जिलाधिकारी की अध्यक्षता में भू अर्जन विभाग से संबंधित समीक्षा बैठक, 5 जून तक शत प्रतिशत रैयतों के बीच मुआवजा वितरण करने का निर्देश
गया : जिलाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में भू अर्जन विभाग से संबंधित समीक्षा बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में की गई। भू अर्जन कार्यालय से संचालित योजनाएं AKIC अमृतसर दिल्ली कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर, एनएच 119डी भारत माला (आमस से रामनगर), एनएच 02 औरंगाबाद से चोरदाहा सिक्स लेन चौड़ीकरण), बंधुआ से पैमार रेलवे लाईन हेतु भूमि अधिग्रहण, डीएफसीसीआईएल परियोजना, एनएच 82 ( गया हिसुआ बिहारशरीफ फोर लेन चौड़ीकरण) एवं एनएच 83 (पटना गया डोभी फोर लेन चौड़ीकरण) आदि की समीक्षा की गई।
अमृतसर दिल्ली कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के समीक्षा में जिलाधिकारी ने जिला भू अर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि 05 जून तक शत प्रतिशत राशि रैयतों के बीच मुआवजा वितरण करने का अंतिम निर्देश दिया है।
जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि अमृतसर दिल्ली कोलकाता आद्योगिक कॉरिडोर के तहत कुल 13 मौजा 1670.22 एकड़ का रकबा है। उक्त परियोजना के निर्माण हेतु 219.75 करोड़ के विरुद्ध 112.34 करोड़ रुपए का वितरण किया जा चुका है। इस परियोजना में 1579 हितबद्ध रैयतों है, जिसके विरुद्ध 603 रैयतों को भुगतान की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि रैयतों की जमाबंदी पूर्वजों के नाम के होने के कारण वर्तमान रहे लोगो को भुगतान में थोड़ी धीमी प्रगति है मुआवजा भुगतान हेतु मौजावार शिविर का आयोजन निरंतर किया जा रहा है।
बताया गया कि 22 मई को बरिया में कैम्प लगा कर 18 एलपीसी प्राप्त किया, 23 मई को किशोरिया में 6 एलपीसी, 24 मई को बनवासी में 5 एलपीसी, 25 मई को लेम्बोगाढा में 5 एलपीसी, 26 मई को गाजीचक में 6 एलपीसी एवं 27 मई को खराटी में 10 एलपीसी प्राप्ति हुई है।
इस प्रकार 22 मई से 27 मई में कैम्प के दौरान कुल 50 एलपीसी तथा ऑनलाइन मोड में 43 एलपीसी प्राप्त हुई है इस प्रकार बिगत 5 दिनों में कैम्प में कुल 93 एलपीसी प्राप्त हुए है। एवं पूर्व से 555 एलपीसी अंचलाधिकारी डोभी द्वारा भूअर्जन कार्यालय को उपलब्ध करवाया गया है। इसके साथ साथ अंतिम 5 दिनों में कुल 49 आवेदन भी कैम्प मे मुआवजा भुगतान हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिला भू अर्जन पदाधिकारी द्वारा कुल 59 प्राप्त आवेदनों में से 31 आवेदन के विरुद्ध मुआवजा भुगतान किया जा चुका है। 28 आवेदन में कुछ कागजात में कमी रहने के कारण मुआवजा भुगतान लंबित है।
जिलाधिकारी ने अमृतसर दिल्ली कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर योजना के तरह एलपीसी निर्गत में धीमी प्रगति को देखते हुए निर्देश दिया कि कैंप के माध्यम से रैयत के बीच एलपीसी निर्गत करने में तेजी लावे। जिला पदाधिकारी ने सख्त निर्देश दिया कि भूमि के मापी के नाम पर कार्य धीमा ना रखें। अधिक से अधिक एलपीसी निर्गत करें। रैयतों की सूची बनाएं और कैंप के माध्यम से एलपीसी निर्गत करें। प्रतिदिन उक्त प्रोजेक्ट की समीक्षा अंचल अधिकारी से करें साथ ही रैयतो को उनकी भूमि अधिग्रहण से संबंधित पूरी जानकारी दें। जानकारी के अभाव में रैयतों को मुआवजा प्राप्त हेतु आवेदन जनरेट नही हो रहा है।
जिलाधिकारी ने जिला भू अर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि रैयतों का अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त करने हेतु अंचल कार्यालय के साथ-साथ जिला भू अर्जन कार्यालय में भी आवेदन प्राप्त करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने आम लोगों से अपील किया है कि उक्त परियोजना में यदि आप की भूमि को अधिग्रहण किया जा रहा है तो आप सीधे जिला भू अर्जन कार्यालय में भी आवेदन दे सकते हैं।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रत्येक ग्राम वार प्रतिदिन शिविर लगाएं तथा शिविर में रेवेन्यू ऑफिसर एवं दो कर्मचारी, जो किसी दूसरे अंचल के रहेंगे। उन्हें प्रतिनियुक्त करते हुए शिविर में अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त करें। अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी तथा डीसीएलआर शेरघाटी को निर्देश दिया कि पूरे कैंप का अच्छी तरीके से मॉनिटरिंग करेंगे। गांव के लोगो के बीच माइकिंग करवाये। उन्होंने जिला को अर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि गांव वालों लगने वाले कैंप में अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त हो इसके लिए बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार करावे जिला पदाधिकारी ने अंचल अधिकारी डोभी को निर्देश दिया कि एलपीसी तथा अन्य भुगतान से संबंधित कागजात शिविर में अनिवार्य रूप से लाना सुनिश्चित करेंगे।
एनएच 119 डी भारतमाला आमस से रामनगर निर्माण योजना के समीक्षा में बताया गया कि इस योजना के तहत कुल 57 राजस्व ग्राम है तथा इसकी प्राक्कलित राशि 254.733 करोड़ में से 175.09 करोड़ रुपये रैयत के बीच मुआवजा वितरित की जा चुकी है। जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि लगभग 127 रैयत का कागजात मुआवजा भुगतान हेतु प्राप्त हुआ है। जिसमें 45 का भुगतान हेतु अनुमोदित कर दिया गया है। 52 रैयत का कागजात जांच की प्रक्रिया में है तथा शेष 30 का कागजात के साथ-साथ मृतक का एलपीसी संलग्न है आपसी सहमति का शपथ पत्र संबंधित कार्यपालक दंडाधिकारी से प्राप्त होना बाकी है। बताया गया कि गुरुआ गुरारू एवं टेकारी अंचल से गुजरने वाले उक्त योजना में 10 किलोमीटर का पैच इटवा में कार्य चल रहा है। बीच बीच मे एका दुक्का जमीन का मुआवजा रुके रहने के कारण सड़क निर्माण में व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं
जिला पदाधिकारी ने अंचल अधिकारी तथा जिला भू अर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अपने नीचे के अधिकारियों को तथा कर्मचारियों को निर्देशित करें कि वैश्य रैयत जिनके नाम पर जमीन थी यदि उनकी मृत्यु हुई है तो उनकी वंशावली ऑफलाइन में बनाए और वर्तमान कागजात को देखते हुए मुआवजा राशि वितरित करें।
एनएच 02 औरंगबाद से चोरदाहा सड़क चौड़ीकरण योजना के समीक्षा के दौरान बताया गया कि इस योजना के तहत कुल 64 राजस्व ग्राम है इस योजना के तहत कुल 316 करोड़ रूपया प्राकृत राशि है जिसके विरोध 203.88 करोड़ रुपया रयत के बीच वितरित किया जा चुका है। जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि चकबंदी से प्रभावित 10 मौजा में प्राक्कलन का अनुमोदन प्राप्त हो गया है रयत को आवश्यक कागजात तैयार कर उपलब्ध कराने हेतु नोटिस निर्गत किया गया है।
जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत एलपीसी एवं पारिवारिक विवाद होने के कारण मुआवजा भुगतान थोड़ी धीमी है। 34 करोड़ रुपया कंडी नवादा में एलपीसी एवं परिवारिक सहमति के कारण भुगतान पेंडिंग है। एनएच 82 गया हिसुआ बिहार शरीफ सड़क चौड़ीकरण योजना के समीक्षा के दौरान बताया गया कि इस योजना के तहत कुल 41 राजस्व ग्राम है तथा 122.85 हेक्टेयर दखल कब्जा का रखवा है। इस योजना के तहत 189 करोड़ प्राकृत राशि में से 169.14 करोड़ रूपया रैयत के बीच वितरित किया जा चुका है।
एनएच 83 पटना गया डोभी फोर लेन चौड़ीकरण योजना के समीक्षा के दौरान बताया गया कि इस योजना के तहत कुल 62 राजस्व ग्राम है तथा 256.31 दखल कब्जा का रखवा है इस योजना के तहत 662.687 करोड़ रुपया प्रकालित राशि है जिसमें 533.94 करोड़ों रुपया वितरित की जा चुकी है। जिले में एक महत्वपूर्ण योजना जो भारतमाला परियोजना के तहत वाराणसी से कोलकाता ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे, जो शेरघाटी के इमामगंज एवं डुमरिया अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र से होते हुए गुजर रही है। यह योजना गया जिले के लिए काफी महत्वपूर्ण परियोजना है। इस परियोजना के तहत कुल 29 मौजा है। डुमरिया अंचल के अरवन सलैया, छकरबंधा एवं बरहा का क्षेत्र पड़ता है। तथा इमामगंज अंचल के दुबहल, बसेरा, जमुना, बरडीह, बसतपुर, सिलहना, रंगा, बसरा, चपरी, वंशी,महापुर, कुसुम्बा,पिपरा नौडीहा होते हुए आगे तक जाएगी। इस परियोजना में कुल 34.75 किलोमीटर क्षेत्र शामिल है औरंगाबाद जिले के बाद डुमरिया अंचल के मौजा अर्बन सलैया से उक्त परियोजना प्रवेश करती है एवं इमामगंज अंचल के मौजा संग्रामपुर होते हुए चतरा जिला झारखंड में प्रवेश करती है।
May 29 2023, 20:05