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महंत के नफरती बयानबाजी से पूरे देश में अशांति : मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रविवार को एक्स पर कहा कि गाजियाबाद में डासना देवी मन्दिर के महंत ने इस्लाम मज़हब के खिलाफ फिर से नफरती बयानबाजी की है। इसकी वजह से पूरे इलाके में और देश के कई हिस्सों में भी अशान्ति और तनाव की स्थिति उत्पन्न है। पुलिस प्रदर्शनकारियों के खिलाफ तो कार्रवाई की कर रही है लेकिन मूल दोषी भयमुक्त हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्षता अर्थात सभी धर्मों का बराबर आदर-सम्मान की गारण्टी सुनिश्चित करता है। अतः केन्द्र व राज्य सरकारों की जिम्मेवारी है कि वे इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करें ताकि देश में शान्ति रहे तथा विकास भी बाधित न हो।
यूपी के 25 जिलों में खुलेंगे नये राजकीय नर्सिंग कॉलेज

लखनऊ। योगी सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसके तहत योगी सरकार मेडिकल की यूजी और पीजी की सीटें बढ़ाने के बाद पैरामेडिकल (नर्सिंग) की सीटों में बड़े पैमाने में वृद्धि करने जा रही है। मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए यह राहत भरी खबर है। इससे छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।

20 जिलों में नये राजकीय नर्सिंग कॉलेजों का निर्माण कार्य प्रारंभ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 25 जिलों में नये राजकीय नर्सिंग कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है। इसके माध्यम से प्रदेश के कई छोटे शहरों में भी छात्र न सिर्फ सरकारी फीस पर नर्सिंग की पढ़ाई कर सकेंगे, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने में अपना योगदान दे सकेंगे। सीएम योगी की पहल पर 20 जिलों में नये राजकीय नर्सिंग कॉलेजों का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है, जबकि 5 जिलों में निर्माण कार्य स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। वहीं, सीएम ने कार्यदायी संस्थाओं को कॉलेजों का निर्माण कार्य जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है, ताकि अगले एकेडमिक सेशन से पढ़ाई शुरू हो सके।

यूपीपीसीएल और यूपीआरएनएनएल करा रहीं निर्माण कार्य

डीजीएमई किंजल सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रदेश के स्वास्थ्य इंफ्रास्क्चर को मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश के छात्रों को मेडिकल और पैरामेडिकल की पढ़ाई के लिए उचित संसाधन उपलब्ध कराने के लिए भी युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं।

इसी के तहत सीएम योगी ने प्रदेश के 25 जिलों में नये राजकीय नर्सिंग कॉलेज खोलने की स्वीकृति दी है, जहां अगले एकेडमिक सेशन में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप 20 जिलों में कॉलेजों का निर्माण कार्य चल रहा है जबकि पांच जिलों में निर्माण की स्वीकृति दे दी गयी। उन्होंने बताया कि इन कॉलेज के निर्माण कार्य के लिए प्रदेश की चार संस्थाओं को नामित किया गया।इनमें उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड , कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज , यूपी स्टेट कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड  और उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन लिमिटेड शामिल हैं।

इन 20 जिलों में चल रहा नये राजकीय नर्सिंग कॉलेज का निर्माण

इनमें अयोध्या, बहराइच, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, फतेहपुर, गोंडा, सुल्तानपुर, मीरजापुर, लखीमपुर खीरी, बस्ती, फिरोजाबाद, हरदोई, एटा, अमेठी, ललितपुर, बिजनौर, कौशांबी, गाजीपुर, प्रतापगढ़ और चंदौली शामिल हैं।

इन पांच जिलों में निर्माण कार्य प्रारंभ करने की दी गई स्वीकृति

इनमें देवरिया, कानपुर देहात, सोनभद्र, कुशीनगर और पीलीभीत आदि शामिल हैं।

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एक क्लिक में यूपी के किसानों के खाते में आए 4985.49 करोड़, शारदीय नवरात्र पर किसानों के लिए वरदान
लखनऊ। शारदीय नवरात्रि की तृतीया तिथि पर देश के साथ ही उत्तर प्रदेश के किसानों का घर भी 'धन-धान्य' से परिपूर्ण हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को महाराष्ट्र के वाशिम से पीएम किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त जारी की। इससे देश के 9.4 करोड़ किसानों के साथ ही उत्तर प्रदेश के 2.25 करोड़ किसानों को इसका लाभ मिला। प्रदेश के किसानों के खाते में 4985.49 करोड़ रुपये पहुंच गए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के किसानों को शारदीय नवरात्र में यह उपहार दिए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया।

दो करोड़ 25 लाख 91,884 किसानों के खाते में भेजे गए पैसे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को महाराष्ट्र के वाशिम से देश के किसानों के खाते में पीएम सम्मान निधि की 18वीं किस्त स्थानांतरित की। इसमें उत्तर प्रदेश के दो करोड़ 25 लाख 91,884 किसानों के खाते में 4985.49 करोड़ रुपये भेजे गए। वहीं देश के 9.4 करोड़ किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक भेजकर लाभान्वित किया गया। गौरतलब है कि इससे पहले लोकसभा चुनाव जीतने के उपरांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से 18 जून को 17वीं किस्त का वितरण किया था।

पावन शारदीय नवरात्र पर वरदान समान है यह उपहारः सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के खाते में पीएम सम्मान निधि की राशि हस्तांतरित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर पोस्ट भी किया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा कि अन्नदाता किसानों के जीवन को सुगम, स्वावलंबी और समृद्ध बनाने हेतु सतत समर्पित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा महाराष्ट्र से 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' की 18वीं किस्त जारी कर दी गई।

किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करती है यह कल्याणकारी योजना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा कि किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करती इस कल्याणकारी योजना की 18वीं किस्त के अंतर्गत हस्तांतरित 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि से उत्तर प्रदेश के 2.25 करोड़ से अधिक किसानों समेत देश के 9.4 करोड़ से अधिक कृषक लाभान्वित हुए हैं।सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिखा कि पावन शारदीय नवरात्र के अवसर पर वरदान समान यह उपहार प्रदान करने हेतु उत्तर प्रदेश के सभी कृषक भाई-बहनों की ओर से आपका हार्दिक आभार प्रधानमंत्री जी!।
आगामी त्यौहार के मद्देनजर यूपी पुलिस कर्मियों की छुट्टी पर रोक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सभी पुलिस कर्मियों की छुट्टी पर 08 नवम्बर तक रोक लगा दी गई है। पुलिसकर्मी विषम परिस्थितियों में अपने उच्चाधिकारियों को सूचित कर और उनकी अनुमति से छुट्टी ले सकते हैं।

पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने शनिवार को इस संबंध में पत्र जारी किया है। दुर्गा पूजा, दशहरा, दिवाली और छठ पूजा के मद्देनजर आठ अक्टूबर से 08 नवम्बर तक सभी प्रकार के पुलिस कर्मियों की छुट्टी पर रोक लगा दी गई है। इस आदेश का सभी को पालन करना होगा।
अमेठी हत्याकांड:रायबरेली पुलिस की भूमिका की जांच का सीएम योगी ने दिया निर्देश,परिजनों की सभी मांगे मानी



लखनऊ- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमेठी हत्याकांड के पीड़ित परिवार के सदस्यों से शनिवार को मुलाकात की और उन्हें मदद का भरोसा दिलाया।सीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पीड़ितों की सभी मांगों को मान लिया है।साथ ही मामले में रायबरेली पुलिस की भूमिका की भी जांच का निर्देश दिया है।बता दें कि समाजवादी पार्टी के बागी विधायक मनोज पांडेय मृतक दलित शिक्षक के परिवार के सदस्यों को लेकर सीएम आवास पर पहुंचे थे।सीएम ने इसकी जानकारी खुद सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपने एक्स एकाउंट पर शेयर की है।



सीएम योगी ने अमेठी हत्याकांड के पीड़ित परिवार के सदस्यों से घटना के बारे में जानकारी ली।सीएम ने पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री आवास,एक सदस्य को सरकारी नौकरी,खेती के लिए 5 बीघा जमीन,आयुष्मान कार्ड,लापरवाह पुलिस पर कार्रवाई और उच्च स्तर पर जांच कराने की बात कही है।



सीएम योगी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि आज लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर ऊंचाहार विधान सभा क्षेत्र के माननीय विधायक श्री मनोज पांडेय जी की उपस्थिति में जनपद अमेठी में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीड़ित परिजनों से भेंट की।उत्तर प्रदेश सरकार पूरी संवेदना एवं प्रतिबद्धता के साथ शोक संतप्त परिजनों के साथ है।आश्वस्त रहें, पीड़ितों को अवश्य न्याय मिलेगा, दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।



बता दें कि रायबरेली जिले की ऊंचाहार विधानसभा से विधायक डॉ. मनोज पांडेय ने पहले भी कहा था कि पुलिस ने मृतक शिक्षक की पत्नी से हुई छेड़छाड़ के मामले को गंभीरता से नहीं लिया था सिर्फ मुकदमा दर्ज किया था। अगर उसी समय कड़ी कार्रवाई करती तो हत्याकांड को रोका जा सकता था।मनोज पांडेय ने ये मुद्दा सीएम के सामने भी उठाया।कहा जा रहा है कि इस पर ही सीएम ने रायबरेली पुलिस की भूमिका की जांच का निर्देश दिया है।



बता दें कि अमेठी जिले के शिवरतनगंज थाना क्षेत्र में अहोरवा भवानी चौराहे पर सरकारी टीचर सुनील भारती अपनी पत्नी पूनम भारती (30), बेटी दृष्टि (6) और बेटी लाडो (2) के साथ किराए पर रहते थे।सुनील भारती,पत्नी पूनम भारती और दो बच्चों की गुरुवार देर शाम चंदन वर्मा ने घर में घुसकर गोलियों से भून दिया था।चंदन ने मासूम बच्चों को भी नहीं बख्शा।हत्यारे चंदन को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है।शुक्रवार सुबह चंदन की पुलिस से मुठभेड़ भी हुई,जिसमें उसके पैर में गोली लगी है।
अमेठी हत्याकांड का आरोपी चंदन वर्मा गिरफ्तार, शिक्षक के पिता ने दर्ज कराया था हत्या का मुकदमा
लखनऊ । अमेठी में एक शिक्षक उसकी पत्नी व दो बच्चों की हत्या के आरोपी चंदन वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके खिलाफ शुक्रवार को शिक्षक के पिता रामगोपाल ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। तीन जिलों की पुलिस उसकी तलाश में लगी हुई थी। इस घटना को लेकर पुलिस ने एक संदिग्ध युवक को भी हिरासत में लिया है।

रायबरेली के गदागंज थाना क्षेत्र के सुदामापुर गांव निवासी शिक्षक सुनील कुमार, उसकी पत्नी पूनम भारती, बेटी सृष्टि व लाडो की बृहस्पतिवार देर शाम शिवरतनगंज थाना क्षेत्र के अहोरवा भवानी कस्बे में किराए के मकान में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। मामले में शिक्षक के पिता रामगोपाल ने कल देर रात थाने में तहरीर दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने रायबरेली कोतवाली तेलियाकोट निवासी चंदन वर्मा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया।

एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या का सुराग जुटाना पुलिस के लिए चुनौती था, लेकिन मृतक महिला और चंदन वर्मा की फेसबुक प्रोफाइल ने पूरे घटनाक्रम से परदा उठा दिया। दोनों की प्रोफाइल में एक दूसरे की फोटो पड़ी थी। दोनों की फेसबुक प्रोफाइल से कोई छेड़खानी न कर सके, इसलिए एसटीएफ ने प्रोफाइल लॉक कर दिया। प्रोफाइल की जांच के बाद एसटीएफ और पुलिस को शुरूआती जांच में पता चल गया कि दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग चल रहा था। प्रेम-प्रसंग हत्या की वजह हो सकता है। हालांकि पहले आशंका जताई जा रही थी कि लुटेरों ने घटना को अंजाम दिया है। आरोपी चंदन वर्मा जिस मटिहा गांव में किराए के मकान में रहता था, वहां आसपास रहने वाले लोगों से भी उसके संबंध अच्छे नहीं थे। पड़ोसियों ने बताया कि हम लोगों का चंदन से ज्यादा कोई मतलब नहीं रहता था। उसके घर पर किसी बात को लेकर आए दिन झगड़ा हुआ करता था।

फेसबुक से खुला राज, एसटीएफ ने किया लॉक

अमेठी में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या का सुराग जुटाना पुलिस के लिए चुनौती था, लेकिन मृतक महिला और चंदन वर्मा की फेसबुक प्रोफाइल ने पूरे घटनाक्रम से परदा उठा दिया। दोनों की प्रोफाइल में एक दूसरे की फोटो पड़ी थी। दोनों की फेसबुक प्रोफाइल से कोई छेड़खानी न कर सके, इसलिए एसटीएफ ने प्रोफाइल लॉक कर दिया।प्रोफाइल की जांच के बाद एसटीएफ और पुलिस को शुरूआती जांच में पता चल गया कि दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग चल रहा था।

प्रेम-प्रसंग हत्या की वजह हो सकता है। हालांकि पहले आशंका जताई जा रही थी कि लुटेरों ने घटना को अंजाम दिया है। आरोपी चंदन वर्मा जिस मटिहा गांव में किराए के मकान में रहता था, वहां आसपास रहने वाले लोगों से भी उसके संबंध अच्छे नहीं थे। पड़ोसियों ने बताया कि हम लोगों का चंदन से ज्यादा कोई मतलब नहीं रहता था। उसके घर पर किसी बात को लेकर आए दिन झगड़ा हुआ करता था।
पटाखा फैक्ट्रियों में विस्फोट को लेकर डीजीपी गंभीर ,अभियान चलाकर कार्रवाई करने के दिये निर्देश

लखनऊ । प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की घटनाओं को देखते हुए पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार गंभीर हो चले है। डीजीपी द्वारा बैठक करके समस्त जिलों के पुलिस अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किया है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पटाखा बनाने वाली फैक्ट्रियों एवं गोदामों की चेकिंग करने के लिए विशेष चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश जारी किया है। लाइसेंस धारी फैक्ट्रियों का हो निरीक्षण डीजीपी ने कहा कि जिन फैक्ट्रियों को लाइसेंस दिया गया है, उन सभी का निरीक्षण संबंधित क्षेत्राधिकारी, उपजिलाधिकारी, थाना प्रभारी और अग्निशमन सेवा की संयुक्त टीम द्वारा किया जाये। जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण की वीडियोग्राफी कराते हुए अपर पुलिस अधीक्षक व अपर जिलाधिकारी पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक एवं जिलाधिकारी द्वारा अभिलेखीकरण करके उनका क्रॉस-सत्यापन भी अवश्य किया जाये। समीक्षा तथा तद्नुसार यथोचित कार्रवाई हो आकस्मिक आग की दुर्घटनाओं, खासकर रासायनिक आग से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा विशेष ध्यान देकर सुनिश्चित करायी जाये। प्रत्येक निरीक्षण में दुर्घटनाओं के समय काम करने वाले कर्मचारियों और प्रबंधकों द्वारा की जाने वाली तैयारियों की भी गहनता पूर्वक जांच, समीक्षा तथा तद्नुसार यथोचित कार्रवाई हो। पटाखों आदि के भण्डारन, बिक्री के स्थानों पर पर्याप्त मात्रा में अग्निशमन यत्रों की व्यवस्था सुनिश्चित हो। चेकिंग व निरीक्षण के दौरान बालश्रम की उपस्थिति एवं बालश्रम की किसी भी घटना के मामले में तत्काल प्रभावी कार्रवाई की जाये। पटाखों के भण्डारण और बिक्री के स्थान को चेक कर लें किसी भी अवैध या अनधिकृत कारखानों, भंडारण व अवैध बिक्रय,परिवहन की जानकारी के लिए राजस्व अधिकारियों, सम्बन्धित थाना और एलआईयू द्वारा गोपनीय रूप से जानकारी एकत्र कराना सुनिश्चित किया जाये। अवैध फैक्ट्री व भण्डारण पाये जाने की स्थितियों पर सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत उन्हें बंद करने के संबंध में तत्काल कार्रवाई की जाय। पटाखों के भण्डारण और बिक्री के स्थान उनके लाईसेंस व अनुमति के आधार पर निर्धारित व चिन्हित स्थानों पर ही हो। अन्यथा उनके विरूद्ध समुचित वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। जांच के नाम पर अनावश्यक किसी को न किया जाए परेशान बिक्री के प्रत्येक स्थान को स्पष्ट रूप से चिह्नित और सीमांकित किया जाना चाहिए ताकि यह आबादी और व्यस्त बाजार व रिहाइशी इलाकों से उचित दूरी पर व्यस्थापित किया जाये। यह विशेष रूप से ध्यान रखा जाये कि इस प्रकार के जांच विशेष तौर पर थोक विक्रेताओं के लिए की जानी चाहिए, छोटे व पार्ट टाइम विक्रेताओं को जांच के दौरान अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाये। उक्त कार्रवाई के पश्चात भविष्य में अगर आग, विस्फोट जैसी कोई घटना होती है तो संबंधित चौकी प्रभारी, बीट प्रभारी, थाना प्रभारी और वरिष्ठ अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करके तद्नुसार उनके विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाये।
मीरजापुर सड़क हादसा: मृतक मजदूराें के परिजनों को दो-दो लाख की आर्थिक मदद,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को लिया संज्ञान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले के कछवां थाना क्षेत्र में हुए दर्दनाक सड़क हादसे में वाराणसी जनपद के रहने वाले 10 लोगों की मौत पर पूरा प्रदेश मर्माहत है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मिर्जापुर की सांसद केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने दुख जताया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों और घायलों के परिजनों को हर संभव मदद का निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने मौके पर वरिष्ठ अफसरों को भी भेजा है। मृतकों को नियमानुसार आर्थिक सहायता दी जाएगी। हादसे में मृतक मजदूरों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से तत्काल दो-दो लाख रुपये और तीनों घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। सहायता राशि के एलान की जानकारी वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा दी गई है।

ट्रक ने ट्रैक्टर-ट्राली में मारी टक्कर, दस मजदूरों की मौत

गौरतलब हो कि मीरजापुर जिले के कछवां थाना क्षेत्र के प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर कटका गांव के समीप गुरूवार देर रात छत की ढलाई कर वापस आ रहे ट्रैक्टर ट्राली सवार मजदूरों को पीछे से एक ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में 10 मजदूरों की मौत हो गई। वहीं, तीन मजदूर घायल हो गए। घायलों को बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर किया गया। मौके पर मीरजापुर एसपी सहित प्रशासन और पुलिस के अधिकारी पहुंचे। सुबह तक बचाव कार्य चलता रहा।

सभी मृतक मजदूर वाराणसी के निवासी थे

सभी मृतक वाराणसी मिर्जामुराद के निवासी थे। मृतकों में भानू प्रताप (25) पुत्र हीरालाल, विकास कुमार (20) पुत्र अखिलेश, अनिल कुमार (35) पुत्र हुबलाल, सूरज कुमार (22) पुत्र हुबलाल, सनोहर (25) पुत्र नन्दू, राकेश कुमार (25) पुत्र कन्हैया लाल, प्रेम कुमार (40) पुत्र महंग, राहुल कुमार उर्फ टिल्लू (26) पुत्र मुन्ना लाल, नितिन कुमार (22) पुत्र दौलत राम, रोशन कुमार (17) पुत्र दीनानाथ हैं। वहीं घायलों में आकाश कुमार (18) पुत्र नन्दलाल, जमुनी (26) पुत्र सहती व अजय सरोज (50) पुत्र छब्बन हैं।

लखनऊ में नीदरलैंड की महिला मार्गरेथा की मौत

लखनऊ। राजधानी के हुसैनगंज क्षेत्र में एक निजी होटल में परिवार के साथ ठहरी नीदरलैंड की महिला मार्गरेथा (75) की मौत हो गयी। उसकी तबियत बिगड़ने पर उसे आलमबाग क्षेत्र के अजंता हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी।

नीदरलैंड देश की महिला की मौत की सूचना पर त्वरित गति से हास्पिटल में आलमबाग थाना की पुलिस पहुंची। घटना के बारे में जानकारी लेने के बाद विदेशी मूल की महिला के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के मीडिया सेल ने गुरुवार को बताया कि नीदरलैंड की महिला की तबियत खराब होने के बाद उसे एक निजी हास्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां पर गुरुवार की सुबह महिला को मृत घोषित किया गया। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय को इस बाबत सूचना दे दी गयी है। महिला के साथ उसके पति अंगोई, बेटी अनीसा, भतीजी नीदरलैंड से भारत बीस सितम्बर 2024 को आये थे। मुम्बई, गोवा, आगरा घूमते हुए पूरा परिवार लखनऊ आया था।
उप्र के चार हिस्सों में विभाजन को फिर मिली हवा, नरेश टिकैत और बालियान ने मांगा अलग पश्चिमी उप्र

लखनऊ। केन्द्र सरकार में पूर्व मंत्री और पश्चिमी उप्र के दमदार नेता संजीव बालियान ने पश्चिमी उप्र को अलग राज्य बनाए जाने की मांग कर उप्र के विभाजन की चर्चाओं को आगे बढ़ाया है। संजीव के अनुसार पश्चिमी उप्र आज मांग नहीं जरुरत है। उन्होंने यह भी कहा कि वे खुद इस मांग को सरकार तक ले जाएंगे। बता दें कि पश्चिमी उप्र को उप्र से बांटने का मुद्दा नया नहीं है। दिवंगत नेता चौधरी चरणसिंह के पुत्र अजित सिंह हरित प्रदेश के नाम से इस क्षेत्र को अलग किये जाने के बाक़ायदा संगठन बनाकर मांग करते रहे है।

हालांकि अब सरकार में और एनडीए में शामिल उनके पुत्र रालोद नेता जयंत चौधरी इस मामले में चुप हैं लेकिन बालियान अगर इस मांग पर मुखर होते है तो जयंत अधिक समय तक चुप नहीं रह सकते क्योंकि बालियान को इस मुद्दे पर क्षेत्र के किसानों का खुलकर समर्थन मिल रहा है। दरअसल बात केवल पश्चिमी उप्र की नहीं, बल्कि उप्र के बंटवारे की है जिसे लेकर मोदी सरकार में 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले से सुगबुगाहट है। कहा जा रहा है कि उप्र को बुंदेलखंड, पूर्वांचल और पश्चिमी उप्र जैसे तीन राज्यों में बाँटा जाना है।

अंदरूनी सूत्रों के अनुसार संघ का भी इस मुद्दे पर केन्द्र को समर्थन प्राप्त है। कहा तो यह भी जा रहा है कि केन्द्र महाराष्ट्र को काटकर अलग विदर्भ राज्य की भी तैयारी में है। सरकार के अंदरूनी सूत्र बताते है कि सम्भवत लोकसभा के परिसीमन के पहले यानी 2026 में केन्द्र सरकार इसकी घोषणा भी कर सकती है। बहुजन समाज पार्टी 2012 में ही उप्र के विभाजन का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर केन्द्र को भेज चुकी है और सरकार उसी प्रस्ताव में थोड़ा बहुत फेरबदल कर ऐसा कर सकती है। कांग्रेस भी इस प्रस्ताव के समर्थन में खुलकर साथ दे सकती है क्योंकि अगर ऐसा होता है तो उसे सपा -बसपा जैसी पार्टियों के तेवरों से छुटकारा मिल सकता है। वजह छोटे -छोटे क्षेत्रों में बंटे उप्र के इन नए राज्यों में दो ही बड़े दल कांग्रेस और भाजपा अस्तित्व में दिखाई देंगे।

जैसे छत्तीसगढ़, तेलंगाना और उत्तराखंड जैसे राज्यों में हो रहा है। बहरहाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री बालियान के बाद किसान नेता नरेश टिकैत ने भी उप्र के विभाजन की मांग की है और इसे चार राज्यों में बाटने की बात की है। कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर उप्र को बांटने को लेकर जबरदस्त अभियान चला था। अब यह अभियान भी पुनः जोर पकड़ रहा है। बुंदेलखंड में भी पृथक राज्य बनाए जाने को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस मांग को लेकर आंदोलित संगठन रथयात्रा, रैलियां कर रहे हैं।

भाजपा नेता और बुंदेलखंड विकास बोर्ड के निवर्तमान उपाध्यक्ष राजा बुंदेला 12 अक्टूबर से बुंदेलखंड की पदयात्रा पर निकल रहे हैं तो पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत भी एकाएक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर मुखर है। हमीरपुर से चुनाव हार गए तत्कालीन भाजपा सांसद तो लोकसभा में इसके लिए निजी प्रस्ताव तक ले आए थे पर समयाभाव में उस पर बहस नहीं हुई। पूर्वांचल में भी अलग राज्य की सुगबुगाहट है लेकिन उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके समर्थन में नहीं है जिसके चलते यह मांग फिलहाल वहां जोर नहीं पकड़ पा रही। बहरहाल, इतना तय है कि इस मांग को अंदरूनी स्तर पर भाजपा की ओर से शह जरूर मिल रही है। हो सकता है भविष्य में उप्र के स्वरुप को लेकर केन्द्र सरकार कोई निर्णय ले भी ले तो आश्चर्य की बात नहीं।