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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिया भारत रत्न, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रहे मौजूद

डेस्क: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को रविवार को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों आडवाणी को ये सम्मान मिला। बता दें कि इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी लालकृष्ण आडवाणी के बगल में बैठे दिखाई दिए। इससे पहले लालकृष्ण आडवाणी के घर गृहमंत्री अमित शाह पहुचे थे। अमित शाह के अलावा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी आडवाणी के घर पहुंचे थे। बता दें कि इस साल एमएस स्वामीनाथन, लाल कृष्ण आडवाणी, कर्पूरी ठाकुर, नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।

किसने स्वीकार किया भारत रत्न

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में पूर्व प्रधानमंत्रियों पी वी नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह, कृषि मंत्री एम एस स्वामीनाथन तथा बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न मरणोपरांत प्रदान किया। राव, सिंह, ठाकुर और स्वामीनाथन को दिए गए पुरस्कार उनके परिवार के सदस्यों ने लिए। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के लिए मुर्मू से यह सम्मान उनके पुत्र पी वी प्रभाकर राव ने स्वीकार किया। चौधरी चरण सिंह के लिए उनके पोते और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने राष्ट्रपति से यह सम्मान स्वीकार किया। 

राष्ट्रपति ने दिया भारत रत्न

स्वामीनाथन की ओर से उनकी बेटी नित्या राव और कर्पूरी ठाकुर की ओर से उनके बेटे रामनाथ ठाकुर ने राष्ट्रपति मुर्मू से यह पुरस्कार लिया। इस समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सरकार ने इस साल राव, सिंह, ठाकुर और स्वामीनाथन के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री एल के आडवाणी को भारत रत्न पुरस्कार देने की घोषणा की थी। बता दें कि शनिवार को समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने भी मांग की थी कि मुलायम सिंह यादव को भी भारत रत्न दिया जाना चाहिए।

कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया “टैक्स आतंकवाद” का आरोप, जानें पूरा मामला

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लोकसभा चुनाव से पहले आयकर विभाग ने कांग्रेस को 1823 करोड़ रुपये के भुगतान का नोटिस जारी किया है। आयकर विभाग से मिले 1823 करोड़ रुपए के नोटिस को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नोटिस जारी किया, लेकिन बीजेपी को लेकर आंखें बंद कर ली हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आयकर विभाग के इस एक्शन पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले 'टैक्स टेररिज्म' के जरिए विपक्ष पर हमला किया जा रहा है। 

आयकर विभाग की ताजा नोटिस पर कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन और जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मांग की कि पिछले सात आठ वर्षों के लिए जिन आधारों पर कांग्रेस से 1820 करोड़ रुपए की वसूली का नोटिस दिया गया है उस कसौटी पर भाजपा से 4600 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली की जाए।

अजय माकन ने संवादादाताओं से कहा, कल हमें आयकर विभाग से 1823.08 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए नए नोटिस मिले हैं। पहले ही आयकर विभाग ने हमारे बैंक खाते से जबरन 135 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। उनके मुताबिक, इन 1823 करोड़ रुपये में से 53.9 करोड़ रुपये की मांग वित्त वर्ष 1993-94 के कर आकलन के आधार पर की गई है जब सीताराम केसरी कांग्रेस के अध्यक्ष थे। माकन की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, आयकर विभाग ने वर्ष 2016-17 के लिए 181.99 करोड़ रुपये, 2017-18 के लिए 178.73 करोड़ रुपये, 2018-19 के लिए 918.45 करोड़ रुपये तथा 2019-20 के लिए 490.01 करोड़ रुपये के नोटिस दिए हैं। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस को आर्थिक रूप से पंगु किया जा रहा है। माकन ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले समान अवसर की स्थिति को खत्म करने के लिए यह सब किया जा रहा है तथा लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया, आयकर विभाग के जिन नियमों की आड़ में कांग्रेस को परेशान किया जा रहा है, उन्हीं नियमों को लेकर भाजपा को छूट दी जा रही है। कांग्रेस का 14 लाख रुपए का वायलेशन बताकर भाजपा के आयकर विभाग’ ने कांग्रेस के 135 करोड़ रुपए ले लिए। लेकिन भाजपा को 42 करोड़ रुपये का चंदा देने वालों का न कोई नाम है, न कोई पता है, उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। माकन का कहना था, आयकर विभाग ने भाजपा के 42 करोड़ रुपये से संबंधित नियमों के उल्लंघन पर तो आंख पर पट्टी बांध ली, लेकिन कांग्रेस के 14 लाख रुपये जो कि हमारे 23 नेताओं ने दिए हैं, जिनके नाम और पते भी हैं, उसके आधार पर हमारे 135 करोड़ रुपये छीन लिए। उन्होंने कहा कि भाजपा से 4617 करोड़ रुपये वसूले जाने चाहिए। माकन का कहना था कि वह इस मामले में अदालत में जनहित याचिका दायर करने के बारे में भी विचार कर रहे हैं।

भारत के पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, भारतीय अर्थवयवस्था गंभीर संकट में, भाजपा के तथाकथित डॉक्टरों को परवाह नहीं

कांग्रेस ने एक बार फिर अर्थव्यवस्था को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के तथाकथित डॉक्टरों को इसकी परवाह नहीं है। एक्स पर एक पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा का दावा है कि 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में होगी, लेकिन इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं है कि शुद्ध विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) प्रवाह में 31 प्रतिशत की गिरावट क्यों आई है। एफडीआई किसी देश, सरकार और उसकी नीतियों में विदेशी निवेशकों के भरोसे का पैमाना है। चिदंबरम ने कहा कि 2023-24 में इस तरह के आत्मविश्वास में तेजी से गिरावट आई है।

इसीलिए वे भारत से पैसा बाहर ले जा रहे 

चिदंबरम ने कहा कि भाजपा खुद को प्रमाणपत्र देती है। लेकिन अच्छा प्रमाणपत्र विदेशी और भारतीय निवेशकों से आना चाहिए। भारतीय निवेशकों ने पिछले तीन वर्षों के दौरान भाजपा सरकार की नीतियों पर कोई भरोसा नहीं जताया है। विदेशी निवेशकों को बीजेपी की गलत नीतियों और भारतीय अर्थव्यवस्था के अक्षम प्रबंधन का एहसास हो गया है। इसीलिए वे भारत से पैसा बाहर ले जा रहे हैं। पूर्व वित्तमंत्री ने आगे कहा कि ब्याज दरें ऊंची हैं, वास्तविक मजदूरी स्थिर है, बेरोजगारी बढ़ रही है और घरेलू खपत गिर रही है। ये गंभीर संकट में फंसी अर्थव्यवस्था के संकेत हैं। भाजपा के तथाकथित डॉक्टर इसे नहीं समझते हैं। वे इसकी परवाह नहीं करते।

पहले भी साध चुके हैं निशाना

इससे पहले, चिदंबरम ने कहा था कि 22 फरवरी से 7 मार्च तक प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के लिए 17,300 करोड़ रुपये सहित देश के लिए 5.90 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की घोषणा की थी। केंद्रीय बजट में इनका कोई उल्लेख नहीं मिला। मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बेरोजगारी की समस्या के समाधान पर ठोस कदम नहीं उठाया है। चिदंबरम ने कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में दोबारा सत्ता में आती है, तो अग्निपथ योजना को खत्म कर दिया जाएगा।

लोकसभा चुनाव : राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया की गतिविधियों पर चुनाव आयोग की नजर, बिना अनुमति किया प्रचार तो होगी कार्रवाई

 लोकसभा चुनाव का आगाज होने के साथ ही राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया की गतिविधियों पर चुनाव आयोग की नजर है। चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला एवं राज्यस्तरीय मीडिया कोषांग में सोशल मीडिया सेल अलग से गठित किया गया है। यहां सभी राजनीतिक दलों एवं उनके प्रत्याशियों के सोशल मीडिया एकाउंट की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। सोशल मीडिया कोषांग में विशेषज्ञों की तैनाती की गयी है। जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और कंप्यूटर तकनीक से परिचित हैं।

बिहार में लोकसभा चुनाव में शामिल सभी राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय दलों का अपना-अपना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। जहां वे पार्टी की विचारधारा एवं प्रमुख गतिविधियों को पोस्ट करते हैं। इनमें भाजपा, कांग्रेस, जदयू, राजद, लोजपा-रामविलास, हिन्दुस्तानी आवाम पार्टी (सेक्यूलर) सहित अन्य प्रमुख दल शामिल हैं।

 

निर्वाचन विभाग के अनुसार चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश के तहत सोशल मीडिया एकाउंट पर बिना अनुमति के प्रत्याशी ने चुनाव प्रचार किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही, किसी प्रत्याशी के समर्थन में भी पोस्ट होने पर प्रत्याशी को जवाब देना होगा। इनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, ह्वाटसएप, एक्स शामिल है। इन सभी सोशल मीडिया माध्यमों को आदर्श आचार संहिता के दायरे में लाया गया है।

विभाग के अनुसार यदि किसी खबर के माध्यम से किसी दल अथवा किसी प्रत्याशी विशेष का चुनाव का प्रचार किया जाता है, तो ट्विटर, फेसबुक, यू-ट्यूब, विकिपीडिया जैसे सोशल मीडिया पर प्रचार सामग्री पोस्ट करने से पहले नियमों के तहत निर्वाची पदाधिकारी से अनुमति लेनी होगी। इन माध्यमों से कोई विज्ञापन दिया जाता है तो उसका प्रमाणीकरण भी कराना होगा।

आदर्श आचार संहिता के तहत हो सकती है कार्रवाई

बिहार में चुनाव के पूर्व से ही बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का कार्यालय सह निर्वाचन विभाग, बिहार पुलिस भी अपने-अपने सोशल मीडिया पर सक्रिय है। बिहार पुलिस के सोशल मीडिया पर दस लाख से भी अधिक फॉलोवर्स हैं। राजनीतिक दलों व उनके उम्मीदवारों के लिए अनैतिक रुप से सोशल मीडिया का अपने पक्ष में उपयोग और विपक्ष पर हमला करना मुश्किल पड़ सकता है, उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है।

कौन है वो शख्स जिसने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका और यूएन उठाया सवाल, अपने ही देश बांग्लादेश से हो चुका है भगोड़ा घोषित

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी और अमेरिका के बाद संयुक्त राष्ट्र ने भी टिप्पणी की है।हालांकि भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इसका जवाब दे दिया गया है। क्या आप जानते हैं कि अमेरिका और यूएन ने यूं ही भारत को लेकर टिप्पणी नहीं की है। बल्कि, अमेरिकी विदेश विभाग और संयुक्त राष्ट्र की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उनसे सवाल पूछे गए थे, जिनकी जवाब के दौरान भारत के आंतरिक मामलों लेकर प्रतिक्रिया आई। अब सवाल ये उठता है कि आखिर अमेरिकी विदेश विभाग और संयुक्त राष्ट्र की प्रेस ब्रीफिंग में भारत में केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर सवाल किसने उठाए थे? तो जान लें कि सवाल उठाने वाले उस पत्रकार का नाम मुश्फिकुल फजल अंसारे है जो बांग्लादेशी नागरिक है और अमेरिका के वॉशिंगटन में रहता है।

अंसारे ने मैथ्यू मिलर से पूछा था ये सवाल

बता दें कि अंसारे ने अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से सवाल पूछा था कि एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार ‘भारत में लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष पर कार्रवाई तेज हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के संबंध में टिप्पणियों पर भारत द्वारा अमेरिकी राजनयिक को तलब करने पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है, और आप विपक्षी पार्टी के बैंक खाते की हेराफेरी पर भारत में हालिया राजनीतिक उथल-पुथल को कैसे देखते हैं?’

अमेरिका ने दी थी ये प्रतिक्रिया

सवाल के जवाब में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी सहित इन कार्रवाईयों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम कांग्रेस पार्टी के आरोपों से भी अवगत हैं कि कर अधिकारियों ने उनके कुछ बैंक खातों को इस तरह से फ्रीज कर दिया है जिससे आगामी चुनावों में प्रभावी ढंग से प्रचार करना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा, और हम इनमें से प्रत्येक समस्या के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रियाओं की मांग करते हैं। हमें नहीं लगता कि किसी को इस पर आपत्ति होनी चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता के भी पूछा वही सवाल

अंसारे ने 28 मार्च को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान वीडियो लिंक के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता से भी यही सवाल पूछा था। इस पर प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने जवाब दिया था कि हमें उम्मीद है कि ‘भारत में वैसा ही होगा, जैसा कि चुनाव वाले किसी भी देश में होता है। राजनीतिक और नागरिक अधिकारों सहित सभी के अधिकार सुरक्षित होते हैं और हर कोई ऐसे माहौल में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान करने में सक्षम होता है।’ 

भारत विरोधी बातें फैलाने में माहिर

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंसारे का भारत विरोधी बातें फैलाने का इतिहास रहा है और वह बांग्लादेश का भगोड़ा भी है। अंसारे अपने लेखों में अक्सर बांग्लादेश के राजनीतिक घटनाक्रम के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। अपनी साख का उपयोग कर कई बार अमेरिका को भारत के मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित कर चुका है।

कौन हैं मुश्फिकुल फज़ल

मुश्फिकुल फज़ल (अंसारे) के फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार, वह साउथ एशिया पर्सपेक्टिव्स का कार्यकारी संपादक, राइट टू फ्रीडम का कार्यकारी निदेशक, जस्ट न्यूज बीडी के लिए व्हाइट हाउस संवाददाता है। इसके साथ ही इस बात का भी दावा किया जाता रहा है कि जमात-ए-इस्लामी और बीएनपी मुश्फिकुल फजल अंसारे के संगठन राइट टू फ्रीडम को फंड देते हैं।

चौधरी चरण सिंह-आडवाणी, नरसिंह राव समेत पांत हस्तियों को मिला भारत रत्न, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित*
#bharat_ratna_2024
राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज भारत सरकार द्वारा चयनित पांच विभूतियों को भारत रत्न से सम्मानित किया।राष्ट्रपति मुर्मू ने स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व पीएम नरसिंह राव, पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया है।राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस समारोह में केवल लाल कृष्ण अडवानी को छोड़कर अन्य चार विभूतियों को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान दिया गया। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव का भारत रत्न अवार्ड उनके बेटे - पी वी प्रभाकर राव ने रिसिव किया। इसी तरह से एम एस स्वामीनाथन का भारत रत्न अवार्ड उनकी बेटी डा. नित्या राव ने लिया है। कर्पूरी ठाकुर का भारत रत्न अवार्ड उनके बेटे रामनाथ ठाकुर ने रिसीव किया है। जबकि चौधरी चरण सिंह का भारत रत्न अवार्ड उनके ग्रैंड सन जयंत चौधरी के हाथों में दिया गया है। 2014 में सत्ता संभालने के बाद से मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है। 2024 के 5 हस्तियों को मिलाकर इस सम्मान को अब तक हासिल करने वालों की संख्या 53 हो जाएगी।
कांग्रेस नेता की भाजपा की महिला प्रत्याशी पर विवादित टिप्पणी, कहा-खाना बनाना आता है

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कर्नाटक के कांग्रेस नेता शमनूर शिवशंकरप्पा ने भारतीय जनता पार्टी की महिला प्रत्याशी पर कुंठित टिप्पणी की है। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार गायत्री सिद्धेश्वरा को लेकर विवादित बयान दिया।पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में बोलते हुए शमनूर ने कहा कि बीजेपी उम्मीदवार केवल रसोई में खाना बनाना जानती हैं।भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार के खिलाफ उन्होंने विवादित टिप्पणी की जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है।

शिवशंकरप्पा ने गायत्री की योग्यताओं की निंदा करते हुए दावा किया कि उनमें सार्वजनिक मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने की क्षमता नहीं है। शिवशंकरप्पा ने कहा जैसा कि आप सभी जानते हैं कि वह चुनाव जीतकर मोदी को कमल का फूल खिलाना चाहती थीं।उन्होंने आगे कहा कि पहले, उन्हें दावणगेरे की समस्याओं को समझने दें। हमने (कांग्रेस) क्षेत्र में विकासात्मक कार्य किए हैं। यह जानना एक बात है कि कैसे बात करनी है, लेकिन वह केवल रसोई में खाना बनाना जानती हैं। विपक्षी दल के पास जनता के सामने बात करने की ताकत नहीं है।

भाजपा उम्मीदवार का पलटवार

गायत्री सिद्धेश्वर ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पर पलटवार किया। उन्होंने विभिन्न व्यवसायों में महिलाओं द्वारा की गई प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिवशंकरप्पा ने इस तरह से कहा कि हमें सिर्फ खाना बनाना चाहिए और रसोई में रहना चाहिए। आज महिलाएं किस पेशे में नहीं हैं? हम आसमान में भी उड़ रहे हैं। बूढ़े आदमी को नहीं पता कि महिलाओं ने कितनी प्रगति की है। वह उस प्यार को नहीं जानते, जिसके साथ सभी महिलाएं घर पर पुरुषों, बच्चों और बड़ों के लिए खाना बनाती हैं।

कांग्रेस नेता के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत

बता दें कि नेता की इस टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा इसकी निंदा की जा रही है। इस बीच भाजपा की प्रवक्ता मालविका अविनाश ने भी शिवशंकरप्पा की इस टिप्पणी के खिलाफ उनकी चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है।

सुपुर्द-ए-खाक हुआ मुख्तार अंसारी, जनाजे में शामिल हुए हजारों लोग

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माफिया मुख्तार अंसारी के शव को कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है।मुख्‍तार के बेटे उमर अंसारी और अन्‍य परिजन भी वहां मौजूद रहे। इस दौरान कब्रिस्तान के बाहर हजारों की तादाद में मुख्तार के समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा।मना करने के बावजूद लोगों ने नारा लगाना शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने ड्रोन से निगरानी करनी शुरू कर दी।

मुख्तार अंसारी का बेटा और विधायक अब्बास अंसारी को अपने पिता के जनाजे में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली। वह जेल में पूरी रात नहीं सोया। जेल अधिकारियों ने बताया कि वह पूरी रात करवट बदलता रहा। अब्बास अंसारी हाई सिक्योरिटी बैरक में पूरी रात टहलता रहा। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने पूरी रात फफक फफक कर रोता रहा अब्बास अंसारी।

बता दें कि पिता सुबहानल्ला अंसारी की कब्र के ठीक सामने मुख्तार अंसारी को दफनाया गया। उसके ठीक बगल में उसकी मां की कब्र है। यहीं पर उसके दादा और परदादाओं की कब्र भी हैं। मुख्तार अंसारी की इच्छा थी कि उसे अपने बुजुर्गों के पास ही दफनाया जाए।

माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई थी।बांदा जेल में अचानक मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज इलाज ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया है। बांदा मेडिकल कॉलेज में मुख्तार का पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद उनके शव को बेटे उमर अंसारी को सौंप दिया गया। मुख्तार की मौत के बाद से ही गाजीपुर और मऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में पुलिस हाईअलर्ट पर है। पुलिस ने सभी जिलों में पहरा बढ़ा दी है।

बहुत कम लोग जानते होंगे गैंगस्टर मुख्तार अंसारी और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी थे करीबी रिश्तेदार

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पूर्वांचल के कुख्यात अपराधी और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार को बांदा जेल में मौत हो गई। पांच बार विधायक रहे पूर्वांचल के डॉन मुख्तार अंसारी पर भले ही दर्जनों मुकदमे दर्ज हों, लेकिन उनके पारिवारिक इतिहास काफी गौरवशाली रहा है। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने बताया था कि वह अपराधी नहीं, बल्कि एक प्रतिष्ठित परिवार से है। उसके दादा स्वतंत्रता सेनानी, नाना भारतीय सेना में ब्रिगेडियर, जबकि पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में चाचा लगते हैं।

गाजीपुर जिले के यूसुफपुर निवासी माफिया मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया में पहली बार नाम वर्ष 1988 में हरिहरपुर के सच्चिदानंद राय हत्याकांड से सामने आया था। कुछ ही वर्षों में ही पूर्वांचल की तमाम हत्याओं और ठेकेदारी में मुख्तार का नाम खुलेआम लिया जाने लगा। सत्ता और प्रशासन का संरक्षण मिलने से मुहम्मदाबाद से निकलकर मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया में बड़ा नाम हो गया।मुख्तार अंसारी मूल रूप से मखनू सिंह गिरोह का सदस्य था, जो 1980 के दशक में काफी सक्रिय था। अंसारी का यह गिरोह कोयला खनन, रेलवे निर्माण, स्क्रैप निपटान, सार्वजनिक कार्यों और शराब व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में लगा हुआ था। अपहरण, हत्या व लूट सहित अन्य आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता था। जबरन वसूली का गिरोह चलाता था। मऊ, गाजीपुर, वाराणसी और जौनपुर में सक्रियता ज्यादा थी। 20 से भी कम की उम्र में मखनू सिंह गिरोह में शामिल होकर मुख्तार अपराध की सीढ़ियां चढ़ता रहा। जमीन पर कब्जा, अवैध निर्माण, हत्या, लूट, सहित अपराध की दुनिया के कुछ ही ऐसे काम होंगे, जिनसे मुख्तार का नाम न जुड़ा हो।

मुख्तार की मौत के बाद यूपी में माफियाराज का एक अध्याय हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो गया। मुख्तार अंसारी भले ही माफिया या बाहुबली रहा हो, लेकिन उसका परिवार अपने देश में एक प्रतिष्ठित परिवार था। मुख्तार के दादा स्वतंत्रता सेनानी, नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उम्मान ‘नौशेरा का शेर’ नाम से फेमस थे। यही नहीं देश के पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में मुख्तार अंसारी के चाचा लगते थे।

मुख्तार अंसारी के दादा मुख्तार अहमद अंसारी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे थे, जबकि नाना मोहम्मद उस्मान भारतीय सेना में ब्रिगेडियर थे। ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान ने 1948 के जंग में पाकिस्तान को छक्के छुड़ाते हुए शहीद हुए थे। मुख्तार अंसारी के पिता सुभानुल्लाह अंसारी भी एक राजनेता थे और उनकी छवि साफ-सुथरी थी। मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी समाजवादी पार्टी के सदस्य और 2007-2012 में गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद सीट से विधायक बने थे। वर्तमान में अगर बात करें तो सिबगतुल्लाह से छोटे अफजाल गाजीपुर से सांसद हैं, बेटा अब्बास मऊ सदर सीट से विधायक है और भतीजा सुहैब अंसारी मोहम्मदाबाद सीट से विधायक है।

मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी शॉट गन शूटिंग का इंटरनेशनल खिलाड़ी है। दुनिया के टॉप टेन शूटरों में शुमार अब्बास न सिर्फ नेशनल चैंपियन रह चुका है। बल्कि दुनियाभर में कई पदक जीतकर देश का नाम रौशन कर चुका है। लेकिन अब वो भी पिता के कर्मों की सजा भुगत रहा है। उसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

देर रात अपने घर पहुंचा मुख्तार अंसारी का शव, आज किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक, जनाजे से पहले किले में तब्दील हुआ गाजीपुर

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मुख्तार अंसारी को आज सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। इससे पहले उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की इस वक्त किलेबंदी कर दी गई है। मुख्‍तार अंसारी का थोड़ी देर में जनाजा निकलेगा। घर पर जनाजे की तैयारियां चल रही हैं। जनाने को लेकर मुख्तार के घर पर भीड़ जुटने लगी है। मुख्तार के जनाजे में शामिल होने वालों पर भी पुलिस की निगरानी है। घर से लेकर कब्रिस्तान तक पुलिस फोर्स तैनात है। चप्पे चप्पे पर बैरीकेडिंग की गई है। कब्रिस्तान में भी दफन करने की तैयारी पूरी कर ली गई है।

मुख्तार अंसारी को कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। जिसको लेकर कालीबाग कब्रिस्तान के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।मुख्तार अंसारी के आवास से कब्रिस्तान तक 900 मीटर की दूरी पर पुलिस तैनात की गई है। यूपी के कोने-कोने से सुरक्षा की खातिर पुलिस को गाजीपुर बुलाया गया है. 25 पुलिस उपाधीक्षक, 15 एडिशनल एसपी, 150 इंस्पेक्टर्स, 300 सब इंस्पेक्टर्स, 10 आईपीएस और 25 एसडीएम समेत तमाम पुलिस के आला अधिकारी और पुलिस कर्मी इस समय गाजीपुर में हैं। इसके अलावा, गाजीपुर डीएम, डीआईजी, आईजी, एडीजी जोन, सीडीओ गाजीपुर, पीएसी की 10 बटालियन, आरएएफ, यूपी पुलिस के 5000 जवान और होमगार्ड के पांच हजार जवान इस समय सुरक्षा के लिए मोहम्मदाबाद में तैनात हैं।

बता दें, गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। इसके बाद उसके शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच बांदा के पोस्टमार्टम हाउस से माफिया मुख्तार अंसारी का शव गाजीपुर लाया गया है। देर रात उसका शव बांदा से गाजीपुर पहुंचा।शुक्रवार को शाम 4:43 बजे शव का काफिला बांदा से निकला जो देर रात 1:15 बजे गाजीपुर के मुहम्मदाबाद में मुख्तार के आवास पर पहुंचा। बताया जा रहा है कि घर के पीछे के रास्ते शव लाया गया है।

माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात हार्ट अटैक (कार्डिया अरेस्ट) से मौत हो गई। मुख्तार को मौत से करीब तीन घंटे पहले ही इलाज के लिए मंडलीय कारागार से मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां नौ डॉक्टरों की टीम उसके इलाज में जुटी थी। रात करीब साढ़े दस प्रशासन ने मुख्तार की मौत की सूचना सार्वजनिक की।