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सरायपाली बस हादसा : सीएम साय ने बच्ची की मौत पर जताया दुख, घायलों के बेहतर इलाज के लिए प्रशासन को दिए निर्देश

रायपुर-  महासमुंद जिले के सरायपाली में यात्री बस और ट्रक के बीच हुई सड़क दुर्घटना में एक बच्ची की मौत और 43 लोगों के घायल होने की खबर पर सीएम विष्णुदेव साय ने दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, यह घटना अत्यंत दुखद है. घायलों का इलाज जारी है. प्रशासन को बेहतर चिकित्सकीय व्यवस्था के निर्देश दिए हैं.

सीएम साय ने कहा, ईश्वर से दिवंगत बच्ची की आत्मा की शांति एवं उनके शोक संतप्त परिजनों को संबल प्रदान करने व घायलों के जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं.

मिली जानकारी के अनुसार, बस क्रमांक CG 23 N 2400 दुर्ग से पुरी जा रही थी. रास्ते में सुबह करीबन चार बजे सरायपाली के घंटेश्वरी मंदिर से करीब 200 मीटर की दूरी पर खड़े ट्रक (RJ 17 GA 5673) से बस जा भिड़ी. दुर्घटना के तुरंत बाद यात्रियों की चीख-पुकार शुरू हो गई. इस हादसे में एक बच्ची की मौत हो गई. वहीं कई लोग घायल हुए हैं. दुर्घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को उपचार के लिए सरायपाली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया.

एसपी की कारगर रणनीति से ढेर हुए 17 नक्सली: IPS निखिल राखेचा अबूझमाड़,सुकमा में संभाल चुके हैं मोर्चा,नक्सली इलाके में दो साल काम करने का है अनुभव
गरियाबंद- छत्तीसगढ़ में पहली बार गरियाबंद जिले में 80 घंटे से ज्यादा समय तक पुलिस-नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चली, जिसमें कई बड़े नक्सली लीडर भी ढेर हुए. मारे गए 16 में से 12 की पुष्टि पुलिस ने की है. अब तक 3 करोड़ 16 लाख के इनामी चेहरे सामने आए हैं. नुआपड़ा गरियाबंद धमतरी जिले में आतंक का पर्याय बन चुके डिविजन चीफ सत्यम गावड़े भी मुठभेड़ में मारा गया है. नक्सल प्रभावित नारायणपुर, सुकमा जिले में 24 महीने काम करने का अनुभव रखने वाले एसपी IPS निखिल राखेचा की रणनीति के चलते जनवरी में ही 17 नक्सली मारे गए हैं. अभी के मुठभेड़ में 16 और 3 जनवरी को एक नक्सली मारे गए हैं.
एसपी IPS निखिल राखेचा

जिले में निखिल राखेचा को एसपी का कमान देने के बाद नक्सली ऑपरेशन में सुरक्षा जवानों को बड़ी सफलता मिली है. 19 जनवरी से 22 जनवरी तक चले प्रदेश के सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन को एसपी राखेचा लीड कर रहे थे. 80 घंटे से ज्यादा समय तक चले इस ऐतिहासिक ऑपरेशन का परिणाम भी ऐतिहासिक था. इस ऑपरेशन में 90 लाख के इनामी चलपती जैसे बड़े कैडर के नक्सली नेता समेत कई एरिया कमांडर ढेर किए गए हैं. छत्तीसगढ़ में पहली बार किसी मुठभेड़ में सेंट्रल कमेटी मेंबर मारा गया है. ताजा ऑपरेशन में 16 शव बरामद किए गए. कुछ की शिनाख्त होना अब भी बाकी है.

जानिए कौन कौन मारा गया, कितना था इनाम

पुलिस के मुताबिक, मारे गए नक्सलियों में चलपती सीसी मेंबर इनाम 90 लाख ,जयराम उर्फ गुड्डू ओडिशा स्टेट कमेटी मेंबर इनाम 65 लाख, सत्यम गावड़े (नुआपड़ा गरियाबंद धमतरी डिविजन कमेटी चीफ)) इनाम 65 लाख, आलोक उर्फ मुन्ना (डीव्हीसीएस ओडिशा) इनाम18 लाख, शंकर (एसीएम कालाहांडी) इनाम 13 लाख, कलमू देवे उर्फ कल्ला (जयराम का गार्ड) इनाम 13 लाख, मंजू (एससीएम सदस्य) इनाम 13लाख, रिंकी (एसीएम) इनाम 13 लाख, सुखराम (चलपती का गार्ड) इनाम 3 लाख, रामे ओयाम (एलजीएस मैनपुर) इनाम 3 लाख, जैनी उर्फ मासे (मैनपुर एलजीएस) इनाम 3 लाख , मन्नू (माड़ एरिया के कंपनी नंबर 1 का सदस्य) इनाम 14 लाख शामिल हैं.

3 जनवरी को भागने में सफल हो गए थे नक्सली

एसपी निखिल राखेचा की पोस्टिंग के बाद जनवरी माह में तीन ऑपरेशन किए गए. 3 जनवरी को नवरंगपुर जंगलों के सीमा से लगे कांडसर के जंगल में मुठभेड़ हुई थी, जहां एक नक्सली को ढेर किया गया था. इस मुठभेड़ के बाद नक्सलियों ने बेसराझर इलाके को चुना.

महीनों से इसी डिविजन में था 90 लाख का इनामी चलपति

एसपी राखेचा ने बताया कि कई माह से नक्सली लीडर चलपती इसी इलाके में मौजूद था. वह धमतरी गरियाबंद नुआपड़ा डिविजन कमेटी में 20 से 25 नक्सलियों के साथ सक्रिय था. पंचायत चुनाव को प्रभावित करने के अलावा सामान्य मासिक बैठक की सूचना एजेंसियों के माध्यम से मिली थी. एसपी ने बताया, नक्सल ऑपरेशन सेल के साथ ऑपरेशन की रणनीति बनाई गई. इस ऑपरेशन में जिला पुलिस बल के ई 30, एसटीएफ, कोबरा 207, सीआरपीएफ 65 एवं 211 के लगभग 400 जवानों को भेजा गया था.

भौगोलिक परिस्थितियों का आंकलन कर बनाई कारगर रणनीति

बेसराझर इलाके से होकर भालूडिगी पहाड़ के दक्षिणी क्षेत्र तराई इलाके में नक्सलियों का जमावड़ा था. नक्सलियों ने यहां अपना अस्थाई डेरा बनाया हुआ था. सर्चिंग के दरम्यान तम्बू को जवानों ने ध्वस्त किया है. यह इलाका ओडिशा सीमा से 10 किमी की दूरी पर मौजूद है. रात के अंधेरे में तीन छोर से जवानों ने घेरना शुरू किया. पहले के ऑपरेशन में नक्सली ओडिशा भाग खड़े होते थे. ऐसे में एसपी ने 19 व 20 जनवरी तक ओडिशा की जवानों की एक टुकड़ी की मदद ली, जिन्होंने नक्सलियों को ओडिशा आने से रोका. एसपी ने पहले के ऑपरेशन में हुई चूक को प्वाइंट आउट करने के साथ ही भौगोलिक हालातों को तकनीकी के माध्यम से रीड किया था.

हथियार की तुलना में शव कम, नक्सलियों पर साथियों को ले जाने की आशंका

इस ऑपरेशन में जवानों ने दो दर्जन से ज्यादा आईईडी को डिफ्यूज किया है. एक एके 47 एवं 17 ऑटोमैटिक रायफल बरामद किया है. रोजमर्रा में उपयोग किए जाने वाले सामान, साहित्य, डायरी व पेन ड्राइव भी बरामद किया गया है. मिले हथियार की तुलना में शव की संख्या कम है. ऐसे में माना जा रहा है कि शव या घायलों को ले जाने में नक्सली सफल रहे होंगे.

आत्मसमर्पण करने पर मिलेगा सरकार की योजना का लाभ : एसपी

गरियाबंद एसपी निखिल राखेचा ने बताया, मारे गए नक्सलियों की शिनाख्त हो रही है. बच गए नक्सली आत्मसमर्पण करते हैं तो उन्हें सरकार की योजना का लाभ दिया जाएगा. घायल भी हो तो उनका पूरा उपचार पुलिस कराएगी.

नगरीय निकाय चुनाव के लिए बीजेपी की बैठक शुरू, ओबीसी आरक्षण पर कांग्रेस के आरोपों का विधायक धरम लाल कौशिक ने दिया जवाब…

रायपुर-  नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस भाजपा को घेरने में जुटी है. कांग्रेस के आरोपों को नौटंकी करार देते हुए भाजपा के वरिष्ठ विधायक धरम लाल कौशिक ने कहा कि यह कोई बीजेपी का निर्णय नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के हिसाब से चुनाव हो रही है. ओबीसी वर्ग को पर्याप्त टिकट दिया जाएगा. कांग्रेस केवल भ्रम फैलाने का काम कर रही है. 

बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश मुख्यालय में मैराथन बैठक का सिलसिला आज सुबह से शुरू हो गया है. राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में बैठक हो रही है. निकाय चुनाव के लिए बनाए गए समितियों के साथ चर्चा हो रही है. समितियों और कोर कमिटी के सदस्यों से वन टू वन चर्चा हो रही है.

बैठक में शामिल होने पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ विधायक धरम लाल कौशिक ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि कुछ नाम यहां से तय हो जाएंगे, और कुछ नाम का पैनल बनाया जाएगा. बहुत शीघ्र नाम घोषित होने की संभावना है. महापौर का नाम एक दिन बाद आएगा.

पिटने वाले हैं कांग्रेस के सारे मोहरे

कौशिक ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा चुनाव आयोग को लिखे गए पत्र पर कहा कि जहां सरकार आती है, वहां सभी बातों को भूल जाते हैं. हार के बाद कांग्रेस को क्या बोलना है, उसकी भूमिका भूपेश बघेल तैयार कर रहे हैं. नगरीय निकाय में भी कांग्रेस की हार होने वाली है. कांग्रेस के सारे मोहरे पीटने वाले हैं.

नक्सली चलपति को भगवान बताए जाने पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा की तीखी प्रतिक्रिया, कहा-

रायपुर- दो दिन पहले मारे गए एक करोड़ के ईनामी नक्सली चलपति को उसके ससुर द्वारा भगवान बताए जाने पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जिन्होंने स्कूल बनने नहीं दिया, बिजली-पानी पहुंचने नहीं दी, कई बच्चों को बेघर किया, पुलिस से मिले होने की बात कहते हुए सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी. उसके लिए ऐसी बातें समझ से परे है. 

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संगठन बैठक से पहले मीडिया से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में मनी म्यूल मामले में साइबर रेंज ने कार्रवाई करते हुए 3 नाइजीरियन सहित 62 लोगों को गिरफ्तार किए जाने पर रायपुर रेंज की तारीफ की।

उन्होंने कहा कि आगे भी कार्रवाई होगी. इसमें और बड़ी सफलताएं पुलिस को मिलेगी. एनडीपीएस और साइबर क्राइम के जितने मामले हैं, उन सभी को मिलाकर देखा जा रहा है. जो भी बाहर से आकर या आस-पास के देशों से आकर यह काम कर रहे हैं, प्रदेश में पूरी योजना के साथ उनकी शिनाख्त कर कार्रवाई की जाएगी.

VVPAT पर भूपेश बघेल के सवाल पर कसा तंज

EVM में VVPAT नहीं होने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्वाचन आयोग से किए गए सवालों पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि सरकार आने पर भूल जाते है कि ईवीएम से ही चुनाव हुए हैं. ये वही लोग हैं, जो महाराष्ट्र में चुनाव हारने पर धरने पर बैठते हैं, और झारखंड में चुनाव जीतने पर कपड़े बदलकर शपथ लेते हैं.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रीय बालिका दिवस की दी बधाई
रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने  राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए सभी बेटियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। उन्होंने कहा कि समाज में बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने और उनके साथ होने वाले भेदभाव के प्रति लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। श्री साय ने कहा कि बालिकाएं देश-प्रदेश, समाज और परिवार की शान, मान और अभिमान होती हैं। उन्हें सशक्त बनाने के लिए सुरक्षित और सहज माहौल देने की जरूरत है। इसके लिए समाज को अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं के सम्मान की परंपरा रही है। इसी कारण प्रदेश की प्रगति में छत्तीसगढ़ की बेटियां अप्रतिम योगदान दे रही हैं। यह बहन बेटियों और माताओं के लिए बेहतर वातावरण से संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि बेटियां खूब पढ़ें, निडर होकर आगे बढ़ें, अपने सपनों को साकार करें और घर परिवार के साथ देश-प्रदेश की उन्नति में भी सहभागी बने, इसके लिए हमारी सरकार दृढ़ संकल्पित है।
छत्तीसगढ़ की इरजा कुरैशी ने एक साल की उम्र में किया ये बड़ा कमाल, तोड़े कई नेशनल और इंटरनेशनल रिकॉर्ड्स

बिलासपुर-  बिलासपुर की एक नन्ही सी बच्ची ने अपनी कम उम्र में ऐसी मिसाल पेश की है, जिसे देखकर हर कोई हैरान है. व्यापार विहार स्थित नगर निगम कॉलोनी में रहने वाली एक वर्षीय इरजा कुरैशी ने न केवल शासन की योजनाओं का भरपूर लाभ उठाया, बल्कि अपने अद्भुत कौशल और परिश्रम से कई नेशनल और इंटरनेशनल रिकॉर्ड्स भी अपने नाम किए हैं. इरजा ने एक साल की उम्र में 42 से अधिक सरकारी प्रमाणपत्र और 102 जंपिंग के रिकॉर्ड दर्ज किए हैं.

दरअसल, महाराणा प्रताप चौक के पास रहने वाले आर्किटेक्ट पिता अलफरहान और माता स्वालेहा कुरैशी ने बताया कि अपनी एक वर्षीय बेटी इरजा कुरैशी को शासन की कमोबेश सभी योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास किया है. कम उम्र में बच्चों को जो योजनाएं शासन की ओर से दी जा रही हैं लगभग सभी की सभी का इस परिवार ने लाभ लेकर जागरूक परिवार होने का प्रमाण दिया है. आधार कार्ड से लेकर जन्म प्रमाण पत्र, सुकन्या समृद्धि योजना, पासपोर्ट, आंगनबाड़ी योजना, पेन कार्ड जैसे लगभग 42 प्रकार के प्रमाणपत्र की यह बच्ची धारक है. जंपिंग के मामले में भी उसने रिकॉर्ड कायम किया है, 1 मिनट में 102 बार जंपिंग कर बच्ची ने पिछले 72 बार के जंपिंग का रिकॉर्ड तोड़ा है.

इरजा के नाम पर इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड, वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड, गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड, वर्ल्ड रिकॉर्ड आफ इंडिया, कलाम वर्ल्ड रिकॉर्ड इंटरनल, ज़खी बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड,चेतन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, किंग बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड, एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड जैसे तमाम रिकॉर्ड पर इसका नाम दर्ज है.

सिविल जज परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, सरकारी कर्मचारी भी दे सकेंगे एग्जाम, आवेदन की तिथि बढ़ी
बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने का महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि सिविल जज की परीक्षा में वह उम्मीदवार भी भाग ले सकते हैं, जो सरकारी कर्मचारी हैं और जिनका बार काउंसिल में नामांकन नहीं है. कोर्ट ने आदेशित किया है कि एक उम्मीदवार जो विधि स्नातक है, चाहे वह अधिवक्ता के रूप में नामांकित हो या नहीं, इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा क्योंकि उसे भी उसी जांच से गुजरना होगा, जिससे दूसरे उम्मीदवार को गुजरना होगा, जो अधिवक्ता के रूप में नामांकित है. वहीं हाईकोर्ट ने इसके साथ ही सीजीपीएससी को सिविल जज की परीक्षा के आवेदन की अंतिम तिथि को 24 जनवरी 2025 से 1 महीने तक के लिए आगे बढ़ने का आदेश दिया है.
 
दरअसल, मध्यप्रदेश के जबलपुर की रहने वाली विनीता यादव विधि स्नातक है, जिसने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से विधि में डिग्री प्राप्त की है. वह छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापित सिविल जज (जूनियर डिवीजन) परीक्षा, 2024 में शामिल होने की इच्छुक थी. लेकिन वर्तमान में वह सरकारी कर्मचारी के रूप में कार्यरत है तथा अधिवक्ता अधिनियम, 1961 (संक्षेप में 1961 का अधिनियम) के तहत अधिवक्ता के रूप में नामांकित नहीं है तथा पूर्णकालिक सरकारी कर्मचारी होने के कारण उसे 1961 के अधिनियम के तहत बनाए गए बार काउंसिल ऑफ इंडिया रूल्स के नियम 49 के तहत अधिवक्ता के रूप में नामांकन करने से वैधानिक रूप से रोक दिया गया है, जो किसी भी पूर्णकालिक व्यवसाय में लगे व्यक्तियों के नामांकन पर रोक लगाता है.

याचिकाकर्ता ने अपनी अधिवक्ता शर्मिला सिंघई के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डबल बैंच में सुनवाई हुई. बैंच ने सुनवाई के दौरान कहा प्रथम दृष्टया, हमारा विचार है कि फिलहाल याचिकाकर्ता को अपना ऑनलाइन फॉर्म भरने की अनुमति दी जानी चाहिए और यदि वह अन्य सभी मानदंडों को पूरा करती है, तो उसे भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी जा सकती है. भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी गई है. चूंकि ऑनलाइन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 24.01.2025 है, इसलिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को निर्देश देते हुए ऑनलाइन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि को एक महीने के लिए बढ़ा देने आदेश दिया. इसके अलावा, विशुद्ध रूप से अंतरिम उपाय के रूप में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग उम्मीदवारों को अपने ऑनलाइन फॉर्म भरने की अनुमति देगा, भले ही वे 1961 के अधिनियम के तहत अधिवक्ता के रूप में नामांकित न हों.

यह भी स्पष्ट किया है कि यह आदेश प्रतिवादी के रूप में लागू होगा, न कि व्यक्तिगत रूप से और यहां तक कि वे अभ्यर्थी जिन्होंने उपरोक्त राहत के लिए इस उच्च न्यायालय का दरवाजा नहीं खटखटाया है, उन्हें भी वर्तमान आदेश का लाभ उठाने की अनुमति दी जाएगी.

वहीं यह भी कहा जैसा कि पूर्वोक्त शीर्ष न्यायालय के 6 निर्णयों के प्रकाश में है. संबंधित प्रतिवादी अगली सुनवाई की तारीख से पहले अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. इसके साथ ही cgpsc के अधिवक्ता अनिमेष तिवारी को निर्देश दिया कि वे इस आदेश को छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को तत्काल सूचित करें. इस मामले को 17 फरवरी, 2025 को रखी गई है.

बीजेपी प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन का बड़ा बयान, कहा- पंच से पार्लियामेंट तक भाजपा का सपना होगा पूरा
रायपुर- नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी को लेकर बीजेपी के प्रभारी नितिन नबीन छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे. रायपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने बड़ा बयान दिया. नितिन नबीन ने कहा कि पंच से पार्लियामेंट तक बीजेपी का सपना पूरा होगा.
 
बीजेपी प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन ने आगामी निकाय चुनाव को लेकर कहा कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेगी. उन्होंने बताया कि चुनाव के लिए कई स्तर पर नाम सामने आए हैं, जिनमें राज्य स्तर के नाम भी शामिल हैं. नितिन नबीन ने यह भी कहा कि बीजेपी सबको साथ लेकर आगे बढ़ने का काम करेगी.
भूपेश बघेल ने निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र, पूछे ये चार सवाल,…. मुख्यमंत्री बोले, निष्पक्ष होगा चुनाव

रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर कई मुद्दों पर आपत्ति जतायी है। उन्होंने राज्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर चार सवाल भी पूछा है। भूपेश बघेल चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा है कि महापौर/नगर पालिका अध्यक्ष/ नगर पंचायत अध्यक्ष एवं पार्षदों के मत एक ही EVM मशीन पर डाले जाएँगे?

उन्होंने कहा है कि एक ही मशीन पर मतदाता को दो मत डालने होंगे ऐसा भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार होगा। इस चुनाव प्रक्रिया के लिए मतदाताओं को प्रशिक्षित/जागरूक किए बिना ऐसा करना क्या ठीक होगा? उन्होंने सवाल पूछा है कि क्या इसके लिए नई मशीनें मँगवाईं गयीं हैं या पुरानी मशीनों में नई प्रोग्रामिंग की गई है?

भूपेश बघेल ने कहा कि मशीनों के नियमित मेंटेनेंश के लिए और नई पद्धति से चुनावों के लिए मशीनों की जो प्रोग्रामिंग की गई है उसका ज़िम्मा किस एजेंसी को दिया गया है? क्या यह एजेंसी केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा अधिकृत की गयी है? चुनाव परिणामों की तारीख़ो पर भी पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाये हैं।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री के सवालों पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि चुनाव बिल्कुल ही निष्पक्ष होगा। अगर उन्हें लगता है कि चुनाव निष्पक्ष नहीं होगा, तो उन्हें आपत्ति करने के लिए जगह है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर पूछे चार सवाल.

1. क्या यह सूचना सही है कि स्थानीय निकायों के चुनावों में EVM का प्रयोग तो होगा लेकिन EVM के साथ VVPAT का प्रयोग नहीं किया जाएगा। अगर ऐसा है तो क्या यह चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर बड़ा प्रश्न चिन्ह नहीं लगाता है?
2. सूचना मिली है कि महापौर/नगर पालिका अध्यक्ष/ नगर पंचायत अध्यक्ष एवं पार्षदों के मत एक ही EVM मशीन पर डाले जाएँगे। यानि एक ही मशीन पर मतदाता को दो मत डालने होंगे। ऐसा संभवतः भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार होगा। इस चुनाव प्रक्रिया के लिए मतदाताओं को प्रशिक्षित/जागरूक किए बिना ऐसा करना क्या ठीक होगा? क्या इसके लिए नई मशीनें मँगवाईं गयीं हैं या पुरानी मशीनों में नई प्रोग्रामिंग की गई है?
3. मशीनों के नियमित मेंटेनेंश के लिए और नई पद्धति से चुनावों के लिए मशीनों की जो प्रोग्रामिंग की गई है उसका ज़िम्मा किस एजेंसी को दिया गया है? क्या यह एजेंसी केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा अधिकृत की गयी है?
4. भारत में केंद्रीय चुनाव आयोगों के दिशा निर्देशों के अनुसार अगर कई चुनाव एक साथ हो रहे हों तो सभी चुनावों के परिणाम अंतिम चुनाव के बाद ही जारी किए जाते हैं जिससे कि एक चुनाव के परिणाम का प्रभाव दूसरे चुनावों पर न पड़े। जो चुनाव कार्यक्रम जारी किए गए हैं उसके अनुसार चुनावों के बीच भी परिणाम जारी किए जाएँगे। क्या यह केंद्रीय चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों की अवहेलना नहीं है? क्या इससे चुनावों की निष्पक्षता पर असर नहीं पड़ेगा?

मुख्यमंत्री साय ने ”छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट मीट” में देश के जाने माने उद्योगपतियों से की मुलाक़ात
रायपुर-   देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में गुरुवार 23 जनवरी को आयोजित “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट का आयोजन किया गया, जिसमें देश के बड़े उद्योपति और निवेशक शामिल हुए। इस दौरान छत्तीसगढ़ को 6000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिला है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमारमंगलम बिड़ला, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक तान्या डुबाश, अमेरिकी महावाणिज्यदूत माइक हैंकी और रूस के महावाणिज्यदूत इवान वाई फेटिसोव के साथ चर्चा की। सीएम साय इस दौरान लीग गई तस्वीरों को अपने आधिकारिक एक्स अकॉउंट पर साझा किया है।

मुख्यमंत्री साय ने आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमारमंगलम बिड़ला के साथ चर्चा की तस्वीरों को एक्स पर साझा करते हुए लिखा, ”आज मुंबई में आयोजित “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट में आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमारमंगलम बिड़ला जी से मुलाकात हुई। उन्होंने छत्तीसगढ़ में निवेश संभावनाओं पर सारगर्भित चर्चा की।”

मुख्यमंत्री साय ने गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक तान्या डुबाश से मुलाक़ात की तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा, ”आज मुंबई में आयोजित “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट में गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक तान्या डुबाश जी से मुलाकात हुई। इस अवसर पर उनसे छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक विकास नीति और राज्य में उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण के विषय में चर्चा हुई। उन्होंने छत्तीसगढ़ में रासायनिक उर्वरक, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण तथा मोल्डेड फर्नीचर निर्माण जैसे क्षेत्रों में निवेश की व्यापक संभावनाओं को लेकर विशेष रुचि जताई।”

CM साय ने राज्य में विदेशी निवेश के लिए नए दरवाजे खोले

मुख्यमंत्री साय ने “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट के जरिये राज्य में विदेशी निवेश के लिए नए दरवाजे खोले हैं। उन्होंने मुंबई में इन्वेस्टर कनेक्ट मीट में अमेरिकी महावाणिज्यदूत माइक हैंकी और रूस के महावाणिज्यदूत इवान वाई फेटिसोव के साथ चर्चा की।

गौरतलब है कि “छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट” मीट के दौरान छत्तीसगढ़ के अंदर स्वास्थ्य, शिक्षा, आईटी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर बात हुई। चर्चा के बाद राज्य में 6000 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। मुंबई में निवेश मीट के दूसरे चरण में प्लास्टिक, कपड़ा, आईटी और फूड प्रोसेसिंग कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में निवेश करने का फैसला किया है। सबसे ज्यादा 2,367 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव एक सीमेंट कंपनी ने रखा है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के लागू होने के बाद से छत्तीसगढ़ को रायपुर, दिल्ली और मुंबई में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट मीट में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश मिला है।

छत्तीसगढ़ में निवेश करना चाहते हैं उद्योगपति

देश-विदेश के प्रमुख उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ राज्य में निवेश के अवसरों पर विस्तृत चर्चा की। विभिन्न क्षेत्रों के निवेशकों ने राज्य में व्यवसाय शुरू करने में गहरी रुचि दिखाई। राज्य की नई औद्योगिक नीति 2024-30 पर प्रकाश डालते हुए सीएम साय ने कहा कि निवेशकों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने “न्यूनतम शासन, अधिकतम प्रोत्साहन” का आदर्श वाक्य अपनाया है। इसके तहत, अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है और अब सिंगल विंडो से मंजूरी मिल जाती है। इससे निवेशकों को काफी राहत मिली है।

रोजगार बढ़ाने के लिए बेस्पोक पॉलिसी

सीएम साय ने कहा कि निवेश और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए बेस्पोक पॉलिसी शुरू की गई है। जिस कंपनी में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है या 1,000 लोगों को रोजगार दिया गया है। वह कंपनी बेस्पोक पाॉलिसी का लाभ ले सकती है। इस नीति के तहत कंपनी 30% से 50% तक का स्थायी पूंजी निवेश कर सकती है। निवेश की राशि 200 करोड़ रुपये से 450 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है। इसके साथ ही जीएसटी में छूट और कई अन्य लाभ भी मिलते हैं।

नवा रायपुर में डेटा सेंटर का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, कंप्यूटिंग और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे उभरते उद्योगों में निवेश किया जा सकता है। उन्होंने नवा रायपुर में एक नए डेटा सेंटर के शुभारंभ की भी घोषणा की। इससे नवा रायपुर को आईटी हब बनाने में मदद मिलेगी। कई आईटी कंपनियों ने पहले ही इस क्षेत्र में काम शुरू कर दिया है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल, फूड और कृषि प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में विशेष रियायतें दी गई हैं। इस दिशा में एक बड़ा कदम नवा रायपुर में फार्मास्युटिकल पार्क की स्थापना है, जो मध्य भारत का सबसे बड़ा फार्मास्युटिकल पार्क बनने वाला है।

बस्तर और सरगुजा में निवेश पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट के पास नियानार गांव में 118 एकड़ में एक नया औद्योगिक क्षेत्र बनाया जाएगा। यह नया औद्योगिक केंद्र बड़े पैमाने पर लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों के विकास के लिए महत्वपूर्ण अवसर पैदा करेगा। बस्तर और सरगुजा को औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में नामित किया गया है। इन क्षेत्रों में विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कोर सेक्टरों में प्रोत्साहन के साथ-साथ लोहे और कोयले की रॉयल्टी पर 50% से 100% तक की छूट दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, 150% तक टैक्स की प्रतिपूर्ति का भी प्रावधान है।

बैठक में उद्योग विभाग के मंत्री लखन लाल देवांगन, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार, नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ की निवेश आयुक्त रितु सैन और सीएसआईडीसी के प्रबंध निदेशक विश्वेश कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

किस क्षेत्र में कितना निवेश?

  • प्लास्टिक और टेक्सटाइल के क्षेत्र में 500 करोड़ रुपए का निवेश
  • पालतू पशुओं के भोजन का उत्पादन बढ़ाने के लिए राजनांदगांव में 625 करोड़ रुपए का निवेश
  • ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 30 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र भी लगाया जाएगा
  • आईटी क्षेत्र में 600 करोड़ रुपए का निवेश
  • स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में 700 करोड़ रुपए का निवेश