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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आईआईएम रायपुर परिसर में किया सुशासन वाटिका का शुभारंभ

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज यहां भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर में आयोजित चिंतन शिविर 2.0 के पहले दिन की शाम आईआईएम परिसर में सुशासन वाटिका का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ सुशासन वाटिका में मौलश्री के पौधे का रोपण किया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ सुशासन वाटिका में उपमुख्यमंत्री अरुण साव व विजय शर्मा, वनमंत्री केदार कश्यप, वित्त ओपी चौधरी, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, आईआईएम रायपुर के निदेशक प्रो. राम कुमार कांकाणी ने भी मौलश्री का पौधा लगाया।मौलश्री वृक्ष की विशेषताएँ

मौलश्री एक सुगंधित फूलों वाला वृक्ष है जो भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है। यह एक सदाबहार वृक्ष है जो सामान्यतः 10-15 मीटर तक ऊँचा होता है।

इस के फूल छोटे, सफेद या हल्के पीले रंग के, अत्यंत सुगंधित होते हैं। रात के समय इनकी महक और भी तेज होती है। मौलश्री वृक्ष के औषधीय गुण भी होते हैं और इसका उपयोग कई तरह की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। पारंपरिक रूप से इसे मंदिरों के आसपास और घरों के आंगन में लगाया जाता रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जनदर्शन में सुनी जनता की समस्याएं

रायपुर- छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज रायपुर स्थित अपने शासकीय निवास में जनदर्शन कार्यक्रम के माध्यम से आमजनों की समस्याएं सुनीं और मौके पर ही कई मामलों में त्वरित निर्णय लेकर जनता को राहत दी। कार्यक्रम में राजधानी सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए नागरिकों ने मंत्री के समक्ष अपनी व्यक्तिगत, सामाजिक एवं स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं रखीं। जनदर्शन के दौरान आमजन ने स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, शासकीय अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी, जांच एवं इलाज की सुविधा में सुधार, आर्थिक सहायता, गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत सहयोग, दिव्यांगजन को चिकित्सा प्रमाण पत्र मिलने में आ रही दिक्कतें, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों की मांग, और दवाओं की उपलब्धता से जुड़ी समस्याएं मंत्री के समक्ष प्रस्तुत कीं। मंत्री जायसवाल ने जनदर्शन में आए प्रत्येक व्यक्ति की बातों को गंभीरता से सुना और संबंधित विभागीय अधिकारियों को तत्काल आवश्यक निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकता जनता की सेवा और जनहित के कार्य हैं, और स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाएं तभी सार्थक होंगी जब अंतिम व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंचे।

जनदर्शन में आई कुछ प्रमुख मांगें और समाधान

कांकेर जिले से आए एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की मांग रखी। मंत्री ने तत्काल स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देशित किया कि रिक्त पदों की सूची तैयार कर प्राथमिकता से भरने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। बिलासपुर से आई एक महिला मरीज ने बताया कि उसे किडनी संबंधी गंभीर बीमारी है और आर्थिक तंगी के चलते इलाज नहीं करा पा रही। मंत्री ने मौके पर ही मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत उसकी फाइल तैयार करवाई और 1.5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत करने का निर्देश दिया।


महासमुंद जिले के ग्रामीण प्रतिनिधियों ने क्षेत्र में मोबाइल मेडिकल यूनिट की मांग की। मंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दूर हैं, वहां मोबाइल मेडिकल यूनिट की सेवा को और मजबूत किया जाएगा। रायपुर के एक बुजुर्ग दंपति ने दवाइयों की नियमित आपूर्ति में हो रही परेशानी बताई। मंत्री ने दवा निगम को निर्देश दिया कि सभी अस्पतालों में आवश्यक जीवनरक्षक दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। 

“जनता की सेवा, हमारी जिम्मेदारी” – मंत्री जायसवाल

मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जनदर्शन कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा “जनदर्शन हमारे लिए केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि जनता की सीधी भागीदारी का माध्यम है। आमजन की बातें सुनना, उनके समाधान के लिए तत्काल निर्णय लेना और फॉलोअप सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है। राज्य सरकार ‘स्वस्थ छत्तीसगढ़’ के लक्ष्य को लेकर लगातार प्रयासरत है।” उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का रोडमैप तैयार किया जा रहा है।


शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच की खाई को कम करने के लिए नई स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना, डॉक्टरों की नियुक्ति, अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति और स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण प्राथमिकता में है। जनदर्शन में बड़ी संख्या में नागरिकों की भागीदारी यह दर्शाती है कि जनता को सरकार से संवाद की उम्मीद है और राज्य सरकार इस उम्मीद को पूरा करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, रायपुर जिला प्रशासन के प्रतिनिधि, और जनसंपर्क विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे। सभी ने जनदर्शन के सुचारु संचालन और समस्याओं के त्वरित समाधान में सक्रिय भागीदारी निभाई।

BSF में नौकरी के लिए फर्जी दस्तावेज़ बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़, पुलिस ने उत्तर प्रदेश के 2 युवकों को किया गिरफ्तार

मुंगेली- जिला पुलिस ने फर्जी दस्तावेज़ बनाने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो छत्तीसगढ़ के SRE (सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर) जिलों के लिए बाहरी राज्यों के युवकों को अतिरिक्त अंक दिलाने के लिए फर्जी मूल निवास प्रमाण पत्र बनाता था। यह गिरोह विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के युवाओं को निशाना बना रहा था।

पुलिस की जांच के अनुसार, गिरोह ने उत्तर प्रदेश के एक युवक को भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) में नौकरी दिलाने के लिए मुंगेली जिले के ग्राम कंतेली का जाली प्रमाण पत्र तैयार किया था।

कैसे हुआ खुलासा?

6 जून को पुलिस कार्यालय मुंगेली में चरित्र सत्यापन के लिए आए दो युवक, योगेंद्र कुमार (अलीगढ़, उत्तर प्रदेश) और प्रशांत राजपूत (आगरा, उत्तर प्रदेश) की गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं। जांच में यह तथ्य सामने आया कि जिस विशाल नामक युवक का सत्यापन कराया जाना था, वह वास्तव में उस गांव का निवासी नहीं था।

बिलासपुर के होटल से किया गिरफ्तार

पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने मामले की गहन जांच की और आरोपियों को बिलासपुर के होटल अंबे पैलेस से दबोच लिया। आरोपियों के कब्जे से फर्जी दस्तावेज़, कोरे नोटरी प्रमाण पत्र, सील और तीन मोबाइल फोन जब्त किए गए। दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने फतेहाबाद (उत्तर प्रदेश) के विशाल नामक युवक से पैसे लेकर BSF में नौकरी दिलाने के लिए फर्जी दस्तावेज़ तैयार किए थे।

मुंगेली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ थाना लालपुर में अपराध क्रमांक 103/2025 के तहत धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5) बीएनएस के तहत केस दर्ज किया है। आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस को पहले भी ऐसी सूचनाएं मिल चुकी थीं कि अन्य राज्यों से आकर अभ्यर्थी SRE जिलों से लाभ लेने के लिए छत्तीसगढ़ के निवासी बन रहे हैं। इस कार्रवाई से इस प्रकार के फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई है। गिरोह से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश अभी भी जारी है।

हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के ठिकानों पर IT और निगम की छापेमारी, सूदखोरों के मददगारों की तलाश में जुटी पुलिस

रायपुर- हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के घर बीते दिनों पुलिस की रेड के बाद अब नगर निगम ने भी उनपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। रविवार को टीम ने करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र तोमर और उनके भाई रोहित सिंह तोमर के राजधानी रायपुर के भाठागांव स्थित साई विला में दबिश दी।

नगर निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर तोमर बंधुओं के आलीशान मकान का नाप-जोख किया और मकान के निर्माण व नक्शे की जांच प्रक्रिया शुरू की। दोनों आरोपी भाई करीब 7 दिनों से फरार हैं। सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान रायपुर नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। अधिकारियों ने मकान से जुड़े दस्तावेजों की जांच की और परिजनों से निर्माण से संबंधित जानकारी भी मांगी।

जोन 8 के कमिश्नर हितेंद्र यादव ने पुष्टि की कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर नगर निगम की टीम वीरेंद्र तोमर के घर पहुंची थी। परिजनों से मकान संबंधी स्वीकृति व निर्माण लागत से जुड़े दस्तावेज मांगे गए हैं। दस्तावेजों के विश्लेषण के बाद मकान की कानूनी स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी। फिलहाल जांच प्रक्रिया जारी है।

पुलिस ने 37 लाख से ज्यादा नकद समेत जेवरात और गाड़ियां की थी जब्त

हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के घर से पुलिस ने 37 लाख से ज्यादा नकद, 734 ग्राम सोने के जेवरात, 125 ग्राम चांदी, 4 गाड़ियां, आईपैड, लैपटॉप, चेक, एटीएम कार्ड, डीवीआर, ई-स्टाम्प जब्त किया था। इसके अलावा पैसों के लेन-देन के हिसाब का रजिस्टर, जमीनों के दस्तावेज, नोट गिनने की मशीन, 5 तलवारें, 1 रिवॉल्वर, 1 पिस्टल, जिंदा राउंड और आवाज़ी कारतूस भी बरामद किए गए थे। पुलिस ने सामान जब्त करने के साथ ही वीरेंद्र और रोहित के भतीजे दिव्यांश प्रताप तोमर को भी रिमांड में लिया था। पुलिस फरार तोमर बंधुओं की तलाश में जुटी है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि कौन-कौन लोग सहायता पहुंचा रहे हैं.

केटीयू ने आयोजित किया मीडिया-जनसंचार शिक्षा पर मार्गदर्शन शिविर, बड़ी संख्या में जुड़े छात्र

रायपुर-  कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय और प्रेस क्लब, रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को प्रेस क्लब परिसर में एक दिवसीय “मार्गदर्शन (काउंसलिंग) शिविर” का आयोजन किया गया। यह शिविर मीडिया शिक्षा और जनसंचार क्षेत्र में करियर की संभावनाओं को लेकर युवाओं और अभिभावकों को जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।

उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति महादेव कावरे ने संचार और पत्रकारिता के क्षेत्र में करियर की संभावनाओं पर विचार रखते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है, क्योंकि 8 जून 1936 को ही आकाशवाणी की स्थापना हुई थी, जिसने देश के नागरिकों को जागरूक करने में एक नई क्रांति का सूत्रपात किया। आज उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए यह मार्गदर्शन शिविर मीडिया शिक्षा के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने की दिशा में हमारा एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण प्रयास है।

शिविर में प्रेस क्लब रायपुर के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने अपने पत्रकारिता के अनुभव साझा करते हुए प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, जो न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करती हैं, बल्कि समाज में सक्रिय भूमिका निभाने का भी माध्यम बनती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए युवाओं को गुणवत्तापूर्ण जनसंचार शिक्षा आवश्यक है, क्योंकि मीडिया समाज की प्रभावशाली आवाज है और इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए ज्ञान और दृष्टिकोण जरूरी है, जो केवल सशक्त शिक्षा से ही संभव है। साथ ही उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभागाध्यक्ष पंकज नयन पाण्डेय ने कार्यक्रम की भूमिका और उद्देश्य पर प्रकाश डाला। डॉ. नृपेंद्र शर्मा विभागाध्यक्ष, समाज कार्य एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग ने स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित किया। आयोजन में कुलपति द्वारा प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर और पदाधिकारियों को विश्वविद्यालय की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।

कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव सुनील शर्मा ने सभी अतिथियों, प्रेस क्लब रायपुर के पदाधिकारियों एवं प्रतिभागियों की सक्रिय उपस्थिति और सहयोग के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों की सफलता सभी के सामूहिक प्रयास और सहभागिता से ही संभव हो पाती है और विश्वविद्यालय भविष्य में भी ऐसे सार्थक कार्यक्रमों के माध्यम से जनसंचार शिक्षा को नई दिशा देने का प्रयास करता रहेगा।

कार्यक्रम संयोजक एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मोहंती ने बताया कि इस शिविर का मुख्य उद्देश्य मीडिया और जनसंचार के क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को इस विषय के प्रति जागरूक बनाना है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस दिशा में नए प्रयास जारी रखेंगे, ताकि छत्तीसगढ़ में मीडिया एवं जनसंचार शिक्षा के प्रति जागरूकता और व्यापक हो सके।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागाध्यक्ष शैलेन्द्र खंडेलवाल (आईटी), अतिथि व्याख्याता, विश्वविद्यालय शोधार्थी विनोद सावंत एवं चंद्रेश चौधरी और प्रेस क्लब पदाधिकारी संदीप शुक्ला (उपाध्यक्ष), डॉ. वैभव शिव पांडेय (महासचिव), रमन हलवाई (कोषाध्यक्ष) और बम्लेश्वर सोनवानी (संयुक्त सचिव) उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. नीलेश साहू द्वारा किया गया। शिविर में बड़ी संख्या में करियर बनाने के इच्छुक विद्यार्थी, अभिभावक और पेशेवर भी मौजूद रहे।

छत्तीसगढ़ में बीयर लवर्स के लिए खुशखबरी: अब राज्य में ही ले सकेंगे ताज़ा बीयर का मज़ा, गन्ने के रस की तरह गिलास में होगी सर्व, इतने में मिलेगा ल

रायपुर- छत्तीसगढ़ में अब जल्द ही बीयर भी गन्ने के रस की तरह गिलास में सर्व होती नजर आएगी। राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए “छत्तीसगढ़ सूक्ष्म यवासवनी नियम (माइक्रोब्रेवरी) 2025” लागू कर दिया है, जिसके तहत इच्छुक उद्यमी 25 लाख रुपये शुल्क देकर क्रॉफ्ट बीयर यूनिट (माइक्रोब्रेवरी) खोल सकते हैं। यह बीयर सीधे रेस्टोरेंट से ग्राहकों को परोसी जाएगी, लेकिन इसे बोतल, केन या पैकेट में बेचना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

क्या है क्रॉफ्ट बीयर?

क्रॉफ्ट बीयर एक प्रकार की विशेष रूप से निर्मित बीयर है, जो आमतौर पर छोटे संयंत्रों में सीमित मात्रा में बनती है। इसमें प्राकृतिक फ्लेवर और सामग्री का उपयोग होता है। जैसे- हर्ब्स, स्पाइसेज, या फलों के अर्क। यह बीयर न तो अधिक एल्कोहोलिक होती है (अधिकतम 8% VV), न ही इसमें सिंथेटिक या कृत्रिम स्वाद मिलाए जाते हैं। यह बीयर अक्सर ताजा तैयार कर गिलास में सर्व की जाती है, जिससे इसे “हेल्दी और स्वादिष्ट” विकल्प माना जाता है।

लाइसेंस और लागत

  • माइक्रोब्रेवरी शुरू करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को ₹25 लाख लाइसेंस फीस अदा करनी होगी।
  • यह शुल्क लाइसेंस लेने से पहले ही जमा करना होगा।
  • साथ ही संयंत्र और उससे संलग्न रेस्टोरेंट का कुल क्षेत्रफल कम से कम 6000 वर्गफीट (कार्पेट एरिया) होना जरूरी है।

कैसे होगी बिक्री?

  • क्रॉफ्ट बीयर को सिर्फ उसी रेस्टोरेंट परिसर में परोसा जा सकेगा, जहाँ यह बनी है।
  • इसे किसी भी रूप में पैकिंग कर बेचने की अनुमति नहीं होगी — न केन, न बोतल, न पाउच।
  • ग्राहकों को इसे सीधे गिलास में सर्व किया जाएगा, जैसे कि सड़क किनारे गन्ने का रस पिया जाता है।

निर्माण की सीमा और कर व्यवस्था

  • एक माइक्रोब्रेवरी को वर्ष में अधिकतम 3,65,000 बल्क लीटर बीयर बनाने की अनुमति होगी (औसतन 1000 लीटर प्रतिदिन)।
  • निर्माण से पहले राज्य सरकार द्वारा तय ड्यूटी दर के अनुसार मासिक अग्रिम ड्यूटी जमा करनी होगी।
  • उत्पाद और बिक्री का दैनिक लेखा-जोखा रखना अनिवार्य होगा, जिसे आबकारी विभाग द्वारा निरीक्षण किया जा सकता है।

राजस्व और पर्यटन को मिलेगी बढ़त

आबकारी विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यह कदम राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी करेगा और राज्य में पर्यटन व फूड एंड बेवरेज सेक्टर को भी प्रोत्साहन मिलेगा। पहले तक क्रॉफ्ट बीयर केवल मेट्रो शहरों जैसे मुंबई, बेंगलुरु, पुणे आदि में ही देखने को मिलती थी, लेकिन अब छत्तीसगढ़ के लोग भी इस ट्रेंड का अनुभव ले सकेंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने 'चिंतन शिविर 2.0' को बताया नीति-निर्माण का सशक्त मंच, आईआईएम रायपुर में मंत्रियों ने सीखी सुशासन और नेतृत्व की बारीकियां

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि ‘चिंतन शिविर 2.0’ जैसे प्रशिक्षण सत्र शासन को नया दृष्टिकोण और नीतिनिर्माण प्रक्रिया को सशक्त बनाने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से मंत्रीगणों को सुशासन और परिवर्तनकारी नेतृत्व के महत्वपूर्ण गुर सीखने का अवसर मिलता है।

आईआईएम रायपुर में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर के प्रथम सत्र में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य के सभी मंत्रीगण शामिल हुए। इस सत्र में ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व’, ‘दूरदर्शी शासन’, ‘संस्कृति’, ‘सुशासन’ और ‘राष्ट्र निर्माण’ जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।

आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व एवं दूरदर्शी शासन’ विषय पर अपने व्याख्यान में भगवद्गीता के श्लोकों के माध्यम से निष्काम कर्म और नैतिक प्रशासन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कार्य केवल फल की आशा से नहीं, बल्कि उसके सही होने के कारण किया जाना चाहिए।

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने ‘संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण’ विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा, “भारत की एकता केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भी है। राष्ट्र निर्माण केवल नीतियों या संसाधनों से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना और नैतिक मूल्यों से संभव है।” उन्होंने अंत्योदय के महत्व पर बल देते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण को सुशासन की प्राथमिकता बताया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि चिंतन शिविर जैसे आयोजन शासन को नई दिशा और ऊर्जा देते हैं। उन्होंने दोनों विशेषज्ञ वक्ताओं के विचारों को अत्यंत प्रेरणादायक और नीति-निर्माण के लिए उपयोगी बताया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के विशेष सचिव रजत बंसल, भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर के निदेशक राम काकाणी और सभी मंत्रीगण उपस्थित थे।

अजीत जोगी की प्रतिमा हटाने पर बिफरे अमित जोगी, दी आंदोलन की चेतावनी

रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा विवाद का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है । आज इस संबंध में अजीत जोगी के पुत्र और जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। अमित जोगी ने कहा कि गौरेला पेंड्रा मरवाही में कुछ लोगों ने अजीत जोगी की प्रतिमा उखाड़कर कचरे में फेंक दिया था । अब तक ना प्रतिमा पुनर्स्थापित हो पाई है और ना ही दोषी पकड़े गए।

उन्होंने कहा कि हमे इस सरकार से अब उम्मीद भी नहीं हैं। उन्होंने पूछा कि ये प्रतिमा जोगी परिवार के निजी जमीन पर लगाई गई थी, तो उसे किस आधार से हटाया गया ? उन्होंने धमकी दी कि अगर एक महीने के अंदर प्रतिमा पुनर्स्थापित नहीं की गई, तो हम इसके लिए बड़ा आंदोलन करेंगे । क्रेन से मूर्ति को लेकर रायपुर CM हाउस आएंगे। वहीं अजीत जोगी की पत्नी और पूर्व विधायक रेणु जोगी ने कहा कि साय सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के सम्मान का ख्याल रखना चाहिए । गौरेला पेंड्रा मरवाही और प्रदेश की जनता की भावना के अनुरूप उनकी प्रतिमा वहीं लगाई जानी चाहिए।

इस पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मान सम्मान का पूरा ख्याल रखा जाएगा। अगर जिला प्रशासन द्वारा इस पर आपत्ति की गई है, तो जरूर उसकी कोई बड़ी वजह होगी। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

एनीकट में डूबे युवक की 22 घंटे बाद मिली लाश, नहाने के दौरान हुआ था हादसा

जांजगीर-चांपा- हथनेवरा एनीकट में नहाने के दौरान डूबे युवक लक्ष्मी प्रसाद साहू का शव रविवार सुबह बरामद कर लिया गया है. SDRF की टीम और नगर सेना की मदद से चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान युवक के शव को घटना के 22 घंटे के बाद एनीकट से बाहर निकला गया.

कैसे हुआ था हादसा ?

हथनेवरा निवासी लक्ष्मी प्रसाद साहू और उसका परिवार रोजाना एनीकेट में दैनिक क्रियाकलाप (नहाने-धोने) के लिए जाता था. शनिवार को भी युवक लक्ष्मी अपने भाई और उसके बच्चों के साथ एनीकट में पहुंचा था. इस दौरान वह पानी में डूब गया. घटना की सूचना के बाद पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची. काफी देर तक तलाश के बावजूद युवक का कोई सुराग नहीं मिला था. आज सुबह फिर से शुरू की गई खोजबीन के दौरान करीब 5:30 बजे लक्ष्मी प्रसाद साहू का शव बरामद किया गया.

वन विभाग का एक्शन : छापा मारकर बड़ी मात्रा में पकड़ी अवैध सागौन की लकड़ी, आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही-  छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में अवैध रूप से सागौन की लकड़ी के भारी मात्रा में तस्करी होने की सूचना के बाद वन विभाग ने कार्रवाई की है. गौरेला रेंज के ग्राम बालधर में अवैध सागौन की 16 बड़ी बल्ली जब्त की गई है. वन विभाग क्षेत्र में लगातार अवैध कटाई और वनोपज के भंडारण पर कड़ी निगरानी रख रहा है.

वन विभाग को लगातार सूचना मिल रही थी कि ग्राम बालधर में बड़े पैमाने पर अवैध सागौन लकड़ी का भंडारण और तस्करी की जा रही है. मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर वन मंडलाधिकारी ग्रीष्मी चांद के नेतृत्व में मिथलेश सूर्यवंशी के घर पर छापा मारा. तलाशी के दौरान घर और बाड़ी से सागौन की 16 बड़ी-बड़ी बल्लियां बरामद हुई, जिनकी लंबाई 21 से 30 फीट के बीच थी.

वन विभाग ने मौके से राष्ट्रीयकृत वनोपज सागौन की लकड़ियों को जब्त करते हुए तत्काल वन अपराध प्रकरण दर्ज किया है. जब्त वनोपज को मड़ना डिपो स्थित काष्ठागार में सुरक्षित रूप से जमा कराया जा रहा है. जब्त लकड़ी की कीमत का आकलन किया जा रहा है.

वन मंडलाधिकारी ग्रीष्मी चांद ने कहा कि क्षेत्र में अवैध कटाई और वनोपज के भंडारण पर सख्त निगरानी रखी जा रही है. इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.