देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जयंती पर काव्य गोष्ठी आयोजित
संभल।जनपद संभल की चंदौसी में भारतीय मानव कल्याण समिति के तत्वाधान में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की जयंती विनायक मार्ग स्थित भोलेनाथ वाटिका में भव्य रूप में मनाई। जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व पालिकाध्यक्ष रेनु कुमारी विशिष्ट अतिथि डॉ वीरेश कुमार,डॉ मोहनलाल पाल द्वारा अहिल्याबाई होलकर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित एवं पुष्प अर्पित करके किया गया ।
भारतीय मानव कल्याण समिति के प्रबन्धक डॉ टीएस पाल ने कहा 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के चांडी (वर्तमान अहमदनगर) गांव में जन्मी अहिल्याबाई होल्कर को भारतीय इतिहास की सबसे बेहतरीन महिला शासकों में से एक माना जाता है. उनके पिता मनकोजी शिंदे धनगर परिवार के वंशज थे और गांव के पाटिल थे.अहिल्याबाई एक ऐसी भारतीय रानी थी,जिसने न सिर्फ समाज सुधार बल्कि राजनिति और रणभूमि में भी गौरव हासिल किया।यह कहानी है मालवा की महारानी अहिल्याबाई होल्कर की जिन्हें आज भी मराठा लोग राजमाता कहते हैं।
डॉ वीरेश कुमार ने कहा अहिल्याबाई बचपन से ही बहुत तेज दिमाग वाली थीं. उनके पिता भी हमेशा उन्हें ज्ञान-ध्यान की बातें सिखाते थे. उन्होंने कभी भी अहिल्याबाई को बेटी होने के कारण कम नहीं आंका, बल्कि उन्हें हमेशा आगे बढ़ने की शिक्षा दी. यह उनके पिता की ही सीख थी कि अहिल्याबाई गांव में सबकी मदद करती थीं. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रख्यात शायर विनीत आशना ने पढ़ा "कमी आ जाएगी क्या यार कुछ तेरे खजाने में ,जरा सी बात करने में जरा सा मुस्कराने में। हिमाशु भारद्वाज ने कुछ यूं पढ़ा " शत्रु सम्मुख घुटनों पर गिर जीवन पाना भी ठीक नहीं,ऐसे मरने से पहले ही तो मर जाना भी ठीक नहीं।"संचालन करते हुए कवि डॉ जयशंकर दुबे ने सुनाया एक जुझारू अहिल्या न होती, महिला जाति शर्मसार होती।"
इस दौरान शकुंतला देवी,हरीश कठेरिया,मुनेश धनगर,मोहित कुमार,विक्रम सिंह,रोशन लाल, दिनेशचंद चीनी,शैलेंद्र कुमार वार्ष्णेय, सतीश कुमार दुबे,बीना वार्ष्णेय,दुर्गेश पाल,बृजेंद्र प्रसाद तिवारी, सुशील भोलेनाथ,राजेश पाल, चंद्रपाल सिंह, सुभाष चंद्र भोलेनाथ,गुलशन कुमार, ओमप्रकाश गुप्ता,संजय सैनी,आकाश शर्मा, प्रभात कृष्णा, अभिषेक गुप्ता, श्याम सुंदर दुबे, मुकेश कुमार वार्ष्णेय,राजेश कुमार,मुनीश वार्ष्णेय,श्रीगोपाल,अंकित कुमार आदि उपस्थित रहे।
Jun 03 2024, 15:01