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05 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर सतगावां में सेविका सहायिका यूनियन की बैठक
आंगनबाड़ी सेविका सहायिका का मानदेय बढ़ाने, सेवाशर्त नियमावली में संशोधन, हर साल मानदेय बढ़ाने की प्रक्रिया सरल करने और जिलों में तुरंत लागू करने, पारा शिक्षकों की तरह वेतनमान व अन्य सुविधाएं, रिटायर्मेंट के बाद सेविका को 10 लाख एवं सहायिका को 5 लाख एकमुश्त राशि देने एवं अंतिम मानदेय का 50 प्रतिशत पेंशन देने, वरियता के आधार पर सेविका को सुपरवाइजर के पद पर प्रमोशन देने, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ग्रेच्युटी का भुगतान करने, अंडा सहित पोषाहार राशि बाजार रेट के आधार पर देने सहित 8 सूत्री मांगों को लेकर झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संयुक्त मोर्चा के बैनर तले 05 अक्टूबर राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल की सफलता के लिए सेविका सहायिका की बैठक स्टेडियम मैदान सतगावां में लीला कुमारी की अध्यक्षता में हुई. संचालन सुरेन्द्र पाण्डेय ने किया. बैठक को संबोधित करते हुए सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने इस हड़ताल को सीटू की ओर से समर्थन करते हुए आह्वान किया कि कोडरमा जिला में 100 प्रतिशत आंगनबाड़ी बंद कर इस हड़ताल को ऐतिहासिक बनाएं. हड़ताल के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र की सेवा बंद रखने के साथ साथ टिकाकरण और BLO का काम सहित अन्य काम भी पूरी तरह से बंद रखें. सीटू के जिलाध्यक्ष प्रेम प्रकाश ने कहा कि संघर्ष से ही कुछ हासिल किया जा सकता है. इसलिए सेविका सहायिका एकजुट हों. बैठक में मीना देवी, सोनी कुमारी, गजाला प्रवीण, रूबी कुमारी, कनकलता, मुशरत जहां, पार्वती, सकीना खातुन, राजश्री, रीना, रेखा, उषा, मंजू, चिंता, किरण, सीमा, प्रतीमा, सुलेखा, गौरी, मुमताज बानो, रविन्द्र रजक, श्रवण कुमार शर्मा सहित दर्जनों सेविका सहायिका मौजूद थी.
ईरान के हमले से इजरायल को हुआ भारी नुकसान! एयरबेस तक पहुंची मिसाइलें, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

#iransballisticmissileattackonisraeldamagednevatimairbase

ईरान और इजराइल के बीच तनाव चरम पर है। ईरान ने मंगलवार को इजराइल पर लगभग 200 मिसाइलें दागीं। इनमें से कई को इजराइल की वायु रक्षा प्रणाली ने रोक लिया, कुछ समुद्र में गिरीं, तथा अन्य ने धरती में गड्ढे कर दिए। ईरान का कहना है कि उसकी 90 फीसदी मिसाइलों ने अपने टारगेट को हिट किया है। ईरान द्वारा किए गए हमले में दो इजरायली एयरबेस, एक स्कूल का मैदान और मोसाद मुख्यालय के संदिग्ध क्षेत्र के निकट स्थित दो स्थान शामिल हैं। इसमें इजरायल को सबसे ज्यादा नुकसान नेवातिम एयरबेस और तेल नॉफ एयरबेस पर हुआ। हालांकि, इजराइल ने दावा किया है कि उसके मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने हमलों को नाकाम कर दिया।

इजरायल के सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक है नेगेव रेगिस्तान में मौजूद नेवातिम एयर बेस। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों ने इस एयरबेस पर नुकसान पहुंचाया है। सैटेलाइट तस्वीरों में यह खुलासा हो रहा है। इन तस्वीरों को प्लैनेट लैब्स की सैटेलाइट ने लिया है। जिसे समाचार एजेंसी एपी ने जारी किया है।

हालांकि सैटेलाइट तस्वीरों से यह स्पष्ट नहीं है कि इजरायली स्टेल्थ फाइटर जेट को नुकसान पहुंचा है या नहीं। वो उस हैंगर में थे या नहीं जिसपर मिसाइल हमले से ज्यादा नुकसान हुआ है। लेकिन एयरबेस पर कई क्रेटर यानी गड्ढे बने दिख रहे हैं, जो मिसाइलों की टक्कर से बने हैं।

नुकसान के दावों से इजराइल का इनकार

वहीं, इजरायल इस दावे को नकार रहा है। इजरायली सेना ने कहा कि हमले हुए हैं। मिसाइलें गिरी हैं। लेकिन उनसे किसी फाइटर जेट, विमान, ड्रोन, हथियार या जरूरी ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचा है। मिसाइल हमले में ऑफिस बिल्डिंग और मेंटेनेंस एरिया क्षतिग्रस्त हुआ है।

इजरायल के लिए कितना अहम है नेवातिम एयरबेस

नेवातिम एयरबेस नेगेव रेगिस्तान में स्थित नेवातिम एयरबेस, जहां इजरायल के एफ-35 लड़ाकू विमान स्थित हैं, को अप्रैल में ईरान के ड्रोन और मिसाइल हमले का निशाना बनाया गया था, जो दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमले के जवाब में किया गया था। यह इजरायल के सबसे बड़े रनवे में से एक है और इसमें अलग-अलग लंबाई के तीन रनवे हैं। यहां स्टील्थ लड़ाकू विमान, परिवहन विमान, टैंकर विमान और इलेक्ट्रॉनिक टोही/निगरानी के लिए मशीनें, साथ ही विंग ऑफ जियोन भी तैनात थे. इस एयरबेस पर ईरान का हमला मतलब इजरायल के लिए गहरी चोट के बराबर है। थोड़ा सा भी नुकसान इजरायल के लिए काफी भारी पड़ सकता है।

नेवातिम एयरबेस का इजरायल का क्या है महत्व?

नेवातिम एयरबेस एयर फोर्स बेस 8 के नाम से भी जाना जाने वाला यह बेस इज़रायली एयर फ़ोर्स (आईएएफ) का सबसे पुराना और मुख्य बेस है जो इजरायल के रेहोवोट से 5 किमी दक्षिण में स्थित है। तेल नॉफ में दो स्ट्राइक फ़ाइटर, दो हेलिकॉप्टर और एक यूएवी स्क्वाड्रन है। बेस पर फ़्लाइट टेस्ट सेंटर मनात और इज़राइल डिफेंस फ़ोर्स (आईएएफ) की कई विशेष इकाइयां भी स्थित हैं, जिनमें यूनिट 669 (हेलीबोर्न कॉम्बैट सर्च एंड रेस्क्यू (सीएसएआर) और पैराट्रूपर्स ब्रिगेड प्रशिक्षण केंद्र और उसका मुख्यालय शामिल हैं।

तीसरे विश्व युद्ध हो रही शुरुआत, ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए हमले का क्या होगा असर ?

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PC: noticiasfinales

मंगलवार की रात को मध्य पूर्व में संघर्ष में तेज़ी से वृद्धि हुई, जब ईरान ने इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार की - जवाबी कार्रवाई में हिज़्बुल्लाह के उग्रवादी नेताओं की हत्या और लेबनान में हमले किए गए। इस हमले से पूरे इजरायल में अलार्म बज गया, जिससे नागरिकों को शरण लेनी पड़ी और सेना को अपनी वायु रक्षा प्रणाली वापस लेनी पड़ी।

हमले के बाद, इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई, और कहा कि वह "अपनी पसंद के समय और स्थान" पर जवाब देगा। हालांकि, ईरान ने चेतावनी दी कि अगर इजरायल ने हमले का जवाब दिया तो वह उसके खिलाफ "कुचलने वाले हमले" करेगा।

इसने दुनिया भर में तीसरे विश्व युद्ध की बड़ी आशंकाओं को जन्म दिया है।

भारत में इजरायली दूतावास के प्रवक्ता गाय निर के अनुसार, इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) वर्तमान में मिसाइल हमले का आकलन कर रहा है और तेहरान को उचित जवाब देने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने बताया कि अगर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई इजरायल के साथ पूर्ण पैमाने पर युद्ध शुरू करने की योजना बनाते हैं, तो यह "ईरान के लिए एक गलती" होगी। नीर ने उन अन्य देशों को भी आगाह किया जो ईरान के साथ मिलकर इजरायल पर हमला करने पर विचार कर सकते हैं, उनसे ऐसा न करने का आग्रह किया। उन्होंने NDTV से कहा, "परिणाम उनके लिए भी विनाशकारी होंगे।" यह ध्यान देने योग्य है कि संयुक्त राज्य अमेरिका, जो इजरायल का दीर्घकालिक सहयोगी रहा है, ने देश के लिए सैन्य सहायता का आदेश दिया। इसमें ऐसी प्रणालियाँ शामिल थीं जो निकट आ रही मिसाइलों को नष्ट करने में मदद करती थीं। 

मंगलवार को व्हाइट हाउस के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस मध्य पूर्व की स्थिति पर नज़र रख रहे थे। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, "राष्ट्रपति बिडेन ने अमेरिकी सेना को ईरानी हमलों के खिलाफ इजरायल की रक्षा में सहायता करने और इजरायल को निशाना बनाने वाली मिसाइलों को मार गिराने का निर्देश दिया।"

सोशल मीडिया पर तीसरे विश्व युद्ध के रुझान इस बीच, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'तीसरे विश्व युद्ध' के टैग और पोस्ट से भर गए क्योंकि दुनिया भर में डर बढ़ गया। एक एक्स यूजर ने लिखा, "इजराइल आयरन डोम ईरान की मिसाइलों को रोकने में विफल रहा, जो तेल अवीव पर हमला करती हैं। ऐसा लगता है कि तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो चुका है।" दूसरे ने कहा: "तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो चुका है।" एक यूजर ने कहा: "ट्विटर पर हर कोई समझ रहा है कि हम तीसरे विश्व युद्ध में शामिल होने वाले हैं, क्योंकि हमारी सरकार इजरायल को पूरे क्षेत्र में आतंक फैलाने देने में मिलीभगत कर रही है।" "अगर #ईरान सोचता है कि वह एक मिसाइल हमले से इजरायल को हरा सकता है, तो वह गलत है। वर्तमान में, #इजराइल एक बहुत बड़ी शक्ति है और अमेरिका उसके पीछे खड़ा है। ऐसा करके ईरान ने तीसरे विश्व युद्ध को आमंत्रित किया है। नेतन्याहू बहुत जल्द इसका जवाब देंगे, यह युद्ध मानव सभ्यता के लिए घातक होगा," एक नेटिजन ने कहा।

जंग के मुहाने पर खड़ा मिडिल ईस्ट, इजराइल-ईरान जंग में कौन देश किसके साथ?

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मध्यपूर्व में तनाव बढ़ा हुआ है।ईरान ने मंगलवार को इजरायल पर बड़ा हमला किया। ईरान ने इजरायल पर 180 से ज्यादा मिसाइलें दायर कीं। इस हमले को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान की बड़ी गलती बताया। उन्होंने कहा कि ईरान को इसकी कीमत चुकानी पड़े। इजरायली पीएम नेतन्याहू के इस बयान को ईरान के लिए खुली चेतावनी माना जा रहा है। ईरान के हमले के बाद मिडिल ईस्ट जंग के मुहाने पर आकर खड़ा हो गया।

मिडिल ईस्ट पिछले कई दशकों से अशांति की चपेट में रहा है। इस क्षेत्र में कई युद्ध और गृहयुद्ध हुए, जिसने क्षेत्र को एक नया आकार दिया। अक्टूबर 2023 में इजरायल और हमास के बीच जंग की शुरूआत हुई। इजराइल और हिज़्बुल्लाह के बीच जारी संघर्ष का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस जंग में हमास के कई प्रमुख नेताओं और हिज्बुल्लाह के प्रमुख समेत ईरान के सीनियर कमांडरों को अपने अंदर समा लिया। ऐसे में अब ईरान भी जंग में कूद पड़ा है और क्षेत्र भयानक जंग की कगार पर है।आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में हालात बिगड़ सकते हैं।

करीब दो महीने पहले हमास नेता इस्माइल हनिया की ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या हुई थी। जिसके बाद बीती 28 सितंबर को हिज़्बुल्लाह ने इसराइली हमले में अपने नेता हसन नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की थी, उसके बाद से मध्य-पूर्व में संघर्ष और गंभीर होता जा रहा है। इजराइल हिज़्बुल्लाह के ठिकानों पर लेबनान में हमले जारी रखे हुए है और अब उसने हिज़्बुल्लाह के ठिकानों पर ज़मीन से सैन्य कार्रवाई भी शुरू कर दी है। हनिया की मौत के बाद ईरान ने फौरन कोई सैन्य प्रतिक्रिया नहीं दी थी, लेकिन एक अक्तूबर के ईरान के मिसाइल हमलों ने मध्य-पूर्व के इस संघर्ष को बढ़ा दिया है। इस बढ़ते संघर्ष पर अरब मुल्क़ के साथ ही दुनियाभर के कई देश स्पष्ट तौर पर बँटे हुए नज़र आ रहे हैं

अब जबकि जंग एक नया रूप अख्तियार करने की राह पर है, सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर मिडिल ईस्ट की इस जंग में कौन, किसके साथ खड़ा है?

इजराइल के खिलाफ इस्लामिक देशों को एकजुट करने के लिए ईरान ने पहले ही इन मुल्कों से इसराइल से व्यापार खत्म करने की अपील की थी। दूसरी तरफ अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देश इसराइल के साथ खड़े हैं और इस युद्ध में उसकी मदद कर रहे हैं।

13 खाड़ी देश का रुख

मिडिल ईस्ट में कुल 18 देश हैं, इनमें से 13 अरब दुनिया का हिस्सा हैं। जानते हैं कि ईरान-इजरायल और लेबनान की जंग में इन 13 खाड़ी देश का रुख क्या है?

बहरीन: बहरीन ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि वह किस तरफ है। हालांकि इस देश के कुछ दल ईरान का समर्थन कर रहे हैं, इस देश ने 2020 से अपने संबध इजरायल से ठीक कर लिए थे।

ईरान: ईरान पूरी तरह से लेबनान के साथ खड़ा और हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह की मौत का बदले लेने के लिए इजरायल पर मंगलवार को 180 से ज्यादा मिसाइलें दागीं।

इराक: फिलहाल इस जंग से बाहर है, ईरान से इसकी दुश्मनी सभी जानते हैं, ईरान के इजरायल पर हमले का जश्न यहां भी लोगों ने मनाया।ईरानी समर्थित संगठनों ने इस हमले का समर्थन किया है। ईरान की मिसाइल सीरिया और इराक की हवाई सीमा को क्रॉस करके इजरायल में गिरीं।

फिलीस्तीन: 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमले किए थे। इसके बाद से इजरायल लगातार फिलिस्तीन और गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों को निशाना बना रहा है। हमास के समर्थन में ही लेबनानी संगठन हिजबुल्लाह इजरायल से जंग कर रहा है।

जॉर्डन: जॉर्डन ने खुद को इस जंग से अलग रखा हुआ है। जॉर्डन पीएम ने कहा है कि वो अपने देश को युद्ध का मैदान नहीं बनने देंगे। अरब मुल्क जॉर्डन की सीमा वेस्ट बैंक से मिलती है और यहां फिलिस्तीनी शरणार्थियों की बड़ी संख्या रहती है। इजराइल जब बना तो इस क्षेत्र की एक बड़ी आबादी भागकर जॉर्डन आ गई थी।

कुवैत: कुवैत ने कहा कि उसने अपने एयर स्पेस का इस्तेमाल करने की इजाजत यूएस को नहीं दी है। कुवैत ने यूएन में नेतनयाहू के भाषण का भी बहिष्कार किया था।

लेबनान: इजराइल से सीधी जंग लड़ रहा है।

ओमान: इजराइल का विरोध करता रहा है। इसकी दोस्ती ईरान से भी है और यूएस से भी। शांति की अपील कर रहा है।

कतर: नसरल्लाह की मौत पर खामोश हैं, अभी तक कोई बयान नहीं दिया गया। हालांकि इस देश ने अपने एयर स्पेस का इस्तेमाल करने की इजाजत यूएस को नहीं दी है।

सऊदी अरब: सऊदी अरब ने भी खुद को जंग से दूर रखा है. सऊदी द्वारा इजराइल की निंदा तो की गई, लेकिन अभी तक किसी के साथ खुलकर नहीं आया है. यूएन में नेतन्याहू के भाषण का भी बहिष्कार किया था.

सीरिया: इजराइल के खिलाफ रहा है, जंग लड़ता रहा है। इजरायल ने सीरिया में भी हमले किए हैं।

यूएई: नसरल्लाह की मौत पर खामोश है। कुछ भी नहीं बोल रहा है। इस देश ने 2020 से अपने संबध इजराइल से ठीक कर लिए थे।

यमन: इजरायल ने यमन में भी कई ठिकानों पर बमबारी की है।

अमेरिका और पश्चिमी देश

ये बात नई नहीं है कि फिलिस्तीन और इजराइल के संघर्ष में ज्यादातर पश्चिमी देशों का झुकाव इजराइल की तरफ रहा है। अब ईरान की बात करें तो इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान से पश्चिमी देशों ने दूरी बना ली है। अमेरिका के साथ साथ कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली आदि खुले तौर पर इजराइल के साथ हैं और अगर ईरान इजराइल पर हमला करता है, तो ये इजराइल को सैन्य मदद भी दे सकते हैं। अमेरिका और ब्रिटेन ने पहले ही अपनी मौजूदगी मध्य पूर्व में बढ़ा दी है।

चीन-रूस किस तरफ जाएंगे?

इस पूरे तनाव के बीच दुनिया की नजरें चीन और रूस पर बनी हुई है। पिछले कुछ सालों में ईरान की चीन और रूस के साथ करीबी बढ़ी है। रूस और चीन के इजराइल के साथ सामान्य रिश्ते हैं, लेकिन चीन गाजा युद्ध के दौरान इजराइल के हमलों की निंदा करता रहा है और कुछ खबरों के मुताबिक वे हमास के नेताओं से भी संपर्क में है।

क्या होगा भारत का रूख?

इजराइल-ईरान संघर्ष के बीच भारत ने दोनों देश में रह रहे पने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है। भारत इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण समझौते के पक्ष में रहा है। हालांकि भारत ने साल 1988 में फिलिस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। लेकिन हाल के वर्षों में मध्य-पूर्व के हालात पर भारत किसी एक पक्ष की तरफ स्पष्ट तौर पर झुका नज़र नहीं आता है। पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजराइल के ख़िलाफ लाए गए एक प्रस्ताव में एक साल के अंदर गाजा और वेस्ट बैंक में इजराइली कब्ज़े को ख़त्म करने की बात कही गई थी।

इजराइल के हमले में हसन नसरल्लाह के बाद दामाद हसन जाफर कासिर की मौत

इजरायल के हमले में लेबनान में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत हो गई थी। इस बीच खबर आई है कि हमले में कथित तौर पर हसन नसरल्लाह के दामाद हसन जाफर कासिर की मौत हो गई। 

स्काई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया के दमिश्क शहर के करीब हवाई हमले में उसके मारे जाने की संभावना है। हसन जाफर कासिर बुधवार को बेरूत में एक हवाई हमले में मारे गए मुहम्मद जाफर कासिर का भाई है। हसन की मौत हिजबुल्लाह के लिए एक और बड़ा झटका है। क्योंकि इजरायल के खिलाफ उसका नेतृत्व कमजोर हो रहा है।

कासिर बंधु 1982 के लेबनान युद्ध के बाद से आतंकवाद में गहराई से शामिल रहे हैं। अहमद कासिर अपनी कार में विस्फोटक भरकर एक इजरायली बेस में घुस गया था। इससे उसमें मौजूद विस्फोटक फट गया। लेबनान के इतिहास में यह पहला आत्मघाती हमला था। 

अहमद को हिजबुल्लाह के संस्थापकों में से एक इमाद मुगनिया की ओर से निर्देशित किया गया था। 2008 में दमिश्क में इसकी रहस्यमय तरीके से हत्या कर दी गई थी।

हिजबुल्लाह चीफ की बेटी से की शादी

हिजबुल्लाह के आधिकारिक समाचार बुलेटिन अल-अहद के मुताबिक, 'अहमद के हमले ने सभी शहीद अभियानों की शुरुआत को बढ़ाया। युवाओं के बीच प्रतिरोध की मशाल थी, जो अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए उत्सुक थे।' हिजबुल्लाह हर साल अहमद की मौत को शहीद दिवस के साथ मनाया जाता है। अहम के भाई मोहम्मद और हमास दोनों हिजबुल्लाह के रैंक में उभरे। मोहम्मद सीरिया से ईरानी हथियारों की डिलीवरी करवाता था। हसन ने हसन नसरल्लाह की बेटी से निकाह किया, जिससे ईरान और हिजबुल्लाह में उसके संबंध बढ़े।

अमेरिका ने घोषित किया था इनाम

मुहम्मद जाफर कासिर इतना कुख्यात था कि अमेरिका ने उसके मरने या पकड़वाने के लिए सूचना देने वाले को 10 मिलियन डॉलर के इनाम का ऐलान कर दिया। साल 2018 में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने उसे विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी घोषित किया। इसके मुताबिक अगर उसकी कोई भी संपत्ति अमेरिका में है तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।

'हवस का पुजारी क्यों, हवस का मौलवी क्यों नहीं', बाबा बागेश्वर बोले-समझो, मैंने क्यों कहा?


डेस्क : बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का बड़ा बयान, मैंने किसी मजहब के लिए ऐसा नहीं बोला कि हवस का पुजारी ही क्यों बोला जाता है, हवस का मौलवी क्यों नहीं। इस बयान पर किसी मौलवी के आपत्ति उठाये जाने पर पलटवार करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जो इसपर आपत्ति कर रहे हैं वो नालायक हैं, इनको कोई ज्ञान नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि सभी पुजारी गलत नहीं होते, फिर सभी को क्यों टारगेट किया जाता है।

धीरेंद्र शास्त्री ने आतंकवादी संगठनो पर इजरायल की कारवाई पर कहा कि यही तो गलत है, हम जोड़ने वालों की बात करते हैं तो वह तोड़ने की बात करते हैं ,वहीं उन्होने नवरात्रि पर देवी आराधना पर कहा कि जब तक हम यह प्रण नहीं ले लेते कि हम बहू-बेटियों के ऊपर उठने वाली उंगली को तोड़ नहीं देते, तब तक देवी की आराधना का कोई औचित्य नहीं है।

बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सवाल उठाया था कि क्यों सिर्फ हवस के पुजारी शब्द का इस्तेमाल किया जाता है, हवस के मौलवी नहीं। उन्होंने कहा मुस्लिम मौलवियों की कभी बेइज्जती नहीं करते, लेकिन हिंदुओं के दिमाग में प्रायोजित तरीके से ऐसे शब्द भरे गए हैं, जैसे-हवस का पुजारी।

धीरेंद्र शास्त्री के इस विवादित बयान पर हल्ला मच गया और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने आपत्ति जाहिर की। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के मौलाना शहाबुद्दीन ने बाबा बागेश्वर के बयान को नफरती बयान बताया है।मौलाना शहाबुद्दीन ने  कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हमेशा आपत्तिजनक बातें करते हैं, यह उनके नजरिए और उनकी सोच को दर्शाता है। धार्मिक व्यक्ति होकर भी वह इस तरह की उल-जुलूल बातें करते रहते हैं, उनको ऐसे बयान देने में शर्म आनी चाहिए।

जब आप धर्म प्रचारक हैं तो आपको हमेशा अच्छी बात कहनी चाहिए, ऐसी बात कहनी चाहिए जो लोगों के लिए सबक हो। लेकिन ये तो हमेशा ऐसी बात करते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं। ऐसे बयान देकर तो उन्होंने सभी धर्म के प्रचारकों को, चाहें वो हिंदू हों या मुसलमान, कटघरे में खड़ा कर दिया है।
मंत्री ने श्रमिकों के पंजीयन एवं रोजगार मेले के कार्यक्रम का किया शुभारम्भ

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। श्रम एवं सेवायोजन, समन्वय विभाग, उत्तर प्रदेश अनिल राजभर के द्वारा आशीर्वाद पैलेस, झूॅसी, प्रयागराज में श्रम विभाग की योजनाओं एवं लाभ वितरण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया तथा जनपद प्रयागराज में महाकुम्भ, 2025 में नियोजित 25000 (अनुमानित) श्रमिकों के पंजीयन कार्यक्रम एवं रोजगार मेले के आयोजन कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।

कार्यक्रम में प्रवीण पटेल, सांसद फूलपुर, कविता पटेल, जिलाध्यक्ष, गंगापार, प्रयागराज, राजेश मिश्रा, उप श्रमायुक्त क्षेत्र, राजीव यादव, सहायक निदेशक सेवायोजन, प्रयागराज, डॉ0 संजय कुमार लाल, सहायक श्रमायुक्त, प्रयागराज, सुरेश चन्द्रा, प्रधानाचार्य, अटल आवासीय विद्यालय, प्रयागराज, श्रम प्रवर्तन अधिकारी एवं अटल आवासीय विद्यालय के षिक्षकगण, छात्र/छात्राएं एवं उनके अभिभावक तथा निर्माण श्रमिक एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। रोजगार मेला कार्यक्रम में लगभग 400 अभ्यर्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। मंच का संचालन श्री चक्रधर दूबे, शिक्षक, अटल आवासीय विद्यालय द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के दौरान राजेश मिश्रा, उप श्रमायुक्त, प्रयागराज द्वारा अवगत कराया गया कि श्रम विभाग द्वारा संचालित अटल आवासीय विद्यालय में निर्माण श्रमिकों के बच्चों की गुणवत्तापूर्ण नि:शुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान की जा रही है तथा श्रम विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं मे श्रमिकों को दिये जा रहे हितलाभ, निर्माण श्रमिकों को रोजगार के उद्देश्य से इजरायल भेजे जाने एवं कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम के अन्तर्गत नियोजन के दौरान दुर्घटना में हुयी मृत्यु/दिव्यांगता की स्थिति में क्षतिपूर्ति प्रदान किये जाने के संबंध में विस्तार से अवगत कराया गया।

मासूम से अश्लीलता: पुलिस ने क्यों साधी चुप्पी, स्कूल के खिलाफ तीसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। बेटियों की सुरक्षा का दावा करने वाली सरकार और उसके नुमाइंदे इसे कितना गम्भीरता से ले रहे हैं, यह गाजियाबाद में 5 वर्षीय मासूम छात्रा से अश्लीलता के मामले में साफ दिखाई दे रहा है। पुलिस इस मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने में असहाय दिखाई दे रही है। कैब ड्राइवर व दो आया को पुलिस ने गिरफ्तार करने में जितनी तत्परता दिखाई उतनी ही हीलाहवाली पुलिस आरोपी प्रिंसिपल, ट्रांसपोर्ट सुपरवाइजर व कोर्डिनेटर को गिरफ्तार करने में बरत रही है। परिजनों का आरोप है कि प्रिंसिपल और अन्य आरोपियों को पुलिस उनके रसूख का फायदा पहुंचाने में जुटी हुई है। वहीं परिजनों ने बताया कि तीन दिन से यह धरना जारी है लेकिन सरकार का कोई नुमाइंदा या प्रशासन की ओर से किसी वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले में उनकी सुध तक नहीं ली है। वहीं जैसे जैसे अभिभावकों को इस घटना और धरने के बारे में जानकारी मिल रही है लोग बच्ची को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर धरनास्थल पर ही पहुंच रहे हैं। वहीं परिजनों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक यह धरना चलता रहेगा। हालांकि जानकारी मिली है कि अभिभावकों पर धरना खत्म करने का दबाव भी बनाया जा रहा है। लेकिन शासन प्रशासन की इस उदासीनता के चलते उत्तर प्रदेश में बच्चियां और उनका भविष्य कितना सुरक्षित है ये एक महत्वपूर्ण सवाल बन गया है।
इजरायल ने यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस पर लगाया बैन, कहा- संयुक्त राष्ट्र के लिए धब्बा*
#israel_bans_un_secretary_general_antonio_guterres
इजराइल हमास युद्ध के बीच इजरायल और ईरान के बीच सीधी जंग छिड़ गई है। लेबनान पर हिजबुल्लाह के ठिकानों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद ईरान ने इजराइल पर हमला बोल दिया। ईरान की ओर से हमले के बाद इजराइल ने यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस के इजराइल आने पर रोक लगा दी है। इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपने देश में बैन लगा दिया है। इस बैन के बाद संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस अब इजरायल की यात्रा नहीं कर पाएंगे। बता दें कि, मंगलवार रात ईरान ने इजराइल पर 200 के करीब बैलिस्टिक मिसाइल दागी थीं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इजराइल के विदेश मंत्री ने कहा कि यूएन चीफ ने ईरान के हमलों की निंदा नहीं की, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। इजरायल के विदेश मंत्री कैट्ज ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को इजरायल में प्रवेश करने से रोक दिया है। विदेश मंत्री काट्ज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को इजरायल के भीतर एक अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है। साथ ही देश में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कैट्ज ने कहा कि जो व्यक्ति इजरायल पर ईरान के आपराधिक हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करने में असमर्थ है, वह इजरायल की धरती पर पैर रखने के लायक नहीं है। यह इजरायल से नफरत करने वाला महासचिव है, जो आतंकवादियों, बलात्कारियों और हत्यारों को समर्थन देता है। गुटेरेस को संयुक्त राष्ट्र के इतिहास पर एक दाग के रूप में याद किया जाएगा। इजरायल की तरफ से यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है, जब ईरान ने इजरायल पर भारी संख्या में मिसाइल हमला किया है। यही नहीं, संयुक्त राष्ट्र हमेशा फिलिस्तीनियों के हित की बात करता है रहा है। इसके साथ ही इजरायल पर उनको मानवीय मदद पहुंचाने को लेकर दबाव बनाता रहा है। ईरानी की तरफ से किए गए हमले के बाद इजरायल का समर्थन नहीं करने पर इजरायल ने एंटोनियो गुटेरेस पर बैन लगा दिया है।
इजरायल ने दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के हेड क्वॉर्टर समेत 150 ठिकानों को उड़ाया, कई आतंकी ढेर


डेस्क : इजरायली सेना ने दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर बड़ा भीषण हवाई हमला किया है। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के लक्षित हवाई हमलों में हिज़्बुल्लाह के मुख्यालय, हथियार भंडारण सुविधाओं और रॉकेट लॉन्चरों सहित 150 से अधिक आतंकवादी बुनियादी ढांचे ध्वस्त हो गए हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में आतंकवादी भी मारे गए हैं। हालांकि अभी इनकी संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इजरायल ने हिजबुल्लाह पर आज यह हमला 1 अक्टूबर को तेल अवीव पर ईरान के हमले के बाद किया है। इजरायल ने अभी ईरान पर भी जवाबी हमले करने की कसम खाई है।

इजरायली सेना ने कहा कि आईएएफ के सहयोग से हमारे सैनिकों ने सटीक-निर्देशित युद्ध-सामग्रियों और गतिविधियों के माध्यम से सीमा के करीब आतंकवादियों का सफाया कर दिया है और हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है। इजरायली सेना ने कहा कि हिजबुल्लाह के हेडक्वॉर्टर समेत उसके अन्य बुनियादी ढांचों को नष्ट कर दिया गया है।

इसमें हिजबुल्लाह के रॉकेट लॉन्चर, विस्फोटक भंडार और अतिरिक्त सैन्य उपकरण शामिल हैं, जिन्हें इजरायली सेना ने ढूंढकर नष्ट कर दिया। इजरायली सेना ईरान के हमले के बावजूद लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले करना जारी रखा है। इजरायल की थल सेना भी जमीनी अभियान चला रही है, जिसमें हिजबुल्लाह आतंकियों को ढूंढ़-ढूंढ़कर मारा जा रहा है।
05 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर सतगावां में सेविका सहायिका यूनियन की बैठक
आंगनबाड़ी सेविका सहायिका का मानदेय बढ़ाने, सेवाशर्त नियमावली में संशोधन, हर साल मानदेय बढ़ाने की प्रक्रिया सरल करने और जिलों में तुरंत लागू करने, पारा शिक्षकों की तरह वेतनमान व अन्य सुविधाएं, रिटायर्मेंट के बाद सेविका को 10 लाख एवं सहायिका को 5 लाख एकमुश्त राशि देने एवं अंतिम मानदेय का 50 प्रतिशत पेंशन देने, वरियता के आधार पर सेविका को सुपरवाइजर के पद पर प्रमोशन देने, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ग्रेच्युटी का भुगतान करने, अंडा सहित पोषाहार राशि बाजार रेट के आधार पर देने सहित 8 सूत्री मांगों को लेकर झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संयुक्त मोर्चा के बैनर तले 05 अक्टूबर राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल की सफलता के लिए सेविका सहायिका की बैठक स्टेडियम मैदान सतगावां में लीला कुमारी की अध्यक्षता में हुई. संचालन सुरेन्द्र पाण्डेय ने किया. बैठक को संबोधित करते हुए सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने इस हड़ताल को सीटू की ओर से समर्थन करते हुए आह्वान किया कि कोडरमा जिला में 100 प्रतिशत आंगनबाड़ी बंद कर इस हड़ताल को ऐतिहासिक बनाएं. हड़ताल के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र की सेवा बंद रखने के साथ साथ टिकाकरण और BLO का काम सहित अन्य काम भी पूरी तरह से बंद रखें. सीटू के जिलाध्यक्ष प्रेम प्रकाश ने कहा कि संघर्ष से ही कुछ हासिल किया जा सकता है. इसलिए सेविका सहायिका एकजुट हों. बैठक में मीना देवी, सोनी कुमारी, गजाला प्रवीण, रूबी कुमारी, कनकलता, मुशरत जहां, पार्वती, सकीना खातुन, राजश्री, रीना, रेखा, उषा, मंजू, चिंता, किरण, सीमा, प्रतीमा, सुलेखा, गौरी, मुमताज बानो, रविन्द्र रजक, श्रवण कुमार शर्मा सहित दर्जनों सेविका सहायिका मौजूद थी.
ईरान के हमले से इजरायल को हुआ भारी नुकसान! एयरबेस तक पहुंची मिसाइलें, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

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ईरान और इजराइल के बीच तनाव चरम पर है। ईरान ने मंगलवार को इजराइल पर लगभग 200 मिसाइलें दागीं। इनमें से कई को इजराइल की वायु रक्षा प्रणाली ने रोक लिया, कुछ समुद्र में गिरीं, तथा अन्य ने धरती में गड्ढे कर दिए। ईरान का कहना है कि उसकी 90 फीसदी मिसाइलों ने अपने टारगेट को हिट किया है। ईरान द्वारा किए गए हमले में दो इजरायली एयरबेस, एक स्कूल का मैदान और मोसाद मुख्यालय के संदिग्ध क्षेत्र के निकट स्थित दो स्थान शामिल हैं। इसमें इजरायल को सबसे ज्यादा नुकसान नेवातिम एयरबेस और तेल नॉफ एयरबेस पर हुआ। हालांकि, इजराइल ने दावा किया है कि उसके मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने हमलों को नाकाम कर दिया।

इजरायल के सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक है नेगेव रेगिस्तान में मौजूद नेवातिम एयर बेस। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों ने इस एयरबेस पर नुकसान पहुंचाया है। सैटेलाइट तस्वीरों में यह खुलासा हो रहा है। इन तस्वीरों को प्लैनेट लैब्स की सैटेलाइट ने लिया है। जिसे समाचार एजेंसी एपी ने जारी किया है।

हालांकि सैटेलाइट तस्वीरों से यह स्पष्ट नहीं है कि इजरायली स्टेल्थ फाइटर जेट को नुकसान पहुंचा है या नहीं। वो उस हैंगर में थे या नहीं जिसपर मिसाइल हमले से ज्यादा नुकसान हुआ है। लेकिन एयरबेस पर कई क्रेटर यानी गड्ढे बने दिख रहे हैं, जो मिसाइलों की टक्कर से बने हैं।

नुकसान के दावों से इजराइल का इनकार

वहीं, इजरायल इस दावे को नकार रहा है। इजरायली सेना ने कहा कि हमले हुए हैं। मिसाइलें गिरी हैं। लेकिन उनसे किसी फाइटर जेट, विमान, ड्रोन, हथियार या जरूरी ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचा है। मिसाइल हमले में ऑफिस बिल्डिंग और मेंटेनेंस एरिया क्षतिग्रस्त हुआ है।

इजरायल के लिए कितना अहम है नेवातिम एयरबेस

नेवातिम एयरबेस नेगेव रेगिस्तान में स्थित नेवातिम एयरबेस, जहां इजरायल के एफ-35 लड़ाकू विमान स्थित हैं, को अप्रैल में ईरान के ड्रोन और मिसाइल हमले का निशाना बनाया गया था, जो दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमले के जवाब में किया गया था। यह इजरायल के सबसे बड़े रनवे में से एक है और इसमें अलग-अलग लंबाई के तीन रनवे हैं। यहां स्टील्थ लड़ाकू विमान, परिवहन विमान, टैंकर विमान और इलेक्ट्रॉनिक टोही/निगरानी के लिए मशीनें, साथ ही विंग ऑफ जियोन भी तैनात थे. इस एयरबेस पर ईरान का हमला मतलब इजरायल के लिए गहरी चोट के बराबर है। थोड़ा सा भी नुकसान इजरायल के लिए काफी भारी पड़ सकता है।

नेवातिम एयरबेस का इजरायल का क्या है महत्व?

नेवातिम एयरबेस एयर फोर्स बेस 8 के नाम से भी जाना जाने वाला यह बेस इज़रायली एयर फ़ोर्स (आईएएफ) का सबसे पुराना और मुख्य बेस है जो इजरायल के रेहोवोट से 5 किमी दक्षिण में स्थित है। तेल नॉफ में दो स्ट्राइक फ़ाइटर, दो हेलिकॉप्टर और एक यूएवी स्क्वाड्रन है। बेस पर फ़्लाइट टेस्ट सेंटर मनात और इज़राइल डिफेंस फ़ोर्स (आईएएफ) की कई विशेष इकाइयां भी स्थित हैं, जिनमें यूनिट 669 (हेलीबोर्न कॉम्बैट सर्च एंड रेस्क्यू (सीएसएआर) और पैराट्रूपर्स ब्रिगेड प्रशिक्षण केंद्र और उसका मुख्यालय शामिल हैं।

तीसरे विश्व युद्ध हो रही शुरुआत, ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए हमले का क्या होगा असर ?

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PC: noticiasfinales

मंगलवार की रात को मध्य पूर्व में संघर्ष में तेज़ी से वृद्धि हुई, जब ईरान ने इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार की - जवाबी कार्रवाई में हिज़्बुल्लाह के उग्रवादी नेताओं की हत्या और लेबनान में हमले किए गए। इस हमले से पूरे इजरायल में अलार्म बज गया, जिससे नागरिकों को शरण लेनी पड़ी और सेना को अपनी वायु रक्षा प्रणाली वापस लेनी पड़ी।

हमले के बाद, इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई, और कहा कि वह "अपनी पसंद के समय और स्थान" पर जवाब देगा। हालांकि, ईरान ने चेतावनी दी कि अगर इजरायल ने हमले का जवाब दिया तो वह उसके खिलाफ "कुचलने वाले हमले" करेगा।

इसने दुनिया भर में तीसरे विश्व युद्ध की बड़ी आशंकाओं को जन्म दिया है।

भारत में इजरायली दूतावास के प्रवक्ता गाय निर के अनुसार, इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) वर्तमान में मिसाइल हमले का आकलन कर रहा है और तेहरान को उचित जवाब देने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने बताया कि अगर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई इजरायल के साथ पूर्ण पैमाने पर युद्ध शुरू करने की योजना बनाते हैं, तो यह "ईरान के लिए एक गलती" होगी। नीर ने उन अन्य देशों को भी आगाह किया जो ईरान के साथ मिलकर इजरायल पर हमला करने पर विचार कर सकते हैं, उनसे ऐसा न करने का आग्रह किया। उन्होंने NDTV से कहा, "परिणाम उनके लिए भी विनाशकारी होंगे।" यह ध्यान देने योग्य है कि संयुक्त राज्य अमेरिका, जो इजरायल का दीर्घकालिक सहयोगी रहा है, ने देश के लिए सैन्य सहायता का आदेश दिया। इसमें ऐसी प्रणालियाँ शामिल थीं जो निकट आ रही मिसाइलों को नष्ट करने में मदद करती थीं। 

मंगलवार को व्हाइट हाउस के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस मध्य पूर्व की स्थिति पर नज़र रख रहे थे। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, "राष्ट्रपति बिडेन ने अमेरिकी सेना को ईरानी हमलों के खिलाफ इजरायल की रक्षा में सहायता करने और इजरायल को निशाना बनाने वाली मिसाइलों को मार गिराने का निर्देश दिया।"

सोशल मीडिया पर तीसरे विश्व युद्ध के रुझान इस बीच, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'तीसरे विश्व युद्ध' के टैग और पोस्ट से भर गए क्योंकि दुनिया भर में डर बढ़ गया। एक एक्स यूजर ने लिखा, "इजराइल आयरन डोम ईरान की मिसाइलों को रोकने में विफल रहा, जो तेल अवीव पर हमला करती हैं। ऐसा लगता है कि तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो चुका है।" दूसरे ने कहा: "तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो चुका है।" एक यूजर ने कहा: "ट्विटर पर हर कोई समझ रहा है कि हम तीसरे विश्व युद्ध में शामिल होने वाले हैं, क्योंकि हमारी सरकार इजरायल को पूरे क्षेत्र में आतंक फैलाने देने में मिलीभगत कर रही है।" "अगर #ईरान सोचता है कि वह एक मिसाइल हमले से इजरायल को हरा सकता है, तो वह गलत है। वर्तमान में, #इजराइल एक बहुत बड़ी शक्ति है और अमेरिका उसके पीछे खड़ा है। ऐसा करके ईरान ने तीसरे विश्व युद्ध को आमंत्रित किया है। नेतन्याहू बहुत जल्द इसका जवाब देंगे, यह युद्ध मानव सभ्यता के लिए घातक होगा," एक नेटिजन ने कहा।

जंग के मुहाने पर खड़ा मिडिल ईस्ट, इजराइल-ईरान जंग में कौन देश किसके साथ?

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मध्यपूर्व में तनाव बढ़ा हुआ है।ईरान ने मंगलवार को इजरायल पर बड़ा हमला किया। ईरान ने इजरायल पर 180 से ज्यादा मिसाइलें दायर कीं। इस हमले को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान की बड़ी गलती बताया। उन्होंने कहा कि ईरान को इसकी कीमत चुकानी पड़े। इजरायली पीएम नेतन्याहू के इस बयान को ईरान के लिए खुली चेतावनी माना जा रहा है। ईरान के हमले के बाद मिडिल ईस्ट जंग के मुहाने पर आकर खड़ा हो गया।

मिडिल ईस्ट पिछले कई दशकों से अशांति की चपेट में रहा है। इस क्षेत्र में कई युद्ध और गृहयुद्ध हुए, जिसने क्षेत्र को एक नया आकार दिया। अक्टूबर 2023 में इजरायल और हमास के बीच जंग की शुरूआत हुई। इजराइल और हिज़्बुल्लाह के बीच जारी संघर्ष का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस जंग में हमास के कई प्रमुख नेताओं और हिज्बुल्लाह के प्रमुख समेत ईरान के सीनियर कमांडरों को अपने अंदर समा लिया। ऐसे में अब ईरान भी जंग में कूद पड़ा है और क्षेत्र भयानक जंग की कगार पर है।आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में हालात बिगड़ सकते हैं।

करीब दो महीने पहले हमास नेता इस्माइल हनिया की ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या हुई थी। जिसके बाद बीती 28 सितंबर को हिज़्बुल्लाह ने इसराइली हमले में अपने नेता हसन नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की थी, उसके बाद से मध्य-पूर्व में संघर्ष और गंभीर होता जा रहा है। इजराइल हिज़्बुल्लाह के ठिकानों पर लेबनान में हमले जारी रखे हुए है और अब उसने हिज़्बुल्लाह के ठिकानों पर ज़मीन से सैन्य कार्रवाई भी शुरू कर दी है। हनिया की मौत के बाद ईरान ने फौरन कोई सैन्य प्रतिक्रिया नहीं दी थी, लेकिन एक अक्तूबर के ईरान के मिसाइल हमलों ने मध्य-पूर्व के इस संघर्ष को बढ़ा दिया है। इस बढ़ते संघर्ष पर अरब मुल्क़ के साथ ही दुनियाभर के कई देश स्पष्ट तौर पर बँटे हुए नज़र आ रहे हैं

अब जबकि जंग एक नया रूप अख्तियार करने की राह पर है, सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर मिडिल ईस्ट की इस जंग में कौन, किसके साथ खड़ा है?

इजराइल के खिलाफ इस्लामिक देशों को एकजुट करने के लिए ईरान ने पहले ही इन मुल्कों से इसराइल से व्यापार खत्म करने की अपील की थी। दूसरी तरफ अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देश इसराइल के साथ खड़े हैं और इस युद्ध में उसकी मदद कर रहे हैं।

13 खाड़ी देश का रुख

मिडिल ईस्ट में कुल 18 देश हैं, इनमें से 13 अरब दुनिया का हिस्सा हैं। जानते हैं कि ईरान-इजरायल और लेबनान की जंग में इन 13 खाड़ी देश का रुख क्या है?

बहरीन: बहरीन ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि वह किस तरफ है। हालांकि इस देश के कुछ दल ईरान का समर्थन कर रहे हैं, इस देश ने 2020 से अपने संबध इजरायल से ठीक कर लिए थे।

ईरान: ईरान पूरी तरह से लेबनान के साथ खड़ा और हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह की मौत का बदले लेने के लिए इजरायल पर मंगलवार को 180 से ज्यादा मिसाइलें दागीं।

इराक: फिलहाल इस जंग से बाहर है, ईरान से इसकी दुश्मनी सभी जानते हैं, ईरान के इजरायल पर हमले का जश्न यहां भी लोगों ने मनाया।ईरानी समर्थित संगठनों ने इस हमले का समर्थन किया है। ईरान की मिसाइल सीरिया और इराक की हवाई सीमा को क्रॉस करके इजरायल में गिरीं।

फिलीस्तीन: 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमले किए थे। इसके बाद से इजरायल लगातार फिलिस्तीन और गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों को निशाना बना रहा है। हमास के समर्थन में ही लेबनानी संगठन हिजबुल्लाह इजरायल से जंग कर रहा है।

जॉर्डन: जॉर्डन ने खुद को इस जंग से अलग रखा हुआ है। जॉर्डन पीएम ने कहा है कि वो अपने देश को युद्ध का मैदान नहीं बनने देंगे। अरब मुल्क जॉर्डन की सीमा वेस्ट बैंक से मिलती है और यहां फिलिस्तीनी शरणार्थियों की बड़ी संख्या रहती है। इजराइल जब बना तो इस क्षेत्र की एक बड़ी आबादी भागकर जॉर्डन आ गई थी।

कुवैत: कुवैत ने कहा कि उसने अपने एयर स्पेस का इस्तेमाल करने की इजाजत यूएस को नहीं दी है। कुवैत ने यूएन में नेतनयाहू के भाषण का भी बहिष्कार किया था।

लेबनान: इजराइल से सीधी जंग लड़ रहा है।

ओमान: इजराइल का विरोध करता रहा है। इसकी दोस्ती ईरान से भी है और यूएस से भी। शांति की अपील कर रहा है।

कतर: नसरल्लाह की मौत पर खामोश हैं, अभी तक कोई बयान नहीं दिया गया। हालांकि इस देश ने अपने एयर स्पेस का इस्तेमाल करने की इजाजत यूएस को नहीं दी है।

सऊदी अरब: सऊदी अरब ने भी खुद को जंग से दूर रखा है. सऊदी द्वारा इजराइल की निंदा तो की गई, लेकिन अभी तक किसी के साथ खुलकर नहीं आया है. यूएन में नेतन्याहू के भाषण का भी बहिष्कार किया था.

सीरिया: इजराइल के खिलाफ रहा है, जंग लड़ता रहा है। इजरायल ने सीरिया में भी हमले किए हैं।

यूएई: नसरल्लाह की मौत पर खामोश है। कुछ भी नहीं बोल रहा है। इस देश ने 2020 से अपने संबध इजराइल से ठीक कर लिए थे।

यमन: इजरायल ने यमन में भी कई ठिकानों पर बमबारी की है।

अमेरिका और पश्चिमी देश

ये बात नई नहीं है कि फिलिस्तीन और इजराइल के संघर्ष में ज्यादातर पश्चिमी देशों का झुकाव इजराइल की तरफ रहा है। अब ईरान की बात करें तो इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान से पश्चिमी देशों ने दूरी बना ली है। अमेरिका के साथ साथ कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली आदि खुले तौर पर इजराइल के साथ हैं और अगर ईरान इजराइल पर हमला करता है, तो ये इजराइल को सैन्य मदद भी दे सकते हैं। अमेरिका और ब्रिटेन ने पहले ही अपनी मौजूदगी मध्य पूर्व में बढ़ा दी है।

चीन-रूस किस तरफ जाएंगे?

इस पूरे तनाव के बीच दुनिया की नजरें चीन और रूस पर बनी हुई है। पिछले कुछ सालों में ईरान की चीन और रूस के साथ करीबी बढ़ी है। रूस और चीन के इजराइल के साथ सामान्य रिश्ते हैं, लेकिन चीन गाजा युद्ध के दौरान इजराइल के हमलों की निंदा करता रहा है और कुछ खबरों के मुताबिक वे हमास के नेताओं से भी संपर्क में है।

क्या होगा भारत का रूख?

इजराइल-ईरान संघर्ष के बीच भारत ने दोनों देश में रह रहे पने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है। भारत इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण समझौते के पक्ष में रहा है। हालांकि भारत ने साल 1988 में फिलिस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। लेकिन हाल के वर्षों में मध्य-पूर्व के हालात पर भारत किसी एक पक्ष की तरफ स्पष्ट तौर पर झुका नज़र नहीं आता है। पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजराइल के ख़िलाफ लाए गए एक प्रस्ताव में एक साल के अंदर गाजा और वेस्ट बैंक में इजराइली कब्ज़े को ख़त्म करने की बात कही गई थी।

इजराइल के हमले में हसन नसरल्लाह के बाद दामाद हसन जाफर कासिर की मौत

इजरायल के हमले में लेबनान में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत हो गई थी। इस बीच खबर आई है कि हमले में कथित तौर पर हसन नसरल्लाह के दामाद हसन जाफर कासिर की मौत हो गई। 

स्काई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया के दमिश्क शहर के करीब हवाई हमले में उसके मारे जाने की संभावना है। हसन जाफर कासिर बुधवार को बेरूत में एक हवाई हमले में मारे गए मुहम्मद जाफर कासिर का भाई है। हसन की मौत हिजबुल्लाह के लिए एक और बड़ा झटका है। क्योंकि इजरायल के खिलाफ उसका नेतृत्व कमजोर हो रहा है।

कासिर बंधु 1982 के लेबनान युद्ध के बाद से आतंकवाद में गहराई से शामिल रहे हैं। अहमद कासिर अपनी कार में विस्फोटक भरकर एक इजरायली बेस में घुस गया था। इससे उसमें मौजूद विस्फोटक फट गया। लेबनान के इतिहास में यह पहला आत्मघाती हमला था। 

अहमद को हिजबुल्लाह के संस्थापकों में से एक इमाद मुगनिया की ओर से निर्देशित किया गया था। 2008 में दमिश्क में इसकी रहस्यमय तरीके से हत्या कर दी गई थी।

हिजबुल्लाह चीफ की बेटी से की शादी

हिजबुल्लाह के आधिकारिक समाचार बुलेटिन अल-अहद के मुताबिक, 'अहमद के हमले ने सभी शहीद अभियानों की शुरुआत को बढ़ाया। युवाओं के बीच प्रतिरोध की मशाल थी, जो अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए उत्सुक थे।' हिजबुल्लाह हर साल अहमद की मौत को शहीद दिवस के साथ मनाया जाता है। अहम के भाई मोहम्मद और हमास दोनों हिजबुल्लाह के रैंक में उभरे। मोहम्मद सीरिया से ईरानी हथियारों की डिलीवरी करवाता था। हसन ने हसन नसरल्लाह की बेटी से निकाह किया, जिससे ईरान और हिजबुल्लाह में उसके संबंध बढ़े।

अमेरिका ने घोषित किया था इनाम

मुहम्मद जाफर कासिर इतना कुख्यात था कि अमेरिका ने उसके मरने या पकड़वाने के लिए सूचना देने वाले को 10 मिलियन डॉलर के इनाम का ऐलान कर दिया। साल 2018 में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने उसे विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी घोषित किया। इसके मुताबिक अगर उसकी कोई भी संपत्ति अमेरिका में है तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।

'हवस का पुजारी क्यों, हवस का मौलवी क्यों नहीं', बाबा बागेश्वर बोले-समझो, मैंने क्यों कहा?


डेस्क : बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का बड़ा बयान, मैंने किसी मजहब के लिए ऐसा नहीं बोला कि हवस का पुजारी ही क्यों बोला जाता है, हवस का मौलवी क्यों नहीं। इस बयान पर किसी मौलवी के आपत्ति उठाये जाने पर पलटवार करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जो इसपर आपत्ति कर रहे हैं वो नालायक हैं, इनको कोई ज्ञान नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि सभी पुजारी गलत नहीं होते, फिर सभी को क्यों टारगेट किया जाता है।

धीरेंद्र शास्त्री ने आतंकवादी संगठनो पर इजरायल की कारवाई पर कहा कि यही तो गलत है, हम जोड़ने वालों की बात करते हैं तो वह तोड़ने की बात करते हैं ,वहीं उन्होने नवरात्रि पर देवी आराधना पर कहा कि जब तक हम यह प्रण नहीं ले लेते कि हम बहू-बेटियों के ऊपर उठने वाली उंगली को तोड़ नहीं देते, तब तक देवी की आराधना का कोई औचित्य नहीं है।

बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सवाल उठाया था कि क्यों सिर्फ हवस के पुजारी शब्द का इस्तेमाल किया जाता है, हवस के मौलवी नहीं। उन्होंने कहा मुस्लिम मौलवियों की कभी बेइज्जती नहीं करते, लेकिन हिंदुओं के दिमाग में प्रायोजित तरीके से ऐसे शब्द भरे गए हैं, जैसे-हवस का पुजारी।

धीरेंद्र शास्त्री के इस विवादित बयान पर हल्ला मच गया और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने आपत्ति जाहिर की। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के मौलाना शहाबुद्दीन ने बाबा बागेश्वर के बयान को नफरती बयान बताया है।मौलाना शहाबुद्दीन ने  कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हमेशा आपत्तिजनक बातें करते हैं, यह उनके नजरिए और उनकी सोच को दर्शाता है। धार्मिक व्यक्ति होकर भी वह इस तरह की उल-जुलूल बातें करते रहते हैं, उनको ऐसे बयान देने में शर्म आनी चाहिए।

जब आप धर्म प्रचारक हैं तो आपको हमेशा अच्छी बात कहनी चाहिए, ऐसी बात कहनी चाहिए जो लोगों के लिए सबक हो। लेकिन ये तो हमेशा ऐसी बात करते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं। ऐसे बयान देकर तो उन्होंने सभी धर्म के प्रचारकों को, चाहें वो हिंदू हों या मुसलमान, कटघरे में खड़ा कर दिया है।
मंत्री ने श्रमिकों के पंजीयन एवं रोजगार मेले के कार्यक्रम का किया शुभारम्भ

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। श्रम एवं सेवायोजन, समन्वय विभाग, उत्तर प्रदेश अनिल राजभर के द्वारा आशीर्वाद पैलेस, झूॅसी, प्रयागराज में श्रम विभाग की योजनाओं एवं लाभ वितरण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया तथा जनपद प्रयागराज में महाकुम्भ, 2025 में नियोजित 25000 (अनुमानित) श्रमिकों के पंजीयन कार्यक्रम एवं रोजगार मेले के आयोजन कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।

कार्यक्रम में प्रवीण पटेल, सांसद फूलपुर, कविता पटेल, जिलाध्यक्ष, गंगापार, प्रयागराज, राजेश मिश्रा, उप श्रमायुक्त क्षेत्र, राजीव यादव, सहायक निदेशक सेवायोजन, प्रयागराज, डॉ0 संजय कुमार लाल, सहायक श्रमायुक्त, प्रयागराज, सुरेश चन्द्रा, प्रधानाचार्य, अटल आवासीय विद्यालय, प्रयागराज, श्रम प्रवर्तन अधिकारी एवं अटल आवासीय विद्यालय के षिक्षकगण, छात्र/छात्राएं एवं उनके अभिभावक तथा निर्माण श्रमिक एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। रोजगार मेला कार्यक्रम में लगभग 400 अभ्यर्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। मंच का संचालन श्री चक्रधर दूबे, शिक्षक, अटल आवासीय विद्यालय द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के दौरान राजेश मिश्रा, उप श्रमायुक्त, प्रयागराज द्वारा अवगत कराया गया कि श्रम विभाग द्वारा संचालित अटल आवासीय विद्यालय में निर्माण श्रमिकों के बच्चों की गुणवत्तापूर्ण नि:शुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान की जा रही है तथा श्रम विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं मे श्रमिकों को दिये जा रहे हितलाभ, निर्माण श्रमिकों को रोजगार के उद्देश्य से इजरायल भेजे जाने एवं कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम के अन्तर्गत नियोजन के दौरान दुर्घटना में हुयी मृत्यु/दिव्यांगता की स्थिति में क्षतिपूर्ति प्रदान किये जाने के संबंध में विस्तार से अवगत कराया गया।

मासूम से अश्लीलता: पुलिस ने क्यों साधी चुप्पी, स्कूल के खिलाफ तीसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। बेटियों की सुरक्षा का दावा करने वाली सरकार और उसके नुमाइंदे इसे कितना गम्भीरता से ले रहे हैं, यह गाजियाबाद में 5 वर्षीय मासूम छात्रा से अश्लीलता के मामले में साफ दिखाई दे रहा है। पुलिस इस मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने में असहाय दिखाई दे रही है। कैब ड्राइवर व दो आया को पुलिस ने गिरफ्तार करने में जितनी तत्परता दिखाई उतनी ही हीलाहवाली पुलिस आरोपी प्रिंसिपल, ट्रांसपोर्ट सुपरवाइजर व कोर्डिनेटर को गिरफ्तार करने में बरत रही है। परिजनों का आरोप है कि प्रिंसिपल और अन्य आरोपियों को पुलिस उनके रसूख का फायदा पहुंचाने में जुटी हुई है। वहीं परिजनों ने बताया कि तीन दिन से यह धरना जारी है लेकिन सरकार का कोई नुमाइंदा या प्रशासन की ओर से किसी वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले में उनकी सुध तक नहीं ली है। वहीं जैसे जैसे अभिभावकों को इस घटना और धरने के बारे में जानकारी मिल रही है लोग बच्ची को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर धरनास्थल पर ही पहुंच रहे हैं। वहीं परिजनों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक यह धरना चलता रहेगा। हालांकि जानकारी मिली है कि अभिभावकों पर धरना खत्म करने का दबाव भी बनाया जा रहा है। लेकिन शासन प्रशासन की इस उदासीनता के चलते उत्तर प्रदेश में बच्चियां और उनका भविष्य कितना सुरक्षित है ये एक महत्वपूर्ण सवाल बन गया है।
इजरायल ने यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस पर लगाया बैन, कहा- संयुक्त राष्ट्र के लिए धब्बा*
#israel_bans_un_secretary_general_antonio_guterres
इजराइल हमास युद्ध के बीच इजरायल और ईरान के बीच सीधी जंग छिड़ गई है। लेबनान पर हिजबुल्लाह के ठिकानों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद ईरान ने इजराइल पर हमला बोल दिया। ईरान की ओर से हमले के बाद इजराइल ने यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस के इजराइल आने पर रोक लगा दी है। इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपने देश में बैन लगा दिया है। इस बैन के बाद संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस अब इजरायल की यात्रा नहीं कर पाएंगे। बता दें कि, मंगलवार रात ईरान ने इजराइल पर 200 के करीब बैलिस्टिक मिसाइल दागी थीं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इजराइल के विदेश मंत्री ने कहा कि यूएन चीफ ने ईरान के हमलों की निंदा नहीं की, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। इजरायल के विदेश मंत्री कैट्ज ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को इजरायल में प्रवेश करने से रोक दिया है। विदेश मंत्री काट्ज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को इजरायल के भीतर एक अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है। साथ ही देश में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कैट्ज ने कहा कि जो व्यक्ति इजरायल पर ईरान के आपराधिक हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करने में असमर्थ है, वह इजरायल की धरती पर पैर रखने के लायक नहीं है। यह इजरायल से नफरत करने वाला महासचिव है, जो आतंकवादियों, बलात्कारियों और हत्यारों को समर्थन देता है। गुटेरेस को संयुक्त राष्ट्र के इतिहास पर एक दाग के रूप में याद किया जाएगा। इजरायल की तरफ से यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है, जब ईरान ने इजरायल पर भारी संख्या में मिसाइल हमला किया है। यही नहीं, संयुक्त राष्ट्र हमेशा फिलिस्तीनियों के हित की बात करता है रहा है। इसके साथ ही इजरायल पर उनको मानवीय मदद पहुंचाने को लेकर दबाव बनाता रहा है। ईरानी की तरफ से किए गए हमले के बाद इजरायल का समर्थन नहीं करने पर इजरायल ने एंटोनियो गुटेरेस पर बैन लगा दिया है।
इजरायल ने दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के हेड क्वॉर्टर समेत 150 ठिकानों को उड़ाया, कई आतंकी ढेर


डेस्क : इजरायली सेना ने दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर बड़ा भीषण हवाई हमला किया है। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के लक्षित हवाई हमलों में हिज़्बुल्लाह के मुख्यालय, हथियार भंडारण सुविधाओं और रॉकेट लॉन्चरों सहित 150 से अधिक आतंकवादी बुनियादी ढांचे ध्वस्त हो गए हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में आतंकवादी भी मारे गए हैं। हालांकि अभी इनकी संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इजरायल ने हिजबुल्लाह पर आज यह हमला 1 अक्टूबर को तेल अवीव पर ईरान के हमले के बाद किया है। इजरायल ने अभी ईरान पर भी जवाबी हमले करने की कसम खाई है।

इजरायली सेना ने कहा कि आईएएफ के सहयोग से हमारे सैनिकों ने सटीक-निर्देशित युद्ध-सामग्रियों और गतिविधियों के माध्यम से सीमा के करीब आतंकवादियों का सफाया कर दिया है और हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है। इजरायली सेना ने कहा कि हिजबुल्लाह के हेडक्वॉर्टर समेत उसके अन्य बुनियादी ढांचों को नष्ट कर दिया गया है।

इसमें हिजबुल्लाह के रॉकेट लॉन्चर, विस्फोटक भंडार और अतिरिक्त सैन्य उपकरण शामिल हैं, जिन्हें इजरायली सेना ने ढूंढकर नष्ट कर दिया। इजरायली सेना ईरान के हमले के बावजूद लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले करना जारी रखा है। इजरायल की थल सेना भी जमीनी अभियान चला रही है, जिसमें हिजबुल्लाह आतंकियों को ढूंढ़-ढूंढ़कर मारा जा रहा है।