मोदी के नेतृत्व में कुवैत के साथ भारत के रिश्तों में नए आयाम: कूटनीति और व्यापारिक सहयोग का सशक्त विकास
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के दौरान कई खाड़ी देशों के साथ मजबूत संबंध स्थापित किए हैं, जिनमें कुवैत एक महत्वपूर्ण साझेदार बना हुआ है। कुवैत, जो अरब खाड़ी में एक छोटा लेकिन प्रभावशाली देश है, भारत के लिए न केवल अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण बल्कि दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों के कारण भी महत्वपूर्ण है। मोदी का कुवैत के प्रति दृष्टिकोण बहुपक्षीय रहा है, जिसमें कूटनीति, व्यापार और कुवैत में रहने वाली बड़ी भारतीय प्रवासी समुदाय की भलाई पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
1. कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करना
मोदी के नेतृत्व में भारत ने कुवैत के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की है। प्रधानमंत्री मोदी की खाड़ी देशों, जिसमें कुवैत भी शामिल है, की यात्राएं इस संबंध में एक प्रमुख भूमिका निभाती हैं। इन यात्राओं ने विचारों का आदान-प्रदान करने और विभिन्न क्षेत्रों में दीर्घकालिक साझेदारियों की स्थापना का अवसर प्रदान किया। 2019 में, मोदी की यात्रा संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के लिए थी, जिसके बाद उन्होंने खाड़ी में भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने इस क्षेत्र को भारत की विदेश नीति में महत्वपूर्ण स्थान देने पर जोर दिया। 49 साल बाद भारत के कोई प्रधानमंत्री कुवैत की यात्रा कर रहे हैं , यह देश भारत की खाड़ी नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और मंत्री स्तर पर कई कूटनीतिक बैठकें होती रही हैं।
2. आर्थिक और व्यापारिक संबंध
कुवैत भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार है, विशेष रूप से ऊर्जा, व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में। भारत और कुवैत के बीच व्यापारिक संबंध काफी मजबूत हैं, और भारत, कुवैत का एक बड़ा व्यापारिक साझेदार है। कुवैत भारत को तेल आपूर्ति करने वाला एक प्रमुख देश है, जिससे ऊर्जा क्षेत्र इस दोनों देशों के आर्थिक संबंधों का एक अहम हिस्सा बनता है। 2020 में, भारत ने कुवैत से लगभग 10.6 मिलियन टन कच्चा तेल आयात किया, जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदारी का संकेत है। भारतीय कंपनियां कुवैत में कई परियोजनाओं में शामिल हैं, जिनमें निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी, और अन्य सेवाएं शामिल हैं। आर्थिक सहयोग को और मजबूती मिलती है कुवैत द्वारा भारत में ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में किए गए निवेशों के माध्यम से। इसके अलावा, मोदी सरकार भारत के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है, खासकर कृषि उत्पाद, वस्त्र, और दवाओं के निर्यात को कुवैत में बढ़ावा देने के लिए।
3. भारतीय प्रवासी समुदाय
मोदी के कुवैत के साथ संबंधों में एक महत्वपूर्ण तत्व वहाँ रहने वाला भारतीय प्रवासी समुदाय है। भारतीय, कुवैत की आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और उनके योगदान को कुवैत की अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना में गहरा महत्व प्राप्त है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस समुदाय की भलाई सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, और वे अक्सर उनके मुद्दों को विभिन्न चैनलों के माध्यम से उठाते हैं। कुवैत में भारतीय श्रमिकों की भलाई, खासकर निर्माण और घरेलू कामकाजी क्षेत्रों में, मोदी के शासनकाल में महत्वपूर्ण रही है। उनकी सरकार भारतीय श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करने, कार्य परिस्थितियों को बेहतर बनाने और कुवैत सरकार के साथ श्रम कानूनों और प्रवासी श्रमिकों के उपचार को लेकर वार्ता करने में लगी रही है।
4. रणनीतिक संबंध और सुरक्षा सहयोग
हाल के वर्षों में, भारत और कुवैत ने सुरक्षा मामलों में भी सहयोग बढ़ाया है। आतंकवाद से लड़ाई, खाड़ी क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करना, और अरब सागर में समुद्री सुरक्षा बनाए रखना दोनों देशों के साझा हितों में शामिल हैं। कुवैत ने भारत के वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर स्टैंड को समर्थन दिया है, विशेष रूप से आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में। इसके अलावा, दोनों देशों ने रक्षा और खुफिया जानकारी साझा करने के मामलों में भी सहयोग किया है, विशेष रूप से खाड़ी क्षेत्र में भारतीय प्रवासी की सुरक्षा और व्यापक क्षेत्रीय शांति प्रयासों के संदर्भ में।
5. सांस्कृतिक और शैक्षिक सहयोग
सांस्कृतिक कूटनीति भी भारत और कुवैत के रिश्तों को मजबूत करने में भूमिका निभाती है। भारतीय संस्कृति, कला, और भोजन को कुवैत में बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए गए हैं। भारतीय सरकार कुवैत के साथ शैक्षिक संबंधों को भी बढ़ावा दे रही है, जिसमें कई कुवैती छात्र भारतीय विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों में दाखिला लेते हैं। मोदी सरकार ने कुवैत में भारतीय त्योहारों, जैसे दिवाली, को मनाने के लिए पहल की है, ताकि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा दिया जा सके और भारतीय समुदाय की सांस्कृतिक पहचान बनी रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने कुवैत के साथ अपने संबंधों को कूटनीति, व्यापार, ऊर्जा सहयोग और भारतीय प्रवासी समुदाय की भलाई के क्षेत्र में मजबूत किया है। ये बहुआयामी संबंध कुवैत को भारत के लिए खाड़ी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदार बना रहे हैं। जैसे-जैसे वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य विकसित होता है, भारत और कुवैत के रिश्ते और भी गहरे होते जाएंगे, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त प्रयासों को बढ़ावा दिया जाएगा।
Dec 28 2024, 09:49