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*आईटीएम गोरखपुर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया"प्लास्टिक प्रदूषण हटाओ – प्रकृति बचाओ" थीम पर संगोष्ठी का आयोजन*

इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (आईटीएम), गोरखपुर एवं द इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), गोरखपुर लोकल चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में संस्थान के डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम सभागार में विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस वर्ष की थीम प्लास्टिक प्रदूषण हटाओ को केंद्र में रखते हुए पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और तकनीकी जिम्मेदारी जैसे विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए गए।

कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं तकनीकी पेशेवरों में पर्यावरणीय चेतना जागृत करना एवं स्थायी विकास के प्रति उत्तरदायित्व भावना विकसित करना रहा।

मुख्य वक्ता प्रो. गोविन्द पाण्डेय, आचार्य, सिविल विभाग, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर एवं पूर्व निदेशक, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बस्ती ने अपने संबोधन में कहा, आज के दौर में पर्यावरण संरक्षण को तकनीकी विकास के साथ समन्वित करना अत्यंत आवश्यक हो गया है। हम तभी एक विकसित राष्ट्र की दिशा में बढ़ सकते हैं जब हमारी विकास योजनाएं पर्यावरण के अनुकूल हों। ‘प्लास्टिक प्रदूषण हटाओ’ जैसी थीम हमें अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक उपयोग पर नियंत्रण का संकल्प लेने की प्रेरणा देती है।

इंजीनियर जे. बी. रॉय, अध्यक्ष, मदन मोहन मालवीय एलुमनी एसोसिएशन ने कहा,हमारे प्राचीन ग्रंथों में प्रकृति को माँ का स्थान दिया गया है। छात्रों को केवल विज्ञान ही नहीं, संस्कृति से भी जोड़ने की आवश्यकता है ताकि वे प्रकृति के साथ सामंजस्य बना सकें और उसे संरक्षित करने में योगदान दे सकें।

संस्थान के निदेशक एवं द इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया, गोरखपुर लोकल चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. एन. के. सिंह ने कहा, विश्व पर्यावरण दिवस केवल एक प्रतीकात्मक दिवस नहीं है, बल्कि यह हमें हमारे पर्यावरणीय कर्तव्यों की स्मृति दिलाता है। जल, वायु, मिट्टी और जैव विविधता की रक्षा हेतु हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे। संस्थान का उद्देश्य केवल तकनीकी शिक्षा देना नहीं, बल्कि भावी इंजीनियरों व प्रबंधकों में पर्यावरणीय संवेदनशीलता उत्पन्न करना भी है।

डॉ. पी. के. मिश्रा, वरिष्ठ निदेशक, निर्माण उद्योग विकास परिषद, नई दिल्ली ने कहा,निर्माण उद्योग को पर्यावरण हितैषी बनाना समय की मांग है। ग्रीन बिल्डिंग, ऊर्जा संरक्षण एवं अपशिष्ट प्रबंधन जैसे विषयों को तकनीकी पाठ्यक्रमों में सम्मिलित कर हमें सतत निर्माण की ओर बढ़ना चाहिए।

एस. बी. आर. मिश्रा, पूर्व अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग ने कहा, भूजल संरक्षण, पारंपरिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन एवं वनों की रक्षा अब केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं रह गई है, यह समाज के प्रत्येक नागरिक का सामूहिक दायित्व है।

कार्यक्रम के समापन पर गोरखपुर लोकल चैप्टर के मानद सचिव इंजीनियर पवनेश कुमार ने संगोष्ठी के थीम पर प्रकाश डाला और अंत मे सभी अतिथियों, वक्ताओं, शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं का आभार प्रकट करते हुए कहा,

"यह संगोष्ठी छात्रों के मन-मस्तिष्क में पर्यावरणीय चेतना को विकसित करने की एक प्रेरणादायक पहल रही। आने वाले समय में भी हम ऐसे आयोजनों द्वारा प्रकृति के संरक्षण की दिशा में जागरूकता फैलाते रहेंगे।"इस अवसर पर इंजीनियर अमित कुमार, इंजीनियर आशीष सिंह मेम्बर आई 0ई 0आई0 उत्तर प्रदेश सेन्टर इंजीनियर महमूद आलम, इंजीनियर अभिषेक सिंह, इंजीनियर अमरेश, डीन अकादमिक डॉ. आर. पी. सिंह, डॉ. आशुतोष गुप्ता, डॉ. आशुतोष राव, श्री विजेंद्र प्रताप सिंह सहित संस्थान के सभी विभागों के शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

“भाई“ ने योगी के जन्मदिन पर सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ किया

गोरखपुर।भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया भाई के तत्वाधान में उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री एवं गोरखपीठाधीश्वर पूज्य योगी आदित्यनाथ महाराज का जन्मोत्सव विजय चौक स्थित एस एस एकेडमी में भारतीय संस्कृति के अनुसार धूम धाम से मनाया गया ।इस अवसर पर योगी जी के स्वस्थ एवं लंबी आयु के लिए हनुमान चालीसा का सस्वर सामूहिक पाठ किया गया गया। सुप्रसिद्ध कवयित्री सरिता सिंह ने योगी के जीवन पर कविता सुनाया । "भाई" के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि पूज्य योगी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश नित नई कीर्तिमान स्थापित कर रहा है , सुप्रसिद्ध उद्घोषिका रीता श्रीवास्तव ने कहा कि हम गोरखपुर के लोग अत्यंत भाग्यशाली है कि हमें योगी जैसे मुख्यमंत्री मिले हैं ।

कार्यक्रम का संचालन शिवेन्द्र पांडे ने किया । इस अवसर पर कनक हरि अग्रवाल और मनीष जैन ने योगी जी को प्रतीकात्मक लड्डू खिला कर बधाई दी , तत्पश्चात लक्ष्मी गुप्ता और कृतिका गुप्ता ने भजन प्रस्तुत किया । जन्मोत्सव में रीता श्रीवास्त, सरिता सिंह , डॉ राकेश सिंह, कनिष्का , कनिष्क हरि, कृतिका गुप्ता सुरेंद्र प्रजापति शेरा सहित भाई के तमाम लोग उपस्थित थे।

"एक नई आशा" द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर वृहद वृक्षारोपण

गोरखपुर। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सार्थक पहल करते हुए "एक नई आशा" संस्था द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस को बड़े उत्साह और संकल्प के साथ मनाया गया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर स्थित शहीद स्तंभ के पास सम्पन्न हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अजय शुक्ला की गरिमामयी उपस्थिति रही।सर्वप्रथम एक नई आशा संस्था के अध्यक्ष अनूप बंका ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।

कार्यक्रम के दौरान संस्था द्वारा लगभग 10 बड़े वृक्षों का वृक्षारोपण किया गया।

इन पौधों को केवल लगाया ही नहीं गया, बल्कि उनके संरक्षण का संकल्प भी लिया गया.

“पेड़ लगाना केवल एक कार्य नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए जीवन का बीज बोना है।”

मुख्य अतिथि प्रो. अजय शुक्ला जी ने अपने उद्बोधन में कहा —

"आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण जीवन ही मानवता का सही मार्ग है। वृक्षों के माध्यम से हम न केवल वायु को शुद्ध करते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और सुंदर धरती भी सौंपते हैं। ‘एक नई आशा’ द्वारा किया गया यह वृक्षारोपण एक प्रेरणादायी पहल है।”

इस अवसर पर "एक नई आशा" संस्था से

डॉ. एस.के. लाट, प्रेम गिरी,मनोज बंका, शिवम बथवाल, राघवेंद्र गोयंका, कनिष्क हरि अग्रवाल सहित तमाम सदस्यगण उपस्थित रहे और कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कार्यक्रम का सुंदर संचालन कनक हरि अग्रवाल द्वारा किया गया. कार्यक्रम का समापन "प्रकृति को बचाने का संकल्प" लेते हुए किया गया।

बड़हलगंज कस्बे में तीन और पीपीगंज कस्बे में दो आयुष्मान आरोग्य मंदिर खुलेंगे

गोरखपुर। महानगर और गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के जरिये स्वास्थ्य सेवा सुदृढ़ीकरण के बाद अब स्वास्थ्य विभाग अन्य नगरीय निकायों में भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने को तत्पर है। इसी कड़ी में बडहलगंज कस्बे में तीन और पीपीगंज कस्बे में दो आयुष्मान आरोग्य मंदिर खोलने की तैयारी हो रही है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग किराये के उत्कृष्ट भवन खोज रहा है। उधर, पीपीगंज अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लोगों की मांग को देखते हुए एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) की सेवा शुरू कर दी गई है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने दी।

सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया कि कैम्पियरगंज सीएचसी के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार वर्मा की देखरेख में पीपीगंज एपीएचसी पर एआरवी की सेवा, मांग के पंद्रह दिनों के भीतर शुरू की गई है। इसके लिए पूरी टीम बधाई की पात्र है। साथ ही इस एपीएचसी पर एलौपेथिक विधा की महिला चिकित्सक को भी तैनात कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर जिले के सभी कस्बों और नगरीय क्षेत्रों में आयुष्मान आरोग्य मंदिर की सुविधा की आवश्यकता महसूस की जा रही है। फिलहाल बड़हलगंज और पीपीगंज से इस सुविधा की शुरूआत होने जा रही है। किराये का भवन मिलने के बाद निर्धारित प्रक्रिया के जरिये आयुष्मान आरोग्य मंदिर खोले जाएंगे।

डॉ झा ने बताया कि कस्बों में खुलने वाले आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर एक चिकित्सक, एक स्टॉफ नर्स, एक एएनएम और दो मल्टी टॉस्किंग वर्कर (एमटीएस) की तैनाती होगी। केंद्र पर सभी बीमारियों की प्राथमिक जांच और इलाज की सुविधा होगी। विशेषज्ञ चिकित्सक की सेवा दिलवाने के लिए मरीज को टेलीकंसल्टेशन का लाभ दिया जाएगा। इन कस्बों के आसपास के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को आवश्यकतानुसार इन केंद्रों के चिकित्सकों से भी टेलीकंसल्टेशन दिला सकेंगे। इन सभी केंद्रों पर गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग, योगा सत्र, सभी आवश्यक दवाएं और जांच किट भी उपलब्ध रहेंगे, जिससे मरीजों को बेवजह दूर दराज नहीं जाना पड़ेगा।

पौधारोपण किया गया

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर चारु चंद्र दास राजकीय टीवी चिकित्सालय गोरखपुर परिसर में सीएमओ डॉ राजेश झा कि मौजूदगी में बृहस्पतिवार को पौधारोपण किया गया। इस अवसर पर अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ एके वर्मा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉक्टर अश्वनी चौरसिया, डॉ राजेश कुमार और डॉक्टर एनके द्विवेदी भी उपस्थित रहे।

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय को मिला ‘पर्यावरण चैंपियन पुरस्कार 2025’

गोरखपुर। विश्वविद्यालय

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान को प्रतिष्ठित ‘पर्यावरण चैंपियन पुरस्कार 2025’ से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार संस्थान को ‘चैंपियन इंस्टीट्यूशन फॉर नेचर (समग्र उत्कृष्टता)’ श्रेणी में प्रदान किया गया है, जो पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में संस्थान की व्यापक और समर्पित पहलों की मान्यता है। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून में आयोजित विशेष समारोह में यह सम्मान संस्थान की सहायक आचार्य एवं पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों की समन्वयक डॉ. नूपुर सिंह को प्रदान किया गया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि चिपको आंदोलन की अंतिम जीवित कड़ी सुदेशा देवी थीं, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में अनूप नौटियाल, संस्थापक, सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज (SDC) फाउंडेशन उपस्थित रहे।गौरतलब है कि इस पुरस्कार की विश्वविद्यालय श्रेणी में उत्तर प्रदेश से केवल दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का चयन किया गया I

संस्थान द्वारा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में हाल के वर्षों में किए गए कार्यों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, जल संरक्षण, वृक्षारोपण अभियान, वेटलैंड संरक्षण, किसान संगोष्ठियां, किसान एक्सपो तथा ‘श्री अन्न मेला’ जैसे विविध कार्यक्रम शामिल हैं। इन पहलों ने न केवल पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ाया है, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी सतत विकास की दिशा में प्रेरित किया है। यह पुरस्कार भारतीय वन्यजीव संस्थान, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) एवं भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से प्रायोजित किया गया था।

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इस उपलब्धि पर संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि यह सम्मान विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता, नवाचार और सामुदायिक सहभागिता को दर्शाता है, तथा आने वाले समय में और भी प्रभावी पहल करने के लिए प्रेरित करेगा।

वृक्ष धरा के भूषण, दूर करते प्रदूषण.प्रो. विनय कुमार सिंह

आज 5 जून 2025 को रोवर्स रेंजर्स विभाग, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय,गोरखपुर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। जिला संस्था की देख- रेख में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।जिसमें संस्था के रोवर / रेंजर ने मिलकर पौधरोपण किया और उस स्थल की साफ- सफाई भी की।

इस अवसर पर संयोजक रोवर्स रेंजर्स प्रोफेसर विनय कुमार सिंह ने कहा कि मानव द्वारा प्रकृति का अतिशय दोहन हो रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप वातावरण प्रदूषित हो चुका है। प्रदूषण के कारण आज मानव, जीव- जंतु एवं वनस्पति खतरे में पड़ गये हैं। इसलिए पर्यावरण में संतुलन स्थापित करने के लिए वृक्षारोपण, वृक्षों का संरक्षण, कटान पर रोक, जल संरक्षण आदि पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि हमारा पारिस्थितिक तंत्र अव्यवस्थित हो चुका है, जो मानव जीव जंतुओं के लिए खतरे का संकेत है। हम सभी को मिलकर संतुलन स्थापित करने के लिए वृक्षारोपण एवं जीव जंतुओं का संरक्षण तथा साफ- सफाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

डॉ. रंजन लता ने कहा कि आप सभी वृक्षारोपण एवं वृक्षों का संरक्षण कर सकते हैं। पेड़- पौधे ही पर्यावरण ऐसे अंग हैं, जो पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित करने में सक्षम हैं।जिला प्रशिक्षण सूरज चन्द ने कहा कि पौधरोपण के साथ-साथ स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कार्यक्रम में रोहित सैनी मानुष कसेरा रणवीर सिंह तनु मिश्रा आंचल सिंह सेजल साहनी उपस्थित रहे।

विशाल पाकड़ के पेड़ की गोद में बच्चों ने हासिल की शिक्षा

गोरखपुर। गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके जाफरा बाजार स्थित विशालकाय पाकड़ के पेड़ की छांव में बच्चों के लिए एक दिन की पाठशाला का आयोजन हुआ। जिसमें बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। संयोजक हाफिज रहमत अली निजामी ने कुरआन-ए-पाक की तिलावत की। हम्द व नात-ए-पाक पेश की गई। सामाजिक कार्यकर्ता प्रसेन ने 'पढ़ना लिखना सीखो ओ मेहनत करने वालों' गीत प्रस्तुत किया। पर्यावरण की हिफाजत पर विभिन्न तरह के पोस्टर प्रदर्शित किए गए।

मुख्य अतिथि वरिष्ठ शिक्षक अली अहमद ने कहा कि कौम की बेहतरी के लिए सबको शिक्षा से जोड़ना होगा। आज समाज की सबसे बड़ी जरूरत शिक्षा ही है। मां-बाप कौम के बच्चों को स्कूल भेजें और जहां तक हो सके उन्हें पढ़ाने में कोई कसर न छोड़ें। यदि अपना पेट काटकर भी बच्चों को पढ़ाना पड़े तो पढ़ाएं। वहीं इल्मे दीन की पढ़ाई भी बहुत ज्यादा जरुरी है। रोजा, नमाज, जकात, हज दीन-ए-इस्लाम के अहम स्तंभ हैं। उन्हें पूरा करना भी हमारी अहम जिम्मेदारी है। अगर हमने अल्लाह व रसूल को राजी कर लिया तो समझो बेड़ा पार हो गया।

उन्होंने कहा कि प्रकृति में समय बिताने से बच्चे खुश और संतुष्ट महसूस करते हैं, जिससे उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। प्रकृति की गोद में दी शिक्षा एक ऐसी शिक्षा पद्धति है जो बच्चों के विकास के लिए बहुत फायदेमंद है और उन्हें प्रकृति के साथ एक मजबूत संबंध स्थापित करने में मदद करती है।

संचालन करते हुए कारी मुहम्मद अनस रजवी ने इस्लामी अकीदा बताया। उन्होंने कहा कि पेड़ की छांव में शिक्षा (तालीम) प्रकृति के साथ जुड़कर सीखने का अनुभव प्रदान करती है। खुले में सीखने से बच्चों को शुद्ध हवा मिलती है, जो उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा होती है। इससे प्रकृति की अहमियत पता चलती है।

अध्यक्षता करते हुए नायब काजी मुफ्ती मुहम्मद अजहर शम्सी ने पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम व सहाबा किराम की शान बयान की। उन्होंने कहा कि शिक्षा को प्राकृतिक वातावरण में देना, जिससे बच्चों को प्रकृति के साथ जुड़ने और उसके माध्यम से सीखने का अवसर मिलता है। इस तरह की शिक्षा से बच्चों का समग्र विकास होता है और वे प्रकृति का सम्मान करना सीखते हैं।

विशिष्ट अतिथि आसिफ महमूद ने दीन-ए-इस्लाम से जुड़कर जिंदगी गुजारने का तरीका बताया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक वातावरण में शिक्षा हासिल करने से बच्चों को बाहर समय बिताने, विभिन्न प्राकृतिक चीजों को छूकर और देखकर सीखने का अवसर मिलता है। यह रचनात्मक सोच को बढ़ावा देता है। इससे बच्चों को प्रकृति के महत्व और उसके संरक्षण की शिक्षा मिलती है। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में अमन, शांति व भाईचारे की दुआ मांगी गई। इस मौके पर हाजी बदरुल हसन, शाहनवाज, मुहम्मद जैद, फजल, मुहम्मद आरिफ, अरशद, हसन अली, रुशान, जीशान, अलीशान, अब्दुस्समद, रहमत अली, सफियान, शिफा खातून, फिजा खातून आदि मौजूद रहे।

*बीएलओ के पद से नहीं आंगनवाड़ी पद से देना पड़ेगा इस्तीफा-एसडीएम*

खजनी गोरखपुर।

तहसील में एक बड़ा ही दिलचस्प वाकया हुआ, दरअसल बीएलओ (बूथ लेवल आॅफिसर) के पद पर काम करने वाली एक आंगनवाड़ी महिला ने अपने से सीनियर अधिकारी (सुपरवाइजर) से कहा कि वह अपने बीएलओ पद से इस्तीफा दे रही है, इसकी जानकारी जैसे ही सुपरवाइजर लेखपाल ने उप जिलाधिकारी खजनी राजेश प्रताप सिंह को दी तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि उससे कह दो कि तब उसे अपने आंगनवाड़ी पद से इस्तीफा देना होगा, कायदे से मतदाता पुनरीक्षण का काम करें नहीं तो किसी दिन जांच में पहुंचा तो कितना पोषाहार बांटती हैं इसका भी पता लगा लूंगा।

बता दें कि केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इन दिनों मतदाता पुनरीक्षण का कार्यक्रम चल रहा है, जिला निर्वाचन अधिकारी कृष्ण करूणेश ने बीते सप्ताह निर्वाचन अधिकारी का काम करने वाले जिले के सभी उप जिलाधिकारियों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में बीएलओ के द्वारा अपने बूथों पर पहुंच कर 18 वर्ष आयु पूरी कर चुके नए मतदाताओं के नाम जोड़ने मृतक अथवा लंबे समय से स्थान छोड़कर किसी अन्य शहर या राज्य में निवास करने वाले मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने की आदि पुनरीक्षण कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। गुरूवार को सबेरे क्षेत्र के सभी एक्टीव बीएलओ की लाॅग इन आईडी चेक करने के दौरान एसडीएम ने पाया कि कई बीएलओ अभी तक एक्टिव ही नहीं हुए हैं। उन्होंने तत्काल सुपरवाइजर लेखपालों को फोन करके निर्देश दिए कि वे अपने बीएलओ को तत्काल लाॅग इन कराएं और एक्टिव होने के लिए कहें। इस दौरान लेखपाल श्याम कन्हैया ने उन्हें बताया कि बूथ संख्या 171 की बीएलओ वंदना देवी ने कहा है कि वो बीएलओ पद से इस्तीफा दे रही हैं, उनसे यह काम नहीं हो पाएगा, जिस पर एसडीएम ने मुस्कुराते हुए कहा कि तब उससे कह दो कि पहले उसे आंगनवाड़ी पद से इस्तीफा देना होगा।

बता दें कि निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदाता पुनरीक्षण कार्य की जिम्मेदारी बीएलओ को सौंपी गई है और शिक्षामित्रों, शिक्षकों, आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ताओं को बीएलओ पद पर नियुक्त किया गया है।

महादेवा-दुघरा-सोपरां मार्ग के निर्माण की सुस्त रफ्तार, निर्माणाधीन सड़क पर हो रहे हादसे

खजनी गोरखपुर।क्षेत्र के महदेवा बाजार से दुघरा सोपरां तक जाने वाले लगभग 15 किमी लंबे संपर्क मार्ग का निर्माण निर्धारित समय में पूरा नहीं हुआ है। सड़क के निर्माण में सुस्ती व लापरवाही सामने आई है, जिससे मार्ग से यात्रा करने वाले लोग आए दिन गड्ढों, धूल और डस्ट के कारण हादसों का शिकार होना पड़ रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्रीय विधायक श्रीराम चौहान द्वारा इस 15.2 किमी लंबे संपर्क मार्ग के निर्माण हेतु 35.56 करोड़ रुपये की लागत स्विकृत हुई है, किन्तु 16 महीने में इसका 50 फीसदी काम भी पूरा नहीं हुआ है। इस बीच बारिश के मौसम में सड़क के निर्माण का काम बाधित होने की संभावना है।

निर्माण एजेंसी मेसर्स राज कंस्ट्रक्शन प्रोप्राइटर ममता सिंह इंटरप्राइजेज,सल्तानपुर को 13 मार्च 2024 को यह कार्य सौंपा गया था, जिसका निर्धारित समय समाप्त हो चुका है। इसके बावजूद कार्य अधूरा है, साथ ही सड़क निर्माण कार्य में निर्धारित मानकों की अनदेखी की गई है, इसे 7 मीटर चौड़ा बनाने का प्रावधान है, लेकिन कई स्थानों पर इसकी चौड़ाई कम हो गई है। वन विभाग और बिजली विभाग को लगभग 2 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि भुगतान के बावजूद पाइपलाइन और विद्युत लाइन शिफ्टिंग का काम अधूरा है, जिससे इस सड़क का निर्माण कार्य बाधित हो रहा है, तथा इस मार्ग से होकर आने जाने वाले राहगीर लंबे समय से परेशान हैं।

राकेश पाठक, घनश्याम शुक्ला, राममिलन, ईश्वरदत्त आदि का कहना है कि पिछले 16 महीने से सड़क पर भारी मात्रा में मटेरियल बिखरा पड़ा है। रात में के अंधेरे में राहगीर गड्ढों में गिरकर घायल हो रहे हैं,प्राय: रोज हादसों का खतरा बना हुआ है। बीते दिनों बस्तियां, रजवल व बन्हैता के पास बारात लेकर जाने वाली एक बस तथा एक स्कूल बस गड्ढे में फंस गई थी, किंतु जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं।

हादसों का शिकार होने वाले स्थानीय दुकानदारों व ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण एजेंसी मनमाने ढंग से टेंडर की मूल शर्तों का उल्लंघन कर रही है। लोग बीते दो दशक से इस सड़क के चौड़ीकरण व नवनिर्माण की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार की मंजूरी के बाद भी 16 माह से सड़क की स्थिति जस की तस बनी हुई है।

पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता रवि प्रताप सिंह ने बताया बारिश की वजह से सड़क का काम बंद हुआ है जल्द ही काम चालू हो जाएगा और हर जगह पूरी 7 मीटर की ही सड़क बनेगी।वहीं पीडब्ल्यूडी के एई शशिकांत सिंह ने बताया काम 50 फीसदी तक हो गया है, ठेकेदार कुछ दिनों से बीमार है सही हो जाएंगे तो वह काम करेंगे बिजली और वन विभाग का काम अभी चल रहा है, बिजली विभाग से 55 पोल हटाना अभी बाकी है वन विभाग द्वारा कुछ पेड़ काटने अभी बाकी है, जल्द ही काम पूरा करा लिया जाएगा।

पत्नी का गला रेतकर थाने पहुंचा पति बोला - साहब उसे मार दिया

गोरखपुर।सहजनवा में सो रही पत्नी का गला रेतकर पति ने हत्या कर दी। थाने पहुंचकर बोला, मार डाला, शव कमरे पर पड़ा है। इसके बाद फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंची पुलिस जांच कर रही है। उधर आरोपित पति को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

सहजनवां थाना क्षेत्र के बाहीलपार निवासी अंगद शर्मा का गांव की नेहा से प्रेम प्रसंग था। घर वालों के विरोध के बाद दो वर्ष पहले दोनों ने घर से भाग कर कोर्ट में शादी कर ली और बाहर चले गए। दो महीना पहले अंगद वापस आया और सहजनवां नगर पंचायत के वार्ड नंबर नौ पिपरा में बुद्धिराम के मकान में प्रथम तल पर किराए का कमरा लिया और दोनों रहने लगे। कुछ दिन बाद अंगद पेंट पालिश करने के लिए कर्नाटक चला गया।

इधर नेहा किराए के कमरे में अकेले रहती थी। करीब 20 दिन पहले अंगद कर्नाटक से वापस आया था। बुधवार की सुबह करीब छह बजे के आसपास लोगों ने नेहा के चीखने की आवाज सुनी तो कमरे पर पहुंचे। नेहा का गर्दन कटा हुआ था।

फर्श पर खून पसरा था शरीर के आधे हिस्से का कपड़ा भी गायब था। जबतक लोग कुछ समझ पाते नेहा ने दम तोड़ दी। उधर पत्नी की हत्या करने के बाद अंगद सीधे थाने पहुंचा और आत्मसमर्पण करते हुए पुलिस को हत्या की जानकारी दी। सूचना के बाद पहुंची पुलिस जांच पड़ताल कर रही है।

एसओ महेश चौबे ने बताया कि अभी जांच की जा रही है। सूचना पर नेहा के घर वाले भी मौके पर पहुंच चुके है। आरोपित पति से पूछताछ चल रही है।