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लिफ्ट में फंसने से 4 साल के मासूम की मौत, एक महीने में दूसरी बार हुआ हादसा

हैदराबाद की एक इमारत में दर्दनाक हादसा हो गया. इमारत की लिफ्ट में फंसने से साढ़े चार साल के एक बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई. घटना के बाद परिजनों का बुरा हाल है. वहीं पुलिस ने घटना की जानकारी दी है. शहर में एक माह में इस प्रकार की यह दूसरी घटना है. इससे पहले भी एक इमारत में लिफ्ट में फंसने से 6 साल के बच्चे की मौत हो गई थी. पूरे मामले में पुलिस जांच कर रही है.

आसिफ नगर थाने के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि यह घटना बुधवार रात चार मंजिला इमारत में हुई, जो एक निजी हॉस्टल है. जिस बच्चे की लिफ्ट में फंसने से मौत हुई उसके माता-पिता नेपाल से हैं. मृतक बच्चे के पिता चार माह से एक इमारत में चौकीदार के तौर पर काम कर रहे हैं. परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.

लिफ्ट में फंस गया था मासूम

पुलिस ने बताया कि बुधवार रात को उसकी मां और कुछ स्थानीय लोगों ने बच्चे को लिफ्ट में फंसा हुआ पाया. प्रारंभिक जांच के बाद एक अधिकारी ने बताया कि बच्चा कुचल गया था तथा लिफ्ट भूतल और प्रथम तल के बीच फंस गई. पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों ने बच्चे को बाहर निकाल उसे अस्पताल पहुंचाया. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

पुलिस जांच में जुटी

अधिकारी ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है कि क्या किसी की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ या फिर लिफ्ट में कोई तकनीकी समस्या थी. वहीं बच्चे के पिता की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस के मुताबिक फरवरी में भी इस तरह की घटना सामने आई थी. एक अपार्टमेंट परिसर में एलीवेटर शाफ्ट और दीवार के बीच छह वर्षीय बच्चा फंसकर गंभीर रुप से घायल हो गया था. वहीं सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान उसकीमौतहोगईथी.

आयुष्मान वय वंदना कार्ड के लिए उम्र क्यों अब 70 से घटा 60 हो सकती है?

भारत सरकार आयुष्मान योजना के तहत लोगों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने पर जोर दे रही है. संसद की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग से संबंधित समिति ने इस हवाले से सिफारिश किया है कि आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ाने के लिए आयुष्मान वय वंदना कार्ड की उम्र सीमा को घटाने की जरुरत है. समिति की सिफारिशों के मुताबिक इस कार्ड के लिए 70 साल की उम्र वाली पात्रता को घटाकर 60 साल तक लाया जना चाहिए.

स्वास्थ्य पर होने वाले लोगों के गंभीर खर्च को ध्यान में रखते हुए इस योजना को लाया गया था. समिति ने ने राज्यसभा में दिए अपने रिपोर्ट में मौजूदा प्रति परिवार 5 लाख रुपये के सालाना दायरे को बढ़ाकर 10 लाख रूपये प्रति परिवार करने की भी सिफारिश की है. समिति की सिफारिश यह भी है कि इस योजना के तहत कवर किए जाने वाले गंभीर बीमारियों और उनके इलाज के दायरे की भी समीक्षा की जानी चाहिए.

करीब 1400 करोड़ का बजट

संसद की समिति ने कुछ कामों के लिए सरकार की सराहना भी की है. मसलन, देश के साढ़े चार करोड़ परिवारों के छह करोड़ से भी ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों को वय वंदना योजना के तहत कवर करने के लिए सरकार की तरफ से किए गए प्रयास संसद की समिति को पसंद आय़ा है. इस साल, आयुष्मान वय वंदना कार्ड रखने वाले 70 साल या फिर उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के इलाज के लिए सरकार ने 1 हजार 443 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित किया है.

कम खर्च पर समिति की चिंता

समिति ने यह भी इशारा किया है कि जो रकम आवंटित की जाती है, उसका कम ही हिस्सा खर्च हो पाता है, लिहाजा इस पर काम करने की जरुरत है.समिति ने पाया कि वित्त वर्ष 2023-24 में 7,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. इसको बाद में संशोधित कर बढ़ाने के बजाय घटाकर 6 हजार 800 कर दिया गया. मगर वास्तविक खर्च 6,670 करोड़ के ही करीब रहा. संसदीय समिति ने इस पर चिंता जाहिर किया है.

इसी तरह, 2024-25 में पहले तो 7,300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया. जिसे बाद में संशोधित कर 7,605.54 करोड़ रुपये कर दिया गया. हालांकि, इस साल के 9 जनवरी तक वास्तविक व्यय 5,034.03 करोड़ रुपये ही था. यानी बहुत मुमकिन है कि इस साल भी पैसा पूरा खर्च न हो पाए. हां, 2025-26 में जरुर इस मद में काफी बढ़ोतरी कर इसे 9,406 करोड़ रुपये तक ले जाया गया है. अब समिति की नई सिफारिश मानी जाती है या नहीं, देखने वाला होगा.

ऑस्ट्रेलिया की ‘लिव’ के हुए बिहार के ‘आलोक’, 8 हजार KM दूर से आ पटना में लिए सात फेरे

प्यार न जात देखता है और न ही धर्म. प्यार जब होता है तो बस हो जाता है. कुछ ऐसी ही कहानी है ऑस्ट्रेलिया की लिव और बिहार के आलोक की है. ऑस्ट्रेलिया की रहने वाली लिव की शादी बिहार के आलोक से राजधानी में हुई है. इस अनोखी शादी में लिव के तो रिश्तेदार थे ही साथ ही साथ स्थानीय लोग भी बड़े अनोखे मौके पर एकत्रित हुए थे. इस शादी के लिए लिव के रिश्तेदार ऑस्ट्रेलिया से भारत आए हुए थे.

पटना के एक होटल में इस शादी का आयोजन हुआ. शादी का सेहरा बांधे आलोक मूल रूप से मुजफ्फरपुर के निवासी है. आलोक बचपन से पढ़ने में काफी तेज थे. सैनिक स्कूल से उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की और हायर एजुकेशन के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए. ऑस्ट्रेलिया में ही स्टडी करने के दौरान आलोक की मुलाकात लिव से हुई. यह मुलाकात धीरे-धीरे प्यार में बदल गई. हालांकि इन दोनों ने एक दूसरे को करीब पांच साल डेट भी किया.

ऑस्ट्रेलिया से आईं छह महिलाएं

दो अलग-अलग धर्म और दो अलग-अलग संस्कृतियों की इस अनोखी शादी में शामिल होने के लिए आलोक के पैतृक गांव से 100 से भी ज्यादा पुरुष व महिलाएं बाराती बनकर शामिल हुई. वही लिव के घर से भी ऑस्ट्रेलिया से छह महिलाएं आई और वह भी अनोखी शादी में शामिल हुई. इस दौरान हिंदू रीति रिवाज की सभी रस्मों का पूरे तरीके से पालन किया गया. शादी को लेकर के जितना ही खुश आलोक दिख रहे थे उतने ही खुशी लिव के चेहरे पर भी दिखाई दे रही थी.

भारतीय रीति रिवाज हुई शादी

इस दौरान लिव ने एकदम पारम्परिक भारतीय दुल्हन की वेशभूषा को अपनाया हुआ था, वही आलोक भी सेहरा बांधे हुए थे. शादी में भारतीय रीति रिवाज के अनुसार शुरू से लेकर अंत तक विधिवत रस्मों का पालन किया गया. दोनों नव दंपति ने इन रस्मों को निभाने का वचन भी दिया. इस दौरान लिव के चेहरे पर गजब की खुशी दिखाई दे रही थी. लिव के परिवार से ऑस्ट्रेलिया से आई छह महिलाएं भी इन रस्मों को देखकर के आश्चर्यचकित थी.उन्होंने भी इस शादी का बखूबी आनंद उठाया. बताया जा रहा है कि लिव और आलोक दोनों ही ऑस्ट्रेलिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. शादी के बाद दोनों ही नव दंपति ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना भी हो गए.

वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने जमकर मनाई होली, प्रेम और एकता का दिया संदेश

प्राचीन नगरी काशी में होली एकता और सौहार्द का संदेश दे रही है. रंगों के इस पावन पर्व को सभी लोग खुशियों के साथ मना रहे हैं. काशी की मुस्लिम महिलाओं ने भी जमकर होली खेली. इस बीच उन्होंने ढोलक बजाकर होली गीत गाए. मुस्लिम महिलाओं ने रंग-गुलाल के साथ फूलों की होली खेली. उनके होली खेलते और गीत गाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. होली खेलने वाली महिलाओं का कहना है कि होली प्रेम का त्योहार है. इसे मनाकर उन्होंने एकता का संदेश दिया है.

वाराणसी की होली देश ही नहीं विदेशों में भी काफी मशहूर है. यहां के मणिकर्णिका घाट पर खेली जाने वाली मसान की होली विश्व प्रसिद्ध है. यहां के रंगों में सभी लोग घुल जाते हैं. कुछ ऐसा ही नजारा काशी के लमही स्थित सुभाष भवन में देखने को मिला. यहां मुस्लिम महिला फाउंडेशन ने होली का आयोजन किया. उन्होंने होली खेली भी और गीत भी गाए. फाउंडेशन से जुड़ी महिलाओं ने कहा कि होली हमारे पूर्वजों का त्योहार है, अगर नहीं खेलेंगे तो जन्नत में जाकर क्या जबाव देंगे.

होली खेले रघुवीरा अवध में

काशी में मुस्लिम महिलाओं द्वारा खेली गई होली के वीडियो जमकर वायरल हो रहे हैं. वीडियो में मुस्लिम महिलाएं बुर्का और हिजाब पहने हुए हैं. वह गुलाल और फूलों से होली खेलती दिख रही हैं. वह जमकर फूल उड़ाते हुए दिख रही हैं. ढोलक की थाप पर महिलाएं होली खेले रघुवीरा अवध में गाना गा रही हैं. उन्होंने लोकगीत भी गाए.

होली हमारे पूर्वजों का त्योहार- नाजरीन अंसारी

मुस्लिम महिला फाउण्डेशन एवं विशाल भारत संस्थान ने मिलकर होली समारोह का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने गुलाब की पंखुड़ियां, हरे-लाल गुलाल और गुलाब जल का मिश्रण मिलाकर होली में प्रेम का रंग बनाया. मुस्लिम महिला फाउण्डेशन से जुड़ी नाजनीन अंसारी, खुशीदा बनो, नगीना ने बताया किहोली हमारे पूर्वजों और महान भारतीय संस्कृति का त्योहार है. नहीं खेलेंगे तो हम जन्नत में जाकर अपने पूर्वजों को क्या जबाव देंगे.

मुंबई पुलिस का होली पर सख्त आदेश: रंगीन पानी फेंकने, जबरन रंग लगाने पर होगी कार्रवाई

होली को लेकर महाराष्ट्र के मुंबई में गुब्बारे फेंकने, जबरन रंग लगाने और रंगीन पानी छिड़कने पर रोक लगाई है. मुंबई पुलिस ने इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं. पुलिस ने होली, धूलिवंदन और रंगपंचमी त्योहार के मद्देनजर 18 मार्च तक इन निर्देशों को लागू किया है. 14 मार्च को होली और जुमे की नमाज को देखते हुए अतिसंवेदनशील इलाकों में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. पुलिस अराजकतत्वों पर विशेष नजर रख रही है.

होली का त्योहार शुक्रवार को है. इधर, मुस्लिमो का पवित्र महीना रमजान चल रहा है. इसको लेकर मुंबई पुलिस अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं. पुलिस ने होली के दिन पैदल चलने वालों पर रंगीन पानी और पानी के गुब्बारे फेंकने, जबरन रंग लगाने पर सख्ती से रोक लगाई है. पुलिस का कहना अगर ऐसा करते कोई पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ऐसे लोगों पर नजर बनाए रखेगी. ये सख्त दिशा-निर्देश सांप्रदायिक तनाव से बचने के लिए सार्वजनिक सुरक्षा और रमजान महीने को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए हैं.

अश्लील गाने, आपत्तिजनक नारों पर रोक

मुंबई पुलिस ने 18 मार्च तक दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा है. पुलिस ने होली मनाने के लिए जबरन चंदा इकट्ठा करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही है. इसके अलावा सार्वजनिक समारोहों में अश्लील गाने, अश्लील इशारे या आपत्तिजनक नारे लगाने वालों से भी सख्ती से निपटा जाएगा. इसको लेकर मुंबई पुलिस आयुक्त ने आधिकारिक बयान जारी किया है. उन्होंने कहा है कि सार्वजनिक शांति या नैतिक शिष्टाचार को बाधित करने वाले किसी भी कृत्य से सख्ती से निपटा जाएगा.

होली समारोहों की निगरानी के निर्देश

मुंबई में होली को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. मुंबई पुलिस आयुक्त ने अधिकारियों से होली समारोहों की निगरानी करने का निर्देश भी जारी किया है. होली पर कहीं माहौल न बिगड़े इसपर पुलिस के अधिकारियों की निगाह बनी हुई है. मिलीजुली आबादी वाले इलाकों में पुलिस के अतिरिक्त जवानों को लगाया गया है.

हिमाचल प्रदेश: सरकारी स्कूलों के टीचर्स के लिए ड्रेस कोड लागू, जानें क्या है नियम

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूल में छात्रों के साथ टीचर्स भी ड्रेस कोड में नजर आएंगे. राज्य की सुख्खू सरकार ने टीचर्स के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया है. इस संबंध में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का कहना है कि टीचर्स को गरिमापूर्ण और सभ्य कपड़ों में स्कूल आना चाहिए. हालांकि, सरकार इस नियम को पूरे प्रदेश में सख्ती से लागू नहीं कर रही है. इस फैसला का मंडी जिले के शिक्षक संघ ने स्वागत किया है. उनका मानना है कि इस फैसले से टीचर्स की पहचान मजबूत होगी.

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ड्रेस कोड लागू हो गया है. इस संबंध में लंबे अरसे से मंथन चल रहा था. जिस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी मोहर लगी दी है. इस संबंध में जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि नई ड्रेस कोड लागू करने को लेकर शिक्षा विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर दिया है. टीचर्स का हमारे समाज में एक विशेष स्थान रखते है. टीचर्स को स्कूल में गरिमापूर्ण और सभ्य पोशाक में स्कूल आना चाहिए.

हिमाचल के स्कूलों में ड्रेस कोड लागू

टीचर्स की ड्रेस से छात्रों पर काफी असर पडता है. टीचर्स अगर सभ्य कपड़ों में स्कूल आते हैं तो उसका छात्रों पर सकारात्मक असर पड़ता है. आगे मंत्री ठाकुर बताते हैं कि ड्रेस कोड को राज्य में सख्ती से लागू नहीं किया गया है. आगे वह बताते हैं कि हमीरपुर में एक स्कूल ने अपने स्वयं के निर्णय के आधार पर टीचर्स के लिए स्वतंत्र रूप से ड्रेस कोड लागू किया है. प्रदेश में स्कूल कोड लागू होने पर सीएंडवी अध्यापक संघ जिला मंडी ने इस फैसले का स्वागत किया है.

टीचर्स की पहचान को मिलेगी मजबूती’

संघ के सदस्यों का मानना है कि यह कदम टीचर्स की पेशेवर पहचान को और मजबूत करेगा. साथ ही स्कूलों में अनुशासन और समानता को बढ़ावा देगा. अब देखने वाली बात यह होगी कि राज्य के कितने स्कूल में टीचर्स इस फैसले पर अमल करेंगे.

दिल्ली के बदरपुर में दर्दनाक घटना: महिला ने बेटियों के साथ खाया जहर, तीनों की मौत


राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को एक हैरान करने वाला मामला सामने आया. यहां एक 42 साल की महिला ने अपनी 18 और 8 साल की बेटियों के साथ कोई जहरीला पदार्थ खा लिया. इससे उसकी मौत हो गई. यह घटना चार से पांच दिन पहले की हो सकती है. हालांकि शव से बदबू उठने पर पड़ोसियों ने बुधवार को पुलिस को सूचना दी. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है.

पुलिस मामले की जांच कर रही है. पुलिस के मुताबिक तीनों शव की हालत खराब होने लगी थी. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह घटना चार या पांच दिन पहले की हो सकती है. अभी तक इस घटना के कोई ठोस कारण सामने नहीं आए हैं. हालांकि पुलिस ने महिला के घर की स्थिति को देखकर अनुमान लगाया है कि इस घटना के पीछे महिला की आर्थिक तंगी जिम्मेदार हो सकती है.

दो महीने से नहीं दिया घर का किराया

महिला के मकान मालिक ने भी पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसने आर्थिक तंगी की वजह से दो महीने से वह किराया नहीं दे पा रही थी. फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक तीनों महिलाओं की मौत की असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो सकेगी. बदरपुर पुलिस के मुताबिक एक पीसीआर कॉल मिली थी. इसमें बताया गया था कि कमरे के अंदर से सड़ी सी बदबू आ रही है.

क्राइम ब्रांच को सौंपी जांच

इस सूचना पर एसीपी और एसएचओ दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और दरवाजा तोड़ कर तीनों शव कब्जे में लिया. पुलिस के मुताबिक यह महिला मकान के दूसरे फ्लोर पर रहती थी. पुलिस ने बताया कि इन तीनों ने चार या पांच दिन पहले कोई जहरीला पदार्थ खाया होगा. हालांकि पुलिस ने घटना के अन्य एंगल की जांच के लिए मामला क्राइम टीम को सौंप दिया है.

लखनऊ पुलिस की बड़ी कार्रवाई: हथियारों की तस्करी करने वाली महिला गिरफ्तार, 4 पिस्टल और 7 मैगजीन बरामद

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस ने अन्तर्राज्यीय अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले गिरोह की सक्रिय सदस्य मुस्कान तिवारी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मुस्कान के पास से चार पिस्टल समेत सात मैगजीन बरामद की है. इससे पहले पुलिस ने मुस्कान तिवारी को उनके दो साथियों के साथ सुल्तानपुर जिले से गिरफ्तार किया था. उस दौरान पुलिस ने दो पिस्टल बरामद की थी.

लखनऊ पुलिस ने अवैध हथियारों की तस्करी करने के मामले में मुस्कान तिवारी पुत्री संतोष तिवारी जो जोनपुर जिले के रूदौली, थाना सरपतहा की रहने वाली है. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के पास से चार 32बोर की पिस्टल, 7 मैगजीन, 1 मोबाइल फोन बरामद किया गया है. आरोपियों को कैसरबाग बस स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया है.

अवैध असलहो एवं कारतूस की तस्करी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के पूर्वांचल में सक्रिय होने की सूचनायें प्राप्त हो रही थी. इस संबंध में एसटीएफ की विभिन्न टीमों को अलर्ट किया गया था. वहीं आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे.

पहले भी हुई है गिरफ्तारी

एसटीएफ वाराणसी ने मुस्कान तिवारी व उसके साथी सत्यम को पिछले साल 15 दिसंबर को सुल्तानपुर जिले से गिरफ्तार किया था. उस दौरान दो पिस्टल बरामद की गई थी. वहीं जेल से रिहा होने के बाद आरोपी गिरोह के सरगना शुभम सिंह के संपर्क में आकर फिर से हथियारों की तस्करी करने लगा था.

मुस्कान तिवारी शुभम सिंह के प्रभाव में आ गई. सरगना शुभम सिंह ने योजना बनाई कि दो लोग एक साथ हथियार ले के जाने पर पकड़े जा रहे हैं. अब आगे से गैंग के सदस्य अकेले ही हथियार लेने-देने के लिए जायेगें. मुस्कान तिवारी अकेले ही मेरठ हथियार लेने गई.

आरोपी के पास से हथियार बरामद

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने मुस्कान तिवारी से पूछताछ की है. उसने बताया कि शुभम सिंह ने कहा था कि मेरठ में शोहराबगेट बस स्टेशन के पास एक लड़का 4 पिस्टल लाकर देगा. प्रत्येक पिस्टल की कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपए है. हथियारों को जौनपुर जिले के शाहगंज में लाकर देना है. इसी योजना के तहत मुस्कान तिवारी मेरठ से पिस्टल लेकर बस द्वारा कैसरबाग बस स्टेशन पर पहुंची थी, जहां से शाहगंज के लिए बस पकड़ना थी. इसके लिए मुस्कान को 50 हजार रुपए मिले थे.

मुस्कान तिवारी ने पूछताछ में यह भी बताया कि उसने पहले भी कई बार कारतूस व असलहा लाकर शुभम सिंह के बताये स्थान पर दिए हैं.

बिहार दिवस से विधानसभा चुनाव की तैयारी, जानें बीजेपी का पूरा प्लान

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बिहार दिवस के जरिए आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है. पार्टी चुनाव से पहले बिहारी अस्मिता और गर्व को बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम करेगी. बीजेपी बिहार दिवस पर एक भारत श्रेष्ठ भारत, स्नेह मिलन कार्यक्रम चलाएगी. 22 मार्च को पूरे देश में बिहार दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

22 से 30 मार्च तक कार्यक्रम

बीजेपी पूरे एक हफ्ते तक 22 से 30 मार्च तक बिहार दिवस पर अलग-अलग कार्यक्रम चलाएगी. बीजेपी ने तय किया है कि इस दौरान बिहार में और बिहार से बाहर रहने वाले बिहारी प्रवासियों के बीच जाकर सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सहभोज का कार्यक्रम आयोजित करेगी.

सहभोज में बिहारी व्यंजन रखे जाएंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बिहार मूल के कलाकारों की भूमिका होगी. कार्यक्रम में एनडीए सरकार की उपलब्धियों के बारे में चर्चा की जाएगी.

आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में प्रवासियों से सहयोग मांगा जाएगा और उनकी अहम भूमिका के बारे में चर्चा की जाएगी. इस दौरान बिहार में एनडीए सरकार के विकासात्मक कामों का प्रदर्शनी भी लगाया जाएगा.

पार्टी के नेताओं को कहा गया है कि प्रत्येक कार्यक्रम में कम से कम 1000 बिहार मूल के लोगों की उपस्थिति सुनिश्चित करना है. बिहार दिवस पर आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों के तमाम तस्वीरों और संदेशों को सोशल मीडिया पर शेयर किया जाएगा.

अमित शाह जा सकते हैं बिहार

वहीं, जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. ये मुलाकात कल (मंगलवार) को शाम संसद भवन में हुई. इस बैठक में बिहार में एनडीए की चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई.

सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह ने बैठक में कहा कि इसी महीने मार्च में वह दो दिन के दौरे पर बिहार जाएंगे. इस दौरान वह बीजेपी के साथ साथ एनडीए के नेताओं के साथ भी चुनावी तैयारियों पर चर्चा करेंगे. अमित शाह 27 और 28 मार्च को बिहार जा सकते हैं.

आज ही महात्मा गांधी ने शुरू किया था ‘दांडी मार्च’, जानें इतिहास में और क्या-क्या खास

12 मार्च के दिन इतिहास में दर्ज कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं में 1930 में शुरू हुआ ‘दांडी मार्च’ भी शामिल है. जिसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण मोड़ माना जाता है. इस दिन महात्मा गांधी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से नमक सत्याग्रह के लिए दांडी यात्रा की शुरुआत की थी.

इस यात्रा के माध्यम से गांधी ने ब्रिटिश शासन के बनाए नमक कानून को चुनौती दी और उन्होंने उस साम्राज्य की सत्ता को सीधी चुनौती दी. जिसके बारे में कहा जाता था कि वहां कभी सूरज अस्त नहीं होता.

देश-दुनिया में 12 मार्च को घटित अन्य प्रमुख घटनाएं

1872: शेर अली, जिन्होंने लॉर्ड मायो की हत्या की थी, को फांसी दी गई.

1799: ऑस्ट्रिया ने फ्रांस के खिलाफ युद्ध की घोषणा की.

1930: महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम से दांडी यात्रा की शुरुआत की, साथ ही सविनय अवज्ञा आंदोलन भी शुरू किया और ब्रिटिश शासन से कर न चुकाने का आह्वान किया.

1938: जर्मनी ने ऑस्ट्रिया पर आक्रमण किया.

1942: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सैनिकों ने अंडमान द्वीप खाली किए.

1954: भारत सरकार ने साहित्य अकादमी की स्थापना की.

1960: प्रसिद्ध भारतीय संस्कृत विद्वान और लेखक, क्षितिमोहन सेन का निधन हुआ.

1967: इंदिरा गांधी दूसरी बार भारत की प्रधानमंत्री बनीं.

1993: मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में सैकड़ों लोग हताहत हुए.

1999: प्रसिद्ध वायलिन वादक यहूदी मैनुहिन का निधन हुआ.

2003: सर्बिया के प्रधानमंत्री जोरान दिजिनदिक की बेलग्राद में हत्या कर दी गई.

2004: दक्षिण कोरिया की संसद ने राष्ट्रपति रोह मू हुन के खिलाफ महाभियोग पारित किया और उन्हें निलंबित कर दिया गया.

2006: इराक में सद्दाम हुसैन के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई.

2007: जमैका में विश्वकप क्रिकेट चैंपियनशिप का आयोजन हुआ, जो इस प्रतियोगिता का नौवां संस्करण था.

2008: अमेरिकी वायुसेना ने विश्व के पहले स्टील्थ लड़ाकू विमान एफ-117 को अपनी सैन्य बलों से हटा लिया.

2018: नेपाल के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यूएस-बांग्ला एयरलाइन्स का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसमें कम से कम 51 लोगों की मृत्यु हुई.

2024: मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद नायब सिंह सैनी को हरियाणा का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया.

उल्लेखनीय निधन

1914: जॉर्ज वेस्टिंगहाउस, अमेरिकी इंजीनियर और उद्यमी, जिन्होंने ‘रेलवे एयर ब्रेक’ का आविष्कार किया था.

1989: मौरिस इवांस, अंग्रेजी अभिनेता, जो फिल्म ‘प्लैनेट ऑफ द एप्स’ में डॉ. ज़ायस के किरदार के लिए प्रसिद्ध थे.

2003: लिन थिगपेन, अमेरिकी अभिनेत्री, जिन्होंने ‘कारमेन सैनडिएगो’ टेलीविजन श्रृंखला में “चीफ” की भूमिका निभाई थी.

प्रसिद्ध जन्मदिन

1964: फाल्गुनी पाठक, जो ‘डांडिया क्वीन’ के नाम से मशहूर हैं और 90 के दशक में ‘मैंने पायल है छनकाई’ जैसे गानों से प्रसिद्ध हुईं.

1983: आतिफ असलम, पाकिस्तानी गायक और गीतकार, जो भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में अपने संगीत के लिए मशहूर हैं. उनका बॉलीवुड गाना ‘तेरा होने लगा हूं’ काफी हिट हुआ.

1984: श्रेया घोषाल, भारतीय गायिका, जिन्होंने ‘सा रे गा मा’ से गायन की शुरुआत की और आज भारत की प्रमुख गायिकाओं में शामिल हैं.