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मध्य पूर्व संघर्ष: गाजा मस्जिद में हुए इजरायली हमले में 18 लोगों की मौत, 2 घायल

फिलिस्तीनी चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि रविवार सुबह मध्य गाजा में कथित इजरायली हवाई हमले में 18 लोगों की मौत हो गई। अस्पताल ने एक बयान में कहा कि यह हमला एक मस्जिद पर हुआ, जो डेर अल-बलाह शहर में अल-अक्सा शहीद अस्पताल के पास विस्थापित लोगों को आश्रय दे रही थी। अस्पताल के रिकॉर्ड से पता चला है कि सभी मृतक पुरुष थे। दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इजरायली सेना ने मस्जिद पर हमले के बारे में तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की।

हमास-नियंत्रित फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 से गाजा में मरने वालों की संख्या बढ़कर लगभग 42,000 हो गई है। मंत्रालय नागरिक और आतंकवादी मौतों के बीच अंतर नहीं करता है, लेकिन मृतकों में कई महिलाएं और बच्चे थे। इस बीच, हमास ने शनिवार को कहा कि उत्तरी लेबनान में एक शरणार्थी शिविर पर इजरायली हमले में हमास के अधिकारी सईद अताल्लाह अली और उनके परिवार की मौत हो गई। हमास ने बाद में कहा कि लेबनान की पूर्वी बेका घाटी में इजरायली हमले में एक और सैन्य विंग सदस्य मारा गया। 

इजरायल ने पिछले सप्ताह हिजबुल्लाह के खिलाफ लेबनान में अपना जमीनी अभियान शुरू किया। दक्षिणी लेबनान में संघर्ष में उसके 9 सैनिक मारे गए। दक्षिणी लेबनान में आतंकवादी समूह के ठिकानों के खिलाफ इजरायल के हमलों में लगभग 2000 हिजबुल्लाह लड़ाके और नागरिक मारे गए। 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के सीमा पार हमले के बाद से इजरायल और हिजबुल्लाह ने लेबनान सीमा पर लगभग रोजाना गोलीबारी की है, जिसमें 1,200 इजरायली मारे गए और 250 अन्य बंधक बन गए। जवाब में इजरायल ने गाजा पट्टी में हमास आतंकवादी समूह के खिलाफ युद्ध की घोषणा की। 

इस बीच, 7 अक्टूबर के हमले की सालगिरह से पहले, इजरायल ने अपने बलों को अलर्ट पर रखा। सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हैगरी ने शनिवार को कहा, "हम इस दिन की प्रत्याशा में बढ़ी हुई सेना के साथ तैयार हैं "जब" घरेलू मोर्चे पर हमले हो सकते हैं"। 7 अक्टूबर को हुए हमले में 1200 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज़्यादातर नागरिक थे, जिससे मध्य पूर्व क्षेत्र व्यापक संघर्ष के कगार पर पहुंच गया। इस महीने की शुरुआत में, ईरान ने हिज़्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद इज़राइल पर हमला किया था। इज़राइल ने हमले का बदला लेने की कसम खाई है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव में अगर कांग्रेस की होगी बड़ी जीत तो क्या शैलजा बनेंगी सीएम? जानें भूपेन्द्र हुड्डा ने क्या कहा

डेस्क: हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए मतदान शनिवार को संपन्न हो गए। मतदान संपन्न होने के साथ ही एग्जिट पोल के आंकड़े जारी किए गए जिसमें हरियाणा में कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की गई है। कांग्रेस की जीत की संभावना के साथ ही लोगों का ध्यान अब इस बात पर केंद्रित हो गया है कि कांग्रेस के नेताओं में से हरियाणा का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं, इसलिए जीत का आंकड़ा 46 है। अधिकांश एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की है कि कांग्रेस 44 से 61 सीटों के बीच जीत हासिल करेगी। हालांकि ये सिर्फ अनुमान है क्योंकि एग्ज़िट पोल के नतीजे अक्सर ग़लत भी निकलते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला के भी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा जताने के बारे में पूछे जाने पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि अगर हरियाणा के अगले मुख्यमंत्री का फैसला करने की बात आती है, तो यह फैसला पार्टी "आलाकमान" करेगा। हुड्डा ने एनडीटीवी से कहा, "हम कई और सीटें जीतने की उम्मीद कर रहे हैं। भाजपा के राज में हरियाणा में कानून व्यवस्था बदतर हो गई है, भ्रष्टाचार बढ़ गया है और खेलों को भी नहीं बख्शा गया है।" कुछ कांग्रेस नेताओं के कैबिनेट गठन की योजना पर काम करने के बारे में चर्चा के एक सवाल पर, हुड्डा ने कहा, "आलाकमान फैसला करेगा। ये सब अभी काल्पनिक प्रश्न हैं।" वहीं वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला ने भी अपनी मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षाएं जाहिर की हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या कुमारी शैलजा ही हरियाणा की अगली मुख्यमंत्री बनेंगी, इसपर हुड्डा ने कहा, "यह लोकतंत्र है। हर किसी को आकांक्षा करनी चाहिए। आप भी आकांक्षा कर सकते हैं। लेकिन विधायक फैसला करेंगे, आलाकमान फैसला करेगा।" बता दें कि 27 सितंबर को एक चुनावी रैली के दौरान, भूपिंदर सिंह हुड्डा ने हरियाणा में कांग्रेस के लिए "भारी जनादेश" की भविष्यवाणी की थी। उन्होंने पार्टी में अंदरूनी कलह की बातों को सिरे से खारिज कर दिया था और कहा था कि मुख्यमंत्री पद के लिए कई दावेदार होने से पार्टी को और ताकत मिलेगी।.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में अगर कांग्रेस की होगी बड़ी जीत तो क्या शैलजा बनेंगी सीएम? जानें भूपेन्द्र हुड्डा ने क्या कहा

डेस्क: हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए मतदान शनिवार को संपन्न हो गए। मतदान संपन्न होने के साथ ही एग्जिट पोल के आंकड़े जारी किए गए जिसमें हरियाणा में कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की गई है। कांग्रेस की जीत की संभावना के साथ ही लोगों का ध्यान अब इस बात पर केंद्रित हो गया है कि कांग्रेस के नेताओं में से हरियाणा का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं, इसलिए जीत का आंकड़ा 46 है। अधिकांश एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की है कि कांग्रेस 44 से 61 सीटों के बीच जीत हासिल करेगी। हालांकि ये सिर्फ अनुमान है क्योंकि एग्ज़िट पोल के नतीजे अक्सर ग़लत भी निकलते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला के भी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा जताने के बारे में पूछे जाने पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि अगर हरियाणा के अगले मुख्यमंत्री का फैसला करने की बात आती है, तो यह फैसला पार्टी "आलाकमान" करेगा। हुड्डा ने एनडीटीवी से कहा, "हम कई और सीटें जीतने की उम्मीद कर रहे हैं। भाजपा के राज में हरियाणा में कानून व्यवस्था बदतर हो गई है, भ्रष्टाचार बढ़ गया है और खेलों को भी नहीं बख्शा गया है।" कुछ कांग्रेस नेताओं के कैबिनेट गठन की योजना पर काम करने के बारे में चर्चा के एक सवाल पर, हुड्डा ने कहा, "आलाकमान फैसला करेगा। ये सब अभी काल्पनिक प्रश्न हैं।" वहीं वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला ने भी अपनी मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षाएं जाहिर की हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या कुमारी शैलजा ही हरियाणा की अगली मुख्यमंत्री बनेंगी, इसपर हुड्डा ने कहा, "यह लोकतंत्र है। हर किसी को आकांक्षा करनी चाहिए। आप भी आकांक्षा कर सकते हैं। लेकिन विधायक फैसला करेंगे, आलाकमान फैसला करेगा।" बता दें कि 27 सितंबर को एक चुनावी रैली के दौरान, भूपिंदर सिंह हुड्डा ने हरियाणा में कांग्रेस के लिए "भारी जनादेश" की भविष्यवाणी की थी। उन्होंने पार्टी में अंदरूनी कलह की बातों को सिरे से खारिज कर दिया था और कहा था कि मुख्यमंत्री पद के लिए कई दावेदार होने से पार्टी को और ताकत मिलेगी।.
नासा ने जारी की चेतावनी, पृथ्वी से टकराने वाला है बड़ा सौर तूफान, जानें इसका क्या असर होगा?

डेस्क: अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि जल्द ही धरती पर एक बड़ा सौर तूफान आने वाला है और इससे इलेक्ट्रॉनिक संचार व्यवस्था प्रभावित हो सकता है। नासा की इस चेतावनी और सौर तूफान का भारत पर क्या असर होगा? भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक डॉ. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने एनडीटीवी को बताया कि सौर तूफान दरअसल सूर्य द्वारा सौर मंडल में प्रक्षेपित कणों, ऊर्जा, चुंबकीय क्षेत्र और सामग्री का अचानक विस्फोट है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी की ओर आने वाला सौर तूफान दूरसंचार और उपग्रहों को नुकसान पहुंचा सकता है। भारतीय वैज्ञानिक इसकी निगरानी कर रहे हैं और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के विशेषज्ञों ने इस बारे में कहा कि उन्होंने भारतीय उपग्रह ऑपरेटरों को सभी सावधानियां बरतने के लिए सूचित कर दिया है। अगले कुछ दिन पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि तूफान पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। डॉ. सुब्रमण्यन ने कहा, "कुछ दिन पहले जो (सौर) ज्वाला भड़की थी, वह ताकत के मामले में मई में हुई ज्वाला के समान है।" वैज्ञानिक ने बताया कि "सौर तूफान की आशंका को देखते हुए हम मैग्नेटोस्फीयर की भी निगरानी करेंगे। लेकिन हम इंतजार करना चाहेंगे क्योंकि इसे पृथ्वी से टकराने में कुछ दिन लगते हैं। हम आज रात या कल रात की उम्मीद करते हैं ताकि यह पता चल सके कि क्या कुछ हो रहा है। डॉ. सुब्रमण्यम ने कहा, "भविष्यवाणियां यह हैं कि ऐसा हो सकता है या नहीं भी हो सकता है, हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा।" बता दें कि मई में आए तेज़ सौर तूफान के कारण पूरे उत्तरी गोलार्ध में अरोरा दिखाई दिया था। सौर तूफान जब पृथ्वी की ओर आता है, तो वह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में एक बड़ी गड़बड़ी पैदा कर सकता है, जिसे भू-चुंबकीय तूफान कहा जाता है, जो रेडियो ब्लैकआउट, बिजली कटौती और सुंदर अरोरा जैसे प्रभाव पैदा कर सकता है। हालांकि, वे पृथ्वी पर किसी को सीधे नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, क्योंकि पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र और वातावरण हमें इन सबसे बुरे तूफानों से बचाते हैं।
बेरूत पर इजरायल की बमबारी के बाद सफीद्दीन से संपर्क नहीं, क्या हिजबुल्लाह का नया चीफ भी मारा गया?


डेस्क: इजरायली सेना के हमले के बाद से हिजबुल्लाह नेता सैयद हसन नसरल्लाह के संभावित उत्तराधिकारी हाशेम सफीद्दीन से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक लेबनान के डिफेंस सूत्र ने यह जानकारी दी है। हिजबुल्लाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत इजरायल ने गुरुवार देर रात बेरूत के दक्षिणी उपनगरों पर एक बड़ा हमला किया। इजरायली अधिकारियों के मुताबिक उन्होंने इस हमले में भूमिगत बंकर में छिपे हाशेम सफीद्दीन को निशाना बनाया।

लेबनान के डिफेंस सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार से बेरूत के दक्षिणी उपनगर,-जिसे दहियाह के नाम से जाना जाता है - पर हो रहे इजरायली हमलों के चलते बचाव कर्मियों को हमले की जगह पर जाने से रोक दिया है। हिजबुल्लाह ने हमले के बाद से हाशेम सफीद्दीन को लेकर अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है। उधर, इजरायल के लेफ्टिनेंट कर्नल नादव शोशानी ने शुक्रवार को कहा कि सेना अभी भी गुरुवार रात के हवाई हमलों का आकलन कर रही है। इजरायली सेना ने कहा था कि उन्होंने कहा था कि हवाई हमले में हिजबुल्लाह के खुफिया मुख्यालय को निशाना बनाया गया था।

नसरल्लाह की मौत के बाद उसके उत्तराधिकारी का मारा जाना हिजबुल्लाह और उसके संरक्षक ईरान के लिए एक और झटका होगा। पिछले कुछ हफ्तों में इस क्षेत्र में इजरायली हमलों में तेजी आई है, जिससे हिजबुल्लाह की लीडरशिप लगभग खत्म हो गई है।

लेबनान के एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि इजरायल ने शनिवार को लेबनान में अपनी सैन्य कार्रवाई को विस्तार देते हुए उत्तरी शहर त्रिपोली में अपना पहला हमला किया। इजरायल ने लेबनान में एक बड़ा अभियान अभियान शुरू किया है और हिजबुल्लाह के साथ लगभग एक साल तक गोलीबारी के बाद हाल के हफ्तों में सीमा पार सैनिकों को भेजा है। पहले लड़ाई ज्यादातर इजरायल-लेबनान सीमा क्षेत्र तक ही सीमित थी, जो फिलिस्तीनी समूह हमास के खिलाफ गाजा में इजरायल के एक साल पुराने युद्ध के समानांतर चल रही थी।

इजरायल का कहना है कि उसका लक्ष्य उत्तरी इजरायल में हजारों नागरिकों को उनके घरों में सुरक्षित वापस भेजना है, जहां पिछले साल 8 अक्टूबर से हिजबुल्लाह द्वारा बमबारी की जा रही है। इजरायली हमलों ने हिजबुल्लाह के सीनियर आर्मी लीडरशिप को खत्म कर दिया है। इजरायल ने 27 सितंबर को हवाई हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मार गिराया था।

लेबनान के अधिकारियों का कहना है कि इजरायली हमले में बचावकर्मियों सहित सैकड़ों आम लेबनानी भी मारे गए हैं और करीब 12 लाख लोगों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा है। लेबनान के सुरक्षा अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि शनिवार को त्रिपोली में एक फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर पर हुए हमले में हमास के एक सदस्य, उसकी पत्नी और दो बच्चों की मौत हो गई। फिलिस्तीनी समूह से जुड़े मीडिया ने यह भी कहा कि हमले में उसके आर्म्डज विंग के एक नेता की मौत हो गई।

पश्चिम बंगाल में एक बार फिर शर्मसार, नाबालिग लड़की से रेप के बाद हाथ-पैर तोड़कर की गई हत्या, पुलिस ने की मामले की अनदेखी

डेस्क: पश्चिम बंगाल में एक बार फिर शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। दक्षिण 24 परगना जिले में नाबालिग लड़की के साथ कथित बलात्कार किया गया। इसके बाद उसे मार दिया गया। पीड़िता का शव बरामद हुआ है। मृतका की चाची का कहना है कि नाबालिग लड़की के शरीर पर कई चोटें हैं, हाथ-पैर टूटे हुए थे। वह ट्यूशन से वापस आते समय लापता हो गई थी। मृतका की चाची ने बताया कि उसके (नाबालिग लड़की) पिता ने उसे हर जगह खोजने की कोशिश की लेकिन जब वह नहीं मिली तो वह पुलिस स्टेशन गए लेकिन पुलिस ने उनकी बात सुनने से इनकार कर दिया। पीड़िता के परिजनों को जयनगर पुलिस स्टेशन जाने को कहा। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने इस पूरे मामले की अनदेखी की है। दक्षिण 24 परगना जिले में नहर में मिली लड़की की लाश पर बरुईपुर एसपी पलाश चंद्र धाली ने कहा, 'एक नाबालिग लड़की की लाश मिली थी जिसके बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा था। हमने कानून व्यवस्था को नियंत्रित कर लिया है।' एसपी धाली ने कहा, 'शुक्रवार शाम लड़की बाहर गई थी, जब वह रात 8 बजे तक घर नहीं लौटी तो परिवार ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शनिवार को मामले की जांच शुरू कर दी थी। जांच के बाद आज हमने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया, उसने कहा कि उसने लड़की को मार दिया है।' पुलिस ने कहा कि हमारी सरकार ऐसे मामलों को लेकर बहुत गंभीर है। मामले की जांच की जा रही है। आरोपी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
तीसरे विश्व युद्ध की आहट! ईरान-इजरायल की जंग से दुनिया में खौफ, हो रही ताबड़तोड़ बमबारी, PM मोदी ने बुलाई उच्चस्तरीय बैठक

दुनिया पर तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडराने लगा है। ईरान-इस्राइल के बीच शुरू हुई जंग के बाद मिडिल ईस्ट गंभीर तनाव से गुजर रहा है। इजरायल ने हाल ही में हिज्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह को मार गिराया था, जिसके बाद ईरान ने बदला लेने की धमकी दी थी। ईरान ने मंगलवार देर रात इजरायल पर सैकड़ों मिसाइलों से हमला कर दिया और अपनी धमकी सच कर दी। इस हमले ने अस्थिर मिडिल ईस्ट की स्थिति को और ज्यादा जटिल बना दिया है।

ईरान-इस्राइल के बीच शुरू हुआ युद्ध सिर्फ दोनों देशों तक सीमित नहीं रह सकता, बल्कि इसका पूरी दुनिया पर असर पड़ सकता है। कुछ देश ईरान की तरफ हैं, जबकि कुछ देश इस्राइल के साथ खड़े हैं। इस वक्त दुनिया लंबी जंग की आशंकाओं से घिरी हुई है। इन आशंकाओं के बीच अब सवाल है कि क्या बाबा वेंगा की भविष्यवाणी सच हो रही है? दरअसल, बाबा वेंगा ने तीसरे विश्व युद्ध की भविष्यवाणी की है। बाबा वेंगा ने 2025 तक यूरोप में बड़ा युद्ध संघर्ष छिड़ने की भविष्यवाणी की थी।

इजराइल के खिलाफ बढ़ते तनाव के बीच ईरान के राष्ट्रपति एशियाई देशों की मदद चाहते हैं। पेजेश्कियान ने थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा से मुलाकात के दौरान इजराइल के खिलाफ एशियाई देशों के एकजुट होने की अपील की है। दरअसल इजराइल पर ईरान के जवाबी हमले के बाद क्षेत्र में तनाव काफी बढ़ गया है, माना जा रहा है कि ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम इजराइल के निशाने पर है। ऐसे में यह तनाव मिडिल ईस्ट में एक और भीषण संघर्ष को जन्म दे सकता है। इजरायल एक तरफ दक्षिणी लेबनान की सीमा में घुसकर हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर हमले कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की, जो पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच हुई। मीटिंग में पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार और आपूर्ति पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा हुई। भारत ने गुरुवार की बैठक के बाद नई दिल्ली से कहा कि संघर्ष को व्यापक रूप नहीं लेना चाहिए और सभी मुद्दों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल करने की अपील की।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की समिति ने मध्य पूर्व पर व्यापक चर्चा की। इस दौरान, मिडिल-ईस्ट की मौजूदा शत्रुता और ईरान के इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल हमले के बाद बदलते परिस्थितियों पर चर्चा हुई। टॉप लेवल कमेटी ने पश्चिम एशिया में हाल के घटनाक्रमों को चिंताजनक बताया और समिति ने बढ़ते संकट से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की।

पश्चिम एशिया की स्थिति पर सेना की बारीकी से नजर

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने पश्चिम एशिया की स्थिति को भी देख रखा है, ताकि केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा परिदृश्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया। श्रीनगर स्थित चिनार कोर के जनरल ऑफिसर LT. Gen. राजीव घई ने कहा, ‘पश्चिम एशिया समेत वैश्विक संघर्षों और उनके संभावित प्रभावों के संबंध में कुछ मामूली प्रभाव देखे हैं। कुछ विरोध प्रदर्शन घाटी में भी हुए हैं। फिलहाल हमें ऐसा कोई संकेत नहीं दिखा है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि स्थिति चिंताजनक है। हालांकि, समय के साथ ये संघर्ष और भी तीव्र होते जा रहे हैं।’

ईरान ने इजरायल पर लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागने के बाद, इजरायल-लेबनान और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है। इजरायली सेना ने कहा कि उसने लेबनान में हिजबुल्लाह में लगभग 200 स्थानों पर हमला किया है, जिसमें हथियार भंडारण स्थानों और निगरानी चौकियां शामिल हैं।

इजरायल-लेबनान और ईरान के बीच तनाव के कारण हमले हुए, जिसमें हिजबुल्लाह के 15 लड़ाके मारे गए। हिजबुल्लाह ने कहा कि जब इजरायली सेना लेबनान के सीमावर्ती गांव मारून अल-रास में घुसी, तो उसके लड़ाकों ने सड़क किनारे बम विस्फोट किया, जिससे कई सैनिक मारे गए और घायल हो गए। दोनों पक्षों की दोनों पक्षों के दावे सही नहीं हैं। इस बीच, इजरायल की सेना ने 2006 के युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित बफर जोन के उत्तर में स्थित दक्षिणी लेबनान के कस्बों और गांवों से लोगों को स्थानांतरित करने की चेतावनी दी।

बड़े पैमाने पर लोगों हताहत होंगे. लोग अपने घरों को छोड़ कर दूसरी जगह चले जाएंगे.

इस युद्ध की वजह से कई देशों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा और वैश्विक मंदी आ सकती है. पर्यावरण को नुकसान हो सकता है. परमाणु हथियारों भी नष्ट हो सकते हैं. अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर इसका असर पड़ेगा.

मानवीय संकट पैदा हो सकता है.

कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​है कि WW3 एक क्षेत्रीय संघर्ष के रूप में शुरू हो सकता है, जो एक वैश्विक युद्ध में बदल सकता है.

दूसरों का अनुमान है कि साइबर युद्ध या आर्थिक दिक्कतों के बीच WW3 शुरू हो सकता है.

कई विशेषज्ञों का मानना ​​है कि WW3 को मुख्य रूप से छद्म युद्ध या आतंकवाद के माध्यम से लड़ा जाएगा.

तीसरे विश्व शुरू के समय की भविष्यवाणी नहीं जा सकती है लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते तनाव के बीच निकट भविष्य में ऐसा हो सकता है.

एक्‍सपर्ट का कहना है कि मौजूदा समय में दुनिया के पास ज्‍यादा आधुनिक हथियार हैं और अब अगर युद्ध होता है तो यह जमीन, जल और आकाश तीनों जगहों पर होने के साथ-साथ साइबर तरीके से भी किया जाएगा. इससे ज्‍यादा जान जानें के अलावा आर्थिक रूप से भी अधिक नुकसान की आशंका है. दूसरे विश्‍व युद्ध में जहां परमाणु शक्ति सिर्फ अमेरिका के पास थी, आज दुनिया के दर्जनभर देशों के पास परमाणु बम हैं. इतना ही नहीं हाइड्रोजन बम और केमिकल वीपन भी खूब डेवलप कर लिए गए हैं. लिहाजा विश्‍व युद्ध के हालात में नुकसान का अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं.

किसे होगा ज्‍यादा नुकसान

अगर दूसरे विश्‍व युद्ध की बात करें तो यूरोपीय देशों को सबसे ज्‍यादा खामियाजा भुगतना पड़ा था. तीसरा विश्‍व युद्ध होता है तो इसका सबसे ज्‍यादा असर जाहिर तौर पर अमेरिका और रूस पर होगा. इसकी वजह ये है कि इन दोनों देशों ने ही एक-दूसरे के खिलाफ अन्‍य देशों को लामबंद कर रखा है. जाहिर है कि युद्ध की स्थिति में इन दोनों देशों को न सिर्फ आर्थिक रूप से मदद करनी होगी, बल्कि अपने साथियों को हथियार भी मुहैया कराने पड़ेंगे. यूक्रेन-रूस युद्ध में आपने देखा ही होगा कि अमेरिका ने यूक्रेन को न सिर्फ अरबों डॉलर की प्रत्‍यक्ष तौर से मदद की, बल्कि तमाम हथियार भी भेजे.

सारे Exit Polls में पीछे, पर भाजपा ने बताया कैसे जम्मू-कश्मीर में बना सकती है सरकार, पढ़िए, क्या कह रहे विभिन्न एग्जिट पोल

हरियाणा को लेकर ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने भाजपा की हार का अनुमान जताया है। यही नहीं कई Exit Polls ने जम्मू-कश्मीर में भी भाजपा को झटका लगने की भविष्यवाणी की है। इंडिया टुडे के सर्वे की बात करें तो उसमें कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा को 27 से 32 सीटें ही मिलेंगी, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस को 40 से 48 सीटें मिल सकती हैं। यदि यह आंकड़ा हुआ तो फिर INDIA अलायंस सरकार बनाने के करीब होगा। इसके अलावा पीपल्स पल्स और दैनिक भास्कर के सर्वे में भी जम्मू-कश्मीर में INDIA अलायंस के मुकाबले भाजपा के पिछड़ने का अनुमान जाहिर किया गया है।

वहीं भाजपा ने इन एग्जिट पोल्स को खारिज किया है। जम्मू-कश्मीर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि हम एग्जिट पोल्स पर भरोसा नहीं करते। ये अनुमान अपनी जगह हैं, लेकिन हमारी जानकारी यह है कि भाजपा सरकार बना लेगी। उन्होंने एग्जिट पोल्स की भविष्यवाणियों से अलग अपना अनुमान जाहिर किया। उनके अनुमान में भी भाजपा अपने दम पर सरकार नहीं बना सकेगी, लेकिन वह निर्दलियों के सहारे सरकार गठित कर सकती है। रविंद्र रैना ने कहा कि हमारा भरोसा है कि भाजपा को जम्मू-कश्मीर में अकेले 35 सीटें मिल जाएंगी। इसके अलावा हमारे विचार से सहमति रखने वाले करीब 12 से 15 निर्दलीय चुनाव जीत सकते हैं। भाजपा के एक अन्य नेता जफर इस्लाम ने भी कहा कि हम और हमारे कुछ सहयोगी मिलकर 47 सीटों पर आ सकते हैं।u

उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा जम्मू-कश्मीर में बड़ा बदलाव लेकर आएगी। रैना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बड़ा बदलाव आया है। पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयासों से दिल्ली और दिल की दूरी अब खत्म हुई है। इसके अलावा होम मिनिस्टर अमित शाह के प्रयासों से आतंकवाद पर लगाम लगी है। इसका फायदा भाजपा को मिलेगा। बता दें कि जम्मू क्षेत्र में विधानसभा की कुल 43 सीटें हैं, जबकि 47 सीटें कश्मीर क्षेत्र में हैं। यदि एग्जिट पोल्स के अनुमान सही साबित हुए तो इससे साफ होगा कि जम्मू क्षेत्र में भी हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण भाजपा के पक्ष में नहीं हो सका, जहां से उसे काफी उम्मीदें हैं।

पैगंबर पर यति के बोल से महाराष्ट्र में मचा हंगामा, अमरावती में भीड़ ने थाने पर बोला हमला, वीडियो हो रहा वायरल

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई विवादित टिप्पणी के पश्चात् महाराष्ट्र में हिंसा भड़क गई। अमरावती में भीड़ ने थाने पर हमला कर दिया। FIR दर्ज कराने की मांग को लेकर पहुंची भीड़ ने जमकर पथराव किया। पुलिस ने बल प्रयोग कर भीड़ को नियंत्रित किया।

वायरल एक वीडियो में नजर आ रहा है कि नागपुरी गेट थाना परिसर में सैकड़ों पत्थर फेंके गए। नारेबाजी करते हुए भीड़ देर रात थाने तक पहुंची थी तथा उनकी मांग थी कि यति नरसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। अचानक भीड़ उग्र हो गई और थाने पर पथराव आरम्भ कर दिया। माना जा रहा है कि हमलावर पूरी तैयारी के साथ आए थे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की पहचान आरम्भ कर दी है।

गाजियाबाद में डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद ने 29 सितंबर को पैगंबर मोहम्मद साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। बृहस्पतिवार रात इसका वीडियो सामने आने के बाद यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। गाजियाबाद पुलिस ने यति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है, लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बताया कि सिर्फ एफआईआर पर्याप्त नहीं है; यति को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

सोशल मीडिया पर लोगों ने यति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की तथा कई जगहों पर प्रदर्शन हुए। गाजियाबाद में भी शुक्रवार रात विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किए गए। वहीं, अमरावती में भीड़ हिंसक हो गई। सैकड़ों लोग पहले तो नारेबाजी कर रहे थे तथा इसके बाद अचानक पथराव करने लगे। पुलिस ने मुश्किल से हालात को नियंत्रण में किया एवं शहर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी। नागपुरी थाने के आसपास बड़े आंकड़े में पुलिस बल तैनात किया गया है तथा अपराधियों की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

'ड्रग्स सिंंडिकेट का सरगना तो कांग्रेसी निकला...', महाराष्ट्र में जमकर गरजे PM मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के वाशिम में बंजारा विरासत म्यूजियम का उद्घाटन किया। उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला किया, आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का एजेंडा देश को विभाजित करना है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस उन लोगों का समर्थन कर रही है जो देश के हित में नहीं सोचते। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में जब्त हजारों करोड़ रुपये के ड्रग्स का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में एक कांग्रेस नेता संदिग्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस युवाओं को नशे की तरफ धकेलकर चुनाव के लिए धन जुटाने का प्रयास कर रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बंजारा समाज के योगदान की सराहना की तथा कहा, "जिसे किसी ने नहीं पूछा, उसे मोदी पूजता है।" उन्होंने बंजारा समाज के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस समुदाय ने भारत के निर्माण और सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीएम ने कहा, "बंजारा समाज ने भारत को कई ऐसे संत दिए हैं जिन्होंने हमारी आध्यात्मिक चेतना को समृद्ध किया है। यह समुदाय सदियों से भारतीय संस्कृति और परंपराओं को संजोता आया है।"

प्रधानमंत्री ने महान योद्धा एवं गोंडवाना की रानी दुर्गावती की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती पूरे देश में मनाई गई थी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने संत सेवालाल महाराज और संत रामराव महाराज की समाधि पर जाकर उन्हें नमन किया। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की सोच हमेशा "विदेशी" रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे अंग्रेजी हुकूमत ने दलित, पिछड़ा और आदिवासी समुदायों को नीचा समझा, वैसे ही कांग्रेस ने भी हमेशा इन्हें अपमानित किया।

उन्होंने कहा कि NDA की केंद्र सरकार ने घुमंतू और अर्ध घुमंतू समुदायों के कल्याण के लिए एक बोर्ड का गठन किया है। साथ ही, भारतीय जनता पार्टी एवं NDA सरकारें इस समाज की संस्कृति को उचित पहचान दिलाने के लिए निरंतर काम कर रही हैं। पीएम ने कांग्रेस पर शहरी नक्सलियों के प्रभाव में काम करने का आरोप भी लगाया तथा जनता से कांग्रेस के विभाजनकारी एजेंडों के प्रति सतर्क रहने की अपील की।