युवा पीढ़ी सर सय्यद के मिशन को समझे व अमल करें: जमीरउद्दीन शाह(पूर्व कुलपति)
गोरखपुर। ए०एम०यू० ओल्ड ब्बाएज (एलुम्नाई) एसोसियेशन, गोरखपुर द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का "फाउन्डर्स डे" जिसे "सर सय्यद डे" कहा जाता है, पूरे जोशो खरोश से जश्न महल मैरेज हाउस, निजामपुर, के प्रांगण में आयोतिज इस कार्यक्रम में गोरखपुर, बढ़हलगंज, देवरिया एवं आस पास की जगहों से आये तमाम ए०एम०यू० के पूर्व छात्र व छात्राओं की मौजूदगी रही। कार्यक्रम में मुख्य अतिथी ले० जन० जमीरुददीन शाह, पूर्व कुलपति, ए०एम०यू० रहे एवं सम्मानित अतिथी डा० गौरव ग्रोवर, वरिष्ठ पुलीस अधीक्षक, डा० फायज़ा अब्बासी, निदेशक UGC ए०एम०यू एवं अरशद खुर्शीद, महामंत्री, यू०पी०सी०सी रहे। कार्यक्रम की अध्यक्ष्ता सबसे सीनियर एलुम्नाई एवं एसोसियेशन के संरक्षक डा० अजीज अहमद ने की।
डा० अज़ीज़ अहमद न अपने उदबोधन में बताया कि गोखपुर में विगत 49 वर्षों से, यानि 1975 से सर सयद डे का आयोजन हर वर्ष सफलतापूर्वक होता चला आ रहा है। पिछले वर्ष नई युवा कमेटी के गठन के बाद पिछले दो वर्षों से कार्यक्रम की भव्यता में चार चाँद लग गये हैं। वक़्त की पुकार थी कि नई पीढ़ी को आगे लाया जाये और उन्हें इसको अपने काबिल कंधों पर आगे ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी जाये जिसे वो अब बखूबी निभा रहे हैं।
मुख्य अतिथी ले०जेन० ज़मीरुद्दीन शाह ने अपने उद्बोधन में समाज में आधुनिक एवं वैज्ञानिक शिक्षा प्रणाली के महत्व को प्रगति की राह बताते हुये युवा पीढ़ी को सर सय्यद के मिशन को ठीक से समझने और उसको अमल में लाने की हिदायत दी। अपने कुलपति कार्यकाल को याद करते हुये उन्होंने बताया कि उस दौरान कैसे उनकी कोशिश रही कि ए०एम०यू० को न सिर्फ भारत का बल्कि विश्व का सर्वोच्य शिक्षा संस्थान बनाया जाये जिसके लिये उन्होंने तमाम नये कोर्सेज आरम्भ किये और बच्चों को उन्हें चुन्ने को प्रेरित किया।
डा० फायजा अब्बासी ने ए०एम०यू० की मौजूदा प्रगति पर प्रकाश डालते हुये बताया कि इस समय ए०एम०यू प्रशासन विज्ञान एवं टेकनोलोजी पर फोकस कर विध्यार्थियों के लिये UGC के माध्यम से उच्च शिक्षा के नये अवसरों को उपलब्ध कराने के लिये काम कर रहा है। अपने गोरखपुर से संबन्ध को लेकर उन्होंने प्रकाश डाला कि गोरखपुर से ए०एम०यू० का स्थापना के पहले दिन से ही संबन्ध रहा है इसीलिये गोरखपुर वाले अपने दिलों में ए०एम०यू० से हमेशा ही कुछ अधिक मोहब्बत रखते हैं। गोरखपुर के स्व० एहसानुल्लाह अब्बासी, जो कि उनके पूर्वज भी हैं, उन 7 विध्यार्थियों में से थे जिनका दाखिला सर सय्यद द्वारा अलीगढ़ में स्थापित मदरसे में पहले ही दिन हुआ। यही मदरसा आगे चलकर सन् 1875 में "मोहम्मडन ऐन्ग्लो ओरियन्टल कॉलेज और 1920 में "अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी" बना।
वरिष्ठ पुलीस अधीक्षक डा० गौरव ग्रोवर ने ए०एम०यू० ओल्ड ब्वाएज (एलुम्नाई) एसोसियेशन, गोरखपुर को बधाई देते हये कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि शहर का एक बड़ा बुद्धिजीवी तबका एक बैनर के तले आकर समाजिक कार्य और शिक्षा की उन्नति के लिये कार्य कर रहा है। कार्यक्रम में सर सय्यद और उनके के मिशन के बारे में मिली जानकारी को उमूल्य बताते हुये उन्होंने एसोसियेशन से आग्रह किया कि ये जानकारी शहर के हर व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास होना चाहिये ताकि सभी को प्रेरणा मिल सके।
अरशद खुर्शीद ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज में पिछड़ेपन को सीधे शिक्षा के अभाव से जोड़ा जा सकता है। सर सय्यद ने इस तथ्य को पहचान कर ही शिक्षा की उन्नति पर इतना बड़ा काम करने की ठानी जिसका लाभ तब से लेकर आज तक अनेक पीढ़ियों को मिलता आया है और आगे भी मिलता रहेगा। समाज जितना शिक्षित होता है उतनी ही देश की प्रगति होती है।
जहां कार्यक्रम में प्रस्तुत बुद्धिजीवियों ने समाज में बेहतर शिक्षा विकास और सर सैय्यद के मिशन "आधुनिक एवं वैज्ञानिक शिक्षा प्रणाली" पर अपने विचार रखे वहीं नदीम व तबरेज़ द्वारा प्रस्तुत गज़लों ने शाम को रंगीन बना दिया। इस मौके पर सर सय्यद का किरदार बनाकर लखनऊ से आये कलाकार शब्बीर अहमद उर्फ अली सागर ने "दास्ताने सर सय्यद" नामक एक नाटक पेश किया जिसमें सर सय्यद की फिक्रो नजर को दरशया गया। कार्यक्रम के इतिहास में पहली बार एलुम्नाई एसोसियेशन की तराना टीम ने युनिवर्सिटी तराने का लाईव गायन प्रस्तुत किया जो बेहद उत्साह वर्धक रहा।
ए०एम०यू० ओल्ड ब्वाएज (एलुम्नाई) एसोसियेशन, गोरखपुर द्वारा इस वर्ष से नई परम्परा का आगाज़ करते हुये पाँच वरिष्ठ एलुम्नाई अज़ीज़ अहमद (वरिष्ठ चिकित्सक), शरीफ अहमद (शिक्षाविद), शम्स अनवर (इन्जीनियर), स्व० श्री महमूदुल अज़ीज (समाज सेवी) एवं स्व० श्री हामिद अली (समाज सेवी) को "लाईफटाईम एचीवमेन्ट पुरस्कार" से नवाज़ा गया।
नई कार्यकारिणी का संचालन कर रहे संस्था के अध्यक्ष श्री नुसरत अब्बासी ने अपने उद्बोधन में एसोसियेशन द्वारा पिछले एक वर्ष में हुये कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की एवं सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे बढ़-चढ़ के एसोसियेशन के कार्यों में हिस्सा लें और इसे मज़बूत करने में सहयोग करें। अगले वर्ष एसोसियेशन को 50 वर्ष पूरे हो जायेंगे और "गोल्डन जुबली" पूरे जोशे खरोश से आला पैमाने पर मनाई जायेगी।
कार्यक्रम में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर बनी फिल्म के प्रदर्शन के साथ ही यूनिवर्सिटी तराने का लाईव गायन हुआ ओर कार्यक्रम का अन्त पारम्परिक "सर सयद डे डिनर से हुआ। कार्यक्रम का संचालन श्री अतीकुर रेहमान एवं डा० हया रशद खान ने किया एवं इस मौके पर डा० अज़ीज़ अहमद, नुसरत अब्बासी, राजिक अली कादरी, सिराज अबदुल्ला, डा० मोतिउल्ला, डा० अब्बुलहई कासमी, चौ० कमर जमील, ख्वाजा रफीउद्दीन, वसीउद्दीन खाँ, अब्दुल हई, मोहसिन मारुफी, अमानुल्लाह सिद्दीकी, तलत अजीज, डा० नसरीन फैज़ी, फारेहा नसरीन समेत सैकड़ों ए०एम०यू० के पूर्व छात्र व छात्रायें मौजूद रहे।
Oct 20 2024, 16:01