आज की शिक्षा प्रणाली बच्चों को बना रही दुर्बल - स्वामी शशंकानंद
शिक्षा से स्वरोजगार के लिए बच्चों को शिक्षक करें प्रेरित - आशुतोष
सिंदरी । शिक्षा से स्वरोजगार की ओर ले जाने के लिए शिक्षकों को जागृत करने के उद्देश्य से डीएवी स्कूल सिंदरी में तीन दिवसीय शिक्षक क्षमता संवर्धन कार्यशाला की शुरुआत शुक्रवार को की गई। कार्यशाला के मुख्य अतिथि चंदनकियारी मामरकुदर कोलबिंदी के स्वामी रामकृष्ण आश्रम से आए स्वामी शशंकानंद ने आज की शिक्षा प्रणाली को दुर्बल, असहाय, पराधीन और परमुखापेक्षी बनाने वाला बताया। डीएवी दिल्ली मैनेजमेंट कमेटी के सेंटर फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि ने खेती को उत्तम रोजगार बताया। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी नौकरी से आजीविका चलाने वाला देश नहीं रहा। नयी शिक्षा नीति स्वामी विवेकानंद की बातों को चरितार्थ कर रहे हैं। भारत की गाँव में बसने वाली 80 प्रतिशत जनता खेती को छोड़कर शहर में नौकरी की तलाश में निकल पड़ी है। इससे बचने की भावना शिक्षक ही जागृत कर सकता है। डीएवी स्कूल सिंदरी प्राचार्य आशुतोष कुमार ने कहा कि अधिकांश बच्चे पिछली कक्षाओं की गलतियों को सुधारे बगैर आगे बढ़ जाते हैं। गलतियों के बोझ से उनके मन मस्तिष्क में तनाव बढ़ जाता है। इससे नकारात्मक सोच बढ़ती है। शिक्षक का काम है कि उनकी क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करे। ताकि वे अपने अध्ययन में पूरे मनोयोग से लग जाएँ। कार्यशाला में डीएवी सिंदरी, कुसुण्डा, कोयला नगर, अलकुसा, मुनीडीह, लोदना, मुगमा से विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, शारीरिक शिक्षा, संगीत व जीव विज्ञान के 150 शिक्षक शिक्षिकाएँ मौजूद थे।
Mar 31 2024, 20:32