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बच्चों को उनकी मातृभाषा में दी जाए शिक्षा..', पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों से संवाद में बोले पीएम मोदी

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरस्कार विजेता शिक्षकों से बातचीत की और अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया। बातचीत के दौरान शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए और सीखने को और अधिक रोचक बनाने के लिए उनके द्वारा अपनाए जाने वाले अभिनव तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने अपने शिक्षण कर्तव्यों के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में अपनी भागीदारी पर भी प्रकाश डाला। मोदी ने शिक्षण पेशे के प्रति उनके समर्पण की प्रशंसा की और पिछले कई वर्षों में उनके द्वारा दिखाए गए जुनून को स्वीकार किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर दिया कि सरकार शिक्षा में अभिनव तरीकों का उपयोग करने वाले असाधारण शिक्षकों को मान्यता देने के लिए प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के साथ अपनी बातचीत के दौरान, मोदी ने पिछली सरकारी प्रथाओं पर चर्चा करने से परहेज किया, इसके बजाय वर्तमान और भविष्य पर ध्यान केंद्रित किया, शिक्षकों को 'विकसित भारत' के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया।

मोदी ने पुरस्कार विजेता शिक्षकों को प्रोत्साहित किया कि वे छात्रों को भारत के शीर्ष 100 पर्यटन स्थलों की खोज में शामिल करें। उन्होंने सुझाव दिया कि शैक्षिक यात्राओं के हिस्से के रूप में विभिन्न स्थानों के बारे में जानकर छात्र अपने क्षितिज को व्यापक बना सकते हैं। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों के लिए चयन प्रक्रिया कठोर थी, जिसमें उन शिक्षकों को मान्यता दी गई जिनका योगदान राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के लक्ष्यों के अनुरूप है। मोदी ने इन शिक्षकों की कड़ी मेहनत की सराहना की और कहा कि कई अन्य लोग भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

उन्होंने शिक्षकों को प्रोत्साहित किया कि वे छात्रों को निकटवर्ती विश्वविद्यालयों या खेल आयोजनों में भ्रमण कराकर प्रेरित करें, क्योंकि ऐसे अनुभव उनकी महत्वाकांक्षाओं और सपनों को बढ़ावा दे सकते हैं। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, देश भर से कुल 82 शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जिनमें स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से 50, उच्च शिक्षा विभाग से 16 और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय से 16 शिक्षक शामिल हैं।

मोदी ने सुझाव दिया कि पुरस्कार विजेता सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़ें, जिससे सभी को एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने और लाभ उठाने का अवसर मिले। उन्होंने एनईपी के महत्व पर भी प्रकाश डाला और छात्रों की मातृभाषा में शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने शिक्षकों को विभिन्न भाषाओं में स्थानीय लोककथाएँ प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे छात्र भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए कई भाषाएँ सीख सकें।

विनेश फोगाट पर बृजभूषण शरण सिंह के बयान पर कांग्रेस का पलटवार किया, जानें क्या कहा

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हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गहमागहमी बड़ गई है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। इस बीच कांग्रेस ने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह के बयान पर पलटवार किया है।विनेश फोगाट को कांग्रेस का टिकट मिलने के बाद बृजभूषण शरण सिंह के बयान पर अब कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है।

शुक्रवार को पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया कांग्रेस में शामिल हुए थे। विनेश को कांग्रेस ने हरियाणा के जुलाना से विधायकी का टिकट भी सौंप दिया है। इस पर बृजभूषण शरण सिंह ने विनेश पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वे महिला खिलाड़ियों के सम्मान में नहीं बैठे थे बल्कि राजनीति के लिए बैठे थे। बृजभूषण के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ये आज की बात नहीं है। आज़ादी के आंदोलन में भी कांग्रेस अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ खड़ी थी और ये उसके साथ खड़े थे। पवन खेड़ा ने कहा कि जो ग़लत करता है भाजपा उसके साथ होती है और वो भाजपा के साथ होता है। जिसके साथ ग़लत होता है कांग्रेस उसके साथ लड़ती है उसकी आवाज़ उठाती है इसीलिए वे कांग्रेस को पसंद करते हैं।

वहीं, हरियाणा कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, हरियाणा की बेटी के लिए बीजेपी के दुराचारी सांसद की ये भाषा बता रही कि भाजपा हमारी बेटियों को कभी न्याय नहीं दिलवाएगी। विनेश फौगाट हो या बबीता फौगाट, ये हरियाणा की बेटियां हैं. सबको राजनीति में आने का हक है। लेकिन इस वजह से दुराचारियों को अनर्गल टिप्पणियां करने का कोई हक नहीं।'

इससे पहले महिला पहलवान विनेश फोगाट के शुक्रवार को कांग्रेस शामिल होने पर प्रतिक्रिया देते हुये भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने दावा किया कि यह बात सत्य साबित हुयी कि उनके खिलाफ महिला पहलवानों का आंदोलन कांग्रेस प्रायोजित था। गोंडा के डुमरियाडीह स्थित एक निजी विद्यालय में स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम में पूर्व सांसद ने अपने संबोधन में कहा, मेरे खिलाफ जब महिला पहलवानों ने आरोप लगाए थे, मैंने तभी बोल दिया था कि यह कांग्रेस की साजिश है। हरियाणा के बड़े नेता दीपेंद्र हुड्डा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा हमारे खिलाफ साजिश कर रहे हैं।

बता दें कि महिला पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया था। इसे लेकर महिला पहलवानों सहित कई पहलवानों ने दिल्ली में धरना भी दिया था।

'वो खिलाड़ियों का नहीं कांग्रेस का आंदोलन था...'विनेश फोगाट के कांग्रेस में शामिल होने पर बोले बृजभूषण शरण सिंह

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हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इस पर कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि ‘अब ये साफ़ हो गया है कि खिलाड़ियों के आंदोलन के पीछे कांग्रेस थी’।उन्होंने कहा कि विनेश और बजरंग ने राजनीति के लिए बेटियों का इस्तेमाल किया, बेटियों को बदनाम किया। वे बेटियों के सम्मान के लिए नहीं लड़ रहे थे, वे राजनीति के लिए लड़ रहे थे।

गोंडा में भारतीय पहलवान विनेश फोगट और बजरंग पुनिया के कांग्रेस में शामिल होने पर पूर्व कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा नेता बृज भूषण शरण सिंह ने हमला बोला है। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, 'लगभग दो साल पहले, 18 जनवरी को इन खिलाड़ियों ने एक साजिश शुरू की थी। जिस दिन यह सब शुरू हुआ, मैंने कहा था कि यह एक राजनीतिक साजिश थी। इसमें कांग्रेस शामिल थी, दीपेंद्र हुड्डा और भूपिंदर हुड्डा भी शामिल थे। पूरी पटकथा लिखी गई, यह खिलाड़ियों का आंदोलन नहीं है। अब लगभग दो साल बाद यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस इस नाटक में शामिल थी।'

पूर्व डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि इनके कारण हरियाणा की बेटियों को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। इसके लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं, इसके लिए भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा और ये प्रदर्शनकारी जिम्मेदार हैं। वे उस दिन क्या जवाब देंगे जब यह साबित हो जाएगा कि जिस घटना के आरोप लगाए जा रहे हैं, उस दिन मैं दिल्ली में मौजूद नहीं था? उन्होंने राजनीति के लिए बेटियों का इस्तेमाल किया, बेटियों को बदनाम किया। वे बेटियों के सम्मान के लिए नहीं लड़ रहे थे, वे राजनीति के लिए लड़ रहे थे।

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 18 जनवरी को जब जंतर मंतर पर प्रदर्शन हुआ था तो तमाम लोगों को लगा था कि शायद इसमें सच्चाई है। महिलाओं के साथ, बेटियों के साथ बदतमीज़ी हुई है, आज वे लोग अभी छले महसूस कर रहे हैं। ये पूछने पर कि, पहलवानों के विरोध प्रदर्शन की वजह से ओलंपिक में भी कहीं न कहीं इसका नुकसान हुआ, उसकी भरपाई कौन करेगा? बृजभूषण ने बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट पर कई आरोप लगाए।

बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि "हरियाणा खेल के क्षेत्र में भारत का सिरमौर है। जिस तरह से इन लोगों ने कुश्ती गतिविधियों को लगभग 2.5 साल तक रोक दिया, क्या यह सच नहीं है कि बजरंग एशियाई खेलों में बिना ट्रायल के चले गए? मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं जो कुश्ती के विशेषज्ञ हैं, मैं विनेश फोगट से पूछना चाहता हूं कि क्या कोई खिलाड़ी एक दिन में दो भार श्रेणियों में ट्रायल दे सकता है? क्या वजन मापने के बाद 5 घंटे के लिए ट्रायल रोके जा सकते हैं?... आप कुश्ती नहीं जीते, आप धोखाधड़ी करके वहां गए थे। भगवान ने आपको उसी की सजा दी है।"

राहुल गांधी, प्रियंका ने उज्जैन बलात्कार मामले पर प्रतिक्रिया दी: 'पूरा देश स्तब्ध

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में सार्वजनिक फुटपाथ पर एक महिला के साथ बलात्कार की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। यह घटना तब सामने आई जब अज्ञात व्यक्तियों द्वारा रिकॉर्ड किए गए बलात्कार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

एक्स पर एक पोस्ट में, प्रियंका गांधी ने कहा कि पूरा देश स्तब्ध है और सोच रहा है कि हमारा समाज किस ओर जा रहा है। "मध्य प्रदेश के उज्जैन में फुटपाथ पर दिनदहाड़े एक महिला के साथ मारपीट की घटना बेहद भयावह है। आज पूरा देश स्तब्ध है, सोच रहा है कि हमारा समाज किस ओर जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला को बचाने के बजाय, राहगीर वीडियो बना रहे थे," प्रियंका गांधी ने एक्स पर लिखा। उज्जैन की पवित्र भूमि पर ऐसी घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है," उन्होंने कहा।

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी उज्जैन की घटना और उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की, जहां लखनऊ के गाजीपुर इलाके के एक एंबुलेंस चालक और उसके सहायक ने एक मरीज की पत्नी का यौन उत्पीड़न किया। महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ते अपराध और पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति पुलिस प्रशासन का रवैया व्यवस्था की क्रूरता का सबूत है और देश के लिए चिंता का गंभीर विषय है, गांधी ने एक्स पर लिखा, "प्रचार-केंद्रित सरकारों ने खुद की झूठी छवि बनाने के लिए एक असंवेदनशील प्रणाली को जन्म दिया है, जिसका सबसे बड़ा शिकार महिलाएं हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए समाज के नैतिक उत्थान की दिशा में गंभीर प्रयास करने का समय आ गया है- सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।"

पुलिस के अनुसार, उज्जैन के आगर नाका इलाके में शराब पीने के लिए मजबूर करने के बाद एक व्यक्ति ने कबाड़ बीनने वाली महिला के साथ बलात्कार किया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रकाश में आया। पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) ओम प्रकाश मिश्रा ने कहा कि मुख्य आरोपी लोकेश ने महिला से शादी करने का वादा किया था। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। पीटीआई के अनुसार मिश्रा ने कहा, "बुधवार को उसने महिला को शराब पिलाई और उसके साथ बलात्कार किया। कुछ लोग, जो वहां से गुजर रहे थे, ने अपराध को रोकने के बजाय घटना का वीडियो बना लिया।" पुलिस ने तीन से चार संदिग्धों की भी पहचान की है, जिन्होंने कथित तौर पर बलात्कार का वीडियो बनाया था और उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं।

इससे पहले, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की चुप्पी पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था, "आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार और हत्या की घटना के खिलाफ भाजपा पूरे देश में विरोध प्रदर्शन कर रही है...मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्वाचन क्षेत्र में एक महिला के साथ बलात्कार किया गया। मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पीएम मोदी चुप क्यों हैं?...मध्य प्रदेश में 'जंगल राज' है। मध्य प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहीं है...भाजपा नेताओं को मध्य प्रदेश में हो रही इस तरह की घटनाओं पर भी गौर करना चाहिए..."

हालांकि, भाजपा ने दावा किया कि मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसने कांग्रेस पर विवाद पैदा करने का भी आरोप लगाया। एएनआई के अनुसार, मध्य प्रदेश भाजपा प्रमुख और सांसद वीडी शर्मा ने कहा था, "कांग्रेस पार्टी के पास मध्य प्रदेश सरकार को घेरने के लिए कोई मुद्दा नहीं है और इसलिए वे इस घटना को इस तरह का रंग देने की कोशिश कर रहे हैं..."

मणिपुर में अब रॉकेट से हमला, आसमान में फिर दिखे ड्रोन, दहशत में लाइट बंद कर घरों में छिपे लोग

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मणिपुर में पिछले कुछ दिन में हुए ‘हाई-टेक’ हमलों के बाद इंफाल घाटी क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। अब उग्रवादियों ने रॉकेट और ड्रोन्स से हमले शुरू कर दिए हैं। बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार को संदिग्ध उग्रवादियों ने दो रॉकेट दागे, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। वहीं, बिष्णुपुर और इंफाल ईस्ट जिलों में शुक्रवार रात को कई ड्रोन उड़ते देखे गए। इससे लोगों में इतनी दहशत फैल गई कि लोगों ने अपने-अपने घरों की लाइटें बंद कर दीं। इससे पहले इस सप्ताह की शुरुआत में इंफाल पश्चिम जिले में दो स्थानों पर ड्रोन का इस्तेमाल कर लोगों पर बम गिराए गए थे।

मणिपुर में उग्रवादियों ने शुक्रवार को राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री के बिष्णुपुर जिले स्थित आवास समेत दो स्थानों पर रॉकेट दागे। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। हमले को लेकर मणिपुर पुलिस ने एक बयान जारी किया है। आज कुकी उग्रवादियों ने बिष्णुपुर जिले के दो स्थानों पर नागरिक आबादी के बीच लंबी दूरी के रॉकेट दागे।

पुलिस के मुताबिक हमले में मोइरांग फिवांगबाम लेइकाई के एक वरिष्ठ नागरिक आरके रबेई (78) की मृत्यु हो गई और बिष्णुपुर जिले के मोइरांग खोइरू लेइकाई में छह अन्य नागरिक घायल हो गए। पुलिस दल और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को इलाके से सटे पहाड़ी इलाकों में तलाशी अभियान चलाने के लिए भेजा गया है। मुआलसांग गांव में दो बंकर और चूड़ाचांदपुर के लाइका मुआलसौ गांव में एक बंकर (कुल तीन बंकर) नष्ट कर दिए गए।

पुलिस ने अपने बयान में आगे बताया कि इसके अलावा, एसपी सहित बिष्णुपुर जिले की पुलिस टीमें उस इलाके में पहुंचीं, जहां संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने उन पर गोलीबारी की। लेकिन पुलिस दल ने मजबूती से जवाबी कार्रवाई की और हमले को विफल कर दिया। हवाई गश्त करने के लिए सैन्य हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं।

वहीं बिष्णुपुर और इंफाल पूर्वी जिले के इलाकों में कई ड्रोन देखे जाने के बाद लोगों ने शुक्रवार रात अपने घरों की लाइटें बंद कर दीं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस सप्ताह की शुरुआत में इंफाल पश्चिम जिले में दो स्थानों पर लोगों पर बम गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार रात बिष्णुपुर जिले के नारायणसेना, नाम्बोल कामोंग और इंफाल पूर्वी जिले के पुखाओ, दोलाईथाबी, शांतिपुर में कई ड्रोन देखे गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। घबराए ग्रामीणों ने घरों की लाइटें बंद कर दीं। एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बल बड़े समूहों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए आसपास के क्षेत्रों में ‘हाई अलर्ट’ पर हैं।

कांग्रेस ने जारी की 31 उम्मीदवारों की सूची, लिस्ट में 3 मुस्लिम चेहरे, नूंह दंगे के आरोपी मामन खान को भी टिकट

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हरियाणा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने लिस्ट जारी कर दी है। कांग्रेस की लिस्ट में कुल 31 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। लिस्ट में विनेश फोगाट को भी मौका मिला है। जुलाना से विनेश फोगाट भी चुनाव लड़ेंगी। तो वहीं लिस्ट में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का भी नाम शामिल है। कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट में लगभग सभी सिटिंग विधायकों को मैदान में उतार दिया है। मुसलमानों के हिस्सेदारी की बात करें तो पहली लिस्ट में सिर्फ तीन मुस्लिम चेहरों को जगह मिली है।

पहली सूची पर मुहर कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी की मौजूदगी में सीईसी की बैठक में लगी। इसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा को एक बार फिर से पार्टी ने गढ़ी सांपला किलोई सीट से टिकट दिया है। इसके अलावा पार्टी ने पूर्व मंत्री गीता भुक्कल को झज्जर (सुरक्षित) सीट से उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने पूर्व वित्त मंत्री और लालू प्रसाद यादव के दामान चिरंजीव राव को रेवाड़ी से फिर उतारा है। इसके पार्टी ने नूंह सीट पर आफताब अहमद को टिकट दिया है।

नारायणगढ़ से कांग्रेस ने शैली चौधरी

अन्य बड़े चेहरों में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान होडल (सुरक्षित) सीट से लड़ेंगे। कांग्रेस पार्टी ने एनआईटी फरीदाबाद सीट से नीरज शर्मा को टिकट दिया है। पार्टी ने डबवाली सीट से अमित सिहाग को उतारा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की सीट रह चुकी नारायणगढ़ से कांग्रेस ने शैली चौधरी को टिकट दिया है।

सीएम सैनी के सामने मेवा सिंह

कांग्रेस ने अपनी सूची में घोषित 32 (31+1)कैंडिडेट में लाडवा सीट मौजूदा विधायक मेवा सिंह की टिकट बरकरार रखी है। 2019 में मेवा सिंह ने बीजेपी के सिटिंग विधायक डॉ. पवन सैनी को शिकस्त दी थी। इस बार लाडवा से हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी खुद चुनाव लड़ रहे हैं। उप चुनाव में सीएम सैनी करनाल से जीते थे, लेकिन वह अब लाडवा से बीजेपी कैंडिडेट हैं।

"क्यों दिए जा रहे थे पैसे ?",कोलकाता डॉक्टर बलात्कार-हत्या मामले में भाजपा ने मांगा जवाब

भाजपा सांसद संबित पात्रा ने शुक्रवार को ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा, उन्होंने इसे कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के इर्द-गिर्द की परिस्थितियों को छिपाने का प्रयास बताया। पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने रविवार को कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बलात्कार और हत्या मामले के खिलाफ कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के तत्काल इस्तीफे की मांग करते हुए विरोध मार्च निकाला।

एक व्यक्ति जब भ्रष्ट होता है और कुछ छिपाने की कोशिश करता है, तो वह पैसे की पेशकश करता है," पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा।

ममता बनर्जी की सरकार को क्या छिपाना पड़ा, और पीड़िता के पिता को पैसे की पेशकश क्यों की गई? हम इन महत्वपूर्ण सवालों के जवाब चाहते हैं। हम पीड़िता के पिता द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब चाहते हैं।"

पीड़िता के परिवार द्वारा लगाए गए आरोप क्या हैं?

बुधवार रात, हत्या की शिकार जूनियर डॉक्टर के पिता ने कहा कि पुलिस ने परिवार को उसकी अंतिम संस्कार करने के लिए जल्दबाजी की, जबकि वे कुछ समय के लिए उसका शव रखना चाहते थे।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में विरोध प्रदर्शन के दौरान शोकाकुल पिता ने कहा, "हम अपनी बेटी का शव रखना चाहते थे, लेकिन हम पर बहुत ज़्यादा दबाव डाला गया और शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।" उन्होंने कहा, "मैंने अपनी बात मनवा ली और पैसे लेने से इनकार कर दिया।" हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि पैसे क्यों दिए गए।

पात्रा ने कहा, "पीड़िता के पिता ने आज देश के सामने जो सवाल रखे हैं, वे सबसे महत्वपूर्ण हैं। इन सवालों की बुनियाद पर ही जांच और जांच का नतीजा टिका हुआ है।" उन्होंने उन सवालों को सूचीबद्ध किया, जो पीड़िता के पिता ने जनता के सामने रखे हैं। "पहला सवाल यह था कि पीड़िता के पिता ने कहा कि जब पीड़िता का शव उनके घर में था, तो जिला कलेक्टर ने उन्हें पैसे देने की पेशकश की थी। उन्होंने पैसे लेने से इनकार कर दिया। क्या आप सोच सकते हैं कि अपनी बेटी की नृशंस हत्या के बाद पिता की मानसिक स्थिति क्या रही होगी?" पात्रा ने बेटी की मौत की सूचना मिलने के दिन अधिकारियों द्वारा परिवार के साथ किए गए कथित व्यवहार पर प्रकाश डाला।

"दूसरा सवाल यह है कि 10 अगस्त को पीड़िता के परिवार को पता था कि उनकी बेटी की हत्या कर दी गई है। उन्हें घटना की जानकारी सुबह 11 बजे दी गई और बताया गया कि बेटी ने आत्महत्या कर ली है। परिवार को सेमिनार हॉल के बाहर तीन घंटे तक इंतजार करवाया गया। पिता को प्रिंसिपल के ऑफिस जाने के लिए कहा गया। अधिकारी और पुलिस क्या करना चाह रहे थे, जिससे उन्हें इंतजार करवाया गया?" पात्रा द्वारा लगाए गए सबसे गंभीर आरोपों में से एक यह था कि परिवार को एक खाली दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था। "सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुलिस और अधिकारियों द्वारा परिवार को एक खाली कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया था। उन्हें ऐसा करने के लिए क्यों कहा गया?" उन्होंने पूछा।

पेरिस पैरालंपिक में भारत ने फिर रचा इतिहास, प्रवीण कुमार ने हाई जंप में जीता गोल्ड मेडल

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पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है।भारत ने पेरिस पैरालिंपिक गेम्स में 26वां मेडल जीत लिया है। मेंस हाई जंप टी-64 के फाइनल में शुक्रवार को प्रवीण कुमार ने गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने एशियन रिकॉर्ड बनाते हुए 2.08 मीटर का जंप किया। इसके साथ ही प्रवीण ने टोक्यो पैरालंपिक गेम्स के अपने मेडल का रंग बदलने में भी सफलता हासिल की। पिछले पैरालंपिक गेम्स में उनकी झोली में सिल्वर मेडल आया था। इस पैरालिंपिक गेम्स में ये भारत का छठा गोल्ड है। प्रवीण के इस मेडल के साथ ही भारत के पदकों की संख्या 26 तक पहुंच गई है और मेडल टैली में भारत फिर से 14वें स्थान पर पहुंच गया है।

शुक्रवार 6 सितंबर को पैरालंपिक गेम्स में भारत की झोली में पहला मेडल ही प्रवीण कुमार की बेहतरीन जंप के दम पर आया। प्रवीण ने 2.08 मीटर की जंप की, जिसके दम पर उन्होंने नया एशियन रिकॉर्ड बनाया और साथ ही गोल्ड मेडल भी अपने नाम कर लिया। प्रवीण ने इस इवेंट में 5 अन्य खिलाड़ियों को पीछे छोड़कर ये गोल्ड मेडल जीता। अमेरिका के डेरेक लोकिडेंट (2.06 मीटर) ने सिल्वर मेडल जीता, जबकि 2 खिलाड़ियों ने ब्रॉन्ज पर कब्जा किया। उज्बेकिस्तान के तैमूरबेक गियाजोव और पोलैंड के मेसिएज लेपियाटो ने 2.03 मीटर की जंप के साथ संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया और ब्रॉन्ज जीते।

प्रवीण कुमार के सहारे भारत मेडल टैली में 14वें नंबर पर पहुंच गया है। भारतीय खिलाड़ियों ने अब तक 6 गोल्ड, 9 सिल्वर और 11 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। यह इंडिया का पैरालिंपिक में ऑलटाइम बेस्ट परफॉर्मेंस है। इससे पहले टोक्यो पैरालिंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने 5 गोल्ड समेत 19 मेडल जीते थे।

भाजपा ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए 25 सूत्री चुनावी घोषणापत्र जारी किया

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रमुख रविंदर रैना और पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद थे। घोषणापत्र जारी करते हुए अमित शाह ने कहा, "आजादी के बाद से ही जम्मू-कश्मीर का मुद्दा हमारी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण रहा है और हमने हमेशा इस क्षेत्र को भारत के साथ रखने की कोशिश की है।"

उन्होंने कहा, "पंडित प्रेम नाथ डोगरा के संघर्ष से लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान तक, इस संघर्ष को पहले जनसंघ और फिर भाजपा ने आगे बढ़ाया, क्योंकि हमारा मानना ​​है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का हिस्सा रहा है और रहेगा।" केंद्रीय गृह मंत्री ने क्षेत्र में आतंकवाद और अलगाववाद के दीर्घकालिक मुद्दों पर भी बात की और कहा कि जम्मू-कश्मीर को 2014 तक विभिन्न राज्य और गैर-राज्य अभिनेताओं द्वारा अस्थिरता का सामना करना पड़ा। अन्य सभी सरकारों ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति से निपटने के लिए तुष्टिकरण की राजनीति की। हालांकि, जब भी भारत और जम्मू-कश्मीर का इतिहास लिखा जाएगा, तो 2014 से 2024 के बीच का समय सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा," शाह ने कहा।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र और उसके सहयोगी कांग्रेस के "मूक समर्थन" पर निशाना साधते हुए, अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 "इतिहास बन चुका है, यह कभी वापस नहीं आएगा और हम ऐसा नहीं होने देंगे।" "अनुच्छेद 370 वह चीज थी जिसने युवाओं के हाथों में हथियार और पत्थर दिए..." भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आने पर 'माँ सम्मान योजना' के तहत हर परिवार की सबसे बड़ी महिला को प्रति वर्ष ₹18,000 देने का वादा किया है। "हम उज्ज्वला योजना के तहत प्रति वर्ष दो मुफ्त सिलेंडर देंगे। प्रगति शिक्षा योजना के तहत, हम कॉलेज के छात्रों को प्रति वर्ष यात्रा भत्ते के रूप में ₹3,000 प्रदान करेंगे।" शाह ने कहा कि भाजपा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का पूरी तरह सफाया सुनिश्चित करेगी।

गृह मंत्री ने क्षेत्र में आतंकवाद के उदय में शामिल लोगों की जिम्मेदारी तय करने के लिए एक श्वेत पत्र लाने का भी वादा किया। भाजपा के 25 सूत्री घोषणापत्र के अनुसार, दूरदराज के क्षेत्रों में छात्रों को टैबलेट या लैपटॉप मिलेंगे, जबकि कॉलेज के छात्रों को प्रगति शिक्षा योजना के तहत 3,000 रुपये वार्षिक यात्रा भत्ता मिलेगा। जम्मू शहर में आईटी के लिए एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड), श्रीनगर में एक मनोरंजन पार्क और गुलमर्ग और पहलगाम को आधुनिक पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करना केंद्र शासित प्रदेश में आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे के विकास के प्रमुख तत्व होंगे।

पार्टी का लक्ष्य जम्मू में तवी रिवरफ्रंट को अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर विकसित करना और श्रीनगर में डल झील के आसपास जल क्रीड़ा और पर्यटन को बढ़ावा देना है। छोटे व्यापारियों और एमएसएमई के लिए, भाजपा ने भूमि पहुंच, उपयोगिता सेवाओं और लीज डीड के आसपास मौजूदा मुद्दों को हल करने का संकल्प लिया है। इन उपायों से स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिलने और आर्थिक विकास को समर्थन मिलने की उम्मीद है।

घोषणापत्र में बकाया बिजली और पानी के बिलों से राहत, पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना के तहत मुफ़्त बिजली और ‘हर घर नल से जल’ योजना के ज़रिए पीने का पानी देने का वादा किया गया है। इसके अलावा, भाजपा ने बुज़ुर्गों, विधवाओं और विकलांगों के लिए पेंशन को तीन गुना करने का वादा किया है, जो ₹1,000 से बढ़कर ₹3,000 हो जाएगा, ताकि कमज़ोर समूहों के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित हो सके।

भाजपा ने किसानों की सहायता के लिए विभिन्न उपायों की रूपरेखा तैयार की है, जिसमें पीएम किसान सम्मान निधि भुगतान में ₹4,000 की वृद्धि करना शामिल है, जिससे कुल वार्षिक लाभ ₹10,000 हो जाएगा। कृषि गतिविधियों के लिए बिजली शुल्क में 50% तक की कमी की जाएगी, और घोषणापत्र में ‘हर सुरंग तेज पहल’ योजना के तहत 10,000 किलोमीटर नई ग्रामीण सड़कें बनाने की योजना शामिल है, जिससे क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

भाजपा ने टीका लाल टपलू विस्थापित समाज पुनर्वास योजना के तहत कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का भी वादा किया, साथ ही पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) के शरणार्थियों और वाल्मीकि और गोरखा समुदायों जैसे आंतरिक रूप से उपेक्षित समूहों के लिए सहायता में तेजी लाने का भी वादा किया। जम्मू और कश्मीर से अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशी बस्तियों को हटाने के लिए एक ठोस अभियान भाजपा की योजना में एक और प्राथमिकता है।

विनेश और बजरंग पुनिया कांग्रेस के लिए इतने जरूरी क्यों हुए, क्या हरियाणा विधानसभा तुनाव में मिलेगा लाभ?

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पहलवान विनेश फोगाट कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। विनेश के साथ पहलवान बजरंग पूनिया ने भी “सियासी दंगल” में प्रवेश कर लिया। ओलंपिक में पदक से चूकने के बाद ही विनेश ने खेल से संन्यास की घोषणा कर दी थी। इसके बाद ही उनके और ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया के राजनीतिक दंगल में उतरने की अटकलें शुरू हो गई थीं। आज कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही इस पर विराम लग गया।

दोनों खिलाड़ियों के कांग्रेस का हाथ थामने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। सवाल है कि भारत से कई खिलाड़ी ओलंपिक में गए हैं लेकिन कांग्रेस ने उनमें से केवल विनेश फोगाट और बजरंग पांजा को ही अधिक महत्व क्यों दिया? इन दोनों पहलवानों के आने से कांग्रेस को इस चुनाव में कितना फायदा मिलेगा? दूसरे शब्दों में कहें तो कांग्रेस में इन दोनों खिलाड़ियों के शामिल होने से बीजेपी को कितना झटका लगेगा?

कांग्रेस में शामिल होने के बाद विनेश ने कहा कि सड़क से संसद तक महिलाओं के लिए लड़ने वाली पार्टी में शामिल होकर वह खुश हैं। बता दें कि विनेश महिला रेसलरों के यौन उत्पीड़न के खिलाफ तत्कालीन डब्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के विरोध में लड़ाई लड़कर बीजेपी के विरोध की आवाज बन चुकी है। हरियाणा के चुनावों में वैसे तो कई मुद्दे होंगे पर विनेश फौगाट के बजरंग पूनिया ने जिस मुद्दे को लेकर सक्रिय हैं वो सभी मुद्दों पर भारी पड़ सकता है।

विनेश को ओलंपिक में सफलता मिलने के बाद जिस तरह हाथ से पदक फिसल गए उससे आम लोगों में उनको लेकर जबरदस्त संवेदना है। दिल्ली में कई बार विरोध प्रदर्शनों के दौरान और ओलंपिक में फाइनल नहीं खेलने दिए जाने के बाद से विनेश फोगाट को लेकर हरियाणा समेत देशभर में सहानुभूति की जबरदस्त लहर दिखाई दी थी. पेरिस से खाली हाथ मायूस होकर दिल्ली लौटीं विनेश फोगाट को देखकर कई खेलप्रेमियों के आंसू छलक पड़े थे. इसके बाद टीवी, रेडियो, अखबारों और सोशल मीडिया में विनेश फोगाट की तस्वीरों की लहर चल पड़ी. ज्यादातर तस्वीरों में उनके साथ बजरंग पूनिया भी दिखे थे। विनेश के राजनीतिक अखाड़े में उतरने से जाहिर है कि ब्रजभूषण शरण सिंह विवाद की फिर से हर गली चौक चौबारे पर चर्चा होगी। जो चुनाव परिणाम के लिए गेमचेंजर भी साबित हो सकता है।जो मौजूदा सरकार के खिलाफ किसानों की नाराजगी, जाटों की नाराजगी आदि को और बल प्रदान करेगा।

महिला, खिलाड़ियों, युवाओं को संदेश

राजनीति के जानकारों का मानना है कि विनेश के कांग्रेस में आने से महिला वोटरों खासकर युवा लड़कियों को भी कांग्रेस की तरफ से एक संदेश जाएगा। पार्टी विनेश और बजरंग के जरिये जाट वोटरों में मजबूती के साथ ही महिलाओं के अलावा युवाओं और खिलाड़ियों को भी अपने पाले में लाने में कामयाब होती दिख रही है। इसका असर चुनाव पर दिखना स्वाभाविक है।

राजनीति में असरदार जाट बिरादरी का मिलेगा साथ!

पिछले साल पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का असर लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला था। बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला हुआ था। एनडीए और कांग्रेस दोनों को 5-5 सीटों पर जीत मिली थी। हरियाणा की राजनीति में जाटों की अहम भूमिका है। जाटों की आबादी 22 फीसदी से अधिका है। विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया दोनों हरियाणा की राजनीति में असरदार जाट बिरादरी से संबंध रखते हैं। हरियाणा में रोहतक, सोनीपत, हिसार, भिवानी, जींद, कैथल, चरखी दादरी और सिरसा तक जाट समुदाय ही कई विधानसभा सीटों पर जीत-हार का फैसला करता है। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से इन इलाकों की 36 विधानसभा सीटों पर जाट वोटर्स निर्णायक साबित होते हैं। इसलिए कांग्रेस ने हुड्डा परिवार की पैरवी, सहानुभूति लहर और जाट समुदाय के वोटों की उम्मीद में विनेश फोगाट के पक्ष में दांव लगाया है।