाद ही छात्रा ने यात्रा शुरू की है।

ओडिशा रेल हादसा कोई साजिश की शिकार ! रेल मंत्रालय की सिफारिश पर सीबीआई ने दर्ज किया केस

डेस्क: ओडिशा रेल हादसे को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। सीबीआई ने ओडिशा के बहानागा बाजार में ट्रेन दुर्घटना से संबंधित मामला दर्ज किया। सीबीआई ने रेल मंत्रालय की सिफारिश, ओडिशा सरकार की सहमति और डीओपीटी (भारत सरकार) के अगले आदेशों पर मामला दर्ज किया है।

 गौरतलब है कि 2 जून, 2023 को ओडिशा राज्य के बहनागा बाजार में कोरोमंडल एक्सप्रेस, यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी से संबंधित ट्रेन दुर्घटना का मामला सामने आया था।

ओडिशा के बालासोर में दुखद तिहरे ट्रेन हादसे के तीन दिन बाद रेलवे का बयान, कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट दोनों जीवित, पढ़ि

ओडिशा के बालासोर में हुए दुखद तिहरे ट्रेन हादसे के तीन दिन बाद पता चला कि 2 जून को हुए भीषण हादसे का शिकार हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट जीवित हैं। उनका इलाज चल रहा है। कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट गुणांधी मोहंती और सहायक लोको पायलट हजारी बेहरा को चोटें आई हैं और उनका भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) आदित्य कुमार चौधरी ने कहा कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति स्थिर और खतरे से बाहर बताई गई है। बताया कि मालगाड़ी के गार्ड की हालत भी स्थिर है। चौधरी ने कहा कि लोको पायलट और सहायक लोको पायलट, दोनों ने घटना के बारे में अपने बयान दिए हैं।

रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने पहले कहा था कि हरी झंडी मिलने के बाद पायलट लूप लाइन की ओर आगे बढ़ा।

 जया वर्मा ने नई दिल्ली में कहा, "हमने ड्राइवर से बात की थी और उसने पुष्टि की कि सिग्नल हरा था। हमारा स्टाफ समर्पित है और समर्पण के साथ काम करता है। सिग्नल के लाल होने पर न तो वह गुजरा था और न ही ओवरस्पीडिंग कर रहा था। ड्राइवर को गंभीर चोटें आईं। उसने कहा कि सिग्नल हरा था।"

जया वर्मा के मुताबिक, डेटा रिकॉर्ड (सीलबंद रिकॉर्ड जो जांच का हिस्सा है) भी बताता है कि सिग्नल हरा था। दूसरा, हर लोको में एक स्पीडोमीटर और चार्ट होता है जो गति को रिकॉर्ड करता है। स्पीडोमीटर ग्राफ को हटा दिया गया है और वह (ड्राइवर) अपनी अनुमेय गति सीमा में था। जया वर्मा ने कहा कि यह एक हाई-स्पीड सेक्शन (130 किमी प्रति घंटे की अनुमति) है और ट्रेन चालक 128 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चला रहा था।

इस बीच, रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त शैलेश कुमार पाठक ने सोमवार को दुर्घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि भारतीय रेलवे सुरक्षा के दक्षिण-पूर्वी सर्कल ने ट्रेन दुर्घटना की स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है। पाठक ने मीडियाकर्मियों से कहा, रेलवे सुरक्षा दक्षिण-पूर्वी सर्कल के आयुक्त ने अपनी स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है और जैसे ही रिपोर्ट पूरी हो जाएगी, हम विवरण साझा करेंगे। जांच पूरी होने के साथ कुछ भी कहना असंभव और सही नहीं है।

 जीआरपी ने बालासोर जीआरपी उप-निरीक्षक (एसआई) द्वारा दायर एक शिकायत के बाद आईपीसी की धारा 337, 338, 304-ए और 34 आईपीसी, 1980 और धारा 153, 154 और 175 रेलवे अधिनियम 1989 के तहत मामला दर्ज किया है। जीआरपी के पप्पू कुमार नाइक ने अपनी प्राथमिकी में रेलवे की ओर से लापरवाही का जिक्र किया है।

द केरल स्टोरी फिल्म के बाद अजमेर 92 पर बवाल, यहां पढ़िए, क्यों हो रही फिल्म पर बैन लगाने की मांग


द केरल स्टोरी के बाद एक और फिल्म रिलीज से पहले विवादों में अा गई है। इस मूवी का नाम है अजमेर 92। फिल्म पर बैन की मांग की जा रही है। वहीं विवाद शुरू होने के बाद सोशल मीडिया पर भी लोग अलग अलग राय दे रहे हैं। बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि ये फिल्म देश के लोगों को भ्रमित करने और समाज में फूट डालने वाली है।

क्यों बैन की मांग 

फिल्म अजमेर में 250 से ज्यादा लड़कियों के रेप की वारदात पर आधारित है। मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी की दरगाह हिन्दू मुस्लिम एकता की बेहतरीन मिसाल है जो लोगों के दिलों पर सदियों से राज कर रहे हैं। दरगाह अजमेर शरीफ से हमेशा अमन व शांति का पैगाम दिया जाता है और टूटे दिलों को जोड़ने का काम होता है।

 मौलाना ने फिल्म के बारे में बताया कि जो मुझे जानकारी प्राप्त हुई है कि मौजूदा वक्त में समाज में फूट डालने और नफरत फ़ैलाने जैसी घटनाओं को धर्म के नाम से वाबस्ता करने के लिए फिल्मों और सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है।

डार्कनेट से ड्रग्स तस्करी करनेवाले बड़े गिरोह का एनसीबी ने किया भंडाफोड़, 15,000 एलएसडी ड्रग जब्त, 6 गिरफ्तार

डेस्क: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने खतरनाक ड्रग्स की तस्करी करनेवाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 6 ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया है। एनसीबी ने 15,000 एलएसडी ड्रग्स जब्त किया है जो व्यावसायिक मात्रा का 2.5 गुना है। इसकी व्यावसायिक मात्रा .1 ग्राम है। एलएसडी ड्रग बहुत खतरनाक है। 

दो दशकों में एनसीबी की यह सबसे बड़ी जब्ती 

एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पिछले दो दशकों में एनसीबी की यह सबसे बड़ी जब्ती है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा नेटवर्क था जिसके तार दिल्ली एनसीआर, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश आदि में तो फैले हुए थे ही साथ ही पोलैंड, नीदरलैंड, अमेरिका से भी जुड़े हुए थे। इस नेटवर्क में ज्यादातर शिक्षित लोग हैं और इसके कंज्यूमर युवा और छात्र हैं।

विदेशों से मंगाया जाता था एलएसडी ड्रग

ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि यह व्यवासायिक मात्रा में LSD बेचने का एक बड़ा नेटवर्क था जो पोलैंड, नीदरलैंड और अमेरिका जैसे देशों से मंगाकर भारत में इसकी सप्लाई करता था। ये सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों से जुड़ते थे और UPI के माध्यम से पैसे लेते थे। छापे में एलसीडी की 15,000 ब्लॉट्स, लगभग 2.5 हज़ार गुना व्यवसायिक मात्रा पकड़ी गई है। यह एक सिंथेटिक ड्रग है और काफी नुकसानदायक है।

बता दें कि हाल ही में एनसीबी ने नौसेना और कोस्ट गार्ड के साथ मिलकर एक संयुक्त अभियान में भारत की समुद्री सीमा में केरल के तट से भारी मात्रा में ड्रग्स की खेप बरामद की थी। इनकी कीमत करीब 12,000 करोड़ रुपये आंकी गई।

*डार्कनेट से ड्रग्स तस्करी करनेवाले बड़े गिरोह का एनसीबी ने किया भंडाफोड़, 15,000 एलएसडी ड्रग जब्त, 6 गिरफ्तार*

डेस्क: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने खतरनाक ड्रग्स की तस्करी करनेवाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 6 ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया है। एनसीबी ने 15,000 एलएसडी ड्रग्स जब्त किया है जो व्यावसायिक मात्रा का 2.5 गुना है। इसकी व्यावसायिक मात्रा .1 ग्राम है। एलएसडी ड्रग बहुत खतरनाक है। 

दो दशकों में एनसीबी की यह सबसे बड़ी जब्ती 

एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पिछले दो दशकों में एनसीबी की यह सबसे बड़ी जब्ती है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा नेटवर्क था जिसके तार दिल्ली एनसीआर, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश आदि में तो फैले हुए थे ही साथ ही पोलैंड, नीदरलैंड, अमेरिका से भी जुड़े हुए थे। इस नेटवर्क में ज्यादातर शिक्षित लोग हैं और इसके कंज्यूमर युवा और छात्र हैं।

विदेशों से मंगाया जाता था एलएसडी ड्रग

ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि यह व्यवासायिक मात्रा में LSD बेचने का एक बड़ा नेटवर्क था जो पोलैंड, नीदरलैंड और अमेरिका जैसे देशों से मंगाकर भारत में इसकी सप्लाई करता था। ये सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों से जुड़ते थे और UPI के माध्यम से पैसे लेते थे। छापे में एलसीडी की 15,000 ब्लॉट्स, लगभग 2.5 हज़ार गुना व्यवसायिक मात्रा पकड़ी गई है। यह एक सिंथेटिक ड्रग है और काफी नुकसानदायक है।

बता दें कि हाल ही में एनसीबी ने नौसेना और कोस्ट गार्ड के साथ मिलकर एक संयुक्त अभियान में भारत की समुद्री सीमा में केरल के तट से भारी मात्रा में ड्रग्स की खेप बरामद की थी। इनकी कीमत करीब 12,000 करोड़ रुपये आंकी गई।

तेजी से बढ़ रहा है चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय', इन राज्यों में भारी तबाही का अलर्ट जारी

डेस्क: दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर बना हवा के तेज दबाव का क्षेत्र पिछले 3 घंटों के दौरान 11 किमी प्रति घंटे की गति के साथ लगभग उत्तर की ओर चला गया है और आज, 06 जून, 2023 को क्षेत्र में गोवा से 950 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में, मुंबई से 1100 किमी दक्षिण-पश्चिम में, पोरबंदर से 1190 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में और कराची से 1490 किमी दक्षिण में केंद्रित रहा है। इसके लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और अगले 12 घंटों के दौरान पूर्वी मध्य अरब सागर और इससे सटे दक्षिण पूर्व में एक चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। इस तूफान को बिपरजॉय नाम दिया गया है। 

मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 12 घंटो में यह डिप्रेशन चक्रवाती तूफ़ान में तब्दील हो जाएगा। इससे पहले कल (सोमवार) को मौसम विभाग ने इस अरब सागर में बन रहे तूफान के चलते 8-12 जून तक मुम्बई,ठाणे,पुणे समेत कोंकण के कई इलाकों में तेज़ बारिश और हवा चलने की आशंका जताई थी।

चक्रवात बिपारजॉय एक निम्न दबाव का क्षेत्र है जो वर्तमान में दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर बना हुआ है। इसके अगले 48 घंटों में और तीव्र होकर डिप्रेशन में बदलने की उम्मीद है और बाद के 72 घंटों में चक्रवाती तूफान अपनी तीव्रता तक पहुंच सकता है। चक्रवात का ट्रैक अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसके भारत के पश्चिमी तट की ओर बढ़ने की संभावना है। चक्रवात बिपारजॉय इस मौसम में अरब सागर में बनने वाला पहला चक्रवात है। 

मौसम विभाग ने जारी की है चेतावनी

चक्रवात से भारत के पश्चिमी तट पर भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की आशंका है। देश के कुछ राज्यों-गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों में चक्रवात के कारण भारी बारिश होने की उम्मीद है। तेज हवाओं से बिजली गुल हो सकती है और संपत्ति को नुकसान हो सकता है। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सावधानी बरतने और सुरक्षित रहने की सलाह दी जाती है। मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान को लेकर चेतावनी जारी की है। 

कैसे नाम मिला बिपरजॉय

चक्रवात को बाइपरजॉय नाम बांग्लादेश ने दिया था। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) सदस्य देशों द्वारा प्रस्तुत नामों के अनुसार वर्णानुक्रम में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नाम देता है। बांग्लादेश ने बिपरजॉय नाम दिया, जिसका अर्थ बंगाली में "खुशी" है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) चक्रवात की बारीकी से निगरानी कर रहा है और आवश्यकतानुसार सलाह जारी करेगा। तटीय क्षेत्रों के निवासियों को चक्रवात से संभावित बाढ़ और अन्य प्रभावों के लिए तैयार रहने की सलाह दी जाती है।

मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, विद्रोहियों की फायरिंग में एक बीएसएफ जवान की मौत, दो सैनिक घायल

#manipurbsfjawankilledduringfiringby_insurgents 

मणिपुर में एक बार फिर हालात बिगड़े हैं। मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य के कई जिलों में कर्फ्यू के बीच सोमवार की रात एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी।सोमवार-मंगलवार (पांच और छह जून) की दरमियानी रात को वहां फिर से फायरिंग हो गई। विद्रोहियों की ओर से की गई ताजा गोलीबारी में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के एक जवान की जान चली गई, जबकि दो सैनिक घायल बताए गए। भारतीय सेना के स्पियर कॉर्प्स की ओर से जारी बयान में जानकारी दी गई थी।

भारतीय सेना के स्पीयर कोर ने एक बयान में कहा कि असम राइफल्स के घायल जवानों को विमान से मंत्रीपुखरी ले जाया गया है। अधिकारियों ने कहा कि असम राइफल्स, बीएसएफ और पुलिस की ओर से मणिपुर में सुगनू/सेरोऊ के क्षेत्रों में व्यापक अभियान चलाया गया। 5-6 जून की पूरी रात सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के समूह के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही। सुरक्षा बलों ने प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई की।

पांच जून को हिंसा में 3 की मौत

सूबे में इससे पहले पांच जून की सुबह इंफाल पश्चिम जिले के कांगचुप इलाके में लोगों के दो समूहों के बीच गोलीबारी हुई थी। घटना के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हुए थे। पुलिस के मुताबिक, घायलों को इंफाल के हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था, जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई।

10 जून की दोपहर 3 बजे तक नेट पर प्रतिबंध

राज्य में तीन मई को दो समुदायों के बीच भड़की हिंसा में अब तक 90 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। तनाव की स्थिति को देखते हुए 11 जिलों में अभी भी कर्फ्यू लगा हुआ है.मणिपुर सरकार की ओर से सोमवार शाम को जारी एक आदेश में कहा गया है कि इंटरनेट सेवाओं को पांच और दिनों के लिए बंद कर दिया जाएगा, यानी 10 जून की दोपहर 3 बजे तक नेट पर प्रतिबंध रहेगा।

बता दें कि मेईती को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) की ओर से आयोजित एक रैली के दौरान मणिपुर में 3 मई को हिंसा हुई थी।19 अप्रैल को मणिपुर उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य के मेइती समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में मार्च का आयोजन किया गया था।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री से शादी करना चाहती है एमबीबीएस की छात्रा, गंगोत्री से बागेश्वर धाम तक के लिए शुरू की पदयात्रा

#mbbs_student_girl_wants_to_marry_bageshwar_dham

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले कुछ समय से लगातार सुर्खियों में हैं। युवा संत बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मुखर होकर देश को हिंदू राष्ट्र बनाने बात कहते हैं। ऐसे ही बयानों को लेकर धीरेन्द्र शास्त्री लगातार चर्चा में रहते हैं। लेकिन इस बार मामला जरा हटकर है। दरअसल इस बार बाबा अपनी शादी की खबरों को लेकर सुर्खियों में हैं।बागेशर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से विवाह की कामना लेकर एमबीबीएस की छात्रा शिवरंजनी तिवारी ने पदयात्रा निकाली है। श्री गंगोत्री धाम से श्री बागेश्वर धाम तक सर पर गंगा जल का कलश लेकर पदयात्रा शुरू की गई है।यह कलश यात्रा 16 जून को बागेश्वर धाम पहुंचेगी।

शनिवार को शिवरंजनी तिवारी चित्रकूट स्थित संतोषी अखाड़ा पहुंची, जहां चित्रकूट के साधू संतों के समक्ष भजनों का गायन करते हुए मनोकामना पूर्ति के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया। शिवरंजनी तिवारी ने बताया कि सिर पर गंगा जल का कलश लेकर वह पदयात्रा निकाल रही हैं। उधर, लोगों ने कहा कि कहा बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से विवाह की कामना को लेकर यह पद यात्रा शुरू की गई है। इस पर बार-बार पूछे जाने के बाद शिवरंजनी तिवारी ने केवल यही कहा कि सभी लोग अगली 16 तारीख का इंतजार करें।

बता दें, शिवरंजनी एक यूट्यूबर और भजन गायिका हैं। वह अपने आपको सेलिब्रिटी भी बता रही हैं। अभी हाल ही में यात्रा के दौरान वह इलाहाबाद एवं चित्रकूट में संतों के साथ देखी गई थी, जल्द ही वह बागेश्वर धाम पहुंचने वाली है। तो, वहीं अब बागेश्वर धाम के शुभचिंतकों को उनके चाहने वालों को बेसब्री से इंतजार है।

शिवरंजनी मध्य प्रदेश के सिवनी जिले की रहने वाली हैं। शिवरंजनी खुद को मेडिकल का स्टूडेंट बता रही हैं, लेकिन कॉलेज का नाम बताने से इनकार कर दिया। इसको लेकर कहा कि वे कॉलेज के नाम को गुप्त ही रखती हैं। हालांकि, उन्हें कॉलेज में एडमिशन लिए 1 साल हो गया है।