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सरायकेला : कस्तूरबा गांधी आवसीय विद्यालय में छात्राओं को शिक्षा, पोषण, कानूनी अधिकार, चिकित्सा देखभाल और बाल विवाह पर जागरूक किया।
सरायकेला : जिले में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस सप्ताह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी के मार्गदर्शन में सखी वन स्टॉप सेन्टर के कर्मियों ने कस्तूरबा गांधी आवसीय विद्यालय में छात्राओं को शिक्षा, पोषण, कानूनी अधिकार, चिकित्सा देखभाल और बाल विवाह पर जागरूक किया। कविता और निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई और विजेताओं को प्रमाण पत्र दिए गए। इसके अलावा, पौधरोपण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
सरायकेला : ससुर पर गैंता से हमला करने के बाद फैजल अंसारी मौके से फरार हो गया ।...
सरायकेला : कपाली ओपी क्षेत्र के इस्लामनगर बाबा गुंडी में तलाकशुदा दामाद ने अपने ससुर पर गैंता से ताबड़तोड़ हमला कर दिया. इससे उसकी हत्या कर दी. मृतक की पहचान 65 वर्षीय अब्दुल सलीम के रूप में की गई है. जानकारी के अनुसार मृतक अब्दुल सलीम की पुत्री साईका की शादी करीब पांच माह पहले ही लोहरदगा के फैजल अंसारी के साथ हुई थी. मृतक की बेटी का शादी के कुछ दिन बाद ही दामाद से तलाक हो गया था. बेटी का तलाक होने के बाद अब्दुल सलीम अपने बेटी साईका की शादी दूसरी जगह तय कर दी थी. बताया जा रहा है कि मृतक अब्दुल सलीम की बेटी साईका की दूसरी शादी बुधवार को होने वाली थी. मंगलवार को हल्दी का रस्म था, लेकिन घर में खुशी का माहौल गम में बदल गया और घर से जनाजा उठा ।

मृतक के घर के बाहर लगी भीड़. ससुर द्वारा अपनी बेटी की शादी दूसरी जगह तय कर देने से तलाकशुदा दामाद फैजल अंसारी काफी नाराज था. जानकारी के अनुसार इस बीच सोमवार की रात फैजल अंसारी अपने ससुराल इस्लामनगर बाबा गुंडी पहुंचा. रात को खटिया में सो रहे ससुर अब्दुल सलीम पर मौका देखकर फैजल अंसारी ने गैंता से हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि गैंता से हमला करने से अब्दुल सलीम की मौके पर ही मौत हो गई. ससुर पर गैंता से हमला करने के बाद फैजल अंसारी मौके से फरार हो गया ।

वहीं अब्दुल सलीम की हत्या होने पर उनके परिजन का रो-रोकर बेहाल है. इधर हत्या की सूचना पर कपाली ओपी प्रभारी पुलिस बल के साथ इस्लामनगर बाबा गुंडी पहुंची. पुलिस ने मामले की जानकारी लेने के बाद जांच शुरू की. पुलिस ने बताया कि हत्यारोपी की गिरफ्तार के लिए छापामारी की जा रही है।
सरायकेला : दुर्गा पूजा के पूर्व से क्षेत्र में पड़ा पानी की भारी किल्लत से जनजीवन प्रभावित रहा ।
सरायकेला : जिला के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के दास पाड़ा में पेयजल समस्या से परेशान हे नगर वासी । झारखंड लोकतांत्रिक क्रान्तिकारी मोर्चा ने नगर निगम प्रशासक को पत्र लिखकर समस्या का स्थायी समाधान करने और अंतरिम अवधि में टैंकर से पानी उपलब्ध कराने की मांग की है। एक तरफ से मां दुर्गा की नवरात्री का पूजा अर्चना प्रत्येक लोगो द्वारा करते हे।दूसरी ओर  पेयजल को लेकर मारामारी ।जिसे जन जीवन में प्रभावित पड़ा ।
सरायकेला :नवरात्रि के दिन से सांवताल के समुदाय के लोग मां दुर्गे की खोज ,में  परंपरा दशम नाच व दसई नृत को इसे बहुत महत्व देते हे।....

सरायकेला : भारत बर्ष में हिंदू धर्म में चार नवरात्रि मनाई जाती है। आश्विन माह में नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाते हे । महालया के दिन आदिवासी  सांवताल समुदाय के लोग इसे बहुत महत्व देते हे और मां दुर्गा  की खोज में नवरात्री के दिन खोज में आपने घर से निकला जाते । इस परिवार के लोगो का कहना है की मां दुर्गे  आश्विन माह के शुल्क पक्ष में अनुष्ठान किया जाता । यह सांवताल समुदाय के प्रत्येक छोटे बड़े लोग  मस्तिक में मौर पंख लगाकर पारंपरिक परिधान के साथ बाधयंत्र के लेकर एक बड़े ग्रुप में  आपने मातृ भाषा में गाना बाजा करते हुए गांव शहर जंगल आदि जगह में घूमते रहते हे।

मानना हे की पूर्वजों द्वारा संचालित यह परमापगत प्राचीन कालीन युगों से चले आ रहे हे आज भी यह समुदाय के लोग नवरात्रि के दिन  घरों से निकल पड़ते ओर 7वे के दिन यानी विरस्पति  के दिन यह लोग मां को खोज करके साथ में मां लेकर आपने गांव के पास एक खुले मैदान में आयोजित मां दुर्गे की पूजा अर्चना करते हे ।ओर मागन में जुटे रुपया चावल फल मिष्ठान आदि सामग्री से पूजा अर्चना करने के प्रश्चात् सभी समुदाय के प्रसाद ग्रहण करते हे।आज भी यह परमापर्गत दशम नाच और दसई नृत्य झारखंड पश्चिम बंगाल साथ ही उड़ीसा आदि राज्य में देखने को गांव शहर आदि जगह दुर्गा पूजा उपलक्ष्य में देखने को मिलता है। एक समय था जब दानवों की अत्याचार पूरे पृथिवी  भार  गया था उस समय  ।
शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे ।
रक्त बीज शंखन संहारे। महिषासुर नृप अति
अभिमानी । जेहि अध भार  अकुलानी । रूप कराल काली को धारा । सेन सहित तुम  तिहि संहार, परी गाढ़  संतान पर जब जब । विंध्यवासिनी द्वारा महिषासुर संहार करने प्रश्चात यह  समुदाय के लोगो भारी चिंता होने लगा था। तभी चल कर मां की खोज में दुर्गा पर आने पर यह लोग मां की खोज पर निकल जाते हे।यह रीति सदा चले आ रहे हे।


सरायकेला : हमने स्पष्ट खेल नीति का प्रस्ताव पारित किया था, वह सचिवालय में पड़ी धूल फांक रही है : सुदेश महतो ब्रम्हानंद हृदयालय तमोलिया के सौजन्य
सरायकेला : जिला के धातकीडीह में जन सेवा ही लक्ष्य की ओर से आयोजित दो दिवसीय फुटबॉल प्रतियोगिता एचएलएम ट्रॉफी के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में आजसू सुप्रीमो एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो शामिल हुए। इस अवसर पर फाइनल मैच के दोनों टीम के खिलाड़ियों से सुदेश महतो ने परिचय प्राप्त किया तथा फुटबॉल को किक मारकर फाइनल मैच का शुभारंभ किया। इससे पूर्व जोरदार आतिशबाजी एवं पारंपरिक आदिवासी नृत्य से महिलाओं ने सुदेश महतो का भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान सुदेश महतो ने जन सेवा ही लक्ष्य के संस्थापक हरेलाल महतो द्वारा प्रदत्त नई एम्बुलेंस की चाबी चांडिल बाजार के नागरिकों को सौंपी। मौके पर सुदेश महतो ने हरेलाल महतो को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में खेल और संस्कृति के प्रति लोगों का क्या लगाव है, यह एच एल एम ट्रॉफी में देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हरेलाल महतो के प्रति लोगों का लगाव अतुलनीय है, यह इस आयोजन में देखा जा सकता है। सुदेश महतो ने कहा कि कोई व्यक्ति अपने जन्मदिन को खेल तथा सेवा कार्य के लिए समर्पित कर सकते हैं, यह हरेलाल बाबू ने प्रमाणित कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि जब उन्हें खेल विभाग का दायित्व मिला था तब उन्होंने हर विधानसभा क्षेत्र में एक हाईटेक स्टेडियम का निर्माण करवाया था लेकिन उसके संचालन के अभाव में खंडहर हो गए।उन्होंने कहा कि झारखंड के युवाओं व खिलाड़ियों के हित को ध्यान में रखते हुए स्पष्ट खेल नीति का प्रस्ताव पारित किया था लेकिन वर्तमान समय में वह सचिवालय में पड़ी धूल फांक रही हैं। सुदेश महतो ने कहा कि सिस्टम को चलाने की योग्यता और अनुभव होना चाहिए और साफ नियत होना चाहिए, तभी कोई भी कार्य सफल हो सकता है। आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव एवं जन सेवा ही लक्ष्य के संस्थापक हरेलाल महतो के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित एचएलएम ट्रॉफी में प्रथम दिन आठ टीम के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें एडीबी, गम्हरिया की टीम ने फाइनल मैच के लिए स्थान प्राप्त किया था। वहीं, दूसरे दिन हुई आठ टीम के मुकाबले में पूजा सपोर्टिंग, चांडिल ने फाइनल मैच के लिए स्थान प्राप्त किया था। इसके बाद एडीबी गम्हरिया तथा पूजा सपोर्टिंग चांडिल के बीच फाइनल मैच हुआ, जिसमें एक गोल दागकर एडीबी गम्हरिया ने पूजा सपोर्टिंग को पराजित किया। मौके पर अतिथियों ने विजेता टीम एडीबी गम्हरिया की टीम को ट्रॉफी तथा दो लाख रुपये नकद पुरस्कार से सम्मानित किया। वहीं, द्वितीय स्थान प्राप्त पूजा सपोर्टिंग चांडिल की टीम को डेढ़ लाख रुपये की नकद राशि तथा ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। बीएसएसपी जमशेदपुर को तृतीय एवं राधे राधे सपोर्टिंग पारगामा को एक - एक लाख रुपये नकद राशि व ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। इसके अलावा पूरे प्रतियोगिता के बेस्ट खिलाड़ी के रूप में मनोहर बोदरा तथा बेस्ट गोलकीपर के रूप में सनातन सरदार को एक - एक साइकिल देकर सम्मानित किया गया। एचएलएम ट्रॉफी के समापन समारोह के अवसर पर फुटबॉल मैदान पर ही ब्रम्हानंद हृदयालय मल्टी हॉस्पिटैलिटी ब्लड बैंक के सौजन्य से रक्तदान शिविर आयोजित किया गया था। इस शिविर में रक्तदाताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। यहां कुल 158 यूनिट रक्त संग्रह हुआ। मौके पर मुख्य अतिथि सुदेश महतो एवं हरेलाल महतो ने कई रक्तदाताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। आज की मुख्य उपस्थिति : ममहंत विद्यानंद सरस्वती, आजसू जिलाध्यक्ष सचिन महतो, नीमडीह जिला परिषद असित सिंह पात्र, सत्यनारायण महतो, ईचागढ़ विधानसभा प्रभारी सुनील सिंह, पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष अशोक कुमार साव, अमला मुर्मू, बादल उरांव, प्रखंड अध्यक्ष दुर्योधन गोप, दिगंबर सिंह, अरुण महतो, गोपेश महतो, पुलक सथपति, बासुदेव प्रमाणिक, मनोरंजन ठाकुर, अमूल्य महतो, माधव सिंह मुंडा, प्रदीप गिरी, मुखिया सुबोधनी माहली, ज्योतिलाल माहली, रीना महतो, रेणुका पुराण, सुलोचना प्रमाणिक, बॉबी जालान, आशीष कुंडू, गुरुचरण महतो, दिनेश सिंह, बिजय मोदक, पीयूष दत्ता, सौभिक हालदार समेत सैकड़ों अतिथि मौजूद थे।
सरायकेला : बच्चियों को सशक्त बनाने के लिए पॉस्को एक्ट की जानकारी दी गई।
सरायकेला : जिला के राजनगर स्थित एसएस+2 उच्च विद्यालय में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" कार्यक्रम में कई अधिकारियों ने भाग लिया और बच्चियों को सशक्त बनाने के लिए पॉस्को एक्ट की जानकारी दी गई। इसके अलावा, चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
सरायकेला : भूमिपूजन समारोह को संबोधित करते हुए विधायक सविता महतो ने कहा ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र मे 12 करोड़ 75 लाख कि लागत से निर्माण होने वाले 6 प्
सरायकेला : ईचागढ़ के विधायक सविता  महतो ने चांडिल थाना क्षेत्र के  फोदलोगोड़ा स्थित  पीसीसी सड़क व जलमीनार का शीलान्यास मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत स्वीकृत ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र में 21.65 किमी सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन सोमवार को विधायक ने विधिवत रुप से शीलापट्ट अनावरण कर किया। भूमिपूजन समारोह को संबोधित करते हुए विधायक सविता महतो ने कहा ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र मे 12 करोड़ 75 लाख कि लागत से निर्माण होने वाले 6 प्रमुख सड़कों का भूमि पूजन किया गया। जिसमें, बड़ा आमड़ा (हुटूप )से डूंगरीडीह भाया हुंडी 5.2 किमी, सितु से हड़तालडीह तक 3.8 किमी, झारुवा से चोगा तक 2.6 किमी, कुमारडीह से बड़ा चुनचुरिया तक 2.95 किमी, टिकर सिल्ली रोड से बंगाल बॉडर भाया रघुनाथपुर तक 3.9 किमी व सितु बड़ालापांग रोड से सापड़ा तक 3.2 किमी सड़क का विशेष मरम्मति किया जाएगा। इस दौरान विधायक ने कहा 21.65 किमी सड़क का निर्माण 12 करोड़ 75 लाख कि लागत से किया जाएगा। इस क्रम मे विधायक ने चांडिल प्रखंड क्षेत्र के फदलोगोड़ा मे 15 वें वित्त आयोग अंतर्गत आवद्ध /अनावद्ध मद से स्वीकृत अनिल महतो के घर से शिष्टपद गोप के घर तक 4 सौ फिट पीसीसी व सिमा गोदा पाथरडीह मे राकेश हेंब्रम के घर के सामने जलमिनर निर्माण कार्य का शिलान्यास विधिवत शीलापट्ट अनावरण कर किया। विधायक ने कहा 15 वें वित्त आयोग के दोनों योजनाओं का निर्माण करीब 13 लाख रुपए की लागत से किया जाएगा। इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य पिंकी लायेक, झामुमो नेता ओम प्रकाश लायेक, झामुमो केंद्रीय सदस्य काबलु महतो, मुखिया बिदू मुर्मू, पंसस माधवी सिंह, उपमुखिया प्रदीप महतो, वार्ड सदस्य संजय प्रमाणिक, समाजसेवी दिलीप महतो, सपन महतो, कनीय अभियंता दिनेश महतो, शंकर मंडल, हीरालाल महतो, प्रखंड अध्यक्ष नीताई उरांव, किसुन किस्कु, राहुल वर्मा, फोरेन महतो, नयन, हरेन महतो, पंचानन पातर, अमित सिन्हा, हृदय महतो, अधर महतो, सुर्जन स्वासी आदि काफी संख्या मे ग्रामीण महिला पुरुष व झामुमो कार्यकर्ता उपस्थित थे
सरायकेला : जेएसएससी द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा पिछले आठ सालों से विवादित कारणों से रद्द होता आया है।मांग को लेकर झारखंड के छात्र निरंतर आंदोलन
सरायकेला : जेएसएससी द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा पिछले आठ सालों से विवादित कारणों से रद्द होता आया है। यह परीक्षा 21-22 सितंबर 2024 को 639900 अभ्यर्थियों के लिए 823 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित किया गया, जिसमें 72 क्वेश्चन को रिपीट किया गया तथा परीक्षा से पूर्व ही क्वेश्चन पेपर लीक किया गया। जबकि पूर्व में 08/10/2017 को हुए हो भाषा का परीक्षा रिपीटेशन के कारण जेएसएससी द्वारा वह परीक्षा रद्द किया गया था। तत्काल में विवादित जेएसएससी सीजीएल परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर झारखंड के छात्र निरंतर आंदोलनरत है। लगातार त्रिदिवसीय आंदोलन में पहला दिन राज्य भर में मसाल जुलूस, दूसरा दिन 5 लाख से ज्यादा ट्वीट-री-ट्वीट करके #cancel_jssc_cgl हैशटैग को दिन भर नंबर वन पर ट्रेंड में रखा गया और आज आंदोलन का तीसरा दिन (सोमवार) उपायुक्त के माध्यम से सरकार को ज्ञापन देना था।
लेकिन छात्रों के आर्थिक तंगी को देखते हुए जिला न जाकर  चांडिल अनुमंडल / ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के छात्र और अभिभावक चांडिल अनुमंडल प्रांगण में एक दिवसीय शांतिपूर्ण ढंग से धरना प्रदर्शन एवं अनुमंडल पदाधिकारी के माध्यम से सरकार को ज्ञापन दिया गया।
इस कार्यक्रम में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के केंद्रीय सचिव गोपेश महतो, केंद्रीय संगठन महासचिव फूलचांद महतो, युवामोर्चा केंद्रीय मंत्री आकाश गुलियर, युवा मोर्चा केंद्रीय प्रवक्ता संखुआर आदित्य, सीजीएल के छात्र जयप्रकाश महतो, बीरबल गोप, अश्विनी महतो, प्रियरंजन दस आदि के अलावे जेएलकेएम के सैकड़ों सदस्यों ने भाग लिया।
सरायकेला : ललिता पंचमी का त्यौहार देवी ललिता को समर्पित है।...
ललिता पंचमी आज  ललिता पंचमी का त्यौहार देवी ललिता को समर्पित है और पारंपरिक हिंदू कैलेंडर के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि (5वें दिन) को मनाया जाता है। हिंदू इस दिन अपने देवी के सम्मान में उपवास रखते हैं और इस अनुष्ठान को 'उपांग ललिता व्रत' के नाम से जाना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी ललिता सबसे महत्वपूर्ण 10 महाविद्याओं में से एक हैं। उन्हें 'षोडशी' और 'त्रिपुरा सुंदरी' के नाम से भी जाना जाता है।

ललिता पंचमी की तिथि व समय  07 अक्टूबर, सुबह 9:48 बजे से 08 अक्टूबर, सुबह 11:18 बजे तक देवी ललिता को देवी दुर्गा या शक्ति का अवतार भी माना जाता है।


इसलिए ललिता पंचमी नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव के दौरान मनाई जाती है , जो पांचवें दिन होती है। यह एक व्यापक मान्यता है कि देवी की पूजा करने और ललिता पंचमी पर व्रत रखने से सुख, ज्ञान और धन की प्राप्ति होती है। गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों में ललिता पंचमी का पालन बहुत लोकप्रिय है। इन राज्यों में, देवी ललिता की पूजा देवी चंडी की तरह ही 'ललिता सहस्रनाम', 'ललितोपाख्यान' और 'ललितात्रिशती' जैसे पूजा अनुष्ठानों के साथ की जाती है। इसलिए ललिता पंचमी का त्यौहार पूरे देश में उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। ललिता पंचमी के दौरान अनुष्ठान


ललिता पंचमी पर उपवास एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है और इसे 'ललिता पंचमी व्रत' के रूप में जाना जाता है। इस पवित्र व्रत को करने से भक्तों को अपार शक्ति और सामर्थ्य की प्राप्ति होती है। इस दिन देवी के सम्मान में विशेष अनुष्ठान और पूजा की जाती है। कुछ स्थानों पर सामूहिक पूजा होती है जिसमें सभी महिलाएं एक साथ प्रार्थना करती हैं। ललिता पंचमी पर देवी ललिता के साथ-साथ हिंदू भक्त भगवान शिव और स्कंदमाता की भी पूजा करते हैं। ललिता पंचमी के दिन देवी ललिता के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा सकती है। वे दूर-दूर से इस दिन विशेष रूप से आयोजित पूजा अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए आते हैं। कुछ क्षेत्रों में, इस दिन भव्य मेलों का भी आयोजन किया जाता है जो बहुत उत्साह और उमंग प्रदान करते हैं। इस दिन देवी ललिता को समर्पित वैदिक मंत्रों का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन की सभी समस्याएं, चाहे व्यक्तिगत हो या व्यावसायिक, तुरंत हल हो जाती हैं। ललिता पंचमी पर महत्वपूर्ण समय सूर्योदय 07 अक्टूबर, 6:24 पूर्वाह्न सूर्यास्त 07 अक्टूबर, शाम 6:04 बजे पंचमी तिथि का समय 07 अक्टूबर, 09:48 पूर्वाह्न

- 08 अक्टूबर, 11:18 पूर्वाह्न ललिता पंचमी का महत्व .

ललिता पंचमी का धार्मिक महत्व विभिन्न हिंदू धर्मग्रंथों जैसे 'कालिका पुराण' में पढ़ा जा सकता है। हिंदू संस्कृति में देवी ललिता की पूजा को बहुत महत्वपूर्ण और विशेष माना जाता है। किंवदंतियों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस शुभ दिन पर देवी ललिता 'भंडा' को हराने के लिए प्रकट हुई थीं, जो कामदेव की राख से बना एक राक्षस था। इसलिए ललिता पंचमी को देवी ललिता के प्रकट होने या 'जयंती' के रूप में मनाया जाता है। देवी ललिता देवी दुर्गा का अवतार हैं और 'पंच महाभूतों' (पृथ्वी, वायु, अग्नि, जल और अंतरिक्ष के रूप में दर्शाए गए पांच तत्वों) से जुड़ी हैं। भारत के दक्षिणी क्षेत्र में देवी ललिता को देवी चंडी का ही एक रूप माना जाता है। ललिता पंचमी के दिन भक्त पूरे मन से देवी की पूजा करते हैं और उनके सम्मान में कठोर व्रत रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी के दर्शन मात्र से जीवन में आने वाले कष्टों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है। पूजा से प्रसन्न होकर देवी अपने भक्तों को संतोष और खुशी का आशीर्वाद देती हैं।

ललिता माता का मंत्र।

*ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नमः*। पंचमी के दिन इस ध्यान मंत्र से मां को लाल रंग के पुष्प, लाल वस्त्र आदि भेंट कर इस मंत्र का अधिकाधिक जाप करने से जीवन की आर्थिक समस्याएं दूर होकर धन की प्राप्ति के सुगम मार्ग मिलता है।


ललिता पंचमी की विधि  ललिता पंचमी के शुभ दिन, भक्त श्रद्धापूर्वक देवी ललिता त्रिपुरा सुंदरी की पूजा करते हैं। पूजा विधि इस प्रकार है:


पूजा की तैयारी: ललिता पंचमी के एक दिन पहले, पूजा की तैयारी कर लेनी चाहिए। इसमें पूजा स्थल की साफ-सफाई करना, स्नानादि करके स्वयं को शुद्ध करना और पूजा सामग्री जुटा लेना शामिल है। पूजा सामग्री: देवी ललिता त्रिपुरा सुंदरी की मूर्ति या तस्वीर चौकी या आसन गंगाजल दीपक और तेल अगरबत्ती या धूप रोली, मौली और कलावा सिंदूर सफेद वस्त्र पुष्प (गुलाब, कमल, जवाहर फूल आदि) फल (शामिल करें – आम, केला, सेब) मिठाई (पंचामृत या उनका पसंदीदा भोग) पान के पत्ते सुपारी ।

ललिता पंचमी की पूजा विधि:


सूर्योदय से पहले उठें और स्नान कर के स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और चौकी या आसन बिछाएं। देवी ललिता त्रिपुरा सुंदरी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। दीपक जलाएं और अगरबत्ती या धूप जलाएं। देवी ललिता को जल अर्पित करें और उन्हें स्नान कराएं। रोली, मौली और कलावा चढ़ाएं। सिंदूर का अर्पण करें। सफेद वस्त्र अर्पित करें। पुष्प, फल और मिठाई का भोग लगाएं। पान के पत्ते और सुपारी अर्पित करें। ललिता सहस्रनाम का पाठ करें या “ॐ श्री ललितायै नमः” मंत्र का जप करें। आरती करें और देवी ललिता का ध्यान करें। प्रार्थना करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करें।


ललिता पंचमी के उपाय ।

ललिता पंचमी के दिन कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं, जिनसे देवी ललिता की कृपा प्राप्त करने में सहायता मिलती है। ये उपाय इस प्रकार है।

लाल वस्त्र धारण करें ।

लाल रंग को देवी ललिता का प्रिय रंग माना जाता है। इसलिए, इस दिन लाल वस्त्र धारण करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।


कन्या पूजन ।

कुछ स्थानों में ललिता पंचमी के दिन कन्या पूजन करने की परंपरा है। इसमें नौ कन्याओं को भोजन कराया जाता है और उन्हें उपहार दिया जाता है।

श्री यंत्र की स्थापना और पूजा ।

श्री यंत्र को देवी ललिता का निवास स्थान माना जाता है। इस दिन श्री यंत्र की स्थापना करके उसकी विधिवत पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।
ललिता चालीसा का पाठ ।

ललिता चालीसा का नियमित पाठ करने से देवी ललिता की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।


ललिता पंचमी की कथा ।

पुराणों के अनुसार जब माता सती अपने पिता दक्ष द्वारा अपमान किए जाने पर यज्ञ अग्नि में अपने प्राण त्‍याग देती हैं तब भगवान शिव उनके शरीर को उठाए घूमने लगते हैं, ऐसे में पूरी धरती पर हाहाकार मच जाता है। जब विष्‍णु भगवान अपने सुदर्शन चक्र से माता सती की देह को विभाजित करते हैं, तब भगवान शंकर को हृदय में धारण करने पर इन्हें ललिता के नाम से पुकारा जाने लगा।

सरायकेला : ईचागढ़ थाना क्षेत्र में बालू के अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ अभियान चलाया.
सरायकेला जिला खनन विभाग ने पांच अक्टूबर की देर रात ईचागढ़ थाना क्षेत्र में बालू के अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ अभियान चलाया. औचक छापामारी अभियान में ईचागढ़ थाना की पुलिस भी शामिल थी. खनन विभाग की टीम ने ईचागढ़ थाना की पुलिस के साथ मिलकर सोड़ो, जारगोडीह, वीरडीह आदि स्थानों पर जांच की. इस दौरान स्टॉक लाइसेंस वालों के स्टॉक स्थल के सामने भी जांच की गई

अभियान में टीम को किसी प्रकार की सफलता नहीं मिली. खनन विभाग की टीम ने बताया कि अभियान के दौरान ईचागढ़ थाना क्षेत्र में कहीं भी बालू लदा हाइवा और ट्रैक्टर नहीं मिला. रात में देर तक अभियान चलाने के बाद टीम लौट गई. इस दौरान टीम को सरायकेला क्षेत्र में बालू के अवैध परिवहन के खिलाफ सफलता मिली. खनन विभाग को अवैध रूप से बालू ले जाते ट्रैक्टर मिला है. सरायकेला-खरसावां जिला खनन विभाग एक सप्ताह का विशेष अभियान शुरू किया है. इस दौरान जिला क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों में दिन-रात छापामारी अभियान चलाया जा रहा है