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नसों में खिंचाव या दर्द से है परेशान, आईए  जानते हैं इसके पीछे की वजह और कम करने का तरीका

डेस्क :– अचानक काम करने या फिर एक्सरसाइज करने के दौरान हमारी नसें खिंच जाती हैं। यह परेशानी काफी लंबे समय तक या कुछ ही दिनों के अंदर ठीक हो जाती है। लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं? अगर नहीं, तो इस लेख में हम आपको नसों में खिंचाव के पीछे की वजह से बारे में विस्तार से बताएंगे। इस परेशानी को आपको लंबे समय तक इग्नोर करने से बचना चाहिए।

*नसों में खिंचाव के कारण*

नसों में दर्द या खिंचाव होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। मुख्य रूप से नसों में सही तरीके से ब्लड सर्कुलेट न होने की वजह से नसों में दर्द या खिंचाव हो सकता है। इसके अलावा कई अन्य कारण जिम्मेदार होते हैं, जैसे-

शरीर में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और बी 12 की कमी होने की वजह से भी नसों में खिंचाव हो सकता है।

साइटिका की परेशानी से जूझ रहे लोगों को भी नसों में बार-बार खिंचाव और दर्द होता है।

कैंसर के कारण भी नसों में खिंचाव हो सकता है।

स्ट्रोक जैसी परेशानी के कारण भी नसों में खिंचाव हो सकता है।

नसों में खून की आपूर्ति न हो पाना
स्ट्रोक या हार्ट से जुड़ी परेशानी के कारण भी नसों में खिंचाव हो सकता है।

मल्‍टीपल स्‍केलेरोसिस से जूझ रहे लोगों को भी नसों में खिंचाव की परेशानी महसूस हो सकती है।

*नसों में खिंचाव की परेशानी कैसे करें ठीक?*

*हल्दी का करें प्रयोग*

नसों में खिंचाव होने पर आप हल्दी का प्रयोग कर सकते हैं। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुण होते हैं, जिससे दर्द और खिंचाव को दूर किया जा सकता है। इसके लिए हल्दी में थोड़ा सा सरसों का तेल मिक्स करके इसे गर्म करें। अब इसे प्रभावित हिस्से पर लगाएं और कुछ देर के लिए छोड़ दें। इससे खिंचाव की परेशानी को कम किया जा सकता है।

*नीलगिरी का तेल*

नसों में होने वाले खिंचार और दर्द की परेशानी को कम करने के लिए आप नीलगिरी का तेल ले सकते हैं। यह काफी हद तक फायदेमंद साबित हो सकता है। इस तेल से नसों में दर्द और खिंचाव की परेशानी कम हो सकती है।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
थकान और स्ट्रेस दूर करने के लिए अगर आप भी चाय और सिगरेट एकसाथ पीते हैं तो अपनी इस आदत को तुरंत बदल डालिए
डेस्क :– सिगरेट पीना आजकल फैशन सिंबल बन गया है। चाय के साथ सिगरेट का धुआं उड़ाते हुए युवा हमारे आसपास नजर आ जाएंगे। सिगरेट सेहत के लिए बेहद खतरनाक होती है और ये कैंसर का कारण बनती है, ये तो हम सभी जानते हैं। कम लोग ये जानते होंगे कि चाय के साथ अगर सिगरेट पी जाए तो ये और भी खतरनाक कॉम्बिनेशन हो जाता है। इससे शरीर को कई गंभीर बीमारियों के होने का खतरा पैदा हो सकता है।

कई लोग स्ट्रेस दूर भगाने के लिए चाय के साथ सिगरेट पीते हैं। लेकिन ये आदत स्ट्रेस कम करने के बजाय तनाव बढ़ाने होती है। चाय की चुस्की के साथ सिगरेट के कश आपकी जिंदगी को कम करने के साथ मुश्किलभरा बना सकते हैं।

*चाय के साथ सिगरेट पीने के हैं बड़े नुकसान*

चाय और सिगरेट दोनों को ही शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक माना जाता है। जर्नल अन्नल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में पब्लिश रिपोर्ट की मानें तो चाय फूड पाइट के सेल्स को नुकसान पहुंचाती है। चाय के साथ सिगरेट को पिया जाता है तो इन सेल्स के डैमेज होने का रिस्क दोगुना तक बढ़ सकता है। इससे कैंसर होने का खतरा भी बढ़ता है।

चाय में मौजूद कैफीन डाइजेशन सिस्टम को प्रभावित करता है। वहीं, स्मोकिंग करने से शरीर में निकोटिन की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे में खाली पेट चाय और सिगरेट साथ पीने से कई शारीरिक समस्याएं नजर आ सकती हैं। चाय के साथ सिगरेट पीने से कैंसर के अलावा भी कई गंभीर शारीरिक स्थितियां पैदा हो सकती हैं।

*5 गंभीर बीमारियों का खतरा*

हार्ट अटैक
पेट का अल्सर
याददाश्त कमजोर होना
ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क
उम्र कम होना

शरीर को हेल्दी रखने के लिए चाय और सिगरेट से दूरी बनाने में ही भलाई है। इसके अलावा सही लाइफस्टाइल और खान-पान को अपनाकर न सिर्फ लंबे वक्त तक स्वस्थ रहा जा सकता है, बल्कि फिजिकल और मेंटल लेवल पर भी राहत मिलेगी।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
मोटापे से लेकर डायबिटीज होगा कंट्रोल,सुबह खाली पेट पीजिए लौकी का जूस
डेस्क :–लौकी एक ऐसी सब्जी है, जिसका नाम सुनते ही अक्सर लोग नाक-मुंह सिकोड़ने लगते हैं। लेकिन यह सब्जी सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसमें कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो सेहत को कई लाभ पहुंचाते हैं। इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी, आयरन, फाइबर, प्रोटीन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। रोज सुबह खाली पेट लौकी के जूस का सेवन करने से सेहत को कई लाभ मिल सकते हैं। इससे आपको वजन कम करने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं, इसके नियमित सेवन से कब्ज, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।

*वजन घटाने में मददगार*

लौकी के जूस में कैलोरी और फैट की मात्रा काफी कम होती है, इसलिए यह वजन घटाने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है। इसके सेवन से आपको बार-बार भूख नहीं लगती है, जिससे वजन घटाने में आसानी होती है।

*दिल को रखे स्वस्थ*

लौकी के जूस का सेवन दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसमें घुलनशील फाइबर होता है, जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है।

*पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाए*

लौकी के जूस का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत बनता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। रोज सुबह खाली पेट लौकी के जूस का सेवन करने से कब्ज, गैस, एसिडिटी और पेट की जलन जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है।

*बॉडी डिटॉक्स करे*

रोज सुबह खाली पेट लौकी के जूस का सेवन करने से बॉडी डिटॉक्स होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है।

*डायबिटीज में फायदेमंद*

डायबिटीज रोगियों के लिए सुबह खाली पेट लौकी के जूस का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें सैपोनिन और टरपेनोइड्स तत्व मौजूद होते हैं, लिवर और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते हैं। इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

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चेहरे का पुरानी चमक लौटा देगा केला, इस तरह से करें इस्तेमाल
डेस्क :– एनर्जी का पावर हाउस कहलाने वाला केला शरीर के लिए तो बहुत लाभकारी है, त्वचा के लिए भी बेहद फायदेमंद है। केले को स्किन पर अप्लाई करने से चेहरे की पुरानी चमक को हासिल किया जा सकता है। केले में ऐसी प्रॉपर्टीज पायी जाती हैं जो कि त्वचा की नमी को बरकरार रखती हैं। साथ ही स्किन को सॉफ्ट और ग्लोइंग बनाए रखती हैं।

केले में मौजूद विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को पोषण देते हैं और उसे स्वस्थ रखते हैं। केले में मौजूद पोटैशियम त्वचा को नमी देता है और उसे मुलायम बनाता है। आइए जानते हैं केले के फायदे और उपयोग का तरीका।

*त्वचा के लिए केले के फायदे:*

नमी प्रदान करता है: केला त्वचा को गहराई से नमी प्रदान करता है, जिससे त्वचा रूखी और बेजान नहीं होती।

झुर्रियों को कम करता है: केले में मौजूद विटामिन ए और ई त्वचा को कोलेजन उत्पादन में मदद करते हैं, जिससे झुर्रियां कम होती हैं और त्वचा युवा दिखती है।

त्वचा को चमकदार बनाता है: केले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को मुक्त कणों से बचाते हैं और उसे चमकदार बनाते हैं।

त्वचा को शांत करता है: केले में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो त्वचा को शांत करते हैं और सूजन को कम करते हैं।

मुंहासों को कम करता है: केले में मौजूद विटामिन सी मुंहासों के कारण होने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है और त्वचा को साफ करता है।

*केले का उपयोग कैसे करें?*

केला फेस मास्क: एक पके हुए केले को मैश करके चेहरे पर लगाएं। 15-20 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें।

केला और शहद का फेस मास्क: एक पके हुए केले को मैश करके उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं। इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट बाद धो लें। शहद में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुंहासों को कम करने में मदद करते हैं।

केला और दही का फेस मास्क: एक पके हुए केले को मैश करके उसमें दो चम्मच दही मिलाएं। इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट बाद धो लें। दही में लैक्टिक एसिड होता है जो त्वचा को एक्सफोलिएट करता है।

केला और एलोवेरा जेल का फेस मास्क: एक पके हुए केले को मैश करके उसमें दो चम्मच एलोवेरा जेल मिलाएं। इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट बाद धो लें। एलोवेरा जेल त्वचा को शांत करता है और जलन को कम करता है।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
सर्दियों में सेहत को तंदरुस्त रखने के लिए करें सौंफ के काढ़े का सेवन, सौंफ का काढ़ा पीने से मिलने वाले 5 जबरदस्त फायदे
डेस्क:– भारत में सौंफ को एक पारंपरिक मसाले के रूप में जाना जाता है, जिसका इस्तेमाल चाय से लेकर मीठे पकवान व मिठाई आदि में भी किया जाता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल सिर्फ मिठाई व व्यंजनों में फ्लेवर व खुशबू देने के लिए ही नहीं किया जाता है, इस से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। सर्दियों में सौंफ का काढ़ा पीने से कई हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं। दो कप पानी में एक छोटा चम्मच सौंफ डालकर उसे अच्छे से उबाल लें और फिर ठंडा होने के बाद उसमें आधा चम्मच गुड़ व आधा चम्मच शहद डालें। इस खास काढ़े का सेवन करने से आपके स्वास्थ्य को कई फायदे मिल सकते हैं। अगर आपको भी सर्दियों के दिनों में हेल्दी रहना है, तो हम आपको इस लेख में सौंफ का काढ़ा पीने से मिलने वाले फायदों के बारे में बताने वाले हैं।

*1. मुंह की बदबू दूर करे*

सर्दियों में लोग अक्सर मुंह की सफाई ठीक से नहीं कर पाते हैं, जिस कारण से मुंह में बदबू होने लगती है। सौंफ का काढ़े का सेवन करके मुंह की बदबू को दूर किया जा सकता है। हफ्ते में एक या दो बार सौंफ का काढ़े का सेवन करने से मुंह की बदबू दूर रहती है। सौंफ के बीच रोजाना चबाकर भी मुंह की बदबू को दूर किया जा सकता है।

*2.पाचन संबंधी समस्या को दूर करें*

नीम की पत्तियों में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो पाचन संबंधी समस्या को दूर करने में मदद करता है। जिन लोगों को कब्ज की समस्या है, उनके लिए ये पत्तियां बेहद फायदेमंद होती हैं। ये कब्ज की समस्या को दूर करती हैं।

*3. स्किन को हेल्दी बनाए*

स्किन के लिए भी सौंफ का काफी फायदेमंद माना जाता है। सौंफ के बीजों में मौजूद कॉपर, मैग्नीशियम और जिंक आदि स्किन से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। सर्दियों में स्किन से जुड़ी समस्याओं को रोकने के लिए हफ्ते में एक या दो बार सौंफ का काढ़ा जरूर पीएं।

*4. रक्त साफ करे*

सौंफ के बीजों में कई ऐसे खास प्रकार के तत्व पाए जाते हैं, जिनकी मदद से
क्या आपके हाथों की नसें फूली-फूली दिख रही हैं? अगर हां, तो इसे सामान्य समझने की भूल न करें
डेस्क :– क्या आपके हाथों की नसें फूली-फूली दिख रही हैं? अगर हां, तो इसे सामान्य समझने की भूल न करें। इस तरह के संकेत कई बार गंभीर समस्याओं की ओर इशारा करते हैं। हाथों पर उभरती नसें आपको कुछ गंभीर बीमारियों की ओर संकेत देते हैं। ऐसे में हाथों की फूलती नसों को इग्नोर न करें। हालांकि, कई बार अधिक कामकाज की वजह से हाथों की नसें फूलने लगती हैं, इसके अलावा कुछ अन्य कारणों से हाथों की नसों में सूजन या फिर हाथों की नसें फूलने लगती हैं।

बढ़ती उम्र हो सकती है वजह
हाथों की नसें फूलने के पीछे बढ़ती उम्र हो सकती हैं। दरअसल, बढ़ती उम्र के साथ लोगों की स्किन काफी पतली होने लगती है, जिसकी वजह से नसों में उभार नजर आने लगता है। यह परेशानी वैरिकोज वेंस से जूझ रहे लोगों में काफी ज्यादा दिखती है। यह नसें में ब्लड के जमाव के कारण भी होता है।

शरीर में फैट की मात्रा काफी कम होना
शरीर में फैट कम होना काफी मायने में अच्छा माना जाता है। लेकिन अगर जरूरत से ज्यादा फैट कम हो जाए, तो शरीर की नसें फूलती हुई नजर आती हैं। दरअसल, जब आपके शरीर का फैट कम हो जाता है, तो इस स्थिति में नसें और स्किन के नीचे की संरचनाएं काफी दिखाई देने लगती हैं, जिसके कारण नसों में उभार नजर आता है।

*जेनेटिक कारण*

हाथों की नसों में सूजन या फुली हुई नजर आने के पीछे जेनेटिक कारण भी हो सकती हैं। अगर आपके परिवार के किसी भी सदस्य के हाथओं की नसें फूली हुई हैं, तो समझ जाएं कि इस तरह की परेशानी आपको भी हो सकती है। ऐसे में आपको ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।

*नसों में खून जमा होना*

हाथों की नसें में खून जमा होने के कारण भी नसें फूली-फूली सी नजर आने लगती है। दरअसल, नसों में खून जमाव के कारण ब्लड सर्कुलेशन सही ढंग से नहीं हो पाता है, जिसकी वजह से हाथों की नसें फूली नजर आती हैं।

*विटामिन बी12 की कमी*

कई बार जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण हाथों की नसें फूली-फूली सी नजर आती हैं। इन पोषक तत्वों में विटामिन बी12 की कमी हो सकती है। अगर आपको ऐसे संकेत दिख रहे हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर की सलाह लें। ताकि आप अपनी स्थिति का समय पर इलाज करा सकें।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
आज हम ऐसे कुछ एक्सरसाइज के बारे में जानेंगे जिससे आप अपने लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं
डेस्क:– आपके शरीर में सबसे अधिक काम करने वाले अंगों में से एक लिवर भी है। यह खून को डिटॉक्स करने और पोषक तत्वों को मेटाबोलाइज करने में मदद करता है। इसलिए लिवर को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है। हालांकि कुछ फूड भी आपके लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं, लेकिन नियमित रूप से एक्सरसाइज का लिवर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। कुछ आसान एक्सरसाइज करके आप अपने लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं। इस लेख में हम ऐसी 5 आसन एक्सरसाइज के बारे में जानेंगे जो आपके लिवर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं लिवर को स्वस्थ रखने वाले 5 एक्सरसाइज के बारे में।

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए रोज नियमित रूप से एक्सरसाइज महत्वपूर्ण है। अगर आपको फैटी लिवर की समस्या है, तो रोज 30 मिनट एक्सरसाइज करके इस समस्या से कुछ हद तक छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप एक शेड्यूल तैयार करें और उसे नियमित रूप से फॉलो करें। एक्सरसाइज के लिए आप जिम जा सकते हैं, साइकलिंग कर सकते हैं, डांस के शौकीन है तो डांस क्लास ज्वाइन कर सकते हैं या फिर दोस्तों के साथ वॉकिंग कर सकते हैं। इससे वजन कंट्रोल करने के साथ-साथ लिवर को भी स्वस्थ रख सकते हैं।

*वॉकिंग*
तेज गति से टहलना लिवर को स्वस्थ रखने के लिए सबसे मददगार साबित हो सकता है। इससे लीवर की चर्बी को कम कर सकते हैं। इसके साथ ही 20 से 30 मिनट रोज पैदल चलने के बाद एक्सरसाइज करने की आदत डालें।

*हाइकिंग*
अगर आपको बाहर घूमना पसंद है तो हाइकिंग एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। यह लिवर, हार्ट और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसके अलावा हाइकिंग से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे शरीर को डिटॉक्स करने में लीवर को मदद मिलता है। इसके साथ ही प्रकृति में रहने से तनाव की समस्या भी काम हो सकती है। अगर आप पहाड़ों पर नहीं जा सकते हैं, तो घर की सीढ़ियों पर भी चढ़-उतर सकते हैं। ये हफ्ते में कम से कम एक बार जरूर करें।

*पुश-अप्स और स्क्वैट्स*
ऐसी एक्सरसाइज जिनमें अधिक ताकत लगती है, वो लिवर के लिए फायदेमंद हो सकती हैं। इसमें पुश-अप्स और स्क्वैट्स शामिल हैं। ये एक्सरसाइज संपूर्ण शरीर की मांसपेशियों में सुधार के साथ-साथ शरीर में वसा और ग्लूकोज को संतुलित करती हैं। जिससे लिवर का काम आसान हो जाता है। इसके लिए जरूरी है कि नियमित रूप से पुश-अप्स और स्क्वैट्स का अभ्यास करें। शुरुआत 15-20 सेट से करें, इसके बाद धीरे-धीरे इन्हें बढ़ाएं।

*पिलाटेस*
पिलाटेस आसान, लेकिन प्रभावी एक्सरसाइज है, जो ताकत बढ़ाने के साथ-साथ ध्यान केंद्रित करने में भी आपकी मदद कर सकता है। इसके साथ ही यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने में मदद करता है। क्योंकि ब्लड को छानने का काम लिवर करता है, इसलिए अच्छा ब्लड सर्कुलेशन, लिवर को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। बेहतर परिणाम पाने के लिए सप्ताह में कम से कम दो से तीन दिन 15 से 20 मिनट के लिए पिलेट्स करें।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
आइए जानते हैं पैरों की नसें दिखने के क्या कारण होते हैं?हर 10 में से 9 व्यक्ति करता है इग्नोर

डेस्क :– कुछ लोगों के पैरों की नसें काफी ज्यादा दिखाई देती हैं, इस परेशानी को वैरिकोज वेंस के नाम से जाना जाता है। यह सूजी हुई ब्लड वेसेल्स होती हैं, जो आपके शरीर के निचले हिस्से में आपकी त्वचा की सतह के ठीक नीचे दिखाई देती हैं। जब आपकी नसों की दीवारें कमजोर होती हैं और आपके वाल्व ठीक से काम नहीं कर रहे होते हैं, तो ब्लड आपकी नसों में वापस आ जाता है। इसकी वजह से आपके पैरों, पंजों या टखनों पर नीले और बैंगनी रंग के उभार नजर आते हैं। वेरीकोज वेन्स के कई कारण हो सकते हैं।

शरीर में हार्मोनल बदलाव की वजह से पैरों की नसें दिखाई दे सकती हैं। मुख्य रूप से प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन में परिवर्तन की वजह से वैरिकाज वेन्स विकसित हो सकते हैं। अगर आपको ऐसे संकेत दिख रहे हैं, तो फौरन डॉक्टर की मदद लें।

*लंबे समय तक खड़े रहना*

लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने से पैरों की नसों में रक्त जमा हो सकता है, जिससे नसों के अंदर दबाव बढ़ जाता है। बढ़े हुए दबाव से नसें खिंच सकती हैं, जिसकी वजह से पैरों की नसें नजर आ सकती हैं।

*शरीर का वजन काफी ज्यादा होना*

शरीर का वजन काफी ज्यादा होना भी वेरिकोज वैन्स की वजह हो सकती है। दरअसल, शरीर का वजन ज्यादा होने की वजह से नसों पर दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से नसों में उभार आ सकती है। ऐसे संकेतों को इग्नोर करने से बचें।

*काफी टाइट कपड़े पहनना*

काफी ज्यादा टाइट कपड़े पहनने वालों को भी वैरिकॉज वेन्स की परेशानी हो सकती है। टाइट कपड़े के कारण नसों पर काफी जोर पड़ता है, जिसकी वजह से आपकी परेशानी बढ़ सकती है। अगर आपको ऐसे संकेत दिखते हैं, तो फौरन अपने डॉक्टर की मदद लें।

*बढ़ती उम्र हो सकती है वजह*

वैरिकोज वेन्स के पीछे बढ़ती उम्र हो सकती है। दरअसल, उम्र बढ़ने से नसों में मौजूद वाल्व खराब हो जाते हैं, जो शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। समय के साथ उस घिसाव के कारण वाल्व कुछ ब्लड को नसों में वापस जाने देते हैं, जहां यह जमा हो जाता है। 

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
100 में से 90 फीसदी लोग करते हैं रोजाना सेवन, ब्लड प्रेशर को तुरंत बढ़ाने का काम करते हैं ये 5 फूड्स!
डेस्क :– हम सभी जानते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure in hindi)आपके लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है और इसे हार्ट अटैक के साइलेंट संकेतों में से एक माना जाता है। अगर आप समय पर हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति का इलाज नहीं कराते हैं तो ये आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। जिस तरह डायबिटीज आपके लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है ठीक उसी तरह हाई ब्लड प्रेशर भी आपके खराब लाइफस्टाइल का एक परिणाम है, जिसकी वजह से कई जानलेना बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए ये सलाह दी जाती है कि हाई ब्लड प्रेशर रोगियों को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। दरअसल आपके द्वारा खाई जाने वाली कुछ चीजें आपका ब्लड प्रेशर तुरंत बढ़ाने का काम करती हैं। ये चीजें ऐसी हैं, जिन्हें आप अपने रोजाना के खान-पान में यूज करते हैं, इसलिए आपको तुरंत इन्हें अपनी डाइट से बाहर कर देना चाहिए। आइए जानते हैं कौन से फूड्स तुरंत आपका बीपी बढ़ाने का काम करते हैं।

*1-प्रोसेस्ड फूड*
प्रोसेस्ड फूड्स को हमेशा से हानिकराक माना जाता रहा है क्योंकि इन फूड्स में मौजूद सोडियम की मात्रा आपके ब्लड प्रेशर को तुरंत बढ़ाने का काम करती है। प्रोसेस्ड फूड्स आपकी नसों को संकुचित बनाते हैं, जिसकी वजह से रक्त का दबाव बढ़ने लगता है और आपका बीपी बढ़ जाता है। इन फूड्स से दूरी बनाएं 1-प्रोसेस्ड मीट 2-सैंडविच 3-बर्गर 4-जंक फूड्स।

*2-कॉफी*
लो ब्लड प्रेशर में कॉफी पीना फायदेमंद माना जाता है क्योंकि कॉफी में मौजूद कैफीन की मात्रा आपके ब्लड प्रेशर को नार्मल करने का काम करती है लेकिन अगर आपका बीपी नार्मल होता है तो भूलकर भी ज्यादा मात्रा में कॉफी का सेवन न करें क्योंकि आपका बीपी बढ़ाने का काम करती है। आप दिन में एक से दो कप कॉफी पी सकते हैं लेकिन ज्यादा मात्रा में कैफीन आपके लिए हानिकारक हो सकता है।
लो ब्लड प्रेशर में कॉफी पीना फायदेमंद माना जाता है क्योंकि कॉफी में मौजूद कैफीन की मात्रा आपके ब्लड प्रेशर को नार्मल करने का काम करती है लेकिन अगर आपका बीपी नार्मल होता है तो भूलकर भी ज्यादा मात्रा में कॉफी का सेवन न करें क्योंकि आपका बीपी बढ़ाने का काम करती है। आप दिन में एक से दो कप कॉफी पी सकते हैं लेकिन ज्यादा मात्रा में कैफीन आपके लिए हानिकारक हो सकता है।

*3-पैकेज्ड फूड्स*

पैकेज्ड फूड्स का सेवन ज्यादातर लोगों के लिए हानिकारक माना जाता है क्योंकि ये आपको मोटापे के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर का भी शिकार बना सकता है। दरअसल इन फूड्स में भी सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है, जिसका सेवन तुरंत आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है। आपको इन चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए। 1-चिप्स 2-नमकीन 3-शुगरी फूड्स

*4-अचार*

अगर आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ रहता है तो आपको अचार के सेवन से दूरी बनाने की जरूरत है क्योंकि ये भी आपका ब्लड प्रेशर तुरंत बढ़ाने का काम करता है। दरअसल अचार में मौजूद नमक की मात्रा शरीर में सोडियम के लेवल को बढ़ाने का काम करती है, जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। इसलिए आपको अचार के सेवन में कमी लानी चाहिए।

*5-शुगर फूड्स*

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जिन फूड्स में शुगर की मात्रा ज्यादा होती है वो भी आपका ब्लड प्रेशर बढ़ाने का काम करती हैं। इतना ही नहीं ज्यादा शुगर वाली चीजें आपको मोटापे का शिकार बनाती है, जो कहीं न कहीं आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ाने की एक वजह है। इसलिए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने के लिए आपको मीठी चीजों के सेवन से दूर रहना चाहिए।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
दवाओं के बिना ही रहेगा एलडीएल कंट्रोल,डाइट में इस खास बीज को खाएं कोलेस्ट्रॉल के मरीज
डेस्क :–शरीर में बढ़ते बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना जरूरी होता है और ऐसा न करने पर हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने के लिए दवाओं का सेवन किया जा सकता है, लेकिन पूरी तरह से दवाओं पर निर्भर रहना भी हानिकारक हो सकता है। हालांकि, अगर सही डाइट का सही तरीके से सेवन किया जाए और उचित रूप से परहेज रखे जाएं जो ज्यादातर लोगों को दवाओं पर निर्भर रहने की जरूरत नही पड़ती है। इसके अलावा कुछ अन्य चीजें भी हैं, जिन्हें अपनी डाइट में शामिल करके बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं। इन चीजों में कुछ प्रकार के बीज भी शामिल हैं, जिनमें से एक के बारे में हम आपको बताने वाले हैं।

*एलडीएल कम करेगा ये खास बीज*

बढ़ते बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए कई प्रकार के नट्स व बीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिनसे काफी फायदा मिलता है लेकिन ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती है कि अलसी के बीजों का सेवन करने से भी बैड कोलेस्ट्रॉल की छुट्टी की जा सकती है। दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में कई अध्ययन किए जा चुके हैं, जिनमें पाया गया है कि अलसी के बीजों का सेवन करने से बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम किया जा सकता है।

*ऐसे करें डाइट में शामिल*

अलसी के बीजों का सेवन करना बहुत ही आसान है, क्योंकि इसे कई अलग-अलग व्यंजनों में मिलाकर खाया जा सकता है। अलसी के बीजों के पाउडर को बनाना शेक या अन्य फ्रूट स्मूदी में डालकर इसका सेवन किया जा सकता है। अलसी के बीजों को सलाद में मिलाकर भी उसका सेवन किया जा सकता है।

*सेवन की सही मात्रा*

हालांकि, कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के फ्लेक्स सीड्स का सेवन करने के लिए उचित मात्रा का पता होना भी बहुत जरूरी है। एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 30 ग्राम से ज्यादा अलसी के बीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं कोलेस्ट्रॉल के मरीज रोज अपनी डाइट में 20 से 25 ग्राम अलसी के बीज अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

*अन्य फायदे*

सिर्फ कोलेस्ट्रॉल ही नहीं अलसी के बीजों का सेवन करने से अन्य कई फायदे भी मिलते हैं जैसे पाचन क्रिया में सुधार करना, बढ़ते वजन को रोकना, कब्ज की समस्या को दूर करना, ब्लड शुर व ब्लड प्रेशर कंट्रोल करना और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों के खतरे को कम करना आदि।

*डॉक्टर से संपर्क जरूरी*

हालांकि, अगर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल ज्यादा बढ़ा हुआ है, तो डॉक्टर के संपर्क में रहना बहुत ही जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादा बढ़े हुए एलडीएल को कंट्रोल करने के लिए दवाएं लेना बहुत ही जरूरी है। हालांकि, अगर आपकी पहले से ही कोलेस्ट्रॉल की दवाएं चल रही है, तो अलसी के बीजों का सेवन शुरू करने के बाद भी दवाएं लेना बंद न करें और इस बारे में डॉक्टर से पूछें।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।