विदेशी पिंडदानी भी अपने पूर्वजों का पिंडदान करने के लिए पहुंचे गयाजी धाम: भगवान बुद्ध का दर्शन करने के बाद कल पूर्वजों का करेंगे पिंडदान
गया। बिहार के गया में इन दिनों पितृपक्ष मेला चला रहा है। पितृपक्ष मेला का आज 13 दिन है। देश के कोने-कोने से प्रतिदिन बड़ी संख्या में सनातनी अपने पूर्वजों का पिंडदान करने के लिए गयाजी आ रहे हैं। उनके आने-जाने का सिलसिला जारी है। इस बीच रविवार को विदेशी भी अपने पूर्वजों का पिंडदान करने के लिए गयाजी धाम में पहुंचे है।
विदेशी भगवान शिव की नगरी वाराणसी से होते हुए
गया पहुंचे हैं। वे फिलहाल आठ की संख्या में हैं। सभी
अलग-अलग देश से हैं। इन्होंने विष्णुपद देवघाट और
सीताकुंड परिसर का देर शाम रिमझिम बारिश के बीच भ्रमण किया और विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में जाकर दर्शन किए। विदेशी महिलाएं साड़ी में थीं। विदेशी महिलाओं की खास बात यह रही कि उन्होंने अपने माथे से आंचल को गिरने नहीं दिया। इस दौरान वे काफी उत्सुक और जिज्ञासु भी नजर आ रहीं थीं। बताया गया कि विदेशियों के समूह में रूस, यूक्रेन, अफ्रीका के लोग हैं। जो अपने पूर्वजों का पिंडदान देव घाट पर करेंगे।
विदेशी श्रद्धालु देवघाट पर बैठ कर पूर्वजों के निमित कर्मकांड करेंगे। इससे पहले वे रविवार को बोधगया जाएंगे। वहां भगवान बुद्ध का दर्शन करेंगे, फिर अगले दिन भगवान हरि विष्णु के चरणों में नतमस्तक होंगे। इन विदेशियों के पूर्वजों का अर्पण-तर्पण और श्राद्ध से जुड़े कर्मकांड को आचार्य लोकनाथ गौड़ कराएंगे। जबकि, इनके पंडा गजाधर लाल धेड़ी होंगे। पूर्वजों के पिंडदान की तैयारी जारी आचार्य लोकनाथ गौड़ ने बताया कि सभी विदेशी गया जी पहुंच चुके हैं। उनके पूर्वजों के पिंडदान की तैयारी की जा रही है। सोमवार को देवघाट, विष्णुपद, अक्षयवट और सीताकुंड पिंडवेदी पर पिंडदान कराया जाएगा। उनसे जब यह पूछा गया कि ये सभी ईसाई हैं फिर क्यों सनातन धर्म के अनुसार पिंडदान करने को आए हैं। उन्होंने कहा कि सभी सनातन धर्म से प्रभावित हैं। उन्होंने अपने पूर्वजों का पिंडदान करने की दिली इच्छा जाहिर की थी, जिसे वे पूरा करने आए हैं।
रिपोर्ट: मनीष कुमार।
Sep 29 2024, 17:58