*नमामि गंगे योजना को डेढ़ साल से नहीं मिल रहा बजट* *गंगा को निर्मल एवं किसानों की आय बढ़ाने की मुहिम जमीन पर नहीं हो पा रही कारगर*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। मोक्षदायिनी गंगा को निर्मल एवं स्वच्छ बनाने और किसानों को समृद्ध बनाने के लिए शुरू नमामि गंगे योजना को डेढ़ वर्षों से बजट नहीं मिला है। योजना पर धरातल पर कारगर नहीं हो पा रही है। गंगा के तटवर्ती 47 गांव में जैविक खेती करने वाले करीब 5000 किसानों को अनुदान नहीं मिला है। इससे वह खेती से मुंह मोड़ने लगे हैं। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही आधुनिक बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, लेकिन गेहूं, धान सहित अन्य फसल के बेहतर उत्पादन के लिए ज्यादातर किसान रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाओं का अधिक इस्तेमाल करते हैं। बारिश में पानी के साथ रासायनिक खाद और कीटनाशक गंगा में पहुंचकर जलीय जीव-जंतुओं को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में प्रदूषण रोकने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 में नमामि गंगे योजना शुरू की गई। इसके तहत में गंगा के तटवर्ती 47 गांवों में जैविक खेती शुरू हुई। इसमें 11 हजार किसान शामिल हैं। योजना में शामिल किसानों को कृषि उपकरण, बीज, खाद आदि पर अनुदान दिया जाता है। 2020 में करीब ढाई करोड़, 2021 में तीन करोड़ 40 लाख रुपये और 2022 में 80 लाख रुपये मिले। इसे किसानों के खाते में भेजा गया। लेकिन अब बजट नहीं मिलने से 5000 से अधिक किसान सब्सिडी का इंतजार कर रहे हैं। समय से सब्सिडी न मिलने से योजना से किसानों का मोह भंग होता जा रहा है।
कोट योजना का पोर्टल एक साल से नहीं चल रहा है। बजट भी नहीं आया। शासन को पत्र लिखा गया है। बजट आने पर किसानों के खाते में भेज दिया जाएगा। डॉ. अश्वनी सिंह, कृषि,उप निदेशक
वन विभाग और उद्यान विभाग की रफ्तार सुस्त नमामि गंगे योजना में कृषि विभाग के साथ ही उद्यान एवं वन विभाग की भी सहभागिता रही। दोनों विभागों की ओर से गंगा के तटवर्ती 47 गांव में बागवानी, पौधरोपण किया गया। निगरानी न होने से पौधों की हालत खस्ता है। वहीं बागवानी भी सिर्फ खानापूर्ति तक सिमटकर रह गई है। बागवानी करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर की बागवानी पर आने वाली कुल लागत 2.36 लाख रुपये की 50 फीसद धनराशि यानी कुल 1.8 लाख रुपये अनुदान देने का प्रावधान किया है।
इस गांवों में हुई जैविक खेती गंगा से सटे डीघ ब्लॉक के बारीपुर उपरवार, बेरासपुर उपरवार, बेरवां पहाड़पुर, भभौरी, बिहरोजपुर, छेछुआं उपरवार, दीनापट्टी उपरवार, धनतुलसी, दुगुना, फुलवरिया, गोपालपुर, गुलौरी, हरिरामपुर, इब्राहिमपुर, इटहरा, कलिक मवैया, केदारपुर, खेमापुर, मवैयाथानसिंह, नगरदह, नारेपार, ओझापुर, पुरवां, सेमराध व तुलसीकला शामिल है। औराई ब्लॉक के भवानीपुर उपरवार, चकनिरंजन, डेरवां, द्वारिकापुर, इटवा, जहंगीराबाद, कठारी, मूलापुर, रामपुर, सहसेपुर हरचारपट्टी, उमापुर, बर्जीकला, अमिलौर, अरई उपरवार एनवारपुर, बहपुरा, बनकट, बिट्ठलपुर गांव योजना में शामिल हैं।
Oct 22 2024, 16:35