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AAP के दिग्गजों को कितनी टक्कर दे पाएंगे कांग्रेस के ये 10 नेता?

दिल्ली चुनाव में ओल्ड ग्रैंड कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की मजबूत घेराबंदी शुरू कर दी है. कांग्रेस ने आप के दिग्गज नेताओं के सामने अपने सारे बड़े नेताओं को मैदान में उतार दिया है. नई दिल्ली सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने जहां संदीप दीक्षित ताल ठोकेंगे, वहीं कालकाजी में आतिशी के सामने अलका लांबा को उतारा गया है

12 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर कांग्रेस के लिए यह करो या मरो का चुनाव है. यही वजह है कि पार्टी ने आप के सभी दिग्गज नेताओं के सामने अपने बड़े चेहरे को मैदान में उतार दिया है. 2013 में आप ने इसी तरह के फॉर्मूले से कांग्रेस के दिग्गजों को पटखनी दी थी. ऐसे में सियासी गलियारों में यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि क्या 2013 का बदला कांग्रेस के ये बड़े नेता ले पाएंगे?

मैदान में 10 बड़े चेहरे, कौन कितने मजबूत?

1. बादली विधानसभा सीट से कांग्रेस ने अंतरिम अध्यक्ष देवेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है. देवेंद्र यहां से विधायक रह चुके हैं, लेकिन पिछले 2 चुनाव से वे इस सीट नहीं जीत पा रहे हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में बादली सीट से देवेंद्र को 19 प्रतिशत वोट मिले थे. आप के उम्मीदवार अजेश यादव को 49 प्रतिशत वोट मिले थे. अजेश इस बार भी आप के सिंबल पर मैदान में हैं. लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी को बढ़त मिली थी. 2020 के चुनाव में बीजेपी बादली सीट पर दूसरे नंबर पर रही थी. उसे यहां करीब 28 प्रतिशत वोट मिले थे.

2. पटपड़गंज विधानसभा सीट से चौधरी अनिल कुमार को कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित किया है. अनिल कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. पटपड़गंज सीट से पूर्व विधायक अनिल 2015 में आखिरी बार यहां से मैदान में उतरे थे. उस चुनाव में अनिल की जमानत जब्त हो गई थी. 2020 में कांग्रेस के सिंबल पर यहां से लक्ष्मण रावत उतरे थे, उन्हें 2 प्रतिशत से भी कम वोट मिले. बीजेपी के उम्मीदवार यहां पर 3000 वोट से पिछड़ गए थे. लोकसभा चुनाव में पटपड़गंज सीट पर बीजेपी को बढ़त मिली थी. आप की तरफ से पटपड़गंज सीट पर अवध ओझा को उम्मीदवार बनाया है.

3. द्वारका विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी की तरफ से विनय मिश्रा चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने यहां से लाल बहादुर शास्त्री परिवार से जुड़े आदर्श शास्त्री को उम्मीदवार घोषित किया है. आदर्श पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं. 2020 में आदर्श को यहां पर 6757 वोट मिले थे, जबकि चुनाव जीतने वाले आप के विनय मिश्रा को 71003 वोट. बीजेपी इस सीट पर दूसरे नंबर पर रही थी. हालिया लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी उम्मीदवार को बढ़त मिली थी.

4. नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल के मुकाबले कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को उतारा है. पूर्व सांसद संदीप शीला दीक्षित के बेटे हैं. नई दिल्ली की सीट एक वक्त में दीक्षित परिवार का गढ़ माना जाता था. हालांकि, 2015 और 2020 के चुनाव में कांग्रेस यहां लड़ाई में भी नहीं रह पाई. 2015 और 2020 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई थी. संदीप दीक्षित भी पिछले 10 साल से कोई चुनाव नहीं जीत पाए हैं.

5. आम आदमी पार्टी के कद्दावर महिला नेता बंदना कुमारी के सामने कांग्रेस ने प्रवीण जैन को उतारा है. दोनों शीलामार गार्डन सीट से चुनावी मैदान में हैं. 1993 में गठित शालीमार गार्डन सीट पर कांग्रेस कभी भी चुनाव नहीं जीत पाई है. 2013 से यहां आप की बंदना जीत रही हैं. 2015 और 2020 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी.

6. बल्लीमारन सीट पर आप ने दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुस्सैन को टिकट दिया है. यहां से कांग्रेस सिंबल पर हारून युसूफ मैदान में उतरे हैं. युसूफ भी शाल दीक्षित की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. 2020 के चुनाव में युसूफ इस सीट पर तीसरे नंबर पर रहे थे. उन्हें सिर्फ 4 प्रतिशत वोट मिले थे. आप के इमरान को 64 प्रतिशत वोट मिले थे. बल्लीमारन की इस सीट पर हालिया लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को बढ़त मिली थी.

7. कालकाजी सीट पर 2008 में आखिरी बार कांग्रेस को जीत मिली थी. वर्तमान में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी यहां से विधायक हैं. कांग्रेस ने अलका लांबा को यहां से मैदान में उतारने का फैसला किया है. लांबा महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं. यह सीट कांग्रेस के लिए सेफ नहीं है. 2020 और 2015 में यहां से कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई थी. दोनों ही चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार दूसरे नंबर पर थे.

8. सीलमपुर विधानसभा सीट से चौधरी मतीन अहमद के बेटे चौधरी जुबैर को आप ने उम्मीदवार बनाया है. जुबैर को टिकट देने की वजह से आप ने वर्तमान सीटिंग विधायक अब्दुल रहमान का टिकट काट दिया. रहमान इसके बाद कांग्रेस में आ गए. रहमान को कांग्रेस ने सीलमपुर से उम्मीदवार बनाया है. सीलमपुर सीट एक वक्त में मतीन अहमद का गढ़ माना जाता था. मतीन यहां से निर्दलीय और जनता दल के सिंबल पर भी चुनाव जीत चुके हैं. अब देखना होगा कि इस बार अब्दुल रहमान मतीन के बेटे को मात दे पाते हैं या नहीं?

9. चांदनी चौक सीट पर कांग्रेस ने आप के प्रहलाद सिंह के मुकाबले मुदित अग्रवाल को मैदान में उतारा है. मुदित कद्दावर नेता जय प्रकाश अग्रवाल के बेटे हैं. 2020 में इस सीट से अलका लांबा कांग्रेस की तरफ से चुनावी रण में उतरी थीं, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई. चांदनी चौक जय प्रकाश अग्रवाल का गढ़ माना जाता है. अग्रवाल को लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बढ़त मिली थी. ऐसे में आप की यहां टेंशन बढ़ सकती है.

10. वजीरपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस की तरफ से रागिनी नायक को उतारा है. वजीरपुर की सीट पर आप की तरफ से राजेश गुप्ता मैदान में हैं. गुप्ता 2015 और 2020 में यहां से जीत चुके हैं. रागिनी नायक कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. हालांकि, इस सीट पर कांग्रेस का जनाधार काफी ही कमजोर है. 2020 और 2015 में इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी.

अमीषा पटेल का बड़ा झटका! 2 लाख का चेक हुआ बाउंस, खाते में पैसे नहीं!

बॉलीवुड अभिनेत्री अमीषा अमीषा पटेल के बैंक खाते में दो लाख रुपये भी नहीं है. उन्होंने उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद की इवेंट कंपनी को दो लाख रुपये का चेक दिया था, लेकिन यह चेक बाउंस हो गया है. अमीषा पटेल ने इवेंट कंपनी के साथ हुए समझौते के तहत पिछले दिनों अपने वकील के जरिए यह चेक दिया था. अब कंपनी के डायरेक्टर ने बैंक में चेक लगाया तो पता चला कि अमीषा पटेल के खाते में इतनी रकम ही नहीं है. इवेंट कंपनी ने इस मामले में एक बार फिर से अमीषा पटेल के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला किया है.

कंपनी के डायरेक्टर के मुताबिक यहां साल 2017 में एक शादी समारोह था. इस समारोह में डांस करने के लिए अभिनेत्री अमीषा पटेल को हॉयर किया गया था. इसके लिए कंपनी ने अमीषा पटेल की सभी शर्तों को पूरा भी कर दिया, बावजूद इसके वह कार्यक्रम में नहीं पहुंची. इसके बाद कंपनी ने अमीषा पटेल के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा कर दिया. वहीं कोर्ट ने अमीषा पटेल को कई वारंट भी जारी किए और आखिर में गिरफ्तारी की तलवार लटकी तो उन्होंने एंटीसेपेट्री बेल ले लिया.

8 लाख रुपये में हुआ था समझौता

हालांकि कुछ दिन पहले अमीषा पटेल ने इस मामले में समझौता कर लिया और बतौर हर्जाना कंपनी को पूरी रकम चुकाने का वादा किया. इसी क्रम में अभिनेत्री के अधिवक्ता ने कंपनी को दो लाख रुपये का चेक दिया था. कंपनी के डायरेक्टर पवन वर्मा के मुताबिक एक हफ्ते पहले अभिनेत्री अमीषा पटेल के वकील ने समझौते की कोशिश की. चूंकि उन्हें भी अमीषा पटेल से कोई व्यक्तिगत रंजिश नहीं थी, इसलिए उन्होंने समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए. इस समझौते के तहत तय हुआ कि कंपनी को 8 लाख का चेक तत्काल मिलेगा और बाकी रकम फुल एवं फाइनल के समय दी जाएगी.

यह है मामला

इसके बाद अमीषा पटेल के वकील ने दो-दो लाख के चार चेक कंपनी को दे दिए. कंपनी के डायरेक्टर के मुताबिक उन्होंने यह चेक बैंक में लगाया तो यह बाउंस हो गया. पता चला कि अमीषा पटेल के खाते में इतने पैसे ही नहीं हैं. उन्होंने बताया कि अब इस मामले में वह नए सिरे से कोर्ट जा रहे हैं. कंपनी के डायरेक्टर के मुताबिक कार्यक्रम में अमीषा पटेल को बुलाने के लिए 11 लाख रुपये दिए गए थे. रुपये मिलने के बाद अमीषा पटेल दिल्ली तक पहुंच भी गईं, लेकिन दिल्ली से मुरादाबाद आने के लिए दो लाख रुपये अतिरिक्त मांगने लगी. कंपनी ने इसके लिए हामी भी भर ली. बावजूद इसके, अमीषा पटेल मुंबई वापस लौट गईं. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के आयोजन में उन्होंने 14 से 14.5 लाख रुपए खर्च किए गए थे.

दिल्ली विधानसभा चुनाव: कांग्रेस ने कालकाजी सीट से अलका लांबा को बनाया उम्मीदवार, मुख्यमंत्री आतिशी से होगा मुकाबला!

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने कालकाजी सीट से उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. पार्टी ने अलका लांबा को टिकट दिया है.कालकाजी सीट पर उनका सामना मुख्यमंत्री आतिशी से होगा. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस ने कहा, केंद्रीय चुनाव समिति ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में 51-कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अलका लांबा के नाम पर मोहर लगाई है.

2020 के चुनाव में तीसरे नंबर रही थीं अलका लांबा

पिछले विधानसभा चुनाव में अलका लांबा कांग्रेस के टिकट पर चांदनी चौक सीट से चुनाव लड़ी थीं. हालांकि, यहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. आम आदमी पार्टी उम्मीदवार प्रह्लाद सिंह साहनी ने जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में अलका लांबा तीसरे स्थान पर रही थीं. वहीं, 2015 के विधानसभा चुनाव में अलका ने जीत दर्ज की थी. ये चुनाव उन्होंने आम आदमी पार्टी के टिकट पर लड़ा था. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवारसुमन गुप्ता को 18 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी थी.

बीजेपी और AAP पर अलका के हमले

अलका लांबा की गितनी तेजतर्रार नेताओं में होती है. कांग्रेस ने उन्हें महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे रखी है. दिल्ली विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच अलका बीजेपी और आम आदमी पार्टी पर हमलावर हैं. बीते दिन उन्होंने एक पोस्ट में दोनों पार्टियों पर हमला बोला था.

दिल्ली की जनता कांग्रेस के साथ मिलकर बदलाव लाएगी

अलका ने कहा, आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने मिलकर दिल्ली को बर्बाद कर दिया है. शासन और प्रशासन को मिलकर काम करना चाहिए था लेकिन पिछले 10 साल में दोनों आपस में ही भिड़ते रहे. बीजेपी और आम आदमी पार्टी की इस टकराहट का खामियाजा दिल्ली की जनता को उठाना पड़ा. चाहे बेरोजगारी हो, महंगाई हो, अपराध हो या भ्रष्टाचार, हर समस्या का असर दिल्लीवासियों पर पड़ा. उन्होंने दावा किया कि आम आदमी पार्टी और बीजेपी से परेशान दिल्ली की जनता कांग्रेस के साथ मिलकर बदलाव लाएगी.

इंदौर वाले सावधान! भिक्षा देने पर एक साल की जेल और ₹5,000 का जुर्माना! सावधानी से चलें!

इंदौर प्रशासन ने शहर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने के लिए एक अहम कदम उठाया है. इस नए कदम के तहत अब भिखारियों को भिक्षा देने और उनसे कोई सामान खरीदने पर कानूनी प्रतिबंध लगा दिया गया है. शुक्रवार को अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई इस नियम का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

जिलाधिकारी आशीष सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत यह आदेश जारी किया है. इस आदेश में कहा गया है कि, “किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाता है. भिखारियों को भिक्षा देना या उनसे कोई सामान खरीदना अपराध होगा.” इस आदेश के तहत यदि कोई व्यक्ति भिखारियों को भिक्षा देता या उनसे सामान खरीदता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी.

इस आदेश के उल्लंघन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी. यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसे एक साल तक की सजा या ₹5,000 तक का जुर्माना या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं. यह कदम शहर में भिक्षावृत्ति को खत्म करने के लिए उठाया गया है. प्रशासन ने इसे गंभीरता से लागू करने का निर्णय लिया है.

भिक्षावृत्ति की जानकारी देने पर मिलेगा इनाम

अधिकारियों ने यह भी बताया कि जो व्यक्ति भिक्षावृत्ति के बारे में सही जानकारी देगा, उसे प्रोत्साहन राशि के रूप में ₹1,000 का इनाम दिया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य नागरिकों को भिक्षावृत्ति के खिलाफ जागरूक करना और प्रशासन की मदद करना है.

भिक्षावृत्ति को समाप्त करने के प्रयास

महिला और बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि पिछले चार महीनों में करीब 400 लोगों को पुनर्वास के लिए आश्रय स्थल भेजा गया है, जबकि 64 बच्चों को बाल देख-रेख संस्थान में भेजा गया है. उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रशासन ने भिक्षावृत्ति के खिलाफ जागरूकता अभियान भी चलाया है.

अब भिक्षा लेने और देने वाले दोनों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों को भिक्षुकमुक्त बनाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसमें इंदौर भी शामिल है.

टूट जाएगा आगरा का शाही हमाम? 400 साल पहले अलीवर्दी खान ने बनवाया था

आगरा के छिपीटोला स्थित शाही हमाम अपने अस्तित्व की जंग लड़ रहा है. शाही हमाम की जमीन पर रिहायसी कॉलोनी बसाने के लिए एक तरफ बिल्डर ने तोड़फोड़ की है, वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट ने इस तोड़फोड़ पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. बड़ी बात यह कि 153 साल पहले तक संरक्षित स्मारक रहे इस शाही हमाम से एएसआई ने मुंह मोड़ लिया है. ऐसे में अब इसका अस्तित्व बचाने के लिए शहर के लोग मैदान में कूद पड़े हैं.आगरा के इतिहासकारों के मुताबिक यह शाही हमाम का निर्माण 16वीं शदी में मुगल दरबार के प्रमुख दरबारी अलीवर्दी खान ने कराया था.

तुर्किए शैली में बने इस इमारत और स्नानागार के निर्माण में लाखौरी ईंटों और लाल बलुई पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है. आगरा फोर्ट के बेहद करीब स्थित इस शाही हमाम का इस्तेमाल उस समय बादशाह से मिलने के लिए दूसरे देशों या राज्यों से आने वाले राजा-महाराजा करते थे. बादशाह से मिलने से पहले उन्हें इस हमाम में स्नान करना होता था. मुगल सल्तनत खत्म होने के बाद यह शाही हमाम सब्जी और फल मंडी में तब्दील हो गई थी.

153 साल पहले तक संरक्षित स्मारक था हमाम

हमाम के अहाते में बने कमरों का इस्तेमाल फल विक्रेता गोदाम के रूप में करने लगे. वहीं कुछ कमरों में लोगों ने आवास भी बना लिया. हालांकि इसके लिए सरकार उनसे किराया वसूल करती रही है. इस हमाम के बाहर भी घनी बस्ती है और सघन बाजार है. आगरा के इतिहासकारों के मुताबिक 153 साल पहले तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से इसे स्मारक घोषित किया गया था. हालांकि अब एएसआई के अधिकारी इसे संरक्षित स्मारक नहीं मानते.

हाईकोर्ट ने लगाई है तोड़फोड़ पर रोक

इसके चलते देखरेख के अभाव में यह स्मारक जर्जर होने लगा है. इसी क्रम में एक हफ्ते पहले एक बिल्डर ने इसे तोड़ने की भी कोशिश की थी. इसमें बने कई कमरों पर बुलडोजर भी चला दिया गया था. हालांकि उसी समय स्थानीय लोग हाईकोर्ट पहुंचे गए और हाईकोर्ट ने तोड़फोड़ पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी. यह मुकदमा न्यायमूर्ति सलील राय और माननीय न्यायमूर्ति समीत गोपाल की कोर्ट में दाखिल हुआ था. उस समय आगरा के लोगों ने अलविदा शाही हमाम के नाम से एक हेरिटेज वॉक भी निकाली थी.

1992 तक जाता था किराया

इस हमाम में बने कमरों में रहने वाले लोगों के मुताबिक उनके पास किराएनामा उपलब्ध है. इस किराएनामे के मुताबिक 1992 तक वह 100 रुपए किराया सरकार को देते थे. इससे पहले 1947 के आसपास का एक दस्तावेज भी दिखाया. इसपर राय बहादुर सेठ ताराचंद रईस व जमींदार गवर्नमेंट ट्रेजरर का नाम लिखा है. इसी के साथ किराएदार के रूप में प्यारे बल जयराम का नाम लिखा है. स्थानीय लोगों ने 1925 में बना एक किरायानामा भी दिखाया, जिसपर एक कमरे का किराया 6 रुपए सालाना बताया गया है.

राहुल गांधी का बीजेपी पर हमला: सरकारी भर्ती में अनियमितताओं को लेकर युवाओं के साथ अन्याय!

सरकारी भर्ती में अनियमितताओं को लेकर कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है. राहुल ने कहा कि पहले तो भर्ती नहीं निकलती और भर्ती निकल भी जाए तो परीक्षा समय पर नहीं होती. परीक्षा हो तो पेपर लीक करवा दिए जाते हैं और जब युवा न्याय मांगते हैं तब उनकी आवाज को बेरहमी से कुचल दिया जाता है. बीजेपी युवाओं का बिल्कुल एकलव्य जैसा अंगूठा काट रही. बीजेपी युवाओं का भविष्य मिटा रही. सरकारी भर्ती में विफलता बड़ा अन्याय है.

राहुल ने कहा कि हाल ही में यूपी और बिहार की घटनाओं के बाद अब मध्यप्रदेश में MPPSC में हुई गड़बड़ी का विरोध कर रहे दो छात्रों को जेल में डाल दिया गया है. वो भी तब जब मुख्यमंत्री ने खुद छात्रों से मुलाकात कर उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था. बीजेपी की सरकार ने छात्रों के भरोसे को तोड़ा है और लोकतांत्रिक प्रणाली का गला घोंटा है. छात्रों के अधिकार की लड़ाई में हम उनके साथ हैं. भाजपा को देश के युवाओं के हक़ की आवाज किसी कीमत पर दबाने नहीं देंगे.

दरअसल, राहुल गांधी ने बीपीएससी, एमपीपीएससी परीक्षा में हुई अनियमितताओं और अपनी मांगों को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे छात्रों के समर्थन में ये बात कही है. दरअसल, मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि अराजकता और अन्याय मोहन सरकार की कार्यशैली के मुख्य अंग हैं. बाबा साहब के संविधान और लोकतंत्र से इन्हें सख्त नफरत है.

परीक्षा में अनियमितताओं और अपनी मांगों को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे छात्रों को जेल भेजना मोहन सरकार के अन्याय की पराकाष्ठा है. मोहन सरकार इन पर लादे गए झूठे प्रकरण तुरंत वापस लें. इस ट्वीट के रिप्लाई में राहुल गांधी ने अपनी बात रखी.

पटना में BPSC छात्रों का विरोध प्रदर्शन

बिहार की राजधानी पटना में बीपीएससी अभ्यर्थी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि परीक्षा दोबारा हो. एक साथ एग्जाम हो तो एक साथ ही रिजल्ट भी निकाला जाए जबकि आयोग ने सिर्फ पटना के एक सेंटर पर परीक्षा रद्द की है. अब 4 जनवरी को दोबारा एग्जाम होगा. इसी को लेकर बीपीएससी के छात्र पटना में रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस विरोध प्रदर्शन में जन सपराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रशांत किशोर और पुर्णिया के सांसद पप्पू यादव भी उनका साथ दे रहे हैं.

उज्जैन का हनीट्रैप मामला : 7 हजार की नौकरानी की करोड़ों की कमाई का राज एक कॉल रिकॉर्डिंग से खुला...., जानें पूरी मामला

मध्य प्रदेश के उज्जैन में कुछ दिन पहले पुलिस ने पिंकी गुप्ता नाम की महिला समेत तीन को गिरफ्तार किया था. आरोप था कि उसने साथियों के साथ मिलकर नामी ज्योतिषाचार्य को हनीट्रैप में फंसाया और 4 करोड़ से भी ज्यादा रुपये ऐंठ लिए. फिलहाल आरोपी महिला जेल में बंद है. लेकिन जिस तरह से उसने अपने इस शातिराना प्लान को अंजाम दिया, वो वाकई हैरान कर देने वाला है. तो चलिए जानते हैं कि कैसे ज्योतिषाचार्य के घर पर काम करने वाली नौकरानी ही उनके गले का फांस बनती चली गई…

अलखधाम नगर में ज्योतिषाचार्य रहते हैं. उनका इलाके में बहुत नाम है. ज्योतिषाचार्य के यहां पिंकी गुप्ता नाम की महिला मेड के तौर पर काम करती थी. उसे ज्योतिषाचार्य ने 7 हजार रुपये प्रति माह सैलरी पर रखा था. पिछले तीन साल से वो यहां काम कर रही थी. ज्योतिषाचार्य के बेटे और बहू ने फिर पाया कि घर से कीमती सामान गायब हो रहा है. उन्होंने पिता से कहा कि मेड को नौकरी से निकाल दें.

लेकिन ज्योतिषाचार्य उस नौकरानी को काम से निकालने के लिए तैयार न थे. बेटा-बहू को शक हुआ कि आखिर पापा ऐसा क्यों कर रहे हैं. उन्होंने पहले तो कुछ नहीं कहा. बस चीजों को नोट करने लगे. मेड सिर्फ ज्योतिषाचार्य का कमरा और ड्राइंग रूम ही साफ करती थी. एक दिन ज्योतिषाचार्य की बहू ने मेड का मोबाइल फोन चेक किया तो उसके होश उड़ गए. फिर ऐसा खुलासा हुआ जिस पर किसी को भी यकीन कर पाना मुश्किल था.

पता चला कि मेड लंबे समय से ज्योतिषाचार्य को ब्लैकमेल कर रही थी. अब तक तो उनसे करोड़ों रुपये ऐंठ चुकी है. परिवार ने जब ज्योतिषाचार्य से इस बारे में पूछा तो वो फूट-फूट कर रोने लगे. उन्होंने अपनी पूरी व्यथा बहू और बेटे को सुनाई. बताया- पिंकी ने अपने प्रेमी राहुल मालवीय के साथ मिलकर मेरे आपत्तिजनक वीडियो बना लिए थे. उन्हें वायरल करने की धमकी देकर दोनों ने मुझे रकम ऐंठना शुरू की. शहर में प्रतिष्ठा खराब न हो जाए इसलिए मैंने यह बात किसी को नहीं बताई. वो अब तक मुझसे 4 करोड़ रुपये ऐंठ चुकी है. साथ ही सोने की चेन वगैरह भी ले चुकी है.

तीन गिरफ्तार, एक फरार

नीलगंगा थाना पुलिस ने मामले में तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है. इनमें नौकरानी की बहन और मां भी शामिल हैं. वहीं, नौकरानी का प्रेमी राहुल फरार है. पुलिस ने नौकरानी के घर से करीब 45 लाख रुपये नकद और 55 लाख रुपये के सोने-चांदी के आभूषण भी पुलिस ने बरामद किए हैं.

108 कॉल रिकॉर्डिंग से खुला राज

ज्योतिषाचार्य के बेटे ने बताया- पापा कई दिन से हमारी पुश्तैनी जमीनें बेच रहे थे. जब हम इस बारे में कुछ पूछते तो वो कहते कि मैं नई जमीन खरीद रहा हूं. हमें तब शक होने लगा कि कुछ तो गड़बड़ है. हमें नौकरानी की हरकतों पर शक होता था. मेरी बीवी ने जब नौकरानी का फोन चेक किया तो सारा खेल हमें पता चल गया. उसमें 108 कॉल रिकॉर्डिंग थीं.

दिल्ली-यूपी-बिहार रूट पर ट्रेनों का बुरा हाल : 20 ट्रेनें लेट, हमसफर-संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस भी शामिल!

ठंड के बीच भीषण कोहरे की वजह से दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित अलग-अलग राज्यों में जाने वाली कई ट्रेनों का आवागमन प्रभावित हुआ है. इस वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली के अलग-अलग स्टेशनों से बिहार-यूपी जाने वाली 20 ट्रेनें लेट चल रही हैं.

दिल्ली से बंगाल के अलीपुर द्वार जंक्शन तक जाने वाली महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन दो घंटे की देरी से चल रही है. दिल्ली से राजगीर जाने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन 1 घंटे 58 मिनट की देरी से चल रही है. दिल्ली से बिहार होते हुए कामाख्या जाने वाली ब्रह्मपुर ट्रेन 7 घंटे की देरी से चल रही है. वहीं, संपूर्ण क्रांति आज पटना से दिल्ली लगभग तीन घंटे की देरी से पहुंची है. दिल्ली से हावड़ा जाने वाली पूर्वा एक्सप्रेस 4 घंटे से ज्यादा की देरी से चल रही है. आनंद विहार से कामाख्या जाने वाली नॉर्थ इस्ट एक्सप्रेस ट्रेन 2 घंटे 18 मिनट की देरी से चल रही है.

फरक्का एक्सप्रेस और बिहारशरीफ क्रांति एक्सप्रेस ट्रेनें भी विलंब से चल रहीं

भटिंडा जंक्शन से चलकर नई दिल्ली होते हुए गोरखपुर जाने वाली गोरखधाम एक्सप्रेस (12555) 170 मिनट लेट चल रही है. इसके अलावा फरक्का एक्सप्रेस (15743) लगभग 161 मिनट लेट, बिहार शरीफ क्रांति एक्सप्रेस लगभग तीन घंटे की देरी से चल रही है. गया से चलकर नई दिल्ली तक जाने वाली महाबोधि एक्सप्रेस पांच घंटे 42 मिनट की देरी से पहुंची. वहीं, कालिंदी एक्सप्रेस लगभग तीन घंटे की देरी से चल रही है. ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस चार घंटे की देरी से चल रही है. श्रमशक्ति एक्सप्रेस साढ़े तीन घंटे की देरी से और बाबा धाम एक्सप्रेस (22465) ट्रेन 175 मिनट लेट चल रही है.

हमसफर एक्सप्रेस और अयोध्या एक्सप्रेस ट्रेन भी लेट

प्रयागराज से चलकर नई नई दिल्ली जाने वाली हमसफर एक्सप्रेस (12275) छह घंटे की देरी से चल रही है. वहीं, रीवा से होते हुए आनंदविहार टर्मिनल जाने वाली 12427 एक्सप्रेस ट्रेन पांच घंटे की देरी से चल रही है. इसके अलावा तेजस राज एक्सप्रेस (12309) लगभग दो घंटे की देरी से चल रही है. अयोध्या एक्सप्रेस (14205) चार घंटे, दौलाधर एक्सप्रेस (14036) डेढ़ घंटे और मालवा एक्सप्रेस (12919) लगभग तीन घंटे की देरी से चल रही है.

इसके अलावा जेबीपी एनजेडएम एसएफ एक्सप्रेस (22181) लगभग ढाई घंटे की देरी से चल रही है.यूपी संपर्क क्रांति (12447) ट्रेन लगभग तीन घंटे की देरी से चल रही है. वहीं, एबीकेपी एनजेडएम सुपरफास्ट एक्सप्रेस (22407) ट्रेन 164 मिनट लेट चल रही है. मेवाड़ एक्सप्रेस ट्रेन भी लगभग डेढ़ घंटे के विलंब से चल रही है. छत्तीसगढ़ सपर्क क्रांति एक्सप्रेस, एलटीटी एचडब्ल्यू एस एक्सप्रेस ट्रेन लगभग डेढ़ घंटे की देरी से चल रही है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला : संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क की गिरफ्तारी पर रोक, लेकिन एफआईआर रद्द नहीं!

संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है.हाई कोर्ट ने बर्क की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी लेकिन एफआईआर रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि मामले में विवेचना जारी रहेगी. 7 साल से कम की सजा वाली धाराएं होने के चलते गिरफ्तारी नहीं होगी. संभल में 24 नवंबर को मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी.

संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क समेत कई अन्य आरोपी बनाए गए हैं. बर्क ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट में यह याचिका दाखिल की थी. साथ ही अपने खिलाफ दर्ज FIR की वैधानिकता को भी चुनौती दी थी.

संभल हिंसा को लेकर सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और वहां के विधायक नवाब इकबाल के बेटे सुहेल इकबाल के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इन दोनों लोगों पर आरोप है कि इन्होंने ही हिंसा की साजिश रची जबकि सांसद बर्क का कहना है कि वह हिंसा के समय संभल में मौजूद ही नहीं थे. इसके बावजूद भी एफआईआर दर्ज की गई. बर्क का कहना है कि वह उस समय बैंगलुरु में थे.

24 नवंबर को भड़की थी हिंसा

संभल में 24 नवंबर को हिंसा भड़की थी. कोर्ट के आदेश पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद में पहली बार सर्वे किया गया था. कोर्ट ने यह आदेश जिस याचिका पर दिया उसमें दावा किया गया था कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है वहां पहले कभी हरिहर मंदिर था. 24 नवंबर को मस्जिद का दोबारा सर्वे किया गया. इस दौरान हिंसा भड़क उठी. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई जबकि 30 से अधिक लोग घायल हुए थे.

संभल हिंसा को लेकर 7 मुकदमे दर्ज

संभल हिंसा को लेकर पुलिस ने 25 लोगों को गिरफ्तार किया है और 7 मुकदमे दर्ज किए हैं. करीब 2700 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इनमें संभल सांसद बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को नामजद किया गया है. सात एफआईआर में से पांच संभल कोतवाली में और दो एफआईआर नखासा थाने में दर्ज की गई है

राम मंदिर की पहली वर्षगांठ: 11 से 13 जनवरी तक VIP-VVIP दर्शन पर रोक, जानें क्या है वजह!

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. 11 जनवरी को पहली वर्षगांठ मनाई जाएगी. इसके लिए तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव कार्यक्रम रखा गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि पहली रामलला की पहली वर्षगांठ प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाई जाएगी. समारोह का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे. इस बीच राम मंदिर ट्रस्ट और प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया.

श्री राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन पर रोक लगाई गई है. उन्होंने बताया कि 11 से 13 जनवरी तक श्री राम मंदिर के सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक वीआईपी दर्शन बंद रहेंगे. इस बीच वीआईपी और वीवीआईपी पास नहीं बनाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि बाकी सुबह, शाम और रात्रि का स्लॉट चलता रहेगा.

सीएम योगी करेंगे उद्घाटन

चंपत राय ने बताया कि 11 से 13 जनवरी तक होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार हो गई है. राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ पर आयोजित होने वाले प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह का उद्घाटन 11 जनवरी को सीएम योगी करेंगे. तीन दिवसीय कार्यक्रम को लेकर उन्होंने बताया कि 11 जनवरी की सुबह 10 बजे से लेकर 12 बजे तक रामलला का श्रंगार, महाअभिषेक व महाआरती आयोजित होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ रामलला की महाआरती करेंगे.

आएंगे कुमार विश्वासम, अनुराधा पौडवाल और मालिनी अवस्थी

प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने भी पूरी तैयारी की हुई है. गुरुवार को मंडल आयुक्त गौरव दयाल, जिलाधिकारी समेत कई अधिकारियों ने कार्यक्रम स्थल का निरिक्षण किया. मंडल आयुक्त गौरव दयाल ने कार्यक्रम को लेकर बताया कि पहली वर्षगांठ के अवसर पर 11 जनवरी को रामलीला का आयोजन किया जाएगा. 12 और 13 जनवरी को अनुराधा पौडवाल, मालिनी अवस्थी और कुमार विश्वास आएंगे, जो अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे.