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मध्यप्रदेश में विकास यात्रा के दौरान खुजली से बेहाल पीएचई राज्य मंत्री, उतारा कुर्ता, पानी से पूरा शरीर धोने के बाद भी नहीं मिला आराम, वीडियो वा


मध्य प्रदेश के मुंगावली में भाजपा की विकास यात्रा के दौरान बुधवार को अजीबो-गरीब घटना हुई। प्रदेश के पीएचई मंत्री व क्षेत्र के विधायक बृजेंद्र सिंह यादव को यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम के मंच पर अचानक तेज खुजली चलने लगी। वे इससे बेहाल हो गए। उन्हें अपना कुर्ता तक उतारना पड़ा और पानी से शरीर धोना पड़ा, इसके बाद भी जब खुजली असहनीय हो गई तो उन्होंने यात्रा अधूरी छोड़कर घर रवानगी कर ली। मंत्री जी का खुजली का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव बुधवार शाम को अपने विधानसभा क्षेत्र मुंगावली में भ्रमण कर रहे थे। जब वे देवरछी गांव में पहुंचे तो किसी ने कौंच की फली (कैरांच का पौधा) का पाउडर उड़ा दिया। इसके चलते मंत्री के हाथों सहित शरीर के विभिन्न भागों में खुजली होना शुरू हो गई। जब खुजली तीव्रता के साथ होने लगी तो तत्काल आसपास के लोगों ने मंत्री जी के कपड़े उतरवाए और उनके शरीर को पानी से धोया। आशंका है कि यादव के साथ किसी कार्यकर्ता ने ऐसी हरकत की है। अब उसका पता लगाने के लिए पुलिस और पार्टी के लोग जानकारी जुटा रहे हैं। 

बता दें, कौंच की फली या पावडर के छूने या शरीर और कपड़ों के किसी भी हिस्से के संपर्क आने पर तेज खुजली होती है। खास बात यह है कि खुजली लगातार बढ़ती जाती है। माना जा रहा है कि इसी पौधे की फली का पाउडर मंत्री के कपड़ों पर लगाया गया था। इस कारण उनके पूरे शरीर में खुजली उत्पन्न हो गई और उन्हें कार्यक्रम छोड़ कर भागना पड़ा।

अब याहू में छंटनी की तैयारी, कंपनी के 12 फीसदी यानी एक हजार कर्मचारियों को पहले किया जाएगा बाहर, दो हजार से ज्यादा की जाएगी नौकरी

याहू आईएनसी में छंटनी की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि कंपनी 20 फीसदी से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सकती है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कंपनी अपनी विज्ञापन तकनीक इकाई के एक प्रमुख पुनर्गठन के हिस्से के रूप में यह योजना बना रही है

1,600 से अधिक लोगों पर असर पड़ेगा

रिपोर्ट की मानें तो कंपनी इस इकाई से अपने कुल कार्यबल के 20% से अधिक को बाहर का रास्ता दिखा सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, कटौती याहू के एड टेक कर्मचारियों में से करीब 50% से अधिक को प्रभावित करेगा। इससे 1,600 से अधिक लोगों पर असर पड़ेगा।

पहले एक हजार कर्मचारियों पर गिरेगी गाज

इससे पहले गुरुवार को याहू में काम करने वाले कर्मचारियों को बताया गया कि कंपनी के 12 फीसदी यानी एक हजार कर्मचारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा देगी और अगले 6 महीनों में कंपनी बाकी आठ फीसदी यानी 600 लोगों की छंटनी कर दी जाएगी। एक इंटरव्यू में याहू के सीईओ ने कहा कि छंटनी का फैसला आर्थिक मुद्दों का परिणाम नहीं हैं।

डिजनी में भी छंटनी का दौर

इससे पहले मनोरंजन की दुनिया में अपना नाम बना चुके डिजनी में भी छंटनी का दौर शुरू हो गया है। कंपनी ने अपने सात हजार कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने का फैसला कर लिया है। कंपनी के सीईओ बॉब इगर ने इस बारे में जानकारी दी थी। पिछले साल ही बॉब ने सीईओ का पद संभाला है।

कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

वहीं, अमेरिका की कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया है। बुधवार को ही टेक कंपनी जूम ने अपने 1300 कर्मचारियों को निकालने का एलान किया था। सोमवार को डेल ने अपने छह हजार से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की घोषणा की थी।

भारत में प्रतिबंधित PFI ने चार चरणों में इस्लामिक शासन का बनाया था प्लान, ATS ने 1113 पन्नों की चार्जशीट में बताई पूरी योजना


प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) 2047 के अंत तक इस्लामिक शासन स्थापित करने का नापाक मंसूबा बना रहा था। मुंबई के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने 1113 पन्नों की चार्जशीट में यह दावे किए। चार्जशीट के मुताबिक, एटीएस ने प्रतिबंधित संगठन के गिरफ्तार सदस्यों से जब्त किए गोपनीय दस्तावेजों से यह जानकारी एकत्रित की। जिसमें चार चरणों में इस साजिश को अंजाम दिया जाना था।

प्रतिबंधित PFI के सदस्यों की हुई थी गिरफ्तारी

प्रतिबंधित पीएफआई के सदस्यों मजहर खान, सादिक शेख, मोहम्मद इकबाल खान, मोमिन मिस्त्री और आसिफ हुसैन खान को गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में पिछले वर्ष गिरफ्तार किया गया था।

सितंबर 2022 में केंद्र ने आईएस जैसे आतंकी समूहों के साथ ''लिंक'' रखने और देश में सांप्रदायिक घृणा फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए पीएफआई और उसके कई सहयोगियों को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।

मुस्लिमों का ब्रेनवॉश कर रहा था प्रतिबंधित संगठन

दस्तावेजों से पता चला कि प्रतिबंधित संगठन अपने सदस्यों को किसी भी परस्थिति से निपटने के लिए ट्रेनिंग दे रहा था। साथ ही मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश भी कर रहा था। प्रतिबंधित पीएफआई के 5 सदस्यों के खिलाफ दायर 1113 पन्नों की चार्जशीट में प्रतिबंधित संगठन की बुकलेट के साथ पूरी योजना का जिक्र किया गया है। इस बुकलेट को कुछ महत्वपूर्ण लोगों के साथ साझा किया गया था।

दावा है कि मुस्लिम देश में दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समुदाय है। इंडोनेशिया के बाद मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी भारत में रहती है, इसके बावजूद मुस्लिमों के साथ भेदभाव किया गया। इस तरह का दावा करके मुस्लिमों का ब्रेनवाश करने की कोशिश की गई है।

बता दें कि प्रतिबंधित संगठन ने मुसलमानों को उकसाने का प्रयास किया है। बुकलेट में कहा गया है कि आजादी के बाद से उच्च जाति के हिंदुओं के प्रभुत्व वाली भारत सरकार ने मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण उपायों को अपनाया। प्रतिबंधित संगठन का मानना है कि अगर कुल मुस्लिम आबादी का 10 फीसदी भी एकजुट हो गए तो बहुसंख्यक समुदाय को घुटनों पर ला देंगे।

प्रतिबंधित संगठन ने बनाई थी चार चरण की योजना

पहले चरण के मुताबिक प्रतिबंधित संगठन खुद को उन क्षेत्रों पर स्थापित करेगा जहां पर मुसलमानों की संख्या ठीक-ठाक है। साथ ही प्रतिबंधित संगठन अपने झंडे तले मुसलमानों को एकजुट करने का प्रयास करेगा।

दूसरा चरण में कैडरों के माध्यम से मुस्लिमों का समर्थन जुटाना, ताकत का प्रदर्शन कर विरोधियों को आतंकित करना, कैडरों को हथियारों का प्रशिक्षण लेकर हिंसा फैलाना, राष्ट्रीय ध्वज जैसी अवधारणाओं का उपयोग करना, हिंदुओं के बीच भी फूट डालने जैसी योजना बनाई थी। 

तीसरे चरण में चुनाव जीतने की योजना तैयार की गई। साथ ही एससी, एसटी और पिछड़ा वर्ग के लोगों के साथ संबंध स्थापित करने की योजना बनाई गई। बुकलेट में कहा गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) केवल उच्च जाति के हिंदुओं के कल्याण में रुचि रखने वाला संगठन है। इसी आधार पर प्रतिबंधित संगठन ने अपने कैडर को हिंदुओं के बीच विभाजन पैदा करने की योजना पर काम करने को कहा।

चौथे चरण में बुकलेट के मुताबिक, अन्य सभी मुस्लिम संगठनों को दरकिनार करके पूरे मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधि बनना, 50 फीसदी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग का विश्वास हासिल करना, राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता में आना, कार्यपालिका और न्यायपालिका के साथ-साथ पुलिस और सेना के महत्वपूर्ण पदों में कैडरों की भर्ती और इस्लामी सिद्धांतों के आधार पर एक नया संविधान घोषित करने की योजना थी।

प्रतिबंधित संगठन का मानना है कि पर्याप्त प्रशिक्षित कैडर और गोला-बारूद की मदद से मुस्लिम राष्ट्र बनाया जाएगा। जिसके लिए बाहरी ताकतों की भी मदद ली जाएगी और इस्लामी गौरव हासिल किया जाएगा।

पीएम नरेंद्र मोदी आज करेंगे तीन दिवसीय यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ

पहले दिन 10, दूसरे दिन 13 और आखिरी दिन 11 सत्रों में होंगे आयोजन

उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए शुक्रवार से तीन दिन तक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) का आयोजन होगा। शुक्रवार यानी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश-विदेश के दिग्गज उद्योगपतियों की मौजूदगी तीन दिवसीय समिट का शुभारंभ करेंगे। समिट में करीब 25 लाख करोड़ रुपये के निवेश के करार होने की उम्मीद है। इससे दो करोड़ रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है। 10 साझीदार देशों के अलावा 40 देशों के अन्य 600 प्रतिनिधि भी समिट में भाग लेंगे। इस सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बढ़ते और बदलते उत्तर प्रदेश के बारे में विचार रखेंगे। तीन दिनों में कुल 34 सत्र होंगे। पहले दिन 10, दूसरे दिन 13 और आखिरी दिन 11 सत्र आयोजित किए जाएंगे। अधिकांश सत्रों में केंद्रीय मंत्री मौजूद रहेंगे।

दस फरवरी को हाने वाले कार्यक्रम 

उद्घाटन सत्र सुबह दस बजे से : वाल्मीकि मेन हॉल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व राज्य के औद्योगिक मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ ही उद्योगपति मुकेश अंबानी, के. चंद्रशेखरन, कुमार मंगलम बिरला व आनंद महिंद्रा उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे।

दोपहर 2.30 से 4 बजे तक

व्यास हॉल 1 में यूपी डिजाइनिंग एंड मैन्यूफैक्चरिंग इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड विषय पर चर्चा होगी। इसके मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव होंगे।दधीचि हॉल 2 में टूरिज्म लीवरेजिंग कल्चरल हैरिटेज फॉर मॉ़डर्न एंड प्रोग्रेसिव उत्तर प्रदेश विषय पर चर्चा होगी। इसमें केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी बतौर मुख्य अतिथि रहेंगे।भारद्वाज हॉल 3 में सिंगापुर पार्टनर कंट्री सेशन होगा। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री एके शर्मा व स्वतंत्र देव सिंह मौजूद रहेंगे।वशिष्ठ हॉल 4 में सस्टेनेबल डवलपमेंट थ्रू रिनीवल एनर्जी पर सत्र होंगे। इसमें केंद्रीय मंत्री आरके सिंह मुख्य अतिथि की भूमिका में होंगे।

शाम 4.30 से 6 बजे तक

व्यास हॉल 1 में एडवांटेज उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर विषय पर चर्चा होगी। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शिरकत करेंगे।दक्षीचि हॉल 2 में ओडीओपी इम्पावरिंग ट्रेडिशनल इंडस्ट्री पर संगोष्ठी होगी। मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी होंगी।भारद्वाज हॉल 3 में अपॉर्चुनिटी फूड प्रोसेसिंग लिवरेजिंग फूड बॉस्केट ऑफ इंडिया विषयक सत्र होगा, जिसके मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस होंगे।वशिष्ठ हॉल 4 में डेनमार्क पार्टनर कंट्री सेशन होगा। मुख्य अतिथि डेनमार्क के मंत्री अपनी बात रखेंगे।वाल्मीकि मेन हॉल (6.30 से रात्रि 8 बजे तक)एनआरआई अवॉर्ड व सांस्कृतिक सांझ का आयोजन होगा। इस सत्र में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

 

राजधानी लखनऊ में समिट के लिए सुरक्षा के भारी भरकम बंदोबस्त किए गए हैं। 24 आईपीएस, 68 पीपीएस तथा 5415 अराजपत्रित अधिकारी कर्मचारी लगाए गए हैं। एंटी ड्रोन सिस्टम के साथ पुलिस और कमांडो, 13 कंपनी पीएसी तथा तीन कंपनी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनात की गई है। एटीएस स्पॉट टीमों को भी लगाया गया है। 

11 फरवरी को होने वाले कार्यक्रम

सुबह दस बजे से व्यास हॉल 1 नीदरलैंड पार्टनर कंट्री सेशन होगा। इसमें उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य रहेंगे।दधीचि हॉल 2 में जापान पार्टनर कंट्री सेशन होगा। इस सत्र में प्रदेश सरकार के संस्कृति व पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह अपनी बात रखेंगे।भारद्वाज हॉल 3 में यूएई पार्टनर कंट्री सेशन होगा। जिसमें एमएसएमई मंत्री राकेश सचान बतौर अतिथि रहेंगे। वशिष्ठ हॉल 4 में अफरमेटिव एक्शन पॉलिसिज फ़ॉर इनक्लूजिव ग्रोथ विषय पर सत्र होगा। इसमें मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार मौजूद रहेंगे।

दोपहर 11.45 से 1 बजे तक

व्यास हॉल 1 में यूपी इज ओपन फॉर बिजनेस प्रोवाइडिंग न्यू अपॉर्चुनिटी फॉर एमएसएमई एंड को-ऑपरेटिव्स पर सत्र होगा। इसके मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह विचार रखेंगे। इस सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रहेंगे।दक्षीचि हॉल 2 में हैंडलूम एंड टेक्सटाइल्स सेशन वीविंग इंडियाज ग्रोथ स्टोरी पर सत्र होगा। इसमें प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश सचान रहेंगे।भारद्वाज हॉल 3 में हेल्थ केयर थ्रू द इन्वेस्टर लेंस पोस्ट कोविड सीनारियो पर सत्र आयोजित किया जाएगा। इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया रहेंगे।

दोपहर 2 से अपराह्न 3.15 तक

व्यास हॉल 1 में आईटी आईटीज एंड डाटा सेंटर्स इन उत्तर प्रदेश सर्विंग द वल्र्ड पर संगोष्ठी होगी। इसमें केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर रहेंगे।दक्षीचि हॉल 2 में फॉर्मास्टुकल एंड बायोटेक्नोलॉजी स्टेथेनिंग द ईको सिस्टम इन उत्तर प्रदेश विषय पर चर्चा होगी। इसमें केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल अपनी बात रखेंगे।भारद्वाज हॉल 3 में पार्टनर कंट्री सेशन ऑस्ट्रेलिया पर सत्र होगा। इसमें प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह रहेंगे।

अपराह्न 3.45 से शाम 5 बजे तक

व्यास हॉल 1 में उत्तर प्रदेश गियरिंग फॉर स्टार्टअप रिव्यूलिशन द नेक्स्ट बिग अपॉर्चुयनिटी इन यूपी पर सत्र होगा। इसमें भी केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर मौजूद रहेंगे।

दक्षीचि हॉल 2 में अनब्लॉकिंग अपॉर्चुनिटी इन डेयरी एंड एनिमल हैसबेंडरी सेक्टर पर चर्चा होगा। इसमें केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला श्रोताओं से मुखातिब होंगे।

भारद्वाज हॉल 3 में सिविल एविएशन इन उत्तर प्रदेश द इमर्जिंग अपॉर्चुनिटी विषयक सत्र होगा। इसमें केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद रहेंगे।

तीसरे दिन 12 फरवरी के कार्यक्रम, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी समापन

सुबह दस बजे से व्यास हॉल में यूपी द इमर्जिंग वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स हब ऑफ इंडिया में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल व सोम प्रकाश मौजूद रहेंगे।दधीचि हॉल में यूके पार्टनर कंट्री सेशन होगा। इसमें प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना रहेंगे।भारद्वाज हॉल में यूपी ऑपर्च्युनिटीज इन एक्साइज एंड शुगर इंडस्ट्री विषयक चर्चा होगी। इसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल रहेंगे।वशिष्ठ हॉल में सेशन ऑन ई-मोबिलिटी, व्हीकल एंड फ्यूटर मोबिलिटी पर संगोष्ठी होगी। इसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने विचार साझा करेंगे।

सुबह 11.45 से 1 बजे तक

व्यास हॉल में रिइमेजनिंग सिटिज एज ग्रोथ सेंटर फॉर न्यू उत्तर प्रदेश सत्र में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी रहेंगे।भारद्वाज हॉल में डिकोडिंग द इनवेस्टमेंट पोटेंशियल ऑफ द सपोर्ट सेक्टर इन उत्तर प्रदेश एंड इट्स रोल इन द वन ट्रिलियन इकॉनमी सत्र होगा। इसमें मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर होंगे।वशिष्ठ हॉल में रिइन्वेटिंग स्किल डवलपमेंट इको सिस्टम इन उत्तर प्रदेश विषय पर चर्चा होगी। इसमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मुखातिब होंगे।

2 से 3.30 बजे तक

व्यास हॉल में चेंजिंग फाइनेंसियल लैंडस्केप इन उत्तर प्रदेश ए बैंकर्स राउंड़ टेबल मार्चिंग टूवर्ड वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी पर चर्चा होगी। इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मौजूद रहेंगी।दधीचि हॉल में मीडिया एंड एंटरटेन्मेंट द इंडियन डिजिटल ग्रोथ स्टोरी विषयक सत्र होगा। इसमें केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर रहेंगे।भारद्वाज हॉल में डिकोर्डिंग नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-2022 पर चर्चा होगी। इसमें केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह मौजूद रहेंगे।समापन समारोह वॉल्मीकि हॉल में शाम 4 से 5.15 बजे तक होगा। इसमें मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू होंगी। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।

*एनएसए अजीत डोभाल ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से की मुलाकात, इन अहम मुद्दों पर हुई चर्चा

#nsa_ajit_doval_meets_russia_president_vladimir_putin 

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने मॉस्को में बृहस्पतिवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और उनके साथ विभिन्न द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की।इसकी जानकारी रूस में भारत के दूतावास ने दी।

रूस स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर बताया कि एनएसए डोभाल ने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। ट्वीट में कहा गया है कि मुलाकात के दौरान विभिन्न द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई। भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी को लागू करने की दिशा में काम करते रहने पर सहमति बनी। 

बता दें कि डोभाल बुधवार को दो दिवसीय रूस यात्रा पर गए थे। डोभाल ने बुधवार को अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषदों के सचिवों/एनएसए की पांचवीं बैठक में शिरकत की। यह बैठक रूस ने बुलाई थी। डोभाल ने बैठक में कहा कि किसी भी देश को आतंकवाद तथा कट्टरपंथ फैलाने के लिए अफगान सरजमीं का इस्तेमाल करने नहीं दिया जाना चाहिए और भारत अफगानिस्तान के लोगों को जरूरत के वक्त कभी अकेला नहीं छोड़ेगा। बैठक में रूस और भारत के अलावा, ईरान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, चीन, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

एनएसए की ये रूस यात्रा विदेश मंत्री एस जयशंकर के इस देश की यात्रा के तीन महीने बाद हो रही है।करीब तीन महीने पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस गए थे। इस दौरान दोनों पक्षों ने अपने आर्थिक संबंधों को विस्तार देने का संकल्प लिया था, जिसमें भारत द्वारा रूस से पेट्रोलियम उत्पादों का आयात भी शामिल है।

पीएम मोदी का गांधी परिवार पर हमला, पूछा-नेहरू सरनेम रखने में शर्मिंदगी क्यों

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आज राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधी परिवार पर सीधा निशाना साधा। पीएम मोदी ने सदन में कहा कि मेरे समझ में नहीं आता कि आखिर गांधी परिवार को सरनेम में नेहरू लिखने में शर्मिंदगी क्यों महसूस होती है, जबकि वे बड़े महान व्यक्तित्व थे।

नेहरू सरनेम रखने से क्या शर्मिंदगी

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को ये भी परेशानी है कि हमारी योजनाओं के नाम संस्कृत भाषा में क्यों हैं।मैंने किसी अखबार में पढ़ा था। 600 सरकारी योजनाएं सिर्फ गांधी-नेहरू के नाम पर हैं। किसी कार्यक्रम में अगर नेहरू जी के नाम का उल्लेख नहीं हुआ, तो कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते हैं। खून गर्म हो जाता है। मैं बहुत आर्श्चयचकित हूं, ये समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से क्यों डरता है। क्या शर्मिंदगी है। आखिरकार उन्होंने ऐसा क्या कर दिया। इतना महान व्यक्तित्व अगर आपको, परिवार को मंजूर नहीं.. हमारा हिसाब मांगते रहते हो।

एक प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 356 का 50 बार दुरूउपयोग किया-पीएम मोदी

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जिक्र के बाद पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी का भी नाम लिया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस पर कई सरकार गिराने पर भी घेरा, पीएम मोदी ने कहा, जो आज विपक्ष में बैठे हैं उन्होंने तो कॉपरेटिव फेडरलिज्म की धज्जियां उड़ा कर रख दी। मोदी ने कहा कि इतिहास उठा कर देख लिजिए कि वे कौन सी पार्टी थी जिन्होंने आर्टिकल 356 का सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया। 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया। एक प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 356 का 50 बार उपयोग किया, उनका नाम है श्रीमती इंदिरा गांधी। तमिलनाडु में करुणानिधि की सरकार इन्हीं कांग्रेस वालों ने गिराई थी। एमजीआर की आत्मा देखती होगी आप आज कहां खड़े हो। शरद पवार जो एक नौजवान मुख्यमंत्री थे उन्हें हटाया गया।पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘एनटीआर के सरकार को गिरा दिया जब वो इलाज के लिए अमेरिका गए थे। राजभवन कांग्रेस के दफ्तर बना दिए गए थे।2005 में झारखंड में अल्पमत वाली कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बुलाया गया।1982 में बीजेपी और देवीलाल को सरकार नहीं बनाने दी।

राज्यसभा में पीएम मोदी ने कांग्रेस को दिया करार जवाब, कहा-जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना खिलेगा

#pm_narendra_modi-rajya_sabha_speech 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में जवाब दिया। राज्यसभा में पीएम जैसे ही बोलने के लिए उठे। विपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे। विपक्ष के सदस्य 'मोदी-अडानी भाई-भाई' के नारे लगाना शुरू कर दिया। हालांकि, इस के बावजूद पीएम ने अपनी बात जारी रखी। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। इससे पहले पीएम मोदी ने बुधवार को लोकसभा में चर्चा का जवाब दिया था।

जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ज्यादा खिलेगा-पीएम मोदी

राज्यसभा में संबोधन के दौरान विपक्ष के हंगामे पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आप जितना कीचड़ उछालोगे कमल उतना ही खिलेगा। कमल खिलाने में आपका जो भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष योगदान है, मैं उसके लिए भी आभार प्रकट करता हूं। कांग्रेस कहती थी 'गरीबी हटाओ' लेकिन चार दशकों तक कुछ नहीं बदला। हम गरीबों के सपनों एवं आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं।

देश में परियोजना लटकाना कांग्रेस की कार्यशैली का हिस्सा-पीएम मोदी

पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि हमने पिछले नौ साल में नए जनता के लिए खाते खोले। हर जगह विकास और पैसा पहुंचाने का काम हुआ। खड़गे जी शिकायत कर रहे थे - मोदी जी मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं। कलबुर्गी आ जाते हैं। उनको कहना चाहता हूं। कर्नाटक में एक करोड़ सत्तर लाख बैंक अकाउंट खुले हैं। देश में परियोजना लटकाना इनके कार्यशैली का हिस्सा बन गया था। हमने बदलाव किया, काम को गति दी गई। नए योजना पर तेजी से काम चल रहा है। आधुनिक भारत के निर्माण के लिए हम इंफ्रास्ट्रक्चर का , स्किल का महत्त्व समझते हैं।

पीएम ने बताई “त्रिशक्ति” की खुबियां

प्रधानमंत्री ने इस दौरान त्रिशक्ति का भी जिक्र किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जनधन, आधार और मोबाइल। ये वो त्रिशक्ति है, जिससे पिछले कुछ वर्षों में 27 लाख करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से सीधा हितधारकों के खातों में गए हैं। इससे 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक रुपया जो किसी इको-सिस्टम के हाथों में जा सकता था वो बच गया। अब जिनको ये पैसा नहीं मिल पाया, उनका चिल्लाना स्वाभाविक है।

कांग्रेस को हर मौके पर सजा दे रही जनता- पीएम मोदी

राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कांग्रेस को बार-बार देश नकार रही है लेकिन कांग्रेस और उसके साथी अपनी साजिशों से बाज़ नहीं आ रही है। हालांकि, जनता इसे देख रही है और उनको हर मौके पर सज़ा भी दे रही है।

हमने सैचुरेशन का रास्ता चुना-पीएम मोदी

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने सैचुरेशन का रास्ता चुना अर्थात् शत प्रतिशत लाभार्थी को लाभ पहुंचे। सरकार इस राह पर काम कर रही है। सैचुरेशन का मतलब होता भेदभाव की सारी गुंजाइश खत्म करना। यह तुष्टीकरण की आशंकाओं को खत्म कर देता है। स्वार्थ के आधार पर लाभ पहुंचाने की प्रवृत्ति को खत्म कर देता है। समाज के आखिरी व्यक्ति को, जिसकी महात्मा गांधी जिसकी हमेशा वकालत करते थे, उसके अधिकारों की रक्षा इसमें समाई हुई है। हम उसे सुनिश्चित करते हैं।

“गाय को गले लगाए”, 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे नहीं ‘काउ हग डे’ मनाएं, पशुपाल विभाग की अपील पर चुटकियां ले रहे लोग

#celebrate_cow_hug_day_on_february_14_not_valentine-s_day 

14 फरवरी को पूरी दुनिया वैलेंटाइन डे मनाती है। इसे प्यार के इजहार का दिन कहते हैं। भारत में भी प्रेमी जोड़ों इस दिन को पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं। ये बात और है कि कुछ संगठनों द्वारा इस दिन का विरोध किया जाता है, और प्रेमी जोड़ों को इसका खामियाजा भगतना पड़ता है। इन सबके बीच वैलेंटाइन डे को अलग तरीके से मनाए जाने की बात सामने आ रही है। दरअसल, सरकार ने लोगों से अपील की है कि 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे नहीं बल्कि 'काउ हग डे' मनाएं।

भारत सरकार के मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के निर्देशानुसार पशु कल्याण बोर्ड की ओर से जारी की गई नोटिस में 14 फरवरी को ‘काउ हग डे’ के रूप में मनाने की अपील की गई है। बोर्ड द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है, ‘‘सभी गाय प्रेमी गौ माता की महत्ता को ध्यान में रखते हुए तथा जिंदगी को खुशनुमा और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण बनाने के लिए 14 फरवरी को काउ हग डे मना सकते हैं। 

अपील में आगे कहा गया है, हमारे समय में पश्चिमी संस्कृति की प्रगति के कारण वैदिक परंपराएं लगभग विलुप्ति की कगार पर हैं। पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध ने हमारी भौतिक संस्कृति और विरासत को भूला हुआ बना दिया है। अपील पत्र के अंत में स्पष्ट किया गया है कि यह सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी से और पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के निर्देश पर जारी हुआ है।

इधर सरकार के सर्कुलर के बाद सोशल मीडिया और ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। लोग अपने-अपने अंदाज में इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं और फनी मीम्स शेयर कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट का मामला, अदालत की निगरानी में जांच की मांग

#hindenburgreporttwopilfiledinsupreme_court 

अडानी समूह की कंपनियों पर अमेरिका शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के बिजनेस को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। वहीं दूसरी तरफ ये मामला संसद में गूंज रहा है। इन सबके बीच सुप्रीम कोर्ट में दो पीआईएल लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इन पीआईएल पर सुनवाई की मंजूरी भी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट कल शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगा।

अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दखिल याचिका में जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। वकील विशाल तिवारी ने मुख्य न्यायधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ से जल्द सुनवाई की मांग की। विशाल तिवारी ने कोर्ट से कहा, ऐसी ही याचिका 10 फरवरी को सुनवाई के लिए लगी हुई है, उसी के साथ उनकी याचिका पर भी सुनवाई की जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने विशाल तिवारी की याचिका को मुख्य याचिका के साथ टैग कर दिया। पीठ में न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला भी शामिल हैं।

दोनों याचिका में क्या कहा गया?

सुप्रीम कोर्ट में एम एल शर्मा और विशाल तिवारी ने दो पीआईएल लगाई है। वकील विशाल तिवारी पीआईएल में जिक्र है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की वजह से भारत की छवि धुमिल हुई है और इसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है। वहीं एम एल शर्मा की अपील में जिक्र किया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से बाजार पर प्रभाव पड़ा। याचिका में सुप्रीम कोर्ट में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर्ड जज की निगरानी में कराए जाने की मांग की गई है। साथ ही कोर्ट से विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश जारी करने की गुजारिश की गई है।

हिंडनबर्ग ने लगाए कई गंभीर आरोप

बता दें कि अमेरिका शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के बिजनेस से संबंधित एक रिपोर्ट पेश की थी। अडानी ग्रुप पर फर्जी लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। बाद समूह की कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है।

विपक्ष का विरोध जारी

इधर रिपोर्ट को लेकर विपक्ष लगातार पीएम और भारत सरकार के अडानी के साथ कनेक्शन का आरोप लगा है। विपक्ष ने जेपीसी की मांग की थी हालांकि सरकार से स्पष्ट कर दिया है कि जेपीसी जांच किसी शख्स के खिलाफ नहीं बैठायी जा सकती है। सरकार का कहना है कि यह औद्योगिक घराने से जुड़ा मामला है इसमें सरकार से कोई लेना देना नहीं है

महिलाएं मस्जिद में पढ़ सकती हैं नमाज, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

#women_are_allowed_to_come_to_the_mosque_and_offer_prayers 

क्या महिलाओं को मस्जिद में आकर नमाज अदा करने की इजाजत नहीं है? ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की माने को महिलाओं को मस्जिद में आकर नमाज अदा करने की इजाजत है। दरअसल एआईएमपीएलबी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि महिलाओं को मस्जिद के अंदर प्रवेश कर नमाज अदा करने की इजाजत है। बोर्ड ने कहा कि मुस्लिम महिला नमाज अदा करने के वास्ते मस्जिद में दाखिल होने के लिए स्वतंत्र हैं और यह उनपर निर्भर करता है कि वह मस्जिद में नमाज अदा करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहती हैं या नहीं। साथ ही ये भी कहा गया है कि इस्लाम में महिलाओं के लिए सामूहिक रूप से दिन में पांच वक्त की नमाज जरूरी नहीं है।

एआईएमपीएलबी ने कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर यह जानकारी दी है। ये हलफनामा मुस्लिम महिलाओं के मस्जिद में जाकर नमाज़ अदा करने से संबंधित एक याचिका को लेकर दाखिल किया गया है। वकील एम आर शमशाद के जरिये दायर हलफनामे में कहा गया है कि इबादतगाहें (जो वर्तमान मामले में मस्जिदें हैं) पूरी तरह से निजी संस्थाएं हैं और इन्हें मस्जिदों के 'मुत्तवली' (प्रबंधकों) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। 

हलफनामे में कहा गया है कि एआईएमपीएलबी विशेषज्ञों की संस्था है और इसके पास कोई शक्ति नहीं है और यह सिर्फ इस्लाम के सिद्धांतों पर अपनी सलाह जारी कर सकती है। हलफनामे में कहा गया है कि धार्मिक ग्रंथों, सिद्धांतों, इस्लाम के मानने वालों के धार्मिक विश्वासों पर विचार करते हुए यह दलील दी जाती है कि महिलाओं को मस्जिद में प्रवेश कर नमाज अदा करने की इजाजत है। इसमें कहा गया है कि इस्लाम के सिद्धांत के मुताबिक, मुस्लिम महिलाएं चाहे घर पर नमाज पढ़ें या मस्जिद में नमाज अदा करें, उन्हें एक जैसा ही सवाब (पुण्य) मिलेगा।

बता दें कि फरहा अनवर हुसैन शेख ने 2020 में शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर भारत में मुस्लिम महिलाओं के मस्जिदों में प्रवेश पर लगी कथित रोक के चलन को लेकर निर्देश देने का आग्रह किया था और इसे अवैध और असंवैधानिक बताया था। याचिका पर मार्च में सुनवाई हो सकती है।