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सारे Exit Polls में पीछे, पर भाजपा ने बताया कैसे जम्मू-कश्मीर में बना सकती है सरकार, पढ़िए, क्या कह रहे विभिन्न एग्जिट पोल

हरियाणा को लेकर ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने भाजपा की हार का अनुमान जताया है। यही नहीं कई Exit Polls ने जम्मू-कश्मीर में भी भाजपा को झटका लगने की भविष्यवाणी की है। इंडिया टुडे के सर्वे की बात करें तो उसमें कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा को 27 से 32 सीटें ही मिलेंगी, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस को 40 से 48 सीटें मिल सकती हैं। यदि यह आंकड़ा हुआ तो फिर INDIA अलायंस सरकार बनाने के करीब होगा। इसके अलावा पीपल्स पल्स और दैनिक भास्कर के सर्वे में भी जम्मू-कश्मीर में INDIA अलायंस के मुकाबले भाजपा के पिछड़ने का अनुमान जाहिर किया गया है।

वहीं भाजपा ने इन एग्जिट पोल्स को खारिज किया है। जम्मू-कश्मीर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि हम एग्जिट पोल्स पर भरोसा नहीं करते। ये अनुमान अपनी जगह हैं, लेकिन हमारी जानकारी यह है कि भाजपा सरकार बना लेगी। उन्होंने एग्जिट पोल्स की भविष्यवाणियों से अलग अपना अनुमान जाहिर किया। उनके अनुमान में भी भाजपा अपने दम पर सरकार नहीं बना सकेगी, लेकिन वह निर्दलियों के सहारे सरकार गठित कर सकती है। रविंद्र रैना ने कहा कि हमारा भरोसा है कि भाजपा को जम्मू-कश्मीर में अकेले 35 सीटें मिल जाएंगी। इसके अलावा हमारे विचार से सहमति रखने वाले करीब 12 से 15 निर्दलीय चुनाव जीत सकते हैं। भाजपा के एक अन्य नेता जफर इस्लाम ने भी कहा कि हम और हमारे कुछ सहयोगी मिलकर 47 सीटों पर आ सकते हैं।u

उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा जम्मू-कश्मीर में बड़ा बदलाव लेकर आएगी। रैना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बड़ा बदलाव आया है। पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयासों से दिल्ली और दिल की दूरी अब खत्म हुई है। इसके अलावा होम मिनिस्टर अमित शाह के प्रयासों से आतंकवाद पर लगाम लगी है। इसका फायदा भाजपा को मिलेगा। बता दें कि जम्मू क्षेत्र में विधानसभा की कुल 43 सीटें हैं, जबकि 47 सीटें कश्मीर क्षेत्र में हैं। यदि एग्जिट पोल्स के अनुमान सही साबित हुए तो इससे साफ होगा कि जम्मू क्षेत्र में भी हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण भाजपा के पक्ष में नहीं हो सका, जहां से उसे काफी उम्मीदें हैं।

पैगंबर पर यति के बोल से महाराष्ट्र में मचा हंगामा, अमरावती में भीड़ ने थाने पर बोला हमला, वीडियो हो रहा वायरल

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई विवादित टिप्पणी के पश्चात् महाराष्ट्र में हिंसा भड़क गई। अमरावती में भीड़ ने थाने पर हमला कर दिया। FIR दर्ज कराने की मांग को लेकर पहुंची भीड़ ने जमकर पथराव किया। पुलिस ने बल प्रयोग कर भीड़ को नियंत्रित किया।

वायरल एक वीडियो में नजर आ रहा है कि नागपुरी गेट थाना परिसर में सैकड़ों पत्थर फेंके गए। नारेबाजी करते हुए भीड़ देर रात थाने तक पहुंची थी तथा उनकी मांग थी कि यति नरसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। अचानक भीड़ उग्र हो गई और थाने पर पथराव आरम्भ कर दिया। माना जा रहा है कि हमलावर पूरी तैयारी के साथ आए थे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की पहचान आरम्भ कर दी है।

गाजियाबाद में डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद ने 29 सितंबर को पैगंबर मोहम्मद साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। बृहस्पतिवार रात इसका वीडियो सामने आने के बाद यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। गाजियाबाद पुलिस ने यति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है, लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बताया कि सिर्फ एफआईआर पर्याप्त नहीं है; यति को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

सोशल मीडिया पर लोगों ने यति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की तथा कई जगहों पर प्रदर्शन हुए। गाजियाबाद में भी शुक्रवार रात विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किए गए। वहीं, अमरावती में भीड़ हिंसक हो गई। सैकड़ों लोग पहले तो नारेबाजी कर रहे थे तथा इसके बाद अचानक पथराव करने लगे। पुलिस ने मुश्किल से हालात को नियंत्रण में किया एवं शहर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी। नागपुरी थाने के आसपास बड़े आंकड़े में पुलिस बल तैनात किया गया है तथा अपराधियों की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

'ड्रग्स सिंंडिकेट का सरगना तो कांग्रेसी निकला...', महाराष्ट्र में जमकर गरजे PM मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के वाशिम में बंजारा विरासत म्यूजियम का उद्घाटन किया। उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला किया, आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का एजेंडा देश को विभाजित करना है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस उन लोगों का समर्थन कर रही है जो देश के हित में नहीं सोचते। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में जब्त हजारों करोड़ रुपये के ड्रग्स का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में एक कांग्रेस नेता संदिग्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस युवाओं को नशे की तरफ धकेलकर चुनाव के लिए धन जुटाने का प्रयास कर रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बंजारा समाज के योगदान की सराहना की तथा कहा, "जिसे किसी ने नहीं पूछा, उसे मोदी पूजता है।" उन्होंने बंजारा समाज के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस समुदाय ने भारत के निर्माण और सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीएम ने कहा, "बंजारा समाज ने भारत को कई ऐसे संत दिए हैं जिन्होंने हमारी आध्यात्मिक चेतना को समृद्ध किया है। यह समुदाय सदियों से भारतीय संस्कृति और परंपराओं को संजोता आया है।"

प्रधानमंत्री ने महान योद्धा एवं गोंडवाना की रानी दुर्गावती की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती पूरे देश में मनाई गई थी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने संत सेवालाल महाराज और संत रामराव महाराज की समाधि पर जाकर उन्हें नमन किया। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की सोच हमेशा "विदेशी" रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे अंग्रेजी हुकूमत ने दलित, पिछड़ा और आदिवासी समुदायों को नीचा समझा, वैसे ही कांग्रेस ने भी हमेशा इन्हें अपमानित किया।

उन्होंने कहा कि NDA की केंद्र सरकार ने घुमंतू और अर्ध घुमंतू समुदायों के कल्याण के लिए एक बोर्ड का गठन किया है। साथ ही, भारतीय जनता पार्टी एवं NDA सरकारें इस समाज की संस्कृति को उचित पहचान दिलाने के लिए निरंतर काम कर रही हैं। पीएम ने कांग्रेस पर शहरी नक्सलियों के प्रभाव में काम करने का आरोप भी लगाया तथा जनता से कांग्रेस के विभाजनकारी एजेंडों के प्रति सतर्क रहने की अपील की।

यूपी में बसपा के पूर्व MLC हाजी इक़बाल के भाई-बेटों पर सामूहिक बलात्कार की FIR, खुद पर 40 मुकदमे

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व MLC हाजी इकबाल के परिवार के खिलाफ एक और गंभीर मामला दर्ज हुआ है। खुद हाजी इक़बाल पर भी 40 से अधिक आपराधिक मुक़दमे दर्ज हैं, अब इकबाल के भाई महमूद अली और उनके चार बेटों के खिलाफ एक महिला ने सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई है। यह महिला बागपत जिले की निवासी है और उसके पति ने सहारनपुर की ग्लोकल यूनिवर्सिटी में नौकरी की थी। महिला का आरोप है कि 2021 में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ, लेकिन वह अब तक डर के कारण शिकायत नहीं कर पाई थी।

महिला ने बताया कि नवंबर 2021 में जब उसके पति की तबियत अचानक बिगड़ गई, तो वह मिर्जापुर आकर उसकी देखभाल करने लगी। इलाज के लिए पैसे की जरूरत पड़ने पर वह इकबाल के बेटे वाजिद से मिलने गई, जिसने उसे पानी पिलाने के काम पर रख लिया। आरोप है कि इसके बाद वाजिद ने उसे कमरे में बंधक बना लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बाद में इकबाल के भाई महमूद अली ने भी उससे दुष्कर्म किया।

इसके 10 दिन बाद वाजिद के छोटे भाई जावेद, अलीशान, और अफजाल ने भी महिला के साथ दुर्व्यवहार किया। पीड़िता को धमकी दी गई कि अगर उसने पुलिस में शिकायत की तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, जिसकी वजह से वह अब तक चुप रही। सहारनपुर के एसपी देहात सागर जैन ने बताया कि महिला की शिकायत के आधार पर थाना मिर्जापुर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है।

गरबा देखने ना जाएं मुस्लिम मां-बहनें', मध्यप्रदेश के रतलाम में मुस्लिम समाज से काजी ने की अपील

मध्य प्रदेश में नवरात्रि के अवसर पर गरबे का आयोजन किया जा रहा है। हालांकि, कई जिलों में गरबा को लेकर विवाद जारी है। इस सिलसिले में गरबा आयोजकों ने विभिन्न दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हिंदूवादी संगठन आधार कार्ड दिखाकर लोगों को प्रवेश दे रहे हैं। इसी बीच, रतलाम के काजी ने मुस्लिम समुदाय के लिए एक लिखित अपील की है।

उन्होंने लिखा है कि रतलाम के मुस्लिम समुदाय से सच्चे दिल से अनुरोध है कि मुस्लिम नौजवान, मुस्लिम माताएं एवं इस उम्मत की बहनें नवरात्रि पर्व के चलते न तो मेलों में जाएं और न ही गरबा देखने जाएं। वक्त और हालात को ध्यान में रखते हुए अपने घरों में रहें। काजी ने कहा कि मेलों में घूमना दीन-ए-इस्लाम में जायज नहीं है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से गरबा कार्यक्रम में न जाने की अपील करते हुए चिट्ठी में लिखा है कि रतलाम के मुस्लिम समुदाय से अनुरोध है कि वे नवरात्रि पर्व पर मेलों में न जाएं और न ही गरबा देखने जाएं। ऐसे गैर-दीनी मामलों से सख्ती से बचा जाए। काजी का यह फरमान तेजी से वायरल हो गया है।

रतलाम के काजी अहमद अली ने बताया कि वे हमेशा हिंदू, मुस्लिम, सिख एवं ईसाई सभी की बात करते हैं। हर त्योहार वे मिलकर मनाते हैं, मगर फिलहाल के माहौल को देखते हुए उन्होंने यह अपील की है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हमारे समुदाय से हैं तथा कुछ उनके समुदाय से, जो कुछ बोल देते हैं, जिससे नुकसान होता है। जैसे कि कहा जा रहा है कि गरबे में मुसलमान आएंगे, तो उन्हें मारेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की बयानबाजी गलत है और वे ऐसी सोच का समर्थन नहीं करते। इसलिए, उन्होंने अपने समुदाय को घर में रहने की सलाह दी है।

भाजपा, राजस्थान, रशियन..! आखिर सुप्रिया श्रीनेत के निशाने पर कौन, डिटेल में पढ़िए, क्या है 'होटल कांड' ?

राजस्थान की राजनीतिक गलियों में 'रशियन' के इर्द-गिर्द चर्चा का बाजार गर्म है। नेताओं के बीच ये सवाल घूम रहा है कि आखिर वह कौन सा नेता है जो इस 'रशियन' के मामले में फंसा हुआ है? क्या वह कोई बड़ा नेता है, और अगर ऐसा है तो क्या उसके खिलाफ कोई कार्रवाई होने वाली है?

खबरों के अनुसार, कोई नेता हाल ही में एक विदेश दौरे से लौटे थे और दिल्ली की एक होटल में आराम कर रहे थे। कथित नेता पर आरोप है कि उस दौरान होटल में एक रशियन नागरिक उनकी मौजूदगी में था या थी, और इस घटना को CCTV कैमरे ने कैद कर लिया। बताया जा रहा है कि जब ये फुटेज पार्टी के आलाकमान तक पहुंचे, तो उस नेता की चिंता बढ़ गई। लेकिन अभी तक इस नेता का नाम किसी ने सार्वजनिक नहीं किया है। वह नेता, जिसके साथ रशियन नागरिक की चर्चा हो रही है, सत्ताधारी पार्टी का बताया जा रहा है।

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस मामले में एक पोस्ट डाली, जिसमें उन्होंने लिखा, “भाजपा,,, राजस्थान... दिल्ली....ले मेरीडियन होटल... रशिया...” इस पोस्ट ने चर्चाओं को और बढ़ावा दिया, जिससे लोग जानने के लिए उत्सुक हो गए कि आखिर कौन सा नेता इस रशियन के मामले में फंसा हुआ है। हालाँकि, सुप्रिया श्रीनेत ने भी अपने ट्वीट में किसी नेता का नाम नहीं लिया। विपक्षी दल की राष्ट्रीय प्रवक्ता के पास अगर इतनी पुख्ता जानकारी होती, तो वो डंके की चोट पर नाम लेतीं, मौका नहीं छोड़तीं, पर वे भी एक सांकेतिक तीर छोड़कर चुप हो गईं। इधर सियासी गलियारों में राजस्थान और रशियन की चर्चा जोरों पर चलने लगी, माना जा रहा है कि, नेता का नाम भी जल्द ही सामने आ सकता है।

राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में यह भी सुनने को मिल रहा है कि जल्द ही एक और सेक्स स्कैंडल सामने आ सकता है। जिस रशियन के साथ मस्ती की फुटेज होने की बात कही जा रही है, उसे सोशल मीडिया पर वायरल होने से रोकना मुश्किल हो सकता है। आजकल वीडियो और फोटो को वायरल होने से बचाना बेहद कठिन हो गया है। पिछले साल भी राजस्थान के एक पूर्व कांग्रेसी विधायक मेवाराम जैन का अश्लील वीडियो क्लिप वायरल हुआ था, जिसे लाखों लोगों ने देखा था। मामला अदालत तक पहुंचा था, लेकिन बाद में राजीनामा होने के कारण उन्हें राहत मिली थी।

नए मामले में यह देखना होगा कि इस कांड में किस नेता का नाम निकलकर सामने आता है, और उन पर क्या कार्रवाई होती है ? क्या उन्हें भी अपनी पदवी से हटना पड़ेगा या वह इस संकट से बचने में सफल होंगे ? राजनीतिक गलियारों में इस मामले की चर्चाएं तेज हैं, और आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का क्या नतीजा निकलता है।

विपक्ष के झूठे आरोपों के आधार पर इस्तीफा नहीं देंगे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को दोहराया कि वह विपक्षी दलों के ‘झूठे आरोपों’ के आधार पर अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि वह राज्य की जनता के सामने वास्तविक स्थिति पेश करेंगे। सिद्धारमैया ने संवाददाताओं से कहा, “अगर विपक्षी दल झूठे आरोपों के आधार पर इस्तीफा मांगते हैं, तो क्या मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए? हम झूठे आरोपों का जवाब देंगे। हम लोगों को सच्चाई बताएंगे।”

कांग्रेस के भीतर व्यस्त राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, जहां दलित और अनुसूचित जनजाति के नेता MUDA साइट आवंटन मामले के प्रकाश में आने के बाद बैठक कर रहे थे, सिद्धारमैया ने कहा कि लोग अनावश्यक रूप से अटकलें लगा रहे हैं। “मंत्री चर्चा करेंगे लेकिन क्या आपको अटकलें लगानी चाहिए? लोग अटकलें तब लगाते हैं जब राज्य के लोक निर्माण मंत्री सतीश जरकीहोली AICC अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलते हैं या विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री एन एस बोसराजू किसी मंत्री से मिलते हैं। अतीत में भी ऐसी बैठकें हुई हैं और अभी भी चल रही हैं, लेकिन ऐसी अटकलें क्यों जोर पकड़ रही हैं?” सिद्धारमैया ने आश्चर्य जताया।

मैसूर में दशहरा समारोह के उद्घाटन के दौरान जेडी (युनाइटेड) के वरिष्ठ विधायक जी टी देवेगौड़ा द्वारा उनका समर्थन करने पर, सीएम ने कहा कि उन्होंने केवल सच समझाया है। “जी टी देवेगौड़ा जेडी (युनाइटेड) की कोर कमेटी के अध्यक्ष और मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण के सदस्यों में से एक हैं। उन्होंने केवल सच कहा। इसमें गलत क्या है?” उन्होंने पूछा।

25 सितंबर को एक विशेष अदालत द्वारा लोकायुक्त पुलिस को MUDA साइट आवंटन मामले में सिद्धारमैया की जांच करने का आदेश दिए जाने के बाद विपक्षी दलों की ओर से सिद्धारमैया पर अपने पद से इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है। तदनुसार, लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती, साले मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू (जिनसे मल्लिकार्जुन स्वामी ने जमीन खरीद कर पार्वती और अन्य को उपहार में दी थी) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। विशेष अदालत का आदेश उच्च न्यायालय द्वारा सिद्धारमैया के खिलाफ जांच करने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गई मंजूरी को बरकरार रखने के एक दिन बाद आया।

ईडी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ MUDA द्वारा उनकी पत्नी को 14 भूखंड आवंटित करने में कथित अनियमितताओं के लिए पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बराबर प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट भी दर्ज की है। MUDA ने मंगलवार को सिद्धारमैया की पत्नी को आवंटित 14 भूखंडों को वापस लेने का फैसला किया, क्योंकि उन्होंने उनका स्वामित्व और कब्ज़ा छोड़ने का फैसला किया था। MUDA के आयुक्त ए एन रघुनंदन ने कहा कि MUDA ने इन भूखंडों की बिक्री विलेख को रद्द करने का आदेश दिया है।

चीन को बड़ी “चोट” देने में भारत कामयाब, श्रीलंका के राष्ट्रपति से विदेश मंत्री जयशंकर ने ले लिया बड़ा वादा*
#sri_lanka_soil_will_not_allow_use_against_india_says_president_anura_dissanayake
जब पड़ोसी देश श्रीलंका लंबे अरसे के बाद चुनाव हुआ और देश की कमान चीनी विचारों से प्रभावित नेता अनुरा कुमारा दिसानायके के हाथों में आई, तो भारत में इसको लेकर चिंता जताई गई थी। दरअसल, चीन बीते कुछ समय से लगातार भारत के दोस्त देशों को भड़का रहा है और अपने पाले में करने की कोशिश में है। श्रीलंका के समंदर से ड्रैगन तो खेल करने की फिराक में है। हालांकि, भारत-श्रीलंका संबंधो कों लेकर एक अच्छी खबर आई है। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा है कि उनके देश की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के श्रीलंका दौरे के बीच ये खबर आ रही है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर श्रीलंका दौरे पर हैं। वह ऐसे वक्त में पड़ोस देश गए हैं, जब उसकी हालत पस्त हो चुकी है। जयशंकर ने श्रीलंका को भरोसा दिलाया कि उसकी आर्थिक हालत ठीक करने में भारत पूरा साथ देगा। इसके बदले में श्रीलंका ने भी आश्वासन दिया है कि उसकी धरती का इस्तेमाल नई दिल्ली के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों के लिए नहीं होने दिया जाएगा। श्रीलंका दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर की नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ मीटिंग हुई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बैठक के दौरान राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा कि समृद्ध श्रीलंका के उनके सपने को साकार करने और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भारत का आर्थिक समर्थन महत्वपूर्ण है। विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि दिसानायके ने यह भी दोहराया कि श्रीलंकाई क्षेत्र का उपयोग भारत के सुरक्षा हितों के प्रतिकूल गतिविधियों के लिए नहीं होने दिया जाएगा। विदेश मंत्री जयशंकर ने आश्वासन भी दिया कि भारत, श्रीलंका के साथ द्विपक्षीय ऋण पुनर्गठन को लेकर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करेगा और निजी बांड धारक ऋण पुनर्गठन समझौते का समर्थन करेगा। विदेश मंत्री का यह दौरा इसलिए भी अहम है, क्योंकि चीन लगातार अपना जासूसी जहाज कोलंबो भेजता रहा है। भारत श्रीलंकाई बंदरगाहों के पास चीनी जाजूसी जहाजों की उपस्थिति पर नियमित रूप से आपत्ति जताता रहा है। बीते दिनों श्रीलंका ने अपने जलक्षेत्र में चीनी अनुसंधान जहाजों को रोक दिया था। भारत कहता रहा है कि रिसर्च के नाम पर चीन के ये जहाज जासूसी करते हैं और यहां से कुछ अहम जानकारियां इकट्ठा करते हैं, जिसेस ड्रैगन को युद्ध के वक्त मदद देगा।
इंडिगो आउटेज: 'सिस्टम स्लोडाउन' के कारण यात्रियों बढ़ी मुश्किल, रेलवे स्टेशन जैसा हुआ हाल*

इंडिगो ने शनिवार को कहा कि वह वर्तमान में अपने पूरे नेटवर्क में एक अस्थायी "सिस्टम स्लोडाउन" का अनुभव कर रही है, जिसने इसकी वेबसाइट और बुकिंग सिस्टम को प्रभावित किया है। एक सलाह में, एयरलाइन ने कहा कि ग्राहकों को हवाई अड्डे पर धीमी चेक-इन और लंबी कतारों सहित प्रतीक्षा समय में वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है। इनडिगो ने दोपहर 12:30 बजे के आसपास एक बड़े सिस्टम आउटेज का अनुभव किया, जिससे देश भर के हवाई अड्डों पर उड़ान संचालन और ग्राउंड सेवाएं बाधित हुईं। आउटेज के कारण कई यात्री उड़ानों में सवार नहीं हो पाए या टिकट बुक नहीं कर पाए, जिससे हवाई अड्डों पर फंसे लोगों को काफी देरी और निराशा हुई। "हम वर्तमान में अपने पूरे नेटवर्क में एक अस्थायी सिस्टम स्लोडाउन का अनुभव कर रहे हैं, जिससे हमारी वेबसाइट और बुकिंग सिस्टम प्रभावित हो रही है। परिणामस्वरूप, ग्राहकों को हवाई अड्डे पर धीमी चेक-इन और लंबी कतारों सहित प्रतीक्षा समय में वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है," इंडिगो ने सलाह में कहा। "हमारी हवाई अड्डा टीम सभी की सहायता करने और एक सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से समर्पित है। आश्वस्त रहें, हम यथाशीघ्र स्थिरता और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए लगन से काम कर रहे हैं। हमें हुई असुविधा के लिए खेद है और इस समय आपकी समझदारी और धैर्य की सराहना करते हैं,” इंडिगो ने कहा। इंडिगो प्रतिदिन 2,000 से अधिक उड़ानें संचालित करता है, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें भी शामिल हैं। *यात्रियों ने क्या प्रतिक्रिया दी* नए विमानों में निवेश करना अच्छा है, लेकिन ग्राउंड सेवाओं में सुधार के बारे में क्या ख्याल है! पिछले एक घंटे से बैंगलोर टी1 पर इंडिगो काउंटरों पर यही नजारा है। अतिरिक्त काउंटरों की आवश्यकता है, बुजुर्गों को पीड़ित देखना परेशान करने वाला है। कृपया ध्यान दें,” एक उपयोगकर्ता, ने X पर पोस्ट किया। वही एक उपभोक्ता ने लिखा की एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन में कोई अंतर नई नज़र आ रहा है, दोनों में समान मंज़र है, पुरे एयरपोर्ट पर भीड़ हावी हो गयी है।
भारत-पाक रिश्तों पर नहीं होगी बात” पाकिस्तान दौरे से पहले एस जयशंकर ने कर दिया साफ

#s_jaishankar_says_no_bilateral_talks_will_not_discuss_relations

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर नौ साल में पहली बार पाकिस्तान जाने वाले हैं। वो 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में होने वाली SCO (शंघाई सहयोग संगठन) की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की तरफ से ये जानकारी दी गई है। अब पाकिस्तान दौरे से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है।

आगामी पाकिस्तान यात्रा पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, यह (यात्रा) एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए होगी। मैं वहां भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने के लिए नहीं जा रहा हूं। एससीओ के अच्छे सदस्य के रूप में मैं वहां जा रहा हूं। आप जानते हैं कि मैं एक विनम्र और सभ्य व्यक्ति हूं, इसलिए मैं उसी के अनुसार व्यवहार करूंगा।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, मुझे पाकिस्तान जाना है एससीओ बैठक के लिए। पाकिस्तान में यह बैठक हो रही है। पाकिस्तान दौरे पर मीडिया का इंटरेस्ट होगा। मगर मैं साफ कह दूं कि इस दौरान कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगा।

विदेश मंत्रालय की तरफ से साफ कहा गया है कि विदेश मंत्री का ये दौरा एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए है और इसे शांति पहल के रूप में नहीं देखा जा सकता है। यह फैसला भारत की एससीओ के प्रति प्रतिबद्धता दिखाता है। एससीओ क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संगठन है। भारत एससीओ को बहुत गंभीरता से लेता है।

बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे और सीमा पार आतंकवाद को लेकर संबंध ठंडे बने हुए हैं। भारत और पाकिस्तान के रिश्ते फ़रवरी 2019 से ही तनावपूर्ण हैं। हालांकि, भारत हमेशा से कहता आया है कि वह पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारना चाहता है। लेकिन इसके लिए भारत ने यह भी साफ़ किया है कि पाकिस्तान को आतंकवाद और हिंसा पर लगाम लगानी होगी।