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सीमा हैदर की प्रेग्नेंसी पर बड़े भैया एपी सिंह का बड़ा बयान, भतीजा हो या भतीजी सबसे पहले दिलाऊंगा भारतीय नागरिकता

सीमा हैदर ने अपनी प्रेग्नेंसी की खबर को आखिरकार कन्फर्म कर दिया है. इसे लेकर सीमा ने सचिन मीणा के साथ एक वीडियो डालकर सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है. सचिन के घर में तो मानो अभी से ही खुशियां मनाई जा रही हैं. इस बीच अब सीमा के बड़े भैया यानि वकील एपी सिंह का भी बयान सामने आया है. उन्होंने सीमा-सचिन के होने वाले बच्चे को लेकर कहा- चाहे भतीजा हो या भतीजी, सीमा का बड़ा भाई होने के नाते मैं अपना फर्ज निभाऊंगा. सीमा के साथ-साथ बच्चे को भी भारतीय नागरिकता दिलवाने की कानूनी लड़ाई लड़ूंगा.

वकील एपी सिंह (Lawyer AP Singh) सीमा और सचिन का केस लड़ रहे हैं. सीमा ने उन्हें अपना मुंहबोला भाई बनाया है. एपी सिंह सीमा से राखी भी बंधवाते हैं. सीमा हैदर ने दो दिन पहले इंस्टाग्राम और यूट्यूब (Instagram-Youtube) पर एक वीडियो शेयर किया. इसमें सीमा ने कन्फर्म किया कि वो सात महीने की प्रेग्नेंट हैं. साथ ही दो सबूत भी दिखाए. एक को प्रेग्नेंसी किट और दूसरा अपना बेबी बंप. सीमा की मानें तो फरवरी में वो सचिन के बच्चे को जन्म देंगी.

प्रेग्नेंसी किट को दिखाते हुए उन्होंने कहा- मैं 7 महीने की प्रेग्नेंट हूं. जल्द ही हमारे घर में नन्हा मेहमान आने वाला है. सीमा ने सबूत के तौर पर बेबी बंप भी दिखाया. साथ ही कहा- ताकि बच्चे को बुरी नजर न लग जाए, इसलिए हमनें अब तक यह बात छुपाकर रखी थी. हम चाहते थे कि जब सबकुछ OK होगा, तभी हम इसकी घोषणा करेंगे.

चार बच्चों के साथ भारत आई थी सीमा

इसी साल मई में नेपाल के रास्ते अवैध रूप से भारत आई सीमा ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा गांव में अपने प्रेमी सचिन मीना के साथ रहती हैं. साथ में उसके चार बच्चे भी रहते हैं, जो कि सीमा के पहले पति के हैं. अवैध रूप से भारत आने की वजह से जुलाई में गिरफ्तार की गई सीमा फिलहाल जमानत पर है. वह अभी भी पुलिस जांच के दायरे में है. दूसरी तरफ उसने राष्ट्रपति के सामने भारतीय नागरिकता के लिए याचिका भी लगा रखी है.

‘तीन महीने तक रही तबीयत खराब’

इस बीच अब सीमा ने सोशल मीडिया के जरिए खुलासा किया है कि वह एक बार फिर मां बनने जा रही है. उसने बताया है कि उसका सातवां महीना शुरू हो चुका है. वीडियो में सीमा ने कहा- आज तक मैंने इस बात का खुलासा नहीं किया था क्योंकि बुरी नजर वाले भी तो कई दुश्मन है, लेकिन हमें उनकी परवाह नहीं. हम खुद चाहते थे कि इसकी घोषणा तब करें जब सबकुछ ओके हो. अब छोटा सचिन, छोटा मुन्ना या मुन्नी आएंगे. सीमा ने बताया कि शुरुआत में तीन महीने उसकी तबीयत थोड़ी खराब रहती थी. लेकिन अब सबकुछ ठीक है. सीमा और सचिन यह गुड न्यूज शेयर करते हुए बेहद खुश नजर आए.

अतुल सुभाष सुसाइड केस: निकिता के अलावा इस शख्स को पैसे भेजता था अतुल, जौनपुर फैमिली कोर्ट में किया था खुलासा

AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में एक के बाद एक नई जानकारियां सामने आ रही हैं. जौनपुर फैमिली कोर्ट का एक और दस्तावेज सामने आया है. दस्तावेजों के मुताबिक, अतुल ने बताया था कि वो निकिता (Nikita Singhania) को हर महीने पैसा भेजता है. लेकिन जिस बैंक खाते में वो पैसा ट्रांसफर करता है वो अकाउंट किसी और शख्स के नाम पर रजिस्टर्ड है. उस शख्स का नाम आरजे सिद्दीकी है. अब आरजे सिद्दीकी कौन है, ये सवाल सबके मन में उठ रहा है.

अतुल ने कहा था- आरजे सिद्दीकी का एड्रेस लखनऊ का है. जबकि, उसे इस शख्स के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इस पर निकिता ने कहा था- मेरा किसी आरजे सिद्दीकी नाम के शख्स से और न ही लखनऊ से कोई लेना-देना है. पुलिस इस एंगल से भी मामले की जांच कर रही है कि आखिर ये आरजे सिद्दीकी है कौन?

फिलहाल अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया बेंगलुरु की जेल में बंद है. कोर्ट ने निकिता, अतुल की सास निशा और साले अनुराग उर्फ पीयूष को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है. 30 दिसंबर को तीनों की न्यायिक हिरासत खत्म होगी. इसके बाद तीनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा. अभी बेंगलुरु पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है. हालांकि, पुलिस पूछताछ में तीनों ने बस यही कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप गलत हैं.

निकिता ने पुलिस को कहा- मैंने पिछले साढ़े तीन साल में अतुल से कभी भी डायरेक्ट बात नहीं की. कोर्ट में ही हमारा आमना-सामना होता था. मैं अतुल की हरकतों से परेशान होकर ही मायके लौटी थी. ससुराल वाले और अतुल मुझसे दहेज की मांग करते थे. अतुल अपनी सारी सैलरी अय्याशी में उड़ा देते थे. उनकी तीन गर्लफ्रेंड थीं. अपनी सैलरी खत्म होने के बाद वो मेरी सैलरी भी खत्म कर देते थे. फिर मैं मां से जो पैसा मंगवाती थी, अतुल उसे भी मुझसे छीन लेते थे. अतुल की मारपीट और टॉर्चर से परेशान होकर ही मैं जौनपुप आ गई. अगर मुझे उनसे पैसे ही हड़पने होते तो मैं उन्हें क्यों छोड़ती. मैं वहीं साथ में रहकर उनसे पैसे हड़पती रहती. लेकिन मैं दिल्ली में अपनी नौकरी करती हूं.

क्या बोली निकिता सिंघानिया?

बेंगलुरु पुलिस को निकिता ने बताया- मैं मेंटेनेंस की डिमांड इसलिए कर रही थी क्योंकि मेरी सैलरी फ्लैट की पेमेंट में चली जाती थी. बच्चे को पालने में मुझे परेशानी होती थी. मैं बच्चे के लिए ही उनसे मेंटेनेंस की डिमांड कर रही थी.

जौनपुर कोर्ट से मिले एक दस्तावेज में अतुल ने कहा था- निकिता किसी रोहित निगम नाम के शख्स से घंटों तक बात करती थी. उसे लेकर हमारे बीच लड़ाई झगड़े होते थे. मैंने निकिता के परिवार को 16 लाख रुपये दिए थे. वो मुझसे 50 लाख की और डिमांड कर रहे थे. जब मैंने उन्हें पैसा देने से मना कर दिया तो वो लोग मुझे टॉर्चर देने लगे. निकिता मुझे छोड़कर चली गई. साढ़े चार साल के बेटे व्योम को भी साथ ले गई. मुझे मेरे बेटे से बात तक नहीं करने दी जाती. मेरी सैलरी 80 हजार रुपये है और निकिता मुझसे हर महीने इतने की डिमांड कर रही है. मैं इतना पैसा कहां से दूंगा.

9 दिसंबर को अतुल ने किया सुसाइड

9 दिसंबर को फिर अतुल ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा. 90 मिनट का वीडियो बनाया. फिर फंदे से लटककर जान दे दी. अतुल ने पत्नी निकिता, सास निशा, साला अनुराग और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया. साथ ही जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक और पेशकार माधव पर भी सेटलमेंट करवाने के नाम पर 5 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया. 10 दिसंबर को अतुल के भाई विकास की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज किया. इसी सिलसिले में निकिता, निशा और अनुराग की गिरफ्तारी हुई. तीसरा आरोपी यानि निकिता का चाचा फरार था. इससे पहले कि चाचा गिरफ्तार हो पाता, हाईकोर्ट से उसे जमानत मिल गई. फिलहाल निकिता, निशा और अनुराग न्यायिक हिरासत में हैं.

अतुल के पिता पवन मोदी की मांग

उधर, अतुल के पिता पवन मोदी ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, यूपी और बिहार के सीएम से न्याय की गुहार लगाई है. कहा- मेरे बेटे को इंसाफ मिलना चाहिए. नहीं तो बेटे की अस्थियां गटर में बहाकर आत्मदाह कर लूंगा. उन्होंने पोते व्योम की कस्टडी की भी मांग की है.

लखनऊ में IOB बैंक चोरी के दो बदमाशों का एनकाउंटर, पुलिस की गोली लगने से मौत।

लखनऊ के गोमतीनगर स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB Theft) में हुई चोरी के मामले में दो बदमाशों का एनकाउंटर (Encounter) हुआ. एक बदमाश का गाजीपुर में तो दूसरे का लखनऊ में. दोनों बदमाशों की एनकाउंटर में पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई. गाजीपुर में बिहार के रहने वाले बदमाश सन्नीदयाल का मंगलवार सुबह एनकाउंटर हुआ. दूसरे बदमाश सोबिंद कुमार का सोमवार देर रात एनकाउंटर हुआ. उसका राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज चल रहा था. लेकिन मंगलवार सुबह उसकी भी मौत हो गई.

दोनों बदमाशों पर 25 हजार रुपये इनाम घोषित था. चोरी की इस वारदात को सात चोरों ने अंजाम दिया था. इनमें से अब दो की मौत हो गई है. पुलिस की आगामी कार्रवाई जारी है. जानकारी के मुताबिक, बारा चौकी इंचार्ज ने चेकिंग के दौरान दो मोटरसाइकिल सवार संदिग्धों को रोका. दोनों घबराकर बिहार बॉर्डर की तरफ भागने लगे. तभी पुलिस से उनकी मुठभेड़ हो गई. पुलिस ने उनका पीछा किया तो बदमाशों ने फायरिंग करना शुरू कर दिया.

पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की. एक बदमाशा को गोली लगी, जिससे वो गिर गया. दूसरा बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया. घायल बदमाश की पहचान सन्नीदयाल के रूप में हुई. उसके पास से एक पिस्टल, जिंदा कारतूस, बैंक से चोरी कुछ गहने और 35500 रुपये कैश बरामद हुआ. घायल बदमाश को CHC भदौरा ले गाया गया. लेकिन गंभीर हालत को देखते हुए उसे गाजीपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बदमाश बिहार के मुंगेर का रहने वाला था.

बदमाश ने की फायरिंग

डीसीपी शशांक सिंह ने बताया- मंगलवार अल सुबह डीसीपी की क्राइम टीम कॉम्बिंग करा रही थी. तभी एक स्विफ्ट कार तेजी से आ रही थी. पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया तो उसमें से एक व्यक्ति ने पुलिस पर फायर कर दिया. पुलिस ने जवाबी फायरिंग में गोली चलाई, जिसमे एक अपराधी घायल हुआ. जबकि, दूसरा मौके से फरार हो गया. पकड़े गए आरोपी की पहचान सोबिन्द कुमार के रूप में हुई. उसके पास से भारी मात्रा में सफेद और पीली धातु बरामद हुई. घायल को हॉस्पिटल भेजा गया लेकिन वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. बदमाश के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

2 घंटे तक की चोरी

22 दिसंबर को इंडियन ओवरसीज बैंक की चिनहट ब्रांच से चोर करोड़ों के जेवर और बाकी सामान चुराकर फरार हो गए थे. चोर 2 घंटे तक बैंक में रहे. चार चोरों ने चोरी को अंजाम दिया. जबकि, तीन बाहर खड़े होकर हर चीज पर नजर रख रहे थे. पुलिस के मुताबिक, इंडियन ओवरसीज बैंक में चार चोर दीवार काटकर बैंक के लॉकर तक पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रिक कटर से 42 लॉकर काटे और करोड़ों रुपये के जेवर, कागजात लूट ले गए थे. चोरों ने इस वारदात को रविवार को अंजाम दिया. क्योंकि रविवार को बैंक बंद रहता है. ऐसे में चोरों ने बैंके के पास खाली पड़े प्लॉट की तरफ से दीवार काटी.

42 लॉकर कटे मिले

रविवार को जब एक दुकानदार प्लॉट की तरफ गया तो उसने दीवार कटी देखी. इसके बाद उसने पुलिस को जानकारी दी. पुलिस मौके पर पहुंची और बैंक के अंदर चेक किया गया तो 90 में से 42 लॉकर कटे हुए थे. इन लॉकरों में करोड़ों रुपये के जेवरात और कागजात थे. इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि पूरे बैंक में सिर्फ एक सीसीटीवी कैमरा लगा था. डीसीपी शशांक सिंह ने बताया कि चोरों को पकड़ने के लिए पुलिस की क्राइम ब्रांच समेत 8 टीम में गठित की गई थी.

नीतीश कुमार के चेहरे पर ही होगा बिहार विधानसभा चुनाव, भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने किया साफ

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) आगामी बिहार विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ेगा. यह घोषणा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने रविवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में की. उन्होंने स्पष्ट किया कि राजग में नेतृत्व को लेकर कोई भ्रम नहीं है और चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा.

सम्राट चौधरी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान पर उठी अटकलों को भी खारिज किया. शाह ने एक साक्षात्कार में कहा था कि बिहार चुनावों में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर फैसला सभी राजग सहयोगी दल मिलकर करेंगे. इस बयान के बाद ऐसी चर्चाएं तेज हो गई थीं कि भाजपा आगामी चुनाव में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बना सकती.

अटकलों को किया खारिज

इन अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए चौधरी ने स्पष्ट किया कि राजग नीतीश कुमार को ही अपना नेता मानता है और यही स्थिति आगे भी बनी रहेगी. चौधरी ने कहा, ‘2020 में हमने नीतीश कुमार को राजग का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करके चुनाव लड़ा था और आज भी वे हमारे नेता हैं. भविष्य में भी राजग उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा.’ उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन में कोई भ्रम या विवाद नहीं है और राजग मिलकर चुनावी तैयारियों में जुटा है.

नीतीश कुमार ही रहेंगे चेहरा

बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 2025 के अंत में होने हैं. वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में भाजपा और जदयू के बीच तालमेल और एकजुटता बनाए रखना राजग के लिए महत्वपूर्ण है. सम्राट चौधरी के इस बयान ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि नीतीश कुमार ही आगामी विधानसभा चुनावों में राजग का चेहरा बने रहेंगे. चौधरी के इस बयान को भाजपा के भीतर और बाहर, नेतृत्व को लेकर उठ रहे सवालों पर विराम लगाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

योगी सरकार ने किया बड़ा फेरबदल, उत्तर प्रदेश में एक दर्जन पुलिस कप्तानों का तबादला।

उत्तर प्रदेश में नए साल से ठीक पहले योगी सरकार ने एक दर्जन पुलिस कप्तानों का तबादला कर दिया गया है. इन तबादलों ने राज्य के कई चर्चित आईपीएस के नाम भी शामिल हैं. डॉ अजय पाल शर्मा को पुलिस अधीक्षक जौनपुर से प्रभारी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज बनाया गया है. वहीं डॉक्टर कौस्तुभ को पुलिस अधीक्षक अंबेडकर नगर से पुलिस अधीक्षक जौनपुर बनाया गया. केशव कुमार को पुलिस उपायुक्त लखनऊ से पुलिस अधीक्षक अंबेडकर नगर बनाया गया है. वहीं अपर्णा रजत कौशिक को एसपी कासगंज से एसपी अमेठी बनाया गया है.

कानपुर में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अंकिता शर्मा को पुलिस अधीक्षक कासगंज बनाया गया है. एसपी अमेठी अनूप सिंह को पीएसी लखनऊ भेजा गया है. विक्रांत वीर को बलिया एसपी से देवरिया एसपी बनाया गया है. ओमवीर सिंह को डीसीपी पश्चिम लखनऊ से एसपी बलिया बनाया गया है. रामनारायण सिंह को डीसीपी लखनऊ से एसपी बहराइच बनाया गया है. चिरंजीवी नाथ सिंह को एडिशनल एसपी बाराबंकी से पुलिस अधीक्षक हाथरस बनाया गया है.

एसपी संकल्प शर्मा पहुंचे लखनऊ

चिरंजीवी नाथ सिंह का प्रमोशन हुआ और वह आईपीएस बन गए हैं. प्राची सिंह को एसपी सिद्धार्थनगर से पीएसी लखनऊ भेज दिया गया है. कई सारे आरोप आरोप लगे थे. प्राची के खिलाफ अपना दल के विधायक विनय वर्मा लगभग एक सप्ताह से ज्यादा धरने पर बैठे हुए थे. इस दौरान यह तबादले की खबर सामने आई है. अभिषेक महाजन पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थनगर बनाए गए हैं. संकल्प शर्मा एसपी देवरिया से डीसीपी लखनऊ बनाए गए हैं.

तीन एसपी हुए शंट

वृंदा शुक्ला एसपी बहराइच को महिला एवं बाल विकास सुरक्षा संगठन लखनऊ भेज दिया गया है. बहराइच में जब हिंसा हुई थी तभी से लगातार सवाल उठ रहे थे कि पुलिस के फेलियर की वजह से एक घटना घटी है. एसपी को हटाने की मांग उठ रही थी. निपुण अग्रवाल को पुलिस अधीक्षक हाथरस से डीसीपी लखनऊ बनाया गया है. विवादों में रहने वाली एसपी सिद्धार्थनगर प्राची सिंह, बहराइच हिंसा के कारण एसपी वृंदा शुक्ला और विधायक से पंगा लेने वाले एसपी अमेठी अनूप सिंह समेत कुल तीन को शंट किया गया है.

छत्तीसगढ़: महतारी वंदन योजना का लाभ ले रही सनी लियोनी! पति के नाम की जगह जॉनी सिन्स, डॉक्यूमेंट देखते ही मचा हड़कंप

छत्तीसगढ़ की एक खबर आपको थोड़ी देर के लिए हैरान कर सकती है. इस खबर में दावा किया गया है कि सनी लियोनी यहां महतारी वंदन योजना का लाभ ले रही है. उसके बैंक खाते में बीते 10 महीने से योजना के तहत मिलने वाली राशि भी भेजी जा रही है. इस योजना में सनी लियोनी ने अपने पति का नाम जॉनी सिन्स बताया है. इस खबर के सामने आते ही छत्तीसगढ़ में हड़कंप मच गया है. दरअसल खबर ही ऐसी है. सनी लियोनी खुद पॉर्न स्टार रही है, वहीं सिन्स भी पॉन स्टार हैं.

मामला तूल पकड़ने पर राज्य सरकार ने जांच कराई. पाया गया कि योजना में जिस सनी लियोनी का नाम बतौर लाभार्थी दर्ज किया गया है, वो कोई पॉर्न स्टार नहीं, बल्कि बस्तर की रहने वाली एक महिला है. वहीं उसके पति जॉनी सिन्स भी कोई पॉर्न स्टार होने के बजाय एक सामान्य नागरिक हैं. हालांकि इस मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी ने सत्तारुढ़ बीजेपी पर निशाना साधा है. वहीं बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने सफाई दी है.

धर्मांतरण के बाद रखा ये नाम

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सनी लियोनी और जॉनी सिन्स जैसे नाम परंपरागत तो नहीं हैं, लेकिन धर्मांतरण के बाद राज्य में कई लोगों ने अपने नाम बदल लिए हैं. यह भी इसी तरह का मामला है. उन्होंने साफ किया कि इस मामले में किसी भी स्तर पर अनियमितता नहीं हुई है. इधर, मामला तूल पकड़ने पर राज्य सरकार की वेबसाइड पर इस लाभार्थी की डिटेल खंगाली गई.

सुर्खियों में रही है योजना

इसमें पाया गया कि सभी विवरण सही में दर्ज किए गए हैं. इसमें लगी पात्र महिला की तस्वीर देखने से साफ से ही साफ हो जाता है कि ये ‘वो’ सनी लियोनी नहीं है. इस लाभार्थी ने अपना पता बस्तर के तालूर में बताया है. बता दें कि महतारी वंदन योजना साल 2023 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में सुर्खियों में रही थी.

राजस्थान: पूर्व सीएम वसुंधरा के काफिले की गाड़ी पलटी, 6 पुलिसकर्मी घायल

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काफिले की गाड़ी पलट गई है. इस हादसे में 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. जैसे ही इस बात की जानकारी वसुंधरा को लगी तो उन्होंने काफिले के पास जाकर सभी को हॉस्पिटल के लिए रवाना किया साथ ही स्थानीय विधायक ने हॉस्पिटल पहुंचकर घायलों को हाल चाल जाना है. प्राथमिक उपचार के बाद पुलिकर्मियों को छुट्टी कर दी गई है. वसुंधरा पाली जिले के बाली तहसील के मुंडारा गईं थीं वहीं से लौटते वक्त यह हादसा हुआ है.

जानकारी के मुताबिक राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अपने काफिले के साथ पाली जिले की बाली तहसील के मुंडारा गांव गईं थीं. वह मंत्री ओटाराम देवासी के घर गईं थीं. कुछ दिन पहले ओटाराम देवासी की माता का निधन हो गया था. उन्हें सांत्वना देने और उनके दुख में शामिल होने के लिए वसुंधरा रविवार को उनके घर पहुंची थीं. जब वह मंत्री ओटाराम के घर से लौट रहीं थी तभी उनके काफिले की एक गाड़ी अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गई.

काफिले के साथ चल रही पुलिस जीप पलट गई. इसमें वसुंधरा की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी बैठे हुए थे. जीप पलटने के बाद काफिला रुक गया और इसकी जानकारी वसुंधरा को दी गई. वसुंधरा तुरंत अपनी गाड़ी से उतरकर घायल पुलिसकर्मियों के पास पहुंची और मौके पर एंबुलेंस बुलाई. वसुंधरा ने सभी घायल पुलिसकर्मियों को एंबुलेंस में बिठाकर हॉस्पिटल के लिए रवाना किया. जो पुलिसकर्मी इस हादसे में घायल हुए हैं उनके नाम हैं रुपाराम, भाग, चंद, सूरज, नवीन और जितेंद्र घायल हुए हैं.

विधायक को साथ पहुंचाया

वसुंधरा राजे ने तुरंत घायल पुलिसकर्मियों को हॉस्पिटल भेजने का प्रबंध किया और घायलों से बात की. उन्होंने घायलों के सही से इलाज के लिए राजकीय चिकित्सालय बाली भेजा. उन्होंने बाली विधायक पुष्पेंद्र सिंह को उनके साथ भेजा. पुलिसकर्मियों के प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है.

कश्मीरी आतंकवादी जावेद मुंशी को पश्चिम बंगाल से किया गया गिरफ्तार, तहरीक-ए-मुजाहिदीन से जुड़ाव के आरोप में।

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग से संदिग्ध कश्मीरी आतंकवादी को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने इस सख्स को उग्रवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है. कश्मीर और कोलकाता पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में यह गिरफ्तारी हुई है. रविवार को संदिग्ध आतंकी को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट कश्मीर में प्रतिबंधित ‘तहरीक-ए-मुजाहिदीन’ संगठन के संदिग्ध सदस्य जावेद मुंशी को जम्मू-कश्मीर पुलिस की मांग के अनुसार 31 दिसंबर तक ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया.

पुलिस ने संदिग्ध आतंकी को कैनिंग स्थित उसके रिश्तेदार के घर गिरफ्तार किया. संदिग्ध आरोपी का नाम जावेद मुंशी है. वर्तमान में वह कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-मुजाहिदीन से जुड़ा हुआ है. उसका नाम जम्मू-कश्मीर पुलिस की वांटेड लिस्ट में भी है. पुलिस का मानना ​​है कि जावेद की आतंकी गतिविधि घाटी से चल रही थी.

कश्मीर पुलिस को गुप्त सूत्रों से श्रीनगर निवासी जावेद के बंगाल आने की जानकारी मिली. लेकिन ये सब अटकलें थीं, जो जावेद की ट्रेस लोकेशन हासिल करने के लिए हकीकत बन गई. कश्मीर पुलिस ने सैटेलाइट लोकेशन के जरिए जावेद को कश्मीर से सीधे बंगाल के कैनिंग तक ढूंढ निकाला. इसके बाद कोलकाता पुलिस से संपर्क किया गया.

श्रीनगर पुलिस से मिली जानकारी पर हुई गिरफ्तारी

उस सूत्र के आधार पर जावेद को ढूंढने के लिए संयुक्त ऑपरेशन शुरू हुआ. हालांकि, जावेद किस मकसद से बंगाल आया था? इसे लेकर अब भी काफी भ्रम है. इसके अलावा जावेद के ये रिश्तेदार कौन हैं? पुलिस उसकी जांच कर रही है.

खुफिया सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश में अशांति के बाद बंगाल में उग्रवादियों की आवाजाही बढ़ गयी है. मुर्शिदाबाद के फालाकाटा, हरिहरपाड़ा, अलीपुरद्वार में भी उग्रवादी गतिविधियां बढ़ी हैं. भौगोलिक सीमा को देखते हुए कई उग्रवादी बंगाल की सीमा और सुदूरवर्ती गांवों में अपना ठिकाना बना रहे हैं.

बांग्लादेश में अशांति, एक्टिव हुए आतंकी संगठन

बांग्लादेशी उग्रवादी संगठन ‘अंसारुल्लाह बांग्ला टीम’ के एक उग्रवादी मोहम्मद शाद रदी उर्फ ​​शब शेख को हाल ही में केरल से पकड़ा गया है. हालांकि, पुलिस को शक है कि इस बांग्लादेशी उग्रवादी ने बंगाल के रास्ते भारत में अपना नेटवर्क फैलाया है. क्योंकि उसके आधार कार्ड में बंगाल का पता मिला था. दूसरे शब्दों में कहें तो आतंकवादी इस राज्य से फर्जी पहचान पत्र बनाकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था.

मोहम्मद शाद का नाम मुर्शिदाबाद के कांदी और हरिहप्परपारा विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में भी है. हाल ही में असम पुलिस ने शाद के करीबी सहयोगियों मिनारुल शेख और मोहम्मद अब्बास अलीक को हरिहरपारा इलाके से गिरफ्तार किया था. इन दोनों को पासपोर्ट घोटाले में एसटीएफ ने पकड़ा था.

खरगे ने चुनाव संचालन नियमों में संशोधन को बताया साजिश, कहा- यह लोकतंत्र पर सीधा हमला

चुनाव संचालन नियमों में संशोधन को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे चुनाव आयोग की संस्थागत अखंडता को कमजोर करने की साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि चुनाव संचालन नियमों में किया गया ये दुस्साहस सरकार की सुनियोजित साजिश का हिस्सा है. खरगे ने कहा कि चुनाव आयोग की अखंडता को जानबूझकर नुकसान पहुंचाना संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है और हम उनकी रक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे.

उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले चयन पैनल से हटा दिया था, और अब वे हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी चुनावी जानकारी को छिपाने का सहारा ले रहे हैं. खरगे ने कहा कि जब भी कांग्रेस पार्टी ने चुनाव को वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने और EVM में पारदर्शिता की कमी जैसे अनियमितताओं के बारे में लिखा, तो चुनाव आयोग ने अपमानजनक तरीके में जवाब दिया और कुछ गंभीर शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया. यह फिर से साबित करता है कि चुनाव आयोग भले ही एक एक स्वायत्त एवं अर्ध-न्यायिक संस्था है लेकिन यह स्वतंत्र रूप से व्यवहार नहीं कर रहा है.

कहा जा रहा है यह कदम पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा चुनाव आयोग को हाल ही में जारी एक निर्देश के बाद आनन फानन में उठाया गया है. कोर्ट ने हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव संबंधी सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे. हालांकि, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने बयान जारी कर कहा है इस संशोधन को कानूनी तौर पर चैलेंज किया जाएगा.

सरकार ने किए चुनाव संचालन नियमों में बदलाव

दरअसल, चुनाव संचालन नियम 93 में संशोधन किया गया है. इस संशोधन का उद्देश्य उम्मीदवारों की सीसीटीवी फुटेज, वेबकास्टिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों का दुरुपयोग रोकना है. यह बदलाव चुनाव आयोग की सिफारिश पर किया गया है. इसके बाद चुनाव से संबंधित सभी कागजात जनता के लिए उपलब्ध नहीं होंगे.

केवल चुनाव संचालन नियमों में दिए गए कागजात ही जनता के लिए खुले होंगे जबकि सभी दस्तावेज सिर्फ अदालत के निर्देश पर ही उपलब्ध कराए जा सकेंगे. 1961 के चुनाव संचालन नियमों के पहले के नियम 93 (2) (ए) में कहा गया था कि चुनाव से संबंधित सभी अन्य कागजात जनता के निरीक्षण के लिए होंगे. केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग के परामर्श से चुनाव आचरण नियम में संशोधन किया है.

राम मंदिर के मुख्य पुजारी को जीवनभर मिलेगी सैलरी: 100 रुपये से बढ़कर 38,500 रुपये हुआ मासिक वेतन।

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को आजीवन सैलरी मिलती रहेगी. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ऐसा फैसला लिया है. सत्येंद्र दास की उम्र 87 साल है, जो बीते 34 साल से रामजन्मभूमि में बतौर मुख्य पुजारी सेवा दे रहे हैं.

मंदिर ट्रस्ट ने सत्येंद्र दास से मंदिर से जुड़े काम से मुक्ति का आग्रह भी किया है. हालांकि, सत्येंद्र दास अपने हिसाब से जब चाहें मंदिर में आ-जा सकते हैं और पूजा कर सकते हैं. बीते 25 नवंबर को हुई ट्रस्ट की बैठक में ऐसी चर्चा हुई थी कि उन्हें आजीवन सैलरी मिलती रही. बैठक में मौजूद सभी सदस्यों ने सत्येंद्र दास को आजीवन सैलरी देने पर अपनी सहमति जताई थी.

34 साल से राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी

रामजन्मभूमि में 1 मार्च 1992 से ही आचार्य सत्येंद्र दास बतौर मुख्य अर्चक सेवा दे रहे हैं. शुरुआती दौर में उनकी सैलरी काफी कम थी. उन्हें एक महीने का पारिश्रमिक 100 रुपये मिलता था. हालांकि, अब वेतन में काफी इजाफा हो गया है. अब सत्येंद्र दास को 38500 रुपये प्रति माह वेतन मिलता है.

राम मंदिर में 14 पुजारी तैनात

आचार्य सत्येंद्र दास मुख्य पुजारी हैं. इसके अलावा अन्य 13 पुजारी मंदिर में सेवा दे रहे हैं. नौ नए पुजारियों की हाल ही में मंदिर में तैनाती की गई है. वहीं अन्य 4 पहले से हैं. जब रामलला की मूर्ति टेंट में विराजमान थी, तब से आचार्य सत्येंद्र दास पुजारी के तौर पर भगवान की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा 22 जनवरी को हुई थी. अब भी सत्येंद्र दास ही राम मंदिर के मुख्य पुजारी हैं.

सत्येंद्र दास के मुताबिक, ट्रस्ट के लोग उनसे मिले थे. स्वास्थ्य व बढ़ती उम्र की बात कहकर राम मंदिर से जुड़े काम से हटने का आग्रह किया है. हालांकि, उन्होंने आजीवन सैलरी देने की बात कही है. आचार्य सत्येंद्र दास की गिनती संस्कृत के प्रकांड विद्वानों में होती है. 1975 में उन्होंने संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री प्राप्त की थी. 1976 में अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में उन्होंने बतौर सहायक अध्यापक जॉइन की थी.