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लोकसभा चुनाव में बेहिसाब खर्च नहीं कर सकेंगे उम्मीदवार, चाय से लकर समोसे तक का मेन्यू तैयार, जानें कहां कितना कर सकेंगे खर्च

#election_panel_fix_rates_for_expenditure_lok_sabha_chunav 

देश का माहौल चुनावमय हो गया है। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद पूरे देश में चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है। सभी राजनीतिक दल जोर-शोर से प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। वहीं चुनावी प्रचार को देखते हुए चुनाव आयोग भी सख्ती बरत रहा है। वहीं, उम्मीदवारों के खर्च पर भी भारतीय निर्वाचन आयोग की नजर रहेगी। इसलिए चुनाव प्रचार में इस्तेमाल होने वाली हर छोटी से छोटी चीज के दाम तय किए गए हैं। 

लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न जिला निर्वाचन समितियां चुनाव खर्च पर निगरानी की प्रक्रिया के तहत खर्च के लिए दर तय कर रही हैं।उम्मीदवारों को तय सीमा के भीतर ही खर्च करना होगा। पंजाब के जालंधर में लोकसभा चुनाव में खड़े उम्मीदवार अपने प्रचार अभियान और जनसभाओं के दौरान लोगों को जलपान कराने के लिए एक कप चाय और एक समोसे के लिए 15-15 रुपये खर्च कर सकते हैं। हालांकि, मध्य प्रदेश के मंडला में प्रत्याशी एक कप चाय के लिए सात रुपये और एक समोसे के लिए 7.5 रुपये खर्च कर सकता है। जी हां, अगर उम्मीदवार अपने कार्यकर्ता के लिए चाय, पानी और खाने का प्रबंध करता है, तो उसका हिसाब चुनाव आयोग की तरफ से तय दाम के अनुसार देना होगा। यानी, उम्मीदवारों को निर्धारित सीमा के अंदर ही खर्च करना होगा।

पंजाब में खर्च की सीमा 

जिला पैनल के द्वारा तय की गई खर्च की तय सीमा के अनुसार पंजाब के जालंधर में उम्मीदवार एक कप चाय के लिए 15 रुपये तक खर्च कर सकते हैं और लोकसभा चुनाव में सार्वजनिक बैठकों और प्रचार अभियानों के दौरान लोगों को एक समोसा देने के लिए भी 15 रुपये ही खर्च कर सकते हैं। वहीं जालंधर में छोले भटूरे की कीमत 40 रुपये तय की गई है, जबकि मटन और चिकन की कीमत 250 और 500 रुपये किलोग्राम है। इसके अलावा लस्सी और निंबू पानी की कीमत 15 से 20 रुपये प्रति गिलास है।

एमपी में सबसे सस्ती चाय

मध्य प्रदेश के मंडला में एक कप चाय के लिए सात रुपये और समोसा के लिए 7.50 रुपये खर्च कर सकते हैं। मध्य प्रदेश के बालाघाट में अगर कोई उम्मीदवार अपने कार्यकर्ता को चाय पिलाता है, तो प्रति चाय पांच रुपये चुनाव खर्च में जुड़ेगा। वहीं, समोसे की कीमत 10 रुपये से अधिक है। इतना ही नहीं इसके रेट कार्ड में इडली, सांभर वड़ा और पोहा-जलेबी भी शामिल है। इसके लिए 20 रुपये की कीमत तय की गई है, जबकि डोसा और उपमा के लिए उम्मीदवार 30 रुपये प्रति प्लेट खर्च कर सकता है।

चेन्नई में भी दाम तय

चेन्नई की बात करें तो यहां चाय की कीमत 10 रुपये से 15 रुपये और कॉफी की कीमत 15 रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये कर दी गई है, जबकि चिकन बिरयानी की दर 2019 की तुलना में 180 रुपये से घटाकर 150 रुपये प्रति पैकेट कर दी गई है। 

मणिपुर में खर्चे की दर

हिंसा प्रभावित मणिपुर के थौबल जिले में चाय, समोसा, कचौड़ी, खजूर की कीमत 10 रुपये रखी गई है। मणिपुर के टेंग्नौपाल जिले में उम्मीदवारों को काली चाय के लिए 5 रुपये और दूध वाली चाय के लिए 10 रुपये खर्च की सीमा तय की गई। इस लिस्ट में बत्तख और सूअर के मांस के साथ मांसाहारी खाना अधिक शामिल है, जिनकी कीमत क्रमशः 300 रुपये और 400 रुपये प्रति किलोग्राम है। चिकन (ब्रॉयलर) और रोहू, मृगल और सारेंग जैसी मछलियां भी सूची में हैं।

नोएडा में 100 रूपये की शाकाहीरा थाली

नोएडा के गौतम बुद्ध नगर के खर्च कार्ड पर नजर डाले तो शाकाहारी थाली 100 रुपये, एक समोसा या एक कप चाय 10 रुपये, कचौड़ी 15 रुपये, सैंडविच 25 रुपये और एक किलो जलेबी 90 रुपये किलो तय की गई है। 

खर्च की सीमा प्रति उम्मीदवार 75 लाख से 95 लाख रुपये तक

ज्यादातर राज्यों में लोकसभा उम्मीदवार के लिए खर्च की सीमा 95 लाख रुपये निर्धारित है। हालांकि, अरुणाचल प्रदेश, गोवा और सिक्किम में यह सीमा थोड़ी कम यानी 75 लाख रुपये प्रति उम्मीदवार है। इसी तरह, केंद्र शासित प्रदेशों के लिए, खर्च की सीमा जगह के हिसाब से प्रति उम्मीदवार 75 लाख रुपये से 95 लाख रुपये तक है।

क्या लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा मुख्तार की मौत का असर? पूर्वांचल के चार-पांच जिलों में बोलती थी माफिया का तूती

#mukhtar_ansari_death_impact_onlok_sabha_elections 

पूर्वांचल का दिल कहे जाने वाले मऊ जिले में सदर के पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर शाम बांदा में हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह बांदा जेल में बंद था और काफी बीमार था।मुख्तार अंसारी मऊ से रिकॉर्ड पांच बार विधायक रहा। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल को माफिया मुख्तार का गढ़ मना जाता रहा है। उत्‍तर प्रदेश के पूर्वांचल के लगभग दो दर्जन लोकसभा और 120 व‍िधानसभा सीटों पर माफिया मुख्तार अंसारी का सीधा या आंशिक प्रभाव माना जाता रहा है। कभी पूर्वांचल के वाराणसी, गाजीपुर, बल‍िया, जौनपुर और मऊ में मुख्‍तार अंसारी की तूती बोलती थी। इन जिलों में मुख्‍तार अंसारी और इसके कुनबे का दबदबा माना जाता रहा। यही वजह थी कि कभी मुलायम तो कभी मायावती ने मुख्तार को अपनाया। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या मुख्तार की मौत का लोकसभा चुनाव पर असर पड़ेगा?

मुख्तार अंसारी का असर पूर्वांचल के चार-पांच जिलों पर बहुत मजबूती से है। मुख्तार अंसारी भले ही मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं, लेकिन सियासी तूती पूर्वांचल के मऊ, गाजीपुर, बलिया, बनारस और आजमगढ़ की करीब दो दर्जन विधानसभा सीटों पर बोलती है। पूर्वांचल के इस इलाके की राजनीति में पिछले पच्चीस सालों से मुख्तार अंसारी अहम भूमिका अदा करते आ रहे हैं।

मऊ वह जगह है, जहां से मुख्तार लगातार पांच बार विधायक रहा। मुख्तार अंसारी 1996 में पहली बार बसपा से मऊ सदर से विधायक बना और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुख्तार ने मऊ को अपना गढ़ बनाया और यहां से लगातार पांच बार 2022 तक विधायक रहा। मुख्तार अंसारी ने 2002 में बसपा से टिकट न मिलने पर निर्दल मऊ सदर से चुनाव लड़ने का फैसला किया और जीत हासिल की उसके बाद उसने अपनी खुद की पार्टी का गठन किया और कौमी एकता दल के नाम से चुनाव मैदान में उतरा और लगातार 2 बार जीत हासिल की।फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी ने एक बार फिर बसपा का दामन थामा और अपने पार्टी कौमी एकता दल का बसपा में विलय कर लिया। इस चुनाव में भी उसे आसानी से जीत मिली। 2022 के विधानसभा चुनाव में उसने किन्हीं कारणों से चुनाव लड़ने से मना कर दिया और इस सीट पर अपने बेटे अब्बास अंसारी को मैदान में उतारा और मुख्तार की विरासत मऊ सदर पर अब्बास ने जीत हासिल कर ली।

मुख्तार अंसारी का अपराध जगत में ही नहीं सियासी गलियारों में भी सिक्का चलता था। साल 2014 के आम चुनावों में मोदी लहर का बोलबाला था। मगर इसके बावजूद यूपी की कुछ सीटों पर मुख्तार अंसारी का दबदबा कायम रहा। मोदी लहर भी मुख्तार के खौफ को कम ना कर सकी। ऐसे में मुख्तार की मौत पर सियासी दलों ने सरकार को घेरने की कवायद शुरू कर दी है। बसपा, आरजेडी, कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी और एआईएमआईएम तक ने पांच बार के विधायक और बाहुबली मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। मायावती से लेकर अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी तक न्यायिक जांच की मांग उठा रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो मुख्तार अंसारी की मौत के सहारे विपक्षी दलों की कोशिश मुस्लिम वोटों के विश्वास को जीतना है, क्योंकि मुख्तार मुस्लिम समुदाय से आते हैं। पूर्वांचल के कई जिलो में मुस्लिम वोटर काफी बड़ी संख्या में है। अखिलेश यादव से लेकर मायावती तक मुस्लिम वोटों को सियासी संदेश देने के लिए ही मुख्तार की मौत पर सवाल खड़े कर रहे हैं और सरकार को घेर रहे. इसके बहाने यह बताने की कोशिश हो रही है कि मुख्तार अंसारी की मौत स्वाभाविक नहीं है बल्कि एक साजिश के तहत उन्हें मारा गया। ऐसा ही मुस्लिम समुदाय के लोग मान भी रहे हैं, जिसे समझते हुए विपक्षी दल सरकार को घेर रहे हैं।

वहीं, मुख्तार अंसारी के मामले में विपक्ष के लिए रिवर्स पॉलराइजेशन का भी खतरा है।इसीलिए सपा, बसपा और आरजेडी तक मुख्तार अंसारी के परिवार के आरोपों को ही अपनी ढाल बना रहे हैं। मुख्तार की मौत से सहानुभूति का फायदा गाजीपुर और मऊ सीट पर मिल सकता है, लेकिन बाकी जगह पर चुनाव लाभ की बहुत ज्यादा संभावना नहीं है। मुख्तार अंसारी दो दशक से जेल में बंद है और योगी सरकार के आने के बाद कानून व्यवस्था मजबूत हुई है। इसीलिए मुख्तार अंसारी का सियासी ग्राफ बहुत ज्यादा बढ़ नहीं पाया और न ही उनके परिवार का।

ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में क्या बीजेपी मुख्तार की हुकूमत वाली यूपी की इन सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब होगी या मुख्तार की मौत के बाद भी गाजीपुर, जौनपुर और आजमगढ़ की सीट बीजेपी की पहुंच से दूर ही रहेंगी।

कम नहीं हो रही कांग्रेस की मुश्किलें, इनकम टैक्स से मिला 1700 करोड़ का नोटिस

#income_tax_deptt_issues_1700_crore_notice_to_congress

लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सभी पार्टियां चुनावी रणनीति पर फोकस कर रही हैं। हालांकि, कांग्रेस दूसरी मुश्किलों में अटकी पड़ी है। एक बाद एक मामले कांग्रेस की मुश्किलें लगातार बढ़ा रहे हैं। अब आयकर विभाग ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी को नोटिस भेजा है। आईटी विभाग ने कांग्रेस पार्टी को 1700 करोड़ का रिकवरी नोटिस भेजा है। आईटी विभाग द्वारा भेजी गई नोटिस में टैक्स के साथ ही जुर्माना और और ब्याज भी जोड़ा गया है। इससे पहले गुरूवार को कांग्रेस ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 2017-2021 के लिए आयकर विभाग के जुर्माने की दोबारा जांच की मांग की थी, लेकिन अदालत ने कांग्रेस की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद पार्टी को नोटिस भेजा गया है।

आयकर विभाग के नोटिस ने लोकसभा चुनाव 2024 के बीच कांग्रेस की परेशानी और बढ़ा दी है। नए नोटिस को लोकसभा चुनाव से पहले नकदी संकट से जूझ रही कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है। 1700 करोड़ का नया नोटिस मिलने के बाद शुक्रवार दोपहर में कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें अजय माकन ने बताया विभाग ने पुराने रिटर्न केस को फिर से खोलकर कांग्रेस के खिलाफ पूर्व नियोजित अभियान शुरू किया है। भाजपा भी टैक्स लॉ का गंभीर उल्लंघन कर रही है। विभाग को उससे 4,600 करोड़ रुपए से ज्यादा की मांग करनी चाहिए।

गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस के खिलाफ चार साल के लिए पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही के आयकर विभाग के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस पार्टी की याचिका खारिज कर दी थी। हाल ही में कोर्ट ने 2014 से 2017 वर्ष बीच के करों के पुनर्मूल्यांकन के खिलाफ कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अलग-अलग आकलन वर्षों से संबंधित चार याचिकाएं खारिज कर दीं। ये याचिकाएं मूल्यांकन वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 से संबंधित थीं। इससे पहले 22 मार्च को, अदालत ने 2014-15, 2015-16 और 2016-17 के आकलन वर्षों के लिए आयकर विभाग द्वारा शुरू की गई पुन: मूल्यांकन कार्यवाही को चुनौती देने वाली कांग्रेस द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था। 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस से करीब 105 करोड़ रुपये का बकाया कर वसूलने के आयकर नोटिस पर रोक लगाने से इनकार करने के आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के फैसले को बरकरार रखा है।हालांकि, अदालत ने कांग्रेस पार्टी को अपनी शिकायतों के साथ नए सिरे से आईटीएटी में जाने की स्वतंत्रता दी है। 

देश की सबसे पुरानी पार्टी ने हाल ही में आयकर वसूली के खिलाफ आईटीएटी का दरवाजा खटखटाया था और उनके बैंक खातों की वसूली और फ्रीज करने की आयकर विभाग की कार्यवाही पर रोक लगाने की भी मांग की थी। कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा था कि आयकर विभाग ने सुनवाई के नतीजे का इंतजार किए बिना बैंकों के पास पड़ी शेष राशि को फ्रीज कर दिया। पार्टी ने अपील की थी कि जब तक स्थगन आवेदन का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक विभाग अपनी कार्रवाई रोक दे।

बता दें कि आयकर विभाग पहले ही कांग्रेस पार्टी के दिल्ली में स्थित बैंक खातों से 135 करोड़ रुपए वसूल चुका है। 2018-19 के लिए कांग्रेस जरूर शर्त नहीं पूरी कर पाई थी। कोर्ट में आयकर विभाग ने कहा था कि 520 करोड़ रुपए असेसमेंट में शामिल नहीं थे। दरअसल, कांग्रेस ने वर्ष की आयकर भरने की अंतिम तारीख के एक महीने बाद अपने कागज जमा किए थे और साथ ही उन नियमों का उल्लंघन किया था जिसके अंतर्गत इसे आयकर भरने से छूट मिलती। कांग्रेस ने इस वर्ष के आयकर दस्तावेजों में दिखाया था कि इसे चंदे में 14 लाख रूपए नकद में मिले। यह नियमों के विरुद्ध है। नियम है कि कोई भी पार्टी 2000 से अधिक का चंदा नकद में नहीं ले सकती। कांग्रेस ने इस नियम का उल्लंघन किया जिसके कारण इसे टैक्स में छूट नहीं मिली।

*कम नहीं हो रही कांग्रेस की मुश्किलें, इनकम टैक्स से मिला 1700 करोड़ का नोटिस*

#income_tax_deptt_issues_1700_crore_notice_to_congress लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सभी पार्टियां चुनावी रणनीति पर फोकस कर रही हैं। हालांकि, कांग्रेस दूसरी मुश्किलों में अटकी पड़ी है। एक बाद एक मामले कांग्रेस की मुश्किलें लगातार बढ़ा रहे हैं। अब आयकर विभाग ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी को नोटिस भेजा है। आईटी विभाग ने कांग्रेस पार्टी को 1700 करोड़ का रिकवरी नोटिस भेजा है। आईटी विभाग द्वारा भेजी गई नोटिस में टैक्स के साथ ही जुर्माना और और ब्याज भी जोड़ा गया है। इससे पहले गुरूवार को कांग्रेस ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 2017-2021 के लिए आयकर विभाग के जुर्माने की दोबारा जांच की मांग की थी, लेकिन अदालत ने कांग्रेस की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद पार्टी को नोटिस भेजा गया है। आयकर विभाग के नोटिस ने लोकसभा चुनाव 2024 के बीच कांग्रेस की परेशानी और बढ़ा दी है। नए नोटिस को लोकसभा चुनाव से पहले नकदी संकट से जूझ रही कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है। 1700 करोड़ का नया नोटिस मिलने के बाद शुक्रवार दोपहर में कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें अजय माकन ने बताया विभाग ने पुराने रिटर्न केस को फिर से खोलकर कांग्रेस के खिलाफ पूर्व नियोजित अभियान शुरू किया है। भाजपा भी टैक्स लॉ का गंभीर उल्लंघन कर रही है। विभाग को उससे 4,600 करोड़ रुपए से ज्यादा की मांग करनी चाहिए। गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस के खिलाफ चार साल के लिए पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही के आयकर विभाग के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस पार्टी की याचिका खारिज कर दी थी। हाल ही में कोर्ट ने 2014 से 2017 वर्ष बीच के करों के पुनर्मूल्यांकन के खिलाफ कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अलग-अलग आकलन वर्षों से संबंधित चार याचिकाएं खारिज कर दीं। ये याचिकाएं मूल्यांकन वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 से संबंधित थीं। इससे पहले 22 मार्च को, अदालत ने 2014-15, 2015-16 और 2016-17 के आकलन वर्षों के लिए आयकर विभाग द्वारा शुरू की गई पुन: मूल्यांकन कार्यवाही को चुनौती देने वाली कांग्रेस द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस से करीब 105 करोड़ रुपये का बकाया कर वसूलने के आयकर नोटिस पर रोक लगाने से इनकार करने के आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के फैसले को बरकरार रखा है।हालांकि, अदालत ने कांग्रेस पार्टी को अपनी शिकायतों के साथ नए सिरे से आईटीएटी में जाने की स्वतंत्रता दी है। देश की सबसे पुरानी पार्टी ने हाल ही में आयकर वसूली के खिलाफ आईटीएटी का दरवाजा खटखटाया था और उनके बैंक खातों की वसूली और फ्रीज करने की आयकर विभाग की कार्यवाही पर रोक लगाने की भी मांग की थी। कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा था कि आयकर विभाग ने सुनवाई के नतीजे का इंतजार किए बिना बैंकों के पास पड़ी शेष राशि को फ्रीज कर दिया। पार्टी ने अपील की थी कि जब तक स्थगन आवेदन का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक विभाग अपनी कार्रवाई रोक दे। बता दें कि आयकर विभाग पहले ही कांग्रेस पार्टी के दिल्ली में स्थित बैंक खातों से 135 करोड़ रुपए वसूल चुका है। 2018-19 के लिए कांग्रेस जरूर शर्त नहीं पूरी कर पाई थी। कोर्ट में आयकर विभाग ने कहा था कि 520 करोड़ रुपए असेसमेंट में शामिल नहीं थे। दरअसल, कांग्रेस ने वर्ष की आयकर भरने की अंतिम तारीख के एक महीने बाद अपने कागज जमा किए थे और साथ ही उन नियमों का उल्लंघन किया था जिसके अंतर्गत इसे आयकर भरने से छूट मिलती। कांग्रेस ने इस वर्ष के आयकर दस्तावेजों में दिखाया था कि इसे चंदे में 14 लाख रूपए नकद में मिले। यह नियमों के विरुद्ध है। नियम है कि कोई भी पार्टी 2000 से अधिक का चंदा नकद में नहीं ले सकती। कांग्रेस ने इस नियम का उल्लंघन किया जिसके कारण इसे टैक्स में छूट नहीं मिली।
आम आदमी पार्टी का 'केजरीवाल को आशीर्वाद' अभियान शुरू, पत्नी सुनीता ने जारी किया व्हाट्सएप नंबर

#sunita_launched_kejriwal_ko_aashirwad_campaign

मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की कस्‍टडी में हैं। गुरूवार को कोर्ट ने केजरीवाल की रिमांड अवधि 1 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल लगातार अपने पति का संदेश लेकर जनता के सामने आ रही हैं। सुनीता केजरीवाल एक बार फिर जनता से मुखातिब हुईं। 

सुनीता केजरीवाल ने शुक्रवार को एक बार अपना वीडियो मैसेज जारी किया है। सुनीता केजरीवाल ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि आज से आम आदमी पार्टी अपना नया अभियान शुरू कर रही है। सुनीता केजरीवाल ने कहा कि आज से हम केजरीवाल को आशीर्वाद मुहीम शुरू कर रहे हैं। दिल्ली वाले सीधे अपनी बातें अपने मुख्यमंत्री तक पहुंचा सकते हैं।

सीएम की पत्नी ने एक नंबर जारी करते हुए कहा कि दिल्ली के लोग इस व्हाट्सप्प नंबर पर अपना आशीर्वाद और शुभकामनाएं यहां भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस नंबर पर आप सभी के जो मैसेज आएंगे, उन्हें मैं अरविन्द केजरीवाल तक पहुंचा दूंगी। उन्होंने अपने संदेश में जो नंबर दिया है, वो इस प्रकार है- 8297324624। सुनीता केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोग इस नंबर पर अरविंद जी के लिए दुआएं, आशीर्वाद, प्यार और सुझाव भेज सकते हैं।

सुनीता केजरीवाल ने कहा, कल (गुरुवार) जो कुछ कोर्ट में अरविंद केजरीवाल ने बोला उसके लिए बहुत हिम्मत चाहिए। वह सच्चे देशभक्त हैं। इसी तरह से हमारे स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजों से लड़ते थे। मैं 30 साल से उनके साथ हूं, उन्होंने हमेशा से भ्रष्ट और तानाशाही ताक़तों को ललकारा है। क्या आप इस लड़ाई में अपने भाई, अपने बेटे का साथ नहीं देंगे?

केजरीवाल की पत्नी ने कहा मुझे कई लोगों के फोन भी आए कि उन्होंने अरविंद के लिए व्रत भी रखा है, कितना प्यार करते हैं अरविंद जी से लोग। वो सब लिखकर भेजिए। कुछ और भी अगर कहना है या कुछ भी मन में आए तो इस नंबर पर भेज दीजिए। हर परिवार का हर सदस्य लिखकर भेजे, आपका मैसेज पढ़कर उनको बहुत अच्छा लगेगा। आपका एक-एक मैसेज उन तक पहुंचेगा। उन्होंने आगे कहा कि मैं आप सबके मैसेज उनको जेल में देकर आऊंगी और उन्हें मैसेज देने के लिए आपको आम आदमी पार्टी का होने के जरूरत नहीं है। आप किसी भी पार्टी से हों या कोई भी हों अरविंद जी को मैसेज जरूर भेजें।

*आम आदमी पार्टी का 'केजरीवाल को आशीर्वाद' अभियान शुरू, पत्नी सुनीता ने जारी किया व्हाट्सएप नंबर*

#sunita_launched_kejriwal_ko_aashirwad_campaign  मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की कस्‍टडी में हैं। गुरूवार को कोर्ट ने केजरीवाल की रिमांड अवधि 1 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल लगातार अपने पति का संदेश लेकर जनता के सामने आ रही हैं। सुनीता केजरीवाल एक बार फिर जनता से मुखातिब हुईं। सुनीता केजरीवाल ने शुक्रवार को एक बार अपना वीडियो मैसेज जारी किया है। सुनीता केजरीवाल ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि आज से आम आदमी पार्टी अपना नया अभियान शुरू कर रही है। सुनीता केजरीवाल ने कहा कि आज से हम केजरीवाल को आशीर्वाद मुहीम शुरू कर रहे हैं। दिल्ली वाले सीधे अपनी बातें अपने मुख्यमंत्री तक पहुंचा सकते हैं। सीएम की पत्नी ने एक नंबर जारी करते हुए कहा कि दिल्ली के लोग इस व्हाट्सप्प नंबर पर अपना आशीर्वाद और शुभकामनाएं यहां भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस नंबर पर आप सभी के जो मैसेज आएंगे, उन्हें मैं अरविन्द केजरीवाल तक पहुंचा दूंगी। उन्होंने अपने संदेश में जो नंबर दिया है, वो इस प्रकार है- 8297324624। सुनीता केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोग इस नंबर पर अरविंद जी के लिए दुआएं, आशीर्वाद, प्यार और सुझाव भेज सकते हैं। सुनीता केजरीवाल ने कहा, कल (गुरुवार) जो कुछ कोर्ट में अरविंद केजरीवाल ने बोला उसके लिए बहुत हिम्मत चाहिए। वह सच्चे देशभक्त हैं। इसी तरह से हमारे स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजों से लड़ते थे। मैं 30 साल से उनके साथ हूं, उन्होंने हमेशा से भ्रष्ट और तानाशाही ताक़तों को ललकारा है। क्या आप इस लड़ाई में अपने भाई, अपने बेटे का साथ नहीं देंगे? केजरीवाल की पत्नी ने कहा मुझे कई लोगों के फोन भी आए कि उन्होंने अरविंद के लिए व्रत भी रखा है, कितना प्यार करते हैं अरविंद जी से लोग। वो सब लिखकर भेजिए। कुछ और भी अगर कहना है या कुछ भी मन में आए तो इस नंबर पर भेज दीजिए। हर परिवार का हर सदस्य लिखकर भेजे, आपका मैसेज पढ़कर उनको बहुत अच्छा लगेगा। आपका एक-एक मैसेज उन तक पहुंचेगा। उन्होंने आगे कहा कि मैं आप सबके मैसेज उनको जेल में देकर आऊंगी और उन्हें मैसेज देने के लिए आपको आम आदमी पार्टी का होने के जरूरत नहीं है। आप किसी भी पार्टी से हों या कोई भी हों अरविंद जी को मैसेज जरूर भेजें।
*आम आदमी पार्टी का 'केजरीवाल को आशीर्वाद' अभियान शुरू, पत्नी सुनीता ने जारी किया व्हाट्सएप नंबर*

#sunita_launched_kejriwal_ko_aashirwad_campaign  मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की कस्‍टडी में हैं। गुरूवार को कोर्ट ने केजरीवाल की रिमांड अवधि 1 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल लगातार अपने पति का संदेश लेकर जनता के सामने आ रही हैं। सुनीता केजरीवाल एक बार फिर जनता से मुखातिब हुईं। सुनीता केजरीवाल ने शुक्रवार को एक बार अपना वीडियो मैसेज जारी किया है। सुनीता केजरीवाल ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि आज से आम आदमी पार्टी अपना नया अभियान शुरू कर रही है। सुनीता केजरीवाल ने कहा कि आज से हम केजरीवाल को आशीर्वाद मुहीम शुरू कर रहे हैं। दिल्ली वाले सीधे अपनी बातें अपने मुख्यमंत्री तक पहुंचा सकते हैं। सीएम की पत्नी ने एक नंबर जारी करते हुए कहा कि दिल्ली के लोग इस व्हाट्सप्प नंबर पर अपना आशीर्वाद और शुभकामनाएं यहां भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस नंबर पर आप सभी के जो मैसेज आएंगे, उन्हें मैं अरविन्द केजरीवाल तक पहुंचा दूंगी। उन्होंने अपने संदेश में जो नंबर दिया है, वो इस प्रकार है- 8297324624। सुनीता केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोग इस नंबर पर अरविंद जी के लिए दुआएं, आशीर्वाद, प्यार और सुझाव भेज सकते हैं। सुनीता केजरीवाल ने कहा, कल (गुरुवार) जो कुछ कोर्ट में अरविंद केजरीवाल ने बोला उसके लिए बहुत हिम्मत चाहिए। वह सच्चे देशभक्त हैं। इसी तरह से हमारे स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजों से लड़ते थे। मैं 30 साल से उनके साथ हूं, उन्होंने हमेशा से भ्रष्ट और तानाशाही ताक़तों को ललकारा है। क्या आप इस लड़ाई में अपने भाई, अपने बेटे का साथ नहीं देंगे? केजरीवाल की पत्नी ने कहा मुझे कई लोगों के फोन भी आए कि उन्होंने अरविंद के लिए व्रत भी रखा है, कितना प्यार करते हैं अरविंद जी से लोग। वो सब लिखकर भेजिए। कुछ और भी अगर कहना है या कुछ भी मन में आए तो इस नंबर पर भेज दीजिए। हर परिवार का हर सदस्य लिखकर भेजे, आपका मैसेज पढ़कर उनको बहुत अच्छा लगेगा। आपका एक-एक मैसेज उन तक पहुंचेगा। उन्होंने आगे कहा कि मैं आप सबके मैसेज उनको जेल में देकर आऊंगी और उन्हें मैसेज देने के लिए आपको आम आदमी पार्टी का होने के जरूरत नहीं है। आप किसी भी पार्टी से हों या कोई भी हों अरविंद जी को मैसेज जरूर भेजें।
अमेरिका-जर्मनी के बाद केजरीवाल विवाद में संयुक्त राष्ट्र का बयान, कहा- उम्मीद है कि भारत में सभी के अधिकार सुरक्षित रहेंगे

#un_reacts_to_arvind_kejriwal_arrest_and_lok_sabha_polls 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी और अमेरिका की तरफ से प्रतिक्रिया आ चुकी है। अमेरिका और जर्मनी केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध जता चुके हैं। अब इस मामले में संयुक्त राष्ट्र की ओर से भी टिप्पणी की गई है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता महासचिव स्टेफन दुजारिक ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी, कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते को फ्रीज करने और आगामी आम चुनावों को लेकर बयान दिया गया है।

भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में इस साल चुनाव होने हैं। ऐसे में, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि वैश्विक निकाय उम्मीद करता है कि भारत और जिस भी देश में चुनाव हो रहे हैं, वहां के लोगों के राजनीतिक और नागरिक अधिकारों की रक्षा हो। इसके अलावा, हर कोई स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में मतदान कर सके।

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता महासचिव स्टेफन दुजारिक गुरुवार को सवालों का जवाब दे रहे थे। उनसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी, कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते को फ्रीज करने के मद्देनजर आगामी आम चुनावों से पहले भारत में राजनीतिक अशांति पर सवाल किया गया था।संयुक्त राष्ट्र की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बांग्लादेशी पत्रकार ने भारत में आम चुनावों से पहले अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस के बैंक अकाउंट फ्रीज करने से जुड़ा सवाल पूछा था।

इससे पहले अमेरिका ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी की थी। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा था कि हम मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी पर निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रिया की उम्मीद करते हैं। अमेरिका की टिप्पणियों पर भारत ने विरोध दर्ज कराने के लिए एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक को तलब किया। नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास की कार्यवाहक उपप्रमुख ग्लोरिया बरबेना को भारत ने तलब किया था। लेकिन इसके बावजूद वाशिंगटन ने फिर दोहराया कि यह निष्पक्ष, पारदर्शी, समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करता है।

अमेरिकी राजनयिक को दिल्ली में तलब किए जाने पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, 'मैं किसी निजी राजनयिक बातचीत के बारे में बात नहीं करने जा रहा हूं। लेकिन निश्चित रूप से हमने सार्वजनिक रूप से जो कहा है, वही मैंने अभी यहां से कहा है, कि हम निष्पक्ष, पारदर्शी, समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं। हमें नहीं लगता कि किसी को इस पर आपत्ति होनी चाहिए और हम यही बात निजी तौर पर स्पष्ट कर देंगे।

खत्म होगा टोल प्लाजा और फास्ट टैग का झंझट, आ रहा है नया सिस्टम, सरकार ऐसे वसूलेगी टैक्स

#nitingadkariannouncesendoftolltaxcollectionat_highway 

बीते कुछ सालों में भारत सरकार ने तकनीक के क्षेत्र के काफी उन्नति की है। इसी क्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ी घोषणा की है। गडकरी के मुताबिक जल्द ही देश में नेशनल हाईवे पर टोल कलेक्शन के लिए सैटेलाइट बेस्ड सिस्टम को लॉन्च किया जाएगा। यानी सरकार जल्द ही टोल सिस्टल को खत्म करने का प्लान बना रही है। बता दें कि बीते साल दिसंबर महीने में ही सड़क परिवहन मंत्री ने एलान किया था कि एनएचएआई मार्च 2024 से हाईवे पर टोल कलेक्शन के नए सिस्टम को रोल आउट करेगी।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि टोल बैरियर्स को सैटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम से बदल दिया जाएगा, जो वाहनों से शुल्क काटने के लिए जीपीएस और कैमरे का उपयोग करेगा। गडकरी ने कहा है कि नया टोल कलेक्शन जल्द लागू हो सकता है। हालांकि अभी कोई डेडलाइन सामने नहीं आई है। वर्तमान में इसकी व्यवहार्यता का परीक्षण करने के लिए जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन का एक पायलट रन चल रहा है। 

ऐसे काम करेगा सिस्टम

नई टोल संग्रह प्रणाली सीधे उपयोगकर्ता के बैंक खाते से शुल्क काट लेगी। टोल की राशि इस बात पर निर्भर करेगी कि वाहन ने कितनी दूरी तय की है। ये सारी जानकारी जीपीएस के जरिए जुटाई जाएगी। वर्तमान में वाहन द्वारा तय की गई दूरी की परवाह किए बिना हर प्लाजा पर टोल शुल्क तय है।

सैटेलाइट बेस्ड टोल से क्या होगा फायदा?

टोल सिस्टम खत्म होने के बाद सबसे बड़ी सुविधा ये होगी कि आपको किसी भी हाल में कार को रोकना नहीं होगा, यानी टोल आने पर भी आप रफ्तार कम नहीं करेंगे और आगे बढ़ जाएंगे। इससे आपका टाइम बचेगा। इसका दूसरा सबसे बड़ा फायदा समय के साथ पेट्रोल-डीजल के खर्च में बचत है। आप लंबे सफर में ईंधन के खर्च में अच्छी खासी बचत कर पाएंगे।

जितनी दूरी उतना टोल

फास्टैग आधारित मौजूदा टोल सिस्टम में हाईवे का इस्तेमाल करने पर आपको कम दूरी के लिए भी पूरे टोल का भुगतान करना पड़ता है। हालांकि, सैटेलाइट टोल सिस्टम में आप जितनी दूरी तय करेंगे आपसे उतनी ही दूरी के लिए टोल जाएगा। यानी आप अतरिक्त टोल टैक्स के भुगतान से बच सकेंगे। हालांकि, सरकार कितनी दूरी के लिए कितना टोल टैक्स लगाएगी इसका खुलासा सैटेलाइट टोल सिस्टम के लागू होने के बाद होगा।

अभी कैसे वसूलते हैं टोल?

राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा वर्तमान में फास्टैग (आरएफआईडी तकनीक) के माध्यम से टोल शुल्क काटते हैं। इसे 15 फरवरी, 2021 से अनिवार्य टोल संग्रह प्रणाली के रूप में लागू किया गया था। आरएफआईडी-सक्षम बैरियर से लैस टोल प्लाजा पर टोल शुल्क काटा जाता है। बैरियर पर लगे कैमरे वाहनों की फास्टैग आईडी को पढ़ते हैं और पिछले टोल प्लाजा से दूरी के आधार पर शुल्क लेते हैं। टोल शुल्क का भुगतान भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को किया जाता है।

*पीएम मोदी से चर्चा के दौरान बिल गेट्स ने की भारत की डिजिटल सरकार की तारीफ, प्रधानमंत्री ने कहा-पूरा देश ने डिजिटल क्रांति को अपनाया*

#pm_modi_bill_gates_conversation  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स से अपने आवास पर मुलाकात की। दोनों ने फ्री-व्हीलिंग चैट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे मुद्दों पर चर्चा की।चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की लखपति दीदी योजना से लेकर स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र तक में बदलाव से बिल गेट्स को अवगत कराया। इस दौरान गेट्स ने भारत की डिजिटल सरकार की तारीफ भी की और पीएम मोदी को इस क्रांति के लिए बधाई दी। माइक्रोसॉफ्ट के संस्‍थापक बिल गेट्स ने कहा कि यह डिजिटल सरकार की तरह है। भारत न केवल तकनीक को अपना रहा है, बल्कि देश इस दिशा में लीड कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि इंडोनेशिया में जी20 शिखर सम्‍मेलन के वक्‍त दुनियाभर के प्रतिनिधियों ने देश में डिजिटल क्रांति के बारे में जानने के प्रति दिलचस्‍पी दिखाई थी। मैंन उस वक्‍त कहा था कि हमने तकनीक का लोकतांत्रिकरण किया, ताकि किसी का एकाधिकार न रहे। यह लोगों के द्वारा और लोगों के लिए है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि उन्‍होंने 2 लाख आरोग्‍य मंदिर बनाए. हेल्‍थ सेक्‍टर और अस्‍पतालों को तकनीक से जोड़ा। साथ ही हमारा लक्ष्‍य 3 करोड़ लखपति दीदी बनाना है। बिल गेट्स के साथ चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है। पूरा देश डिजिटल क्रांति को अपना चुका है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कोरोनाकाल में भारत में कोविन एप के जरिए लोग ऑनलाइन ही वैक्सिनेशन के लिए बुकिंग करते थे और खुद ही समय लेते थे। इससे डिजिटल क्षेत्र ने कोरोना के समय में लोगों का काम आसान कर दिया। प्रधानमंत्री ने बिल गेट्स से चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने नमो ड्रोन दीदी का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा, भारत में महिलाएं नई तकनीक अपनाने के लिए अधिक खुली हैं। मैंने नमो ड्रोन दीदी' योजना शुरू की है। यह बहुत सफलतापूर्वक चल रही है। उन्होंने कहा, गांव में महिला मतलब- भैंस चराना, गाय चराना, दूध निकालना। लेकिन ऐसा नहीं है। मैंने उनके हाथ में टेक्नोलॉजी (ड्रोन) दिया है।पीएम मोदी ने कहा, मैं इन दिनों उनसे बातचीत करता हूं, वे खुश होती हैं। उनका कहना है कि उन्हें साइकिल चलानी नहीं आती थी लेकिन अब वे पायलट हैं और ड्रोन उड़ा सकते हैं। मानसिकता बदल गई है।