कृष्ण जन्म की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रोता, भव्य जन्मोत्सव मनाया
खजनी गोरखपुर।मंदरांचल पर्वत और वासुकी नाग की मथानी बना कर असुरों और देवताओं ने मिल कर क्षीरसागर का मंथन किया था। जिसमें से
हलाहल विष, कामधेनु,उच्चै: श्रवा, ऐरावत, कौस्तुभ मणि, कल्पवृक्ष, रंभा अप्सरा, देवी लक्ष्मी, वारुणी, पारिजात पुष्प, चंद्रमा, पांचजन्य शंख, धन्वन्तरि और अमृत जैसे 14 रत्न निकले।
कस्बे में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के पांचवें दिन सोमवार को कर्मयोगी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बडे़ आनंद और हर्षोल्लास के साथ धूम-धाम से मनाया गया। कंस के कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। भगवान कृष्ण जन्मोत्सव में नन्हें बालक ने भगवान कृष्ण का रूप धारण कर उपस्थित श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। सभी ने कृष्ण जन्म उत्सव का आनंद लिया। इससे पूर्व भगवान चतुर्भुज रूप में कंस के कारागार में प्रकट हुए देवकी और वसुदेव की बेड़ियां खुल गईं।
अवधवासी कथा व्यास भागवताचार्य पंडित प्रदीप मिश्र "शास्त्री" ने उपस्थित श्रोताओं से कहा कि संसार से रिश्ते जोड़ने पर ही दु:ख मिलता है भगवान सत् चित् आनन्द स्वरूप हैं उनसे रिश्ता जोड़ने पर सभी दु:खों से छुटकारा और वास्तविक संपुर्ण सुख प्राप्त होता है।
इस अवसर पर मुख्य यजमान गौरीशंकर वर्मा प्रमिला देवी वर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता और कस्बे के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
Oct 22 2024, 18:38